desi kahani – | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Fri, 28 Jun 2019 01:40:43 +0000 en-GB hourly 1 /> दो तड़पती औरत की चुत चुदाई की कहानी – Do Tadapti Aurat Ki Chut Chudai Ki Kahani | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/do-tadapti-aurat-ki-chut-chudai-ki-kahani/ //otelsan.ru/xbrasilporno/do-tadapti-aurat-ki-chut-chudai-ki-kahani/#comments Fri, 28 Jun 2019 01:40:43 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5929 [...]]]> हेलो दोस्तों, फिर एक नयी हिंदी सेक्स कहानी और ये कहानी अपनी एक याद को लेके मैं आपके पास आयी हूँ । otelsan.ru ब्लॉग पे मेने स्टोरी पहले लिखा था और मेल भी डाला था तो वो कहानी बहत लोगों ने पढ़ा और एक दिन एक लाजबाब औरत ने मुझे मेल करके मेरे नंबर भी माँगा मेने उससे मेरे नंबर दे दिया ।. वो एक हाउसवाइफ की मेल थी, उसका पति बिजनेस मैन था जो कि बिजनेस की वजह से अधिकतर समय बाहर ही रहता था.
उस महिला ने मुझे ये सब बताते हुए कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है. उनका नाम नीलम (चेंज्ड नाम) था. रात को 9 बजे उनकी कॉल आई. उन्होंने शनिवार नाइट को आने के लिए बोला. उन्होंने बताया कि वो अपने पति से सन्तुष्ट नहीं हैं और सेक्स का पूरा मजा लेना चाहती हैं.
मैंने उनसे उनका एड्रेस लिया और शनिवार शाम को 8 बजे उनके बताए हुए एड्रेस पर पहुँच गया. मैंने उनके घर के बाहर से उनको कॉल किया और बताया कि मैं आपके घर के बाहर हूँ.
उन्होंने दरवाजा खोला, मैं तो उसको देखता ही रह गया यार… क्या मस्त माल थी. मैंने ऊपर आसमान में देखा और ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया कि आज ऐसी मस्त चुत मारने को मिलेगी.
नीलम ने अन्दर आने के लिए बोला, मैं अन्दर आ गया.
उनका घर काफ़ी बड़ा था. उन्होंने सामने सोफे पर बैठने का इशारा किया, मैं सोफे पर बैठ गया.
थोड़ी देर बाद वो अन्दर से पानी लेकर आ गईं और मेरे पास ही बैठ गईं.
हम लोगों ने बातें करना शुरू की, उन्होंने मुझे बताया कि आज उनका बर्थडे है और उनके पति को उनकी कोई फिक्र ही नहीं है.
मैंने कहा- मैडम आपने पहले बताया नहीं… नहीं तो मैं आपके लिए कोई गिफ्ट ले आता.
नीलम जी बोलीं- मुझे मैडम नहीं भाभी कहो… मैं तुमको प्यार से मिलना चाहती हूँ… कोई मैडम बन कर नहीं!
मैंने कहा- भाभी जी आपने मेरी बात का उत्तर नहीं दिया.
बोलीं- भाभी जी नहीं… बस भाभी कहो… और आज तुम आ गए, बस ये मेरे लिए बहुत है… आज तुम मुझे खुश कर दोगे… यही मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट होगा.
मैंने कहा- देख लेना, आप मुझसे निराश नहीं होंगी.
मैंने उनको एक वासना भरी निगाहों से देखा और अपने लंड को सहलाने लगा. मेरा लंड फूलने लगा. नीलम भाभी मेरे फूलते हुए लंड को कामना भरी निगाहों से देखने लगीं.
मैंने उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया.
नीलम भाभी ने कहा- हाथ पकड़ कर क्या करने वाले हो?
मैंने कहा- आपका नसीब देखने वाला हूँ.
भाभी मुस्कुरा कर बोलीं- मुझे मेरा नसीब दिख रहा है. वो अभी बड़ा हो रहा है.
मैं हंस कर उनको कहा- ऐसे नहीं… जरा ठीक से समझाओ न भाभी… आपका नसीब कैसा है.
भाभी बोलीं- वो जब तक मैं न देख लूँ, तब तक कैसे बता सकती हूँ कि नसीब कैसा है.
मैंने कहा- भाभी नसीब देखने के लिए क्या दिक्कत है… क्या मैं कोई मदद कर सकता हूँ?
भाभी बोलीं- तुम ही मेरे नसीब को दिखा सकते हो.
यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड पर हाथ रख कर लंड को अपनी मुट्ठी से मसल दिया और बोलीं- देखो ये है मेरा नसीब… अपनी मांद में जाने के लिए फूल रहा है.
मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और उनको चूमने लगा.
भाभी ने मुझसे अलग होते हुए कहा- अभी जरा रुको. मुझे कपड़े बदलने हैं.
मैंने उनको छोड़ दिया. वे मुझसे अलग होकर बैठ गईं… और बातें करने लगीं.
बातों बातों में उन्होंने बताया कि उनकी एक सहेली भी एन्जॉय करना चाह रही है… क्या उनके साथ भी एंजाय करना चाहोगे?
मैंने कहा- कोई बात नहीं आप उनको भी बुला लो.
उनकी फ्रेंड का नाम पूनम (चेंज्ड नाम) था. उन्होंने पूनम को आवाज देकर बुलाया… तो मैं चौंक गया. वो बगल के ही रूम में बैठी थी.
नीलम हम दोनों को वहीं पर छोड़ कर चेंज करने चली गईं.
पूनम की उम्र करीब 30 साल की थी. वो भी बहुत सुन्दर थी. उसका फिगर 34-30-36 का था. मैंने पूनम का हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया. उसने भी मेरा साथ दिया तो मैंने उसको उठा कर अपनी गोद में बैठा लिया और पूनम का एक चुचा दबाने लगा.
वो भी मस्त मस्त सिसकारी लेने लगी.
तभी नाईटी पहन कर नीलम भाभी भी आ गईं, उन्होंने हम दोनों को इस तरह बैठे देखा तो बोलीं- अरे वाह… आप लोग तो शुरू हो गए.
वो भी मेरे पास मुझसे चिपक कर बैठ गईं.
मैं नीलम के होंठों को किस करने लगा और पूनम की चुचियां दबाने लगा. दस मिनट तक लिप्स चूसने के बाद हम तीनों उठ कर बेडरूम में जाने लगे.
मेरे साथ बेडरूम में आते ही नीलम ने मेरी शर्ट उतार दी, पूनम ने मेरी पैंट उतार दी. मैंने नीलम की नाईटी उतार दी और नीलम ने पूनम की नाईटी उतार दी. अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था, वो दोनों ब्रा और पेंटी में थीं.
मैंने नीलम को पीछे से हग किया और उनकी चुचियां दबाने लगा. पूनम ने नीलम की पैंटी उतार दी और नीलम की चुत पर किस करने लगी.
मैंने भी झटके के साथ नीलम की ब्रा फाड़ दी, अब नीलम भाभी बिल्कुल नंगी हो गई थीं. उनकी बड़ी बड़ी चुचियां क्या मस्त थिरक रही थीं. मैं उनकी चुचियां चूसने लगा. पूनम नीलम भाभी की चुत चूस रही थी.
अब पूनम उठी और मेरा लंड को पकड़ कर रगड़ने लगी. मेरा लंड भी अंडरवियर को फाड़ने वाला था. पूनम ने मेरा अंडरवियर निकाला तो मेरा लंड एकदम से तन कर उसके सामने गुर्राने लगा. पूनम ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी.
पूनम नीचे बैठ गई और उसने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया. मैं खड़ा खड़ा नीलम भाभी के होंठों को चूस रहा था. अब नीलम भाभी नीचे बैठ गईं और पूनम खड़ी हो कर अपनी चुचियां चुसवाने लगी.
नीलम भाभी मेरा लंड चूसने लगीं.
आह… भाभी क्या मस्त होकर रंडी के जैसे लंड चूस रही थीं… बिल्कुल कुल्फी की तरह निचोड़ने में लगी थीं.
मैं भी पूनम की चूचियां दबाते हुए पूरी तरह से निचोड़ रहा था.
कुछ देर बाद पूनम बोली- प्लीज़, आप मेरी फुद्दी चूसो.
मैं बिस्तर पर लेट गया. पूनम मेरे मुँह के ऊपर अपनी चुत को ले आई और मैं उसकी मरमरी चुत को सक करने लगा. नीलम भाभी मेरे लंड को चूसती रहीं.
अब पूनम से बर्दाश्त नहीं हो रहा था. उसने मेरा मुँह अपनी चुत से हटा कर अपनी चुत को मेरे लंड के ऊपर रख दिया. लंड भी पूरी तरह तैयार था. मैंने झटका दे दिया. एक ही झटके में पूनम की चुत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया. मेरा लंड पूरा पूनम की बच्चेदानी तक चला गया था. पूनम अपने होंठ दबा कर कराहने लगी.
दो झटकों में ही अब पूनम अपने चूतड़ों को ऊपर उठा उठा कर मेरे लंड पर मारने लगी. उधर नीलम भाभी ने अपनी चुत को मेरे मुँह पर रख दिया. मैं नीलम की चुत को चूसने लगा.
नीलम के मुँह से सिसकारी निकल रही थीं- प्लीज़ जानू… चूसो मेरी चुत… मेरे पति से मेरी चुत ठंडी नहीं हो पाती… वो चूतिया मुझको मज़ा नहीं दे पाता… आह… मैं चाहती हूँ… कि आज तुम मेरी चुत को ठंडी कर दो… अपनी रांड बना लो…
मुझको भी उनकी गरम बातें सुनकर मज़ा आ रहा था. मैं भी पूरे जोश में था.
पूनम अब तक 2 बार झड़ चुकी थी. अब नीलम भाभी उठीं और भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत के मुँह पर टिका लिया, फिर भाभी एक झटके के साथ लंड के ऊपर बैठ गईं. उधर पूनम ने अपनी चुत को साफ किया और मेरे ऊपर झुक कर अपनी चुचियां चुसवाने लगी. नीलम भाभी ने मेरे लंड के ऊपर उछलना चालू कर दिया और जोर जोर से चुदाई का मज़ा लेने लगीं.
मैंने पूनम को अपने करीब बैठाया और उसकी चुचियां मसलने लगा. नीलम भाभी ने मेरे लंड के ऊपर बैठे बैठे पूनम को भी मेरे सीने पर बैठा कर उसे हग कर लिया और जोर जोर से झटका मारने लगीं.
मैंने भी पूनम की गांड में उंगली करना शुरू कर दी. कुछ देर बाद पूनम हट गई.
अब नीलम भाभी झड़ने वाली थीं, मैं भी झड़ने वाला था, मैंने भाभी से पूछा- भाभी यार… अपना माल कहाँ निकालूँ.
तो नीलम भाभी कहने लगीं- मेरी चुत में ही पिचकारी मारना… तेरा माल को पी कर ही मेरी चुत की गर्मी ठंडी होगी.
मैंने करारे झटके मारे और हम दोनों एक साथ झड़ गए.
नीलम भाभी के चेहरे पर बहुत ख़ुशी थी. अब पूनम और नीलम दोनों तृप्त दिख रही थीं.
मैंने दोनों को नीचे बिस्तर पर लिटाया. दोनों को खूब किस किया. दोनों ही बड़ी खुश थीं.
पूनम बोली- यार तूने आज हम दोनों को अपना लंड का गुलाम बना लिया.
वे दोनों ही मेरे लंड को सहलाने लगीं. कुछ देर हम तीनों ऐसे ही लेटे रहे. थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से मस्ती में आ गया. ऐसे मस्त माल भाभी की नंगी चूत देख कर कोई मर्द लंड कैसे शांत रह सकता था.
अब मैंने पूनम को उल्टा लिटाया और उसके चूतड़ों पर किस करने लगा.
नीलम भाभी नीचे लेट गईं और मैंने अपना लंड नीलम भाभी के मुँह में डाल दिया. अब मैं नीलम भाभी को लंड चुसा कर पूनम की गांड मारना चाहता था.
मैंने पूनम को बोला- यार पूनम अब गांड को मज़ा लेना है.
पूनम और नीलम दोनों ही खुशी से बोलीं- हम भी यही चाहते हैं.
मैंने पूनम को डॉगी स्टाइल में किया और अपने लंड को पूनम की गांड के छेद पर रख कर धक्का दे दिया.
पूनम के मुँह से एकदम से चीख निकली- हाय मर गई… बहुत बड़ा लंड है… प्लीज़ बाहर निकालो… मैं मर जाऊंगी.
तभी नीलम भाभी ने अपनी एक चुची पूनम के मुँह में दे दी. पूनम की आवज चूची के कारण दब कर रह गई. फिर उसने भी नीलम की चुचि चूसना शुरू कर दिया.
मैंने धीरे धीरे अपना पूरा लंड पूनम की गांड में डाल दिया और पूनम के ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगा. पूनम के नीचे नीलम भाभी लेट गईं और पूनम की चुचियां चूसने लगीं.
इस तरह मैं 20 मिनट तक पूनम की गांड मारता रहा. फिर नीलम घोड़ी बन गई और पूनम नीचे हो गई. मैंने अपना लंड नीलम भाभी की गांड के छेद पर रखा और एक ही झटके में पूरा लंड गांड के अन्दर पेल दिया. नीलम भाभी की चीख निकल गई, उनकी आँख से आँसू आने लगे.
मैं थोड़ा रुक गया.
जब नीलम भाभी का दर्द कुछ कम हुआ, तो फिर से गांड चुदाई शुरू कर दी. धकापेल 15 मिनट तक गांड मारने के बाद हम दोनों ही झड़ गए. उधर पूनम ने भी अपनी उंगली से खुद को एक बार और झड़ा लिया था.
उस रात हम तीनों ने कई बार चुदाई का मज़ा लिया. सुबह 6 बजे हम तीनों फ्रेश हुए और मैं चलने लगा.
नीलम भाभी ने मुझको 10000 रूपए दिए और होंठों पर पप्पी दी.
पूनम ने भी मुझे किस किया और चुदाई के लिए थैंक्स बोला.

]]>
//otelsan.ru/xbrasilporno/do-tadapti-aurat-ki-chut-chudai-ki-kahani/feed/ 3
तीन लंड से चुदाई की बड़ा मज़ा – Tin Lund Se Chudai Ki Bada Maza | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/tin-lund-se-chudai-ki-bada-maza/ //otelsan.ru/xbrasilporno/tin-lund-se-chudai-ki-bada-maza/#comments Sat, 22 Jun 2019 01:46:37 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5845 [...]]]> हेलो, मैं अंजना आप सभी को स्वागत करते हुए मेरे ढेर सारि शुभकामनाएं सिर्फ आपके लिए हे । आप सभी को आज मैं अपनी चुदाई की काहनी बताने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सभी को मजा आएगा । ये चुदाई की कहानी में तीन लंड मिलके मेरे चुत की बरी बरी चुदाई की हे । पढ़िए और मजा लीजिये ।
दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ जो मेरे साथ हुई एक घटना है, मुझे हमेशा से ही सेक्स करने का बहुत शौक था, लेकिन कॉलेज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का मौका नहीं मिला, लेकिन कॉलेज में मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त
बना उसका नाम सतीश है और सतीश ने ही मेरी पहली बार चुदाई की थी और आज तक वो ही मुझे लगातार चोद रहा है और अब मेरी शादी होने के बाद भी उसने मुझे बहुत बार चोदा और इतना ही नहीं उसने मुझे कई बार और भी लोगों से भी चुदवाया। दोस्तों कॉलेज के बाद से में एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगी और सतीश अपना फेमेली का व्यपार देखने लगा, वो मुझे कई बार शहर से बाहर जैसे ऊटी, गोआ जैसी जगह पर ले जाता था, लेकिन वो भी एक शादीशुदा लड़की की तरह ड्रेस पहनाकर जिससे कोई भी हम पर शक ना करे। सतीश ने मुझे कई बार बहुत सारे अजनबियों से चुदवाया जैसे होटल के रूम सर्विस बॉय, ड्राइवर, टूरिष्ट गाईड और उसने मुझे अपनी रंडी बनाकर रखा हुआ था।

दोस्तों पहले मेरे पास एक भी सेक्सी ड्रेस नहीं थी तो एक दिन सतीश में मुझसे कहा कि तुम्हे एकदम सेक्सी दिखना है और उसने मुझे तैयार होने को कहा, उसने मुझसे साड़ी पहनने को कहा और बोला कि में पेंटी और पेटीकोट नहीं पहनू और मेरी साड़ी कमर के नीची बँधे। फिर वो मुझे एक ब्रॅंडेड ड्रेस की शॉप पर ले गया। वहां पर दो लोग थे, वो लोग मुझे एक रूम में लेकर गये और फिर सतीश ने उनसे कहा कि 5 एकदम सेक्सी और बिल्कुल मस्त दिखने वाले ब्लाउज खरीदने है, लेकिन ब्लाउज के पीछे का पूरा हिस्सा खुला होना चाहिए सिर्फ़ बदन पर अटका हुआ होना चाहिए। फिर एक आदमी ने मेरे पूरे जिस्म का नाप लेना शुरू किया और फिर उसने मुझसे मेरी साड़ी का पल्लू हटाने को कहा ताकि वो अच्छी तरह से नाप ले सके। तो मैंने सतीश की तरफ देखा और उसने कहा कि हाँ हटा दो। तो उस आदमी ने सतीश से पूछा कि आगे की तरफ हिस्सा कैसी डिजाईन का चाहिए? तो सतीश ने उससे कहा कि मेरे आधे आधे बूब्स उस ब्लाउज में से बाहर की तरफ दिखने चाहिए वो बहुत ही गहरे गले का होना चाहिए।

तो वो दोनों उसकी बात को सुनकर एक दूसरे की तरफ देखकर स्माइल करने लगे और फिर उनमे से एक ने पूछा कि आपको कितना गहरा गला चाहिए? तो सतीश ने कहा कि उसकी ब्रा की गहराई के बराबर का साइज़ होना चाहिए। तो उसने कहा कि फिर तो हमे ब्रा का नाप लेना पड़ेगा, तब सतीश आगे की तरफ आया और वो मेरे ब्लाउज को खोलने लगा और जब मैंने उसे मना किया तो वो उनके सामने ही मेरे बूब्स को दबाने लगा, लेकिन मुझे अच्छा लगा। तो उसने कहा कि सेक्सी ड्रेस के लिए तो ऐसा भी करना पड़ेगा और अब वो मेरे ब्लाउज को खोलने लगा और फिर ब्लाउज को पूरा उतार दिया फिर उसने ब्रा के ऊपर से अपना एक हाथ अंदर डालकर कहा कि इतना गहरा गला चाहिए। तो वो आदमी मेरे पास आया और उसने मेरे बूब्स को दो बार दबाया जैसे वो किसी चीज को सेट कर रहा हो और इतने में वो दूसरा आदमी आया और मेरे पीछे खड़ा हो गया और उसने मेरी कमर को पकड़ लिया और बोला कि बताओ कितना टाईट चाहिए? और वो मेरा नाप ले रहा था, लेकिन वो बार बार मेरे बूब्स को रगड़ रहा था और मेरे पीछे जो खड़ा था वो मेरे कूल्हों से चिपक रहा था और मुझे उसका खड़ा हुआ लंड महसूस हो रहा था फिर आगे वाले आदमी से सतीश ने कहा कि क्या और थोड़ा गहरा गला दे सकते है क्या? तो सतीश ने कहा कि हाँ क्यों नहीं? तो वो बोला कि, लेकिन अब इस ब्रा को बाहर निकालना पड़ेगा और फिर सतीश ने मुझे देखकर स्माइल दी और उस आदमी से कहा कि निकाल दो और जैसे ही सतीश के मुहं से यह शब्द सुना पीछे वाले आदमी ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और आगे वाले ने उसे खींचकर उतार दिया और वो सब कुछ काम इतना जल्दी हुआ कि में उसके बारे में सोच भी नहीं पाई। तो मैंने अपने दोनों हाथों से अपने एकदम से बाहर आकर झूलते, लटकते हुए बड़े बड़े बूब्स को ढक लिया।

दोस्तों मेरे दिल की पूछे तो मुझे भी अब बहुत मज़ा आने लगा था और अब मेरी चूत भी पूरी तरह से गीली हो गयी थी। तो सतीश ने कहा कि लगता है कि यह शरमा रही है? अब हमे भी अपने अपने कपड़े उतारने चाहिए तभी ठीक रहेगा और फिर उन सभी ने अपने अपने कपड़े उतार दिया और बिल्कुल नंगे होकर मेरे सामने खड़े हो गये। तो सतीश थोड़ा आगे की तरफ आया और उसने मेरे एक हाथ को पकड़कर अपने लंड पर रखा और अब में धीरे धीरे उसका लंड हिलाने लगी। तो यह सब कुछ देखकर वो दोनों भी आगे की तरफ आ गये और मेरे बूब्स को और गांड को दबाने लगे और उन्होंने मेरी साड़ी को पूरी तरह से उतार दिया और अब में उनके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी। उनका लंड मेरे साइड में छू रहा था और उन सबका लंड कम से कम 7 इंच का था, वो लोग मुझे किस करने लगे और मेरे बूब्स को दबाने लगे। तो सतीश ने उन दोनों से कहा कि यह रंडी आज तुम्हारी है तुम दोनों आज इसे जी भरकर चोदो। दोस्तों क्योंकि मुझे सेक्स करते समय गंदी बातें और गाली देना बहुत पसंद है और सतीश यह जानता है इसलिए वो चुदाई करते समय मुझसे गाली देकर ही बात करता है।

