indian sex story – | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Thu, 16 May 2019 11:40:27 +0000 en-GB hourly 1 /> टूशन टीचर को मैदान में चोद लिया – Tution Teacher Ko Maidan Me Chod Liya | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/tution-teacher-ko-maidan-me-chod-liya/ Thu, 16 May 2019 11:40:27 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5504 [...]]]> हेलो दोस्तों, मैं अनिल हूँ, उम्र २३ साल । बढ़ती जबानी के साथ मुझे चुदाई करने का बहत सूखे इसीलिए में otelsan.ru पे कहानी पढता हूँ । मुझे ज्यादा तर आंटी लोगों की चुदाई की कहानी बहत पसंद हे । ऐसे भी लड़किओं की चुदाई में तो दिलचस हे लेकिन आंटी से चोदने का मजा ही कुछ अलग हे । हार्बर मौका का तलाश में रहता हूँ किसी न किसी आंटी को पता के चोदने के लिए । ऐसे तो बहार चुत के अंदर दाल चूका हूँ अपनी लंड। फिर भी आज भी मैं तलाश करता हूँ और एक नयी आंटी । मैं सिगरेट पिता हूँ वो फिर घर से चुप के ज्यादा तर सुनसान जगाओं पे ।
दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है.. इसमें किसी भी तरह की गलती हो तो प्लीज मुझे माफ करें.. वैसे मुझे उम्मीद है कि यह मेरी आज की कहानी आप सभी को बहुत पसंद आएगी.. क्योंकि यह कहानी नहीं, मेरी एक सच्ची चुदाई की घटना है।

एक दिन मेरे छुपकर सिगरेट पीने से ऐसा ही कुछ हुआ.. उस रात को 9 बजे में सिगरेट लेकर एक ग्राउंड में चला गया। वो एक कॉलेज का ग्राउंड था और रात में वहाँ पर कोई भी नहीं आता जाता और वहाँ पर अंधेरा भी बहुत रहता है तो में वहाँ पर ग्राउंड के पास की कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग के पास जाकर बाहर खड़ा होकर सिगरेट पी रहा था और मैंने सिगरेट ख़त्म की और फिर जाने के लिये मुड़ा ही था कि तभी मुझे किसी के हंसने की आवाज़ सुनाई दी और मेरा दिमाग़ ठनका कि इस वक़्त यहाँ पर क्या हो रहा है.. शायद हो सकता है कि कुछ बाहर के लड़के जुआ खेल रहे होंगे लेकिन फिर किसी लड़की की भी हंसने की आवाज़ आई और मुझे समझते देर नहीं लगी कि यहाँ पर चुदाई का प्रोग्राम चल रहा है और में तुरंत दबे पैर उस तरफ बढ़ा तो मैंने वहाँ पर देखा कि दो लड़के मोबाईल की टॉर्च जलाकर एक लड़की के साथ थे और वो उस लड़की को नंगी कर चुके थे और वो एक दूसरे से बहस कर रहे थे कि लेटाकर कैसे होगा.. यहाँ पर बहुत कंकड़ है और यह बड़े घर की लड़की है बिस्तर पर लेटने वाली तो दूसरा बोला कि अरे तो क्या हुआ चुदवाते वक़्त कंकड़ बिस्तर से ज़्यादा मज़ा देगा और वैसे भी कौन सा यह पहली बार यहाँ पर चुद रही है।

फिर मैंने सोचा कि अगर में अभी बीच में गया तो गड़बड़ ना हो जाए या यह कोई हथियार लिए हुए तो में क्या करूंगा? और फिर में थोड़ी देर वहीं पर रुका रहा। फिर उन लड़को ने अपने अपने कपड़े उतार कर ज़मीन पर बिछाए और उस पर लड़की को लेटाया और उनमे से एक लड़का उसके ऊपर लेटकर चूमने, चाटने लगा और बूब्स को दबाने लगा तो दूसरा बोला कि साले यहाँ पर इतना रोमांस मत कर.. जल्दी से चोदना शुरू कर.. क्योंकि फिर इसको घर भी छोड़ना पड़ेगा और कोचिंग तो कब की ख़त्म हो गई है तो में समझ गया कि यह लड़के अपनी क्लास की किसी लड़की को फंसाकर कोचिंग से चोदने के लिए लाए है और मैंने सोचा कि मेरी आज की चुदाई का इंतज़ाम हो गया और वैसे में नई लड़कियों को नहीं चोदता.. क्योंकि उन्हे चुदाई का ज्यादा अनुभव नहीं होता और वो चुदने में बहुत नाटक भी करती है लेकिन जब मुझे बहुत दिनों से कोई चूत मिल ही नहीं रही थी तो भला में क्यों जाने देता.. फिर मैंने थोड़ा इंतजार किया और देखने लगा और उस लड़की की बातें सुनकर मुझे लग रहा था कि जैसे वो लड़की इस जगह पर इन लड़को के साथ कई बार चुदवा चुकी है और दूर से उनकी आवाज सुनकर लगता था कि वो लड़की उन लड़को से उम्र में बड़ी लग रही थी और उस लड़के ने जो उसके ऊपर लेटा हुआ था.. उसने चोदना शुरू कर दिया था और जबकी दूसरा खड़ा होकर अपना लंड हिला रहा था.. वो लड़की हाँ और ज़ोर से चोदो सालो और चोदो हाँ चोदो आह्ह्ह्ह उह्ह्ह तो दूसरा लड़का बोला कि हरामी जल्दी से चोद वरना मेरा निकल जाएगा.. उस लड़के ने जल्दी जल्दी चोदा और उठ गया और जब दूसरे ने अंदर लंड डाल दिया तो मैंने सोचा कि अब जाना सही है.. क्योंकि जो एक बार चोद चुका है वो तो थक गया होगा.. अगर लड़ाई की नौबत आई तो मुक़ाबला हो जाएगा। तो मैंने एकदम से दौड़कर उनके पास जाकर बोला क्यों यह क्या हो रहा है तो जो एक लड़का खड़ा था वो भाग गया और वो दूसरा लड़का और लड़की अपने आप को कपड़े से ढकने लगे और मैंने फिर से कहा कि यह यहाँ पर क्या हो रहा था और फिर वो दोनों कुछ नहीं बोले.. बस वो लड़का बोला कि मेडम कपड़े पहनकर भागो।

फिर मैंने कहा कि रूको मुझे कोई दिक्कत नहीं है और तुम लोग करो जो भी तुम्हे करना हो.. लेकिन मुझे भी एक बार हाथ धो लेने दो। तभी मेरी नज़र उस लड़की पर गई.. वो कोई 26-27 साल की लड़की थी और वो सलवार पहन चुकी थी तो मैंने उसका एक हाथ पकड़कर कहा क्यों कहाँ चली तो वो बोली कि छोड़ो मेरा हाथ.. मैंने कहा कि मेरे लंड में क्या काँटे लगे है? जो यह कह रही कि चलो.. अब मेरे भी नीचे आओ। तभी वो लड़का बोला कि मेडम मान जाओ प्लीज़.. तो मैंने पूछा कि यह कौन है तो वो लड़का बोला कि यह हमारी मेडम है और हमे कोचिंग पढ़ाती है और इतने में वो दूसरा लड़का भी आ गया तो मैंने कहा कि समझा इसे.. वरना में बताता हूँ और वैसे में उन लड़को से कदकाठी में बहुत मजबूत था तो मैंने कहा कि चलो अब जल्दी करो.. में बहुत देर से यह नाटक देख रहा हूँ और कोचिंग से यहाँ पर आकर तुम लोग यह सब करते हो.. क्यों तुम लोगों को देर हो रही है सालों.. तो वो लड़की बोली कि अच्छा ठीक है जल्दी से कर लो। फिर उन लड़को से मैंने कहा कि हरामियों भागो यहाँ से में मेडम को उनकी जगह पर छोड़ दूंगा.. वो मना करने लगे तो मैंने ज़ोर से कहा और उस लड़के ने अपने कपड़े लिए और वो दोनों वहाँ से भाग गए।

फिर उसके बाद मैंने मेडम को पकड़ा और मैंने जैसे ही उसको बाहों में भरकर उसकी गांड की तरफ हाथ ले गया तो मेरी ख़ुशी बढ़ गई.. वाह! उसकी गांड क्या चौड़ी थी। मैंने सलवार उतार दी और अंदर पेंटी तो थी नहीं.. क्योंकि उसने जल्दबाज़ी में नहीं पहनी थी और तुरंत पीछे से जाकर उसके कूल्हों को खोलकर गांड को किस किया और बोला कि मेडम तू तो मस्त गांड वाली है.. साली क्या एक से मन नहीं भरता तो दो दो लेती है। वो चुप खड़ी रही और फिर मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ डाली तो वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह आईईईईइ करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी। मैंने उसको बैठाया और कहा कि मेरी थोड़ी मदद करो.. दोनों मज़ा करते है। फिर वो बोली कि वो तो साले भाग गए और तुम तो चुदने ही आई थी। फिर मैंने उसके बूब्स को पूरी ताक़त से दबाया तो वो बोली कि थोड़ा आराम से करो ना दर्द हो रहा है.. मैंने कहा कि ठीक है और में बूब्स को सहलाने लगा और मैंने तब तक अपना लंड बाहर निकाल लिया था और मैंने उसे कहा कि इसे चूसो.. वो बिना कुछ कहे चूसने लगी लेकिन वो पक्की खिलाड़ी लग रही थी.. मैंने उसको पूछा कि क्यों कब से चुदवा रही हो तो उसने लंड को बाहर निकाल कर कहा कि बहुत दिन हो गए.. यह दोनों ट्यूशन पड़ने आते है और मेरे सेंटर पर मैंने एक को फसाया लेकिन उसके साथ मज़ा नहीं आता था और एक दिन यह अपने साथ इसको पकड़कर लाया और में तब जोश में थी और फिर मैंने दोनों से चुदाई करवानी शुरू की और में तब से दोनों के साथ चुदाई करती हूँ तो मैंने कहा कि बढ़िया करती हो और मैंने कहा कि यह मेरा लंड कैसा है तो वो बोली कि बहुत बड़ा है और उन दोनों के लंड तो इससे बहुत छोटे है तो मैंने कहा कि हाँ छोटे बच्चो से चुदवाओगी तो छोटे लंड ही मिलेगे। मैंने उसको हटाया और उसको मस्ती से चोदने के लिए उसके नंगे जिस्म को चूमने लगा.. वो बोली जल्दी करो ना काफ़ी देर हो गई तो मैंने कहा कि इतनी देर बकवास की.. पहले ही मान जाती तो अब तक घर में होती और मैंने उसको घुटनो के बल झुकाया और उसके कूल्हों में थपकी देने लगा और सहलाने लगा.. फिर लंड को थूक से लपेटा और उसकी गांड में लंड लगा दिया तो वो बोली कि आराम से करना तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है तो मैंने कहा कि उन कमीनों ने तेरी गांड भी मारी तो तुम चुप थी.. तो उसने कुछ जवाब नहीं दिया और में बस लंड को घुसाता गया और वो ज़ोर से चिल्लाई.. आह्ह्ह्हह प्लीज थोड़ा धीरे करो। तो मैंने कहा कि वाह! बहुत टाईट है साली यह और लो.. मैंने और अंदर डाला तो वो आगे की तरफ होने लगी और मैंने उसके कंधों को पकड़कर पीछे खींचा और एक धक्का मारा.. मेरा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो अह्ह्ह्ह नहीं आहहआ उह्ह्ह नहीं में मर जाउंगी।

फिर मैंने कहा कि तुम नहीं मरोगी.. तुम्हारी गांड मरेगी और मैंने लंड को थोड़ा बाहर खींचकर फिर से धक्का मारा तो वो फिर से चीखी.. अह्ह्ह माँ बचाओ औऊउ और वो रोने सी लगी.. लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था और मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और वो जब थोड़ी ठीक हुई तो मैंने फिर से लंड को अंदर डाल दिया और इस बार में रुका नहीं और पूरा लंड उसकी गांड में डालकर चोदने लगा.. वो आअहहअहह अहहा सईईईई आई माँ मर गई और में उसकी गांड के मज़े ले रहा था और उसकी कमर को पकड़ लिया और चोदने लगा.. छप छप की आवाज़ आ रही थी और में थोड़ा आगे उसकी पीठ पर आया तो उसके लटकते बूब्स को थामकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और मैंने कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारने में बहुत मज़ा आ रहा है तो वो बोली कि लेकिन मेरी तो जान निकल रही है और मैंने करीब 7-8 मिनट तक उसकी गांड को रगड़कर चोदा और फिर लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत में डाला तो वो बहुत आसानी से फिसलता हुआ अंदर चला गया और मैंने भी पहली ही बार में पूरा ही लंड अंदर घुसा दिया और उसकी चुदाई करने लगा.. वो अह्ह्ह्हह अहहहहहा उह्ह्ह्ह माँ मरी करने लगी.. तो मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आ रहा है या नहीं तो वो बोली कि हाँ बड़ा मज़ा आ रहा है।

फिर मैंने कहा कि तो लो और चुद लो और यह कहकर मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकालकर फिर से ज़ोर का धक्का देकर अंदर डाल दिया तो वो चीख पड़ी और मैंने फिर से जल्दी जल्दी चोदा.. वो आह्ह्ह उंह्ह्ह्ह और करती रही और में उसे चोदता रहा लेकिन अब भी मेरा जोश ठंडा नहीं हो रहा था और फिर पता नहीं क्या हुआ कि में चोदते चोदते अपने दोनों पैरों में दर्द महसूस कर रहा था तो मैंने उससे कहा कि क्या तुम मुहं में लेकर चूसोगी तो वो बोली कि नहीं, थोड़ा और चोदो.. जल्दी करो। फिर में यह बात सुनकर और जल्दी तेज़ी से चोदने लगा.. उसका काम हो गया और वो ढीली पड़ने लगी.. लेकिन में तो जोश में था तो में दर्द सह गया और चुदाई में लगा रहा। मुझसे अब दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा तो मैंने और लंबे लंबे धक्के दिए और वो आह्ह्ह अहह सिसकियाँ लेने लगी तो मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके सामने खड़ा हो गया और कहा कि चूसो जल्दी वरना फिर से तुम्हारी गांड में डालना पड़ेगा.. तो वो लंड मुहं में लेकर चूसने लगी और कुछ ही पलों में मुझे अहसास हो गया कि मेरा माल आने वाला है और मेरे मुहं से भी सईईइईई आह्ह्ह निकलने लगा और मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने उसका मुहं पकड़ा और ज़ोर से अपना लंड उसके मुहं में अंदर तक डालकर पूरा वीर्य मुहं में ही गिरा दिया और मैंने भी तब तक लंड नहीं निकाला.. जब तक एक एक बूँद उसके गले से ना उतर गया। फिर वो खांसने लगी और उल्टी सी करने लगी.. मैंने उसकी पीठ सहलाई तो वो थोड़ी ठीक हुई उसने अपने कपड़े पहने और मैंने भी अपने कपड़े ठीक किए और वो जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया तो वो बोली कि अब क्या है.. प्लीज़ मुझे जाने दो मेरी हालत बहुत खराब है और फिर मैंने उसकी मोटी गांड को पकड़कर अपनी और खींचा और कहा कि नाम क्या है.. बताती तो जाओ तो वो बोली कि सपना.. मैंने कहा कि अब कब मिलोगी तो वो बोली कि हर शनिवार को में एक्सट्रा क्लास लगाने के बहाने से एक घंटे के लिए यहाँ पर आती हूँ.. तुम भी आ जाना तो मैंने कहा कि और अगर ना आई तो वो बोली कि तुम अपना मोबाईल नंबर दो और मैंने उसको अपना नंबर दे दिया और उसका ले लिया और में उसके ही साथ सड़क पर चलते चलते बातें करते करते आ गया.. वो पास के ही मोहल्ले में कोचिंग चलाती थी। फिर मैंने एक ऑटो रुकवाया और उसमें हम दोनों बैठकर आए.. मैंने उसको घर के पास उतारकर खुद वही ग्राउंड तक वापस गया। फिर वहीं पर रोड के किनारे खड़ी अपनी बाईक को लेकर घर आया.. रात को एक बजे मैंने उसको कॉल लगाकर सॉरी बोला.. फिर हम लोगो की बातें होने लगी और उसके बाद से हम लोग उस जगह की तरफ ना जाकर उसकी कोचिंग के कमरे में ही मिलने लगे और में उसको मस्त चोदता हूँ और वो भी अब बहुत खुलकर चुदवाती है ।।

धन्यवाद …

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तड़पती हुई जबानी भरी जिस्म के साथ चुदाई की मजा – Tadapti Hui Jabani Bhari Jism Ke Saath Chudai Ki Maja | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/tadapti-hui-jabani-bhari-jism-ke-saath-chudai-ki-maja/ Wed, 15 May 2019 15:12:49 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5493 [...]]]> सभी पाठक और पाठिका कोण मेरे नमस्कार आप सब otelsan.ru पर मेरे ये कहानी आज पढ़ रहे हैं तो मुझे बहत ाचा लगता हे । उम्मीद हे मेरे ये कहानी आपको मजा देगी और आप सब खुसी खुसी मस्ती करेंगे । मेरा नाम सुभम हे । मैं इंजीनियरिंग की हुई हूँ । अब मुंबई में रहके एक कंपनी पे नौकरी कर रही हूँ । कंपनी की बजे से मुझे बहत बार टूर में जाना पड़ता हे । इसी कहानी की नायिका हे श्रेया जिसकी ुअंर ३७ साल और उसकी एक बेटी भी हे ।
श्रेया के पति एक बैंक में जनरल मैनेजर है और श्रेया उन दिनों वशी में रहती थी जो कि नई मुंबई में ही आता है। श्रेया की शादी को 15 साल हो गये थे और उनके पति हमेशा अपने ऑफिस के काम में ही व्यस्त रहते थे, जिसकी वजह से उनकी लाईफ से सेक्स बिल्कुल खत्म हो गया था और श्रेया के पति को सेक्स में अब बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रही थी।

