indian sex stories – | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Sat, 11 May 2019 08:33:04 +0000 en-GB hourly 1 /> अपनी फ्रेंड की पति के साथ चुदाई – Apni Friend Ki Pati Ke Saath Chudai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/apni-friend-ki-pati-ke-saath-chudai/ Sat, 11 May 2019 08:33:04 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5477 [...]]]> लंड और चूत की फिर एक नयी कहानी के साथ मैं आपको बताने जा रहा हूँ एक सच्ची कहानी जो जीजू साली के बिच बानी प्यार भरी चुदाई। बचपन की फ्रेंड के पति से चुद गयी इसी रसेली चूत की कहानी का मजा लीजिये ।
में इससे पहले सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानता समझता था और अब आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ और पूरी विस्तार से आप लोगो को सुनाता हूँ। दोस्तों यह बात तब की है जब में अपने स्कूल के आखरी साल में था, वैसे में एक मराठी परिवार से हूँ तो इसलिए में थोड़ा शर्मीले स्वभाव का बंदा हूँ और इसलिए में अपने स्कूल में किसी के ज्यादा करीब नहीं था,
लेकिन मेरे बहुत सारे दोस्त जरुर थे और मेरे स्कूल के आखरी साल तक मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड भी नहीं थी, लेकिन वहां पर बहुत सारी लड़कियाँ सुंदर थी। फिर भी में उन पर ना जाने क्यों ज्यादा ध्यान नहीं देता था।

अब ऐसे ही दिन निकलते गये और एक दिन स्कूल प्रॉजेक्ट के पीरियड में मेरी मुलाकात श्रुति से हुई। में उसे बहुत पहले से जानता था और वो उस दिन के बाद से मेरी बहुत कम समय में एक अच्छी दोस्त बन गई में उसको अब मन ही मन चाहने लगा था। फिर कुछ दिन उससे हाए हैल्लो करने के बाद फिर मैंने एक दिन मन में सोचा कि बस अब बहुत हो गया अब मुझे कैसे भी करके इसकी चुदाई जरुर करनी है। दोस्तों वैसे वो बहुत खुली हुई अच्छे विचार की बहुत सुंदर समझदार लड़की थी, उसकी एक दोस्त थी जिसका नाम प्रीति था और मैंने सोचा कि अगर श्रुति को पटाना है तो मुझे उसकी दोस्त प्रीति को भी पटाना पड़ेगा। फिर यह बात सोचकर मैंने दूसरे दिन से ही उससे बात, हंसी मजाक करना शुरू कर दिया। दोस्तों प्रीति दिखने में थोड़ी देसी टाईप की लड़की थी। उसका गोरा रंग, बड़ी बड़ी सुंदर आखें और बदन का हर एक अंग भी ठीकठाक था प्रीति भी अब मुझसे बहुत खुलकर बातें करने लगी थी और कुछ दिन एक दूसरे से बात करने बाद हम तीनों ने अपने मोबाईल नंबर एक दूसरे को दे दिए और अब हमने मैसेज करने भी शुरू कर दिए थे और दिन रात हम तीनों चेट करने लगे। तभी प्रीति ने मेरी इस बात का भी अंदाजा लगा लिया कि मेरा झुकाव श्रुति की तरफ कुछ ज्यादा था और में उससे कुछ ज्यादा ही बातें हंसी मजाक किया करता था, मुझे उसके साथ अपना समय गुजारना बहुत अच्छा लगता था और उसको देखकर मेरा चेहरा ख़ुशी से चमक उठता था और वैसे दोस्तों उसका यह सब सोचना समझना एकदम सही था। एक दिन उसने मुझसे इस बारे में पूछ ही लिया और फिर मैंने कहा कि हाँ में उसको बहुत ज्यादा प्यार करने लगा हूँ और वो मुझे बहुत अच्छी लगती है तभी वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर हंसने लगी और फिर मैंने भी उस अच्छे मौके का फायदा उठाते हुए तुरंत उससे पूछा कि क्या तुम मेरी कुछ मदद करोगी? तो उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि हाँ क्यों नहीं? मुझे तो इसमे बहुत खुशी होगी में भी यही सब चाहती हूँ तुम दोनों की जोड़ी बहुत अच्छी लगेगी। फिर हम दोनों आगे के काम का विचार करने लगे कि कैसे हम श्रुति को मेरे मन की बात के बारे में बताए? उन दिनों में प्रीति से बहुत ज्यादा चेट करने लगा था, लेकिन हमारे साथ ज्यादातर श्रुति भी होती हम दोनों थोड़े चुटकुले, शरारती मैसेज इधर उधर करने लगे थे। एक रात अचानक प्रीति ने मुझसे पूछा कि क्या तूने कभी किसी को किस किया है? मैंने कहा कि हाँ लेकिन वो बहुत समय पहले की बात है मुझे ज्यादा ठीक से याद नहीं आ रही है। फिर मैंने भी उससे यही सवाल पूछा तो उसने भी कहा कि हाँ एक बार किया है और फिर मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि कब ऐसे ही धीरे धीरे हमारे किस करने की बातें सेक्स चेट तक पहुंच गयी? क्योंकि में प्रीति के साथ एक अच्छे दोस्त होने के अलावा और कोई भी दूसरा रिश्ता नहीं बनाना चाहता था। फिर वो श्रुति को पटाने में मेरी पूरी पूरी मदद कर रही थी इसलिए में उसे नकार नहीं कर सकता था। में अक्सर उसके घर पर जाता रहता था और वो भी कभी कभी मेरे घर पर आती थी। स्कूल से निकलने के बाद में तुरंत उसके घर पर जाकर थोड़ा समय उसके पास रहता था और ऐसे ही एक दिन हम दोनों उसके घर पर बैठे हुए थे। तभी अचानक से उसने मुझसे पूछा कि क्या तुझे श्रुति को किस करना है?

दोस्तों हम दोनों ने इससे पहले कभी भी एक दूसरे के पास बैठकर ऐसी बातें नहीं की थी। हमने फोन पर थोड़ी बहुत हंसी मजाक की बातें जरुर की थी। फिर मैंने थोड़ा सोचकर, घबराकर उससे कहा कि हाँ मुझे उसे किस करना है। तो वो मुस्कुराते हुए मुझसे बोली कि हाँ ठीक है मुझे अब ज्यादा देर नहीं रुकना था में करीब दस मिनट में अपने घर के निकल रहा था कि तभी वो अचानक मेरे सामने आ गई और उसने मुझे ज़ोर से हग किया मुझे लगा कि यह ऐसे ही होगा और अब मेरा एक हाथ उसके बालों में था दूसरा उसकी कमर पर। फिर करीब दो मिनट तक हम दोनों वैसे ही एक दूसरे की बाहों में थे। फिर मैंने उसे अपने से अलग किया तो देखा कि वो बहुत शरमा रही थी, मैंने कहा कि हाँ सब ठीक है प्रीति तुम मेरी बहुत अच्छी दोस्त हो, लेकिन दोस्तों पता नहीं उसे उस समय ऐसा क्या हुआ? अब उसने मुझे किस किया और में एकदम चकित हो गया वो अपनी आखें बंद करके मुझे किस कर रही थी, लेकिन में उसका बिल्कुल भी साथ नहीं दे रहा था, बस कुछ सेकेण्ड बाद उसने अपनी आँखे खोलकर मेरी तरफ देखा और वो फिर से मुझे किस करने लगी। वो अब मेरे होंठो को चूसने लगी थी और मैंने महसूस किया कि उसके होंठ बहुत मुलायम और किसी फल की तरह बहुत स्वादिष्ट थे। धीरे धीरे मेरे होंठ भी अब मेरे बस से बाहर हो गये और अब में भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगा था। दोस्तों हमारा यह चूमना चाटना करीब बीस मिनट तक चला और फिर हम अलग हुए और उसने अपनी आखें बिना खोले मुझे हग किया और मैंने देखा कि उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान थी। वो बहुत शरमा भी रही थी और मैंने उसे अपनी बाहों में ही रहने दिया और कुछ देर बाद उसने अपनी आखें खोली और मुझसे कहा कि एलेक्स में सही में बहुत समय से तुम्हे छूकर महसूस करना चाहती थी। अब में बस उसके शब्दों को सुनकर अब उसे देखता ही रह गया। मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वो मुझसे यह सब क्या कह रही है या में गलत तो नहीं सुन रहा हूँ। फिर वो मेरे हाथ पकड़कर मुझे अपने बेडरूम तक ले गयी, हम दोनों बेड पर बैठ गये वो अब बहुत शरमा रही थी, लेकिन मैंने उसकी आखों में उसके मन की बात को पढ़ लिया था और अब समझ चुका था कि वो मुझसे अब क्या क्या चाहती है? तो मैंने अपने हाथ से उसे अपनी तरफ पकड़कर खींचा और वो मुझसे चिपककर बैठ गयी। अब मेरा एक हाथ उसकी छाती पर था और उसके बूब्स बहुत ही मुलायम थे। में अब धीरे धीरे उसकी कमर को सहलाने लगा जिसकी वजह से वो अब जोश में आने लगी। अब मैंने उसे बेड पर सीधा लेटा दिया और खुद भी उसके पास में लेट गया और उसे देख रहा था। अब मैंने उसे उसकी गर्दन, गालों और माथे पर किस करना शुरू किया वो अब बहुत बैचेन सी हो रही थी और मेरी हालत भी कुछ वैसे ही थी। हम दोनों एक बार फिर से किस करने लगे। हम बहुत लम्बे लम्बे किस कर रहे थे और किस करते करते में उसके पेट, कमर और छाती पर हाथ घुमाने लगा था।

फिर मैंने उसके बूब्स को दबाने शुरू किए, वाह इतने मुलायम और बड़े आकार के थे। मुझे उन्हें छूकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। अब में उसकी गर्दन पर और उसकी छाती पर किस करने लगा। मैंने उसके होंठो पर हल्के से काटा और वो हल्का सा मोन करने लगी। उसकी वो प्यारी सी सुरीली आवाज उसके मुलायम होंठ सेक्सी बदन और उसकी मेरी तरफ़ देखती हुई वो गोल गोल आँखे मुझे बहुत रोमॅंटिक लग रही थी। में उसके ऊपर था और उसे चूम रहा था, उसे धीरे धीरे सहला रहा था और वो मेरे साथ बहुत खुश थी और में भी। फिर अचानक से उसने मुझे धीरे से धक्का दे दिया और वो तुरंत मेरे ऊपर आ गई और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी, काटने लगी आह्ह्ह्हहा उसने अब मेरी शर्ट को उतार दिया और अब वो मेरी छाती पर हल्के हल्के किस करने लगी जिसकी वजह से में बहुत अच्छा महसूस कर रहा था। अब उसने अपनी जांघ से मेरे खड़े लंड को छूकर महसूस किया और फिर उसने मेरे लंड को धीरे से दबा दिया। में बता नहीं सकता कि में उस समय क्या महसूस कर रहा था? मुझे कितना मज़ा आ रहा था। वो झट से बेड पर ही खड़ी हो गई और उसने अपनी स्कर्ट और टॉप को उतार दिया।

फिर मैंने देखा कि उसने काले कलर की पेंटी पहनी हुई है। मैंने उससे कहा कि वाह तुम्हारी पेंटी इस गोरे गोरे बदन पर बहुत चमक रही है वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर मुस्कुराने लगी और फिर से मुझ पर लेट गयी और मेरे लंड को दबाने लगी। वो इतनी सुंदर लग रही थी कि में आपको बता नहीं सकता। उस बेड पर में और वो एक दूसरे को किस कर रहे थे और वो मेरे लंड को धीरे धीरे सहला रही थी और फिर दूसरे ही पल वो मेरी बेल्ट और पेंट को खोलने लगी। में देख रहा था कि वो उस समय बहुत जोश में थी। उसने मेरी पेंट को थोड़ा नीचे सरका दिया और मेरे लंड को मेरी अंडरवियर के ऊपर से ही चूमने लगी अयाया हह आआअहह और हल्के से काटने लगी। अब मैंने उसे ऊपर बुलाया और उसे किस करने लगा। मैंने उसकी ब्रा को हल्के से निकाल दिया और उसके गोल मुलायम और गोरे गोरे बूब्स अब मेरी आँखो के सामने थे। में उन्हे किस करने लगा और बूब्स को दबाने लगा। तभी उसने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया और उसने ज़ोर से मोन करना शुरू कर दिया आआहह उफ्फ्फफ्फ् सस्सईईईइ। फिर में उसके मुलायम बूब्स को बहुत समय तक दबाता रहा, किस करता रहा। फिर मैंने उससे कहा कि में अब तुम्हारी चूत को भी एक बार देखना चाहता हूँ। तो वो मुझसे कहने लगी कि हाँ देख लो बेबी, यह सब कुछ तुम्हारा ही है। बस फिर मैंने जल्दी से उसे मेरे नीचे लेटा दिया और उसकी पेंटी को धीरे धीरे नीचे सरकाने लगा और उसकी पेंटी को उसके पैरों तक सरका दिया।

दोस्तों में आज पहली बार किसी की चूत को देख रहा था। में अब उसकी चूत को आखें फाड़ फाड़कर देखने लगा। उसकी चूत बहुत गुलाबी बिल्कुल मासूम छोटी सी थी। फिर मैंने उसको छूकर महसूस किया और उसकी चूत बहुत ही मुलायम थी। फिर वो हंसने लगी और मैंने धीरे धीरे उसकी चूत को सहलाना शुरू किया तो वो सिसकियाँ लेने लगी और तड़पने लगी, वो अब तक वर्जिन थी। फिर में उसकी चूत को अपनी ऊँगली से घिसकर गरम करता रहा और उसके बाद मैंने अपनी एक ऊँगली से उसकी चूत की चुदाई करनी शुरू की। में अपनी ऊँगली को अंदर बाहर कर रहा था और वो ज़ोर ज़ोर से आआहह आईईईईई करके साँसे लेने लगी। फिर मैंने देखा कि उसकी चूत अंदर से बहुत लाल रंग की थी और मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट भी थी मैंने अब उसकी चूत को चूसने का निर्णय ले लिया। बस अब मैंने अपने होंठो को उसकी जांघो पर रख दिया और किस करने लगा। उसकी चूत पर अपनी जीभ को फेरने लगा और मैंने अपने हाथों से उसकी चूत को फैला दिया और फिर अपनी जीभ से उसके अंदर तक चाटने लगा जिसकी वजह से वो जोश में आकर मेरे बाल सहलाने लगी और सिसकियाँ लेते हुए मेरा नाम लेने लगी। में उसे लगातार लीक करता गया आहहह उफ्फ्फ्फ़ करीब तीन चार मिनट के बाद उसने मुझे बहुत टाईट पकड़ लिया और अब मैंने महसूस किया कि उसका रस निकलने लगा था।