फिर उसने मुझे अपने घुटनो पर बैठाया और बोला कि चूस मेरी रांड चूस मेरे लंड को और उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और वो मेरे मुहं को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और एक आदमी नीचे लेटकर मेरी चूत को चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरा बहुत बुरा हाल हो रहा था, लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था। तो उसके बाद दूसरे आदमी ने मेरे बाल पकड़कर खींचकर मुझसे कहा कि साली रांड में क्या तेरी चुदाई के दर्शन के लिए यहाँ पर खड़ा हुआ हूँ, यह मेरा लंड कौन चूसेगा और यह बात कहकर उसने मुझे अपनी तरफ खींचा और अपना पूरा लंड मेरे मुहं में जबरदस्ती घुसा दिया और थोड़ी देर तक ऐसे ही रखा और फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मेरे मुहं को चोदने लगा। दोस्तों में एक बार पहले ही अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी और अब उन्होंने मुझे खींचकर एक सोफे पर लेटा दिया और फिर जो आदमी मेरी चूत को चाट रहा था वो आदमी मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्स को चूसने और काटने लगा और उसका लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था।

अब सतीश आया और उसने मेरे बाल को खींचकर मेरी गर्दन उठाकर मेरे मुहं में अपने लंड को डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा जिसकी वजह से अब मेरी सांसे रुकने लगी, मेरी आखों से आंसू बाहर आने लगे थे, लेकिन उनको तो अपनी हवस को मिटाने की पड़ी थी। फिर उस आदमी ने मेरे दोनों पैरों को मेरी छाती तक घुमाया और अपने लंड को मेरी चूत के मुहं पर ज़ोर से रगड़ने लगा। दोस्तों उसके ऐसा करने से मेरा बहुत बुरा हाल हो रहा था। में अपनी चुदाई के लिए तड़पने लगी थी और मेरी चूत अब लंड के लिए तरस रही थी। मैंने एक ही झटके से सतीश के लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला और उस आदमी से कहा कि प्लीज जल्दी से अंदर डालो मुझसे अब और कंट्रोल नहीं हो रहा और फिर वो अपना पूरा वजन मेरे ऊपर डालकर लेट गया और उसने मेरे बाल को ज़ोर से खींचा, में चीखने वाली थी कि तभी उसने मुझे किस किया और ज़ोर से मेरे होंठो को चूसने लगा और मेरे बालों को और भी ज़ोर से खींचने लगा और उसने कहा कि साली रांड तुझे इतनी जल्दी कैसे? और पहले बोल तू रंडी है, कुतिया है और क्या तू बीच बाज़ार में नंगी चुदवाएगी मुझसे? तो मुझसे और दर्द सहा नहीं जा रहा था और इसलिए मैंने उससे कहा कि हाँ में रंडी हूँ मुझे जहाँ भी लंड दिखता है में वहीं पर नंगी होकर चुदवाती हूँ मुझे बस लंड चाहिए, अब चोद मुझे साले और फिर उसने एक ही झटके में अपना लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया और फिर जैसे ही मेरा मुहं चिल्लाने के लिए खुला तो सतीश ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और मेरे मुहं को चोदने लगा। फिर उस बंदे का लंड अब झड़ने वाला था इसलिए उसने मुझसे कहा कि मेरा निकलने वाला है, तभी सतीश ने मेरे मुहं से अपने लंड को बाहर निकाल दिया और उस आदमी ने आकर अपना लंड पूरा मेरे मुहं में डाल दिया और धीरे धीरे झटके देकर अपना वीर्य निकालने लगा और मुझे उसका पूरा माल पीना पड़ा।

तो सतीश अब मेरे पैरों के बीच में गया और उसने मुझे डॉगी स्टाईल में पलट दिया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। फिर उसने मेरे बाल पकड़कर पीछे की तरफ खींचा और मुझे चोदने लगा। तभी वो दूसरा आदमी आया और उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और वो मेरे मुहं को चोदने लगा। पीछे से सतीश भी मुझे बुरी तरह से चोद रहा था और आगे से वो आदमी मेरे मुहं को चोद रहा था, तब मैंने दूसरी बार अपना माल छोड़ दिया और ऐसा करीब बीस मिनट तक चलता रहा। तभी सतीश ने अपनी स्पीड को बड़ा दिया तो में समझ गयी कि वो भी झड़ने वाला है तभी सतीश ने कहा कि मेरा भी अब निकल रहा है और वो सामने वाला आदमी हट गया और सतीश ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और बोला कि चूस साली कुतिया रंडी कहीं की, पी मेरा माल और उसने अपना पूरा माल मेरे मुहं में डाल दिया और इस तरह उन तीनों ने मुझे शाम के 6 बजे तक लगातार एक एक करके चोदा और कई बार मेरी गांड भी मारी और सतीश ने उसकी एक वीडियो भी बनाई है। तो हम फिर उठे अपने अपने कपड़े पहने और बाहर आ गए। उसके बाद हम दोनों अपने अपने घर पर आ गए। दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी, जिसमे सतीश में मेरी शादी होने के बाद भी उसने मुझे बहुत बार चोदा और दूसरों से भी चुदवाया। में अब उसकी रंडी की तरह उसके कहने पर चलती हूँ और अपनी चुदाई के मज़े लेती हूँ ।।

धन्य

]]>
//otelsan.ru/xbrasilporno/tin-lund-se-chudai-ki-bada-maza/feed/ 1
दोस्त की माँ की चुत चुदाई की दास्तान – Dost Ki Maa Ki Chut Chudai Ki Dastan | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/ //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/#comments Wed, 19 Jun 2019 01:04:10 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5806 [...]]]> hindi sex story, chut chudai ki kahani, aunty ki chudai, dost ki maa ki chudai, dost ki sexy maa ki sex story, hindi sex kahani in hindi font
हेलो दोस्तों, मैं संदीप पंजाब से आपके साथ otelsan.ru पे जुड़ चूका हूँ । आज मैं आप सभी को एक अछि सी कहानी बताने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सब ये कहानी पढ़के बहत एन्जॉय करेंगे । कहानी मेरे खुदकी हे । मेरे दोस्त की एक माँ हे जो की बहत सेक्सी हे उसकी चेहरा हर किसीको दीवाना बना देगा और छोड़ने को मजबूर करदेगा । उसकी वो जबानी को मेने महसूस किया और साथ ही जबानी की भरपूर मजा लुटा । चलिए और कुछ जानकारी के बाद कहानी को आगे ले जाते हैं ।

में जब 21 साल का तब में यूरोप में रहने के लिए आ गया और उसी समय यहाँ पर मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त बना रॉकी, रॉकी का जन्म यूरोप में ही हुआ था और उनका एक रेस्टोरेंट था जिसमें उसके पापा खुद खाना बनाया करते थे।
तो रॉकी ने मेरी मदद करने के लिए मुझे अपने रेस्टोरेंट में काम पर रख लिया और फिर कुछ समय के बाद मुझे करीब रेस्टोरेंट का सारा काम समझ में आ गया था। अब रॉकी के पापा कई बार मुझे वहां पर अकेला छोड़कर अपने कुछ प्राईवेट काम कर लिया करते थे। तो अचानक एक दिन रॉकी के पापा को अपनी कुछ प्रॉपर्टी की वजह से इंडिया जाना पड़ा।

तो अब रेस्टोरेंट पर रॉकी मेरी कुछ मदद करवा दिया करता था और कई बार जब रॉकी स्कूल चला जाता था तो रॉकी की मम्मी मेरी मदद करवा दिया करती थी। दोस्तों आंटी बहुत सुंदर थी, उनका रंग थोड़ा सांवला जरुर था, लेकिन वो एकदम कयामत थी उनकी हाईट करीब 5 फीट 9 इंच और मस्त सेक्सी फिगर, पतली कमर, गदराया हुआ बदन, लेकिन उन्हे देखकर कोई कह नहीं सकता था कि वो एक 20 साल के लड़के की माँ है और उनकी उम्र 35 साल है, लेकिन रॉकी के पापा की उम्र 48 साल थी। तो फिर कुछ दिन बाद अंकल के फोन आने पर रॉकी को भी उसी काम से इंडिया जाना पड़ा और अब में और आंटी अकेले ही पूरे समय रेस्टोरेंट में अकेले होते थे, आंटी भी एक इंडियन औरत थी, लेकिन रेस्टोरेंट में काम करने की वजह से वो ज्यादातर समय जीन्स और टी-शर्ट पहनती थी और जब कभी काम कम होता तो आंटी किचन में मेरे साथ बैठकर बातें कर लेती थी। तो मैंने कभी आंटी को बुरी नज़र से नहीं देखा था और फिर एक दिन आंटी ने बिल्कुल टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी और एक छोटी सी जीन्स, जिस में उनके बूब्स का आकार बहुत अच्छा लग रहा था और वो बहुत बड़े बड़े एकदम गोल दिख रहे थे और उनका थोड़ा सा पेट भी दिख रहा था। तो उस दिन थोड़ा काम कम होने की वजह से आंटी मेरे साथ बातें कर रही थी, लेकिन मेरी नज़र बार बार घूमकर उनके बूब्स पर जा रही थी और इस बात का शायद उनको भी पता चल गया था।

फिर हमने रात को रेस्टोरेंट बंद किया और आंटी जी मुझे अपनी कार से मेरे घर पर छोड़कर अपने घर चली गई। तो मैंने अगले दिन वहां पर पहुंचकर देखा कि उन्होंने एक कुर्ता टाईप कुछ पहना था, जिसमें उनकी छाती एकदम साफ साफ दिखाई दे रही थी और मेरी नज़र एक बार फिर से उनके बूब्स पर ही टिकी रही और कुछ लोगों को खाना परोसने के बाद आंटी जी मेरे पास आ गई और बातें करने लगी। आंटी बहुत खुश लग रही थी। फिर बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने थोड़ा शरमाकर बोल दिया कि में सारा दिन तो रेस्टोरेंट में काम करता हूँ, मेरी कोई गर्लफ्रेंड कैसे बनेगी? तो वो बोली कि हाँ यह बात तो तेरी एकदम ठीक़ है, चल में तेरी थोड़ी मदद कर दूँगी, अब आज से रेस्टोरेंट में जो भी लड़की आए और अगर वो तुझे पसंद आए तो तू मुझे बता देना। तो मैंने शरमाकर कहा कि आंटी जी आप रहने दीजिए में बहुत शर्मिला स्वभाव का हूँ और में किसी से खुलकर बात भी नहीं कर सकता। तो मेरी इस बात पर वो बोली कि हाँ तू सब कुछ जरुर देख सकता है, लेकिन बात नहीं कर सकता। तो उस दिन रेस्टोरेंट में बहुत काम था और उन्हे खाना लेने के लिए बहुत बार किचन में आना पड़ रहा था। तो कई बार काम करते समय मेरा हाथ उनकी गांड को छू रहा था और कई बार उनके बूब्स मेरी कमर को छू रहे थे और शाम को में बहुत थक गया। तो उन्होंने मुझे विस्की का एक पेग बनाकर दे दिया वो चाहती थी कि में अभी थकान ना महसूस करूँ और तेज़ी से काम करूँ, क्योंकि अभी हमे तीन घंटे और काम करना था। तो हमेशा हम तीन लोग काम किया करते थे, लेकिन अंकल और रॉकी के ना होने की वजह से हम सिर्फ़ दोनों ही थे। तो एक घंटे के बाद आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दिया, मैंने वो भी झट से पीकर काम और तेज कर दिया। आंटी जी यह सब देख रही थी और वो मेरे पास आकर बोली कि तुम तो बहुत जल्दी जल्दी काम करते हो और जवान हो, अभी तुम्हारी उम्र है और तुम कौन सा अपने अंकल की तरह बूढ़े हो गए हो? और वो हंसकर चली गई।

तो मेरे पास अब हर आधे घंटे में एक पेग आने लगा और अब तो विस्की ज्यादा, पानी कम और काम के ख़त्म होते होते विस्की ने अपना करतब दिखा ही दिया। अब में कपड़े बदल कर ऊपर आया तो आंटी रेस्टोरेंट बंद करके बोली कि आज तू हमारे घर चल में तुझे आज इंडियन खाना खिलाती हूँ और उनका घर मेरे घर के पास ही था तो मेरा सर घूम रहा था और अब मुझे बहुत ज़ोर से भूख भी लगने लगी थी, तो मैंने हाँ में सर हिला दिया और आंटी मेरी तरफ देखकर हंस पड़ी। फिर घर पर आकर आंटी फ्रेश होने चली गई और जब वो बाहर आई तो वो क्या गजब लग रही थी? उन्होंने एक बहुत सेक्सी सा जालीदार सूट पहना हुआ था जिसमें से उनकी ब्रा साफ साफ दिख रही थी, आंटी मेरे पास आई और हाथ में टावल दिया और मुझसे बोली कि फ्रेश हो जाओ, तो में भी फ्रेश होने बाथरूम में गया तो वहां पर बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी और वहीं पर आंटी की ब्रा और पेंटी लटकी हुई थी। तो उसे देखते ही मेरी नज़र के सामने आंटी के गोल गोल बूब्स घूमने लगे। मैंने जब ब्रा और पेंटी को उठाकर सूँघा तो मुझे बहुत अच्छी खुश्बू आई, लेकिन मैंने डरकर उसे फिर वहीं रख दी। तो कुछ देर के बाद मैंने बाहर आकर देखा तो आंटी हमारे लिए टेबल पर खाना लगा रही थी और खाना लगाते वक़्त वो थोड़ा झुक रही थी तो मुझे उनके बूब्स पूरे दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया। फिर आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दे दिया, लेकिन पेग बहुत तेज था और में पहले से भी बहुत पी चुका था।

मैंने अब मुश्किल से वो पेग खत्म किया और मैंने आंटी से खाना खाने के लिए बोला और फिर हम खाना खाने लगे, लेकिन मेरी नज़र आंटी के बूब्स पर बार बार जा रही थी और हमें खाना खाते खाते 12 बज चुके थे और जब में खाना खाकर और अपने सभी कामों से फ्री होकर में जाने के लिए उठा तो ज्यादा पीने की वजह से में थोड़ा हिल सा गया। तभी आंटी मेरे पास आई और उन्होंने मेरे हाथ को पकड़कर मुझे सहारा दिया और उस वक़्त मेरा हाथ आंटी के बूब्स पर था, तो आंटी मुझसे बोली कि संदीप आज तू यहीं पर सो जा, तुझसे चला भी नहीं जाएगा और इससे पहले कि में कुछ कहता आंटी बोली कि और अगर तुझे चोट लग गयी तो रेस्टोरेंट का ध्यान कौन रखेगा? और आंटी मुझे अपने बेडरूम में ले गयी और मुझे एक बरमूडा और टी-शर्ट लाकर दी जो कि रॉकी की थी। फिर दारू ज्यादा होने की वजह से मुझसे वो पहना भी नहीं जा रहा था। तो आंटी मेरी मदद करवाने लगी और पेंट उतारते वक़्त आंटी ने मेरे लंड को छुआ और महसूस किया और वो उनके स्पर्श से एकदम तनकर खड़ा हो गया, लेकिन में अभी भी अंडरवियर में ही था तो मेरा लंड खड़ा होते ही आंटी ने उसे पकड़ लिया और बोली कि वाह! इतना बड़ा? दोस्तों मेरा लंड 7 इंच का है। तो उन्होंने कहा कि मैंने इतना बड़ा लंड तो कभी भी नहीं देखा फिर आंटी ने मेरे लंड को अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और मुझे धक्का देकर बेड पर बैठा दिया और वो मेरे लंड से खेलने लगी और मुझे भूखी नज़रों से देखने लगी और मुझे किस करने लगी और शायद उन्हे अच्छी तरह से पता था कि कौन सी किस कैसे करनी है? शायद उन्हे इन सब कामों बहुत अनुभव था। फिर आंटी ने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रखा और वो मुझे फ्रेंच किस करती रही। आंटी के बूब्स बहुत बड़े बड़े और सख्त थे, जैसे बहुत समय से किसे ने उन्हे छुआ ना हो और आंटी मुझे पूरे शरीर पर किस करने लगी। फिर मेरी छाती से होते होते उन्होंने मेरे लंड को मुहं में डाल लिया और बहुत टाईम तक उसे लोलीपोप की तरह चूसने के बाद उन्होंने मुझे अपने बूब्स को चूसने को कहा। तो मैंने भी उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसकर पूरा रस लिया और फिर उन्होंने मुझे अपनी चूत को किस करने को कहा और जब मैंने जैसे ही किस किया तो मैंने महसूस किया कि वो एकदम गीली थी और मुझे उनके पानी का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था।

तो में इससे पहले कुछ कहता उन्होंने मेरा सर पकड़कर अपनी चूत से चिपका दिया और कहने लगी कि चाटो मेरी चूत को और फिर कुछ 15 मिनट तक में उनकी चूत को चाटता रहा। तभी उनकी चूत का पानी निकल गया जो सारा मेरे मुहं पर लग चुका था। तभी उन्होंने मेरे मुहं को पकड़ा और चाटने लगी, लेकिन आंटी की प्यास अभी भी नहीं बुझी थी और वो मुझे किस करती रही। फिर वो मेरे लंड को देखकर मुस्कुराई और बोली कि आ जाओ मेरे बच्चे अब दिखाओ अपना कमाल और वो अपने दोनों पैरों को फैलाकर एकदम सीधी लेट गयी। तो मैंने लंड को चूत पर रखा और एक जोरदार धक्के से उसे अंदर डाल दिया और करीब 7-8 मिनट तक लगातार धक्के देने के बाद में अपनी मंज़िल पर पहुंच गया और मैंने अपने धक्कों को धीरे कर दिया और अपना वीर्य उनकी प्यासी चूत में बूंद बूंद करके टपकाने लगा, लेकिन तभी आंटी ने लंड को एक झटका देकर चूत से बाहर निकाला और वो मेरे लंड पर लगा हुआ सारा वीर्य चाट गयी और उन्होंने मेरे लंड को बहुत अच्छी तरह से साफ कर दिया और हमने सारी रात बिना कपड़ो के बिताई और उसी रात को मैंने तीन बार आंटी की प्यास बुझाई और अगले दिन में उनसे बात करते समय उनकी आखों में आखें नहीं डाल रहा था। मुझे उनसे बहुत डर लग रहा था।

तभी आंटी ने मुझे अपने पास बुलाया और कहा कि हमारे बीच कल रात जो कुछ हुआ सब कुछ अच्छा हुआ, लेकिन इस राज को बस हम दोनों ही अपने पास छुपाकर रखेंगे वरना यह बात अगर किसी को पता चल गई तो तुम्हारी जॉब भी जाएगी और में भी फंस जाउंगी और उसके बाद मैंने जब तक अंकल, रॉकी नहीं लौटकर आए, मैंने बहुत दिनों तक आंटी को चोदा और उनकी चूत के साथ साथ उनकी वर्जिन गांड के भी मज़े लिए और उन्हे उन दिनों बहुत जमकर चोदा। अब हम दोनों मौका मिलते ही एक दूसरे के पति, पत्नी बन जाते है और अब आंटी के कहने पर मेरी सेलेरी भी बहुत अच्छी हो गई है। अब हम दोनों छुप छुपकर बहुत मज़े करते है और हमें एक दूसरे के साथ रहना बहुत अच्छा लगता है ।।

धन्यवाद …

]]>
//otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/feed/ 1
आंटी की सजा में मिला बड़ा मजा – Aunty Ki Saja Me Mila Bada Maja | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/aunty-ki-saja-me-mila-bada-maja/ Sun, 16 Jun 2019 01:30:20 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5733 [...]]]> हेलो दोस्तों मेरा नाम मोन्टी हे । मैं आपको अपना कहानी बताने जा रहा हूँ । दोस्तों यह कहानी इस दिसम्बर महीने की ही है जब मैंने अपने सबसे करीबी दोस्त की भाभी को चोदा और उस दिन से वो चाहती है कि वो हर रोज मुझसे चुदे। मेरे दोस्त का नाम करन है और जब से वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता था.. तब से हम पक्के दोस्त है। अक्सर हमारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था और धीरे धीरे हमारे फेमिली जैसे सम्बन्ध हो गये थे।
उसके घर में वो उसके मम्मी, पापा उसका भाई, भाभी और उनकी दो छोटी लड़कियां रहती थी। करन के पापा एक सरकारी नौकर थे और उसकी माँ ग्रहणी थी.. उसका भाई किसी प्राईवेट कंपनी में काम करता था और मेरा दोस्त सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था और में भी उसके साथ ही तैयारी कर रहा था और साथ में नौकरी भी करता था और हम अधिकतर एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे।

उसका भाई भी मेरा अच्छा दोस्त बन गया था.. उसका नाम समीर था और उसकी उम्र करीब 34 साल थी और भाभी का नाम नयना था और उनकी उम्र 32 साल थी.. लेकिन उन्हें एक बार देखकर कोई बोल नहीं सकता कि यह दो बच्चे की माँ होगी। उनका फिगर 36-26-38 था। भाभी दिखने में एकदम मस्त थी और वो हमेशा गुजराती साड़ी ही पहना करती थी और साड़ी के नीचे उनका वो टाईट फिटिंग वाला ब्लाउज और उसमे कसे हुए बूब्स एकदम मस्त दिखते थे और खुली कमर एकदम गोरी गोरी दिखती थी। में जब भी उनके घर जाता तो वो कुछ ना कुछ काम कर रही होती थी.. कभी कभी में देखता जब वो पोछा लगाती तो उस समय साड़ी में से उनकी बड़ी भारी गांड दिखती थी.. लेकिन मैंने कभी उनके बारे में ग़लत नहीं सोचा था और में हमेशा उनको भाभी की तरह ही देखता था क्योंकि करन की माँ मुझे बेटे की तरह रखती थी। भाभी की दोनों बेटियाँ स्कूल में पढ़ती थी और घर से स्कूल थोड़ी ही दूर पर था इसलिए मेरा दोस्त रोज उनको स्कूल छोड़ने और लेने जाता था।