फिर दूसरी तरफ श्रेया का बहुत मन करता था कि वो अपने पति के साथ सेक्स करे। वैसे श्रेया एक संस्कारी औरत थी और उसने आज तक कभी भी अपने पति के अलावा किसी के साथ कभी सेक्स नहीं किया था, लेकिन उनको अब सेक्स कहानी पड़ने की आदत लग गई थी, जिसकी वजह से वो अब बहुत सेक्स कहानियाँ पड़ती थी और उनके अंदर एक प्यास थी और जो बुझाए नहीं बुझती थी और उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो कभी किसी के साथ अफेयर करेगी। उनके पति थे जो कभी सेक्स के लिए तैयार ही नहीं होते थे। सेक्स तो दूर की बात थी वो एक दूसरे को आपस में किस तक नहीं करते थे और यह सभी बातें श्रेया ने मुझे यह बात चेट पर बताई थी। श्रेया को रात भर सेक्स कहानी पढ़ने की एक आदत लग गई थी तो उनको अब कहानियाँ पढ़े बिना नींद भी नहीं आती थी और उनका पूरा बदन जलता रहता था और वो अधिकतर समय सुबह 3 बजे सोती थी और उन्हें 6 बजे अपनी बेटी को स्कूल भेजने के लिए सुबह मजबूरी में जल्दी उठाना पड़ता था। ऐसे हर रोज उठने की वजह से श्रेया को हाई बीपी की परेशानी हो गई और जिस दिन श्रेया को इस बात का पता चला तो उस दिन से उसे अपनी दिनचर्या को ठीक करने का ख्याल आया और उसने निर्णय किया कि अब वो अपनी प्यास को कंट्रोल करेगी, लेकिन वो उस काम में पूरी तरह से असफल थी और अपनी परेशानी के बारे में वो किसी से बात भी नहीं कर पा रही थी। फिर उसने आखिरकार समझ लिया कि सेक्स की भूख इंसान की एक प्राक्रतिक प्रवती है और इसे कंट्रोल कर पाना नामुमकिन है। अब उसने निर्णय किया कि वो किसी और के साथ शारीरिक संबंध बनाएगी, क्योंकि सेक्स की तड़प अब उसके शरीर को भी धीरे धीरे खराब कर रही थी, लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि वो किस के साथ संबंध बनाए और उसको अपनी बदनामी का बहुत डर था और उस काम की वजह से उसकी ज़िंदगी बर्बाद हो जाती और फिर उसने फेसबुक पर मुझसे बहुत चेटिंग की और मेंने अपने बारे में उसे बताया और उसने यह सारी जानकारी मुझे चेट पर ही बताई। हम दिन में दो तीन घंटे आपस में चेट करते रहते थे, मुझे उनका स्वभाव भी बहुत अच्छा लगा। फिर करीब एक, दो सप्ताह तक चेट करने के बाद हम दोनों को एक दूसरे पर पूरी तरह से विश्वास हो गया। अब हम एक दूसरे के पास अपने फोटो भी भेजने लगे और वो फोटो देखकर उनको और मुझे पता चल गया कि हम दोनों एकदम अच्छे लोग है और फिर जैसे कि मैंने आपको बताया कि हम दोनों ही नई मुंबई में रहते थे।

फिर एक दिन हम दोनों ने आखिरकार निर्णय कर लिया कि हम अब एक दूसरे से मिलेंगे। दोस्तों में सबसे पहले आप सभी को श्रेया के बारे में बताता हूँ। वो बहुत ही सुंदर महिला थी और उनकी हाईट 5 फिट 5 इंच थी, उनका फिगर 36-34-38 था और बूब्स दिखने में बहुत बड़े थे, लेकिन थोड़ा नीचे की तरफ झुके हुए थे, उनका रंग एकदम गोरा था और उनके होंठ एकदम हल्के गुलाबी कलर के थे, गांड बहुत बड़ी थी और थोड़ा बड़ा आकार होने की वजह से बाहर की तरफ आ रही थी, लेकिन उनका एक कातिलाना फिगर था। अब में अपने बारे में बताता हूँ। में 5 फिट 9 इंच लंबा हूँ, अच्छा बदन और मैंने श्रेया से मिलने से पहले सिर्फ़ एक ही बार सेक्स किया था। फिर श्रेया ने मुझसे अपना टाईम लिया और मुझे बुलाया और फिर मेरे बहुत कहने पर आखिरकार वो मेरे साथ सेक्स करने को मान गई, उसका मुझसे सबसे बड़ा वादा यह था कि में कभी भी उसके साथ धोखा ना करूं और किसी को भी कभी कुछ नहीं बताऊँ और में उसके पीछे जबरदस्ती ना पडूं और मुझसे चेट करते करते उसने भी अब समझ लिया कि मेरे लिए भी उसकी और अपनी इज़्ज़त बहुत महत्वपूर्ण थी और उस बदनामी से मेरे ऑफिस में मेरी बहुत बेईज़्ज़ती हो जाएगी।

फिर में भी उसकी सभी बातों को अब पूरी तरह से मान गया था कि श्रेया एक सीधी साधी लेडी है और जिसकी बहुत इज्जत है और हमने चेटिंग पर अपने मोबाईल नंबर्स भी एक दूसरे को दे दिए थे और हमने फिर फोन पर बहुत सारी बातें भी की और करीब तीन सप्ताह तक ऐसे ही बात करने के बाद हमने अब मिलने का निर्णय ले लिया था और अब हम एक दूसरे पर पूरा पूरा विश्वास भी करने लगे थे, हमारी मिलने की जगह का निर्णय भी श्रेया ने ही किया। फिर कुछ दूरी पर स्टेशन के पास एक रेस्टोरेंट में उन्होंने मुझसे मिलने को कहा और में एकदम ठीक टाईम पर वहाँ पर पहुंच गया और अब में वहां पर उनका इंतजार करने लगा और करीब 15-20 मिनट के बाद श्रेया वहाँ पर आ गई। उसने एक काली कलर की साड़ी पहने हुई थी बाल एकदम खुले करे हुए थे और थोड़ा मेकअप किया हुआ था, वो साड़ी थोड़ी सी जालीदार थी और जिसकी वजह से उनके बूब्स अलग ही बड़े आकर के लग रहे थे, लेकिन थोड़ी सी भी छाती नहीं दिख रही थी और दूर से देखते ही हमने एक दूसरे को पहचान लिया, क्योंकि हमारे मिलने से पहले हमने एक दूसरे के फोटो बहुत बार देख लिए थे। अब हम दोनों पहली बार किसी से ऐसे मिल रहे थे, वो बार बार मुझे देखकर स्माईल कर रही थी। अब उसने मुझसे कहा कि तुम तो बहुत अच्छे दिखते हो और तुमने अपनी बॉडी भी बहुत अच्छी बना रखी है। फिर मुझे उनकी यह बात सुनकर बहुत खुशी हुई और फिर मैंने भी उन्हें सबसे पहले धन्यवाद कहा और उसके बाद कहा कि आप भी बहुत हॉट लग रही हो। हमने करीब 30 मिनट आपस में गप्पे मारे और साथ में लंच किया।

अब हम एक दूसरे से बातें करते हुए आपस में बहुत खुलकर बातें करने लगे थे और अब कुछ देर बातें, हंसी मजाक करने के बाद तुरंत श्रेया ने मुझसे कहा कि अब हम जल्दी से सेक्स का प्रोग्राम बनाते है, तुम इस काम के लिए कोई सही जगह बताओ? फिर मैंने बोला कि मेरे घर से सुरक्षित कोई जगह नहीं है और में 7th मंजिल पर एक बड़े फ्लेट में अकेला ही रहता हूँ, जिसकी वजह से हमे कोई भी कुछ नहीं कहने वाला, लेकिन उसे थोड़ा डर महसूस हो रहा था और वो बोल रही थी कि यार हम पहली बार कोई होटल में चलते है। फिर मैंने उससे कहा कि उसमें भी तो बहुत रिस्क है और वहां पर हमे बाहर के सभी लोग देख सकते है और अब मैंने उससे बोला कि क्या आपके पास कोई और जगह है तो वो बताओ? फिर उन्होंने बोला कि उनके घर पर तो करना बहुत मुश्किल है और किसी पड़ोसी ने देख लिया तो क़यामत आ जाएगी और उन्होंने आखिरकार बोला कि ठीक है तुम्हारा घर ही सुरक्षित रहेगा और उन्होंने मुझसे बोला कि देखो में तुम पर अपने से भी ज्यादा विश्वास कर रही हूँ प्लीज तुम मेरे विश्वास को मत तोड़ना। फिर मैंने उनसे वादा किया कि में कभी भी आपके विश्वास को नहीं तोड़ूँगा और इतनी बात करके कुछ देर बाद हम दोनों वहां से अपने अपने घर की तरफ चले गए।

फिर अगले सप्ताह सोमवार का दिन हमने सेक्स करने के लिए तय किया। उस पूरे सप्ताह से बहुत जोश में था और श्रेया के ख्याल को सोच सोचकर मेरा 6.5 इंच का लंड बार बार खड़ा हो जाता था और में हर बार सोचता कि उसके साथ में यह करूँगा वो करूँगा और सोमवार के दिन मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली। फिर मैंने अपने ऑफिस में अपनी बीमारी का झूठा बहाना बना दिया और वैसे भी मेरे पास बहुत छुट्टी पड़ी हुई थी। फिर करीब 10:30 बजे श्रेया मेरी बिल्डिंग में आ गई। में 7th मंजिल पर रहता हूँ और उसने बिल्कुल नीचे पहुंचकर मुझे कॉल कर दिया और मैंने तुरंत बाहर की तरफ देखा कि कोई मेरी मंजिल पर बाहर खड़ा तो नहीं है तो मैंने देखा कि बाहर कोई भी नहीं खड़ा था और अब मैंने श्रेया से बोला कि तुम जल्दी से ऊपर आ जाओ। दोस्तों में तो उस दिन मन ही मन बहुत अच्छा महसूस कर रहा था और मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था। मैंने अपने घर का दरवाज़ा खुला रखा तो श्रेया चुपचाप अंदर आ गई और मुझे देखकर उसने हाए कहा और मैंने जाकर दरवाज़ा बंद किया। दोस्तों वो आज चेहरे से बिल्कुल भी परेशान नहीं लग रही थी। फिर मैंने पास जाकर उसे हग किया। दोस्तों आज मेरे अंदर ग़जब का आत्मविश्वास था और उसके मुलायम बूब्स मेरे सीने पर दब गये। आज उसने लाल रंग का सूट पहना हुआ था और उस पर सफेद रंग की एक जालीदार चुन्नी थी। अब श्रेया ने मुझसे बोला कि मुझे अपना घर दिखाओ तो श्रेया मेरे पूरे घर को बहुत ध्यान से देख कर रही थी। फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोल रही थी कि में देख रही हूँ कि तुमने कहीं कोई कैमरा तो नहीं छुपाया है जिससे मेरी ब्लूफिल्म ना बन जाए। फिर मुझे उसकी इस बात पर बहुत हंसी आई। फिर मैंने कहा कि हाँ अच्छी तरह से देख लो और अपनी सहूलियत कर लो। फिर उसने कुछ देर देखकर वो मुझसे बोला कि सब ठीक है तुम वाकई में बहुत शरीफ लड़के हो। फिर मैंने उससे बोला कि मैंने आपको अपनी इंजिनियरिंग की डिग्री तक दिखा दी। फिर भी आप मुझ पर इतना शक करती हो।

फिर उसने मुझसे कहा कि प्लीज मुझे माफ़ कर दो और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि लो आज से में तुम्हारी हुई और फिर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया। दोस्तों उसके जिस्म से बहुत ही प्यारी खुशबू आ रही थी और उसके बूब्स मेरी छाती पर छू रहे थे। फिर मैंने उसके गाल पर एक किस किया और मैंने महसूस किया कि उसकी साँसे अब धीरे धीरे तेज़ हो रही थी। फिर धीरे धीरे हमने एक दूसरे के होठों से होंठ मिला लिए और मैंने अपनी जीभ को उसके मुहं की तरफ बड़ाई तो उसने भी अपना मुहं खोलते हुए उसे अंदर ले लिया और अपनी जीभ से मिलाने लगी और जिसकी वजह से हमारा सलाइवा एक दूसरे से मिल रहा था और हमने एक दूसरे के साथ बहुत देर तक जीभ से जीभ मिलाई और कुछ देर बाद उसने मुझसे बोला कि में एक बहुत अच्छा किसर हूँ और वो बोल रही थी कि उनके पति के दांत थोड़े खराब है तो उनको किस करना उन्हें पसंद नहीं है, लेकिन मेरे साथ उनको बहुत मज़ा आ रहा है और उन्होंने मुझसे बोला कि तुम अब बिल्कुल भी शरमाओ मत और मेरे बूब्स पर अपने हाथ रखो और इन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाओ, मसलो।

अब में उन्हें किस करते करते उनके बूब्स को मसल रहा था और मुझे यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था, उनके बूब्स बहुत ही मुलायम थे और करीब 20-25 मिनट तक हमने एक दूसरे को किस किया और जीभ से जीभ मिलाई और बूब्स दबाए, जिसकी वजह से अब मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो चुका था। फिर मैंने तुरंत उन्हें बोला कि चलो हम बेडरूम में चलते है, वहाँ पर ए.सी. भी लगा हुआ है। फिर बेडरूम में पहुंचकर वो एक बार फिर से कैमरा ढूंढने लगी तो मैंने बोला कि हाँ कर लो चेक तो उन्होंने फिर से मुझे माफ़ कर दो बोला और मेरे पास आकर फिर एक किस मुझे दिया और उनके किस करने के अंदाज़ से ही पता चल रहा था कि कितनी प्यास उन्होंने कई सालों से दबाई हुई थी? अब उन्होंने मेरी टी-शर्ट को उतारा और फिर बनियान को भी उतारा। मैंने उनका कुर्ता निकाला और फिर उनके पजामा को उनके शरीर से अलग किया और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी, लेकिन वो दिखने में एक अप्सरा से कम नहीं थी। मैंने तुरंत उनकी गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी को अलग कर दिया, उन्होंने भी मेरा लोवर उतार दिया और मेरी अंडरवियर को भी उतार दिया और में तो उनके बूब्स पर टूट पड़ा। उनके निप्पल एकदम अच्छे आकार के थे और वो हल्के गुलाबी कलर के थे, में तो उन्हें अब लगातार चूसने लगा और मैंने बोला कि श्रेया मुझे तुम्हारा दूध पीना है। फिर श्रेया मेरी यह बात सुनकर हंसने लगी और वो मुझसे बोली कि हाँ पी लो, तुम भी आज से मेरे पति हो और यह सब तुम्हारे लिए ही है चूसो और ज़ोर से चूसो। फिर मैंने उनके बूब्स को करीब पांच दस मिनट तक बहुत ज़ोर से चूसे। वो सेक्स की देवी की तरह सुंदर लग रही थी। मैंने उनकी बगले भी सूँघी जिसकी एकदम मादक मदहोश करने वाली खुशबू थी। फिर मैंने उनकी चूत जो कि बिल्कुल साफ थी और उसमें दो उंगलियाँ डाली तो वो बहुत ही सुंदर लग रही थी, मेरा तो उसे चाटने का मन कर रहा था और उनकी चूत को खाने का बहुत मन कर रहा था, लेकिन श्रेया ने एक शर्त रखी थी कि हम पहली बार सेक्स में ओरल सेक्स नहीं करेंगे।

वैसे मेरा लंड देखकर श्रेया से भी अब रहा नहीं जा रहा था और वो बार बार उसे अपने हाथ में लेकर हिला रही थी और कह रही थी कि वाह कितना बड़ा है, उसके पति का तो सिर्फ़ पांच इंच का ही है और वो बोल रही थी कि प्लीज तुम इसे थोड़ा धीरे धीरे मेरे अंदर डालना वरना मुझे इसको अपने अंदर लेने में बहुत दर्द होगा। फिर मैंने बोला कि हाँ ठीक है। फिर उसने मुझसे पूछा कि कंडोम साथ में लाए हो ना लगा लो और मुझे अपना बना लो और आज मुझे बहुत जमकर चोदो, आज तुम मेरी प्यास बुझा दो, में आज से तुम्हारी बीवी हूँ। फिर मैंने तुरंत कंडोम का पेकेट निकाला और अपने लंड पर चड़ा दिया तो श्रेया ने बोला कि लगा लिया क्या? प्लीज अब ज्यादा देर मत करो और जल्दी से चोदो मुझे। दोस्तों मैंने महसूस किया कि वो बहुत बैचेन हो रही थी और में भी अब उस पर टूट पड़ा और मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट थी, जिसकी वजह से में एक झटके में सिर्फ़ थोड़ा सा ही लंड घुसा पाया, लेकिन अब उसको थोड़ा थोड़ा दर्द भी हो रहा था। फिर उसने मुझसे कहा कि मेरे राजा प्लीज थोड़ा आहिस्ता आहिस्ता करो, लेकिन मुझे भी समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? अब मैंने दबाव बनाते हुए पूरा का पूरा अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत ज़ोर लगाना पड़ा और वो थोड़ा दर्द की वजह से चिल्लाने लगी और बोली कि कमीने तूने आज मेरी चूत को फाड़ दिया, आआआहह आईईईईईइ बना ले मुझे अपनी बीवी, हाँ तू ही मेरा पति है और में तेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ। दोस्तों में भी अब यह सभी बातें सुनकर बहुत जोश में आ गया। फिर मैंने तुरंत अपने धक्कों की स्पीड को अब और भी तेज़ कर दिया था और अब बहुत तेज़ी से उनकी चूत की चुदाई चल रही थी और मुझे बहुत मज़े आ रहे थे, लेकिन अब भी बिल्कुल विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनको सेक्स करने का इतना मस्त अनुभव होगा और अब में बीच बीच में उनके बूब्स भी मसल रहा था और बारी बारी से एक एक करके चूस भी रहा था और उन्हें किस भी कर रहा था और में अब अपनी एक स्पीड से चुदाई कर रहा था, ताकि में जोश में आकर जल्दी ना झड़ जाऊँ और जब में थोड़ा ठंडा होता तो में अपनी स्पीड को बड़ा देता। मैंने करीब दस मिनट तक लगातार धक्के लगाए और इस बीच श्रेया एक बार झड़ चुकी थी और दूसरी बार झड़ने वाली थी तो वो अपने हाथ मेरे बालों पर घुमा रही थी और अब उसने मेरी पीठ को कसकर पकड़ लिया और अब में भी चरम सीमा पर था। इस बार मैंने अपनी स्पीड को और भी तेज़ कर दिया और उसको मदहोश कर दिया, श्रेया का भी पानी निकल गया और में उसके ऊपर ही लेट गया। हम दोनों की साँसे बहुत ही तेज़ थी और उसकी आँखों से आंसू भी बाहर आ रहे थे। मैंने पूछा कि क्या हुआ जान?