दोस्तों मैंने महसूस किया कि उसकी चूत हल्का हल्का कम्पन कर रही थी, वो बहुत ज़ोर से हिलने लगी थी और अब उसने मुझे फिर से चूसने को कहा। फिर कुछ देर बाद वो शांत हो गई और शायद वो अब झड़ चुकी थी में उसके पास में आकर लेट गया। वो अब मुझे लगातार पागलों की तरह किस करने लगी और वो अपने चेहरे से बहुत खुश और संतुष्ट नजर आ रही थी। मेरा लंड अभी भी मेरी अंडरवियर में फड़फड़ा रहा था बाहर आने को बैचेन सा नजर आ रहा था। तो वो मेरे पूरे शरीर पर किस करते करते अब मेरे लंड तक पहुंच गयी और अब उसने मेरी अंडरवियर के अंदर टेंट बने मेरे लंड को देख लिया और उसने तुरंत मेरी अंडरवियर को नीचे किया और मेरे लंड को उससे आजाद किया। मेरे लंड का साईज़ 5.5 इंच है और वो बहुत समय तक उसे लगातार घूर घूरकर देखती रही। फिर उसने मेरी आँखो में देखा। मुझे उसकी आखों में तड़प नजर आ रही थी और अब वो धीरे धीरे लंड को हिलाने लगी और मेरे आंड को हल्के से दबाने लगी। में उसकी वजह से बहुत अच्छा महसूस करने लगा था और वो ज़ोर ज़ोर से मोनिंग करने लगी आह्ह्ह्हह उउउहह उसका मोन करना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। अब उसने मेरे लंड को इतना ज़ोर से लगातार हिलाया कि उसकी वजह से बस अब मेरा काम निकलने ही वाला था, फिर वो थोड़ी देर रुक गई और मेरे ऊपर आकर एक बार फिर से मुझे किस करने लगी। फिर में भी उसे पागलों की तरह किस करने लगा और हम दोनों का यह सेक्स अनुभव पहला अनुभव था। फिर मैंने उसे 69 पोजीशन के बारे में कहा और वो मेरी बात को बहुत जल्दी मान गई। में बेड पर सीधा लेट गया वो उल्टी तरफ से मेरे ऊपर आ गई और अब वो मेरी आँखो के सामने उसकी मस्त गांड को हिलाते हिलाते अपनी चूत को मेरे मुहं की तरफ सेट करके बैठ गयी। फिर उसने धीरे से मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा और उसके टोपे पर अपने नाजुक गुलाबी होंठो से किस किया, वाह मज़ा आ गया, मेरे पूरे शरीर में कोई करंट सा दौड़ने लगा। फिर उसने उसे धीरे धीरे अपने मुहं में लेकर चूसना सहलाना शुरू किया, वो लोलीपोप की तरह मेरे लंड को जबरदस्ती मुहं के अंदर बाहर करके चूसने लगी थी आअहह आहह उफफ्फ्फ्फ़ ऐसा करते करते उसने मेरा पूरा लंड अपने मुहं में ले लिया।

दोस्तों अब मुझे अपने लंड पर उसके मुहं की गरमी महसूस होने लगी थी और उसने उसे लगातार अंदर बाहर करना शुरू किया। में भी जोश में आकर उसकी चूत को चाटने लगा था और वो अब अपना पूरा दम लगाकर अपनी चूत को मेरे मुहं पर दबाने लगी थी। में अब जन्नत की सैर करने लगा था और वो बहुत हल्की आवाज से मोन करते हुए सकिंग करने लगी थी और उसका ऐसा करना मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था। करीब 5-6 मिनट बाद मैंने उससे कहा कि बेबी में अब झड़ने वाला हूँ और तुम बताओ अब में क्या करूं? तो वो बोली कि में तुम्हारा वीर्य चखकर इसका भी मज़ा लेना चाहती हूँ और वो अब ज़ोर ज़ोर से मेरा लंड हिलाने लगी और सक करने लगी। फिर करीब पांच सेकेंड्स बाद मेरे लंड ने अपना माल छोड़ना शुरू किया और मैंने उसकी चूत को चाटते चाटते उसके मुहं को अपने वीर्य से पूरा भर दिया। फिर उसने कुछ और देर तक मेरे लंड को सक किया और लंड को चाट चाटकर चमका दिया अब वो तुरंत मेरे ऊपर लेटकर मुझे किस करने लगी। फिर मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ रखा था उसे किस किया और दो मिनट बाद मैंने उसे अपनी बाहों में लेटाकर उसकी चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया और वो अपनी दोनों आँखे बंद करके मोनिंग करने लगी, हाँ बेबी और अंदर दो उफ्फ्फ दो आईईईइ थोड़ा और अंदर धीरे धीरे चिल्लाने लगी। में उसे किस करते करते उसकी चूत में ऊँगली करता रहा, लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी और मुझे चूत के अंदर ऊँगली डालने में बहुत मेहनत करनी पड़ी क्योंकि वो अब तक वर्जिन थी और आज पहली बार मुझसे चुदने को तैयार थी। फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी दूसरी ऊँगली को भी उसकी चूत में डाल दिया और उसने उस दर्द की वजह से अपनी आखों को ज़ोर से बंद कर लिया और मोनिंग करने लगी आआअहह उफफ्फ्फ्फ़ मेरी दोनों उँगलियाँ उसकी चूत में आधी गहराई तक पहुंच गई। तभी अचानक से वो चिल्लाई आआह्ह्ह्ह फिर मैंने नीचे देखा तो मेरे हाथ पर खून था, शायद उसकी चूत की सील टूट चुकी थी और मैंने उसे और किस किया, फिर उसके बूब्स को दबाने लगा तो मैंने अब उससे कहा कि बेबी अब में तुम्हे चोदना चाहता हूँ, तो वो कहने लगी कि जान में तो कब से तुमसे चुदने के लिए तैयार हूँ, आज में बस तुम्हारी ही हूँ और तुम जैसे चाहो वैसे मुझे चोद सकते हो और फिर उसने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी चूत को मेरे लंड पर ऊपर नीचे करके घिसने लगी। अब मैंने उसकी उस प्यासी चूत को गौर से देखा तो वो मुझे बहुत कामुक लग रही थी और वो अपनी चुदाई करवाने के लिए बहुत तड़पने लगी थी। उसने अब मेरे लंड को थोड़ा सा हिलाकर किस किया और उसे वापस खड़ा कर दिया। फिर में बेड पर बैठ गया।

फिर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया, जिसकी वजह से उसकी चूत अब मेरे सामने पूरी खुली हुई थी। मैंने अब अपने लंड को उसकी चूत पर घिसना शुरू किया तो वो अपनी आँख बंद करके बेड शीट को अपने हाथों से जकड़े हुई थी। फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और उसकी चूत के होंठो को फैलाया और हल्के से सहलाने लगा। अब उसकी साँसे अब ऊपर नीचे होने लगी थी उहहहह उईईईईइ आह्ह्ह्हह् वो अपने एक हाथ से अपनी चूत को फैलाने लगी और दूसरे हाथ से अपने बूब्स को दबाने लगी मैंने और थोड़ा दबाव दिया तो धीरे धीरे मैंने दबाते हुए अपने लंड के टोपे को उसकी चूत में डाल दिया और रुक गया और वो ज़ोर से चीखने लगी आआअहह। फिर मैंने धीरे धीरे उसे धक्के देने शुरू किए। अब उसकी चूत बहुत खुली खुली और लाल हो गयी थी वो ज़ोर से चिल्लाने लगी आआहह ऊउईईईईइ माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो स्सीईईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज मुझ पर थोड़ा सा रहम करो उफफ्फ्फ्फ़ माँ में मरी।

फिर मैंने अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया और कुछ देर रुककर उसके दर्द के कम होने का इंतजार करने लगा। जब मुझे दर्द कम लगा तो मैंने सही मौका देखकर एक जोरदार धक्का दे दिया जिसकी वजह से मेरा आधे से थोड़ा ज्यादा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ गहराईयों में चला गया और वो उस दर्द से तड़पने मचलने लगी। तभी उसने मुझे रुकने के लिए कहा तो मैंने तुरंत रुककर उसे किस किया और उसकी आँखे अब आंसू से भर गयी थी। उसके पूरे चेहरे पर बहुत पसीना था और वो बहुत दर्द में लग रही थी। फिर भी उसने कुछ देर बाद स्माइल देते हुए कहा कि हाँ चोदो बेबी मुझे आह्ह्ह्हह्ह। अब मैंने एक बार फिर से धक्के लगाना शुरू किया और कुछ देर तक उसे चोदने लगा और वो मोन करने लगी आहाआ उफ्फ्फ्फ़ आईईइ। फिर कुछ देर बाद अब वो मुझे थोड़ी ठीक सी लगने लगी थी कि तभी मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया। वो उस असहनीय दर्द से छटपटाने लगी और मुझे अपने से दूर धकेलने लगी। अब मैंने थोड़ा रुककर उसे किस किया और धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा। मेरे हर एक धक्के के साथ वो आहे भरने लगी थी आईई सीईईईइ अह्ह्ह्हहह और अब उसने मुझे मेरी धक्कों की स्पीड को बढ़ाने को कहा और में अब उस पर पूरी तरह से लेटकर नीचे से धक्के देने लगा और उसे अच्छे से चोदने लगा। उसके बूब्स को दबाते हुए काटने लगा और उसकी आखें बंद थी और हाथ मेरे बालों में थे और में उसके बूब्स पर किस करते करते उसे हल्के हल्के धक्के देकर चोद रहा था और वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी। में अब धीरे धीरे अपनी स्पीड को बढ़ाता चला गया और बढ़ाता ही गया। वो मछली की तरह मेरे हर एक धक्के से छटपटाने लगी और मोनिंग करने लगी और मेरा नाम लेने लगी, जिसकी वजह से मेरा भी जोश अब बहुत बढ़ गया था और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। दोस्तों उसका वो मुलायम शरीर और उस पर उसके वो मुलायम बूब्स से में बहुत जोश में आ गया था और उसके बूब्स का आकार थोड़ा छोटा जरुर था, लेकिन बूब्स बहुत कसे हुए थे, क्योंकि वो उसकी चढती जवानी थी और वो चुदाई हम दोनों की पहली चुदाई थी। में उसे बहुत अच्छे से चोद रहा था और कुछ धक्के देने के बाद मुझे पता था कि मेरा वीर्य निकलने वाला है इसलिए मैंने उससे कहा तो वो बोली कि में तो कब से तुम्हारे काम को अपनी प्यासी चूत में लेकर महसूस करना चाहती हूँ और अपनी चूत को इससे शांत करना चाहती हूँ। तुम जल्दी से अपना पूरा माल अंदर ही डाल दो। फिर बस कुछ ही देर धक्के देने के बाद मैंने भी उसकी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया और वो अपने चेहरे से मुझे एकदम त्रप्त नजर आ रही थी। अब हम दोनों एक दूसरे से लिपटकर किस करने लगे और कुछ देर वैसे ही रहे। में उसे बहुत ज्यादा पागलों की तरह किस कर रहा था और उसने मुझे हग किया और उस बेड पर हम दोनों एक दूसरे की बाहों में बाहें डालकर लेटे रहे और ना जाने कब सो गये ।

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पड़ोसन कुंवारी लड़की के घर में चुदाई – Padosan Kunwari Ladki Ke Ghar Me Chudai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/padosan-kunwari-ladki-ke-ghar-me-chudai/ Mon, 06 May 2019 15:29:14 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5451 [...]]]> दिली से मैं बिनोद आपको मेरे ये कहानी पे स्वागत करता हूँ । कहानी मेरे पड़ोसन के साथ बानी एक यादगार चुदाई का । जो मुझे बहत मजा दिया था उसकी मुलायम चूत पे अपना कड़ी लंड घुसा के मैं खूब चोदा था । उसका नाम वन्दना है। दोस्तों मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता था और जब भी में अपनी पड़ोसन को देखता उसी के बारे में सोचने लगता और कई बार उसके बारे में सोचकर मुठ भी मार चुका था क्योंकि वो थी ही इतनी सेक्सी और उसका वो गदराया हुआ बदन मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगा था। उसका वो मस्त फिगर, पतली कमर और मस्त गांड मुझे अब बहुत अच्छी लगने लगी थी। मैंने बहुत बार उससे अपने मन की बात को कहना चाहा,
लेकिन में ना जाने क्यों उससे कह ना सका और वो भी जब भी मुझे देखती थी तो स्माइल देने लगी थी और अब में अपनी उस घटना पर आता हूँ और आपको वो चुदाई की घटना पूरी विस्तार से सुनाता हूँ।

दोस्तों यह कहानी आज से दो साल पहले की है और दोस्तो में आपको अपने बारे में भी बता देता हूँ कि में बीसीए में एक कॉलेज का स्टूडेंट हूँ और मेरी हाईट 5।7 है और वन्दना की हाईट 5।3 है, वो दिखने में एकदम एक सेक्स बॉम्ब है। उसको पहली बार में देखकर हर किसी का लॅंड सालामी देने लगता था, वो जब से 12th क्लास में थी तो में उसको तब से मन ही मन बहुत प्यार करने लगा था और जबसे वो हमारे पड़ोस में रहने के लिए आई थी उसका हमारे घर पर आना जाना लगा रहता था और में भी कभी कभी किसी ना किसी बहाने से उसके घर पर चला जाता था और उसे एक बार देखकर चला आता और वो भी मेरा उसके घर पर आने का मतलब समझने लगी थी कि में क्यों बार बार उसके घर पर आता जाता रहता हूँ। एक दिन उसकी मम्मी हमारे घर पर आई और उन्होंने मुझसे कहा कि वंदना के लेपटॉप में कुछ समस्या आ गई है, तुम घर पर चलकर ज़रा उसे देख लेना।

फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है आंटी जी में आज शाम को आपके घर पर आ जाऊंगा और आपको लेपटॉप की समस्या के बारे में बता दूंगा। आंटी मुझसे बोली कि ठीक है और अब उनके चले जाने के बाद में मन ही मन बहुत खुश हुआ और भगवान को मन ही मन धन्यवाद देने लगा। फिर में शाम को उनके घर पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि आंटी और वंदना दोनों टीवी देख रहे थे, तब आंटी ने मुझसे बैठने के लिए कहा और में वहीं पर सोफे पर बैठ गया। अब तुरंत वन्दना अपनी जगह से उठी और वो मेरे लिए पानी लेकर आ गई, वो जब मुझे पानी देने के लिए मेरे सामने आकर झुकी तो उसके वो बड़े ही सुंदर बूब्स मुझे साफ साफ दिखाई देने लगे। फिर में कुछ देर बूब्स को बिना पलके झपकाए एक टक नजर से देखने लगा और उसकी भी नजरे ठीक मेरी नजर के ऊपर थी तो में कुछ देर उसके बूब्स को देखकर अपनी नजर उस पर से हटाकर उसकी तरफ देखकर बोला कि कहाँ है लेपटॉप? तब आंटी उससे बोली कि तुम इसे अपने रूम में ले जाओ और अपना लेपटॉप अच्छी तरह से दिखा दो और तुम्हे जो भी समस्या हो वो भी बता देना। फिर वो मुझे अब अपने रूम में ले गई और फिर उसने अपना लेपटॉप निकाला और मुझे देते हुए उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि यह अभी कुछ दिनों से बड़ा ही धीरे चल रहा है। फिर मैंने कहा कि ठीक है और में अब उसका लेपटॉप चेक करने लगा, वो रूम से बाहर चली गई। फिर मैंने लेपटॉप की कुछ इंटरनेट फाइल्स को खोलकर देखा और मैंने उसमे पाया कि वो सभी फाइल्स पॉर्न साइट्स से भारी पड़ी है और थोड़ी देर में वो वापस आ गई और मुझसे पूछने लगी कि क्या समस्या है? तो मैंने कहा कि इसमे बहुत सारे वाइरस है तो वो कहने लगी कि अब क्या होगा? मैंने कहा कि कोई बात नहीं इसमे मुझे एक एंटीवायरस डालना पड़ेगा। फिर वो मुझसे बोली कि डाल दो तो मैंने उससे कहा कि मेरे पास इस समय कोई एंटीवायरस सीडी नहीं है और फिर मैंने उससे कहा कि में कल आकर डाल दूँगा। फिर उसने कहा कि ठीक है और तभी में रूम से उठकर बाहर आ गया और आंटी मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और में चाय पीने लगा, तभी मैंने आंटी को फोन पर किसी से बात करते हुए सुना कि वो कल कहीं बाहर जा रही है और मुझे उनकी बातों से पता चला कि सिर्फ़ आंटी और अंकल ही चार पांच दिनों के लिए कहीं बाहर जा रहे है।