थोड़े दिन बाद मेरा दोस्त नई स्कूटी लेकर मेरे घर पर आया तो मैंने पूछा कि अरे यह किसका उठाकर ले आया? तो बोला कि नया लिया है और उसका नंबर 1001 लिया था। एक दिन में जब उनके घर गया तो उसका भाई समीर भाभी को स्कूटी सिखा रहा था.. तो मैंने बोला कि वाह भाभी आप तो सीख गई? तो वो बोली कि हाँ सीखना तो पड़ेगा ही ना फिर बच्चो को स्कूल छोड़ने और लाने में कभी ज़रूरत पड़ जाए। तो मैंने बोला कि यह सही बात है। फिर थोड़े दिन बाद मेरे दोस्त ने कॉल सेंटर में नौकरी ढूँढ ली और जब में उनके घर जाता तो कभी कभी वो घर पर नहीं मिलता.. वो नौकरी पर ही होता था.. क्योंकि उनकी शिफ्ट चेंज होती रहती थी.. इसलिए मैंने देखा कि भाभी ही बच्चों को छोड़ने जाया करती थी। यह एक महीने पहले की ही बात है जब में बाज़ार में कुछ शॉपिंग करने गया था और फिर में पार्किंग में बाईक पार्क करने गया तो मैंने देखा कि 1001 नंबर वाली स्कूटी खड़ी हुई थी। तो मैंने सोचा कि शायद करन भी आया होगा और मैंने उसे कॉल किया.. लेकिन उसने नहीं उठाया। तो मैंने सोचा कि वो अंदर ही होगा तो मिल जाएगा और में मॉल के अंदर गया और बहुत ढूँढा.. लेकिन वो नहीं मिला। फिर मैंने शॉपिंग के बाद जब बिल के लिए लाईन में गया तो बहुत लंबी लाईन थी और में लाईन में खड़ा रहा। तभी थोड़ी देर बाद मेरी नज़र पास वाले बिल काउंटर पर गयी.. उस लाईन में नयना भाभी खड़ी थी.. लेकिन वो दूर थी तो मैंने उन्हे बुलाने की कोशिश नहीं की और वो बिल बनाकर बाहर निकली। तो मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ में खड़ी थी और बातें कर ही थी। फिर वो लड़का पार्किंग से अपनी कार लेकर आया और भाभी उसमें बैठ गई और उसके साथ चली गई और में जब पार्किंग में गया तो स्कूटी वहीं पर खड़ी थी। तो मैंने सोचा कि वो कोई रिश्तेदार होगा और वो उनके साथ कहीं गई होगी और मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर थोड़े दिनों बाद में शाम को करीब 7 बजे उनके घर गया तो सब लोग घर पर थे सिर्फ़ करन नौकरी पर गया हुआ था। फिर उनके पापा ने मुझे बैठने को बोला और में सोफे पर बैठ गया.. मेरे पास में समीर बैठा था और भाभी सब्जी काट रही थी और उनकी मम्मी किचन में थी। फिर भाभी उठकर मेरे लिए पानी लेकर आई तो मैंने उनको धन्यवाद बोला और वो किचन में चली गयी। फिर जब वो वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि भाभी थोड़े दिन पहले मैंने आपको बिग बाज़ार में देखा था? तो वो चोंक गयी और मेरी तरफ देखती रही.. मैंने कहा कि आप बिल की लाईन में थी। तो वो मेरी तरफ देखने लगी और उतने में समीर ने पूछा कि कब? तो मैंने कहा कि थोड़े दिन पहले उतना कहते कहते मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो मुझे इशारे से होंठ पर उंगली रखकर कह रही थी कि कुछ मत बोलो.. चुप रहो। फिर मुझे लगा कि शायद कुछ गड़बड़ है तो मैंने तुरंत ही बात पलट दी और बोला कि भाभी आपने लाल कलर की ड्रेस पहनी थी न उस दिन। तो समीर बोला कि यह तो कभी ड्रेस पहनती ही नहीं। फिर मैंने बोला कि तो शायद कोई और होगी.. लेकिन वो तुम्हारे जैसी ही दिखती थी। तो समीर बोला कि क्या यार तू भी? फिर हमने थोड़ी देर बातें की और फिर मैंने कहा कि में चलता हूँ और में घर पर आ गया। तो दूसरे दिन दोपहर को मेरे फोन पर एक अनजान मोबाईल नंबर से कॉल आया। मैंने रिसीव किया और मैंने बोला।

में : हैल्लो और सामने कोई लड़की थी।

लड़की : हैल्लो।

में : हाँ कौन?

लड़की : क्या आप में बोल रहे हो?

में : हाँ आप कौन?

लड़की : में नयना।

में : कौन नयना?

लड़की : अरे यार में करन की भाभी।

में : ओह्ह हाँ भाभी बोलिए.. सॉरी में आपकी आवाज़ पहचान नहीं पाया.. हाँ बोलिए बोलिए।

नयना : सुनो तुमने बिग बाज़ार में मुझे ही देखा था.. वो प्लीज किसी को मत बताना।

में : हाँ वो उस दिन आप मुझे इशारे से मना कर रही थी ना नहीं बताने के लिए।

नयना : हाँ वो प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा किसी को भी।

नयना : और करन को प्लीज कुछ मत बोलना.. जो हमारी बात हुई उसके बारे में।

में : ठीक है भाभी ठीक है.. लेकिन मुझे तो बताओगी कि तुम घर वालों से क्या छुपा रही हो?

नयना : नहीं कुछ नहीं.. लेकिन तुम प्लीज किसी को मत बताना।

में : लेकिन मुझे तो बताओ में किसी से कुछ नहीं कहूंगा।

नयना : प्लीज समझो में तुम्हे नहीं बता सकती.. लेकिन यह बात प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन तुम्हे मुझे बताना होगा कि तुम क्या छुपा रही हो? और में वादा करता हूँ कि किसी को नहीं बताऊंगा।

नयना : बहुत लंबी कहानी है बाद में बताउंगी।

में : नहीं भाभी पहले मुझे बताओ।

नयना : बाद में तुम्हे सब कुछ विस्तार में बताउंगी ।

में : लेकिन.. थोड़ा तो बोलो क्या बात है?

नयना : लेकिन.. प्लीज यह किसी को मत बताना।

में : भाभी आपसे जो वादा किया है नहीं तोडूंगा।

नयना : ठीक है सुनो जब तुमने मुझे माल में देखा था.. उस वक्त तुमने क्या देखा था?

में : आप बिल बनवा रही थी और फिर आप किसी के साथ कार में बैठकर चली गयी।

नयना : हाँ वो किसी को मत बताना कि में किसी के साथ कार में गयी थी।

में : ठीक है.. लेकिन वो कौन था जो तुम्हारे साथ था?

नयना : वो मेरा कॉलेज का दोस्त था।

में : तो उसमे छुपाने वाली क्या बात है?

नयना : हाँ लेकिन प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन अगर तुम्हारे घर पर किसी को पता चल गया तो?

नयना : पिछले तीन साल से हम मिल रहे है.. लेकिन आज तक किसी को पता नहीं है।

में : ओह भाभी मतलब वो तुम्हारा बॉयफ्रेंड है?

नयना : तुम जो भी समझो..।

में : ठीक है भाभी.. लेकिन मुझसे वादा करो कि आप मुझे उससे मिलवावोगी?

नयना : तुम क्या करोगे उससे मिलकर?

में : कुछ नहीं में भी तो देखूं आपका बॉयफ्रेंड कैसा है?

नयना : ठीक है बाद में।

में : ठीक है।

नयना : ठीक धन्यवाद और बाय।

में : बाय।

फिर मैंने रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तीन साल से इससे मिल रही है और किसी को पता नहीं है और घर पर इतनी भोली बनती है और बाहर बॉयफ्रेंड के साथ घूमती है। फिर मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं.. उसकी ज़िंदगी है वो कुछ भी करे मुझे क्या और में सो गया। सुबह उठा तो मैंने देखा कि मेरे मोबाईल पर मैसेज आया और मैंने खोला तो वो मैसेज भाभी के नंबर से था और अंदर धन्यवाद लिखा था। फिर दो दिन बाद वापस भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे कहा कि अगर तुम्हे मेरे बॉयफ्रेंड से मिलना हो तो बिग बाज़ार की पार्किंग में आ जाओ। तो में वहां पर गया.. लेकिन वहां पर कोई नहीं था सिर्फ़ भाभी की स्कूटी पड़ी थी और भाभी कहीं पर दिख नहीं रही थी। तभी थोड़ी देर बाद एक कार आई और भाभी उसमे से उतरी में तो देखता ही रह गया। भाभी ने छोटी स्कर्ट और टॉप पहना था और मैंने आज तक भाभी को ऐसे कपड़ो में नहीं देखा था। फिर भाभी ने मुझे हैल्लो कहा और मैंने भाभी को फिर उसने अपने बॉयफ्रेंड को बुलाया और मुझसे मिलवाया।

नयना : में, यह पीयूष, और पीयूष यह मोन्टी।

में : हाय।

पीयूष : हाय क्या तुम नयना के दोस्त हो?

में : नहीं में उनके देवर का दोस्त हूँ।

पीयूष : ठीक ठीक है।

नयना : ठीक है मोन्टी हो गयी बात।

में : हाँ भाभी।

नयना : ठीक है तो अब में चलती हूँ।

में : ठीक है।

नयना : बाय।

में : बाय।

पीयूष : बाय मोन्टी।

में : बाय

फिर और वो लोग कार में बैठकर चले गये में तो भाभी को ऐसे कपड़ो में देखता ही रह गया और सोचने लगा कि भाभी घर पर कितनी भोली भाली दिखती है और यहाँ पर अय्याशी कर रही है और वो बात घर पर किसी को पता नहीं है। तो करीब 2 घंटे के बाद भाभी के नंबर से कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि क्या तुम हमारे साथ फिल्म के लिए चलोगे? तो मैंने कहा कि कहाँ? तो उन्होंने सिनेमा का पता दिया और में वहां पर चला गया.. लेकिन भाभी तब साड़ी में थी जो वो अक्सर घर पर पहनती है और फिर में सोचने लगा कि भाभी ने कपड़े कब चेंज किए? तभी थोड़ी देर में फिल्म शुरू हो गयी और मेरे पास में पीयूष बैठा था और उसके पास भाभी थी। फिर इंटर्वल के टाईम भाभी ने बोला कि में क्या तुम्हे कुछ चाहिए तो बोलो? में बाहर जा रही हूँ.. कुछ खाने का लेकर आती हूँ। तो मैंने बोला कि चलो भाभी में भी आता हूँ।

तो मैंने कहा कि पीयूष तुम भी चलो.. लेकिन पीयूष ने बोला कि नहीं तुम हो आओ में यहीं पर बैठा हूँ और हम बाहर गये तो भाभी ने बोला कि यह लो पैसे जो लेना हो ले लो में वॉशरूम जाकर आती हूँ और हाँ यह मेरा मोबाईल रखो और वो मुझे मोबाईल देकर अंदर चली गई। तो मैंने मोबाईल मेंर देखा तो पीयूष के मैसेज थे। मैंने बहुत सारे मैसेज पढ़े.. लेकिन कुछ नहीं मिला नॉर्मल शायरीयां थी और चुटकुले थे.. लेकिन एक फोल्डर था नयना के नाम का.. मैंने वो खोला तो अंदर अलग अलग फोल्डर थे और अलग अलग लड़को के नाम लिखे थे.. मैंने थोड़े चेक किए और देखा तो मुझे पता चला कि सारे मैसेज सेक्स चेट के मैसेज थे और सारे मैसेज का टाईम रात का था। फिर मुझे समझ आया कि भाभी रात को लड़को से मैसेज पर सेक्स चेट करती है और मैंने घर जाकर रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तो बड़ी चालू लगती है.. लेकिन घर पर किसी को पता नहीं। तो मैंने सोचा कि अगर घर पर पता चला तो क्या होगा? फिर मैंने सोचा कि जो भी हो मुझे क्या? फिर मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया कि में भी भाभी को रात को मैसेज भेजता हूँ। फिर मैंने उस रात ही मेसेज किया तो उनका भी मेसेज आया। मैंने बोला क्या कर रही हो तो वो बोली कि कुछ नहीं बस अब नींद आ रही है। मैंने बोला ठीक है और उन्होंने गुड नाइट का मेसेज भेज दिया। मैंने सोचा कि ऐसा क्यों किया।

फिर मैंने अगले दिन एक नया नंबर ले लिया और उस नंबर से मेसेज किया, पहले रिप्लाइ नहीं आया फिर मैंने दूसरा मेसेज भेजा तो उनका मेसेज आया कि तुम कौन हो? मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त तो उन्होंने नाम पूछा मैंने दूसरा नाम बताया और उन्होंने बाय का मेसेज भेज दिया.. फिर मैंने कहा दोस्त नहीं तो क्या हुआ? थोड़ी देर क्या हम चेट कर सकते है। तो पहले उन्होंने मना किया फिर मान गयी. और धीरे धीरे हमने सेक्स चेट शुरू किया.. तुम मनोगे नहीं इतना मस्त सेक्स चेट किया उन्होंने.. जिससे मेरा ऐसे ही निकल गया। फिर रोज रात को हम सेक्स चेट करते रहे और उन्होंने मुझे मिलने बुलाया फिर मैंने कहा ठीक है और हम मॉल मे मिले तो वो मुझे देखती ही रह गयी और बोली में तुमने ये सारे मेसेज किए थे? मैंने कहा आप तो मेरे नंबर पे रिप्लाई नहीं करती तो मे क्या करूँ.. फिर थोड़ी देर नाराज़ हो गयी और फिर मान गयी लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि तुम किसी को कुछ भी नहीं बतावोगे। मैंने कहा ठीक है। फिर रात को हमने चेट किया और उसमे मैंने भाभी को पूछा कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी तो उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया और बोली के नहीं में समीर के अलावा किसी से नहीं करती, मैंने कहा ठीक है फिर भी कभी मन हो तो मुझे बोल देना.. क्योंकि आप मुझे बहुत पसंद हो तो वो बोली ठीक है. और फिर गुड नाइट करके सो गये फिर एक दिन भाभी ने मुझे कॉल किया और बोली कि क्या तुम मूवी देखने चलोगे? मैंने कहा कौन कौन है? तो वो बोली के में तुम और एक फ्रेंड है। मैंने कहा कौन पीयूष? वो बोली नहीं कोई और है और उसने मुझे नये फ्रेंड से मिलवाया और कहा कि ये मेरे कालेज का फ्रेंड है। मैंने सोचा कि क्या सारे कालेज के फ्रेंड ही है। उसके बाद मे समझ गया कि ये हर किसी के साथ भी चालू हो जाती है और नयना ने मुझे बोला के पीयूष को मत बताना.. ये सब बातें हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए। मैंने कहा ठीक है और फिर हम मूवी देखकर जब वापस आए तो मुझे नींद नहीं आई.. में रात भर सोचता रहा कि आख़िर भाभी क्यों सबको अपना कालेज फ्रेंड बोलती है। फिर दूसरे दिन मैंने करीब सुबह 11:30 पर भाभी को कॉल किया तो मैंने पूछा कि कहाँ पर हो? तो वो बोली कि में बच्चो को स्कूल छोड़ने आई हूँ। मैंने पूछा कहाँ पर? तो वो बोली तुमने स्कूल नहीं देखा क्या? मैंने कहा हां.. तो भाभी बोली कि अगर आ सकते हो तो आ जाओ मैंने बोला क्यों तो भाभी बोली कि में शॉपिंग जा रही हूँ.. तो मैंने बोला कि शॉपिंग तो बाद में भी जा सकते हो? तो भाभी बोली कि क्यों बाद में? तो मैंने कहा कि अभी अगर आप चाहो तो मेरे फ्लेट पर आ सकते हो और फिर हम कुछ देर के बाद में शॉपिंग जाएगे। तभी वो बोली कि ठीक है में अभी आती हूँ और जब वो आई तो मैंने देखा कि उन्होंने हल्के पीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वैसा ही ब्लाउज भी।

मैंने उन्हे अंदर बुलाया और वो आकर सोफे पर बैठ गई और फिर मैंने उन्हें पीने का पानी दिया। तभी वो बोली कि क्या यह तुम्हारा घर है? मैंने कहा कि नहीं यह मेरे फ्रेंड का घर है.. तो बोली कि वो कहाँ है? तो मैंने कहा कि वो नौकरी पर गया है। फिर वो बोली कि तुम्हारा फ्रेंड कब तक आएगा? तो मैंने कहा कि रात को 8 बजे और मैंने कहा कि करन का एक दोस्त भी यहीं पर इसी फ्लेट में रहता है। तभी वो बोली कि अगर उसने मुझे देख लिया तो क्या होगा? तभी मैंने कहा कि में दरवाज़ बंद कर लेता हूँ और यह कहकर मैंने दरवाज़ बंद कर दिया और मैंने कहा कि भाभी मुझे तुमसे कुछ बातें पूछनी है.. लेकिन अगर आप बुरा ना मानो तो? वो बोली कि ठीक है पूछो। तो मैंने कहा कि क्या यह सब तुम्हारे असली कॉलेज फ्रेंड है?

तो वो बोली कि हाँ.. क्यों? मैंने कहा कि नहीं.. क्योंकि जो दोनों फ्रेंड से में मिला दोनों की उम्र करीब 38-40 के आस पास है.. वो लोग कैसे तुम्हारे कॉलेज फ्रेंड हो सकते है? वो बोली कि है तो है। फिर मैंने कहा कि भाभी आप मुझसे क्यों छुपाती हो? और में कहाँ किसी को बताने वाला हूँ? तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन तुम किसी को बताओगे तो नहीं? और अगर नहीं बताओगे तो में तुम्हे बता दूंगी कि यह सब झूठ मैंने तुमसे क्यों बोला? तभी मैंने कहा कि हाँ बताओ में किसी को नहीं बताऊंगा.. तो वो बोली कि ठीक है.. एक दिन जब में सुबह सुबह करन के कमरे में उसे उठाने के लिए गयी तो मैंने देखा कि वो सिर्फ़ टावल में सोया हुआ था और गहरी नींद में उसे पता नहीं था कि उसका टावल पूरा खुल गया था और मैंने उसे देखा तो उससे अंडरवियर में से साईज़ इतना बड़ा दिख रहा था कि में देखती ही रह गयी। तभी मैंने कहा कि तो उसमे क्या हुआ? तो वो बोली कि फिर मुझे मालूम पड़ा कि हर एक आदमी का साईज़ अलग अलग होता है। तो मैंने कहा कि हाँ वो तो होता ही है क्यों तुम्हे नहीं पता था?

तो वो बोली कि नहीं मुझे समीर बता रहे थे कि सबका एक ही साईज होता है.. लेकिन जब मैंने करन का देखा तो पता लगा कि यह तो समीर से भी बहुत बड़ा है और मैंने कई बार करन को लाईन देने की कोशिश की.. लेकिन उसने मुझे भाव नहीं दिया और मुझे बहुत डर लगता था कि अगर में उससे सीधा बात करूंगी तो कहीं वो समीर या पापा को ना बता दे.. इसलिए मैंने सोचा कि करन नहीं तो कोई और सही और में लगातार मॉल में जाती रही जिससे कि कहीं कोई हॅंडसम मिल जाए और एक दिन मुझे पीयूष मिल गया और मैंने उस के साथ बहुत एंजाय किया.. लेकिन जब मुझे लगा की नये टेस्ट में ज़्यादा मज़ा है तो मैंने फिर चेटिंग से बहुत फ्रेंड बनाए और बहुत से मिली भी हूँ.. लेकिन करन जैसा आज तक मुझे नहीं मिला। तभी मैंने कहा कि भाभी अगर आप बुरा ना मानो तो में एक बात कहूँ? तो वो बोली कि हाँ बोलो.. तो मैंने कहा कि क्या आप सच में करन से चुदना चाहती हो? तो वो बोली कि हाँ.. लेकिन यह मुमकिन नहीं है। फिर मैंने कहा कि में मुमकिन बना दूँगा.. तो वो बोली कि ठीक है तुम ट्राई करो.. लेकिन कहीं में ना फंस जाऊँ? तो मैंने कहा कि मेरा वादा है आपको कुछ नहीं होगा.. फिर उन्होंने बोला कि धन्यवाद। तभी मैंने कहा कि भाभी और कभी मुझे भी मौका दोगी या नहीं? तो वो बोली कि बाद में.. तो मैंने कहा कि.. लेकिन अभी यहाँ पर कोई भी नहीं है। तो वो बोली कि मुझे घर पर भी जाना है.. मैंने कहा कि प्लीज सिर्फ़ 10 मिनट.. तो वो बोली ठीक है और हम बेडरूम में चले गये और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.. उन्होंने अपनी साड़ी को उतारना शुरू किया। तो मैंने कहा कि रूको भाभी मुझे उतारने दो ना। तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन थोड़ा जल्दी करो और फिर मैंने फटाफट उनकी साड़ी को उतार दिया और उन्हें देखता ही रह गया। उनके वो बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में भी नहीं समा रहे थे और मैंने कहा कि भाभी क्या इसे भी खोल दूँ? तो वो बोली कि हाँ और यह कहते कहते मैंने मेरा मुहं उनके बूब्स पर दबा दिया और मैंने कहा कि भाभी तुम्हारे बूब्स बहुत मस्त है।