फिर उसने मुझसे बोला कि में बहुत मजबूर थी यार जो मुझे एक दूसरा सेक्स संबंध बनाकर रखना पड़ रहा है, लेकिन इस तड़पते हुए जिस्म की भूख को मिटाने का सिर्फ एक ही रास्ता है और उसने मुझसे कहा कि तुम तो बहुत देर तक टिकते हो और फिर मेरे होठों से होंठ मिला लिए। फिर हम एक दूसरे की जीभ से जीभ मिला रहे थे और वो भी एक बहुत अच्छी किसर थी। करीब 15-20 मिनट के आराम के बाद हमने अपनी दूसरी चुदाई को शुरू किया और इस बार वो मुझ पर चढ़ गई और उछल उछलकर मेरे ऊपर सवारी करने लगी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो बार बार बोल रही थी कि अब से वो मेरी बीवी है और मुझसे वो बहुत चुदाएगी और अगली बार तो वो मेरा एक घंटे तक लंड चूसेगी। अब मुझे उसकी बातों से ही बहुत जोश आ जाता और में भी अब उसे बहुत तेज़ी से चोद रहा था। में करीब 15-20 मिनट बाद एक बार फिर से झड़ गया। फिर हम कुछ देर एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे। पूरे रूम में हमारे सेक्स की महक फेल गई थी। श्रेया मुझसे बोल रही थी कि में तुम पर पूरा विश्वास करती हूँ और अब हम जब भी मौका मिलेगा तब सेक्स करेंगे।

फिर मैंने बोला कि श्रेया तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, जब सुरक्षित रहेगा तभी हम लोग मिलेंगे और में तुम्हें कभी भी परेशान नहीं करूँगा, उसने मुझसे धन्यवाद कहा और एक बार फिर से हम एक दूसरे को किस करने लगे, हमने बहुत देर तक एक दूसरे का बहुत सलाइवा पिया। फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों बिस्तर से उठ गए और सीधा बाथरूम में चले गये और बाथरूम में हमने अपने आप को थोड़ा सा साफ करने के बाद श्रेया अपने कपड़े पहनने लगी, क्योंकि उसे 2:30 बजे से पहले अपने घर पर पहुंचना था, क्योंकि उस समय उसकी बेटी घर पर पहुंच जाती है तो वो जल्दी से तैयार हुई और मुझे एक टाईट हग और किस दिया और बाहर निकल गई।

दोस्तों मुझे तो बहुत ही मज़ा आया आज पहली बार श्रेया के साथ सेक्स करके मुझे उनके गदराए हुए बदन की बनावट भी बहुत अच्छी लगी और में उन पर पूरा विश्वास करता था। मैंने अपने आप से वादा किया था कि में कभी भी श्रेया के पीछे नहीं पड़ूँगा और कभी भी उन्हें परेशान नहीं होने दूँगा, वो जब तैयार होगी तभी हम सेक्स करेंगे। इसके कुछ दिन बाद हम फिर मिले तो श्रेया ने मुझे कुछ टेस्ट करवाने को कहा था और उसे देखने के बाद वो मेरे साथ ओरल सेक्स करने के लिए तैयार थी। फिर मैंने अपने सारे टेस्ट करवा दिए और वो रिपोर्ट उन्हें मैल भी कर दी थी तो वो खुश हो गई और अब वो कह रही थी कि अब तो वो मुझे बहुत ब्लो जॉब्स देगी और अपनी चूत भी मुझसे चटवाएगी और उसके अगले दिन ही हमने मिलने का प्लान बनाया और दूसरी बार हमने बहुत देर तक ओरल सेक्स किया। उस दिन में दो बार उनके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उस दिन वो पूरी तरह जोश में थी तो वो मुझसे कह रही थी कि मेरा लंड खा जाएगी। फिर मैंने भी उसकी चूत को बहुत देर तक चाटा और उसका पानी पिया, उसकी चूत दिखने में बहुत अच्छी, आकर्षक थी और उस दिन हमने सिर्फ़ एक ही बार सेक्स किया, मुझे आज भी याद है इस तरह श्रेया और मैंने 4-5 बार और सेक्स मीटिंग की। फिर दो महीने पहले उनके पति का दिल्ली तबादला हो गया, जिसकी वजह से उनको भी मजबूर होकर उनके साथ जाना पड़ा।

अब एक दो साल में मेरी भी शादी हो जाएगी, क्योंकि मेरे घर वाले भी मेरे लिए कोई अच्छी सी लड़की देख रहे है, लेकिन दोस्तों में आज भी श्रेया से कभी कभी चेटिंग करता हूँ, अब उसकी उतनी परेशानी नहीं रही, क्योंकि उसने अब अपनी इस परिस्थती में जीना सीख लिया और वो अपनी इस लाईफ स्टाईल में बहुत खुश है और उसे अब सही टाईम पर नींद आ जाती है और मेरे साथ बीते वो कुछ हसीन पल को याद करके वो अपनी चूत में ऊँगली करके अपने आप को शांत कर लेती है और वो मुझसे कहती है कि अभी तो उसका कोई और अफेयर करने का बिल्कुल भी मन नहीं है और वो अपने पति से प्यार भी बहुत करती है, लेकिन कुछ समय पहले उससे वो सब झेला नहीं जा रहा था, इसलिए उसे यह गलत कदम उठना पड़ा। उसने मुझसे बोला है कि दिल्ली मेरा आना हुआ तो हम मीटिंग कर सकते है। दोस्तों में भी अब श्रेया के साथ सेक्स करने का प्लान नहीं बनाना चाहता, क्योंकि अभी तक हम अपने गलत सम्बन्धो को गुप्त रखने में सफल रहे थे और आगे पकड़े जाकर हमे ज़िंदगी पूरी बर्बाद नहीं करनी थी और वैसे भी लालच एक बहुत बुरी बला है ।।

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कुछ प्यार और कुछ बदले से हुई चुदाई की एहसास – Kuch Pyar Aur Kuch Badle Se Hui Chudai Ki Ehesas | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/kuch-pyar-aur-kuch-badle-se-hui-chudai-ki-ehesas/ Tue, 14 May 2019 17:43:25 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5489 [...]]]> हेलो दोस्तों मैं नेहा हूँ । otelsan.ru पे आप सबको स्वागत करके ाजका मेरी ये कहानी सुरौ करने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सब अपने लंड चूत की अछि तरह से रगड़ना सुरु कर चुके होंगे । ये कहानी बहत मजेदार रहेगा । मैं अब ३२ शाल की महिला हूँ । आज से करीब ६ साल पहले मेने अपना पहला सेक्स की थी । मैं कालेज के समाया किसीके साथ सेक्स नहीं की थी न की कालेज के बाद । हमेशा से ये मन में था की पहली सेक्स मेरे होनेवाला पति के साथ सुहाग रात में करुँगी । पहली सेक्स सुहागरात में ही हुआ लेकिन पति के साथ नन्ही किसी और के साथ । ये हे इसी कहानी की कुछ अलग ही अंदाज तो पढ़िए और मजा लीजिये ।

मेरी शादी 6 साल पहले अमित से तय हुई और में बहुत खुश थी, अमित एक कंपनी में काम करते थे और काफ़ी अच्छी पोस्ट पर थे, लेकिन सब कुछ ठीक नहीं था। फिर सगाई हो जाने के 2 हफ्ते के बाद मुझे एक आदमी का फोन आया, उसने अपना नाम निखिल बताया और कहा कि अमित का और खुद का अच्छा चाहती हो तो कॉफी शॉप में मिलो। फिर मैंने सोचा कि किसी को बता दूँ, लेकिन पहले मैंने यह तय किया कि पता तो चले कि ये कौन है? में डरपोक इंसान नहीं और मिलना भी तो कॉफी शॉप में ही था और आख़िर बात शादी की थी, तो मैंने बिना डरे उससे मिलने के लिए हाँ बोल दिया। फिर में निखिल नाम के लड़के से मिली। वो मुझसे उम्र में बड़ा था, लेकिन वो चेहरे से ही नाराज़ इंसान लग रहा था। मैंने उससे पूछा कि आप कौन है और क्या बात है? फिर निखिल ने बताया कि वो अमित को जानता है और अमित उसके और उसकी पत्नी प्रिया के तलाक की वजह बना हुआ है। ख़ैर तलाक तो तय ही था, लेकिन निखिल चाहता था कि उसके दोनों बच्चे उसके पास ही रहे, वो उसकी पत्नी के पास नहीं रहे। इन सब में मेरे मन में ये डर सताने लगा कि अमित मुझे छोड़ ना दे या फिर बाद में कोई प्रोब्लम ना हो।

फिर मैंने निखिल से कहा कि में पता करुँगी और अगर अमित किसी और के साथ खुश है तो अच्छा होता कि वो मुझे बता देता तो निखिल ने मुझे बीच में ही रोका और कहा अमित मेरी बीवी से प्यार नहीं करता है, वो और मेरी बीवी मिलकर एक प्राइवेट कंपनी में स्कीम कर रहे है और इस वजह से उनका अफेयर था। फिर बाद में काफ़ी पैसा जमा करके मेरी बीवी ने एक अमीर लड़के को फँसा लिया है, अब वो अमित के साथ भी नहीं है। फिर मैंने निखिल से कहा जो भी है, लेकिन तुम क्या चाहते हो?

फिर निखिल ने कहा पहले तुम पता कर लो कि जो मैंने कहा वो सच है या नहीं और ये मेरी बीवी ने अमित के साथ प्राइवेट टाईम के फोटो संभाल कर रखे थे, जिनकी मैंने कॉपी बनवा ली थी, जिससे मुझे उससे अलग होने मे मदद मिले। तुम अमित से पूछ लेना और जो भी तय करो वो मुझे ज़रूर बताना, ठीक है और में 2 दिन के बाद फिर कॉल करूँगा। फिर वो चला गया और मैंने शाम को अमित को कॉल किया तो हमेशा की तरह वो फ्लर्ट और प्यार की ही बातें हुई। फिर मैंने उससे मिलने को बोला तो हम रात को मॉल में मिले। फिर मैंने अमित को बताया कि मुझे एक मैल मिला है, पता नहीं किसका है? लेकिन उसमें तुम्हारी और किसी और औरत की फोटो है। फिर मैंने वो फोटो अमित को दिखा दी। वो फोटो देखकर अमित थोड़ा हैरान हो गया। फिर उसने कहा ये प्रिया थी जो उसके साथ ऑफिस में थी और अमित ने बताया कि उसका उससे एक नॉर्मल अफेयर हो गया था। फिर मैंने ज़ोर देकर पूछा कि तुमने कंपनी में कोई ग़लत काम किया था? फिर अमित ने कहा आज कल कौन नहीं करता? बस इन सब से दूर एक बार हम ऑस्ट्रेलिया सेट्ल हो जाए। फिर अमित ने कहा सच कहता हूँ और वो अफेयर हो गया था, लेकिन सगाई के बाद मेरा किसी के साथ कोई रिश्ता नहीं है, तुम चाहो तो कॉल चेक कर लो या फिर मैल चेक कर लो, आख़िर में 28 साल का हूँ यार समझा करो, सेक्स ना किया हो ऐसा तो हो नहीं सकता है।

एक तरह से अमित सही था, उसने मुझे सगाई के वक्त भी बताया था कि उसके सम्बन्ध थे और कहा था कि अगर मेरे सम्बन्ध है तब भी उसे कोई प्रोब्लम नहीं थी, हम दोनों चाहते थे की शादी के बाद हमारे किसी और के रिश्ते बर्दाश्त नहीं होंगे। फिर 2 दिन के बाद निखिल का कॉल आया और हम फिर से मिले, मैंने कहा अमित ने मुझे सब बता दिया, लेकिन वो उसका गुजरा हुआ कल था और इतना कह कर में जाने लगी तो निखिल ने कहा कि वो गुजरा हुआ कल अभी ख़त्म नहीं हुआ और ना ही वो गुजरा हुआ कल ऐसा था जिसे में भूल सकूँ, मेरी पूरी फैमिली ख़त्म होने पर है। तो मैंने कहा कि मुझे दुख है, लेकिन में कुछ नहीं कर सकती।

फिर उसने कहा एक सी.डी को देख लो, तो मैंने निखिल से कहा कि अगर अमित और प्रिया की किसी मूवमेंट की सी.डी है तो मुझे नहीं देखनी, वो उसका गुजरा हुआ कल था। फिर निखिल ने कहा सी.डी तो अमित और प्रिया की ही है, लेकिन प्राइवेट मूवमेंट की नहीं, स्कीम की है, अब में चौक गयी। फिर मैंने देखा तो पाया कि अमित ने काफ़ी बड़ी रकम में घोटाला किया था। फिर मैंने गुस्से में निखिल से कहा कि तुम मुझे ब्लेकमैल नहीं कर सकते। तो निखिल ने कहा कि में ब्लेकमैल नहीं करता और ना ही चाहता हूँ, मुझे तो बस एक सौदा करना है। फिर मैंने निखिल से पूछा तुम क्या चाहते हो? तो निखिल ने कहा कि साफ बात है, ये बात मेरे क़ब्ज़े में है और अगर ये सी.डी प्राइवेट कंपनी के पास पहुँची तो उसकी जिंदगी तो ख़त्म समझो, क्योंकि प्राइवेट कंपनी कैसे भी करके वो पैसे निकलवा ही लेगी और वो जैल की हवा खिलाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

में चाहू तो उनके साथ भी डील कर सकता हूँ, लेकिन इससे मेरा बदला पूरा नहीं होगा, मुझे 2 बातें चाहिए, पहली ये कि अमित के साथ मेरी मारपीट हो चुकी थी और इस वजह से निखिल पर केस था, उसकी वजह से उसे बाहर का वीजा होने के बावजूद उसे जॉब नहीं मिल पा रही थी, तो वो केस हटवाओ और दूसरी बात शादी करने के बाद सुहागरात तुम मेरे साथ मनाओगी, तो में चौक गयी। फिर मैंने कहा तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो कि में मान जाउंगी? तो निखिल ने कहा कि मुझे पता है तुम्हारे पास और कोई रास्ता भी नहीं है। तेरी बड़ी बहन जो अपने ससुराल से वापस आई है, उसकी भी तो निखिल के घर में किसी बड़े इंसान से शादी हो रही है ना? तो शादी तो सिर्फ़ उसकी भी नहीं टूटेगी और वैसे तुम्हारी भी नहीं टूटेगी।

फिर मैंने निखिल से कहा कि तुम्हारे ऊपर से केस हट जायेगा और तुम्हें क्या चाहिए? मेरी ज़िंदगी क्यों दाव पर लगा रहे हो? तो निखिल ने कहा कि सही सवाल पूछा, तू खूबसूरत है, लेकिन बाज़ार में नई से लेकर पुरानी रंडीयों की कमी नहीं है, लेकिन अमित के वकील के कहने पर तलाक के केस में प्रिया ने मुझे नामर्द कहा था और लोग मुझ पर हँसते थे और 2 बच्चो के बाद भी मेरे बच्चे किसी और की औलाद की गालियाँ खा रहे थे। में जानता हूँ ये करके में सबका मुँह तो बंद नहीं कर सकता और मुझे परवाह भी नहीं है, मुझे तो बस इतना चाहिए कि कम से कम में जब शीशे में देखूं तो में खुद को नामर्द ना पाउँ और वो तभी होगा जब में बदला पूरा कर लूँ। मेरा वो बदला तब ही पूरा होगा, जब में अमित की बीवी यानी तुम्हें चोदूं और सुहागरात के दिन तुम्हारी चुदाई करूँ, तो मैंने कहा ये नामुमकिन है।

फिर निखिल ने कहा कि ऐसा नहीं है, मैंने पता किया था कि तुम मेडिकल प्रोफेशन से जुड़ी हो और मुझे पता है कि उसे कैसे सुलाना है बाकी बातें तो तुम सोच ही सकती हो और नहीं सोचा तो ख़ैर जैल में जब उससे मिलने जाओ तब सोच लेना और मुझसे डील करनी हो तो मुझे बताना, मुझे कुछ भी ज़ोर जबरदस्ती नहीं चाहिए और में कुछ ज्यादा नहीं माँग रहा हूँ। उसकी बातों से अब में परेशान थी, क्या करूँ कुछ पता नहीं चल रहा था? घर पर बात करने से कोई फ़ायदा नहीं था, लेकिन मैंने शादी को टालने की एक कोशिश भी की, जो नाकाम ही रही, लेकिन कुछ भी तय करने से पहले मुझे सिक्यूरिटी चाहिए थी, फिर मैंने निखिल को कॉल किया और हम उसी कॉफी शॉप में मिले।

फिर मैंने उससे पूछा कि क्या गारंटी है कि तुम मुझे बाद में परेशान नहीं करोंगे? तो उसने कहा कि तुम्हें मुझ पर भरोसा तो करना ही होगा। में यहाँ बैरोजगार बैठा हूँ क्योंकि मुझ पर केस है, अगर में कुछ और ऐसा करता हूँ तो तुम और तुम्हारा परिवार तो मुझे छोड़ेगा ही नहीं, हमने कॉल पर बात की है, और यहाँ इस कॉफी शॉप के सीसी टीवी कैमरे में हम दोनों आ गए है। तुम अगर मुझ पर केस कर दोगी तो में तो बच्चो से भी हाथ धो बैठूँगा और मेरा करियर भी ख़राब हो जायेगा, तो तुम्हें कुछ नहीं खोना सिवाय एक रात के। फिर मैंने बहुत सोचा और उस सौदे के लिए हाँ कह दी। फिर मैंने कुछ और पेपर इंश्योरेंस माँगे, जो वो देने को तैयार हो गया था। कुछ पेपर्स उसने 2 दिन में मुझे दे भी दिए। फिर मैंने अमित को केस वापस लेने के लिए ये कह कर राजी कर लिया कि हमें भी तो भविष्य में बाहर जाकर सेट होना है और वो मान भी गया। अब सुहागरात की बात जो मेरी सपनों की रात थी, मुझे उसी के बारे में सोचना पड़ रहा था और अच्छे भविष्य के लिए ग़लत काम करना पड़ रहा था। फिर मैंने अमित को एक टूरिस्ट आइसलेंड पर एक फाईव स्टार होटल में हनिमून के लिए राजी कर लिया।