अब मैंने अपनी चाय ख़त्म की और में अपने घर की और जाने लगा, तभी आंटी ने मुझसे पूछा कि क्यों बेटा लेपटॉप ठीक हो गया? तो मैंने कहा कि जी नहीं आंटी, उन्होंने पूछा कि वो क्यों ठीक नहीं हुआ क्या उसमे कुछ ज्यादा समस्या है? तो मैंने उनको वो सब समस्या जो कुछ देर पहले मैंने उस लेपटॉप के अंदर देखी सब उन्हें बता दी और उनसे कहा कि में कल आ जाऊंगा। फिर उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि ठीक है तुम कल आकर उसे ठीक कर देना और में अब अपने घर पर चला आया और अगले दिन जब में वंदना के घर पर पहुँचा तो मैंने देखा कि वो घर पर बिल्कुल अकेली थी और जब मैंने उससे पूछा तो उसने मुझे बताया कि उसके मम्मी, पापा तीन चार दिन के लिए किसी काम से बाहर गए हुए है। फिर मैंने कहा कि ठीक है और फिर वो मुझे अपने कमरे में ले गयी। मैंने उसके लेपटॉप में एंटीवायरस इनस्टॉल किया और फिर लेपटॉप को स्केन करने लगा, तब मुझे एक अजीब से नाम की फाइल्स दिखी जब मैंने वो फाइल्स को खोलकर देखा तो उसमे सेक्सी फिल्म और कुछ नंगे फोटो थे। में अब उन्हें बहुत देखकर हैरान हो गया क्योंकि मुझे उससे पहले बिल्कुल भी नहीं पता था कि वो भी एसी नंगी फिल्म या फोटो देखती है। तभी अचानक से वो वहां पर आ गई और मुझसे पूछने लगी कि क्यों लेपटॉप ठीक हो गया? तो मैंने तुरंत उन्हें हड़बड़ाहट में बंद कर दिया और कहा कि हाँ यह बिल्कुल ठीक हो गया है, लेकिन शायद वो मेरे चेहरे के उड़े हुए रंग और अचानक आए उस पसीने की वजह को समझ चुकी थी इसलिए वो मुझे अब एक शरारती तरीके से देखने लगी और तब तक मेरे अंदर भी सेक्स की आग अब धीरे धीरे बढ़ने लगी। फिर में वहाँ से उठकर सीधा अपने घर पर चला गया और मैंने तुरंत बाथरूम में जाकर उसके नाम से अपना लंड हिलाकर अपने शरीर की गरमी को बाहर निकालकर अपने लंड को शांत किया और अब में उसकी चुदाई के बारे में सोचने लगा कि में अब कैसे उसे चोद सकता हूँ यह विचार बार बार मेरे मन में आने लगे। फिर उसी शाम को उसकी माँ का मेरे पास फोन आया और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम वंदना को रात में अपने घर पर बुला लेना क्योंकि वो आज अकेली है और फिर मैंने इस बात को अपनी माँ को बता दिया और मेरी माँ ने कहा कि ठीक है। फिर उसके कुछ देर बाद में मेरी माँ ने मुझे बुलाया और मुझसे कहा कि तुम वंदना को बुला लाओ, वो आज हमारे घर पर रहगी। फिर में वंदना के घर पर चला गया और जब में वहाँ पर पहुँचा तो मैंने दरवाजा खटखटाया और अंदर से एक आवाज़ आई कौन है दरवाजा खुला है अंदर चले आओ और जब में अंदर गया तो मैंने देखा कि वंदना उस समय टीवी देख रही थी, उसने एक पतला सा गाऊन पहना हुआ था और उसने उसके अंदर ब्रा नहीं पहनी थी जिसकी वजह से गाऊन के अंदर से उसके बूब्स के वो तने हुए निप्पल साफ साफ दिखाई दे रहे थे और अब में उसके बूब्स को लगातार देखता रह गया।

फिर वो उठी और उसने मुझसे बैठने के लिए कहा और फिर वो मेरे लिए पानी लेकर आ गई और जब वो मुझे पानी देने के लिए झुकी तो मुझे उसके बूब्स पूरी तरह दिख रहे थे और अब वो सब देखकर मेरा लंड तुरंत पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया और वो मेरे खड़े लंड को लगातार घूर घूरकर देख रही थी। फिर मैंने उसे बताया कि वो आज हमारे घर पर रहगी क्योंकि उसकी मम्मी ने मेरे घर पर फोन करके यह बात कही है और में तुम्हे बुलाने आया हूँ। तो उसने कहा कि ठीक है, में अभी तैयार होकर आती हूँ और में वहीं पर बैठकर टीवी देखने लगा। तभी कुछ देर बाद मुझे उसकी बहुत ज़ोर से चिल्लाने की आवाज़ आई और में भागकर उसके कमरे में चला गया, वो एकदम मेरे पास आकर मुझसे लिपट गई और तब वो बिल्कुल नंगी थी और में उसके सेक्सी जिस्म की उस गरमी को बहुत करीब से महसूस कर रहा था और उसके वो मुलायम बड़े बड़े बूब्स को अपनी छाती से दबते हुए महसूस कर रहा था और में अचानक से हुई इस घटना के लिए भगवान को धन्यवाद देने लगा क्योंकि वो पूरी तरह से मेरी बाहों में लिपटी हुई थी और उसकी वो गरम गरम सांसे में बहुत करीब से महसूस कर रहा था, वो मेरे जीवन का सबसे अच्छा पल था जिसको में आज तक नहीं भुला सका। फिर मैंने ना चाहते हुए भी उससे पूछा कि क्या हुआ? क्योंकि में तो बस उससे ऐसे ही सदा चिपके हुए रहना चाहता था।

वो कहने लगी कि वो देखो कॉकरोच और इतना कहकर वो मुझसे अलग हो गई और मैंने आगे जाकर कॉकरोच को वहाँ से हटा दिया और मैंने उससे कहा कि ठीक है अब तुम तैयार हो जाओ मैंने उसे भगा दिया है और में अब बाहर जाने लगा, लेकिन अचानक से उसने मुझे रोक दिया और मुझसे कहा कि तुम यहाँ रुको अगर वो कॉकरोच दोबारा आ गया तो। मैंने उससे कहा कि अब वो कॉकरोच कभी नहीं आएगा और वो हंसने लगी तो मैंने उससे पूछा कि तुम मेरे सामने कैसे तैयार होगी? तभी उसने कहा कि तुमने तो पहले ही मुझे पूरा नंगा देख लिया है अब तुमसे क्या शरमाना? तब मैंने उसकी बातों के साथ साथ उसके इरादों को समझते हुए उसे एक लिप किस कर दिया और फिर उसने एक काली कलर की ब्रा निकाली और मेरे सामने पहनने लगी और अब उसने मुझसे कहा कि तुम ही मुझे पहना दो। फिर मैंने आगे बढ़कर उसे ब्रा पहना दी और फिर वो तैयार होकर मेरे साथ घर पर चल दी। फिर हमने चाय पी और उसके कुछ देर बाद माँ ने मुझे बाहर से कुछ सामान लाने को कहा, लेकिन सामान कुछ ज्यादा था इसलिए मैंने बोला कि में इतना सामान कैसे लाऊंगा? तो मम्मी मुझसे बोली कि वंदना को अपने साथ ले जाओ और फिर वो तुरंत मेरे साथ जाने के लिए तैयार हो गई और हम सामान लेने निकल पड़े। वो अब मेरे पीछे बाईक पर बिल्कुल चिपककर बैठ गयी और वो मेरी कमर पर अपने बूब्स रगड़ने लगी और में भी उसके मज़े लेने लगा। हम कुछ देर बाद सामान लेकर वापस आ गये और थोड़ी देर बाद हम खाना खाने लगे और खाना खाने के बाद हम सब टीवी देखने लगे। दोस्तों मेरे पापा तो पहले से ही सो गये थे और थोड़ी देर बाद मम्मी भी उठकर सोने चली गई। अब मेरी बहन प्रिया, वन्दना और में ही बचे हुए थे, लेकिन कुछ देर बाद मेरी बहन भी उठकर अपने रूम में सोने चली गई। अब में और वन्दना ही वहां पर बचे थे और उस समय टीवी पर चल रही फिल्म में एक हॉट सीन चल रहा था और उसे देखकर वंदना तुरंत बहुत हॉट हो गयी थी और वो अब मेरे पास होने की बात से बिल्कुल बेखबर होकर जोश में आकर अपने एक हाथ से अपने बूब्स दबाने लगी और वो अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी। यह सब देखकर मैंने उससे मुस्कुराकर कहा कि क्या में दबा दूँ? और उसने यह बात सुनते ही होश में आकर एकदम अपना हाथ अपनी छाती से हटा लिया और फिर वो भी वहाँ से तुरंत उठकर सोने चली गई।

दोस्तों में और मेरी बहन एक ही कमरे में सोते है और में यह बात भी बहुत अच्छी तरह से जानता था कि मेरी बहन एक बार सोने के बाद थोड़ी ही देर में गहरी नींद में चली जाती है और उसको दोबारा उठाना बहुत मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है और हमारे घर में सिर्फ़ दो बेडरूम है। फिर मैं भी अब कुछ देर और टीवी देखकर सोने चला गया और जब में अंदर आया तो मैंने देखा कि वंदना सिर्फ़ जालीदार मेक्सी में लेटी हुई है और मेरी बहन अपनी गहरी नींद में जा चुकी थी, फिर भी मैंने उसे एक बार ज़ोर से हिलाकर देखा, लेकिन वो बिल्कुल भी नहीं हिली। अब मैंने फिर से पलटकर उसकी मेक्सी की तरफ देखा जिसमे से उसका गदराया हुआ पूरा बदन साफ साफ नजर आ रहा था और वो बहुत बैचेन सी नजर आ रही थी क्योंकि वो अब अपनी चूत की उस आग को ठंडा करना चाहती थी और इस वजह से वो बार बार करवटे बदल रही थी। फिर में भी अब कुछ देर उसकी बैचेनी को जानकर, समझकर अपने बेड पर आकर लेट गया और अब मुझे भी नींद नहीं आ रही थी क्योंकि आग हम दोनों के जिस्म में बराबर लगी हुई थी इसलिए में भी अपनी आखें बंद करके उसके बारे में सोचता रहा और कुछ देर बाद मुझे ऐसा लगा कि कोई मेरे साथ लेटा हुआ है, लेकिन फिर भी में अपनी आखें बंद करके लेटा रहा और अब मैंने महसूस किया कि उसका एक हाथ मेरे लंड पर है और वो धीरे धीरे आगे बढ़ता जा रहा है, लेकिन में अब भी वैसे ही लेटा रहा और कुछ देर बाद उसने मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया और अब थोड़ी ही देर में मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था। फिर मैंने भी सही मौका देखकर अपना एक हाथ तुरंत उसके बूब्स पर रख दिया और अब में भी उसके बूब्स को दबाने लगा, मसलने लगा। फिर में उठकर उसे किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने उसके कपड़े उतार दिये और उसके बूब्स को चूसने और दबाने लगा। अब हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए और वो मेरा लंड चूसने लगी और में उसकी गरम, प्यासी, चूत चाटने लगा और अब वो मुझसे कह रही थी कि अब मुझसे रहा नहीं जाता प्लीज इसे अंदर डाल दो। फिर मैंने कुछ देर चूत को चूसने के बाद उसके दोनों पैरों को फैला दिया और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और धीरे धीरे अंदर डालने लगा। मैंने महसूस किया कि उसकी चूत एकदम टाईट थी, लेकिन गीली होने की वजह से मेरा लंड फिसलता हुआ धीरे धीरे अंदर जाने लगा और अब मैंने जोश में आकर थोड़ा ज़ोर लगाया तो लंड थोड़ा सा अंदर चला गया और वो चिल्लाने लगी। फिर में अपने होंठो से उसके होंठो को चूसने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा और जब कुछ देर बाद उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक ही ज़ोर के धक्के से अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और अब उस दर्द की वजह से उसकी आँख से आँसू निकलने लगे और वो मुझे अपने उपर से हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन में नहीं हटा। अब में थोड़ी देर अन्दर वैसे ही बिना हिले-डुले अपना लंड उसकी चूत डालकर पड़ा रहा।

फिर जब कुछ देर बाद उसका दर्द मुझे कम होता हुआ महसूस हुआ तो में एक बार फिर से धीरे धीरे धक्के देने लगा और अब वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और थोड़ी देर बाद उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और अब उसने अचानक से अकड़कर अपना पानी छोड़ दिया। मैंने उसका झड़ना महसूस किया, लेकिन में अभी भी उसे लगातार धक्के देकर चोद रहा था और जब मेरा वीर्य निकलने वाला था तभी मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर अपना पूरा वीर्य उसके ऊपर डाल दिया। कुछ देर हम वैसे ही लेटे रहे। फिर हम उठे और बाथरूम जाकर हमने साफ किया और वो मेरा लंड साफ करने लगी। तब मेरा लंड एक बार फिर से उठ गया और मैंने उसे बाथरूम में चोदा, फिर वापस आकर अपने कपड़े पहने और एक स्मूच किया और अपने बेड पर जाकर लेट गये। दोस्तों उसके बाद में उसे तीन दिन तक लगातार जब भी मौका मिलता कभी दिन में उसके घर पर तो कभी रात में मेरे घर पर चोदता रहा। फिर मेरी अच्छी किस्मत से उसके दूसरे दिन मेरे सभी घर वाले भी बाहर शादी में जाने वाले थे, मैंने उनके सामने अपने ना जाने का एक बहुत अच्छा बहाना बना दिया और में वहीं पर रुक गया और उन सभी के जाने के बाद मैंने उसको अपने घर पर बहुत बार चोदा, जब तक उसके घरवाले ना आए। दोस्तों यह थी मेरी अपनी पड़ोसन की एक स

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मेरी बहन की सेक्स जबानी से मस्ती – Meri Bahan Ki Sexy Jabani Se Masti | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/meri-bahan-ki-sexy-jabani-se-masti/ Sat, 04 May 2019 05:19:28 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5437 [...]]]> के सभी पाठकों आप सभी को नमस्कार करता हूँ मैं आज आपको अपना सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ । ये कहानी मैं और मेरे बहन के बिच हुई सेक्स की कहानी हे। उम्मीद हे आपको पसंद आएगा । मेरी बेहेन की चूचियां को दबाने का मजा भी आपको मिलेगा और अगर आप भी अपने बेहेन से वही प्यार पाने चाहते तो आपभी ये कोसिस कीजिये और बेहेन की चूत मार्के मजा लीजिये ।
दोस्तों मेरी बहन ख्याति ऊपर से नीचे तक दिखने में बहुत सुंदर है और उसके फिगर का साईज 36-28-36 है और उसकी लम्बाई 5।4 और उसका रंग दूध जैसा एकदम गोरा है और उसके कूल्हों तक काले घने बाल है। दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ।
में एक बड़े शहर में एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और मेरा पूरा परिवार एक छोटे से शहर में रहता है। दोस्तों ख्याति पढ़ने में पहले से ही बहुत अच्छी थी और उसने अपनी बी-कॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद सी।ए। की कोचिंग जाने का निर्णय लिया, लेकिन छोटा शहर होने की वजह से वहां पर ऐसी कोई भी कोचिंग क्लास नहीं थी तो उसने एक दिन मुझसे फोन करके कहा कि भैया क्या में भी तुम्हारे साथ वहां पर रहने के लिए आ जाऊँ? दोस्तों तब तक मैंने उसकी जवानी को महसूस नहीं किया था तो यह सब बात होने के बाद वो एक महीने में मेरे साथ रहने आ गई, लेकिन तब उसका फिगर इतना अच्छा नहीं था, क्योंकि वो थोड़ी मोटी थी और उसके बूब्स का विकास भी कम था, क्योंकि किसी ने कभी उन्हें नहीं छुआ था और ना ही दबाए थे और उसके कूल्हों का आकार भी थोड़ा बड़ा था।