तभी वो बोली कि जल्दी करो मुझे घर पर जाना है.. मैंने जल्दी से उनका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी जो बिल्कुल सफेद थी और एकदम सिल्की मैंने उसे हाथ लगाया तो मेरा लंड एकदम टाईट हो गया। तो वो बोली कि तुम्हारे भी कपड़े उतारो.. मैंने अपनी टी-शर्ट और पेंट को उतार दिया। अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और उन्होंने अपना हाथ मेरे पंड पर रख दिया और बोली कि यह तो पीयूष से भी बड़ा है। तो मैंने कहा कि हाँ तुम्हे देखकर और भी बड़ा हो गया है.. वो बोली कि अब जल्दी करो और फिर मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनकी ब्रा खोल दी और बूब्स चूसने लगा और वो सिसकियां लेने लगी आअहह उफ्फ्फ अह्ह्ह। तो मैंने कहा कि भाभी पेंटी को भी उतार दो.. तो वो बोली कि तुम्ही उतार दो। फिर मैंने जैसे ही पेंटी को उतारा तो मैंने देखा कि उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे और चूत एकदम मस्त लग रही थी और मैंने जैसे ही वहां पर किस किया भाभी ने मेरा मुहं वहीं पर दबाकर रख दिया और कहा कि चाटो मेरी चूत डार्लिंग। तो मैंने कहा कि भाभी मेरा बहुत मन कर रहा है.. तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली वाह डार्लिंग तुम्हारा कितना मोटा लंड है।

तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया कि भाभी ने अपने मुहं से लंड बोला और में तो उनको देखता ही रह गया। तभी वो बोली कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.. तो वो बोली कि बस और अब मुझे जल्दी से गीला कर दो। तो मैंने उनके दोनों पैर फैलाकर बीच में आ गया और अपने लंड पर थूक लगाकर उनको बोला कि भाभी क्या डाल दूँ? तो वो बोली प्लीज अब तो मुझे भाभी मत बोलो। तो मैंने कहा कि फिर क्या कहकर बुलाऊँ? तो वो बोली कि बस नयना.. मैंने कहा कि ठीक है नयना तुम्हारी चूत बहुत मस्त है क्या में अंदर डाल दूँ? तो वो बोली कि हाँ जल्दी से और देर ना करते हुए मैंने अपना पूरा का पूरा लंड एक ही झटके में अंदर डाल दिया.. वो चकित रह गयी और उसकी आँख से पानी निकल गया और फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि इतना दर्द हुआ कि में बता नहीं सकती.. लेकिन मज़ा आया। तो मैंने कहा कि बोलो और क्या करूं जिससे तुम्हे और मज़ा आए? तो वो बोली कि क्या में तुम्हारे ऊपर आ जाऊँ? मैंने कहा कि ठीक है आ जाओ और वो मेरी जांघ पर बैठ गयी और मेरे लंड पर थूक लगाया और फिर ऊपर बैठ गयी और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया। तो मैंने कहा कि नयना क्या हुआ? वो बोली बस तुम्हारे साथ तो ऐसे ही पड़े रहने का मन करता है। तो मैंने कहा कि जब मन करे आ जाना और उसने मेरी उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसाकर मेरे ऊपर कूदने लगी और मेरा लंड तो जैसे लोहे की तरह टाईट हो गया था और वो ऊपर कूद कूदकर मजे ले रही थी और 15 मिनट के बाद उसने मुझे ज़ोर से किस किया और उसका पूरा शरीर खिंच गया। फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि बस में झड़ने वाली हूँ। तभी मैंने उसे कसकर पकड़ा और बोला कि में भी झड़ने वाला हूँ.. तो वो बोली कि प्लीज वीर्य अंदर मत गिरना। मैंने कहा कि फिर कहाँ गिराऊँ? तो वो बोली कि कहीं और.. लेकिन चूत के अंदर नहीं। तो मैंने कहा कि क्या मुहं में डालूं नयना? वो बोली कि हाँ.. लेकिन पहले तुम सारा वीर्य मेरे बूब्स पर गिरा दो और में बेड के पास खड़े हो गया और लंड को चूत से बाहर निकालकर सारा वीर्य उसके बूब्स पर गिरा दिया और फिर उसने जल्दी से मेरा लंड पकड़ कर अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।

तभी थोड़ी देर चूसने के बाद वो बोली कि क्यों बस हो गया.. अब तो में जाऊँ? तो मैंने कहा कि फिर कब? वो बोली कि जब तुम बुलाओ तब.. मैंने कहा कि क्या सच? तो वो बोली कि हाँ समीर और पीयूष से तो ज़्यादा मज़ा आया। तो मैंने कहा कि ठीक है फिर हर रोज चाहो तो तुम आ सकती हो.. वो बोली कि क्या यह मुमकिन है? तो मैंने कहा कि हाँ जब तुम्हारा मन करे आ जाना.. तो वो बोली कि मेरा तो हर रोज मन करेगा। मैंने कहा कि ठीक है तो फिर रोज़ आ जाना। फिर हमने करीब एक महीने तक हर दिन सेक्स किया और फिर एक दिन मैंने उससे पूछा कि सच बताओ नयना आज तक तुमने कितने लोगों के साथ सेक्स किया है? तो वो बोली के करीब 24-25 से तो मैंने सेक्स किया है। मैंने कहा तो फिर क्या चाहिए? तो उसने कहा कि कुछ नहीं और फिर मैंने कहा कि अगर करन के साथ सेक्स करना है तो में तुम्हारी सेटिंग करवा सकता हूँ? तो वो बोली वो कैसे? मैंने कहा कि वो काम में कर दूँगा और तुम बहुत खुश हो जाओगी। तो वो बोली कि ठीक है और वो तब से हर रोज मुझसे चुदने आती है कि किसी बहाने में बता दूँ कि करन से कैसे चुदना है ।।

धन्यवाद …

]]>
बहन ने लंड चूसा और चुदाई की मजा ली – Bahan Ne Lund Chusa Aur Chudai ki Maja Li | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ne-lund-chusa-aur-chudai-ki-maja-li/ //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ne-lund-chusa-aur-chudai-ki-maja-li/#comments Sun, 09 Jun 2019 02:31:42 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5636 [...]]]> hindi sex story, hindi sex kahani, bhai bahan ki sex kahani, bahan ki chut mari, bahan ki chutad fadi, bahan ki gand mari
हेलो मैं बिभोर दिल्ली से हूँ मेरा उम्र २१ साल हे । मैं अपने चची के पास गाओं में रहता हूँ । जब सहर से आयी तो मेरे दूर के रिश्तेदार ताउज हमारे घर ए थे उनकी एक बीटा और एक बेटी भी हे । बेटी का नाम दीपा हे जिससे में छोड़ने वाला था । वही बहन की चुदाई की कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ ।

जब में शहर में अपनी पढ़ाई पूरी करने आया तो अपने सभी रिश्तेदार से मिला और तब मैंने दीपा को वहां पर देखा तो में बिल्कुल चकित रह गया। उसके बूब्स बहुत बाहर आ चुके थे और बहुत मोटे मोटे दिखाई दे रहे थे। में तो उसे देखता ही रह गया, शायद उसने भी इस बात पर गौर कर लिया था। वो बोली कि तेरा ध्यान कहाँ है? तो मैंने कहा कि कहीं नहीं और ऐसे ही बहुत दिन गुज़र गये और फिर एक दिन में अपने पास के शहर से अपनी कार में वापस घर आ रहा था तो अचानक मुझे रोड पर दीपा और उसकी माँ और उसकी दो पड़ोसने दिखाई दी। फिर मैंने अपनी गाड़ी रोककर उनसे पूछा कि क्यों घर जाना है तो वो बोली कि हाँ भगवान का शुक्र है कि तुम मिल गये वर्ना हम पैदल ही घर जाते, क्योंकि इस जगह से हमें कोई साधन भी नहीं मिलता और फिर दीपा फटाफट से पिछली सीट पर बैठ गई। तभी उसकी माँ बोली कि दीपा तू आगे बैठ जा हम तीनों पीछे बैठते है और में पीछे की तरफ मुहं करके देखने लगा। वो अंदर से ही आगे वाली सीट पर आने लगी तो उसका एक बूब्स कपड़ो से बाहर आकर मेरे मुहं पर लगा और उसने उस समय काले कलर का सूट पहना हुआ था जो कि बहुत टाईट था और जब उसने आगे आने को अपनी एक टाँग फैलाई तो मुझे उसके पैरों के बीच में बहुत सारा पसीना आया हुआ दिखाई दिया, वो बिल्कुल गीली थी और फिर में झट से समझ गया था कि उसने उस समय पेंटी नहीं पहनी हुई थी।

फिर वो आगे आकर बैठ गई और उसकी माँ और वो दोनों औरतें बातों में एकदम मस्त थी और में उसके साथ बातें कर रहा था और बार बार उसके बूब्स को देख रहा था। तभी वो मुझसे मुस्कुराती हुई बोली कि लगता है कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? तो मैंने कहा कि हाँ नहीं है और फिर वो बोली कि हाँ तभी तो हमेशा इतने परेशान रहते हो। दोस्तों मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया कि उसने मुझसे क्या यह सब क्यों कहा? और जब वो गाड़ी से उतरकर जाने लगी तो उसकी मटकती हुई गांड को देखकर मुझे बहुत जोश चड़ गया और मैंने घर पर पहुँचते ही बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा और फिर मैंने दो बार लगातार मुठ मारी और सो गया। कुछ दिन ऐसे ही बीतते चले गये। फिर कुछ दिन के बाद मेरे ताऊ जी के घर पार्टी थी और उस समय मेरे दादा दादी जी भी उस समारोह में शामिल होने के लिए घर पर आ गये और में उनके साथ घर पर चला गया। जब में अपने ताऊ जी के रूम में पहुँचा तो मैंने देखा कि वहां पर दीपा तैयार हो रही थी। तभी वो डरकर अचानक से मेरी तरफ मुड़ी और बोली कि क्या यार विभु तुम हो? तो मैंने कहा कि हाँ में हूँ अगर तुम्हे कोई काम हो तो बताओ में करवा दूँगा। तो वो बोली कि हाँ सबसे पहले तुम यह मेरे ब्लाउज का हुक लगा दो, ये थोड़ा टाईट है। फिर दोस्तों जब में हुक लगाने लगा तो मुझे पता चला कि वो थोड़ा नहीं बहुत ज़्यादा टाईट था। फिर में उससे बोला कि तुम भी मेरी हेल्प करो यह ब्लाउज सच में बहुत टाईट है और फिर उसने अपने बूब्स मेरे सामने ब्लाउज में एक हाथ डालकर सेट करते हुए ब्लाउज को थोड़ा सरकाया जिसे देखकर मेरा तो लंड पेंट को फाड़कर बाहर आने को था और यह सब उसने तैयार होते हुए देख लिया था और फिर हम पार्टी में डांस करने लगे तो उसने मेरा हाथ पकड़कर मेरे साथ डांस किया और सबके सामने यह प्रदर्शित किया कि हम भाई बहन है, लेकिन दोस्तों मुझे उसका तो पता नहीं, लेकिन मेरे दिल में बहुत कुछ था और फिर उस दिन से हम दोनों फोन पर चेटिंग करने लगे थे, लेकिन ऐसे कि जैसे हम एक दूसरे के कोई दोस्त है।

फिर आख़िरकार वो दिन आ ही गया जब मुझे उसकी चूत के दर्शन करने का मौका मिल गया, क्योंकि उस दिन उसके मम्मी पापा और मेरे घर वाले पास वाले शहर में किसी के घर पर जागरण में चले गये और दीपा को मेरे साथ मेरे घर पर छोड़ गये। मेरे दिल में तो अब लड्डू फूटने लगे, तब सर्दियों के दिन थे और में सोफे पर बैठकर टीवी पर क्रिकेट मैच देख रहा था। तभी कुछ देर के बाद अचानक लाईट चली गई और उस समय मैच बहुत मजेदार चल रहा था तो मुझसे रहा नहीं गया और मेंने अपने लॅपटॉप पर मैच लगा लिया। वो मेरे पास आकर खड़ी हो गई और फिर वो भी मैच देखने लगी और जब कुछ देर बाद मैंने उसकी तरफ देखा तो में कंट्रोल से बाहर हो गया। उसने नीले कलर की बिल्कुल टाईट टी-शर्ट और लोवर पहना हुआ था। वो उसमें क्या मस्त लग रही थी मेरा तो दिल कर रहा था कि उसके बूब्स को पकड़कर चूसकर सारा का सारा दूध पी लूँ और उन्हे नीबूं की तरह निचोड़ डालूं। तभी वो मुस्कुराते हुए मुझसे बोली कि मैच देख लो और अपना ध्यान मैच पर रखो मुझ पर नहीं। वो उस समय इतना कहते हुए थोड़ा मेरे पास बैठ गई और भी करीब आने लगी और फिर वो मुझसे बोली कि विभु मुझे यहाँ पर ठंड लग रही है, तुम अपना यह लेपटॉप बेड पर रख लो।

फिर में उसके कहने से बेड पर आ गया और में अपने दोनों पैरों को कम्बल के अंदर करके बैठ गया। वो मेरे एक साईड में बैठी हुई थी और थोड़ी दूरी पर थी जिसकी वजह से उसे लॅपटॉप सही ढंग से नहीं दिख रहा था। वो मुझसे बोली कि लेपटॉप को थोड़ा इधर कर लो और मैंने वैसा ही किया। में अब उसकी साईड में और उसके बिल्कुल पास बैठ गया और कंबल में पूरा घुसा हुआ था, लेकिन अब मेरा पूरा ध्यान मैच से बिल्कुल हट चुका था और में धीरे धीरे अपने एक पैर से उसके पैर को रगड़ने लगा और मैंने एक पैर उसके पैर पर रख दिया, लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया में समझ गया था कि उसे भी अब इस सर्दी में गरमाहट चाहिए और फिर मैंने अपना एक हाथ भी कंबल में घुसा दिया और एक साईड से उसकी हल्के से गांड को छूने लगा, लेकिन वो फिर भी मुझसे कुछ भी नहीं बोली और इतनी देर में मैच ख़त्म हो गया, लेकिन उसका ध्यान कहीं और था। तो कुछ देर के बाद वो बोली कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड का क्या नाम है? में अब लगातार धीरे धीरे उसकी गांड पर हाथ फेरता रहा और उससे बोला कि कोई है ही नहीं। तो वो झट से बोली कि ऐसा हो ही नहीं सकता और ऐसे ही हम गर्लफ्रेंड के बारे में बातें करते रहे। तभी मैंने धीरे धीरे अपने हाथ की जगह चेंज कर दी और अपने हाथ को उसके लोवर के ऊपर से ही उसकी चूत के पास ले गया। वो मुझसे बोली कि विभु यह क्या कर रहे हो? क्या तुम्हे शर्म नहीं आती, में तुम्हारी बहन हूँ? तो में बोला कि मैंने ऐसा क्या किया है? तो वो बोली कि अब तुम ज़्यादा चालाक मत बनो, तुम्हारा हाथ कहाँ पर है? तो मैंने कहा कि मेरा हाथ यहीं पर है और मैंने अपना हाथ थोड़ा और टाईट कर लिया। तभी वो मेरा हाथ पकड़कर छुड़ाने लगी और बोली कि यह है तुम्हारा हाथ। तो में बोला कि तो क्या हुआ? तुम मेरी बहन हो इसलिए हम दोनों एक दूसरे की बातें तो जान सकते है। वो बोली कि यह बात बिल्कुल गलत है। भाई बहन में कभी भी ऐसा नहीं होता। में उसे अब मनाने लगा, लेकिन वो नहीं मान रही थी तो मैंने उससे कहा कि चलो अगर तुम मुझे अपना अच्छा भाई मानती तो प्लीज मुझे एक बार अपना शरीर दिखा दो। वो लगातार ना ना कर रही थी तो मैंने उसे अपनी कसम देकर एक बार दिखाने को बोला तो वो मान गई और मुझसे बोली कि में सिर्फ़ एक बार ही तुम्हे दिखाउंगी और फिर वो अपनी टी-शर्ट के ऊपर के बटन खोलने लगी। तभी मैंने उसे रोक दिया और वो अचानक से रुक गई और मेरी तरफ देखने लगी। मैंने उससे कहा कि तुम रहने दो में खुद ही खोल लूँगा और फिर मैंने धीरे धीरे बटन खोलकर उसके ऊपर का हिस्सा उतार दिया। वो गुलाबी कलर की ब्रा में थी और उस पर फूलों की डिजाईन बनी हुई थी। में उससे बोला कि मुझसे अच्छे तो यह फूल ही है, कम से कम तुम्हारी ब्रा से तो चिपके हुए है। तो वो हँसने लगी और मैंने सही मौका देखकर उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही पकड़ लिया। तो वो बोली कि मैंने सिर्फ़ देखने को कहा था छूने को नहीं। तो मैंने कहा कि प्लीज मुझे छूने दो, पक्का में सेक्स नहीं करूंगा और फिर मैंने उसे विश्वास दिलाया कि सेक्स नहीं करूंगा।

तो वो मान गई में फिर उसके लोवर की तरफ बढ़ा तो वो मुझसे बोली कि क्या इसको उतारना ज़रूरी है? तो मैंने कहा कि असली चीज़ तो यहीं पर है प्लीज उतारने दो और फिर झट से मैंने उसकी लोवर को उतार दिया उसने लाल कलर की पेंटी पहन रखी थी और अब वो ब्रा और पेंटी में क्या मस्त लग रही थी। ऐसे ही करते करते मैंने उसके एक कंधे से उसकी ब्रा को नीचे कर दिया और उसका एकदम सफेद बूब्स आधे से ज्यादा बाहर आ गया और उसने मुझे पकड़ लिया। मैंने उसके एक बूब्स को एक हाथ में लिया और दूसरा हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया और उसकी चूत को पहली बार छूकर देखा। मेरे छूते ही वो बिल्कुल पागल हो गयी और उसने एकदम से पलटकर मुझे बिल्कुल टाईट पकड़ लिया और मुझे लिप किस करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी। मुझे पता चल चुका था कि अब सब कुछ मेरे हाथ में या मेरे लंड में है। में उसकी चूत को पेंटी के अंदर ही बार बार छू रहा था और धीरे धीरे सहला रहा था। फिर में उसकी चूत के सामने आ गया और मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया। दोस्तों वाह क्या जन्नत की तरह थी वो जगह उसकी चूत बिल्कुल साफ थी। मैंने उसे अपनी बाहों में लेकर लेटा दिया और उसकी चूत को छूने लगा। तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब ऐसा मत करो मुझे बहुत अजीब सा महसूस हो रहा है।

दोस्तों अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया और मैंने उसकी चूत के ऊपर मुहं रख दिया और उसे किस करने लगा इस वजह से वो बहुत ज़ोर से मचलने लगी जैसे बिन पानी के मछली तड़पती है वैसे ही तड़पने लगी और वो मेरा सर अपनी चूत पर दबा रही थी। मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और उसकी बैचेन चूत में अपनी जीभ को डाल दिया। वाह दोस्तों क्या मस्त अहसास था, पहली बार मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैंने ऐसी रसीली और मजेदार चीज़ कभी खाई ही नहीं। फिर कुछ देर ऐसे ही करते करते वो झड़ गई और उसकी चूत का पानी मेरी जीभ को लग गया वो बहुत अजीब से स्वाद का था, मैंने उसे थूक दिया। तो वो मुस्कराते हुए बड़ी संतुष्ट लगी, लेकिन में अभी भी ठंडा नहीं हुआ था और में हल्का सा उसके ऊपर आकर अपना लंड उसके दोनों बूब्स के बीच में दबा लिया और रगड़ने लगा। जब में लंड को आगे की तरफ ले जाता तो वो अपना मुहं खोलकर उसे अंदर ले लेती। फिर दीपा ने बोला कि में और अब नहीं रह सकती, प्लीज़ इसे नीचे डालो, मुझे बहुत अजीब सा कुछ कुछ हो रहा है। फिर मैंने भी अपने लंड को हाथ में ले लिया और दीपा की चूत के मुहं पर रगड़ने लगा। वो अब झटपटाने लगी और मुझसे लंड को अंदर डालने की भीख माँगने लगी। मैंने फिर से हल्का सा ज़ोर देकर अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के अंदर डाला तो उसकी एक बार आखें फट गयी। में थोड़ी सी देर बिल्कुल शांत हो गया और फिर दूसरे ही झटके में लंड को अंदर की तरफ पहुंचा दिया। उसके मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकल पड़ी और आँखो से आँसू। में फिर से थोड़ा नीचे की तरफ होकर उसके होंठो को चूसने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा और फिर मैंने सही मौका देखकर एक बार फिर से धक्का मार दिया और अब लंड बहुत अंदर जा चुका था और वो बार बार मुझसे से उसे बाहर निकालने के लिए कह रही थी, लेकिन में अब वहां से वापस नहीं लौट सकता था इसलिए मैंने थोड़ा सा रुककर मैंने फिर से एक आखरी झटके में अपना लंड जड़ तक दीपा की चूत में डाल दिया और वो दर्द से झटपटाने लगी और में फिर से नीचे झुककर उसको स्मूच करने लगा और बूब्स को दबाने लगा।

फिर थोड़ी देर बाद उसको भी दर्द खत्म होने के बाद जोश आ गया और धीरे धीरे से अपने कूल्हों को हिलाने लगी और में समझ गया कि अब शायद उसे भी मज़ा आने लगा है और फिर में भी हल्के हल्के झटके लगाने लगा। फिर वो कभी मुस्कुराती तो कभी एक रांड की तरह लंड का मज़ा लेते हुए स्माईल देती और अब मेरे भी धक्कों की स्पीड और भी तेज हो चुकी थी और मेरा लंड पिस्टन की तरह अंदर बाहर हो रहा था और अब मुझे लगा कि शायद वो झड़ने वाली है इसलिए मैंने धक्के और तेज कर दिए ताकि उसे और भी चुदाई के मज़े मिले और फिर उसका शरीर अकड़ने लगा और मेरी बहन मेरे लंड से चुदाई करवाती हुई झड़ गई। अब मैंने अपनी स्पीड को और भी बढ़ा दिया और चूत में बहुत गीलापन होने की वजह से फच फच की आवाजें आने लगी और अब मुझे भी लगने लगा कि शायद अब में भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपने धक्के और भी तेज कर दिए और 15-20 धक्कों के बाद में और दीपा एक साथ झड़ गये और थोड़ी देर तक हम दोनों एक साथ लेटे रहे और एक दूसरे को देखकर मुस्कुराते रहे। मैंने ध्यान से देखा कि दीपा के बूब्स एकदम लाल हो चुके थे और उस पर मेरे हाथों के निशान भी साफ साफ नज़र आ रहे थे।