फिर हमारी शादी हुई और अब हम उसी शाम को फ्लाइट पकड़कर हनिमून और सुहागरात के सुनहरे सपनों के साथ निकल आए, हालाँकि में जानती थी कि ये कोई सुहावना सपना नहीं है, ये मेरे लिये हमेशा का दर्द बनने वाला था। अमित को शराब की बहुत बुरी आदत थी और वो जल्दी से उस पर चढ़ जाती थी और आज यही आदत मेरे काम में आने वाली थी। फिर मैंने फ्लाईट में भी उसे शराब पीने से 2 बार से ज्यादा नहीं रोका। फिर जब हम होटल में गये, तब भी उसने शराब मंगवाई और मैंने उसी शराब में नींद की गोलियां मिला दी थी ताकि वो कम से कम 24 घंटे तक गहरी नींद में सोता रहे, जिससे कि हमारे आने वाले कल पर इस काली रात की कोई छाया ना रहे। अब अमित पहले नशे में और बाद में गहरी नींद में था, अब निखिल उसी शहर में था। फिर मेरे कॉल के बाद वो वहां आ गया।

ये फाईव स्टार होटल था, जिसमें 3 कमरे थे और एक बड़ा हॉल था। फिर मैंने दरवाजा खोला और निखिल अन्दर आ गया, अब अमित विंडोवाले कमरे में था तो मैंने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया और अब में डर रही थी, कि अब क्या होगा? अब निखिल पहले तो मुझे सारे बाकी के पेपर्स और सी.डी और सब कुछ देने को तैयार था और फिर निखिल ने कहा चलो अब मेरी दूसरी माँग पूरी करो। तो मैंने कहा हाँ तुम्हें जो करना हो कर लो, फिर निखिल ने कहा ऐसे नहीं मैंने कहा था ना सुहागरात को तुझको चोदना है, पता नहीं तू वर्जिन है या फिर पहले ही किसी का ले चुकी है, लेकिन आज की रात तो तुझे मेरी दुल्हन बनना पड़ेगा और तुम तो नाईट ड्रेस में हो, पहले शादी का जोड़ा पहनो, तभी सारे पेपर और सीडी मिलेगी। अब में अमित की दुल्हन को चोदना चाहता हूँ, उसकी बीवी को नहीं, तो अब मेरे पास कोई रास्ता नहीं था।

फिर मैंने शादी का जोड़ा पहना और सारे पेपर्स और सी.डी को लॉकर में रख दिया। अब हम उस सुहागरात वाले सजाए हुए कमरे में थे। फिर निखिल ने मुझे किस करना शुरू किया। मैंने पहली एक बार कॉलेज में ऐसा किया था और उसके बाद में कभी नहीं किया था, ये सच में बहुत अलग अनुभव था। अब निखिल बहुत जोश मे जीभ से स्मूच कर रहा था। फिर उसने मेरे पास खड़े होकर कहा कि मेरी पेंट उतारो, अब में थोड़ी सहमी हुई तो पहले से थी। फिर निखिल ने कहा अब कोई और नखरे मत करो दुल्हन से रंडी बनाकर चोदना है। फिर मैंने उसकी पेंट उतारी, उसने अन्दर बॉक्सर पहनी थी, तो मैंने उसे भी उतार दिया और मैंने पहली बार किसी मर्द के लंड को इतने पास से देखा था। में तो उसके काले नाग को देखकर ही डर गयी थी कि अभी इतना बड़ा है तो बाद में कितना बड़ा होगा। अब निखिल ने कहा कि अब शरमाओ मत, आज रात यही तुम्हारी कहानी लिखेगा, इसे अपने मुँह में लो और निखिल ने झट से उसे मेरे मुँह में डाल दिया।

मैंने मेरी लाईफ में पहली बार लंड को चूसा था, उसका काफ़ी बुरा स्वाद था। फिर वो मेरे होंठो पर किस करने लगा। अब में सांस भी नहीं ले पा रही थी, लेकिन उसे दया भी नहीं आ रही थी। अब मेरी आँखो से पानी निकल रहा था और अब निखिल का लंड तनकर 9 इंच का हो गया था, एकदम लम्बा मोटा 9 इंच का आयरन रोड, जिसे देखकर ही मुझे डर लगता था। अब निखिल मेरे मुँह को अपने मुँह में दबाकर चोद रहा था और मेरी आँखो में से आँसू निकल रहे थे, क्योंकि उस समय में सांस भी नहीं ले पा रही थी और उस वक़्त में शादी के जोड़े में ही थी। अब निखिल ने मेरे गहने उतार दिए, फिर मेरा लहंगा भी निकाल दिया और अब मेरा ब्लाउज भी उतार दिया, अब में ब्लाउज और ब्रा में थी। उस वक़्त लाईट भी चालू थी और निखिल भी नहीं चाहता था कि लाईट बंद करके ये सब हो, अब निखिल पूरा नंगा था और उसकी बॉडी बहुत कसी हुई और टाईट थी।

अब वो मुझे सहमा देखकर हंसने लगा और मुझे पलंग पर धक्का देकर गिरा दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़कर उसका 9 इंच का काला नाग मेरे मुँह में घुसा दिया। फिर काफ़ी देर तक मैंने उसके लंड को चूसा, अब वो मेरी ब्रा को फाड़कर खींचने की कोशिश करने लगा। मैंने कहा कि निखिल ऐसा मत करो, में अपने पति को क्या जवाब दूँगी? तो निखिल ने कहा ठीक है, लेकिन एक ही शर्त पर तुम रंडी की तरह चुदवाओ, इस तरह से सब कुछ मुझे ही करना है तो में जैसा चाहूँगा वैसा ही करूँगा। फिर मैंने पूछा लेकिन कैसे? तो निखिल ने मुझसे कहा कि बोलो में रंडी हूँ, मुझे तुम्हारा लंड चाहिए, मेरी प्यास बुझा दो, ऐसे ही कहो वरना में वही करूँगा और काटूंगा भी। अब मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था, तो मैंने पहले कभी ऐसा नहीं बोला था, लेकिन उस रात बहुत कुछ पहली बार ही हो रहा था, तो मैंने वैसा ही किया और कहा कि निखिल मुझे चोदो, में तुम्हारे लंड की प्यासी हूँ और मैंने खुद ब्रा निकाल दी और ब्लाउज भी और पेंटी भी निकाल दी।

अब निखिल तो जैसे खुशी के मारे पागल हो गया था और वो मेरे बूब्स पर टूट ही पड़ा और उन्हें ऐसे मसलने लगा, जैसे वो कई सालों का प्यासा था। फिर मुझे भी अच्छा लगने लगा था। अब मेरे बूब्स के निप्पल टाईट होने लगे थे, फिर निखिल ने कहा कि साली कुत्तिया आज में तेरी चूत को भोसड़ा बनाऊंगा, तेरे पति का लंड तेरी चूत की जगह भरने से कम पड़ जायेगा। अब वो मेरे पूरे बदन को चाटने लगा था और में भी उसका लंड बीच-बीच में चूस लेती थी। अब उसने मुझे सीधा लेटाया और मेरी चूत को चाटने लगा, अब में भी गर्म हो चुकी थी और मेरी चूत से पानी आने लगा था तो निखिल बोला कि साली तू तो पक्की रंडी बनेगी, अपनी चूत गीली कर ली है, एकदम मुलायम चूत है, कभी लंड नहीं लिया क्या? तो मैंने कहा नहीं कभी नहीं लिया। तो निखिल ख़ुशी से बोला क्या बात है? रानी अब देख में सिर्फ़ अमित की दुल्हन को ही नहीं चोद रहा हूँ, तुझे भी एक लड़की से औरत बना रहा हूँ। मेरे लंड को तू कभी नहीं भूलेगी और उसने उसका 9 इंच का सख्त लंड मेरी चूत के आस पास रगड़ना और पीटना शुरू कर दिया। अब वो बार बार अपने लंड को मेरी चूत पर रखता और रगड़कर वापस ले लेता।

अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था तो मैंने कहा कि चोदो मुझे निखिल, तड़पाओ मत, अगर असली मर्द हो तो चोदो मुझे और ये सुनकर निखल ने बिना कंडोम के ही सीधा उसका लंड मेरी चूत में डाल दिया ओहाआआआआआअहह मेरी तो चीख ही निकल गयी और चक्कर आ गये। अब मेरी आँखो के आगे अंधेरा छा गया था, फिर उसने सिर्फ़ एक ही शॉट में काफ़ी ज़ोर से उसका लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया, तो थोड़ा खून भी बहा, लेकिन वो मुझे जानवरों की तरह ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाते हुए चोदता रहा तो में रो पड़ी, लेकिन उस जानवर को कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था। फिर कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उसने मुझे वहां छोटी टेबल थी उस पर बैठाया और मेरी चूत में लंड डाल दिया ओहाआहह और फिर उसने मुझे उठा लिया और अब वो मुझे दिवार से चिपका कर खड़े खड़े ही चोद रहा था।

फिर निखिल बोला कि साली रंडी, छिनाल, मादरचोद, तेरी चूत पर मेरे लंड के निशान हमेशा रहेंगे, अब मेरा बदला पूरा हुआ साली रंडी, तू सच में कमाल की है, तेरा पति अब तेरी भोसड़ी चोदेगा, आज में तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा। अब उसने मुझे बेड पर उल्टा करके सुला दिया और उसका लंड मेरी गांड में डालने की कोशिश करने लगा, तो मैंने कहा नहीं निखिल, तो निखिल बीच में ही रुका और कहा कि में तेरे पति के लिए एक भी छेद वर्जिन नहीं छोड़ना चाहता हूँ। अब में कुछ बोल पाती उसके पहले ही उसने लंड दे दिया मईईईई में मर गयययययी, अब मेरा दर्द बर्दाश्त से बाहर था। अब वो मुझे काफ़ी देर तक चोदता रहा और बाद में सारा रस उसने मेरे मुँह में डाल दिया।

उस रात उसने मुझे 2 बार फिर से अलग-अलग तरह से चोदा। फिर वो सुबह निकल गया, लेकिन मेरे पति को होश नहीं आया, फिर मैंने अपने आपको संभाला और रूम सर्विस से डॉक्टर बुलाया और मैंने मेरे पति को जगाया। अब वो सोचते थे कि ये ज़्यादा पी लेने का असर था और में भी फूट फूट कर रो पड़ी और कहा तुम्हें पता है मुझे तुम्हारे कारण क्या महसूस हुआ? और वो भी सच मान गये और बार बार सॉरी कहने लगे। वैसे में सच में रो रही थी, लेकिन कारण वो नहीं था, जो मेरे पति समझते थे और उसके बाद निखिल ने कभी मुझसे सम्पर्क नहीं किया। फिर कुछ दिन पहले ही एयरपोर्ट पर मैंने निखिल को देखा, लेकिन में बिल्कुल नहीं डरी और ना ही मुँह फेरा, क्योंकि मैंने कुछ ग़लत नहीं किया था। लेकिन वो मुझसे नज़ारे चुरा रहा था और साफ था कि उसे भी पता है कि ग़लती किसकी थी, लेकिन अब में और मेरा परिवार सुरक्षित है और में अपने पति के साथ खुश भी हूँ ।।

धन्यवाद …

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ରାଜନୀତିର ରାଜ ରାସ୍ତାରେ ଭେଟି ଦେଇଦେଲି ଏଇ ଦେହ ଟା – Rajaneetira Raja Rastare Bheti Deideli Ei Deha Ta | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/rajaneetira-raja-rastare-bheti-deideli-ei-deha-ta/ Thu, 18 Apr 2019 06:32:11 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5346 [...]]]> ଓଡ଼ିଆ ଯୌନ କାହାଣୀ, ଓଡ଼ିଆ ସେକ୍ସ ଷ୍ଟୋରୀ, ବାଣ୍ଡ ବିଆ ର ଗପ, ଓଡ଼ିଆ ନାରୀର ଦୁଧ ବିଆ କଥା, ଗୋରୀ ର ଦୁଧ ରେ ବାଣ୍ଡ ପଶିଗଲା, ଓଡ଼ିଆ କାମ ସାହିତ୍ୟ, ଓଡ଼ିଆ କାମସୁତ୍ର, ଓଡ଼ିଆ ସେକ୍ସ ଗପ ସୁନିତା ଭାଉଜ

ଭାଉଜ ର ଓଡ଼ିଆ ସେକ୍ସ ଷ୍ଟୋରୀ ପାଠକ ଓ ପାଠିକା ମାନଙ୍କୁ ମୋର ଭଲପାଇବା ଦେଇ ସ୍ୱାଗତ କରୁଛି ମୋର କାହାଣୀ କୁ, ମୁଁ ରାନୀ, ବୟସ ୨୫ ବର୍ଷ ରଙ୍ଗ ବହୁତ ଗୋରା ୩୪-୩୦-୩୬ ର ଦେହକୁ ସବୁ ପୁରୁଷର ଲୋଭ ନୀଚୀତ ହେବ ଜେବ ପାଖରେ ପାଇବେ ଥରେ ହବାକୁ ନିଶ୍ଚେ ମାନେ କରିବେ | ମୋ ଗାଣ୍ଡି ଟିକେ ବଡ ସେଥିପାଇଁ ସମସ୍ତ ଙ୍କ ନଜର ମୋ ଆଗ ଆଉ ପଛ ଦୁଇଟା ଉପରେ ପଡେ ଆଉ ବାହାନା ନେଇ ଦିଅର ମାନେ ତା ମୋ ପଛରୁ ଆସି ଗାଣ୍ଡି ରେ ବାଣ୍ଡ ବଜେଇ ଦିଅନ୍ତି ଉପରେ ଉପରେ | ମୁଁ ବିବାହିତା, ମୋ ବାହାଘର ୬ ବର୍ଷ ହେଲାଣି | ରାଜ ଆଉ ମୁଁ ପ୍ରେମ ବିବାହ କରିଥିଲୁ | କଲେଜ ରେ ପ୍ରେମ ହେଲା ଆଉ ଆମେ ବିବାହର ନିଷ୍ପତି ନେଇଗଲୁ | ସେ ଏବେ ଜଣେ ପ୍ରତିଷ୍ଠିତ ରାଜନେତା | କଲେଜରେ ସେ ପ୍ରେସିଡେଣ୍ଟ ହେଇଥିଲେ, ସେଥିପାଇଁ ମୁଁ ଟାଣ ପ୍ରେମରେ ପଡ଼ିଗଲି ଆଉ ବାହାଘର ପରେ ଆମକୁ ଗୋଟେ ମଉକା ମିଳିଗଲା ଯଉଁଥିପାଇଁ ଆମ ଭାଗ୍ୟ ବଦଳିଗଲା ଆଉ ସେ କୁଜି ଯୁବ ନେତାରୁ ଏମ.ଏଲ.ଏ ହେଇପାରିଲେ |

ଆମ ପ୍ରେମ ବିବାହ ଯୋଗୁଁ ଆମକୁ କିଛି ଦିନ ବାହାରେ ରହିବାକୁ ପଡିଲା ପରେ ମୋ ଶାଶୁ ଘର ଲୋକେ ଆମକୁ ଡାକି ନେଇ ଘରେ ରଖିଲେ ସାଙ୍ଗକୁ ଆମର ନିୟମ ଅନୁଯାୟୀ ବିବାହ ହେଲା | ବିବାହ ରିସେପସନ ରାତିରେ ମୁଁ ପ୍ରଥମ ଥର ପାଇଁ ତାଙ୍କର ଅନେକ ବନ୍ଧୁଙ୍କ ସହ ମିସିଲି | ସମସ୍ତେ ରାଜ ଙ୍କ ତାରିଫ କରୁଥିଲେ | ଆଉ ମୋ ସୁନ୍ଦରତା କୁ ନେଇ ମଧ୍ୟ୍ୟ ତାରିଫ କରୁଥିଲେ, ସେ ଭିତରେ କିଛି କୁଜି ନେତା ମଧ୍ୟ୍ୟ ଥିଲେ ଆଉ ଏଠିକାର ସବୁଠୁ ଟାଣୁଆ ନେତା ଅଭି ବାବୁ ମଧ୍ୟ୍ୟ ଆସିଥିଲେ ଆମ ରିସେପସନ କୁ | ସେ ଆମ ସହ ଫୋଟୋ ନେଲେ ଆଉ ମୋ ସହ ଗୋଟେ ଫୋଟୋ ନେଲେ ଯାଉଥିରେ ମୁ ଆଉ ସେ | ତାପରେ ସେ ମୋତେ କହିଲେ ଭାଉଜ ତମେ ଭାରି ସୁନ୍ଦର, ଆମ ରାଜ ର ଭାଗ୍ୟ ତ ଚମକୀଲା, ଦେଖା ଏଥର ସେ ଏମ.ଏଲ.ଏ ହବ | ତମ ପରି ସୁନ୍ଦରୀ ଯାହାକୁ ମିଳିବ ସବୁ କିଛି ସମ୍ଭବ | ସେତେବେଳେ ତାଙ୍କ କଥା ଶୁଣି ମୁଁ ଖାଲି ହସି ଦେଉଥିଲି ଆଉ କିଛି ମୁଣ୍ଡକୁ ନେଇ ନଥିଲି | ଆଗରୁ ରାଜ ସହ ଅନେକ ଥର ସେକ୍ସ କରିଥିଲେ ବି ବାସନ ରାତି ଥିଲା ଆମର ନିଆରା | ରାଜ ଙ୍କ ପରିବାର ବହୁତ ଧନୀ ଆଉ ସେଥିପାଇଁ ତାଙ୍କ ସାଜସଯ ଆଡମ୍ବର ମଧ୍ୟ୍ୟ ଅଧିକ | ରାତି ସାରା କରି କରି ମୋର ହୋସ ଉଡେଇଦେଉଥିଲେ | ମୋ ବିଆ ରୁ ଏତେ ପାଣି ବାହାରି ଯାଇଥିଲା ଯେ ମୁ ଆଉ ସକାଳୁ ଉଠି ଅଂଟା ସିଧା କଲା ବେଳକୁ କଷ୍ଟ ହେଉଥିଲା ଚାଲିବ ତ ଛାଡ | ହେଲେ ନିଆୟମ ଅନୁଯାଇ ସବୁ କାମ ମୋତେ କରିବାକୁ ପଡିଲା | ସତରେ ସେ ରାତିରେ ଆମେ ଦୁହେଁ ଏତେ ମଜା କଲୁ ଯେ ରାତି ସାରା ଲଙ୍ଗଳା ଲଙ୍ଗୁଳୀ ହେଇ ବିଆ ବାଣ୍ଡର ଗରମ ଖେଳ ଖେଲିଚାଲିଥିଲୁ |