दोस्तों उसका ट्यूशन जाने का और मेरे ऑफिस जाने का समय एक ही था तो में हर रोज़ उसे ट्यूशन अपनी बाईक से छोड़ दिया करता था और दोपहर को वो ट्यूशन से फ्री होकर अकेली घर पर आ जाती थी और में शाम को घर पर आता था। एक दिन मुझे अपने ऑफिस से छुट्टी जल्दी मिल गई तो में उस दिन जल्दी घर पर आ गया, इसलिए मैंने मन ही मन सोचा कि आज में ख्याति को जल्दी आकर चकित करता हूँ। फिर में घर पर गया और फिर दूसरी चाबी से दरवाज़ा खोलकर अंदर चला गया और जब में अंदर गया तो मैंने देखा कि ख्याति नहाकर अपने रूम में बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी और उसके बालों से पानी टपक रहा था और उसके आधे बाल उसके बूब्स पर थे। उसकी चूत पर बहुत छोटे छोटे सुनहरे बाल थे और उसकी चूत को देखने से ही पता चल रहा था कि वो अब तक कभी किसी से नहीं चुदी है और उसको इस हालत में देखते ही मेरा 6 इंच का लंड तुरंत तनकर खड़ा हो गया, लेकिन में उसके साथ कुछ नहीं कर सकता था, क्योंकि वो इतनी चतुर नहीं थी और वो तब बहुत शर्मीली स्वभाव और पुराने ख्याल की थी। फिर में घर से बाहर चला गया और कुछ देर बाहर खड़े रहने के बाद मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई और वो दौड़ती हुई पूरे कपड़े पहनकर दरवाजा खोलने आई और जब वो दरवाज़ा खोलने आई तब भी उसके बालों से पानी टपक रहा था जो सीधा उसकी छाती को भिगोकर अंदर से उसके उसकी काले रंग की ब्रा को दिखा रहा था। फिर दूसरे दिन सुबह जब में उसे उसकी ट्यूशन पर छोड़ने जा रहा था तो मैंने उसको कहा कि ख्याति तुम भी मेरे साथ जिम क्यों नहीं चलती, देखो तुम कितनी मोटी हो गई हो? फिर वो बोली कि यह बात तो आप बिल्कुल सही कहते हो, में आपको सोचकर बता दूंगी और फिर उसी शाम वो मेरे घर पर आने के बाद मुझसे बोली कि में भी कल से आपके साथ जिम चलूंगी। फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन तू वहां पर यह सलवार कमीज़ नहीं पहनकर जा सकती, क्योंकि तुम्हे वहां पर जिम के कपड़े पहनकर ही जाना पड़ेगा और फिर में उसके साथ उसके लिए मॉल में केफ्री और टी-शर्ट लेने चला गया और कपड़े पसंद करने के बाद मैंने उसको रूम में पहनकर देखने के लिए भेज दिया और जब वो बाहर आई तो वो क्या मस्त माल लग रही थी? कुछ लड़के रूम के बाहर खड़े थे, क्योंकि उन्हें भी रूम में जाकर कपड़े पहनकर देखना था तो वो भी उसी को अपनी आखें बड़ी करके घूरकर देखते रह गये, क्योंकि उसकी टी-शर्ट के ऊपर से उसकी निप्पल साफ साफ दिख रही थी और उसकी पेंटी भी थोड़ी थोड़ी दिख रही थी, क्योंकि वो कपड़े उसके बदन पर बिल्कुल चिपके हुए एकदम टाईट थे, लेकिन मैंने उससे कहा कि यही सही है और अब मॉल का चौकीदार भी उसको लगातार हवस की नज़रों से देख रहा था।

फिर दूसरे दिन में उसे अपने साथ जिम लेकर चला गया और उसे अपने ट्रेनर से मिलवाया। फिर मैंने उससे कहा कि यह मेरी बहन है और मुझे इसका वजन थोड़ा कम करना है। मैंने उसके ऊपर ध्यान दिया कि जब हमारे बीच में यह सब बातें चल रही थी, तब वो बात तो मुझसे कर रहा था, लेकिन उसका पूरा ध्यान मेरी बहन के सेक्सी जिस्म पर था और वो ख्याति के उभरे हुए फिगर को ताक रहा था। फिर वो ट्रेनर मुझसे बोला कि कोई बात नहीं, में इसका वजन बहुत जल्दी कम करवा दूंगा और वो ख्याति को अपने साथ ले गया और उसने उसको उठक बैठक करने को बोला और जब ख्याति ने उठक बैठक करना शुरू किया तो वो उससे कहने लगा कि तुम यह बिल्कुल ग़लत कर रही हो और उससे यह बात कहकर उसने मेरी बहन के कूल्हों को पकड़ लिया और बोला कि हाँ अब तुम सीधे नीचे जाओ और उसके बाद में ऊपर आओ। दोस्तों वो उसी बहाने उसकी गांड को छूकर मज़े ले रहा था।

अब ख्याति को उस ट्रेनर का उसको इस तरह से छूना और उसके कूल्हों को पकड़कर उसे ऊपर नीचे उठाना बैठाना थोड़ा अजीब लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और चुपचाप उसकी कही गई सभी एक्सर्साईज़ करती रही। दोस्तों पहले दिन उस ट्रेनर ने मेरी बहन को थोड़ी हल्की एक्सर्साईज़ करवाई और फिर कल आने को बोला। फिर घर पर जाते समय रास्ते में ख्याति मुझसे बोली कि वो मुझे छू रहा था तो मुझे उसका इस तरह छूना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और ना जाने क्यों वो मेरे साथ ऐसा कर रहा था, उसके मन में क्या चल रहा था भगवान ही जाने? फिर मैंने उससे कहा कि वो तो सिर्फ़ तुझे सिखा रहा था और ऐसा कुछ नहीं है, जैसा अभी तुम्हारे दिमाग में चल रहा है और मेरी यह बात सुनकर ख्याति फिर से कुछ नहीं बोली और चुपचाप मेरी बात सुनती रही। फिर दूसरे दिन जब ख्याति जिम आई तो मेरे ट्रेनर ने मेरा और मेरी बहन का जिम का समय अलग अलग कर दिया और फिर उसने मेरी बहन के लिए एक्सर्साइज़ प्लान बताया, जिसमें पुल, सीट पुश-अप और कुछ योगा भी थे और वो ट्रेनर उसे छूने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता था और अब धीरे धीरे जैसे जैसे दिन बीतते गए और ख्याति के लिए वो सब आदत में आ गए थे, लेकिन मैंने महसूस किया कि उसकी वजह से ख्याति का वजन बहुत जल्दी कम हो रहा था और वो हर रोज़ दिन गुजरते हुए और भी ज्यादा सुंदर, सेक्सी होती जा रही थी। फिर कुछ महीने लगातार वहां पर जाने के बाद वो अब एक मदमस्त गदराए बदन की मालकिन बन चुकी थी और वो अब पहले जितनी शरमाती भी नहीं थी। फिर उसने और भी सेक्सी दिखने के लिए जिम आउटफिट खरीद लिया, वो अगर अब थोड़ा भी नीचे झुके तो किसी को भी उसके टॉप से उसकी छाती साफ दिखे और अब उस आउटफिट से एक्सर्साईज़ करने पर उसके बूब्स और कूल्हों का आकार साफ दिखता था और अब जब ख्याति ज्यादा अच्छी दिखती थी तो उसकी क्लास के लड़के उसको अपनी तरफ आकर्षित करने के कोई मौके नहीं छोड़ते थे, वो उसको पिक्चर दिखाने, बाहर घूमने के बहाने बाईक पर ले जाते और उसे हर कभी कोई ना कोई गिफ्ट देते थे। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

अब तो ख्याति भी बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि यह लोग अब उससे क्या चाहते है और वो उसके साथ ऐसा क्यों कर रहे है? लेकिन वो उन लोगों को ज्यादा भाव नहीं देती और ख्याति उनके इस काम के बहुत मज़े लूटती। दोस्तों करीब 9 महीने के बाद ख्याति का जिस्म बहुत ही सेक्सी हो गया था और जिसको एक बार देखकर कोई भी लड़का उसे चोदना जरुर चाहेगा। तभी फिर से एक बार में अपने ऑफिस से घर पर जल्दी आ गया। फिर मैंने सोचा कि में आज फिर से चुपके से अंदर चला जाता हूँ और अंदर जाकर देखता हूँ कि वो क्या कर रही है? और जब में अंदर पहुंचा तो मैंने जो सब उस दिन देखा तो उसको देखकर मुझे अपने आप पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि ख्याति उस समय लेपटॉप पर ब्लूफिल्म देख रही थी और उस टाईम वो सफेद कलर का टॉप और केफ्री पहने हुई थी और वो टॉप के ऊपर से ही अपने बूब्स को दबा रही थी और में तो उसे हैरान होकर देखता ही रह गया, लेकिन उतने में ही उसने मुझे पीछे मुड़कर देख लिया और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी, लेकिन तब तक तो मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो चुका था और जिसको को बहुत ध्यान से देख रही थी।

फिर मैंने उससे पूछा कि यह क्या कर रही थी? तो वो थोड़ा डरते हुए बोली कि कुछ नहीं। फिर में उसके पास गया और मैंने वो लेपटॉप बंद करके एक साईड में रख दिया और तब तक वो बेड पर सीधी होकर बैठ चुकी थी और में ठीक उसके पास खड़ा हुआ था और मेरी पेंट से साफ साफ नजर आ रहा था कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है। तभी अचानक से मैंने उसको बेड पर ज़ोर से धक्का दे दिया और उसको लेटा दिया और में उसके ऊपर चड़कर उसके होंठो को किस करने लगा। अभी वो मेरा साथ नहीं दे रही थी और वो मेरा विरोध कर रही थी और मुझसे कह रही थी कि भैया यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है, प्लीज अब आप मुझे छोड़ दो, जाने दो मुझे प्लीज। फिर भी में उसकी बात को ना सुनकर उसके कान पर और गले पर धीरे धीरे किस करने लगा और फिर मैंने उसके बंधे हुए रेशमी बालों को एकदम खुला कर दिया और उसके जिस्म को लगातार चूमता चाटता रहा और उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा। फिर कुछ देर बाद अब उसको भी धीरे धीरे मेरे साथ बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन वो थोड़ा डर रही थी और उसी वजह से वो मेरे साथ यह सब पूरी तरह से खुलकर नहीं कर रही थी। में उसे किस करते करते उसकी गोरी गर्दन तक पहुंच गया और अब तो वो आह्ह्ह आईईईइ की आवाज़ करने लगी थी और फिर मैंने कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स को लगातार दबाना चालू रखा और में उसके बूब्स को ज़ोर से निचोड़ रहा था और उसकी निप्पल को मसल रहा था और मैंने उसके एक हाथ को पकड़कर अपनी पेंट के अंदर डाल दिया और जिसकी वजह से मेरा लम्बा, मोटा लंड उसके हाथ में था। फिर मैंने एक एक करके उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए और फिर उसे कुछ ही देर में अपने सामने पूरी नंगी कर दिया।

दोस्तो मैंने देखा कि उसकी चूत पर बहुत छोटे छोटे बाल थे, जिन्हें देखकर में बिल्कुल पागल हो रहा था। फिर मैंने भी अपने कपड़े उतारकर उसके हाथ में अपना लंड दे दिया और उससे कहा कि नीचे बैठकर चूस इसको और वो मुझसे ना बोलने लगी। तब मैंने उसका सर पकड़कर जबरदस्ती लंड को उसके मुहं में डाल दिया। दोस्तों शुरू शुरू में वो बहुत धीमे धीमे चूस रही थी, लेकिन कुछ देर बाद में उसको भी मेरा लंड चूसने में मज़ा आने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से पूरा अंदर बाहर करके चूसने लगा। फिर पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उसको पीठ के बल लेटा दिया और अब में उसकी चूत का रस पीने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा, लेकिन दोस्तों एक वर्जिन चूत को चाटने, चूसने और चोदने का मज़ा ही सबसे अलग होता है और फिर जब में उसकी चूत को चाट रहा था तो वो ज़ोर ज़ोर से आहहहह उम्म्म्मम आईईईई की आवाज़ करने लगी और तभी मेरे कुछ देर उसकी चूत को चूसने के बाद वो पहली बार झड़ गई और उसका वो सारा गरम गरम माल सीधा मेरे मुहं में चला गया और में उसको पी गया। फिर मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर अच्छी तरह से साफ कर दिया।

दोस्तों करीब 15 मिनट के रसपान के बाद मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया, लेकिन वो मुझसे मना करने लगी और मुझे अपने ऊपर से हटाने लगी और वो कहने लगी कि प्लीज भैया मुझे अब आप छोड़ दो, यह सब बहुत गलत है और मुझे इसको अपने अंदर नहीं लेना, प्लीज मुझे छोड़ दो, मुझे बहुत दर्द होगा, में मर जाउंगी, आपका बहुत बड़ा है प्लीज भैया। फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, में बहुत आराम से करूंगा और तुम्हे पहली बार में थोड़ा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद में बहुत मज़ा आयेगा और जब तुम मुझसे हटने को कहोगी तो में तभी तुम्हे छोड़ दूंगा। फिर वो बोली कि ठीक है, लेकिन थोड़ा धीरे धीरे करना और मेरे दर्द का भी ख्याल रखना। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालना शुरू किया, लेकिन वो उस हसीन दर्द से चिल्ला उठी और तड़पने लगी। फिर मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ दिया और एक ही ज़ोर के झटके में पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और जिसकी वजह से उसकी आँख से आंसू बाहर निकल आए थे और उसका पूरा चेहरा पसीने की छोटी छोटी बूंदों से भर गया था और उसके चेहरे का रंग लाल हो चुका था। मुझे उसके दर्द का अंदाजा लग चुका था। फिर मैंने कुछ देर रुककर बहुत धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया और वो आअहह उम्महा आईईई माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो कि आवाज़ करने लगी, लेकिन में लगातार धक्के देकर उसे चोदता रहा और कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया और इस बीच वो भी एक बार झड़ चुकी थी। दोस्तों उस रात उसको मैंने चार बार चोदा और पहली चुदाई के बाद मैंने उसको कुछ देर रुककर उसके कहने पर चोदा और फिर तो में हर रोज़ उसको रात को चोदता और हम एक ही बेड पर नंगे होकर एक दूसरे से चिपककर सोते थे।

फिर एक दिन मैंने उसको उसके कहने पर बाहर दूसरे लड़को से भी चुदवाने की भी आज़ादी दे दी। फिर वो एक बार जिम ट्रेनर से भी चुदी, क्योंकि ट्रेनर उसको एक बार जरुर चोदना चाहता था और वो भी अब उसके लंड का ज़ोर देखना चाहती थी, लेकिन उस एक बार की चुदाई की वजह से उसने उसकी फीस लेना भी उससे छोड़ दिया और वो कई बार अपनी क्लास के एक अमीर लड़के से भी चुदी, क्योंकि वो उससे बहुत प्यार करता है और वो अब ख्याति से सारे खर्चे उठाता है और उसने ख्याति को अपने से शादी करने के लिए कहा है और फिर ख्याति ने मुझसे पूछकर एक दिन उसको हाँ कह दिया और उसने अपनी पढ़ाई को पूरा कर लिया है और अब वो एक बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी भी करती है और वो अपने प्रमोशन के लिए अपने बॉस से भी कई बार चुद चुकी है, क्योंकि यह बहुत बड़ी कम्पनी में है तो उसे इंडिया के और बाहर के बॉस को भी खुश करना पड़ता है। दोस्तों ख्याति ने एक दिन उसी लड़के के साथ शादी की जो उसके साथ क्लास में था और अभी भी जब कभी वो मेरे घर पर आती है तो हम दोनों जमकर चुदाई करते है और वो मेरी चुदाई से हमेशा संतुष्ट रही है और उसने मेरे साथ सेक्स के बहुत मज़े लिए, लेकिन ख्याति ने आज तक अपने पति को अपनी और दूसरी चुदाई के बारे में कभी कुछ नहीं बताया और अब वो दोनों अपनी सेक्स लाईफ में बहुत खुश है। तो दोस्तों यह थी मेरी बहन को चोदकर उसके मन से चुदाई का डर बाहर निकालने की कहानी। जिसमें मैंने उसको पहली बार में ही अपनी चुदाई से बहुत ज्यादा खुश कर दिया और वो उसके बाद बिना किसी डर के सबसे अपनी चुदाई करवाने लगी ।। उम्मीद हे