फिर हम ऐसे ही नंगे फिर से एक बार जोश में आ गये और एक दूसरे से सांप की तरह लिपट गये। मेरा लंड एक बार फिर से उसके पैरों के बीच दस्तक देने लगा और मेरी बहन मुस्कुरा रही थी और मेरा लंड पकड़कर एक बार फिर से हिलाने लगी और कुछ देर के बाद मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और जब मैंने उसे लेटने के लिए कहा तो उसने कहा कि नीचे के लिए आज इतना ही बहुत है और बाकी बाद में। फिर उसने अपने गुलाबी होंठ मेरे लंड पर जकड़ दिए और चूसने लगी। में उसके बालों को पकड़कर पीछे करके उसको देखने लगा, वो बड़े मज़े से चूस रही थी और कभी कभी एक हाथ से अपने बूब्स को भी बॉल की तरह दबाती। दोस्तों उस रात हम दोनों बिना कपड़ो के ही रहे और सारी रात सोए नहीं और जब हमारे घरवालों का आने का टाईम हुआ तो हम एक बार और चुदाई करके सब कुछ साफ करके सो गए। दोस्तों आज भी वो एक होस्टल में रहकर नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही है में जब भी वहां पर जाता हूँ तो एक पूरे दिन और रात हम होटल में एक दूसरे के साथ रहते है। मुझे आज भी उसकी चूत बहुत रसीली लगती है और उसे देखते ही मेरा दिल करता है कि उसे लगातार चाटता ही रहूँ ।।

धन्यवाद …

]]>
//otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ne-lund-chusa-aur-chudai-ki-maja-li/feed/ 1
शादी के बाद रंडी बना दिया ससुराल बाले – Shadi Ke Baad Randi Bana Diya Sasural Wale | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/shadi-ke-baad-randi-bana-diya-sasural-wale/ //otelsan.ru/xbrasilporno/shadi-ke-baad-randi-bana-diya-sasural-wale/#comments Mon, 03 Jun 2019 17:46:10 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5582 [...]]]> hindi sex story, chut chudai kahani, antaravasna, otelsan.ru, gandi kahani
सभी पाठक और पाठिका को मेरी प्रणाम । मेरी नाम नीतू हे, मैं otelsan.ru पे बहत सरे हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने के बाद सोचा की अपनी कहानी भी आप सभी के साथ शेयर करूँ तो मेने अपनी जीबन में जो निभा रहा हूँ वो लिखने की कोसिस कर रहा हूँ । ऐसे भी मेरे जीबन में भी चुदाई का रोमांच बहत हे । मैं बचपन से ही सररत किसम की लड़की रहा हूँ । १८ साल उम्र में मुझे अपनी फिजिक्स टीचर ने चोदा था । वो बात और कभी बताऊंगा, आज मैं आपको मेरी शादी के बाद हुई घटना के बारे में बताऊंगा । २९ साल उम्र में शादी हुई थी और मेरे सरीर ३८-३०-३६ का था और बहुत सारे लड़के मेरी मोटी गांड और बड़े बूब्स के शुरू से ही बहुत दीवाने थे और में जब 29 साल की थी तब मेरी शादी हुई और मेरी शादी मेरे माता पिता के कहने पर हुई थी और वो लड़का जिसका नाम शेखर,
वो बाहर रहता था, मुझे शुरू में उसके बारे में कुछ भी पता नहीं था और इसलिए शादी के दिन जब मैंने उसको पहली बार देखा तो में बहुत खुश हो गई, क्योंकि वो दिखने में बहुत अच्छा था और उसके बड़े बड़े मसल्स दमदार शरीर को देखकर मेरी साड़ी के अंदर मेरी पेंटी अब धीरे धीरे गीली हो रहो थी. फिर शादी के अगले ही दिन हम बाहर चले गये, हम बहुत रात को अपने घर पर पहुंचे थे और हम दोनों बहुत थकने की वजह से घर पर जाते ही सो गये.

फिर मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि हमारा घर बहुत बड़ा था, शेखर एक बहुत बड़ा बिजनेसमेन था और उसका एक स्कूल भी था और एक मेगज़ीन का अपना खुद का बिज़नस भी था. फिर में थोड़ा थकी होने की वजह से सुबह थोड़ी देर से उठी तो मैंने देखा कि शेखर तब तक नीचे रूम में जा चुके थे. दोस्तों शेखर ने अब तक मुझे छुआ भी नहीं था, इसलिए मैंने सोचा कि में उसको थोड़ा चकित कर देती हूँ, इसलिए मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और एक नीले कलर की ब्रा, पेंटी पहन ली और उसके ऊपर एक काले रंग की शर्ट जो कि बिल्कुल मेरी गांड पर जाकर खत्म हो रही थी.

फिर में अपनी मोटी गांड को मटका मटकाकर नीचे चली गई और तब मैंने देखा कि दो एकदम काले अफ्रिकन मर्द बैठे हुए है और उनमें से एक ने मुझे अपना नाम जॉन बताया और दूसरे ने स्टेवेमैन उस छोटी शर्ट में जिससे मेरी आधी पेंटी और आधी गांड नज़र आ रही थी और में उसमें खड़ी हुई थी. फिर उन दोनों ने मुझसे कहा कि वो शेखर के दोस्त है और उससे मिलना चाहते थे तो इसलिए चले आए. फिर मैंने तुरंत उनसे कहा कि वो अभी घर पर नहीं है और में अब शर्म के मारे मरी जा रही थी और शेखर मुझे कहीं भी नहीं दिखाई दिए तो मुझे लगा कि वो शायद बाहर गये है. दोस्तों में उस काले मर्द के लंड का मज़ा नहीं गँवाना चाहती थी.

फिर एक अफ्रिकन आदमी ने मुझे बैठने को कहा और वो थोड़ा सरक कर साईड हो गया. अब में एकदम डरी सहमी सी उन दोनों काले मर्द के बीच में जाकर बैठ गई और बैठते हुए मेरी छोटी शर्ट मेरे पेट तक चढ़ गई, जिसकी वजह से मेरी पूरी नीले कलर की पेंटी उन्हे साफ साफ नज़र आ रही थी. फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसे छुपाने की बहुत नाकाम कोशिश की, लेकिन ऐसा हो ना सका जैसा में चाहती थी. दोस्तों मेरी शादी होने के दो दिन बाद में दो काले मर्द के बीच आधी नंगी बैठी हुई थी और तभी अचानक से एक काला मर्द उठा और उसने अपनी पेंट को गिरा दिया, उसने अंदर कोई अंडरवियर नहीं पहना हुआ था और में उसका लंड देखकर एकदम पागल सी हो गई, क्योंकि उसका वो बिल्कुल काला सा लंड मेरे एक हाथ के बराबर लंबा था और उसे देखकर वो दूसरा भी नंगा हो गया और अब वो दोनों काले मर्द मेरे सामने अपना बड़ा लंड पकड़कर खड़े हुए थे.

अब में उनके लंड को देखकर और अपनी तड़पती हुई चूत को शांत करने के लिए मैंने अपनी शर्म को छोड़कर तुरंत अपनी शर्ट को उतार दिया और में सिर्फ़ अपनी ब्रा, पेंटी में अपने घुटनो पर बैठकर दोनों काले लंड का मज़ा लेने लगी. फिर मैंने एक लंड को करीब दस मिनट तक चूसा और दूसरे को हाथ से सहला रही थी और मुझे यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी चूत धीरे धीरे और भी कामुक हुई जा रही थी. फिर उसके बाद मैंने दूसरे को भी उतना ही चूसा और फिर मैंने खड़े होकर अपनी पेंटी और ब्रा को भी उतार दिया और अब मेरी एकदम गीली चूत और बड़े बड़े बूब्स उन दोनों के सामने आ गये थे.

अब में अपने नंगे बदन को लेकर उन दोनों काले मर्दो से लिपट गयी और तब एक लड़का सोफे पर बैठ गया और उसने मेरी तरफ इशारा किया और जिसको में समझ गई और जैसे ही में अपनी पीठ को उसकी तरफ करके उसके लंड पर बैठने के लिए उसके पास गई तो उसने अपना दस इंच का लंड मेरी गांड में घुसा दिया और मेरी चीख निकल गई और अब उस दूसरे मर्द ने आगे से मेरी चूत में एक जोरदार धक्का देकर अपना लंड घुसा दिया और जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ और में तड़पने लगी, लेकिन फिर भी में उन दोनों लंड के मज़े में खो गई थी.

थोड़ी देर के बाद जॉन ने एक कैमरे को टाईमर मोड में सेट कर दिया और सामने की टेबल पर रख दिया, जिसमें हमारी चुदाई की वो सभी फोटो खींची जा रही थी और यह सब देखकर में और भी गरम हो गई और में उस कैमरे की तरफ एक शरारती स्माईल देकर और भी ज़ोर से लंड के ऊपर कूदने उछलने लगी और जिसकी वजह से उसका वो काला लंबा लंड पूरा अंदर बाहर हो रहा था.

फिर कुछ देर बाद जॉन और स्टीव ने मुझे ज़मीन पर डॉगी स्टाईल में बैठा दिया और जॉन ने पीछे से मेरी चूत में लंड घुसाया और स्टीव ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया, अब मुझे अपनी इस तरह से चुदाई होते देख बिल्कुल एक रंडी जैसा महसूस हो रहा था.

फिर कुछ देर बाद अब धीरे धीरे मुझे बड़े लंड की आदत हो गई और में मज़े से उन दोनों का लंड कभी गांड में तो कभी मुहं में तो कभी चूत में ले रही थी. दोस्तों मेरी शादी होने के दो दिन बाद ही में अपने पति से छुपकर अपने ही घर में उनके दो दोस्तों से चुद रही थी, आख़िरकार उन दोनों ने एक एक करके अपने लंड मेरे अंदर से बाहर निकाले और मुझे सोफे पर बैठा दिया और मेरे पूरे चेहरे पर वीर्य डाल दिया, में सोफे पर अपने दोनों पैरों को फैलाकर उनका माल चख रही थी.

मैंने उनका माल चखा और कुछ देर बाद खड़ी हो गई. अब जॉन और स्टीव ने अपनी अपनी पेंट पहनी और जॉन ने मेरी गांड को दबोचकर मेरे होंठो पर एक लंबा सा किस दे दिया और फिर स्टीव ने अपने पूरे हाथ से मेरी चूत को दबा दिया और जिसकी वजह से में उछल गई. अब स्टीव ने मुझे अपनी गोदी में उठा लिया और एक लंबा सा किस दे दिया और फिर वो वहां से दोनों चले गये. फिर में अपनी दोनों आखें बंद करके अपने दोनों पैरों को फैलाकर सोफे पर ना जाने कब सो गई मुझे पता ही नहीं चला, लेकिन तभी कुछ देर बाद मुझे मेरी चूत में कुछ छूता हुआ महसूस हुआ और जैसे ही मेरी आँखें खुली तो मैंने देखा कि शेखर का मोटा लंड मेरी चूत के अंदर था.

फिर उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि क्यों रंडी अब अपने पति से नहीं चुदेगी? और वो ज़ोर ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के देकर मेरी चूत को मारने लगा, जिसकी वजह से उस सोफे के साथ साथ में भी पूरी तरह से हिलने लगी. फिर मैंने उसे एक शरारती सी स्माईल देकर उससे कहा कि में तुम्हारे लिए ही तो रंडी बनी हूँ और अब उसे अपनी बाहों में लेकर में भी अपनी कमर से उसके लंड की तरफ हल्के हल्के झटके देने लगी. दोस्तों में बस अब मन ही मन दुआ कर रही थी कि उसने मुझे जॉन और स्टीव से चुदते हुए ना देखा हो? वैसे तो शेखर का लंड भी बहुत मोटा था, उस पूरे दिन हम घर में बिल्कुल नंगे ही रहे और पूरे दिन में शेखर ने चार बार मेरी चूत मारी और हम रात को नंगे ही सो गये.

फिर अगले दिन सुबह उठते ही मैंने शेखर की तरफ देखा तो वो नंगा बहुत सेक्सी लग रहा था और में अब उसकी तरफ चली गई. फिर मैंने तुरंत उसका सोया हुआ मुलायम लंड अपने हाथ में ले लिया और फिर मैंने उससे कहा कि क्या बात है तुम्हारा लंड बहुत देर तक सोता है? और अब मैंने उसके लंड को अपने मुहं में ले लिया और करीब पांच सेकेंड के अंदर उसका लंड अब पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया और उसने मुझे पकड़कर बेड पर सीधा लेटा दिया और मेरे पैरों को पूरा फैला दिया और अपना मुहं मेरी चूत में अंदर तक घुसा दिया, मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि में उसे आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकती.

में अब थोड़ा थोड़ा हिल रही थी और फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और वो मुझे चोदते हुए थोड़ा मेरी तरफ झुका और मुझे चूमने लगा और एक घंटे की चुदाई के बाद उसने एक टाईट अंडरवियर पहना और मैंने एक जालीदार टॉप बिना ब्रा के और एक लाल कलर की पेंटी पहनी. तभी एक घंटी बजती है और में शेखर की तरफ देखती हूँ कि वो उठकर जाकर देखे कि बाहर कौन आया है? तो शेखर ने बोला कि क्या में जाऊँ? फिर मैंने उससे कहा कि क्या में ऐसे जाऊँ? इस टॉप से मेरे पूरे नंगे बूब्स दिख रहे है और इसमें से मेरी पेंटी भी दिख रही है.

फिर शेखर ने मुझे देखकर स्माईल किया और ज़ोर से मेरी गांड पर एक थप्पड़ मार दिया और में तुरंत समझ गई और में स्माईल करके जाने लगी और अपना टॉप थोड़ा और ऊपर उठाया ताकि मेरी पेंटी अच्छे से दिखे और मैंने पीछे शेखर को देखकर उसे आँख मारी. फिर मैंने दरवाजा खोल दिया और सामने एक गोरा आदमी खड़ा हुआ था, उसने मुझे एक डब्बा हाथ में दे दिया और मुझसे एक पेपर पर हस्ताक्षर करने को कहा, हस्ताक्षर करते हुए मैंने देखा कि वो कैसी बड़ी बड़ी आँखों से घूर घूरकर मेरे बूब्स और पेंटी को देख रहा था, उसकी पेंट में उसका लंड खड़ा हो चुका था और वो पेंट के बाहर से ही पता चल रहा था.

फिर मैंने वो पेपर उसे हस्ताक्षर करके दे दिया और अपना एक हाथ अपनी पेंटी के अंदर डाल दिया और दूसरे हाथ से दरवाजा बंद कर दिया. तभी पीछे से शेखर बोला तू तो एकदम रंडी निकली. दोस्तों उसके साथ गुजरे मेरे कुछ घंटे और उसके मुहं से यह शब्द सुनकर में अब पूरी तरह से समझ गई थी कि शेखर के साथ मेरी आगे की ज़िंदगी भी बहुत मज़ेदार हो जाएगी और मुझे उसके साथ बहुत मज़ा आएगा.

]]>
//otelsan.ru/xbrasilporno/shadi-ke-baad-randi-bana-diya-sasural-wale/feed/ 1
दुखी चची को चोदके माँ बनाया चाचा की मर्जी से – Dukhi Chachi Ko Chodke Maa Banaya Chacha Ki Marji Se | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dukhi-chachi-ko-chodke-maa-banaya-chacha-ki-marji-se/ Thu, 30 May 2019 16:05:04 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5576 [...]]]> Chachi ki chudai, chacha ki marji se chachi ki chudai, aunty ko choda, desi aunty ki chudai, hindi sex story, antarvasna, otelsan.ru

हेलो दोस्तों मैं हूँ राहुल, महाराष्ट्र से । आपको otelsan.ru पे स्वागत करता हूँ और आज आपको मेरे कहानी बताने जा रहा हूँ । मैं एक स्टूडेंट हूँ ुर साथ ही साथ अपना पापा की दुकान भी चला लेता हूँ । मुझे हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने में बहत दिलचस हे ।
यह घटना मेरी और मेरी चाची के बीच में हुए सेक्स की है जिसमें मैंने उनको चोदकर बहुत मज़े किए। दोस्तों वो मेरी असली चाची नहीं है, वो तो हमारे घर पर किराए से रहती है। मेरी चाची का मनीषा है उनके फिगर का साईज 34 -28 -36 है और वो एक ग्रहणी है और उनके पति खुद का अपना एक बिजनेस करते है इसलिए वो अक्सर सुबह 10 बजे घर से निकल जाते और रात को हमेशा ज्यादा देरी से आते थे और उनकी अब तक कोई औलाद भी नहीं थी। दोस्तों यह घटना आज से एक साल पहले की है, जब मेरी मम्मी, पापा एक सप्ताह के लिए शादी में बाहर गये हुए थे, तो मुझे अब मेरी गहनों की दुकान पर बैठना था इसलिए मेरी मम्मी ने मुझे अपनी चाची के यहाँ पर खाना खाने के लिए कहा और फिर मैंने भी उन्हें हाँ कह दिया और मम्मी ने चाची को भी मुझे खाना खिलाने के लिए बोल दिया था। अब में अपने घर वालों के चले जाने के बाद अपनी दुकान को जल्दी सुबह खोल लेता और दोपहर को करीब 12 बजे बंद कर देता और फिर में खाना खाने अपने घर पर चला जाता उसके बाद में घर पर कुछ घंटे आराम करने के बाद शाम को करीब 4:00 बजे अपनी दुकान फिर से खोल लेता था। एक दिन मैंने दुकान को बंद किया और घर पर चला गया। सबसे पहले में चाची के यहाँ पर गया और वहां पर मैंने खाना खाया और फिर अपने कमरे में चला गया। उसके बाद में एक ब्लूफिल्म की सीडी चलाकर पूरा नंगा होकर बैठकर देखने लगा। तभी दरवाजे पर किसी के खटखटाने की आवाज आने लगी तो मैंने जल्दी से टी-शर्ट पहनी और टावल लगाकर दरवाजा खोलने चला गया और फिर मैंने देखा कि सामने चाची खड़ी हुई थी और मैंने उनसे पूछा..

में : क्या हुआ चाची?

चाची : कुछ नहीं बस वो मुझे तुम्हारे बाथरूम में अपने कपड़े धोने थे, मेरे बाथरूम का नल खराब हो गया है, उससे अब अचानक ही पानी आना बिल्कुल ही बंद हो गया है।

में : हाँ प्लीज आप अंदर आ जाइए ना।

चाची : धन्यवाद राहुल।

में : उसमे धन्यवाद कैसा चाची?

फिर चाची अंदर आई और मेरे बेडरूम से जुड़े हुए बाथरूम में वो अंदर चली गयी और में किचन में पानी पीने चला गया और जैसे ही मैंने पानी पीने के लिए गिलास को अपने हाथ में उठाया तो मुझे याद आया कि मैंने तो ब्लूफिल्म को बंद ही नहीं किया है। फिर में तुरंत दौड़कर अपने रूम में गया तो मैंने देखा कि टीवी पहले से ही बंद है और चाची बैठी हुई अपने कपड़े धो रही है, वो सब देखकर मेरी जान में जान आ गई, लेकिन दोस्तों मुझे यह बात बिल्कुल भी याद ही नहीं आ रही थी कि मैंने बाहर आने से पहले टीवी को कब बंद किया था और अगर मैंने टीवी को बंद नहीं किया तो क्या चाची ने उसे बंद किया था? फिर कुछ देर बाद चाची अपने कपड़े धोकर चली गयी और में अपनी दुकान पर चला गया। फिर जब में रात को अपने घर पर आया और हाथ मुहं धोकर सीधा अपनी चाची के घर पर चला गया और में जाकर सोफे पर बैठ गया तो मैंने देखा कि उस समय चाची किचन में खाना बना रही थी। फिर मैंने टीवी को चालू किया और देखने लगा। फिर थोड़ी ही देर बाद चाची अपना काम खत्म करके वहां पर आ गई और मैंने जब चाची को देखा तो में देखता ही रह गया, वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी? उन्होंने लाल, पीले कलर की साड़ी, बिना बाँह और पीछे से पूरा खुला हुआ ब्लाउज पहना हुआ था। उस ब्लाउज में से उनके आधे बूब्स बाहर लटके हुए मुझे दिखाई दे रहे थे और में उन्हें घूर घूरकर लगातार देखे ही जा रहा था तभी चाची ने मुझसे कहा..

चाची : क्यों ऐसा क्या देख रहे हो राहुल?

में : जी कुछ नहीं चाची।

चाची : सच बोलो राहुल में तुमसे कुछ नहीं कहूँगी।

में : वो चाची आप आज बहुत ही सुंदर दिख रही हो।

चाची : मुझसे ऐसा मज़ाक मत करो राहुल।

में : नहीं चाची में आपसे बिल्कुल सच सच कह रहा हूँ, आप आज बहुत ही सुंदर सेक्सी दिख रही हो।

चाची : शरमाते हुए, क्या में सच में इतनी अच्छी लगती हूँ?

में : हाँ क्या आपको कभी चाचा ने नहीं कहा?

चाची : उनके पास टाईम कहाँ है मेरी तारीफ करने के लिये।

चाची : क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?

में : जी नहीं, और इतना कहकर मैंने थोड़ा उदास सा चेहरा बना लिया।

चाची : इसमे नाराज़ होने वाली क्या बात है? आज नहीं तो कल कोई ना कोई तुम्हारी भी गर्लफ्रेंड बन ही जाएगी, चलो अब हम खाना खाते है क्योंकि जब तक टाईम 9:30 बजे चुके थे। फिर हम खाना खाने बैठे ही थे कि चाचा आ गये तो चाची ने उनसे पूछा..