ମୁଁ ତାଙ୍କ ସହ ୬ ମାସ ଜୀବନ ବିତେଇବା ପରେ ଦିନେ ସେ ମୋ ପାଖକୁ ଖୁସି ହେଇ ଆସିଲେ ଆଉ କହିଲେ- ଆମ ଦୁହିଁଙ୍କୁ ଗୋଟେ ପାର୍ଟି କୁ ଯିବାକୁ ହେବ, ପାର୍ଟି ଅଭି ବାବୁ ଙ୍କ ଜନ୍ମ ଦିନର | ଅଭି ବାବୁ ଙ୍କ ଘରକୁ ଆମେ ଗଲୁ ସେଠି ତାଙ୍କର ଖାଲି ରାଜନେତା ମାନେ ଥିଲେ ଆଉ କିଛି ନେତ୍ରୀ | ରାଜ ମୋତେ କିଛି ନୂଆ ନେତା ନେତ୍ରୀ ଙ୍କ ସହ ପରିଚୟ କରେଇଦେଲେ ଆଉ ସମସ୍ତଙ୍କ ମୁଁହରୁ ମୋ ସୁନ୍ଦରତା କୁ ନେଇ ପ୍ରଶଂସା ଅନେକ ମିଳିଲା | ମୋତେ ସମସ୍ତଙ୍କ ସହ ମିଶି ଭଲ ଲାଗିଲା ହେଲେ ଟିକେ ସମୟ ଭିତରେ ବିଅର ପାର୍ଟି ଆରମ୍ଭ ହେଇଗଲା | ରାଜ ଦୁଇ ଗ୍ଲାସ ଆଣିଲେ ମୋତେ ଗୋଟେ ଦେଲେ ଆଉ ସେ ନିଜେ ପିଇଲେ | ଏମିତି ପିଆ ପି ଭିତରେ ସେଠିକି ଆସିଥିବା ନେତ୍ରୀ ବୋଲି ଜଉମାନଙ୍କୁ ମୁଁ ଭାବୁଥିଲି ସେମାନେ ଜଣେ ଜଣେ ପୁରୁଷଙ୍କ ସହ ନାଚିବା ଆରମ୍ଭ କଲେ | ଅଂଟାରେ ହାତ ରଖି ଆଉ ହାତରେ ମଦ ଗ୍ଲାସ ଧରି ପୁରୁଷ ମାନଙ୍କ ମସ୍ତି ଚଲିଥାଏ ଆଉ କିଛି ସମୟ ଭିତରେ ଆଉ କିଛି କଞ୍ଚା ଟୋକି ବି ସେଥିକୁ ଆସିଲେ ଆଉ ସମସ୍ତେ ଯେମିତି ଏମାନଙ୍କ ସେବାରେ ଲାଗିଗଲେ | ରାଜ ବହୁତ ପେକ ନେଇଯାଇଥିଲେ, ନିଶାରେ ଟଳ ଟଳ ମୋ ସଂଗେ ନାଚ କରୁଥିବା ବେଳେ ଅଭି ବାବୁ ଆସିଗଲେ ଆଉ ଆମକୁ ବହୁତ ପ୍ରଶଂସା କଲେ ତାଙ୍କ ପାର୍ଟି କୁ ଆସିଥିବାରୁ | ରାଜ ତା ବହୁତ ଖୁସି ଥିଲେ ତାଙ୍କ ପାଦ ବି ତଳେ ଲାଗୁନଥିଲା, ମୋର ମାତ୍ର ୩ ପେକ ହେଇଥିଲା ସେଥିପାଇଁ ମୁ କଣ୍ଟ୍ରୋଲ ରେ ଥିଲି | ଅଭି ବାବୁ କଥା ଚଳରେ କହିଲେ ଭାଉଜ ଆସୁନ ଆମ ସହ ତୁକେ ଡ୍ୟାନ୍ସ କର ସେଠୁ ରାଜ ଖୁସି ହେଇ କହିଲେ ସାର କରନ୍ତୁ ନା | ଆପଣଙ୍କ ପାର୍ଟି ଆପଣ ଯାହା ସହ ଚାହିଁବେ ଡ୍ୟାନ୍ସ କରିବେ ମୁଁ କଣ ଆପଣଙ୍କୁ କେବେ ମନ କରି ପାରିବି | ସେଠୁ ସେ ଆଉ ପେକ ମଦ ଆଣିବାକୁ ଗଲେ | ଅଭି ବାବୁ ମୋ ଅଂଟାରେ ହାତ ରଖିଲେ ଆଉ ହାତ କୁ ହାତ ଧରି କିଛି ସମୟ ଡ୍ୟାନ୍ସ କଲେ ମୋ ସହ ସେ ମୁଂହ ଦେହ ସବୁ ଆଡେ ଖାଲି ଅନାଉ ଥାନ୍ତି | ମୁଁ ପାର୍ଟି ପାଇଁ ଗୋଟେ ହଟ ଆଉ ସେକ୍ସି ଶାଢ଼ୀ ପିନ୍ଧିଥିଲି ଯାଉଥିରେ ମୋର ଡିପ କ୍ଲିଭେଜ ଦେଖାଯାଉଥିଲା ଆଉ ଅଭି ବାବୁ ଡିପ କ୍ଲିଭେଜ ରୁ ନଜର ହଟାଉ ନଥିଲେ ମୋତେ ଭାରି ଅଡୁଆ ଲାଗୁଥିଲା ଆଉ ସେ କିଛି ସମୟ ଭିତରେ ମୋ ପିଠିକୁ ହାତଦେଇ ମୋତେ ତାଙ୍କ ଛାତିରେ ଯାକିନେଲେ ଯାଉଥିରେ ମୋର ଦୁଧ ତାଙ୍କ ଛାତିରେ ଚାପି ହେଇଗଲା ମୋ ଦେହ ଥରିବାକୁ ଲାଗିଲା, ଡରରେ ଯେତେବେଳେ ଏପାଖ ସେପାଖ ଚାହିଁଲି ସମସ୍ତେ ମସ୍ତିରେ ମଜଗୁର ଆଉ ରାଜ ମଧ୍ୟ୍ୟ କାଉ ଗୋଟେ ଟୋକି ସହ ଲୀଳା ଚଳେଇଚନ୍ତି | ମୋତେ ରାଗ ଲାଗିଲା ହେଲେ ସେତେବେଳେ ଅଭି ବାବୁ ମୋ କ୍ଲିଭେଜ ରେ ଆଙ୍ଗୁଳି ମାରିବା ଆରମ୍ଭ କରିଦେଲେ ଆଉ ଠିକ ସମୟ କୁ କରେଣ୍ଟ ମଧ୍ୟ୍ୟ ଯିବାକୁ ଥିଲା ସୁଯୋଗ ପାଇ ଅଭି ବାବୁ ମୋ ଦୁଧ କୁ ହାତରେ ଭଲରେ ରଗଡ଼ିଲେ | ମୁଁ କିଛି କହି ପାରୁନଥାଏ ଯଦି ପାଟି କରେ ମୋର ଇଯତ ଯିବ | ସେ ଲୋକ ତା ଏତେ ହାରାମି ଯେ ମୋ ବ୍ଲାଉଜ ଭିତରେ ହାତ ଗଳେଇ ମୋ ଦୁଧ କୁ ଦଳି ଚାଲିଲା ଆଉ ପଛରୁ ମୋ ଗାଣ୍ଡିରେ ତା ବାଣ୍ଡ ବାରମ୍ବାର ବାଜିଲା ଭଳି ମୋତେ ଅନୁଭବ ହେଲା ଆଉ ସେ କଣାରେ ଫୁସ ଫୁସ କରି କହିଲା ତେବେ ଏଥର ରାଜ ଟା ଏମ.ଏଲ.ଏ ହେଲା ବୋଲି ଜାଣ | ମୁଁ କିଛି ବୁଝି ପାରିଲିନି ଆଉ ସେତବେଳକୁ ମଧ୍ୟ୍ୟ କରେଣ୍ଟ ଆସିଗଲା | ଅଭି ବାବୁ ମୋତେ ତାଙ୍କ ବହୁ ରୁ ଝଟ କି ଅଲଗା କରିଦେଲେ | ମୁଁ ମୋ ଲୁଗା ସଜାଡି ଚାରି ଆଡେ ଅନେଇଲି ଆଉ ମୋ ଚାଟି ବହୁତ ଜୋର କମ୍ପୁ ଥାଏ | ରାଜ କିଛି ସମୟ ଭିତରେ ଆସିଲା ଆଉ ପାର୍ଟି ଶେଷ ହେବା ପୂର୍ବରୁ ଆମେ ଅସିଗଲୁ ଘରକୁ, କାହିଁକି ନା, ତା ପରେ ଯାହା ହବାକୁ ଥିଲା ମୁଁ ଏ ଚିଲ ଶାଗୁଣା ଙ୍କ କବଳ ରୁ ବଂଚି ପାରିନଥାନ୍ତି | ରାତିରେ ସବୁ ନିଶା ଭୋଳରେ ଟୋକି ମାନଙ୍କୁ ଗେହିଁବାର ପ୍ଲାନ କରିଥିଲେ | ଏମିତି ପ୍ରାୟ ତାଙ୍କ ପାର୍ଟି ମାନଙ୍କରେ ହୁଏ, ରାଜ ଜାଣିଥିଲେ ଆଉ ମୋତେ ନେଇ ଆସିଲେ | ସେ ଦିନ ରାତିରେ ଆସିକି ମୋତେ ରାତିରେ ଦୁଇ ଥର ଗେହିଁଲେ | ମୋତେ ପୁରା ଲଙ୍ଗଳା କରି ମୋ ଦୁଧ ଚୁସି ଖାଇଲେ, ଭାରି ମଜା ଲାଗୁଥିଲା, ମନରେ ଅଭି ବାବୁ ଆସିଯାଉଥିଲେ |
ମାସେ ପରେ ଦିନେ ରାଜ ଖୁସି ହେଇ ଆସି ମୋତେ କୁଣ୍ଢେଇ ପକେଇଲେ ଆଉ କହିଲେ ଜାଣିଛ ମୋତେ ଏମ.ଏଲ.ଏ ଟିକେଟ ମିଳିବ | ଏତିକି କହି ମୋତେ କୁଣ୍ଢେଇ ପକେଇଲେ, ମୁଁ ମନେ ମନେ ଭାବିଲି ଅଭି ବାବୁ ଙ୍କ କଥା, ଆଉ ରାଜଙ୍କୁ କେମିତି ମିଳିଲା ଟିକେଟ ମୋତେ ଆଉ ଅବୁଝା ନଥିଲା | ମୋତେ ଖୁସି ଯେତିକି ଦ୍ୱାରା ବି ସେତିକି ଲାଗୁଥିଲା ଲୋକ ଟା ଯଦି ଟିକେ ଛୁଆଁରେ ଏମ.ଏଲ.ଏ ଟିକେଟ ଦେଇଦେଲା ତେବେ ସେ ଆଉ କଣ ନକରିବାକୁ ଚାହିଁବା ମୋ ସହ |

ନିର୍ବାଚନ ପାଇଁ ୨ ମାସ ଥିଲା, ରାଜ ପୁଣି ଆଉ ଏକ ଖୁସି ଖବର କହିଲେ | ରାଜ ଙ୍କୁ ଅଭି ବାବୁ ତାଙ୍କ କାର ଦେଇଛନ୍ତି | ଏକଥା ଶୁଣି ମୁଁ ଆହୁରି ଭୟ କଲି, ଟିକେଟ ସିନା ଦେଲେ ହେଲେ କାର ହାତରୁ ଦେବା ପଛରେ ତାଙ୍କର ଉଦେଶ୍ୟ କଣ! ମୋ ଭାବନା ନସରୁଣୁ ରାଜ କହିଲେ ଅଭି ବାବୁ ତାଙ୍କ ପାଇଁ ପାର୍ଟି ରଖିଛନ୍ତି | ମୋ ଚାଟି ପାର୍ଟି ନାଁ ଶୁଣି ଧକ ଧକ ବଢିଗଲା | ରାଜ କହିଲେ ସେ ପାର୍ଟି କୁ ଆଉ କେହି ଆସିବେନି, ଖାଲି ଅଭି ବାବୁ ଆଉ ଆମେ ଦୁହେଁ | ସେଠୁ ମୋତେ ଉଦେଶ୍ୟ ପୁରା ବୁଝା ପଡିଗଲା |
ମୁଁ ସେଦିନ ପାର୍ଲର ଯାଇ ସଜବାଜ ହେଇଗଲି, ରାତି ୮ ଟା ରେ ଆମେ ଅଭି ବାବୁ ଙ୍କ ଘରକୁ ବାହାରିଲୁ | ଅଭି ବାବୁ ଙ୍କ ସେଇ ବଡ ହଲ ଟାରେ ଆମେ ଦୁହେଁ ଯାଇ ପହଁଞ୍ଚିଲୁ ଆଉ ମୁଁ ସୋଫା ଉପରେ ଯାଇ ବସିଲି | ରାଜ ତାଙ୍କ ଭିତର ରୁମ କୁ ଯାଇ ଆସିଲେ ଆଉ ସାଙ୍ଗରେ ଅଭି ବାବୁ ଆଉ ଗୋଟେ ବଡ ଲୋକ ମଧ୍ୟ୍ୟ ଥିଲେ | ସମସ୍ତେ ବସିବା ପରେ ମୁଁ ରାଜ ଙ୍କୁ ସେ ଲୋକ କିଏ ବୋଲି ଆଖି ଠାରିଲି ଆଉ ରାଜ କିଛି କହିବା ପୂର୍ବରୁ ଅଭି ବାବୁ ବୁଝି ପରି କହିଲେ ସେ ମୋ ସାଙ୍ଗ ଉପର ମହଲରେ ତାର ଭାରି ହାତ ଟା ସହଯୋଗ ମଧ୍ୟ୍ୟ ଅଛି ରାଜ ର ଟିକେଟ ପାଇବାରେ | ସେଠୁ ଅଭି ବାବୁ ରାଜ କୁ ପଠେଇଲେ ମଦ ଆଣିବାକୁ | ଅଭି ବାବୁ ଏବେ ଆସି ମୋ ପାଖେ ବସିଲେ | କହିଲେ ଜାଣିଛ ରାନୀ ଏଇ ସାଙ୍ଗ ଯୋଗୁଁ ତମ ସ୍ୱାମୀ ଙ୍କୁ ଟିକେଟ ଟା ମିଳିଗଲା | ଆଉ ଆମ ପାର୍ଟି ର ଟିକେଟ ମିଳିଲା ମନେ ଜାଣ ଜିତିବା ପକା ଆଉ ଏବେ ତମ ସ୍ୱାମୀ ଏମେ.ଏଲ.ଏ ହେଇଯିବ | କଥା କହି କହି ସେ ମୋ ଜଙ୍ଘ ଉପରେ ହାତ ରଖିଦେଲେ ଆଉ ରାଜ ଆସିବା ଜାଣି ଟିକେ ବୁଲି ପଡିଲେ ହେଲେ ସେ ସେମିତି ମୋତେ ଲାଗିକି ବସିଥିଲେ | ଅଭି ତାଙ୍କ ଫ୍ରିଜ ରୁ ତିନି ବୋତଲ ନେଇ ଆସିଲେ | ଅଭି ବାବୁ କହିଲେ ଆରେ ତମେ ରାନୀ ଙ୍କ ପାଇଁ ବିଅର ଆଣିଲନି ଯେ | ରାଜ କହିଲେ ପାଇଲିନି | ସେଠୁ ଅଭି ବାବୁ ନିଜେ ଉଠିଲେ ଆଉ କହିଲେ ରାନୀ ଆସ ଯାଇକି ଆଣିବା | ମୁଁ ସେଠୁ ଉଠିକି ତାଙ୍କ ସାଙ୍ଗରେ ଗଲି | ତାଙ୍କ ରୋଷେଇ ଘର ଫ୍ରିଜ ପାଖକୁ ଯାଇ ଅଭି ବାବୁ କହିଲେ ରାନୀ ଫ୍ରିଜ ଖୋଲିକି ଦେଖ, ସେଠୁ ମୁଁ ଫ୍ରିଜ ଖୋଲିଲି ଆଉ ତଳ ଥାକରେ ଦୁଇ ବୋତଲ ବିଅର ଥିଲା | ମୋ ଲୁଗା କାନି ସେତେବେଳେ ଖସିଗଲା ଆଉ ବିଅର ଧରି ଉଠିଲା ବେଳକୁ ମୋ ବ୍ଲାଉଜ ଆଉ ଦୁଧ କସ ଦେଖାଯାଉଥିଲା | ମୋ ବ୍ଲାଉଜ ଭିତରେ ଜାକି ହେଇ ଦୁଧ ଦି ଟା ଯେମିତି ଫାଟି ପଡିଲା ଭଳି ବାହରିକି ଥାଏ, ଅଭି ବାବୁ ଟିକେ ସମୟ ଦେଖିବା ପରେ ମୁଁ କାନି ଘୋଡେଇ ଦେଲି | ମୋ ମୁଂହ ସେମିତି ତଳକୁ ଥାଏ ଆଉ କିଛି ନ ଜାଣିଲା ପରି ମୁଁ ସେଠୁ ଚାଲି ଆସିଲି | ତିନି ଗ୍ଲାସ ରେ ମଦ ଆଉ ମୋ ଗ୍ଲାସ ରେ ବିଅର ଢାଳି ପିଇବା ଆରମ୍ଭ ହେଲା, ସାଙ୍ଗକୁ ବିରିୟାନୀ ଆଉ କିଛି ମଟନ କରି | ମୋତେ ବିରିୟାନୀ ଭାରି ଭଲ ଲାଗେ | ସମସ୍ତେ ମଦ ପିଇ ଚାଲିଥାନ୍ତି ଆଉ ମୁଁ ଦେଖୁଥାଏ ଅଭି ବାବୁ ରାଜ ଙ୍କ ଗ୍ଲାସ ରେ ବେଶୀ ବେଶୀ ମଦ ଢାଳୁଥାନ୍ତି ଆଉ କମ କୋଲଡ୍ରିଙ୍କସ | ରାଜ ଙ୍କର ୫ ପେକ ହେଇଗଲାଣି ମୁଁ ମାତ୍ର ୨ ପେକ ବିଅର ପିଇ ଥାଏ ଆଉ ହୋସ ରେ ଥାଏ | ୭ ପେକ ରେ ରାଜ ଙ୍କୁ ବହୁତ ନିଶା ଚଢ଼ିଗଲା ଆଉ ସେ ହୋସ ରେ ନଥାନ୍ତି | ସେତିକି ବେଳେ ଅଭି ବାବୁ ମୋ ଜଙ୍ଘ ଉପରେ ତାଙ୍କ ହାତକୁ ଘସିଲେ ମୋତେ ଅଡୁଆ ଲାଗିଲା ତ ମୁଁ ଉଠିପଡିଲି | ସେ ମୋ ହାତ ଧରି ଭିଡ଼ିଲେ ଆଉ କହିଲେ କଣ ରାନୀ, ତମେ ଏତିକିରେ ଉଠି ପଡିଲା ଆଉ ଟିକେ ପିଅ | ମୁଁ ତାଙ୍କ ଆଡକୁ ଟିକେ ରାଗିକି ଅନେଇଲି ଆଉ ସେ କହିଲେ କଣ କିଛି ବୁଝିପାରୁନା ଯେ, ଦେଖ ଦୁନିଆର ନୀତି କିଛି ପାଇବାକୁ ହେଲେ କିଛି ଦେବାକୁ ହବ | ଆଉ ତମ ସ୍ୱାମୀ ଏମ.ଏଲ.ଏ ଆଉ ବୋଲି ତମେ କଣ ଚାଁହୁନା ! ମୁଁ କଣ ଚାଁହୁଛି ଖାଲି ତମର ଟିକେ ସହଯୋଗ ବାସ ଦେଖ କେମିତି ଆମେ ରାଜ କୁ ଜିତେଇ ଦଉଚୁ | ରାଜ ଏତେ ନିଶା ରେ ଥାନ୍ତି ଯେ ତାଙ୍କ କଣ ଏ କଥା ଶୁଣୁ ଥିଲା କି ନାଇଁ କେଜାଣି | ନିଦ ଆସିଯାଇଥିଲା ତାଙ୍କୁ ଏତେ ନିଶାରେ ସେ ବି ମାନେ ରଖିନଥିବେ କାହା ସହ ଆସିଛନ୍ତି ଆଉ କଉଠି ଅଛନ୍ତି |