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मेरे पति के सामने बॉयफ्रेंड से चुद गयी – Mere Pati Ke Samne Boyfriend Se Chud Gayi | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/mere-pati-ke-samne-boyfriend-se-chud-gayi/ //otelsan.ru/xbrasilporno/mere-pati-ke-samne-boyfriend-se-chud-gayi/#comments Thu, 25 Apr 2019 17:15:14 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5421 [...]]]> हैलो दोस्तों, मैं कोमल हूँ । आप सब अब मेरी कहानी पढ़ने जा रहे हो, आप सभी को धन्यबाद । उम्मीद हे आप सब अपने लंड और छूट को बहार निकल के अभी कहानी का मजा ले रहे होंगे । मैं भी इसी तरह कई बार मुठीमारी । बहत मजा लिया और आज आपको अपना कहानी बताने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सब कहानी को पसंद करेंगे और मजा लेंगे। तो कुछ इंट्रो के बाद हम सुरु करते हैं आज की कहानी ।

मेरी उम्र 24 साल है और में एक शादीशुदा लड़की हूँ। दोस्तों मेरी शादी दो साल पहले समीर नाम के उस लड़के से हुई थी, जो अब मेरा पति परमेश्वर बन चुका था। दोस्तों जब से में सेक्स के बारे में समझने लगी थी। उसके बाद से में चुदक्कड़ किस्म की बन गई और यह बात धीरे धीरे मेरे पति को भी समझ में आने लगी थी और मुझे अपनी चुदाई करवाने का बहुत शोक है, में बरोडा, गुजरात से हूँ और में दिखने में बहुत ही हॉट, सेक्सी हूँ। मेरे बूब्स एकदम गोल और बड़े आकार के है, मेरी कमर पतली और गांड कुछ ज्यादा ही उभरी हुई है,
में अपने हमेशा पहनने वाले टाईट कपड़ो में बहुत ही चुदासी दिखती हूँ और में खुद जानबूझ कर भी ज़्यादातर कपड़े ऐसे ही पहनती हूँ कि उनसे मेरे सेक्सी बदन के हर एक अंग का आकार किसी को भी बिल्कुल साफ साफ दिखे और वो मेरी तरफ आकर्षित हो जाए। दोस्तों कुल मिलाकर मुझे पराए मर्दो के लंड को खड़े करना बहुत अच्छा लगता है और ऐसा करने से मुझे एक अजीब सी संतुष्टि मिलती है और में उसके खड़े लंड को देखकर मन ही मन बहुत खुश होती हूँ।

दोस्तों यह बात मेरी शादी से कुछ सालों पहले की है, जब में एक कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी, तब मेरा एक बॉयफ्रेंड था। उसका नाम राजेश था, मेरी यह दोस्ती उसके साथ करीब दो साल तक रही और में उसके साथ बहुत खुश थी और हम लोग कॉलेज में मिलने के बहाने फिल्म देखने जाते थे और बाहर इधर उधर घूमते फिरते और हम दोनों कभी कभी एक दूसरे को किस भी करते थे। दोस्तों मैंने उसको अपने साथ किसिंग और बूब्स दबाने से ज़्यादा कुछ नहीं करने दिया, लेकिन वो काम भी कभी कभी सही मौका देखकर होता था और जब कभी वो मेरे गाल को पकड़कर जबरदस्ती मेरा मुहं खोलकर अपनी जीभ को मेरे मुहं के अंदर डालता तो मुझे बड़ा मज़ा आता। कुछ देर नाटक करने के बाद में भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगती और हम दोनों मज़े लेते। दोस्तों यह सब हम दोनों के बीच करीब दो साल तक चला, लेकिन मैंने कभी भी उसको अपनी चुदाई करने का ऐसा कोई भी मौका नहीं दिया था, जिसका वो थोड़ा सा भी फायदा उठा सके और इस बीच मेरी शादी फिक्स हो गई और में भी मन ही मन बहुत खुश थी कि मेरी एक बहुत अच्छे दिखने वाले हट्टेकट्टे सुंदर लड़के से सगाई करवाई जा रही थी और मेरी अच्छी किस्मत से में जितनी बड़ी चुदक्कड़ थी, उतना ही बड़ा समीर भी चुदक्कड़ निकला। उसे भी चुदाई करने का बहुत शौक था। मेरी तरह वो भी सेक्स करने का बहुत भूखा था और मेरी सगाई फिक्स होने के चार दिन बाद ही हम दोनों ने एक अच्छा सा सही मौका देखकर अपना पहला सेक्स किया और में तब तक वर्जिन थी, इसलिए मुझे थोड़ा दर्द भी जरुर हुआ था, लेकिन उसके साथ साथ मज़ा भी तो बहुत आया था और उस चुदाई के अहसास को में अपनी किसी भी शब्दों में आप लोगों को नहीं बता सकती कि वो कैसे मज़ा था और ऐसे ही चुदाई के मज़े करते करते कुछ महीनो में हमारी शादी भी हो गई और अब हमारी सेक्स लाईफ भी बहुत अच्छी चलती जा रही थी। दोस्तों में अपने पति का साथ पाकर अपने उस बॉयफ्रेंड को भी बिल्कुल भूल चुकी थी। अब समीर मुझे बहुत अच्छे से चोदते थे और पूरे मज़े देते थे और मुझे उनके लंड की सवारी करना और उनकी गालियों के साथ अपनी चुदाई करवाना बहुत पसंद था और अब में भी चुदाई के समय बहुत गंदी गंदी गालियाँ बोलती हूँ, उसकी वजह से हमारा जोश और भी ज्यादा बढ़ जाता है, जैसे कि हाँ भोसड़ी के चोद मुझे आअहह मादरचोद फाड़ दे मेरी चूत को, ज़ोर से चोद साले कुत्ते चूतिए और वो भी मुझे कभी रांड तो कभी छिनाल, रखेल और कभी मादरचोद कुतिया कहकर लगातार जोरदार धक्के लगाकर चोदता रहता था। फिर एक दिन समीर मुझे बहुत जोरदार धक्के गालियाँ देकर चोद रहा था। तभी अचानक से उसने मुझसे पूछ लिया कि कोमल तुम मुझे सच सच बताओ कि हमारी शादी से पहले तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड था कि नहीं? दोस्तों पहले तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित थी, लेकिन मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ कभी सेक्स नहीं किया था, इसलिए मुझे बिल्कुल भी संकोच नहीं था और इसलिए में एकदम निडर होकर बोली।

में : हाँ मेरा एक दोस्त था और उसके अलावा कुछ भी नहीं।

समीर : सिर्फ़ दोस्त या फिर बॉयफ्रेंड?

में : हाँ मेरा कॉलेज के समय एक बहुत अच्छा बॉयफ्रेंड था।

समीर : उसका क्या नाम था?

में : आप जाने दो ना, मुझे उसके बारे में कुछ भी याद नहीं करना।

समीर : प्लीज बताओ, में ऐसे ही पूछ रहा हूँ, मुझे तुम्हारे बीते हुए कल से कोई भी आपत्ति नहीं है।

में : उसका नाम राजेश था।

समीर : क्या तुम्हें कभी उसकी याद आती है? और तुमने उसके साथ क्या क्या किया था?

में : ओफफो आप मुझसे यह सभी बातें क्यों पूछ रहे हो?

समीर : प्लीज डार्लिंग एक बार बताना, मुझे सुनना अच्छा लग रहा है तुम्हारे बॉयफ्रेंड राजेश के बारे में बातें करके अच्छा लगता है, देख अब मेरा लंड खड़ा हो रहा है, बताओ उसने तुम्हें कहाँ कहाँ छुआ?

में : हमने सिर्फ़ एक दूसरे को किसिंग की है और वो भी कभी कभी।

समीर : कभी कभी क्या? प्लीज पूरी तरह खुलकर बताओ मुझे।

में : वो कभी कभी राजेश मेरे बूब्स भी दबाता था और जब उसको सही मौका मिलता तो वो मेरे निप्पल को अपने मुहं में लेकर मेरा दूध भी पीता था और मुझे उसको दूध पिलाना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन हमने बस इसके आगे कभी भी कुछ नहीं किया।

समीर : क्या कभी तुमने उसके लंड को पकड़ा या छुआ भी था और उसकी मोटाई को महसूस भी किया था?

में : हाँ, लेकिन बस एक बार जब हम उस दिन एक पब्लिक पार्क में बिल्कुल अंधेरे में बैठकर बहुत जमकर किस कर रहे थे, तब वो मेरे एक बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूस रहा था और दूसरे बूब्स की निप्पल को निचोड़ रहा था और उसके ऐसा करने की वजह से में तब बहुत गरम हो गई थी और मैंने उसका लंड उसकी पेंट के ऊपर से ही दबा लिया और फिर में उसको सहलाने लगी और फिर कुछ देर बाद मैंने उसकी पेंट की ज़िप को खोलकर लंड को बाहर निकाला, ज्यादा अंधेरा होने की वजह मुझे कुछ नहीं दिखा, लेकिन हाँ छूने से मुझे बहुत अच्छी तरह से पता चल गया कि उसका लंड बहुत ही मोटा और आकार में लंबा भी था, तुम्हारे लंड से भी मोटा, लंबा लंड।

समीर : फिर उसके बाद क्या हुआ, तुमने उससे चुदवाया नहीं?

में : नहीं मेरी चुदाई नहीं हो पाई। उस दिन मैंने बस उसका लंड हिला हिलाकर पानी बाहर निकाल दिया, जिसकी वजह से वो एकदम शांत हो गया और उसके लंड का आकार धीरे धीरे छोटा होने लगा था और उसके एक सप्ताह के बाद ही हमारी सगाई तय हो गई और मैंने उससे अपना रिश्ता तोड़ दिया। उसके बाद हमने कभी मिलने बात करने की कोई भी कोशिश नहीं की।

समीर : ओह तो तुम्हारी सेक्स कहानी उसके साथ वहीं पर एकदम अधूरी रह गई है ना? तुम सच बताओ क्या अब अगर तुम्हें मौका मिले तो तुम उससे चुदवाओगी?

में : अभी हम इतना खुलकर बातें कर रहे है तो में तुम्हें बिल्कुल सच सच बताउंगी कि अगर तुम चाहो तो में तुम्हारी मर्ज़ी से उससे जरुर मिलूंगी और जो भी काम करूँगी वो सब तुम्हारे सामने करूँगी।

समीर : बहुत खुश होते हुए मेरे बूब्स को दबाते हुए बोला, वाह मेरी जान में तुम्हें सेक्स में वो पूरा मज़ा देना चाहता हूँ और में चाहता हूँ कि तुम मेरे सामने अपने बॉयफ्रेंड राजेश से मिलो और उसके साथ किस करो, उससे अपनी चुदाई करवाओ।

दोस्तों फिर हमने सब कुछ प्लान किया और फिर हम दोनों ने उस रात को बहुत जबरदस्त जमकर चुदाई की और पूरे मज़े लिए और समीर ने उस रात को मुझे मेरा बॉयफ्रेंड राजेश बनकर बहुत जमकर चोदा और में बहुत खुश थी। फिर दूसरे दिन हमारे बनाए प्लान के मुताबिक दोपहर को करीब 12 बजे मैंने राजेश को अपने मोबाईल से कॉल किया और वो मेरी आवाज सुनकर बहुत चकित हुआ। मैंने कुछ ही समय में उसको अपनी प्यारी प्यारी बातों में उलझाकर अपने घर पर मिलने के लिए बुला लिया, वो मेरी बात सुनकर घर पर आने के लिए मान गया। फिर कुछ देर बातें करने के बाद मैंने फोन रख दिया और करीब एक बजे दरवाजे की घंटी बजी, मुझे अच्छी तरह से पता था कि वो राजेश ही था। फिर मैंने उठकर जाकर दरवाजा खोल दिया और अब में उसको देखकर बहुत खुश हुई और उसको तुरंत दरवाजे से अंदर खींचकर मैंने बहुत टाईट हग किया और उसके गले में अपनी कोमल गोरी गोरी बाहें डालकर मैंने उसको चूमा और बहुत देर तक चूमा और वो भी मुझे जमकर चूम रहा था, वो आज मेरे साथ पूरे दो साल की कसर निकाल रहा था। फिर कुछ देर बाद हम दोनों ने अपना अपना होश संभाला और मैंने उसको बैठा दिया और फिर किचन में जाकर पानी और चाय बनाकर दी। फिर वो चाय पानी पीने के बाद अब मेरी गोद में अपना सर रखकर लेटा हुआ था और मेरे झूलते हुए बड़े आकार के बूब्स से खेल रहा था दोस्तों सच पूछो तो इतने सालों बाद में उसके बदन का स्पर्श पाकर में बहुत खुश थी और में बहुत अच्छा महसूस कर रही थी।

राजेश : कोमल इतने सालो बाद तुझे मेरी याद आई? मैंने तुम्हें बहुत याद किया।

में : राजेश में भी तुम्हें बहुत याद करती थी, इसलिए मैंने आज तुम्हें यहाँ पर बुलाया है, इससे पहले हम कुछ नहीं कर पाए, लेकिन अब तुम अपनी सारी कसर को पूरी कर लो और मुझे अपना बना लो जानू, राजेश में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, प्लीज तुम मुझे अपनी बाहों में भर लो और मुझे प्यार करो और मुझे अपनी बीवी बना लो।

दोस्तों उससे यह बात कहते हुए मैंने उसको चूमना शुरू किया। उसका सर अब भी मेरी गोद में था और में उसका मुहं हाथ से खोलकर उससे प्यार करने लगी थी, उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था। अब मैंने उसकी पेंट की तरफ देखा तो उसका लंड अब धीरे धीरे खड़ा हो रहा था। तभी मैंने उसका लंड पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी, उतने में ही दरवाजे पर लगी घंटी बजी और फिर मैंने डरने का नाटक किया और हमने तुरंत अपना हुलिया थोड़ा बहुत ठीक किया और मैंने उठकर दरवाज़ा खोल दिया, देखा तो मेरे सामने मेरे पति समीर खड़े हुए थे और उन्होंने पहले प्लान के हिसाब से मुझ पर थोड़ा सा गुस्सा किया।

समीर : क्यों तुमने दरवाजा खोलने में इतना समय कैसे लगा दिया? और यह कौन है, मैंने पहले कभी इसको नहीं देखा, यह हमारे घर में इस समय क्या कर रहा है?

दोस्तों मेरे पति के मुहं से यह सभी बातें सुनकर राजेश एकदम से बहुत डर गया, मुझे उसके चेहरे से उसका डर साफ साफ नजर आ रहा था और वो तुरंत उठ खड़ा होकर मुझसे बोला कि में अब जा रहा हूँ। फिर मैंने कहा।

में : राजेश तुम रूको, तुम्हें ऐसे उठकर कहीं जाने की कोई जरूरत नहीं है और समीर यह राजेश है, यह मेरा कॉलेज के टाईम का दोस्त है। मैंने तुम्हें पहले बताया था कि में उस समय राजेश को बहुत प्यार करती थी और यह वही है।

समीर : ओह तो यह बात है, हाँ तो राजेश तुम मुझे अब सच सच बताओ कि क्या तुम अब भी मेरी बीवी को पहले की तरह चाहते हो और इसको उतना ही प्यार करते हो?

राजेश : वो में वो।

दोस्तों राजेश के मुहं से हकलाते हुए बस दो चार शब्द ही निकले।

समीर : तुम अब बिल्कुल भी मत डरो, हाँ बोलो में अपनी बीवी की खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हूँ, फिलहाल उसकी खुशी तुम हो, हाँ बोलो क्या तुम मेरी बीवी को आज भी पाना चाहते हो?