चाची : क्यों आज आप जल्दी आ गए?

चाचा : वो कल सुबह मुझे जल्दी कुछ काम से दो दिनों के लिए मुंबई जाना है इसलिए में आज थोड़ा जल्दी से अपना सभी काम खत्म करके आ गया।

चाची : अरे यार, आपको तो पता है ना मुझे रात को अकेला सोने में कितना डर लगता?

चाचा : लेकिन, अब में इसका क्या कर सकता हूँ? मेरे वहां पर कल ना जाने से मुझे बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा और अगर चाहो तो तुम भी मेरे साथ चल सकती हो।

चाची : (हड़बड़ते हुए बोली) नहीं में यहीं पर रहूंगी, में राहुल को मेरे पास सोने के लिए बुला लूँगी, क्यों ठीक हाँ ना राहुल?

में : हाँ ठीक है चाची।

चाचा : ओह में तो बिल्कुल ही भूल गया कि यहाँ पर राहुल भी तो है।

में : कोई बात नहीं चाचू, अब आइये खाना खाते है।

चाचा : हाँ में अभी फ्रेश होकर आता हूँ।

फिर कुछ देर बाद चाचा फ्रेश होकर आए और वो मुझसे कहने लगे।

चाचा : राहुल कल क्या तू मुझे सुबह स्टेशन तक छोड़ने चलोगे?

में : हाँ ठीक है चाचा, में आपको स्टेशन तक छोड़ दूंगा।

फिर हम सभी ने खाना खाया और में अपने कमरे में आकर सो गया। सुबह में उठा और चाचा को स्टेशन छोड़ने उनके साथ चला गया और फिर में वहीं से अपनी दुकान पर चला गया। दोस्तों उस दिन में दोपहर को अपने घर पर नहीं गया और मैंने अपने दोस्तों के साथ बाहर ही खाना खा लिया था। फिर रात को जब में घर पर गया तो में फ्रेश होकर चाची के कमरे में चला गया, तो चाची आज मुझे और भी ज्यादा सेक्सी दिख रही थी, क्योंकि उन्होंने आज गुलाबी कलर की एक पारदर्शी मेक्सी पहन रखी थी जिसकी वजह से उनके अंडर गारमेंट भी पूरी तरह से दिख रहे थे। मुझे उनकी काली कलर की ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी भी साफ साफ दिखाई दे रही थी। फिर चाची ने आते ही मुझसे पूछा..

चाची : राहुल आज तुम दिन में खाने पर क्यों नहीं आए?

में : चाची वो आज मुझे मेरे कुछ दोस्त मिल गये थे और उन्होंने मुझसे होटल चलने को कहा तो में क्या करता? में उनके साथ चला गया और हमने वहीं पर खाना खा लिया।

चाची : अरे एक बार मुझे बता तो देना था, में कितना घबरा गई थी।

में : प्लीज मुझे माफ़ करना चाची।

चाची : चलो खाना तैयार है चलो खा लो।

में : हाँ ठीक है।

फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और कुछ देर टीवी देखने के बाद हम सोने की तैयारी करने लगे, लेकिन दोस्तों मुझे आज मेरी चाची में मेरे लिए बहुत बदलाव नज़र आ रहा था, क्योंकि वो सोने के लिए इतना बैताब थी कि में तो बिल्कुल हैरान रह गया और मन ही मन सोचने लगा कि क्या चाची कई दिनों से सोई नहीं है? फिर हम सोने उनके बेडरूम में चले गये तो मैंने उनसे कहा।

में : चाची में बाहर सोफे पर सो जाता हूँ।

चाची : अरे नहीं मुझे अकेले सोने में बहुत डर लगता है, इसलिए तो मैंने तुम्हे अपने पास सोने बुलाया है, प्लीज यहीं पर सो जाओ।

में : हाँ ठीक है चाची, आप कहती है तो में यहीं पर सो जाता हूँ।

दोस्तों अब में और चाची एक ही बेड पर लेट गए उन्होंने लाईट को बंद कर दिया, लेकिन मुझे बहुत देर तक भी नींद नहीं आ रही थी और तब तक शायद चाची सो गई थी। फिर कुछ देर बाद मुझे प्यास लगी तो में उठकर पानी पीने चला गया और जब में लौटकर वापस आया तो मैंने देखा कि चाची की मेक्सी उनके पैर ऊपर करने की वजह से उनकी कमर तक उठ गई है और अब वो सब देखकर मेरे अंदर का शैतान जाग गया, लेकिन अभी तक मेरे मन में चाची के बारे में एसी कोई भी गलत बात नहीं थी। में चुपचाप जाकर चाची के पास में लेट गया और मैंने देखा कि चाची बहुत गहरी नींद में सो रही थी और फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि क्यों ना इस बात का फायदा उठाया जाए? मैंने अपना एक हाथ चाची की जाँघो पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा। तभी चाची थोड़ा सा हिलने लगी और में डर गया, लेकिन वो अब बिल्कुल सीधी होकर सो गई। में अब उनकी नाभि से खेलने लगा और वो अब भी सो रही थी। में इसके आगे कुछ करने की हिम्मत ही नहीं कर सका और सो गया। फिर में सुबह उठा तो तब तक 9:00 बज चुके थे और मुझे दुकान पर जाने के लिए देरी हो रही थी। में उठा और बाथरूम में जाकर जल्दी से फ्रेश होकर बाहर आ गया। चाची उस समय मेरे लिए किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी तो मैंने चाची को गुड मॉर्निंग बोला। फिर चाची ने मुझसे पूछा कि क्यों कल रात को नींद नहीं आई? तो में उनकी यह बात सुनकर बहुत डर गया, मुझे लगा कि शायद चाची को कल रात को मेरी सभी हरकतों के बारे में पता चल गया तो मैंने उनसे कहा..

में : (बहुत घबराते हुए) क्यों कल रात को ऐसा क्या हुआ चाची?

चाची : अरे तुम देर से उठे इसलिए मैंने यह सब पूछा।

में : नहीं चाची, ऐसी कोई बात नहीं है।

चाची : अच्छा अब जल्दी से नाश्ता करके जाओ।

में : हाँ, ठीक है चाची।

फिर हमने नाश्ता किया और में जल्दी से अपनी दुकान पर चला गया। दोपहर हुई और में अपने घर पर खाना खाने आ गया, तो मैंने देखा कि चाची ने वही कल रात वाली जालीदार मेक्सी उस समय पहनी हुई थी और में उन्हें कुछ देर तक लगातार देखता रहा। फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और बातें करने लगे और तभी चाची ने मुझसे कहा।

चाची : अरे अब तो कोई गर्लफ्रेंड बना ले कब तक ऐसे ही घूमता रहेगा।

में : क्या मतलब में कुछ नहीं समझा?

चाची : अरे अब मुझे ही सब बताना पड़ेगा क्या?

में : (थोड़ा हड़बड़ते हुए बोला) क्यों ऐसा क्या हुआ चाची?

चाची : अरे तू वो सब कुछ देखता है जो काम तुझे इस उम्र में करना चाहिए?

में : में कुछ समझा नहीं चाची, में ऐसा क्या देखता हूँ?

चाची : अब ज्यादा भोला मत बन, में वो सब जानती हूँ।

में : क्या चाची, आप क्या जानती है?

चाची : कल जब में घर पर कपड़े धोने आई थी तो तू टीवी पर वो सब क्या देख रहा था?

दोस्तों में उनकी यह बात सुनकर वो सब सोचने लगा तो मेरी वो बात याद करके हवा टाईट हो गई और मुझे याद आया कि मैंने तो कल टीवी पर ब्लूफिल्म लगाई थी और चाची ने ही वो सब देखकर टीवी को बंद कर दिया था।

में : (बहुत डरते हुए बोला) चाची प्लीज आप मम्मी को वो सब कुछ मत बताना प्लीज।

चाची : (मुस्कुराते हुए बोली) अरे पागल में भला मम्मी को क्यों बताउंगी, लेकिन तुझे भी मेरा एक काम करना होगा।

में : हाँ में आपके वो सब काम जरुर करूँगा जो भी आप मुझसे कहोगी, लेकिन मम्मी को मत बताना।

चाची : अरे नहीं, कहा ना में नहीं बताउंगी।

में : आपको बहुत धन्यवाद चाची।

चाची : ठीक है।

में : बताओ अब मुझे क्या करना है?

चाची : वही सब जो कल उस वीडियो में हो रहा था।

में : क्या, लेकिन किसके साथ?

चाची : किसके साथ का क्या मतलब? मेरे साथ और किसके साथ, में बोल रही हूँ तो मतलब कि मेरे साथ ही करोगे ना, मेरे अलावा यहाँ पर तुम्हारे साथ और कौन है जिसके साथ तुम यह सब करोगे?

में : मगर चाची में आपके साथ ऐसा कैसा कर सकता हूँ?

चाची : अगर, मगर में कुछ नहीं जानती, अगर तुमने मेरा कहा काम नहीं किया तो में तुम्हारी मम्मी को वो सभी बातें बता दूँगी जिसको में तुम्हारे कहने पर छुपा रही हूँ।

दोस्तों में बहुत डर गया क्योंकि अब मेरी चाची सीधे सीधे मुझे ब्लेकमेल कर रही थी और में भी क्या करता? क्योंकि मेरे पास कोई बचने का रास्ता भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए मैंने तुरंत उनसे हाँ कह दिया और अब हम दोनों चाची के बेडरूम में चले गये। वहां पर जाते ही चाची मुझे किस करने लगी और उन्होंने मुझे धीरे से धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। हमने करीब दस मिनट तक एक दूसरे को किस किया जिसकी वजह से में बहुत गरम हो चुका था। फिर मैंने जोश में आकर चाची को अपने ऊपर से हटा दिया और मैंने तुरंत उनकी मेक्सी को उतार दिया, दोस्तों उन्हे मैंने आज पहली बार ब्रा, पेंटी में देखा था और यह मेरा पहला सेक्स होने की वजह से मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। में उस समय बहुत जोश में था और मेरे अंदर का शैतान अब तक जाग चुका था। अब मैंने चाची से कहा कि मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है। मेरी यह बात सुनकर चाची ने झट से मेरी पेंट को उतार दिया और पेंट में इलास्टिक लगा होने की वजह से उसके साथ साथ मेरी अंडरवियर भी उतर गई। अब चाची ने मेरा 7 इंच का लंबा मोटा लंड देखते ही तुरंत उसे अपने मुहं में ले लिया और जैसे छोटे बच्चे लोलीपोप चूसते है वैसे ही वो मेरा लंड चूसने लगी। दोस्तों यह मेरा पहला अनुभव था जब कोई औरत मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़कर धीरे धीरे चूस रही थी। में उस समय बहुत जोश में था इसलिए में जल्दी ही उनके मुहं में झड़ गया और उन्होंने मेरा पूरा वीर्य पी लिया और मेरे लंड को चाट चाटकर पूरा साफ किया, अब मुझसे कहने लगी..

चाची : वाह राहुल मज़ा आ गया, लेकिन तुम्हारा लंड तो तुम्हारे चाचा से भी बड़ा है।

में : क्या सच में चाची?

चाची : हाँ, में तुमसे बिल्कुल सच कह रही हूँ।

फिर इतना कहकर वो हंसने लगी और मैंने अब चाची की ब्रा को उतार दिया और में उनके बूब्स चूसने, दबाने लगा और मैंने अपनी शर्ट भी अब उतार दिया। फिर उन्होंने अपनी पेंटी को भी तुरंत उतार दिया फिर मैंने चाची से कहा कि अब हम थोड़ा जल्दी करते है, क्योंकि मुझे दुकान भी खोलनी है नहीं तो दुकान पर जो लड़का काम करता है वो पापा को फोन कर देगा और मेरे देरी से पहुंचने की बात पापा को पता चल जाएगी। फिर चाची ने कहा कि ठीक है और मैंने चाची को बेड के एक साईड में लेटा दिया और मैंने उनके दोनों पैर अपने कंधो पर रख लिए। यह सब देखकर चाची मुझसे बोली कि तुम तो आज पहली बार सेक्स कर रहे हो तो तुम्हे सेक्स करने की यह सभी पोज़िशन कैसे पता है? तो मैंने कहा कि यह तो मैंने ब्लूफिल्म में बहुत बार देखा है और अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए चाची की खुली हुई चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया और एक ज़ोर का झटका मारा। मेरे इस झटके की वजह से मेरा आधा लंड चाची की चूत में फिसलता हुआ बिना किसी रुकावट के चला गया, लेकिन उन्हे बहुत दर्द हुआ और उनके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी, क्योंकि चाचा का लंड इतना मोटा नहीं था। फिर मैंने उनकी कमर पर अपनी पकड़ को और भी ज्यादा मजबूत करते हुये एक और ज़ोर का झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और अब मैंने महसूस किया कि वो उस दर्द से तड़पने लगी थी। मेरा लंड उनकी बच्चेदानी से टकरा रहा था और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, लेकिन सभी खिड़की दरवाजे बंद होने की वजह से हमें किसी बात का कोई डर नहीं था। अब वो थोड़ी तक दर्द से करारहती रही और में उसके बूब्स को सहलाता रहा। फिर कुछ देर बाद जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया।

अब वो भी अपनी गांड को थोड़ा ऊपर नीचे करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी और मुझसे कहने लगी हाँ थोड़ा और अंदर जाने दो उह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे आईईईईई तुम्हारे अंकल के पास मेरी चूत को शांत करने के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है, लेकिन अब तुम मुझे मिल गए हो स्सीईईईई में अपनी चुदाई तुमसे हर दिन करवाउंगी उह्ह्ह्ह जाने दो पूरा अंदर, वाह मज़ा आ गया। दोस्तों में उनके मुहं से यह सभी बातें सुनकर अब और भी जोश में आ गया था और मैंने अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बड़ा दिया था, लेकिन अब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। फिर में भी अब झड़ने वाला था इसलिए मैंने चाची से पूछा कि में झड़ने वाला हूँ बोलो अब में क्या करूं? तो चाची ने कहा कि तुम मेरे अंदर ही झड़ जाओ आआहह उफफ्फ्फ्फ़ में तुम्हारे इस गरम गरम लावे को अपने अंदर लेकर इसे महसूस करना चाहती हूँ आईईईइ हाँ डाल दो पूरा मेरे अंदर, प्लीज अब जल्दी से डाल दो।

फिर में कुछ देर धक्के देने के बाद उनकी प्यासी, तड़पती हुई चूत के अंदर ही झड़ गया और मुझे उनके चेहरे पर एक संतुष्टि की चमक दिखने लगी, वो अब बिल्कुल निढाल होकर पड़ी रही और में भी थककर उनके ऊपर ही लेट गया और उन्हें किस करने लगा। फिर में करीब दस मिनट के बाद उनके ऊपर से उठा और मैंने टाईम देखा 3:40 हो रहे थे और मुझे 4:00 बजे तक अपनी दुकान पर जाना था। फिर में तुरंत बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और जब वापस बाथरूम से बाहर आया तो मैंने देखा कि चाची अभी भी वहीं पर पूरी नंगी सो रही है, शायद उनकी नींद लग गई थी। फिर मैंने उन्हे सीधे लेटा दिया और उनको एक किस करके दुकान पर चला गया। रात को जब में अपने घर पर आया तो मैंने देखा कि चाची बड़ी खुश लग रही थी और मुझे उनके चेहरे पर एक अजीब सी संतुष्टि की चमक नजर आ रही थी। फिर मैंने अंदर आकर जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और चाची को एक किस कर दिया और फिर हम खाना खाने बैठ गये, खाना खाने के बाद हम दोनों एक साथ बिल्कुल चिपककर बैठकर टीवी देख रहे। तभी चाची मुझसे बोली कि राहुल एक ब्लूफिल्म की सीडी ले आओ ना प्लीज, मुझे भी आज वो सब दिखा दो। फिर में वहां से उठकर दूसरे कमरे में चला गया और एक सीडी लेकर आ गया, तो मैंने कमरे में आकर देखा कि चाची अब पूरी नंगी होकर मेरा इंतजार कर रही थी और मैंने कहा कि चाची यह क्या आप तो अभी से तैयार होकर बैठी हो? तो चाची ने कहा कि अब क्या इन कपड़ो को उतारने में अपना समय खराब करना है? फिर मैंने सीडी लगाई और दोबारा चाची के पास जाकर बैठ गया। मैंने भी अब तक अपने सभी कपड़े उतार दिए थे और में अब चाची के बूब्स से खेल रहा था और चाची मेरे लंड से। फिर कुछ देर बाद चाची ने मुझसे कहा कि जैसे वो लड़का उस लड़की को चोद रहा है वैसे ही तुम भी आज मुझे चोदो। दोस्तों उस फिल्म में एक लड़का उस लड़की को डॉगी स्टाइल में बैठाकर चोद रहा था, फिर मैंने भी चाची को उसी स्टाइल में बैठने को कहा वो तुरंत मेरी कही बातें मानने लगी और फिर मैंने एक ही ज़ोर के धक्के के साथ अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से चाची सिसकियाँ ले रही थी आहहह्ह्ह्हह स्स्सीईईईई हाँ राहुल थोड़ा और ज़ोर से चोदो आईईईईइ उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और ज़ोर से धक्का दो, जाने दो पूरा अंदर, डाल दो उह्ह्ह्हह्ह हाँ आह्ह्ह्ह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।

दोस्तों अब मैंने अपनी धक्के देने की स्पीड को पहले से भी तेज कर दिया था। अब में और भी जोश में आकर उन्हें चोदने लगा और 10-15 मिनट ताबड़तोड़ धक्के देने के बाद में चाची की चूत में झड़ गया और थोड़ा पीछे हटकर लंड को बाहर निकालकर वहीं पर उनके पास में लेट गया, लेकिन अभी भी चाची की कामुकता शांत नहीं हुई थी। उन्होंने जल्दी से उठकर मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी। फिर मैंने कहा कि चाची अब क्या कर रही हो, बस अब हम सो जाते है? चाची ने कहा कि अभी तो तुम्हे मेरी गांड भी मारनी है। फिर मैंने कहा कि नहीं, में अब बहुत थक चुका हूँ चाची, तो चाची ने कहा कि ठीक है तुम मत मारो मेरी गांड, में तुम्हारी मम्मी को बता दूँगी कि तुम क्या क्या देखते हो? अब में तुरंत उनसे बोला कि नहीं चाची, प्लीज ऐसा मत करना, तो चाची ने मुझसे पूछा कि क्यों मारोगे ना मेरी गांड? मैंने अपना सर हिलाकर उन्हें हाँ कह दिया और तब तक मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो चुका था। अब में नीचे लेट गया और मैंने चाची को अपने ऊपर बैठा लिया और अपना लंड उनकी गांड पर सेट किया और एक ज़ोर का धक्का मार दिया तो चाची उस दर्द से चीख पड़ी और उन्होंने मुझसे अपने लंड को बाहर निकालने के लिए कहा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया और अब मैंने एक और झटका मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनकी गांड में चला गया। फिर चाची एकदम से छटपटा उठी और मुझसे लंड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी। फिर मैंने उनकी एक भी बात नहीं सुनी और में लगातार धक्के देकर उन्हें चोदता रहा, थोड़ी देर बाद चाची भी मस्ती में कूद कूदकर मुझसे चुदवा रही थी। दोस्तों करीब 30 मिनट के बाद में चाची की गांड में झड़ गया और चाची भी मेरे ऊपर ही लेट गई। फिर कुछ देर बाद मेरा लंड चाची की गांड से छोटा होकर बाहर आ गया और हम ऐसे ही सो गये। फिर में सुबह उठा। उस दिन रविवार था और हमने चाचा के आने के पहले एक बार फिर से सेक्स करने के बारे में सोचा, लेकिन तभी घंटी बजी और चाची ने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर चाचा आ चुके थे। में उन्हें देखकर एकदम से उदास हो गया, लेकिन मुझे पता नहीं चाची इतना खुश क्यों लग रही थी और फिर चाची चाचा को देखकर हंस रही थी और चाचा मुझे देखकर हंस रहे थे और में उन दोनों के इस तरह मुझे देखकर हंसने के बारे में कुछ समझ नहीं पाया। मैंने चाचा से पूछा कि चाचा आप इस तरह से मुझे देखकर हंस क्यों रहे है तो चाचा ने कहा..

चाचा : क्यों अपनी चाची को चोदकर मज़ा आया?

दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गया और में मन ही मन अब यह सोचने लगा कि चाचा को यह सब कैसे पता चला गया और उन्हें पता चल भी गया तो यह हंस क्यों रहे है? तभी चाची पानी लेकर आई और चाचा को देते हुए जो शब्द वो उनसे बोली वो सब सुनकर मेरी तो गांड ही फट गई और मेरे पैरों से पूरी धरती सरक गई।

चाची : तुम्हे नहीं पता राहुल तो बहुत बड़ा चुदक्कड़ है और यह बहुत ही अच्छी तरह से चोदता है इसने मुझे भी अपनी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट कर दिया है और फिर दोस्तों वो इतना कहकर दोबारा से ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और चाचा भी उनको देखकर हंस रहे थे, लेकिन में एकदम सुन्न पड़ गया था। तभी चाचा मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा कि अरे तुम इतना शांत क्यों होकर बैठे हो? अच्छा तो तुम कुछ समझ नहीं पा रहे हो, तो चलो में तुम्हे पूरी बात थोड़ा विस्तार से बताता हूँ जिससे तुम्हे खुद ही समझ में आ जाएगा। अब पूरी बात थोड़ा ध्यान से सुनो..