କଥା ଟା ଶୁଣିକି ବାସ୍ତବିକ ଲାଗିଲା ଆଉ ମୁଁ ବସିବାକୁ ବାଧ୍ୟ୍ୟ ହେଲି, ସେଠୁ ଅଭି ବାବୁ ତାଙ୍କ ସାଙ୍ଗ ଙ୍କୁ ମଧ୍ୟ ଡାକିଲେ ଆଉ କହିଲେ ଆରେ ସେଠି କଣ ବସିଛୁ ଆସ ରାନୀ ପାଖେ ବସ | ସେ ମଧ୍ୟ୍ୟ ଆସି ମୋ ଆର ପାଖେ ବସିଗଲେ | ଦୁଇ ପଟେ ଦୁଇ ଜଣ ପରା ପୁରୁଷ ମୋ ଦେହଟାକୁ ସଗୁଣ ପରି ଖୁମ୍ପି ଖାଇବାକୁ ଅନେଇଥାନ୍ତି | ସ୍ୱାମୀ ଙ୍କ ଉନ୍ନତି ପାଇଁ ମୋତେ ଏ ତ୍ୟାଗ ଟା ଦେବାକୁ ହେବ ନିଶ୍ଚିତ, ଯେବେ ମନ କୁ ବୁଝିଦେଲି ସେଠୁ ଅଭି ବାବୁ ଆଉ ରାଜ ଙ୍କ ଭିତରେ ମୋତେ ଆଉ କିଛି ଫରକ ଲାଗିଲାନି ହେଲେ ଏତେ ବୟସ୍କ ଲୋକଙ୍କ ସହ ହବାର ଡର ମୋ ଚାଟି ଦୁଲୁକେଇ ଦଉଥିଲା | ଡର ରେ ଚାଟି ଏତେ ଠାରୁ ଥିଲା ଯେ ଅଭି ବାବୁ ଉପରୁ ଲୁଗା ଖସେଇ ଦେବା ପରେ ମୋ ଦୁଧ ବ୍ଲାଉଜ ସହ ଖାଲି ଉଠୁଥିଲା ଆଉ ପଡୁଥିଲା ହଁ କେହିବି ଟୋକା ଦେଖିଲେ ମୋତେ ଗେହିଁବାକୁ ମନ କରିବା ମୋ ଦୁଧ ମୋତେ ନିଜକୁ ବି କାମୁକ କରିଦିଏ | ମୁଁ ଲେସବିଆନ ସେକ୍ସ କେବେ କରିନି ହେଲେ ମୋ ସାଙ୍ଗ ରୂପ ର ଅନେକ ଥର ଚିପିଛି ସେ ବି ମୋର ଚି଼ପେ ମୋତେ ବଡ ଦୁଧ ଭଲ ଲାଗେ ଆଉ ମୋର ଆଜି ସେଇ ସାଇଜ |

ଅଭି ବାବୁ ଙ୍କ ସାଙ୍ଗ ମୋ ବ୍ଲାଉଜ ଭିତରେ ପ୍ରଥମେ ହାତ ଗଳେଇ ମୋ ଦୁଧ କୁ ଚିପିଲେ ଆଉ ପୁଣି ବ୍ଲାଉଜ ରୁ ଭିଡି ଉପରକୁ କାଢ଼ିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କଲେ ହେଲେ ଏତେ ଟାଇଟ ବ୍ଲାଉଜ ରେ ଦୁଧ ପହ୍ନା ବାହାରକୁ ବାହାରି ପାରୁନଥିଲା ଆଉ ମୋତେ କଷ୍ଟ ହେଲା | ସେଠୁ ଅଭି ବାବୁ ବ୍ଲାଉଜ କୁ ପିଠି ପଛରୁ ଖୋଲି ଦେଲେ ମୋ ବ୍ରା ଉପରୁ ଦୁଧ କୁ ଚିପି ଦଳି ପକେଇଲେ | ବ୍ରା ର ହୁକ ଖୋଲି ମୋ ଚାଟି ପୁରା ଲଙ୍ଗଳା କରିଦେଲେ ଆଉ ମୁଁ ଲାଜରେ ମରିଯାଉଥାଏ | ମୋ ଦୁଧ ବଡ ହେଲେ ବି ଓହଳି ନଥାଏ | ସେମାନେ ଦୁଇ ଜଣ ଯାକ ଗୋଟେ ଗୋଟେ ପହ୍ନା କୁ ଧରି ଦଳୁଥାନ୍ତି ଆଉ ପାଟିରେ ପୁରେଇ ଚୁଷୁଥାନ୍ତି | ମୋଟେ କୁଣ୍ଢେଇ ପକେଇ ଅଭି ବାବୁ ଠିଆ କରିଦେଲେ ଆଉ ମୋ ଅଣ୍ଟାରୁ ଶାଢ଼ୀ କୁ ଭିଡି ଖୋଲି ପକେଇଲେ ମୁଁ ଖାଲି ଛାୟାରେ ଥାଏ ଆଉ ଭିତରେ ଚଡି | ଅଭି ବାବୁ ଙ୍କ ସାଙ୍ଗ ତ ସଂଗେ ସଂଗେ ପ୍ୟାଣ୍ଟ ଖୋଲି ପକେଇଲେ ଆଉ ତାଙ୍କ ୭ ଇଞ୍ଚ ର ବାଣ୍ଡ କୁ ଧରି ସୁଆଁଳିଲେ | ଅଭି ବାବୁ ମୋ ଛାୟା କୁ ଫିଟେଇ ଚଡି ମଧ୍ୟ୍ୟ ଖୋଲିଦେଲେ ମୁଁ ପୁରା ଲଙ୍ଗୁଳୀ ହେଇଗଲି ମୋ ଭିତରେ ଖାଲି ଡର ହେଲେ ସ୍ୱାମୀ ଙ୍କ ପାଇଁ ଏଇ ତ୍ୟାଗ ମୋତେ କରିବାକୁ ପଡିବ |
ଅଭି ବାବୁ ଙ୍କ ସାଙ୍ଗ ତାଙ୍କ ବାଣ୍ଡ କୁ ଧରି ଆଉ ଗୋଟେ ହାତରେ ମୋ ଡେଣା ଭିଡି ନେଇ ସୋଫାରେ ଶୁଆଇ ଦେଲେ ଆଉ ମୋ ଉପରେ ସୋଇ ମୋ ଦୁଧ କୁ ଚୁଷିଲେ | ଦୁଧ ଉପରେ ଦୁଇଟା ହାତ ପାପୁଲି ରଖି ତାଙ୍କ ବାଣ୍ଡକୁ ମୋ ବିଆରେ ଯୋଖି ଦେଲେ | ତ ପରେ କଣ ମନ ହେଲା କେଜାଣି ବୋଧେ ମୋ ଚିକଣ ବିଆ ରେ ବୁଢା ର ମନ ଲାଗିଗଲା ଆଉ ସେ ବାଣ୍ଡ ଗଳେଇବ ଚଡି ଆଗ ମୋ ବିଆ କୁ ହାତରେ ମେଲେଇଲା ଆଉ ମୋ ଜଙ୍ଘ ଫାଡ଼ିଲା | ସେଠୁ ସେ ତ ମୁଂହ ନେଇ ମୋ ବିଆରେ ଦେଲା ଆଉ ମୋ ବିଆକୁ ଜିଭରେ ଚାଟିଲା ଚୁଷିଲେ ଆଉ ଆଙ୍ଗୁଳିରେ ଟିକେ ଭିତର ବାହାର କଲା | ପୁଣି କିଛି ସମୟ ପରେ ମୋ ଉପରେ ମାଡି ରହି ତ ବାଣ୍ଡ ମୋ ବିଆରେ ଗଳେଇଦେଲା | ବୁଢା ସିନା ହେଲେ ବାଣ୍ଡ କଣ ବୁଢା ହୁଏ | ମୋ ବିଆରେ ଗଳେଇ ଏମିତି ପେଲିଲା ଯେ ମୋ ପାଟି ରୁ uhhhhhhhhhhh… ଅଆହଃହଃ… ର ଚିତ୍କାର ବାହାରି ପଡୁଥିଲା ଆଉ ମୁଁ ତାକୁ ଜାବୁଡି ବିଦାରି ପକାଉଥିଲି | ସେ ମୋ ଦୁଧ କୁ ଠାଇଁ ଠାଇଁ କରି ଚାରା ପାଞ୍ଚ ଚାପୁଡ଼ା ମାରିଲା ମୋତେ କଷ୍ଟ ହେଲା ମୁଁ ଅଦା ଛଡା ହେଲି ଆଉ ସେ ମନ ଭାରି ମୋତେ ଗେହିଁବାକୁ ଲାଗିଲା | ବୁଢା ୧୦ ମିନିଟ ଗେହିଁଲାରେ ତାର ବାହାରିଗଲା ଆଉ ସେ ମୋ ପେଟରେ ତାର ରସ ନିଗାଡ଼ି ଦେଲା | ମୁଁ ଡରିଗଲି ଆଉ ତାପରେ ଅଭି ବାବୁ ଙ୍କୁ କଣ୍ଡମ ପିନ୍ଧି କରିବାକୁ ନେହୁରା ହେଲି ହେଲେ ସେ ଶୁଣିଲେନି ମୋ ବିଆରେ ସେ ପୁଣି ବିନା କଣ୍ଡମ ରେ ବାଣ୍ଡ ପସେଇ ଦେଲେ | ଦେହ ଥର ଥର ହଉଥିଲା ବୁଢା ଯାକ ଏତେ ଝଟକା ମାରି ମାରି ଗେଂହୁଥିଲେ ତ ସହ ଯାଉ ମଝିଆର ମଝିରେ ମୋତେ ବାଡେଇ ମୋ ଦୁଧ କାମୁଡି ଚୁଷୁଥିଲେ ସେଥିରେ ମୋତେ ମଜା ତ ଆସୁଥିଲା ଆହୁରି ରାଗ ବି ଲାଗୁଥିଲା | ଗୋଟିଏ ରାତିରେ ରାଣ୍ଡି ବାଣୀ ଗଲି ମୁଁ ମୋ ବିଆକୁ ଚାଟି ଚାଟି ମୋ ବିଆ ରସ କୁ ଦୁଇଟା ଯାକ ସଫା କଲେ | ସେଠୁ ରାତି ୧୨ ହବ ମୋତେ ସେମାନେ ଗେଁହି ସାରି ଡ୍ରେସ ପିନ୍ଧି ପକେଇଥିଲେ | ମୁଁ ହଳିଆରେ ରେଖିଲାଗିଯାଇଥିଲା ହେଲେ ଟିକେ ଛାଇ ନିଦ ପରେ ମୁଁ ଉଠିପଡ଼ି ପୁଣି ସଜବାଜ ହେଇଗଲି | ରାଜ ଙ୍କ ହୋସ ନଥାଏ | ଅଭି ବାବୁ କହିଲେ ଆଉ ଆଜି ରାତିଟା ଆହୁରି ତେବେ ଜମିବ ହେଲେ ଶାଶୁ ଶଶୁର ଙ୍କ ଘରେ ରହି ଏତେ ରାତି ବାହାରେ ରହିଲେ ସେମାନେ କଣ କହିବେ ତେଣୁ ମୁଁ ମନ କଲି ଆଉ କହିଲି ଯେତିକି ମଜା ନବ କଥା ତ ନେଲେ ଏବେ ରାଜ କୁ ଘରେ ଚଡି ଦିଅନ୍ତୁ | ସେଠୁ ଅଭି ବାବୁ ଡ୍ରାଇଭି କରି ଆମକୁ ନେଇ ଘର ଆଗେ ଛାଡିଲେ | ରାଜ ତଳି ତଳି ଚାଲୁଥାନ୍ତି | ଅଭି ବାବୁ କର ଭିତରେ ମୋତେ କିସ କଲେ ଆଉ ମୋ ଦୁଧ ଟିକେ ଚିପି ଦେଇ କହିଲେ ଦେଖ ଏଥର ତମ ସ୍ୱାମୀ ନିଶ୍ଚେ ଏମେ.ଏଲ. ଏଲ ହେବେ |