राजेश : हाँ समीर में कोमल को पहले से ही बहुत प्यार करता हूँ और आज भी में उसकी अदाओ पर मरता हूँ और अगर आपकी इजाज़त हो तो उसके साथ वो सब करना चाहता हूँ, जो मैंने इससे पहले आज तक कभी नहीं किया और उसके बदले में आप मुझसे जो माँगो वो में दूँगा।

समीर : अभी तो मुझे कुछ नहीं चाहिए, वक़्त आने पर में तुमसे माँग लूँगा और फिलहाल तुम मेरी बीवी को जी भरकर प्यार करो और उसे खुश करो, में यहीं हूँ चलो अब तुम दोनों अपना काम शुरू करो।

फिर इतना कहते ही समीर ने मुझे मेरे बॉयफ्रेंड राजेश की बाहों में धकेल दिया और मैंने तुरंत राजेश का चेहरा पकड़कर उसके होंठो को चूमना शुरू किया, लेकिन राजेश अब भी थोड़ा सा शरमा रहा था। फिर समीर पास आ गया और राजेश का हाथ पकड़कर उसने मेरी छाती पर रख दिया और उस पर अपने हाथ रखकर राजेश से कहा कि आज के लिए मेरी बीवी तेरी है, चूम ले इसको, चोद ले, तुझे जो करना है कर ले, मेरी बीवी की चूत का चोद चोदकर भोसड़ा बना दे मादारचोद। अब समीर की ऐसी बातें सुनकर राजेश जोश में आ गया और वो मेरे ब्लाउज के ऊपर से ही बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा। समीर बहुत करीब से यह सब काम देख रहा था और वो अपना लंड भी मसल रहा था और में भी बिल्कुल पागल हो रही थी।

में : हाँ राजेश ऊह्ह्ह राजू हाँ और ज़ोर से दबाओ अपनी कोमल के बूब्स को आआहह जानुउऊ राजेश ओह्ह्हहह डार्लिंग मुहं में लो मेरे बूब्स को आअहह, उफ्फ्फ्फ़ समीर देख तेरी बीवी कैसे अपने पुराने आशिक़ की बाहों में आज आधी नंगी पड़ी हुई है, आअहह देख भोसड़ी के राजेश पूरे बूब्स अपने मुहं में भरकर चूसो।

राजेश : ऊह्ह्ह्ह भोसड़ी की रांड तू बहुत चिल्ला रही है, में कब से तुझे चोदना चाहता था, लेकिन मुझे आज वो मौका मिला है और में आज तेरी चूत को जरुर फाड़ दूँगा और तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।

समीर : में अब अपने हाथों से तुम दोनों को पूरा नंगा करूँगा, तुम तैयार हो जाओ।

फिर इतना कहकर समीर ने जल्दी से मेरी पूरी साड़ी को उतार दिया। उसके बाद मेरा ब्लाउज भी खोल दिया और उसके बाद उसने बिना देर किए मेरा पेटीकोट भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब में सिर्फ़ ब्रा पेंटी में थी। फिर उसने मेरी ब्रा पेंटी को भी निकाल दिया और अब में अपने पति और पुराने आशिक़ के सामने बिल्कुल नंगी थी। राजेश मेरे बूब्स को को दबा रहा था और समीर ने राजेश के कपड़े उतारना शुरू किया, उसकी शर्ट को उतार दिया। फिर पेंट को भी उतार दिया और अब वो सिर्फ़ अंडरवियर में था, जिसमें से उसका तनकर खड़ा लंड तंबू बनकर साफ साफ दिख रहा था। फिर समीर ने राजेश की अंडरवियर के ऊपर से उसका लंड दबाया, जिसकी वजह से अब राजेश और भी ज्यादा गरम हो गया और फिर उसने मुझे और समीर दोनों को अपनी बाहों में भर लिया और अपनी छाती पर दबाने लगा। समीर का यह सब करना मेरे लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं था। अब राजेश हम दोनों को रगड़ रहा था और मेरे होंठो को चूस रहा था और नीचे समीर उसके लंड को अंडरवियर के ऊपर से दबा रहा था। फिर राजेश ने मुझे बेड के ऊपर लेटा दिया और मेरे दोनों पैरों को खोलकर उसने मेरी चूत पर अपना मुहं रख दिया और अब वो मेरी चूत को चाटने लगा, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में ना जाने क्या क्या बड़बड़ा रही थी और बिन पानी की मछली की तरह उछल रही थी।

में : ओह्ह्ह्हह प्लीज राजेश मेरे राजा हाँ चाट अपनी इस रंडी की चूत को, मेरा कुत्ता है तू खा जा आईईईईइ उफ्फ्फ्फ़ मेरी चूत गीली हो रही है मादारचोद, तेरी माँ का भोसड़ा उईईईई हाँ में मर गई, हाँ खा जा मेरी चूत को।

फिर उधर समीर, राजेश के घुटनों के नीचे ज़मीन पर सीधा लेट गया और राजेश का 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड अपने मुहं में ले लिया और वो उसको बहुत अच्छे से चूस रहा था।

राजेश : ऊऊहह समीर साले, चूतिए, गांडू, मादरचोद, तेरी बीवी मेरी रंडी है और तू मेरा गुलाम, हाँ चूस मेरा लंड चुस्स्स्स कुत्ते भोसड़ी के।

अब राजेश जोश में आकर यह सब बोल रहा था और वो मेरी चूत को भी चाट रहा था। फिर उसने मुझे बेड के बिल्कुल किनारे किया और मेरी चूत पर अपना लंड टिका दिया और समीर ने अपने दोनों हाथों से अपनी बीवी के यार का लंड पकड़कर अपनी बीवी की चूत के मुहं पर लगाकर अंदर घुसाया, मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ। फिर राजेश ने एक ही जोरदार झटका देकर अपना पूरा लंड मेरी चूत की गहराईयों के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से मेरी चीख निकल गयी, लेकिन अब मुझे उसके धक्को से बहुत मज़ा आने लगा था, राजेश मेरे पति के सामने मेरी चुदाई कर रहा था और समीर कभी मेरी चूत रगड़ता तो कभी राजेश के आंड सहलाता और में जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेकर चिल्ला रही थी।

में : हाँ राजेश मेरे यार चोद डाल मुझे और ज़ोर से आअष्ह उफ्फ्फ्फ़ मुझे कब से तुझसे चुदना था और तू आज मुझे चोद रहा है, तेरा लंड कितना मोटा लंबा है, आह्ह्हहह उईईईइ माँ मार डाला बहुत अंदर तक जा रहा है, समीर देख मुझे अपने राजेश के लंड से चुद रही हूँ, उफ्फ्फ्फ़ हाँ तू मेरा यार राजेश कितना मर्दाना है, हाँ राजेश में आज से तेरी रंडी हूँ, रखेल हूँ ऊओह राजू में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, उईईईईई राजेश हाँ चोद।

दोस्तों वो करीब 30 मिनट तक एक ही पोज़ में लगातार मुझे चोदता रहा। फिर में डॉगी स्टाईल में बैठ गई और राजेश ने तुरंत पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। उसके बाद में पांच मिनट धक्के झेलने के बाद ही झड़ गई और मेरा पूरा शरीर एकदम अकड़ गया, लेकिन राजेश ने अपनी चुदाई अब भी जारी रखी, वो बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और समीर राजेश के पीछे से झुककर उसकी गांड को चाट रहा था। अब समीर बोल रहा था।

समीर : हाए राजेश तेरा लंड तो बहुत मस्त है, चोद मेरी बीवी को आअहह मादरचोद चोद और ज़ोर से आज से कोमल तेरी रंडी है, मुझे तेरी गांड चाटने में भी मज़ा आ रहा है हुन्न आआशह।

राजेश : समीर मेरी जान में अब तो तुझे भी चोदना चाहता हूँ।

दोस्तों यह सब काम मेरे लिए बिल्कुल नये अनुभव जैसा था, अपने पति की गांड को मरवाना और उसे अपने सामने मरवाते हुए देखना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। कुछ देर में राजेश ने मुझे छोड़कर समीर को बेड पर कुत्ते की स्टाईल में बैठा दिया और अब उसकी गांड को चाटकर पूरी गीली कर दिया। फिर मैंने राजेश का लंड चूसकर गीला किया और अपने हाथ से अपने पति की गांड पर अपना बहुत सारा थूक लगाया, राजेश ने थोड़ा सा धक्का दे दिया और आधा लंड समीर की गांड में घुस गया और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला रहा था।

समीर : ऑश राजेश उफफ्फ्फ्फ़ मार डाला, हाए तेरा लंड कितना बड़ा है आह्ह्हहह मादरचोद भोसड़ी के आआहह।

राजेश : समीर डार्लिंग अभी तो मेरा सिर्फ आधा लंड ही अंदर गया है, यह ले पूरा अंदर ले आआअहह।

दोस्तों इतना बोलकर राजेश ने अपना पूरा लंड समीर की गांड में डाल दिया और ज़ोर से झटके मारकर चुदाई करने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चीखता चिल्लाता रहा। दोस्तों फिर वह मेरी पति की गांड में ही झड़ गया और फिर मैंने अपने पति की गांड और बॉयफ्रेंड का लंड चाटकर साफ किया। अब तो मेरी जब भी इच्छा होती है तो दोनों से रंडी की तरह चुदवाती हूँ और हम बहुत मजे करते है ।।

धन्यवाद …

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पार्क में गर्लफ्रेंड के साथ पहली चुदाई – Park Me Girlfriend Ke Saath Pahli Chudai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/park-me-girlfriend-ke-saath-pahli-chudai/ Wed, 24 Apr 2019 18:27:27 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5404 otelsan.ru पे कहानी पढ़ने वाले सभी पाठक और पाठिका को मैं कबीर मेरे कहानी पे स्वागत करता हूँ । बहत दिन बाद ये कहानी लिख रहा हूँ उम्मीद हे आप सभी इसी कहानी का मजा लेंगे और अछि अछि कमैंट्स भी जरूर देना । छूट चुदाई की दास्तान भरी इसी साईट में आप मेरे ये कहानी पढ़के अपने दोस्तों से जरूर शैयार करना । मेरे बारें में कुछ और जान करके बाद स्टोरी पे जायेंगे । में दिल्ली का रहने वाला हूँ और बी।कॉमईयर में हूँ, में एक सिंपल सा दिखने वाला 20 साल का लड़का हूँ। मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है जो कि किसी को भी सॅटिस्फाइड करने के लिए काफ़ी है। अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ। यह बात 2 साल पुरानी है, जब मेरे एक गर्लफ्रेंड थी और उसका नाम मोना था। हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे और हमारे रिश्ते को 2 साल हो गये थे, लेकिन हमने किस के अलावा कुछ नहीं किया था।

ये बात तब की है जब हम दोनों का एड्मिशन कॉलेज में हुआ था।
फिर हमने डिसाईड किया कि हफ्ते में एक दिन हम मिलेंगे और घूमने जायेंगे। फिर एक दिन हमारी लड़ाई हो गई और उसने मुझे मनाने के लिए साकेत बुलाया और में उससे मिलने चला गया। उस दिन बहुत बारिश हो रही थी। में वहाँ पहुंचा तो वहाँ खड़ी थी। दोस्तों में आपको बता दूँ कि मेरी गर्लफ्रेंड दिखने में बहुत सुंदर थी और उसका फिगर तो सही तो नहीं पता, लेकिन वो सुंदर थी और उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन उसकी गांड बहुत ही मोटी थी। तब तक मैंने उसके साथ कुछ नहीं किया था। फिर जब में वहां पहुँचा तो वो मेरा इंतजार कर रही थी। फिर हम मिले और मैंने उससे गुस्से में पूछा कि क्यों बुलाया? तो उसने बोला चलो जानू। फिर मैंने बोला कि बताओ कहाँ जाना है?

मोना : जहाँ जाना था, वहाँ अब नहीं जा सकते है।

में : क्यों?

मोना : नहीं जा सकते बारिश हो रही है।

में : ऐसा कहाँ जाना था?

मोना : ओके, चलो चलते है।

फिर उसने ऑटो वाले से पूछा और एक जगह का नाम लिया, दोस्तों मुझे नहीं पता था कि हम कहाँ जा रहे है? अब वहाँ पहुँचकर हम अन्दर चले गये और थोड़ी देर तक घूमने के बाद हम एक खाली सी जगह देखकर बैठ गये। दोस्तों वहाँ बहुत सारे कपल्स ही थे और वो लोग किसिंग कर रहे थे। अब में ये देखकर बहुत चौंक गया था और उत्तेजित भी हो गया था। फिर अचानक से मेरी गर्लफ्रेंड ने मुझे हग किया। फिर मैंने भी उसे माफ़ कर दिया और हम आधे घंटे तक एक दूसरे की बाहों में यू ही खड़े रहे। फिर मैंने उसे गले पर किस किया तो उसे करंट सा लगा। फिर उसने मुझसे बोला चलो कहीं और चलते है। फिर हमने एक सुनसान जगह देखी जहाँ हमें कोई ना देख सके और वहाँ चले गये। अब हमें परेशान करने वाला कोई नहीं था और अब हम वहाँ जाकर फिर से हग करके खड़े हो गये।

फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसके गालों को अपने हाथों से पकड़ा और उसका सर चूमा। फिर धीरे से हमने किस करना स्टार्ट किया और फिर स्मूच करने लगे। मुझे किस्सिंग करना बहुत पसंद है। दोस्तों फिर हमारी जीभ भी एक्सचेंज होने लगी और हम किस में खो गये और हम बीच-बीच में सांस लेते और में उसके गले, गाल, कान को चूसता और वो मेरे गले, कान, गाल को चूसती। यह कुछ 1 घंटे तक चला और फिर में धीरे-धीरे अपने हाथ उसके टॉप के ऊपर से उसके बूब्स पर ले गया और उन्हें दबाया तो उसने कुछ नहीं कहा। फिर मैंने अपना हाथ उसकी टॉप में डाल दिया और उसकी पीठ सहलाने लगा। अब उसे भी मज़ा आ रहा था और अब हम दोनों सेक्स के नशे में खो चुके थे। फिर कुछ देर के बाद उसने मुझे उसकी ब्रा खोलने के लिए कहा और फिर मैंने पीछे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और सहलाने लगा और किस करने लगा। अब में अपने हाथ उसकी कमर के आस पास सहला रहा था कि तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने बूब्स पर रख दिया। अब मुझे उसके सॉफ्ट बूब्स का स्पर्श हुआ और उसके निप्पल कड़क हो चुके थे। अब में धीरे-धीरे उन्हें दबा रहा था और उसे मज़ा आ रहा था।

फिर मैंने धीरे से उसका टॉप ऊपर किया और उसके बूब्स पर किस किया। फिर क्या था? अब उसे भी मज़ा आने लगा था। और अब में भी उसके दोनों बूब्स को बारी-बारी से चूसने लगा, अब वो धीरे-धीरे मौन कर रही थी और मुझे किस कर रही थी। फिर काफ़ी देर तक उसके बूब्स चूसने के बाद उसके बूब्स लाल हो गये थे और निप्पल एकदम कड़क हो गये थे। फिर मैंने उसको किस करना चालू किया और उसकी जीन्स के ऊपर से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया तो अब वो एकदम गर्म हो चुकी थी। अब मुझे उसकी जीन्स के ऊपर उसकी गर्म चूत महसूस हो रही थी और अब में तेज़-तेज़ उसे रगड़ रहा था। अब उसकी साँसे गर्म हो रही थी। फिर मैंने उसकी जीन्स का बटन खोल दिया तो वो कुछ नहीं बोली, अब हम धीरे-धीरे सेक्स के नशे में पूरी तरह से आ चुके थे।