चाचा : तुम यह बात बहुत अच्छी तरह से जानते हो कि अब तक हमारी कोई औलाद नहीं है इसलिए हमने कई अच्छे बड़े बड़े डॉक्टर को दिखाया, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ और अब हमारे पास एक सिर्फ यही उपाय था, जो कल रात को तुम्हारे साथ एकदम सफल हुआ और उसमे तुमने हमारी पूरी पूरी मदद की है उसके लिए तुम्हे बहुत बहुत धन्यवाद।

दोस्तों में अब कुछ नहीं बोला मुझे तो जैसे कोई सांप सूंघ गया था। तभी चाची ने मुझसे कहा कि चलो अब हम जल्दी से नाश्ता कर लेते है, क्योंकि इसके बाद हमे एक बार और जो करना है। दोस्तों में तो उनकी यह बात सुनकर एकदम से झटका खा गया था कि चाची, चाचा के सामने मुझे सेक्स के लिए खुला निमंत्रण दे रही थी और अब में भी खुल गया और में उनसे बोला कि हाँ ठीक है चलो जो हुआ वो हुआ। फिर उसके बाद हमने नाश्ता किया। मैंने अपनी चाची के साथ एक बार फिर से उनकी चुदाई भी की और उसके कुछ घंटो बाद मैंने और चाचा ने दोनों ने चाची को एक साथ चोदा और बहुत मज़े किए। अब चाची मेरे एक बच्चे की माँ है और वो एक लड़का है उसका नाम भी मेरे नाम पर रखा गया है ।।

]]>
छोटे भाई को मेरे बिस्तर पे सुलाके चुदाई सिखाया – Chote Bhai Ko Mere Bistar Pe Sulake Chudai Sikhai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/chote-bhai-ko-mere-bistar-pe-sulake-chudai-sikhai/ //otelsan.ru/xbrasilporno/chote-bhai-ko-mere-bistar-pe-sulake-chudai-sikhai/#comments Sun, 19 May 2019 17:10:59 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5543 [...]]]> hindi sex story, otelsan.ru, desi kahani, antarvasna, kamukta, behen ki chut chudai kahani, bhai behen ki chudai kahani

हेलो दोस्तों मैं हूँ अमृता और आप सब अभी otelsan.ru पे मेरी कहानी पढ़ने जा रहे हो । उम्मीद हे सभी लड़कियां अपनी चुत पे ऊँगली करना सुरु कर चुके होंगे और लड़के अपने लंड को पकड़के हिलना भी सुरु कर चुके होंगे । मेरे उम्र अभी २२ साल हे और मुझे चुदाई की प्यास बहत हे । आप मेरी ये कहानी पढ़िए और मेरे बारे में अपना राय दीजिये । दोस्तों मेरे माता, पिता हमेशा से ही चाहते थे कि उनको एक बेटा हो लेकिन में उनकी पहली औलाद थी और मुझसे छोटी मेरी बहन पायल 21 साल की है तो दोस्तों जब वो पैदा हुई.. तब भी मेरे माता, पिता की लड़के की ख्वाहिश कम नहीं हुई और फिर इसके कुछ सालों के बाद मेरा भाई रोहन पैदा हुआ.. वो हमारी फेमिली में सबसे छोटा है और हमारी फेमिली एक दूसरे से बहुत प्यार से रहती थी..
कभी किसी से नहीं लड़ता और हम सभी में सिर्फ़ प्यार ही प्यार था। फिर एक दिन मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया लेकिन मुझे नहीं लगता कि वो पाप था लेकिन दुनिया की नज़रो में तो वो पाप ही था और वही पाप में आज आप सभी को विस्तार से बताने जा रही हूँ।

दोस्तों स्कूल में मेरी सभी फ्रेंड्स बहुत शैतान और बहुत बिगड़ी हुई थी। उस स्कूल का तरीका ही ऐसा था और वहाँ पर सीनियर्स और जूनियर्स सबके बॉयफ्रेंड थे लेकिन अभी तक मेरा कोई नहीं था और सब लोग एक दूसरे से दिन भर सेक्स सम्बन्धित बातें करते रहते थे और फिर मेरी भी धीरे-धीरे सबसे दोस्ती हो गयी और में भी धीरे-धीरे इसी रंग में ढलने लगी। फिर कुछ दिनों के बाद मुझे दो लड़को ने प्रपोज़ भी किया लेकिन मैंने मना कर दिया.. क्योंकि मुझे कोई ऐसा लड़का चाहिए था.. जो मेरी परवाह करे और मुझसे सच्चा प्यार करे और ऐसा अब इस दुनिया में परिवार के अलावा और नहीं मिल सकता था तो मुझे दूसरे जोड़ो को देखकर जलन होती थी.. क्योकि मुझे भी कोई चाहिए था। मेरी कुछ फ्रेंड्स सेक्सी किताबें पढ़ती थी और उनके पास सेक्स फिल्म का बहुत सारा हर तरह का बहुत अच्छा कलेक्शन था।

फिर में भी धीरे-धीरे सेक्स की आदि हो गयी थी.. आप सभी जानते है कि जिनके पास कोई सेक्स करने के लिए नहीं होता.. वो ही ऐसी फिल्म देखते है और बाकी लोग सेक्स करते है.. वो इस फिल्म पर अपना टाईम खराब नहीं करते। दोस्तों मुझे सेक्स बुक्स और सेक्सी फिल्म की आदत पड़ गयी और अपनी चूत में उंगली भी करने लगी और अब यार मुझे किसी भी तरह असली लंड चाहिए था लेकिन उसके साथ सच्चा प्यार भी चाहिए था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूं? में अब मेरे ही पापा और अपने छोटे भाई को अलग तरह से देखने लगी और मुझे लगा कि में यह कुछ ट्राई करूं लेकिन मुझे यह सब मुमकिन नहीं लगता था। दोस्तों वैसे मेरे पापा और छोटा भाई मुझसे बहुत अच्छी तरह से रहते थे और मुझे बहुत प्यार भी करते थे और मुझे लगता था कि यह सब पापा के साथ तो बहुत मुश्किल है और ना मुमकिन भी है तो मैंने सोचा कि क्यों ना अपने छोटे भाई रोहन के साथ कुछ ट्राई किया जाए और मेरे मन में बहुत घबराहट तो थी लेकिन वो सेक्स की तड़प से ज़्यादा नहीं थी और मेरे दिमाग़ में अब सेक्स ही था और कुछ नहीं था। रात को हम तीनो साथ ही सोते थे और रोहन मुझसे छोटा था.. इसलिए उसके साथ यह सब करना आसान था और मैंने तो बहुत दिनों से उसका लंड नहीं देखा था और बचपन में तो बहुत बार देखा था और अब तो वो मुझे अपनी चूत के अंदर चाहिए था। मुझे पता नहीं कि इस उम्र में उसका लंड खड़ा होता होगा या नहीं। वैसे नॉर्मली आज कल लोग इस उम्र में मुठ मारने लग जाते है.. जैसा मैंने एक कहानी में पढ़ा था और फिर एक रात..

में : रोहन तुझे गणित में कुछ पूछना था ना.. तू आज मुझसे गणित में जो भी समस्या है तो वो सब पूछ लेना.. क्योंकि तीन दिन बाद तेरा एजाग्म है।

रोहन : लेकिन दीदी मुझे तो नींद आ रही है।

में : नहीं रोहन आज रात को दो चेप्टर्स ख़त्म करने पड़ेंगे।

रोहन : ठीक है दीदी।

फिर मैंने उसको बहुत देर रात तक पढ़ाया और वो पढ़ते-पढ़ते मेरे बेड पर ही सो गया। उस समय गर्मी बहुत थी और उसने बनियान, बरमूडा पहना हुआ था और मैंने टी-शर्ट, केफ्री और जब सबको नींद आ गयी.. तब मैंने रोहन के लंड को देखकर अपनी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया। फिर में कुछ देर बाद एक बार तो झड़ गयी लेकिन मुझे उसके साथ कुछ करना था लेकिन मुझे डर भी बहुत लग रहा था कि कहीं कुछ ग़लत हो गया तो और अगर उसने माँ, पापा को बता दिया तो क्या होगा। तो वो अब हर रोज़ रात को मेरे साथ बहुत देर तक पढ़ाई करता और मेरे बेड पर ही सो जाया करता था और में उसके लंड को देखकर ही अपनी चूत में ऊँगली करती थी। एक दिन रात को मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसका एक हाथ पकड़कर उसे धीरे से मेरी पेंटी के अंदर डाल दिया और सोने का नाटक किया और उसके कुछ ही देर बाद मैंने उसको ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू किया और उसे डांटकर फटकार कर उठाया और उससे कहा कि रोहन तेरा हाथ मेरी पेंटी में क्या कर रहा था और तुझे जरा सी भी शरम नहीं आती.. में तेरी बड़ी बहन हूँ और तू मेरे साथ यह सब कर रहा था तो वो गहरी नींद में था.. इसलिए वो बहुत डरकर धीरे से उठ गया और उसने अपने हाथ को जल्दी से पेंटी से बाहर निकाल दिया।

रोहन : दीदी यह मैंने नहीं डाला.. मुझे माफ़ कर दो दीदी और अब ऐसा कभी नहीं होगा। मुझे नहीं पता यह कैसे हुआ.. प्लीज आप किसी को मत बताना.. माफ़ कर दो।

में : रोहन तू बहुत बिगड़ गया है.. में सुबह होते ही माँ, पापा को सब बता दूँगी कि तू मेरे साथ क्या कर रहा था।

फिर वो मेरी यह बात सुनकर रोहन ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा और फिर मुझे उस पर दया आ गयी तो मैंने उसे अपने गले से लगाकर चुप करवाया और मैंने उससे कहा कि ठीक है चल अब चुप हो.. में किसी को नहीं बताउंगी तो वो मेरी यह बात को सुनकर एकदम चुप हो गया और वो मुझसे बोला कि अब में आपके बेड पर कभी भी नहीं सोउंगा तो मैंने उससे कहा कि तुझे यही सोना पड़ेगा क्योंकि अगर तू नहीं सोया तो में माँ, पापा को सब कुछ बता दूँगी और फिर दूसरे दिन मैंने उससे पूरे दिन पूछा कि..

में : रोहन तू इतना बिगड़ कैसे गया और तुझे कौन बिगाड़ रहा है और तुझे यह सब कौन सिखाता है।

रोहन : दीदी मेरे दो तीन फ्रेंड्स है और वो सब बहुत गंदी गंदी बातें करते है.. शायद उनके कारण मुझसे ऐसा हो गया.. सॉरी दीदी।

में : कोई बात नहीं।

रोहन : लेकिन प्लीज आप किसी को मत बताना।

में : ठीक है लेकिन मेरी एक शर्त है कि तू मुझे वो सब बताएगा.. जो तेरे फ्रेंड्स तुझे बताते है।

रोहन : दीदी वो सब बहुत गंदी गंदी बातें करते है और वो सभी बातें मुझे आपको बताने में भी शरम आ रही है।

में : तू नहीं बताएगा तो फिर तू जानता है कि में क्या कर सकती हूँ।

रोहन : ठीक है दीदी में कल से आपको सब बातें बताउगा।

दोस्तों फिर धीरे-धीरे समय गुजरता गया और हम दोनों एक दूसरे से बहुत खुलने लगे और अब रोहन मेरी हर बात मानने लगा था.. में रात को उस पर पैर रखकर सोने लगी और अपने बड़े बड़े बूब्स उसके शरीर से छूने लगी और में जानबूझ कर कभी कभी पेंटी, ब्रा भी नहीं पहनती थी। एक दिन जब रात को में चूत में ऊँगली कर रही थी तो रोहन जाग गया.. मेरी आखें बंद थी और वो मुझे देखकर बोला कि दीदी यह क्या कर रही हो।

में : रोहन मुझे बहुत डर लग रहा है प्लीज़ तू मुझे एक बार हग करना और उस समय ऊँगली करते करते में झड़ने वाली थी.. इसलिए मेरी स्पीड भी अपने आप बड़ चुकी थी।

रोहन : क्या हुआ.. ठीक है में करता हूँ।

फिर मैंने भी उसको हग किया और में भूल गई थी कि मैंने पेंटी नहीं पहनी है.. में उस पर ही झड़ गयी और मैंने उसको मदहोशी में अपने दोनों पैरों के बीच में दबा लिया था और मेरी चूत का सारा पानी उसकी अंडरवियर पर निकल गया।

रोहन : दीदी आप पागल हो क्या? आपने यह क्या किया।

में : चुपचाप रह.. सब सो रहे है और थोड़ा धीरे बोल वरना कोई उठ जाएगा।

रोहन : दीदी लेकिन यह सब ग़लत है।

में : क्यों तूने जो उस दिन किया था.. क्या वो सही था?

रोहन : दीदी में उस दिन नींद में था लेकिन आप तो जाग रही थी।

में : क्या तुझे मेरे बूब्स देखने है।

रोहन : दीदी आप पागल हो क्या.. आप मेरी बहन हो।

में : लगता है तेरी शिकायत माँ, पाप से करनी पड़ेगी।

रोहन : यार दीदी आप तो मुझे बहुत ब्लेकमेल कर रही हो।

फिर मैंने उसके पास आकर उसके हाथ अपने बूब्स पर लगवा दिए। उसको पहले बहुत अजीब सा लगा लेकिन फिर उसने बोला कि दीदी अंधेरा बहुत है और मुझे यह देखना है कि यह कैसे होते है.. क्योंकि मैंने कभी नहीं देखे तो मैंने बोला कि तू चिंता मत कर में तुझे सुबह दिखा दूँगी। अभी तू इनको ज़ोर से दबा और उसने वैसा ही किया और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. वो मेरे बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और में अपनी चूत में उंगली करके झड़ गई। दोस्तों उस दिन मैंने और कुछ नहीं किया और फिर उसके अगले दिन रोहन मेरे पास आया और मुझसे बोला कि दीदी प्लीज मुझे आपके बूब्स दिखा दो तो मैंने कहा कि तू थोड़ा इंतजार कर.. जिस दिन जब हम दोनों घर पर अकेले होंगे.. तब में तुझे सब कुछ दिखा दूँगी। फिर रात को वो खुद मेरी टी-शर्ट में हाथ डालकर मेरे बूब्स को एक एक करके जोश में आकर दबाने, मसलने लगा तो मैंने उससे पूछा कि क्या तू इनको टेस्ट करेगा.. उसने साफ मना कर दिया तो मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और फिर मैंने खुद ही उसको बारी बारी से अपने बूब्स चूसाने शुरू कर दिए और वो बहुत अच्छी तरह से चूस रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि उसको बूब्स बहुत अच्छे से चूसने आते है और अब उसको भी बड़ा मज़ा आया।

फिर मैंने सोचा कि आज बहुत अच्छा मौका है और मैंने उससे बोला कि रोहन तू अपनी पेंट उतार दे लेकिन उसने मना किया तो मैंने ज़बरदस्ती करके उसकी पेंट उतार दी और उसकी अंडरवियर के ऊपर से ही उसके लंड को हाथ लगाकर महसूस किया तो उसका 4 इंच का लंड खड़ा हुआ था और उसको मुझसे बहुत शरम आ रही थी लेकिन जोश भी चढ़ चुका था। फिर मैंने कुछ देर बाद सही मौका देखकर उसकी अंडरवियर को भी उतार दिया और में भी पूरी नंगी हो गयी और हम दोनों एक ही चादर के अंदर घुस गये तो वो बहुत सोच रहा था कि अब वो क्या करे। फिर मैंने उसके लंड को अपने एक हाथ से छुआ और महसूस किया.. दोस्तों वो क्या अहसास था और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और अब धीरे-धीरे उसको भी मज़ा आने लगा था तो में अब उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी थी लेकिन मैंने उसका 3-4 मिनट तक ही हिलाया और वो मेरे हाथ पर ही झड़ गया और उसको शरम आ गयी। फिर मैंने उसका सारा वीर्य अपने हाथ पर से और उसके लंड से चाट लिया और उसे बहुत अच्छे से साफ कर दिया तो वो बोला कि छी दीदी.. यह तो मेरे लंड से निकला है तो मैंने उसकी इतनी प्यारी बात और बहुत खुश होकर उसको किस किया.. में इतनी खुश थी कि में क्या बताऊँ। मैंने अपनी पूरी जीभ उसके मुहं में घुसा दी और उसकी भी जीभ को बहुत जमकर चूसा तो उसका लंड इतनी जोश भरी किस के कारण फिर से तनकर खड़ा हो गया था और मेरी चूत को सलामी देने लगा लेकिन इस बार मैंने उससे कहा कि मैंने तेरा वीर्य चाटा है और अब तू तेरी जीभ से मेरी चूत चाटेगा तो उसने साफ मना किया और में उसके मुहं को जबरदस्ती अपनी जांघो से दबाकर उसके मुहं को चूत पर धक्के मारने लगी और वो भी मेरी चूत में अपनी पूरी जीभ को डालकर अंदर बाहर करके चूसने लगा लेकिन में इतनी ज़्यादा जोश में थी कि बहुत जल्दी ही रोहन के मुहं में झड़ गयी और वो मेरा पूरा रस चूस गया और उसने कहा कि दीदी आपके पानी का स्वाद बहुत अच्छा लगा लेकिन थोड़ा थोड़ा नमकीन सा लगा। फिर मैंने कहा कि रुक में तुझे अभी और भी पिलाती हूँ.. अभी मुझे भी प्यास लगी है और मैंने उसका लंड मुहं में लिया और चूसना स्टार्ट किया और 69 पोज़िशन में लेट गए। मैंने उसका मुहं अपनी चूत से लगाकर ज़ोर से दबा लिया। मुझे 69 पोज़िशन में बहुत मज़ा आया और कुछ देर के बाद हम दोनों एक दूसरे के मुहं में झड़ गए। हमने फिर से एक बहुत लंबा किस किया और कपड़े पहनकर सो गये.. में रात को उसकी अंडरवीयर में अपना एक हाथ डालकर सोई थी और में रात भर उसकी गांड की मालिश और लंड की गर्माहट लेती रही लेकिन वो तो थककर गहरी नींद में सोया था। फिर उसके अगले दिन पापा के ऑफिस जाते ही मम्मी भी किसी काम से बाज़ार चली गयी और पायल स्कूल चली गई लेकिन रोहन को मैंने रोक लिया और वो भी मान गया और समझ गया कि मैंने उसे क्यों रोका है।

में : रोहन आज घर पर कोई नहीं हम दोनों अकेले है। आज तुझे जो करना है वो कर.. में मना नहीं करूँगी।

फिर वो मेरे पास आया और मेरे बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही अपने दोनों हाथों से महसूस करने लगा और फिर उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया। मैंने टी-शर्ट के अंदर कुछ नहीं पहना था और जैसे ही उसने टी-शर्ट को खोला तो मेरे दोनों बूब्स उसकी नजरों के सामने थे और मेरे बूब्स को छूकर उसका लंड खड़ा हो गया। फिर वो बूब्स को बहुत देर तक घूरकर देखता रहा और वो बहुत खुश था.. फिर उसने अपने मुहं को आगे बड़ाकर बूब्स को किसी छोटे बच्चे की तरह चूसना स्टार्ट कर दिया तो मैंने बोला कि तू मेरे सामने पूरा नंगा हो जा लेकिन उसको शरम आ रही थी.. मैंने बोला कि जल्दी हो जा… नहीं तो कोई आ जाएगा।

फिर वो जल्दी से पूरा नंगा हो गया लेकिन उसने अपने दोनों हाथों से अपना लंड छुपाया हुआ था और फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरी चूत को एक टक नजर से देखने लगा और उसका खड़ा लंड देखकर मुझसे रुका नहीं गया और मैंने थोड़ा नीचे झुककर उसका तना हुआ लंड पूरा मुहं में लिया और लोलीपोप की तरह चूसा लेकिन वो दो तीन मिनट में ही झड़ गया। फिर मैंने भी उससे अपनी चूत चटवाई.. उसने चूत चाटते हुए कहा कि कल तो आपकी चूत पर बहुत सारे बाल थे लेकिन आज वो सब कहाँ गये तो मैंने कहा कि आज मेरे भाई को दिखाने के लिए मैंने वो सब साफ कर दिए और फिर उसने बहुत अच्छे से मेरी कामुक चूत को चाटा। फिर मैंने उसको अपनी चूत का छेद दिखाया और बोला कि अब तेरा लंड इसमे जाएगा लेकिन उसको कुछ भी समझ में नहीं आया और उससे मैंने बोला कि तू थोड़ा रुक जा.. अभी सब समझ में आ जाएगा।

फिर में उसके बदन को मेरे बदन से सटाकर उसे चूमने लगी। वो भी जोश में था.. इसलिए बहुत ज़्यादा गरम था और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने रोहन को बेड पर लेटा दिया और उसके पूरे शरीर को चूमते हुए उसके लंड को किस किया.. उसके लंड से थोड़ा वीर्य निकल रहा था.. मैंने उसको चाटा तो उसका बड़ा नमकीन सा स्वाद था। फिर मैंने उसके लंड पर अपनी चूत का छेद रखा और में एकदम सीधी लेट गई तो उसे और मुझे दोनों को थोड़ा थोड़ा दर्द हुआ और उसका लंड बार बार फिसल रहा था तो मैंने उसको बोला कि तू भी अब नीचे से धक्का मारना और उसने वैसा ही किया और फिर मेरी चूत में उसका लंड घुस गया तो उसने बोला कि दीदी आपकी चूत अंदर से बहुत गरम है लेकिन मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और मैंने जोश में बहुत ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को धक्के मारे और उसने भी अपनी तरफ से धक्के मारे और कुछ देर बाद हम दोनों ही एक एक करके झड़ गये और उसको बहुत मज़ा आ रहा था.. क्योंकि यह पहला सेक्स था और मेरे बिना यह सब कैसे होता.. लेकिन अब वो मेरे कंट्रोल के बाहर था और अब में रोज़ सुबह उसको अपने बूब्स चूसने देती हूँ। मैंने उसको अपनी चूत का भूत बनाया हुआ है और वो भी सेक्स के बारे में बहुत कुछ सीख चुका है और अब में उसकी दीवानी हो चुकी हूँ। वो मुझे बहुत अच्छा लगता है और में भी उसकी बहुत परवाह करती हूँ और वो रोज़ रात को मेरे बूब्स को चूसते चूसते सो जाता है और उसको भी मेरी चूत का पानी पिए बिना नींद नहीं आती और मुझे भी उसका वीर्य पीने की आदत लग चुकी है ।।

धन्यवाद

]]>
//otelsan.ru/xbrasilporno/chote-bhai-ko-mere-bistar-pe-sulake-chudai-sikhai/feed/ 4
पति के सामने पराया मर्द से गांड मरवाई – Pati Ke Samne Paraya Mard Se Gand Marwai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/pati-ke-samne-paraya-mard-se-gand-marwai/ //otelsan.ru/xbrasilporno/pati-ke-samne-paraya-mard-se-gand-marwai/#comments Fri, 17 May 2019 15:02:28 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5510 [...]]]> दोस्तों मैं नीता हूँ। otelsan.ru पे आप सभी को स्वागत करता हूँ आप आज यंहा मेरी सेक्स कहानी पढ़ने जा रहे हैं । मैं एक शाद्दी सुधा औरत हूँ, फिर भी मेरी चुत की भूक मेरी पति भी मिटा नहीं पते और इसी लिए मैं हमेशा से नयी नयी कड़ी लंड की तलाश में रहता हूँ । तो चलिए इसी कहानी पढ़िए और मजा लीजिये ।
उस दिन रोहन से चुदवाने के बाद मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और जाते वक़्त रोहन ने मुझे फिर से एक बार चोदने की ख्वाहिश जाहिर की थी. तो मैंने उससे कहा कि अगली बार जब वापस आओगे तब हम फिर से ऐसे ही करेंगे और फिर वो बैंगलोर चला गया और कुछ दो हफ़्तो के बाद वो फिर से पुणे में आया और में खुश थी.. क्योंकि वो हमारे ही घर में रहने वाला था.