— ଶେଷ—
ଭାଉଜ.କମ (BHAUJA.COM)
ଲେଖକ: ରାନୀ

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ମୋ ବଡ ଭଉଣୀକୁ ତା ବାହାଘର ପରେ ତା ଶାଶୁ ଘରେ ଗେହିଁକି ପ୍ରେଗନାଂଟ କଲି – Mo Bada Bhauni Ku Ta Bahaghara Pare Ta Sasu Ghare Genhiki Pregnant Kali | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/mo-bada-bhauni-ku-ta-bahaghara-pare-ta-sasu-ghare-genhiki-pregnant-kali/ //otelsan.ru/xbrasilporno/mo-bada-bhauni-ku-ta-bahaghara-pare-ta-sasu-ghare-genhiki-pregnant-kali/#comments Wed, 27 Mar 2019 03:06:39 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5292 [...]]]> ହାଏ, ମୋ ନା ଆଦିତ୍ୟ, ମୋ ଘର ବାରିପଦାରେ l ମୁଁ ଏବେ +୩ ଶେଷ ବର୍ଷରେ ପଢୁଛି l ଏଇ ଘଟଣା ମୋ ଜୀବନର ଏକ ସତ ଘଟଣା l ଏଇ ଘଟଣା ବେଳେ ମୁଁ +୨ ଦ୍ୱିତୀୟ ବର୍ଷରେ ପଢ଼ୁଥିଲି l ସେଇ ବର୍ଷ ମୋ ବଡ ଭଉଣୀର ବାହାଘର ହେଲା l ମୋ ବଡ ଭଉଣୀ ମୋ ଠାରୁ ୫ ବର୍ଷ ବଡ l ତା ନାଁ ଲିନା l ସେ ଦେଖିବାକୁ ବହୁତ ସୁନ୍ଦର ଓ ସେକ୍ସି l ତା ପିଜି ସରିଲା ପରେ ତାକୁ ଘରେ ବାହାଘର କରିଦେଲେ କାରଣ ତାକୁ କଲେଜରେ ବହୁତ ଟୋକା ଲାଇନ ମାରନ୍ତି ଓ ଥରେ ଗୋଟେ ଟୋକା ତାକୁ ବାହା ହବ ବୋଲି କହିଲା l ସେଇଥି ପାଇଁ ତାକୁ ଘରେ ବାହା କରିଦେଲେ l ତା ଶାଶୁ ଘର ବାଲେଶ୍ୱର l ତା ବାହାଘର ବହୁତ ଧୁମ ଧାମରେ ହେଲା l ସେ ଶାଶୁ ଘରକୁ ଗଲାବେଳେ ମୁଁ ଭାଇ ହୋଇଥିବାରୁ ତା ସହିତ ଯାଇଥିଲି l ତା ଶାଶୁ ଘରେ ପହଞ୍ଚି ଆମେ ଖାଇ ପିଇ ଶୋଇଲୁ, ବାହାଘର କାମରେ ଟାଏର୍ଡ ହୋଇଥିବାରୁ, ଆମେ ସୋଇପଡିଲୁ l ମୋତେ ତା ନଣନ୍ଦ କହିଲା ତୁମେ ତମ ଭଉଣୀ ପାଖରେ ଯଗିକି ସୁଅ l ସେ ରୁମରେ ଦୁଇଟା ଖଟ ପଡିଥିଲା, ତେଣୁ ମୋ ଦିଦି ଗୋଟେ ଖଟରେ ଓ ମୁଁ ଗୋଟେ ଖଟରେ ସୋଇଲୁ l ଆମେ ଘରେ ଆଗରୁ କେବେ ବି ଏକାଠି ଗୋଟେ ରୁମରେ ସୋଇ ନ ଥିଲୁ l ତେଣୁ ଗୋଟେ ଘରେ ଏକୁଟିଆ ସୋଇବାରୁ ମୋର ମୋ ଦିଦି ପ୍ରତି ଟେକେ ସେକ୍ସ କରିବାର ଇଛା ଜାଗ୍ରତ ହେଲା l କିନ୍ତୁ ମୁଁ ଜାଣିନି ଯେ ତାର ବି ମୋ ପ୍ରତି ସେମିତି ଇଛା ଜାଗ୍ରତ ହେଲାଣି ବୋଲି l ସେଦିନ ରାତିରେ ମଧ୍ୟ ସେମାନେ ଖାଇବାକୁ ଡାକିଲେ ଓ ଆମେ ଭାଇ ଭଉଣୀ ଦିଜଣ ଖାଇ ସାରି ସେଇ ରୁମରେ ଶୋଇଲୁ l କିନ୍ତୁ ମୁଁ ରାତିରେ ସୋଇଥିବା ବେଳେ ମୋ ଦେହରେ କିଛି ଗେଂଜି ହବାର ମୁଁ ଅନୁଭବ କଲି l ମୁଁ ଆଖି ଖୋଲି ଦେଖେତ ମୋ ଦିଦି ମୋ ପାଖରେ ସୋଇଛି ଓ ଗୋଟେ ହାତରେ ତାର ଗୋଟେ ଦୁଧକୁ ଚିପୁଛି ଓ ଆର ହାତରେ ତା ବିଆରେ ଆଙ୍ଗୁଠି ପୁରୋଉଛି l ମୁଁ ଉଠିପଡିବା ଦେଖି ସେ ସଂଗେ ସଂଗେ ସବୁ ବନ୍ଦ କରିଦେଲା ଓ କହିଲା ତୁ ସୋଇନୁ କିରେ, ମୁଁ କହିଲି ହଁ ସୋଇ ଥିଲି ଯେ ତୋ ଲୁଗା ଧଡ଼ି ଗେଂଜି ହବାରୁ ମୋ ନିଦ ଭାଙ୍ଗିଗଲା l ତାପରେ ସେ କହିଲା, ଆଦି ମୋର ସେକ୍ସ କରିବାକୁ ଇଛା ହଉଛି l ମୁଁ ତା କଥା ଶୁଣି ପୁରା ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ହେଇଗଲି କାରଣ ଆଗରୁ ମୋ ସହ ସେ କେବେ ବି ଏମିତି କଥା ହୋଇନାହିଁ l ମୋର ବି ମୋ ଦିଦି କଥା ଶୁଣି ତା ସହ ସେକ୍ସ କରିବାକୁ ଇଛା ହେଲା l ମୁଁ ତାକୁ କହିଲି ଦିଦି ତୁ ଶୋଉନୁ, ବାଜେ କଥା କାହିଁକି ଗପୁଛୁ l ସେ କହିଲା, ଆଦି ମୋର କାଲି କିମ୍ବା ତା ପର ଦିନ ମେନସ ହବ, ମୁଁ ତୋ ଭିଣୋଇ ସହିତ ଚଉଠି କରି ପାରିବିନି, ମୋର ଏବେ ସେକ୍ସ କରିବାକୁ ଇଛା ହଉଛି l ମୋ ସୁନା ଭାଇଟା ପରା ତୁ ହଁ କରିଦେ, ମୁଁ ତୋତେ ଯାହା ଇଛା କରିବୁ ଦେବୀ l ମୋର ବି ଇଛା ଥିଲା, ତେଣୁ ମୁଁ ହଁ କହିଲି l ତା ପରେ ସେ ମୋ ଡ୍ରେସ ଖୋଲି ଦେଲା ଓ କହିଲା ମୁଁ ତୋ ବାଣ୍ଡ ଖାଇବି, ଆଉ ତୁ ସେଇ ସମୟରେ ମୋ ଶାଢ଼ୀ ଓ ବ୍ରା, ପ୍ୟାଣ୍ଟି ଖୋଲିବୁ l ଏତିକି କହି ସେ ମୋ ବାଣ୍ଡକୁ ତା ପାଟିରେ ପୁରେଇ ଚୁଚୁମିବାକୁ ଲାଗିଲା l ମୋ ବାଣ୍ଡ ଧୀରେ ଧୀରେ ଫୁଲିବାକୁ ଲାଗିଲା ଓ ମୁଁ ସେଇ ସମୟରେ ତା ଶାଢ଼ୀ, ବ୍ରା ଓ ପ୍ୟାଣ୍ଟି ଖୋଲିଦେଲି l ସେ କହିଲା ଆଦି ମୋ ଦୁଧ ଚିପି ଓ ପାଟିରେ ପୁରେଇ କି ଚୁଚୁମୁ l ମୋ ଦିଦି ସେତେବେଳକୁ ଜୋରରେ ନିସ୍ୱାସ ନେଉଥାଏ l ସେ ବାଣ୍ଡ ଚୁଚୁମି ବାରୁ ମୋର ବି ଛାତି ଜୋରରେ ଧଡ଼ ଧଡ଼ କରୁଥାଏ ଓ ମୋତେ ପୁରା ସ୍ଵର୍ଗରେ ଉଡିଲା ପରି ଲାଗୁଥାଏ l ମୁଁ କିଛି ସମୟ ତା ଦୁଧ ଚୁଚୁମିଲା ପରେ ସେ ମୋ ହାତ ନେଇ ତା ବିଆରେ ଆଙ୍ଗୁଠି ପୁରେଇବା ପାଇଁ କହିଲା, ମୁଁ ତା ବିଆରେ ଆଙ୍ଗୁଠି ପୁରେଇଲା ବେଳକୁ ତା ବିଆ ପୁରା ଓଦା ଓ ନାଳୁଆ ହେଇଗଲାଣି l କିଛି ସମୟ ପରେ ମୋ ଦିଦି କହିଲା ମୋ ବିଆକୁ ଚାଟ, ମୁଁ ଆଉ ସମ୍ଭାଳି ପାରୁନି l ସେ ମୋ ବାଣ୍ଡ ଚୁଚୁମିଲା ଓ ମୁଁ ତା ବିଆ ଚାଟିଲି, ଏଇମିତି ୧୫ ରୁ ୨୦ ମିନିଟ ଚାଲିଲା, ସେତେ ବେଳକୁ ମୋ ଦିଦି ପୁରା ଓ ଓ ଓ ଓ ଓ ଓ ଆଃ ଆଃ ଆଃ ହଉଥାଏ l ୨୦ ମିନିଟ ପରେ ମୋ ଦିଦି କହିଲା ଆଦି ମୁଁ ଆଉ ସମ୍ଭାଳି ପାରୁନି ତୁ ମୋ ବିଆରେ ତୋ ବାଣ୍ଡ ପୁରା, ସେ ଚିତ୍ତ ହୋଇ ସୋଇ ତା ଜଙ୍ଘ ମେଲା କରି, ତା ବିଆ ମେଲା କରି କହିଲା ଆଦି ତୁ ଆଣ୍ଠେଇ ମୋ ବିଆ ରେ ଜଲଦୀ ତୋ ବାଣ୍ଡ ପୁରା, ତେଣୁ ମୁଁ ଆଣ୍ଠେଇଲା ପରେ ସେ ତା ହାତରେ ମୋ ବାଣ୍ଡକୁ ଧରି ତା ବିଆ କଣାରେ ଲଗେଇଲା ଓ କହିଲା ତୁ ଜଲଦୀ ପୁରା l ତା ପରେ ମୁଁ ଜୋରରେ ଗୋଟେ ଧକା ଦେଲି ଯେ ମୋ ବାଣ୍ଡ ପୁରା ମୂଳ ପର୍ଯନ୍ତ ତା ବିଆରେ ପଶିଗଲା, ମୁଁ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ହେଲି ଯେ ତା ବିଆରେ ଆଗରୁ କିଏ ବାଣ୍ଡ ପୂରେଇଛି, ମୁଁ ଦିଦି କି ପଚାରିଲି ଯେ କିଏ ତୋ ବିଆରେ ଆଗରୁ ବାଣ୍ଡ ପୂରେଇଛି, ସେ କହିଲା ହଁ ମୋ ମାମୁଁ ତାକୁ ମାମୁଁ ଘରେ ବହୁତ ଥର ଗେହିଁଛନ୍ତି l ସେ ଯେତେ ଥର ମାମୁଁ ଘରକୁ ଯାଏ, ସେତେ ବେଳେ ମାମୁଁ ତାକୁ ଗିହଁନ୍ତି l ଏଇ ସମୟରେ ସେ ମୋତେ ଜୋରରେ କୁଣ୍ଢେଇକି ଧରି ଥାଏ ଓ କହୁଥାଏ କି ଜୋରରେ ତା ବିଆରେ ବାଣ୍ଡ ପୁରେଇ ବାକୁ, ମୁଁ ତେଣୁ ମୋ ଗେହିଁବା ସ୍ପିଡ଼ ବଢ଼େଇଦେଲି ଓ କିଛି ସମୟ ପରେ ମୋର ବୀଜ ବାହାରିବା ସମୟ ଆସିଲା ଓ ମୁଁ କହିଲି ଦିଦି ମୋର ବୀଜ ବାହାରିବ, ସେ କହିଲା ତୁ ମୋ ବିଆରେ ତୋର ସବୁ ବୀଜ ଛାଡେ, ମୁଁ ତିନି ଥର ଗେହିଁବା ପରେ ମୋର ସବୁ ବୀଜ ତା ବିଆ ଭିତରେ ଛାଡିଦେଲି ଓ ମୋ ଦିଦିର ବି ସେଇ ସମୟରେ ପାଣି ବାହାରିଗଲା, ତେଣୁ ଆମେ ଶାନ୍ତିରେ ସୋଇପଡିଲୁ, ତାପରେ ରାତି ୨.୩୦ ପାଖା ପାଖି ହବ ମୋ ନିଦ ଭାଙ୍ଗିଗଲା, ସେତେ ବେଳକୁ ମୋ ଦିଦି ମୋ ବାଣ୍ଡକୁ ଧରି ହଲୋଉଛି l ମୁଁ ତାକୁ ପଚାରିଲି ତୁ କେତେ ବେଳୁ ଉଠିଲୁଣୁ, ସେ କହିଲା ମୁଁ ବାଥ ରୁମ, ଆସିଲା ପରେ ମୋର ତୋ ବାଣ୍ଡ ଆଉ ଥରେ ଧରିବାକୁ ଇଛା ହେଲା, ଆମେ ଏଇ ଥରକ କରିବା ତା ପରେ ତୁ ତୋ ବେଡ଼ରେ ଓ ମୁଁ ମୋ ବେଡ଼ରେ ସୋଇ ପଡିବା l ସେ ଏଥର କହିଲା ଆମେ ନୂଆ ଗୋଟେ ଷ୍ଟାଇଲରେ ଗିହାଁ ଗିହିଁ ହବା l ମୋ ଦିଦି କହିଲା ତୁ ସୋ ମୁଁ ତୋ ବାଣ୍ଡ ଉପରେ ବସି ଗେହିଁବି l ସେତେବେଳକୁ ମୋ ବାଣ୍ଡ ପୁରା ୯୦ ଡିଗ୍ରୀ ହେଲାଣି, ମୁଁ ଯେହେତୁ ନୂଆ ଗେହୁଁଛି ତେଣୁ ମୋତେ ବହୁତ ଇଂଟରେଷ୍ଟ ହଉଛି, ମୋ ଦିଦି ବାହା ହେଇଥିବାରୁ ବହୁତ ସୁନ୍ଦର ଦେଖା ଯାଉଥାଏ l ସେତେବେଳେ ସେ ବହୁତ ସେକ୍ସି ବି ଥାଏ l ତା ପରେ ମୁଁ ଚିତ୍ତ ହୋଇ ସୋଇଲି ଓ ସେ ମୋ ଉପରେ ବସି ମୋ ବାଣ୍ଡ ତା ବିଆରେ ପୁରେଇ ତଳ ଉପର ହେଇ ବସ ଉଠ ପରି ହେଲା, ସେ ସମୟରେ ମୋତେ ପୁରା ଚଉଦ ଭୁବନ ଦେଖାଯାଉଥାଏ l ମୋ ଦିଦି ଏଥର କହିଲା କି ସେ ତା ପାଣି ଓ ମୋ ବୀଜ ବାହାରିଲା ପରେହିଁ ଉଠିବ ଓ ତୋର ସବୁ ବୀଜ ମୋ ବିଆ ଭିତରେ ନେବି, ତେଣୁ ମୋର ପ୍ରଥମ ପିଲା ତୋ ଆଡ଼ୁ ହବ l ତେଣୁ ଏଇମିତି ୨୦ ରୁ ୨୫ ମିନିଟ କଲା ପରେ ମୋର ବୀଜ ବାହାରିଲା ଓ ତାର ବି ପାଣି ବାହାରିଗଲା l ତା ପରେ ସେ ତା ବେଡ଼ରେ ଓ ମୁଁ ମୋ ବେଡ଼ରେ ଶୋଉ ପଡ଼ିଲୁ l ସକାଳୁ ଆସି ତା ନଣନ୍ଦ ଆମକୁ ଉଠେଇଲା ଓ କହିଲା କଣ ରାତି ସାରା ସୋଇନକି l ସେଦିନ ମୁଁ ତାଙ୍କ ଘରେ ରହିଲି ଓ ପୁଣି ସେଦିନ ରାତିରେ ଆହୁରି ତିନି ଥର ମୋ ଦିଦିକୁ ଗେହିଁଲି, ତା ପର ଦିନ ତାଙ୍କର ରିସେପସନ ଥିଲା ତେଣୁ ଆମ ଘରୁ ସମସ୍ତେ ତାଙ୍କ ଘରକୁ ଯାଇଥିଲେ ଜିନିଷ ପତ୍ର ନେଇ, ମୁଁ ସେମାନଙ୍କ ସହିତ ଆମ ଘରକୁ ପଳେଇ ଆସିଲି l ତା ବାହା ଘରର ୧୫ ଦିନ ପରେ ମୁଁ ତା ଘରକୁ ଯାଇଥିଲି ଓ ସେ କହିଲା ମୁଁ ବର୍ତ୍ତମାନ ତୋ ପିଲାର ମା ହବାକୁ ଯାଉଛି l ୯ ମାସ ପରେ ତାର ଗୋଟେ ଝିଅ ହେଲା, ସେ ଦେଖିବାକୁ ପୁରା ମୋ ପରି l
Writer: baby mishra

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nee pukulo naa sulli – telugu bosudi kama kathallu | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/nee-pukulo-naa-sulli-telugu-bosudi-kama-kathallu/ Wed, 20 Mar 2019 04:35:57 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5264 [...]]]> ఆ మరుసటి రోజు మటన్ చేసుకోవడంతో …
భోజనానికి చందుని పిలవాలని పోన్ చేసారు కానీ..మొబైల్ స్విచ్చాఫ్ వచ్చింది..
చాలాసేపు ట్రై చేసారు..స్విచ్చాఫ్ వస్తుండటంతో
సరే పిలిచిరమ్మని లలితకి చెప్పారు
ఆ ఉదయమే మరల చందు ఊరికి వెళ్ళాడని తెలియదు వీళ్ళకి…..
నైట్ వచ్చి సెల్ చార్జింగ్ పెట్టుకోకుండా నిద్ర వస్తుంటే పడుకున్నాడు..ఉదయం ఊరినుండి చందుకి పోన్ చేస్తే స్విచ్చాఫ్ రావడంతో గిరికి పోన్ చేసి ఊరికి రమ్మనడంతో అలాగే వెళ్లి పోయాడు..
ఆ విషయం తెలియని లలిత చందు రూముకి వెళ్లి డోర్ కొట్టింది…
గిరి డోర్ తీసాడు…హాయ్ అని పలకరించి
చందు లేడా అని అడిగింది..
హా….ఉన్నాడు..లోపలికి రండని అడ్డుజరిగాడు
లలిత లోపలికి రాగానే…గిరి తలుపులు మూసాడు..