अब बटन खोलने के बाद में अपना एक हाथ उसकी गांड पर ले गया और दबाने लगा। अब उसे मज़ा आ रहा था। फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और फिर से अपनी चूत पर रख दिया तो में फिर से उसकी चूत को सहलाने लगा। और अब तक मेरा लंड भी पूरा खड़ा हो चुका था और पानी छोड़ रहा था। अब उसको भी मेरा लंड महसूस हुआ और वो उसे मेरी पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी। अब मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था और मैंने उसकी जीन्स की चैन नीचे की, लेकिन उसकी जीन्स बहुत टाईट थी तो इसलिए वो नीचे नहीं हुई और अब हम ओपन में थे तो में नीचे उतारना भी नहीं चाहता था, वैसे हम जिस जगह खड़े थे, वहाँ हमें कोई नहीं देख सकता था, वो एक जंगल जैसा ही था। ख़ैर आगे मैंने अंदर हाथ डाला और उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ने लगा। उसने फ्लेवर वाली पेंटी पहनी थी सो क्यूट, अब वो धीरे- धीरे मज़े में मौन कर रही थी। फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी के अंदर डाला तो उसकी चूत बहुत गर्म थी और उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और वो बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी, उसकी चूत पर छोटे-छोटे बाल भी थे, जो उसने शेव नहीं किए थे। अब में धीरे-धीरे उसे रगड़ने लगा और उसे मज़ा आने लगा था।

फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाली तो वो उछल पड़ी और बोली कि जानू उंगली अन्दर बाहर मत करना तो मैंने भी उसे ओके बोला और रब करने लगा। फिर जब उसको मज़ा आने लगा तो मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। वो पूरी तरह से वर्जिन थी और अब उसे हल्का-हल्का दर्द हो रहा था लेकिन थोड़ी देर के बाद उसको मज़ा आने लगा। फिर मैंने दो उंगली अन्दर डाल दी और उसे चोदने लगा। अब उसको मेरी उंगलियों से चुदने में मज़ा आ रहा था और वो आअहह जानू और आआआहह और करो आहह ऐसे बोल रही थी। फिर 15 मिनट तक फिंगरिंग करने के बाद वो झड़ गई और मुझसे लिपट गई, अब उसका सारा माल मेरे हाथ में आ गया और मैंने उसकी जीन्स का बटन लगा दिया।

अब हम सेक्स करना चाहते थे, लेकिन खुले में नहीं कर सकते थे। फिर अचानक से हमें सिक्यूरिटी गार्ड के आने की आवाज़ सुनाई दी और हम वहाँ से निकल गये, लेकिन मेरा लंड अभी खड़ा था और मेरे हाथ भी गंदे थे तो में हाथ धोने वॉशरूम में गया तो वॉशरूम खाली था और आस पास भी कोई नहीं था। फिर मेरी गर्लफ्रेंड अंदर आ गई और उसने मेरा लंड जो पहले से ही खड़ा था, वो बाहर निकाला और उसे सहलाने लगी, क्योंकि वो जानती थी कि में शांत नहीं हुआ हूँ। फिर काफ़ी देर तक मूठ मारने के बाद मेरा भी निकल गया और हम अपने कपड़े ठीक करके वहाँ से निकल गये। फिर रात को घर पहुँचकर हमने फोन पर भी सेक्स किया। अब वो चुदने के लिए बेताब हो रही थी और में भी उसको चोदने के लिए बेताब हो रहा था, लेकिन हमें कभी मौका नहीं मिला ।।

धन्यवाद …।

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चूदासी आंटी ने घर बुलाके चुदवाया – Chudasi Aunty Ne Ghar Bulake Chudwaya | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/chudasi-aunty-ne-ghar-bulake-chudwaya/ Fri, 19 Apr 2019 14:45:34 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5361 है, आप सभी को नमस्कार, मैं भौजा पे कई दिनों से कहानी पढ़ रहा हूँ । मेरे लंड कहानी पढ़के पूरा गरम हो जाता हे और चोदने को बहत मन करता हे । आज मैं आपको पानी कहानी बताऊंगा उम्मीद हे आप भी अपनी छूट और लंड की मजा लेंगे । मेरा उम्र 25 साल, गौरा रंग और में एक मल्टीनेशनल कंपनी पुणे में सॉफ्टवेर इंजिनियरिंग हूँ। ये मेरी इस साईट पर पहली कहानी और ये कहानी मेरी और मेरी सेक्सी भाभी की है, जो देखने में बहुत माल है और बेशर्म भी है, वो बेशर्म तो मेरी वजह से हुई है। वो तो अब मेरे लंड के लिए पागल हो गई थी, क्योंकि उसका पति वो सब नहीं करता, जो में उसके साथ उसके पति के बिस्तर पर करता था। उसका फिगर कातिलाना है और उसका साईज 36-28-38 है, आज उसके 2 बच्चे है, लेकिन फिगर अभी भी वैसा ही है। मेरे भाई की शादी उससे 2006 में हुई थी।

अब में स्टोरी पर आता हूँ और ये बात उस वक़्त की है जब में IInd ईयर में था। वो मेरे भाई के साथ दूसरे घर में रहती थी और में उससे ज्यादा बात नहीं करता था,
क्योंकि उस वक़्त में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ काफ़ी व्यस्त रहता था और मैंने भाभी की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन भाभी हमेशा मुझे फोन करती और कुछ न कुछ काम बोलती जिससे कि मुझे उसके घर जाना पड़े और जब भी में घर जाता तो घर पर कोई नहीं रहता था, ये बात मैंने कभी नोटिस नहीं की थी। फिर 1 दिन में अपने दोस्त के साथ मूवी देखने गया था, उस वक़्त उसका फोन आया और उसने कहा कि घर पर आओ देवर जी। फिर मैंने कहा कि में अभी बाहर हूँ भाभी, क्या काम है? तो उसने कहा कि जैसे ही फ्री होqq जाओ तो आ जाना, में इंतजार कर रही हूँ, तो मैंने ठीक है बोलकर फोन कट कर दिया।

फिर जैसे ही मूवी ख़त्म हुई तो में उनके घर पहुंचा, वो किचन में थी तो मैंने पूछा क्या हुआ? तो वो बोली जब बुलाया तब क्यों नहीं आया? तो मैंने बोला मूवी देख रहा था। फिर वो बोली कि अभी तेरे भैया घर पर है बाद में आना, तब बताउंगी। फिर में निकल गया, लेकिन मेरे कुछ समझ में नहीं आया था। फिर 2 दिन के बाद उसका फिर से फोन आया जब में शाम 6 बजे कॉलेज से वापस आ रहा था तो उसने कहा कि घर पर आओ। फिर में भाभी के घर गया और जैसे ही अंदर गया तो उसने नाइटी पहन रखी थी, जिसमें उसकी लाल ब्रा साफ़ दिख रही थी। फिर मैंने पूछा क्या हुआ भाभी मुझे क्यों बुलाया? तो उसने उठकर घर का मैन दरवाजा बंद किया और एक ही झटके में अपनी नाइटी ऊतार दी और अब वो लाल ब्रा में बिना पेंटी के खड़ी थी, क्या बताऊं यार? अब में तो पागल हो गया और सीधा खड़ा उसे घूरता रहा। अब वो मेरे पास आई और मेरा एक हाथ उठाकर अपने बूब्स पर रखा और धीरे से कान में बोला कि में तुझे कैसी लगती हूँ?

फिर मैंने बिना कुछ बोले उसे उठाया और उसके रूम में जाकर बिस्तर पर पटका। अब वो मुझे भूखी कुत्ती की तरह बुला रही थी, अब मुझसे भी रहा नहीं गया, फिर मैंने उसके बूब्स, गर्दन को सक करना स्टार्ट किया। अब वो पूरी पागल हो चुकी थी और जब उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया तो वो रुक गई और बोली ऋषि तेरा लंड आह कितना मोटा है और कहते ही मुँह में लेना चालू कर दिया। अब वो कुतिया की तरह मेरा लंड चूस रही थी, फिर मैंने उसकी चूत को चाटना चालू किया। अब तो वो पागल हो गई और मुझे गंदी-गंदी गालियाँ दे रही थी, चोद भोसड़ी के चोद, तेरा भाई तो हिजड़ा है, तेरे में कितना दम है दिखा मादरचोद, में तेरे लंड के लिए पागल हो गई हूँ। अब उसके ये कहते ही मेरा दिमाग ख़राब हो गया और मैंने अपने लंड को उसकी चूत में एक ही झटके में डाल दिया। अब वो चिल्ला उठी और बोली कि धीरे कर तो में नहीं माना और ज़ोर-ज़ोर से करता रहा। अब उसकी आँखों में आंसू आ गये थे, लेकिन चेहरे पर हंसी भी थी, अब उसे काफ़ी मज़ा आ रहा था और ये मुझे साफ दिखाई दे रहा था, वो 5 मिनट में ही 2 बार झड़ गई थी।

फिर मेरा भी होने वाला था, तो उसने कहा कि तेरा पानी मेरे मुँह में डाल, में तेरा पानी पीना चाहती हूँ। फिर मैंने भी वैसा ही किया और वो पागलों की तरह पी गई, फिर उसने मुझे थैंक्स कहा और बोली कि में आज से तेरी रांड हूँ, तू मुझे रोज चोदाकर, तेरा लंड किसी भी औरत को खुश कर सकता है। फिर में वहाँ से निकल गया, फिर उसे जब भी मौका मिलता है तो वो मुझे फोन करके बुला लेती है और हम सेक्स करते है। कई बार तो उसके पति के घर पर होने के बाद भी उसने मुझसे चुदवाया है। फिर एक बार दीवाली का टाईम था और दीवाली के टाईम सब घर पर थे तो सभी पटाखे जलाने में व्यस्त थे। तो उसने पेट दर्द का नाटक किया और अपने रूम में चली गई, फिर करीब 2 मिनट के बाद उसने मुझे कॉल किया और अपने रूम में बुलाया तो में उसके रूम गया और उसने स्पीड से दरवाजा बंद किया और मुझे बिस्तर पर गिराकर मेरे पूरे कपड़े उतार कर मुझे पूरा नंगा किया और मेरे लंड को चूसने लग गई।

अब में देखता ही रह गया और अब वो काफ़ी बेशर्म हो चुकी थी। फिर मैंने उससे कहा कि अभी बहुत रिस्क है, लेकिन वो नहीं मानी और मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई और बोली कि मुझे एक बार तेरा लंड दे दे फिर ये नहीं उठेगा। फिर मैंने भी उसका साथ दिया और किस करना चालू किया। फिर हमने 69 पोज़िशन ली जो मुझे काफ़ी पसंद है। फिर उसने कहा कि जल्दी से चूत में लंड डालो, तो मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपना लंड रखा तो वो तिलमिला उठी और गाली देने लगी। अब उसके मुँह से आवाज़े आने लगी थी और अब वो काफ़ी ज़ोर से चिल्ला रही थी। अब मुझे डर था कि कोई आ ना जाए, इसलिए फिर हमने जल्दी से एक राउंड ख़त्म किया, लेकिन अभी तक भी उसकी प्यास नहीं बुझी थी, वो 4 बार झड़ चुकी थी, लेकिन वो रूम के बाहर निकलने का नाम ही नहीं ले रही थी। फिर मेरे पास उसे शांत करने का एक ही उपाय था, फिर मैंने उसकी चूत को चाटना चालू किया तो वो पागल हो गई।

अब वो मेरे अंडो पर ज़ोर लगा रही थी और फिर मैंने उसे 2 मिनट ही चूसा और वो झड़ गई। फिर वो शांत हुई और मुझे बाहर चलने को कहा। अब उस पर मेरे लंड का इतना नशा चढ़ गया था कि उसने सबके घर में रहने के बाद भी मुझसे चुदवाया और अपनी प्यास बुझाई ।। मेरे लैंड

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ନାଇଟ ଭିତରୁ ଝୁଲାକୁ ଦେଖି ବାଣ୍ଡ ଟିଙ୍ଗେଇ ଉଠିଲା – Nait Bhitaru Jhulaku Dekhi Banda Tingei Uthila | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/nait-bhitaru-jhulaku-dekhi-banda-tingei-uthila/ Mon, 25 Mar 2019 07:59:16 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5288 [...]]]> ନମସ୍କାର ଭାଉଜ ର ପାଠକ ବନ୍ଧୁ ମୁଁ ରଜତ ଆପଣଙ୍କ ସହ ଆଜି ଗୋଟେ କଥା ସେୟାର କରିବାକୁ ଯାଉଛି | ମୋ ଅଙ୍ଗେ ନିଭା କଥା କିଛି କହିବି | ଆଶା କରୁଛି ଆପଣ ମାନେ ସବୁ ବାଣ୍ଡ ପଜେଇବା ଆରମ୍ଭ କରିବେନି ଆଉ ଟୋକି ମାନେ ନିଜ ବିଆରେ ଆଙ୍ଗୁଳି ଡାଳି ଖାଲି ମୋ କଥା ଭାବୁଥିବେ | ମୋ କଥା ଶୁଣି ଯଦି ତମ ବିଆରୁ ପାଣି ବାହାରି ଆସେ ତେବେ ମୁଁ ଧନ୍ୟ ମାନେ କରିବି | ଭାଉଜ ପଢି ପଢି ମୁଁ ଭଲ ଥିଲି ହେଲେ ଏବେ ବେଧୁଆ ହେଇଗଲିଣି | ହବାକୁ ପଡିଲା କାହିଁକ ନ ଆଜି କଲି ର ଟୋକିଙ୍କୁ ସମ୍ଭାଳିବା କୁ ହେଲେ ଏମିତି ହବାକୁ ପଡିବ | ଭାଇ ମାନେ ଯଦି ଭଦ୍ର ଗେହିଁବା ନ ଟୋକି ତମ ସାଙ୍ଗ କୁ ବିଆ ଦେଇ ପଳେଇବ | ଛାଡ ସେଇ କଥା ମୁଁ ମୋ ଅନୁଭୂତି କଥା ଟିକେ କହିଦିଏ |

ଝିଅର ନା କହିବା ଠିକ ହବନି ସେଥିପାଇଁ ଗୋଟେ କାଳ୍ପନିକ ନାଁ ରେ ମୁ ତାକୁ ସମ୍ବୋଧିତ କରୁଛି – ତା ନାଁ ଚମ୍ପା | ନାଁ ୫ ସେ ମଧ୍ୟ ଦେଖିବାକୁ ଭାରି ସୁନ୍ଦରୀ ଆଉ ଗୋରୀ, ଦେଖିବାକୁ ଟିକେ ମୋଟୀ ହେଲେ ବି ତାହା ତାକୁ ଆହୁରି ସୁନ୍ଦରୀ ଆଉ କାମିନୀ କରିଦେଉଥିଲା | ସେ ମୋ ସାଙ୍ଗ ଟା | ମୋ ଘର ଠୁ ୫୦ ମିଟିର ହେବ ତା ଘର |

ପିଲା ବେଳୁ ଟିକେ ଲାଜକୁରା ଥିଲି ବୋଲି ମୁଁ କୋଉ ଝିଅକୁ ଆଖି କରୁନଥିଲି, ହେଲେ ଏବେ ବାଣ୍ଡ ବିଆ ର ପୁରାଣରେ ମୁଁ ପୁରା ପାରଙ୍ଗମ |
ଚମ୍ପା ଆମ ସାହିର ଗୋଟେ ସୁନ୍ଦରୀ ଟୋକି | ତାର ଦୁଧ ଫୁଲା ଫୁଲା ଦେଖିଲେ ମୋର ବାଣ୍ଡ ଟିଙ୍ଗେଇ ଯାଏ | ମୋର ତା ପ୍ରତି କାହିଁ କେଉଁ ଦିନରୁ ଆଗ୍ରହ ଥିଲା ହେଲେ ଟୋକି ବାହା ହେଇଗଲା ସିନା ମୁଁ ତାକୁ ଛୁଇଁ ବି ପାରିଲିନି | ସେ ଏବେ ବିବାହିତ, ବାହା ହିଁ ଗୋଟେ ପୁଅ ଜନ୍ମ କରି ଆମ ଗାଁ କୁ ଆସିଛି ସେ | ପୁଅ କୁ ଚାରି ମାସ ହବ | ମୁଁ ତାଙ୍କ ଘରକୁ ଅନେକ ଥର ଯାଇଛି ତା ସହ କଥା ହୁଏ | ସେ ମୋତେ ଭାରି ଆଗ୍ରହ କରେ ଆଉ ସବୁ ବେଳେ କୁହେ ତୁ ପୁଣି ଆସିବୁ | ମୁଁ ମଧ୍ୟ୍ୟ ହଁ କରି ଚାଲି ଆସେ ହେଲେ ଯାହା ବିଆ ରେ କିଏ ବାଣ୍ଡ ଗଳେଇ ସାରିଲାଣି ସେମିତି ଟୋକି ପଛରେ ପଡିକି କିଛି ଲାଭ ନାଇଁ ବୋଲି ଭାବିଥିଲି |
ଦିନେ ମୋ ବାଇକ ନେଇ ତାଙ୍କ ଦୁଆର ଦେଇ ଯାଉଥାଏ | ତାଙ୍କ ଦୁଆର ଆଗରେ ଗୋଟେ ପାଣି ଟ୍ୟାପ ରହିଛି | ସେହି ପାଣି ଟ୍ୟାପ ପାଖେ ବସି ସେ ଲୁଗା ସଫା କରୁଥିଲା | ମୁଁ ତା ଆଡେ ନଜର କରି ଯାଉଥିଲି | କିଛି ଦୂରରୁ ଟାକୁ ଲୁଗା ସଫା କରୁଥିବାର ଦେଖୁ ଦେଖୁ ଯାହା ଦେଖିଲି ମୋର ଦେହ ଗରମ ହେଇଗଲା ଆଉ ଇଛା ହେଲା ଏଇନେ ଗେଁହି ଦିଅନ୍ତିକି! ଓଃ, ସତରେ କି ଦୁଧ ତାର | ନାଇଟ ଟେ ପିନ୍ଧି ଲୁଗା ସଫା କରୁଥିଲା | ନାଇଁ ପଡି ଯେତେବେଳେ ଲୁଗା କାଚି ପକେଇଲା ନାଇଟ ଭିତରୁ ଦୁଧ ପହ୍ନା ଓହଳି ପଡିଲା ଭଳି ଦେଖାଗଲା | ପୁରା ଭିତରର ସବୁ କିଛି ଝଲସି ଉଠିଲା | ମୋ ଆଖି ଆଗରେ କିଛି ସମୟ ତାର ଦୁଧ ଭଣ୍ଡାର ଚାଇପାରି ମାଡି ରହିଲା | ସେ ହସି ଦେଇ ପଚାରିଲା କୁଆ ଯାଉଛୁ ମୁଁ କହିଲି ଟିକେ ବୁଲୁଚି | ମୁଁ ଟିକେ ଆଗକୁ ଯାଇ ପୁଣି ଫେରିଲି, ଏଥର କିନ୍ତୁ ଆଉ ଦର୍ଶନ ମିଳିଲାନି | ମୁଁ ଘରକୁ ଫେରି ମୋର ଦେହର ଉତ୍ତେଜନା କୁ ଅଟକେଇ ପାରିଲି ନାହିଁ | ମୁଁ ସଂଗେ ସଂଗେ ଚାଟ ଉପରକୁ ଯାଇ ନିରୋଳାରେ ବିପି ଦେଖିଲି ହେଲେ ବିପି ଦେଖି ହଲେଇଦେବାକୁ ଜମା ମନ ହେଲାଣି | ଉଠିପଡିଲି ପୁଣି ଭାବିଲି କଣ ସଂଗେ ସଂଗେ ଯାଇ ତାକୁ ଗେଁହି ପାରିବି, ସେଇଟା କେବେ ବି ସମ୍ଭବ ନୁଁହ କହୁ କହୁ ବିଆ ଦେଇଦେବ ନ କଣ ଗୋଟେ ଝିଅ ? ସେଠୁ ମୁଁ ବସିକି ବିପି ଦେଖିଲି ଆଉ ହଲେଇଲି | ମନ ଟିକେ ଶାନ୍ତ ପଡିଲା ଧାର୍ଯ୍ୟ ଧରିଲି ଆଉ ନଗଦ ନଗଦ ତା ପାର୍ଟି ମୋ ମନରେ ଯାଉ ତରଙ୍ଗ ଆସିଛି ତାକୁ ନେଇ ଚାଲିଲି ତା ଘରକୁ | ଘର ବାହାରୁ ସାମାନ୍ୟ କିଳା ହଲିଥିଲା |
ଭିତରୁ ପସୁ ପସୁ ସେ ନାଇଟ ତାକୁ ତଳ ପଟୁ ଧରି ବିଞ୍ଚି ହଉଥିଲା | ମୋ ନଜର ତା ଜାଗା ଉପରେ ଯାଇ ପଡିଲା ମାନେ ସେ ତଳେ ଆଉ କିଛି ପିନ୍ଧି ନଥିଲା, ବିଆ ଚାରି କଡ଼ ବାଳ ଥିଲା ବୋଧେ ବୋଧେ ସେମିତି ଦେଖାଗଲା ସଂଗେ ସଂଗେ ସେ ବିଞ୍ଚି ହବ ବାଣ୍ଡ କଲା | ମୋ ଦେଖି ଖୁସିରେ କହିଲା ଆ ବସ | ମୁଁ ତା ପାଖେ ଯାଇ ବସିଲି |
କିଛି ସମୟ କଥା ହଉ ହଉ ଜାଣିଲି ତା ଘରେ ଆଉ କେହି ନାହାନ୍ତି | ତା ଟିକି ପୁଅ ମଧ୍ୟ୍ୟ ଶୋଇ ପଡିଥିଲା | ମୁଁ ହଠାତ କି କହିଲି – ଚମ୍ପା, I LOVE YOU ସେ ମୋ କଥା ଶୁଣି ନଶୁଣିଲା ଭଳି ହେଲା ମୁଁ ପୁଣି କହିଲି, I LOVE YOU ସେ ମୋ ମୁଁହକୁ ଚାହିଁ ହସିଦେଲା, ସେଠୁ ମୁଁ କହିଲି ସତରେ ମୁଁ ଥଟା କରୁନି | ସେ କହିଲା ତୁ ପାଗଳ ହେଲୁ ନା କଣ ? ମୁଁ ବାହା ହେଇଚି ପୁଣି ମୋର ଗୋଟେ ଛୁଆ ହେଲାଣି ବୋଲି ତୁ ଜାଣିଚୁ ତ! ମୁଁ କହିଲି ହେଲେ ପ୍ରେମ କେତେବେଳେ କାହା ସହ ହବ କଣ କହିହବ ମୋତେ ତୁ ବହୁତ ଭଲ ଲଗଉଛୁ | ମୁଁ ତୋତେ ବହୁତ ଭଲ ପାଉଛି, ମନା କରନା | ସେ ସେଠୁ ହସିଦେଲା ଆଉ କହିଲା ଜାଣିଚୁ କିଏ ଶୁଣିବା ବୋଲେ କଣ ହବ ? ମୁଁ କହିଲି କାହା କଥାରୁ କଣ ମିଳିବ ଆଉ କିଏ କେମିତି ଜାଣିବ? ସେଠୁ ସେ ମୁଂହ ତଳକୁ କରି ରହିଲା ଆଉ ମୁଁ କହିଲି ଚମ୍ପା ଚମ୍ପା…. ଚମ୍ପା କଣେଇ ଟିକେ ଚାହିଁଲା ତାର ଚାହାଣି ଭାରି କାମିନୀ ଥିଲା ମୁଁ ତାକୁ କୁଣ୍ଢେଇ ପକେଇ ତ ମୁଂହ ଉପର କରି ତା ଗାଲକୁ କିସ କରିଦେଲି | ତା ଦେହ ଥରି ଉଠିଲା, ଖାଲି ତାର କାହିଁକି ମୋ ଚାଟି ଖାଲି ଉଠୁଥାଏ ଆଉ ପଡୁଥାଏ | ଆଉ ମୁଁ କିଛି ବି କହିଲିନି ତାକୁ ପୁଣି କୁଣ୍ଢେଇ ନେଲି ଆଉ ତା ମୁଁହରେ ୧୦-୧୨ ଚୁମା ଆଙ୍କିଦେଲି ଆଉ ପୁଣି ଓଠକୁ ଓଠରେ ମିଶେଇ ଫିଲ୍ମ ଷ୍ଟାଇଲ ଭଳି ଚୁମିଲି | ସେ ମୋର ସମ୍ପୂର୍ଣ ସାଥ ଦେବାକୁ ଲାଗିଲା | ତାର ବେଳ ଭଳି ହୋଇଥିବା ଦୁଧ ଉପରେ ହାତ ରଖିଦେବାରୁ ମୋ ଦେହ ଏତେ ଜୋର ଥରିଲା ଯେ ମୁଁ ସ୍ଥିର ହେଇ ପାରୁନଥିଲି, ପୁଣି ଟିକେ କୁଣ୍ଢେଇ ଧରିଲି ଆଉ ତା ଦେହକୁ ଦେହରେ ଲଗେଇ ଅନୁଭବ କଲି | ତାର ପହ୍ନା ଦୁଇଟା ମୋ ଛାତିରେ ଦଳି ହେଇ ଏତେ ଶାନ୍ତି ଲାଗିଲା କଣ କହିବି ! ସେଠୁ ମୁଁ ସ୍ତନକୁ ହାତରେ ଧରି ଦଳିଲି | ସେ ସେଇ ତଳେ ଗଡ଼ିଗଲା ଆଉ ମୁଁ ତା ପାଖେ ଗାଡି ଯାଇ ତାର ସ୍ତନକୁ ଜୋର ଜୋର କରି ରଗଡି ଚାଲିଲି | ନାଇଟ ଫାଙ୍କରୁ ସ୍ତନ କୁ ବାହାରକୁ ଭିଡି ଆଣିଲି ଆଉ ଜିଭ ଲଗେଇ ଚାଟିଲି ଆଉ ନିପୀଲ ସହ ଖେଳି ଖେଳି ଚୁସିଲି | ସେ ପୁରା ଗରମ ହେଇଗଲା ଆଉ ମୋ ମୁଣ୍ଡକୁ ତା ଦୁଧ ନାଳିରେ ଜପିକି ରଖିଲା | ତାର ଗୋଟେ ହାତ ସଂଗେ ସଂଗେ ତାର ନାଇଟ ଟେକି ବିଆକୁ ସୁଆଁଳିଲା | ମୁଁ ନାଇଟ କୁ ଆଉ ଟିକେ ଟେକି ଦେଇ ପ୍ରଥମ ଥର ପାଇଁ ତା ବିଆର ଦର୍ଶନ ନେଲି | ସତରେ ସେ ବିଆ ଚାରି ପାଖ ଗାଢ଼ କଳା କଳା ବାଳ ସବୁ ଥିଲା | ମୁଁ ବିଆରେ ଆଙ୍ଗୁଳି ଭର୍ତି କରି କଲି | ସେ ଜଙ୍ଘରେ ଜାକି ଦଉଥିଲା ମୋ ହାତକୁ ମୁଁ ଆହୁରି ଜୋର ଜୋର ଗେଂଜିଲି ତା ବିଆକୁ ଆଉ ସାଙ୍ଗରେ ତାର ଦୁଧ ମଧ୍ୟ୍ୟ ଦଳି ଚାଲିଥିଲି | ମନା ଆହୁରି ଅସମ୍ଭାଳ ହେଲା | ତାକୁ ଠିଆ କରି ତାର ନାଇଟ କୁ ଖୋଲିଦେଲି ଆଉ ତାର ଦୁଧ ଓହଳି ପଡିଲା ମୁଁ ହାତରେ ଦଳି ଚାଲିଲି ଆଉ ମୁଂହ ଲଗେଇ ଗେଲ କଲି ଆଉ ଚୁସିଲି | ଦୁଧିଆଳୀ ଗାଈ ଭଳି ତାର ସ୍ଥାନରେ ଦୁଧ ଭାରି ହେଇଥିଲା | ଦୁଧ ବୁନ୍ଦା ବୁନ୍ଦା କାଢ଼ିଲି ଆଉ ସେ ସେତେବେଳେ ମୋ ପ୍ୟାଣ୍ଟ ଭିତରେ ହାତ ପୂରେଇକି ମୋ ଷଣ୍ଢ ବାଣ୍ଡକୁ ସୁଆଁଳିବାକୁ ଲାଗିଲା | ମୁଁ ଟିକେ ଠିଆ ହେଇ ପଡି ମୋ ବାଣ୍ଡକୁ ଧରି ତା ଓଠରେ ଲଗେଇଲି | ସେ ପାଟି ଚିପି ରଖିଥିଲା ମୁଁ ତା ଓଠରେ ଭାସିଲି ଆଉ ତା ପାଟି ଖୋଲିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କଲି | ବହୁ ପ୍ରତିରୋଧ ପରେ ସେ ମୁଂହ ଖୋଲିଲା ଆଉ ମୋ ବାଣ୍ଡକୁ ତା ପାଟିରେ ପୁରେଇ ଦେଇ ଗେହିଁଲି କଚ.. କଚ ସାଉଣ୍ଡ ହେଲା | ତା ମୁଁହରେ ୩ ମିନିଟ ଗେଂହିଲା ପରେ ତା ଦୁଧରେ ମୋ ବାଣ୍ଡ ମୁଣ୍ଡି କୁ ଲଗେଇଲି ଆଉ ଟିକେ ଖେଳିଲି | ତାପରେ ତାକୁ ପୁଣି ପେଲିଦେଇକି ତା ବିଆରେ ବାଣ୍ଡ ଲଗେଇଦେଲି |
ବାଣ୍ଡ ଭିତରକୁ ବାହାରକୁ କରିଚାଳିଲି ସେ ମୋ ଦେହକୁ ଅଃମ୍ପୁଡ଼ି ପକେଇଲା ଆଉ ମୋତେ ଚୁମି ଚାଲିଥିଲା | ଛୁଆ ବେଇଲା ପରେ ବିଆ ବି ପୋଲ ହେଇଯାଇଥିଲା ଆଉ ଭଲରେ ଗଳୁଥିଲା ମୋତେ ବହୁତ ମଜା ଆସୁଥିଲା, ମୋର ତତଲା ଛଡା ପରି ହେଇଯାଇଥିଲା, ୧୦ ମିନିଟ ଗେହିଁଚି ମୋର ବାଣ୍ଡରୁ ବୀର୍ଯ ବାହାରିଲା ଆଉ ମୁ ତା ପେଟରେ ଆଉ ଦୁଧରେ ଛାଡ଼ିଲି | ସେଠୁ ତାକୁ କୁଣ୍ଢେଇ ରହିଲି | ମୁଂହ ଉଠେଇ ଯେତେବେଳେ ମୋ ନଜର ଯାଇ କବାଟ ତଳକୁ ପଡିଲା କବାଟ ତଳ ପଟେ ଟିକେ ଛାଇ ପଡିଥିବାର ଦେଖିଲି, ମୋତେ ସନ୍ଦେହ ହେଲା କେହି ଜଣେ ଦେଖୁଚି ବୋଧେ | ତାଙ୍କ କବାଟରେ ଟିକେ ଫାଙ୍କ ରହୁଥିଲା | ମୁଁ ଉଠିପଡିଲି ଯେମିତି ସତରେ କେହି ଦୁଆର ମୁଂହାରୁ ଚାଲିଗଲା ଆଉ ଛାଇ ନଥିଲା | ସେଠୁ ମୁଁ ଚମ୍ପା କୁ ଆଉ କିଛି କହିଲିନି ଚୁପ ଚାପ ତା ସହ ମସ୍ତି କଲି ଆଉ ଠାରେ ମଧ୍ୟ ଗେହିଁଲି | ମନ ଶାନ୍ତି ହେଲା ପରେ ତାର ଦୁଧ ଚୁଷିକି ଘରକୁ ପଳେଇ ଆସିଲି | ….

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