తలుపులు మూసి లాక్ చేసి కీ పాయింట్లో వేసుకున్నాడు
లలిత వెనక్కి తిరిగి ఎమిటీ తలుపులు మూసావు..
చందు ఎక్కడ ఉన్నాడు…చందు…చందు..చందు
అని పిలుస్తుంది..
గిరి ఎమీ మాట్లాకుండా దగ్గరకు వస్తున్నాడు…
లలిత వెనక్కి జరుగుతుంది..
గిరి ఒక అడుగు ముందుకు వస్తే
లలిత ఒక అడుగు వెనక్కి వేస్తుంది
లలిత : ఫ్లీజ్ చందు ఎక్కడ ఉన్నాడో చెప్పు..
గిరి ఏమీ మాట్లాడకుండా ముందుకు వస్తున్నాడు
ఫ్లీజ్ తలుపు తెరువు నేను వెళ్ళాలి అని సైడు జరిగి తలుపు దగ్గరకు వెల్తున్నా లలితని ఎక్కడికి పోతావని
చెయ్యి పట్టుకున్నాడు…
లలిత : ఫ్లీజ్ వదులు నేను వెళ్ళాలి అంటూ చెయ్యి విదిలించుకుంటుంది..
గిరి చెయ్యిని ఇంకా గట్టిగా బిగించాడు
లాగి చెంపమీద కోట్టబోతున్న మరో చెయ్యిని కూడ పట్టుకున్నాడు..
రెండు చేతులు గట్టిగా బిగించాడు..
అసలు నువ్వు ఏంచెస్తున్నావు…చెయ్యి వదులు నువ్వు ఎదో మంచివాడివి అనుకున్నాను నీ మాటల యాస బాగుందని నీతో ఎదో ప్రెండ్లిగా మాట్లాడితే నువ్వు మాత్రం ఇలా ఛీపుగా బిహేవ్ చెస్తావను కోలేదు…ఇంత నమ్మక ద్రోహివి అనుకోలేదు..
గిరి : నీ అందం చూసాక నాలో మంచితనం మంటకలిసి పోయింది
అయినా ఆడదాన్ని ఎంతో ఇష్టంగా సిన్సియరగా ప్రేమిస్తే హ్యాండ్ ఇస్తారు..సిన్సియరుగా ప్రేమించే మగాళ్ళని మీరు నమ్మరు ఇలా నమ్మక ద్రోహం చేసే వాళ్ళంటేనే మీకు ఇష్టం
నీలాంటి దానిని ఒక్కసారైనా అనుభవించక పోతే నా జన్మ వేస్ట్ అనిపిస్తుంది..
లలిత : ఫ్లీజ్ నేను అలాంటి దానిని కాదు…తోందరలో పెళ్లి కావాల్సిన దానిని నా జీవితాన్ని నాశనం చేయకు..
అయినా ఎవ్వరో ఒక అమ్మాయి ఇలా చేసిందని అందరూ అలాగ ఉండరు
గిరి : దానితో ఆడదంటేనే నమ్మకం పోయింది…నీ పెళ్లికి నేనేమి అడ్డురాను ఒక్కసారి ఒప్పుకో…
ఇద్దరం సుఖపడదాం లేదు..కాదు అంటే నేను మాత్రమే సుఖ పడుతాను…
లలిత : ఫ్లీజ్ గిరిగారు..నీకు ఇది న్యాయం కాదు…
యెవ్వరికైనా తెలిస్తె నా జీవితం ఏమీకావాలి ,ఫ్లీజ్ వదలండి
గిరి : ఇలాంటి మంచి అవకాశాన్ని చచ్చినా నేను వదులుకోను..అయినా ఇక్కడ యెవ్వరు లేరు నేను నువ్వు తప్ప నువ్వు ఒప్పుకుంటే మూడోకంటికి తెలియకుండా సైలెంటుగా అయిపోతుంది.. లేదు కాదని గోడవచేస్తే పదిమందికి తెలిసి నీ జీవితమే నాశనం అవుతుంది నేను మాత్రం అన్నిటికీ తెగించాను…
దేవుడా ఎంజరుగుతుంది నా తలరాతను ఎందుకు ఇలా రాసావు …..ఖచ్చితంగా వీడు నన్ను అనుభవించందే వదిలేల లేడు…నా జీవితం ఎటుపోతుందో అర్థం కావడం లేదే…గోల చేసి పదిమందికి తెలిసేల చేసుకుని జీవితాన్ని నాశనం చేసుకోలేను..అలాగని ఓప్పుకోలేను…
దేవుడా ఎమీటి నాకు ఈ శిక్ష ఆడదానిగ పుట్టడమేనా నేను చేసిన తప్పు… అంటూ కన్నీళ్లు కార్చుకుంది…
ఇంతలో గిరి దగ్గరకు లాక్కునాడు…
చేతులు విడిపించుకోడానికి ట్రై చేస్తుంది కానీ అతని బలం ముందు లలిత ఆటలు సాగడం లేదు..
అయినా పట్టు వదలకుండా గింజుకుంటుంది…
లలితని అలాగే తోసుకుంటా వెళ్లి గోడకి ఆనించి రెండు చేతులు గోడకి అదిమిపట్టి..
గిరి : నువ్వు ఎంత గింజుకున్నా వదిలే ప్రసక్తే లేదు..నీకు ముందే చెప్పాను ఒప్పుకుంటే ఇద్దరం సుఖపడతాం
లేదంటే నేను మాత్రమే సుఖపడతాను అంటూ తలను దగ్గరకు తెచ్చి లలిత పెదాల దగ్గర ఆగిపోయాడు…గిరి శ్వాస లలితకి స్పష్టంగా తగులుతుంది….
లలిత : ఫ్లీజ్ నీకు దండం పెడతాను నన్ను వదిలేయి..
నా జీవితాన్ని నాశనం చెయ్యకు నీ కాళ్ళు పట్టుకుంటాను..అంటూ ఎడుస్తుంది…
గిరి : నువ్వు ఎంత ఎడిచిన ఎంత బాదపడిన నా మనసు కరగదు నా నిర్ణయం మారదు..ఏడ్చి.. ఏడ్చి.. నీ కన్నీళ్లు ఇంకిపోవాల్సిందే….ఒప్పకుంటే సుఖం.. గింజుకుంటే…దుఃఖం ఇక చాయిస్ నీది …
ఖచ్చితంగా వీడు మైండ్ లో బలంగా పిక్స్ అయినట్లు ఉన్నాడు..
వీడి బలం ముందు ఏమీచెయ్యలేకున్నానే..దేవుడా ఆపద్బాంధవుడిలా ఎవ్వరైనా కాపాడితే బాగుండు..అనుకుంటుంది..
గిరి ఇంకా దగ్గరకు మొకం పెట్టి… పెదాలకు తాకి తాకనట్లుగా పెట్టాడు…
లలిత ముద్దు పెడతాడని తలను అటూ..ఇటూ…తిప్పుతుంది..
చెతులను ఇంకా గట్టిగ గోడకి అదిమిపట్టాడు..
లలిత : అమ్మా…..ఫ్లీజ్ చేతులు నోప్పి పెడుతున్నాయి..ఫ్లీజ్ …ఇంత బ్రతిమలాడుతున్నా నీకు కనికరం లేదా…ఫ్లీజ్ వదులు…
గిరి : నిన్ను మనసారా అనుబవించాలనే బలమైన కోరిక తప్ప ఎలాంటి సెంటిమెంట్స్ లేవు రావు….
ఆ మాటతో లలితకి పూర్తిగా అర్థం అయ్యింది ఈ క్షణం ఆ బ్రహ్మదేవుడు వచ్చిన వీడి బలమైన కోరిక నుండి నన్ను తప్పించలేరని….
ఎలాగో వీడు అనుబవించకుండా వదలడు…తప్పు ఇష్టంతో జరిగిన ఇష్టం లేకుండా జరిగిన తప్పు తప్పే అవుతుంది…
ఆల్రెడీ ఇద్దరితో జరాగాల్సినవి జరిగిపోయాయి.. ఇప్పుడు కోత్తగా జరిగేది ఏముంది….వీడు అన్నట్టు మనసారా సుఖపడడమే బెటర్ లేకుంటే వీడు నన్ను హింసించి అనుబవిస్తాడని….మనసులో అనంకుంటూ
లలిత : ఫ్లీజ్ వదులు నువ్వు చెప్పినట్లు వింటాను ముందు చేతులు వదులు నోప్పిగా ఉన్నాయి…
గిరి : నమ్మమంటావా….
లలిత : ఫ్లీజ్ గిరి వదులు నీలాగ బండరాయి మనసయితే కాదు….నమ్మకం ఉంటే వదులు లేకుంటే ఇలాగే చంపేయని ఎడుస్తుంది…
నువ్వు ఎడుస్తున్నావని వదలడం లేదు..నీ మీద నమ్మకంతో వదులుతున్నానని వదిలాడు…
చేతులు వదలగానే నోప్పితో విదిలించుకుంది…
గిరి దగ్గరకు వెల్తుంటే….గుండెల మీద చేతులేసిఆపి..
లలిత : చూడు..ఇదోక్కసారే మళ్ళి.. మళ్ళి నన్ను డిస్టబ్ చెయ్యకూడదు…అలాగే ఈ విషయం మన ఇద్దరి మధ్యనే ఉండాలి నీ ప్రెండ్ చందుకి కూడ తెలవకూడదు…
గిరి : ఓట్టు ఎవ్వరితో చెప్పను…నిన్ను లైప్ లో ఎప్పుడు డిస్టబ్ చెయ్యను….
లలిత : ఇంటి దగ్గర మా అమ్మ ఎదురుచూస్తుంటుంది…లేట్ అయితే ఇక్కడికి వచ్చిన వస్తుంది..
ఇక లేటెందుకు… పదా…లలితని ఎత్తుకున్నాడు..
బెడ్ దగ్గరకి వెళ్లి బెడ్ పైన పడుకోపెట్టి చీర కొంగుని తప్పించి
సల్ల మద్యన ముద్దు పెట్టి ….
సళ్ళపైన తల పెట్టి తలను అటూ…ఇటూ…తిప్పాడు
చిన్నగా రవిక ఉక్స్ ఒక్కోక్కటిగా తీస్తున్నాడు..
పూర్తిగా రవిక తీసి చీరను కూడ లాగేసాడు…
లంగాలో ఉన్న లలితని ఎగా…దిగా…చూస్తున్నాడు…
ఇంతలో లలిత చూసింది చాలు తోందరగా కానివ్వు…నేను వెళ్ళాలి…
ఇక ఆలస్యం చెయ్యకుండా బట్టలు విప్పేసాడు…
నగ్నంగా ఉండటంతో అది కూడ పగలు కావడంతో గిరి మడ్డ లలితకి క్లియర్ గా కనపడుతుంది…
ఆ మడ్డను చూసి మనసులో బాపురె అనుకుంది…
వెంటనే గిరి మడ్డను నందు, చందు మడ్డలతో పోల్చింది…
ఇద్దరి దానికంటె పోడుగుగా..మరియు…లావుగా ఉంది…కానీ మనిషి చామనచాయి కావడంతో మడ్డ నల్లగా నిగ నిగ లాడుతుంది…
మీదకి వచ్చి సున్నితంగా పెదాలపైన ముద్దు పెట్టాడు
ఆ ముద్దుకి లలిత నోటినుండి చిన్న మూలుగు వచ్చింది
నందు, చందులు ముద్దు పెట్టారు కానీ ఇంత మదురంగా పెట్టలేదు….వీడు తోలిముద్దుతోనే నా మనసును గెలిచాడు
మనిషి కాస్త నల్లగా ఉన్నా ముద్దు మదరంగా ఉందని
తలను పట్టుకుని తను కూడ ముద్దును ఆస్వాదిస్తుంది
ఇద్దరు దాదాపుగా ఐదునిమిషాలు పెట్టుకున్నారు అదికూడ సమయం లేక…
ఆ ముద్దుకే లలితకి పుల్ మూడ్ వచ్చింది…
లలిత మనసు ఇంత వరకు బాదపడింది ఎడ్చింది అన్నీ ఆ ముద్దుతో మాయం అయ్యాయి..ఇద్దరు మొగాళ్ళు తాకినప్పుడు వచ్చిన ఫీలింగ్స్ తో పోల్చుకుంటే గిరి తాకినప్పుడు అవి రెట్టింపుగా కనపడుతున్నాయి..
లలితకి ఏమీ అర్థం కావడం లేదు…వీడి చేతుల్లో ఎదో మాయ ఉంది ….
బుగ్గలపైన, కళ్ళపైన, నుదిటి పైన ఎంతో మదురంగా ముద్దు పెట్టాడు…ముద్దు..మద్దుకి లలిత మనసు పులకిస్తుంది..
నోటిలో మూలుగులు కూడ పెరుగుతున్నాయి..
ఖచ్చితంగా వీడికి ఇది మొదటి అనుబవం అయితే కాదు
ఆడదాన్ని ఎలా మీటాలో , ఎలా రంజింప చెయాలో బాగా తెలిసిన వాడు…ఇలాంటి మొగాడితో సుఖం మదురంగా ఉంటుందని..గిరిపైన తనకి తెలియకుండానే ఇష్టం పెంచుకుంటుంది…
గిరి తలను పట్టుకుని తను తక్కువేమి కాదన్నట్లు…పెదాలపైన కిస్ చేసింది…
ఆ ముద్దుకి కింద మడ్డ మరింత నిగిడి లంగామీదనుండే లోపలికి దూరేలా ఉంది…
లలిత మనసులో ఇలాంటి మగాడితో మనసారా …దెంగిచ్చు కోవాలని ఉంది కానీ సమయం లేదు…ఫ్లీజ గిరి తోందరగా అమ్మ ఎదురుచూస్తుంటుంది..
ఈ ఒక్కసా*రే అన్నావు అది కూడ ఇంత హడావిడిగా జరిగితే సుఖమేమి ఉంటుంది…మనసారా ..ఇష్టంగా జరిగితేనే సుఖం..
నేనేమీ చెయ్యలేను..ఫ్లీజ్ కానివ్వు…
ఇక తప్పదన్నట్లు…లంగాను తీసేసాడు…
మైనం పూసిన అపురూప శిల్పంలా లలిత శరీ*రం మెరుస్తుంది…ఇంతటి అందం నా సోంతం కాబోతోందంటే నమ్మలేకున్నానని…ఆలస్యం చెయ్యకుండా… తొడలు యెడం చేసి మెరుస్తన్న పూకు మీద ముద్దు పెట్టాడు…
లలితకి మనసంతా పులకించిపోతుంది…
తలను గట్టిగా పూకుకి అదిమిపెట్టి ..మూలుగుతంంది..
పెదాలతో సున్నితంగా పూకుపైన రాస్తుంటే ….విరహంతో తల్లడిల్లిపోతుంది..నాలుకతో నాకడం మొదలుపెట్టాడు…
మనసులో అదోరకమైన సంతృప్తి ఎర్పడింది……
వీడు ప్రతిది..ఎంతో సున్నితంగా.. నేర్పరిలా…చేస్తుంటే…
లలితకి గిరి అంటే మనసులో అంతకు అంత ఇష్టం పెరుగుతుంది.. ఇలాంటి మొగాడితో ఒక్కసారే కాదు వందసార్లు సుఖపడిన తప్పలేదు అనిపిస్తుంది లలితకి…
ఆలస్యం చేస్తే గోల చేస్తుందని గిరికి గుర్తోచ్చి..
లేచి….రెండు తోడలసందున కూర్చొని… మడ్డను పూకుపైన తట్టాడు…
లలిత నోటిలో తియ్యని మూలుగుతో…హా….హా….హా….అంటూ సళ్ళని నలుపుకుంటుంది…
మడ్డను పూకుపైన అటు..ఇటు…రాస్తుంటే..
మడ్డ లసాలు..పూకు రసాలతో అక్కడ అంత తడి తడిగా ఉంది…
లలితకి చాలా ఎగ్జైట్మెంటుగా ఉంది…
నందు, చందులు పూకులో మడ్డ పెట్టినప్పుడు కూడ అంత ఎగ్జైట్మెంటు అనిపించలేదు…ఇప్పుడు గిరి మడ్డ పూకులోకి దూరబోతుందని తలుచుకుంటుంటే మనసులో అదో రకమైన ఫీలింగ్ కలుగుతుంది.. దానికి కారణం అంతు చిక్కడం లేదు లలితకి..
గిరి పోజిసన్ చూసుకుని మెళ్ళిగా పూకులోకి మడ్డను తోస్తుంటే…మెత్తని బోప్పాయి పండులోకి పదునైన కత్తి దిగినట్లు మెళ్ళగా పూకులోకి దిగుతుంది గిరి మడ్డ..
కత్తి దిగినప్పుడు పండులోని రసాలు బయటికి వచ్చినట్టు..
మడ్డ , పూకులోకి దిగుతున్నప్పుడు పూకునిండి రసాలు అలా వస్తున్నాయి…
పూకులోకి మడ్డ దిగుతుంటే మడ్డ కాస్త లావుగా ఉండటంతో పూకు అంచులకి తాకుతూ వెల్తుంది.. కాస్త నోప్పిగా కూడ అనిపించింది. కానీ ఆ సుఖంలో నోప్పి పెద్దగా అనిపించడం లేదు లలితకి …మూలుగులు ఎక్కువవుతున్నాయి… హా……హా…..హా…..హా….హా….
స్…….స్…..స్…..స్…..స్…….స్……
హా……హా…..హా…..హా….హా….
స్…….స్…..స్…..స్…..స్…….స్……
హా……హా…..హా…..హా….హా….
స్…….స్…..స్…..స్…..స్…….స్……అంటూ పరవశించిపోతుంది…
పూకులోకి మొత్తం మడ్డను దూర్చాడు….

మడ్డ ఎక్కడో తగిలి కొత్త రకమైన ఫీలింగ్ కలిగింది..
అలాగే మీద పడుకొని పెదాలపైన చిన్నగా ముద్దు పెట్టి
సళ్ళని చేతులతో నలుపుతూ… దెంగడం స్టార్ట్ చేసాడు..
చేతులు గిరి వీపుపైన వేసి వేళ్ళతో సుతారంగా రాస్తూ… ఎంతో ఇష్టంగా దెంగించుకుంటుంది లలిత…
చిన్నగా మొదలుపెట్టి పోటు పోటుకు స్పీడ్ పెంచుతున్నాడు..
లలితకి లోపల నర్రాలన్ని కదిలిపోతున్నాయి….
ఇంత హాడవిడిలో కూడ వీడు ఇంత సుఖాన్ని ఇస్తున్నాడు…
వీడితో వందసార్లే కాదు జీవితాంతం దెంగించుకోవచ్చు…
ఆడదాన్ని ఎలా సుఖపెట్టాలో తెలిసిన సుఖపురుషుడు…అనుకుంది మనసులో
గిరి పోటు పోటుకు స్పీడు పెంచుతున్నాడు..
లలితకి మూలుగులు ఆగడం లేదు..వీపున చేతులతో గట్టిగా బిగించి దెంగించుకుంటుంది…
గిరి దెంగుడుకి ఇప్పటికే లలిత ఆరు..ఏడు సార్లో కార్చుకుంది…అయినా ఇంకా దెంగిచుకోవాలనే కోరిక ఆగడం లేదు…….మూలుగులుతో రూము మొత్తం మారుమోగుతుంది…
గిరికి చివరికి వచ్చి ఇంకా స్పీడుగా దరువేస్తున్నాడు…
గట్టిగా ఒక ఇరవై పోట్లు పోడిచి లలితని గట్టిగా కర్చుకుని పూకునిండా కార్చాడు….లలిత కూడ సంతృప్తిగా పదోసారి కార్చుకుంది…
ఇద్దరు ఏమి మాట్లాకుండా… సైలెంటుగా పడుకున్నారు…
ఇద్దరి రసాలు పూకునిండి కారుతు తోడల వరకు వచ్చాయి
లలితకి చల్లగా అనిపించి గిరి లేవమని బాత్రూమ్ ఎక్కడ ఉందో అడిగి కడుకోచ్చుకుంది…
మంచం పక్కనే గిరి, లలిత బట్టలు కలిసి పడిఉన్నియి…
తన బట్టలు తీసుకుని కట్టుకుంటుంది…గిరి కూడ బట్టలు వేసుకుంటున్నాడు…ఇద్ధరి కళ్ళలో ఎంతో సంతృప్తి పడ్డామన్నా కళ కళపడుతుంది కానీ ఇద్దరు ఏమీ మాట్లాడకుండా బట్టలు వేసుకుంటున్నారు ఇద్దరి మధ్యలో మౌనం రాజ్యమేలుతుంది…
లలిత అంతా సరిచేసుకుని…వెల్తుంటే…
లలితా అని పిలిచాడు…. వెనక్కి తిరిగి చూసి ఏమిటి అన్నట్లు సైగ చేసింది…
నాతో సుఖం ఎలా ఉంది..ఆ యాస బాషతో వాడు అలా అడిగే సరికి లలితకి నవ్వోచ్చింది కానీ నవ్వును మనసులో ఆపుకుని …పెదాలపైనుండి చిరునవ్వు విసిరింది…
దానితో గిరికి అర్థం అయింది…
హాడావిడిలో ఎదో అలా జరిగింది… మళ్ళి ఒకసారి ఎప్పుడైన చాన్స్ ఫ్లీజ్…
లలిత నవ్వుతూ వెళ్ళిపోతుంటే…
సమాదానం చెప్పి వెళ్ళచుగా….
లలిత దగ్గరకు వచ్చి గిరిని గట్టిగా కౌగలించుకోని పెదాలపైన ముద్దు పెట్టి
తాలం తియ్యమని చెప్పింది
గిరి ఆశ్చర్యంగా చూస్తూ వెళ్లి తాళం తీసాడు…
కానీ…గిరికి అర్థం కావడం లేదు లలిత సమాధానం..
వెళ్ళిపోతున్నా లలితని తలుపు దగ్గర ఉన్న గిరి చేతులు అడ్డం పెట్టి నీ సమాధానం నాకు అర్థం కాలేదు లలిత.. అన్నాడు…
మళ్ళి వాకిట్లోనే.కౌగిలించుకుని ముద్దు పెట్టి

ఇంతకంటే నేను చెప్పలేను బాబు…నువ్వే అర్థం చేసుకో అంటూ వేళ్ళపోయింది

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