फिर उस दिन में उसको देखकर बहुत ही ज्यादा खुश थी और हम सबने रात का खाना कुछ जल्दी ही खा लिया.. फिर वो लोग मतलब मेरे पति और रोहन गप्पे लगाते हुए बाहर घूमने गये और इधर मैंने जल्दी से बर्तन धोकर साफ किए और उन लोगों का आने का इंतज़ार करने लगी. दोस्तों में सच कहूँ तो में चुदने के लिए तरस रही थी और करीब एक घंटे के बाद वो लोग घूम फिरकर घर वापस आए और आते वक़्त वो अपने लिए शराब लेकर आए थे.

फिर वो लोग शराब पीने बैठ गये रोहन मुझे बहुत घूर रहा था और में उसे स्माईल दे रही थी जैसे कि हमने यह सब तय किया था और रोहन बहुत लाईट ड्रिंक ले रहा था और मेरे पति को ज्यादा पीने पर मजबूर कर रहा था. वैसे भी मेरा पति बहुत ड्रिंक करता है और उसे चड़ती भी जल्दी है. रोहन ने तीन पेग के बाद ही पीना बंद कर दिया था और मैंने देखा कि मेरे पति को अब धीरे धीरे चड़ने लगी है.. में उठी और बोली कि अपने दोस्त को बोलो कि वो तो कुछ पी ही नहीं रहा है.. मेरे मुहं से यह बात सुनकर रोहन मेरी तरफ हैरानी से देखने लगा. तो मेरे पति बोले कि अरे रोहन तुम भी पियो ना.. नीता जाओ तुम उसको गिलास भरकर दो. फिर में उठी और बॉटल लेकर रोहन के पास गयी और उसके गिलास में थोड़ी शराब डाल दी और गिलास को उठाकर में रोहन की तरफ मुड़ गयी और बोली कि चलो अब पीना स्टार्ट करो क्योंकि अब में पिलाने वाली हूँ. तो रोहन ने धीमी आवाज़ में कहा कि में तो इसलिए ही आया था कि तुम मुझे रात भर पिलाओ.

तो में बोली कि मेरे राजा थोड़ा सब्र करो में हूँ ना और मैंने अपने पति को भी एक बड़ा पेग बनाकर दिया और उसके पास बैठकर अपने हाथ से पिलाने लगी. फिर मैंने अपने पति का एक हाथ उठाकर अपने कंधे पर रख दिया और उसके चिपककर बैठ गयी. मुझे ऐसा करते देख रोहन बहुत हैरान हो रहा था.. मैंने उसको देखा और स्माईल के साथ उसको आँख मारी. फिर मैंने अपना एक हाथ अपने पति के सीने पर रखा और उसे सहलाने लगी और पेग को खाली किया. फिर और एक बड़ा पेग बनाया और उसको दिया और बोली कि देखो आपका दोस्त अभी भी पी नहीं रहा है लगता है मुझे ही ज़बरदस्ती पिलाना पड़ेगा. तो मेरा पति कुछ नहीं बोला.. वो सिर्फ़ देख रहा था और में जाकर रोहन के पास में बैठ गयी लेकिन रोहन थोड़ा डरा हुआ था और वो बोला कि तुम्हारा पति सामने ही बैठा है तुम थोड़ी दूर बैठो.

तो में हंस पड़ी और बोली कि अब वो दूसरी दुनिया में पहुँच गया है और तू क्यों डर रहा है और आखरी बार तो मेरा पति घर में था.. तब भी तू मुझे चोदकर गया था. तो वो बोला कि अगर ऐसा है तो मेरी बाहों में आ जा और उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया. में भी उसकी बाहों में सिमट गयी और वो मुझे चूमने लगा. में उसकी पीठ को सहला रही थी तो इतने में मेरे पति के हाथ से गिलास नीचे गिर गया तो में उठी और उसको दूसरा गिलास भरकर दिया. फिर वापस रोहन के पास आ गई और रोहन ने मुझे अपनी गोद में ही बैठा लिया और मेरे बूब्स को दबाने लगा.

फिर मैंने अपने पति को देखा तो वो गिलास को मुहं से लगाने की कोशिश कर रहा था.. में उठी और फिर से उसको अपने हाथ से पिलाने लगी. तभी रोहन बोला कि नीता अब रहा नहीं जा रहा है छोड़ ना उस साले को.. प्लीज मेरे पास आ जा. तो मैंने कहा कि तू इसी साले की बीवी को चोदने वाला है और पहले इसको थोड़ा सा पिला दूँ. तो इतने में मेरा पति बोला कि कौन साला? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.. में और रोहन बातें कर रहे है और वो मुझे अपने बीते हुए समय के बारे में बता रहा है. फिर उसके बाद में रोहन के पास आने लगी और करीब आते ही उसने मुझे फिर से गोद में बैठाया और ज़ोर-ज़ोर से मेरे तरबूज दबाने लगा और उसने मेरा पल्लू नीचे कर दिया और अपना एक हाथ मेरे ब्लाउज के अंदर डालकर मेरे निप्पल को पकड़ लिया. तो मैंने अपने ब्लाउज के हुक को खोल दिया और उसके खेलने के लिए मैदान को तैयार कर दिया. रोहन अब मेरे दोनों तरबूज अपने दोनों हाथों से दबा रहा और उन्हे मसल रहा था. तो में बोली कि पहले तो इन्हे पीने के लिए तरस रहे थे.. अब सिर्फ़ दबा ही रहे हो. तो वो ज़ोर से हंसा और मुझे अपने पास में बैठाया और फिर मेरे बूब्स को चूसने लगा.. थोड़ी देर तक चूसने के बाद में बोली कि रुक जा मेरे राजा.. में पहले उसका गिलास भरकर देती हूँ.

तो रोहन बोला कि अब उसकी क्या ज़रूरत है? वो वैसे भी अपने होश में नहीं है. तो मैंने कहा कि हाँ मुझे मालूम है लेकिन फिर भी हम टेंशन क्यों ले? थोड़ा ज्यादा पिलाने से यह ज्यादा देर बेहोश रहेगा. तो रोहन बोला कि वो सब तो ठीक है लेकिन तुम्हे अपना ब्लाउज यहीं पर उतारकर जाना पड़ेगा. फिर में बोली कि अच्छा आज मूड में हो.. चलो कोई बात नहीं और मैंने अपना ब्लाउज वहीं पर निकाला और पल्लू को सीधा करके मेरे पति के लिये एक और पेग बनाया लेकिन रोहन पीछे से आया और उसने मेरा पल्लू नीचे खींच लिया. फिर में चुपचाप खड़ी हो गयी तो उसने मेरे बूब्स अपने दोनों हाथों में पकड़ लिए और बोला कि अब उसको पिला. तो में हँसी और अपने पति को गिलास देने लगी.. मेरा पति मुझे सिर्फ़ देख रहा था और में उससे बोली कि अरे ऐसे क्या देख रहे हो? लो अपना पेग लो.. में तो रोहन को अपना पेग पिला रही हूँ. तो रोहन बोला कि साले में तेरी बीवी को तेरे सामने मसल रहा हूँ और तू कुछ बोल भी नहीं रहा है.. आपको बहुत बहुत धन्यवाद.

फिर में बोली कि धन्यवाद मुझे दो उसे नहीं.. जो तुम्हे यह सब करने दे रही हूँ और फिर रोहन ने मुझे किस किया और धन्यवाद बोला. तो मैंने कहा कि ऐसे धन्यवाद नहीं चलेगा. तो रोहन ने कहा कि तो कैसे चाहिए? फिर में बोली कि मेरे पिछवाड़े से अंदर तक जाना चाहिए. तो रोहन बोला कि इसके लिए तो मुझे तुम्हे नंगा करना पड़ेगा. तो मैंने कहाँ कि करो ना तुम्हे किसने रोका है और मेरे इतना कहते ही उसने मेरी साड़ी को खोल दिया और मेरी पेंटी को नीचे उतारने लगा और अब में बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी और मेरा पति नशे में धुत होकर देख रहा था और मैंने भी रोहन के कपड़ों को उतारना शुरू किया और उसे नंगा कर दिया. फिर हम दोनों ने किस्सिंग स्टार्ट कर दी और इतने में मेरे पति के हाथ से ग्लास फिर से नीचे गिर गया. तो मैंने उसका ग्लास उठाया और उसमे और शराब डालकर उसे देने के लिए जैसे ही आगे बढ़ी.. इतने में रोहन ने पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और मेरी कमर को पकड़ कर धक्के मारने लगा.. मुझे बहुत अच्छा लगा. फिर में अपने पति को ग्लास देने के लिए आगे बड़ती और वो मेरी कमर को पकड़कर मुझे फिर से पीछे खींचता और अपने लंड को और अंदर घुसा देता और मैंने जैसे तैसे अपने पति को शराब का ग्लास दिया और वो अपनी आधी बंद आँखो से मुझे देख रहा था.

तो मैंने उसे अनदेखा किया और रोहन का साथ देने लगी. वो मेरी चूत को जोश में आकर बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था. फिर रोहन बोला कि क्यों मेरा धन्यवाद करने का तरीका अच्छा लग रहा है या नहीं? तो मैंने कहा कि तुम धन्यवाद दोगे तो अच्छा ही लगेगा ना.. लेकिन मैंने तो पिछवाड़े में डालने को कहा था.. चूत में नहीं. तो रोहन बोला कि ओह मुझे माफ़ करना.. तुम जाकर तेल लेकर आओ.. आज में तेरी गांड में धन्यवाद देता हूँ. फिर मैंने कहा कि इसमें तेल की क्या ज़रूरत है? धन्यवाद ऐसे ही देना स्टार्ट कर. फिर रोहन ने मेरी चूत में से अपने लंड को बाहर निकाला और मेरी गांड में डालने लगा और फिर उसका लंड बिना किसी रोक टोक के एकदम फिसलकर अंदर चला गया. तो रोहन मुझसे कहने लगा कि तुम्हारा पिछवाड़ा तो पूरा खुला हुआ है. क्यों अब तक कितनो से गांड मरवा चुकी हो?

फिर मैंने कहा कि तो क्या तुझे लगा में एक नई नवेली दुल्हन हूँ.. जो पहली रात में ही तेरे हाथ में आ गयी हूँ? और तुझसे पहले भी बहुत से लोगों ने हमेशा मुझे खुश रखा है और मैंने भी कभी उन्हे शिकायत का मौका नहीं दिया. फिर रोहन ने अपना लंड ज़ोर ज़ोर से मेरी गांड में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. दोस्तों में वैसे सही में हर रोज अपनी गांड मरवाती हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है.. मैंने आज तक में ज्यादातर गांड ही मरवाई थी. फिर लगभग 8-10 मिनट तक मेरी गांड में अपना लंड दौड़ाने के बाद वो बहुत तेज हो गया और कुछ देर बाद मेरी गांड में ही झड़ गया और वो बोला कि आज तो मज़ा ही आ गया.. काश तुम मेरी बीवी होती. तो मैंने उससे कहा कि तो आज में तेरे सामने ऐसे ही तेरे किसी दोस्त से चुद रही होती.

फिर वो मेरी बात को सुनकर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और कहने लगा कि वो देख तेरा पति कैसे नशे में सो रहा है.. उसे तो पता ही नहीं कि उसकी बीवी अभी भी चुदने के लिए तैयार खड़ी है. तो मैंने कहा कि सोने दो उसे.. तुम्हे मुझसे मतलब है और फिर में उठकर बाथरूम में चली गयी और अपनी गांड और चूत को अच्छी तरह साफ करके आई और मैंने देखा कि वो सोफे पर बैठा था. तो में जाकर उसके पास बैठ गयी और उसको अपने बूब्स की तरफ खींच लिया और अपना एक बूब्स उसके मुहं में दे दिया और रोहन मेरे बूब्स को एक छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था और में एक हाथ से उसका सर पकड़कर बूब्स पर दबा रही थी और मज़े ले रही थी और अपने दूसरे हाथ से उसके लंड को दूसरी बार के लिए तैयार कर रही थी. फिर जब उसका लंड खड़ा हो गया तो वो बोला कि चलो अब तुम्हारी चूत को भी एक बार धन्यवाद बोल देता हूँ और उसने मुझे पकड़कर सोफे पर ही लेटा दिया और मेरी चूत को अपने एक हाथ से फैलाकर उसमे अपना लंड डाल दिया. तो मैंने उसको अपने ऊपर खींच लिया और में उसकी गांड दबाने लगी तो वो समझ गया और उसने अपनी चुदाई का दौर शुरू किया. तो में बोली कि अह्ह्ह रोहन तुम्हारा लंड अंदर तक नहीं जा रहा है.. काश यह थोड़ा और लंबा होता. तो रोहन ने बोला कि लेकिन यह मोटा तो है और अगर तुम इतनो से नहीं चुदवाती तो मेरा यह लंड भी तुम्हे बहुत मोटा लगता.

फिर वो अब और भी तेज हो गया था और मेरी चूत पर उछल रहा था और अपने लंड को मेरी चूत के आखरी हिस्से तक पहुँचाने की कोशिश कर रहा था और करीब 10 मिनट के बाद वो मेरी चूत में ताबड़तोड़ धक्को के साथ झड़ गया और मैंने उसके वीर्य को अपनी चूत में स्वीकार कर लिया और उसको अपनी चूत में महसूस कर रही थी. तभी वो मुझसे बोला कि क्या तुम हमेशा ऐसे ही सबको अपनी चूत में झड़ने देती हो? तो मैंने कहा कि बिल्कुल नहीं.. सिर्फ़ कुछ ही लोगों को और जो मुझे बहुत ज्यादा पसंद है. तो वो बोला कि इसका मतलब कि जो पसंद नहीं है उनसे भी तुम चुदवाती हो? फिर मैंने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.. जो पसंद है में उससे ही चुदवाती हूँ लेकिन जो ज्यादा प्यारा होता है उसको ही बिना कंडोम के चोदने देती हूँ और बाकी सब कंडोम के साथ. तो रोहन बोला कि तो में तुम्हे बहुत पसंद हूँ और मेरा मतलब कि में तुम्हे बहुत प्यारा भी लगता हूँ? फिर मैंने कहा कि हाँ और अब इसमे क्या झूठ बोलना और वो मेरे मुहं से यह सब बात सुनकर बहुत खुश हो गया और मुझे किस करने लगा.

तभी थोड़ी देर किस्सिंग करने के बाद वो बोला कि चलो हम कपड़े पहन लेते है और सो जाते है. तो मैंने कहा कि अगर हमे सोना ही है तो कपड़ो की क्या ज़रूरत है? वो बोला कि लेकिन तुम्हारा पति रात को उठ गया और ऐसी हालत में तुम्हे देखेगा तो क्या सोचेगा? तो मैंने कहा कि हम उसे कपड़ो के साथ ही सोने देते है. फिर उसने भी मेरी बात मान ली और कहा कि ठीक है.. उसे हम अंदर बेडरूम में ले जाते है और हम यहीं हॉल में सो जाएँगे. फिर हम दोनों ने मेरे पति को बेडरूम में ले जाकर बेड पर लेटाया और बाहर से ताला लगाकर हम दोनों नंगे ही हॉल में सो गये ..

]]>
//otelsan.ru/xbrasilporno/pati-ke-samne-paraya-mard-se-gand-marwai/feed/ 1
टूशन टीचर को मैदान में चोद लिया – Tution Teacher Ko Maidan Me Chod Liya | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/tution-teacher-ko-maidan-me-chod-liya/ Thu, 16 May 2019 11:40:27 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5504 [...]]]> हेलो दोस्तों, मैं अनिल हूँ, उम्र २३ साल । बढ़ती जबानी के साथ मुझे चुदाई करने का बहत सूखे इसीलिए में otelsan.ru पे कहानी पढता हूँ । मुझे ज्यादा तर आंटी लोगों की चुदाई की कहानी बहत पसंद हे । ऐसे भी लड़किओं की चुदाई में तो दिलचस हे लेकिन आंटी से चोदने का मजा ही कुछ अलग हे । हार्बर मौका का तलाश में रहता हूँ किसी न किसी आंटी को पता के चोदने के लिए । ऐसे तो बहार चुत के अंदर दाल चूका हूँ अपनी लंड। फिर भी आज भी मैं तलाश करता हूँ और एक नयी आंटी । मैं सिगरेट पिता हूँ वो फिर घर से चुप के ज्यादा तर सुनसान जगाओं पे ।
दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है.. इसमें किसी भी तरह की गलती हो तो प्लीज मुझे माफ करें.. वैसे मुझे उम्मीद है कि यह मेरी आज की कहानी आप सभी को बहुत पसंद आएगी.. क्योंकि यह कहानी नहीं, मेरी एक सच्ची चुदाई की घटना है।

एक दिन मेरे छुपकर सिगरेट पीने से ऐसा ही कुछ हुआ.. उस रात को 9 बजे में सिगरेट लेकर एक ग्राउंड में चला गया। वो एक कॉलेज का ग्राउंड था और रात में वहाँ पर कोई भी नहीं आता जाता और वहाँ पर अंधेरा भी बहुत रहता है तो में वहाँ पर ग्राउंड के पास की कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग के पास जाकर बाहर खड़ा होकर सिगरेट पी रहा था और मैंने सिगरेट ख़त्म की और फिर जाने के लिये मुड़ा ही था कि तभी मुझे किसी के हंसने की आवाज़ सुनाई दी और मेरा दिमाग़ ठनका कि इस वक़्त यहाँ पर क्या हो रहा है.. शायद हो सकता है कि कुछ बाहर के लड़के जुआ खेल रहे होंगे लेकिन फिर किसी लड़की की भी हंसने की आवाज़ आई और मुझे समझते देर नहीं लगी कि यहाँ पर चुदाई का प्रोग्राम चल रहा है और में तुरंत दबे पैर उस तरफ बढ़ा तो मैंने वहाँ पर देखा कि दो लड़के मोबाईल की टॉर्च जलाकर एक लड़की के साथ थे और वो उस लड़की को नंगी कर चुके थे और वो एक दूसरे से बहस कर रहे थे कि लेटाकर कैसे होगा.. यहाँ पर बहुत कंकड़ है और यह बड़े घर की लड़की है बिस्तर पर लेटने वाली तो दूसरा बोला कि अरे तो क्या हुआ चुदवाते वक़्त कंकड़ बिस्तर से ज़्यादा मज़ा देगा और वैसे भी कौन सा यह पहली बार यहाँ पर चुद रही है।

फिर मैंने सोचा कि अगर में अभी बीच में गया तो गड़बड़ ना हो जाए या यह कोई हथियार लिए हुए तो में क्या करूंगा? और फिर में थोड़ी देर वहीं पर रुका रहा। फिर उन लड़को ने अपने अपने कपड़े उतार कर ज़मीन पर बिछाए और उस पर लड़की को लेटाया और उनमे से एक लड़का उसके ऊपर लेटकर चूमने, चाटने लगा और बूब्स को दबाने लगा तो दूसरा बोला कि साले यहाँ पर इतना रोमांस मत कर.. जल्दी से चोदना शुरू कर.. क्योंकि फिर इसको घर भी छोड़ना पड़ेगा और कोचिंग तो कब की ख़त्म हो गई है तो में समझ गया कि यह लड़के अपनी क्लास की किसी लड़की को फंसाकर कोचिंग से चोदने के लिए लाए है और मैंने सोचा कि मेरी आज की चुदाई का इंतज़ाम हो गया और वैसे में नई लड़कियों को नहीं चोदता.. क्योंकि उन्हे चुदाई का ज्यादा अनुभव नहीं होता और वो चुदने में बहुत नाटक भी करती है लेकिन जब मुझे बहुत दिनों से कोई चूत मिल ही नहीं रही थी तो भला में क्यों जाने देता.. फिर मैंने थोड़ा इंतजार किया और देखने लगा और उस लड़की की बातें सुनकर मुझे लग रहा था कि जैसे वो लड़की इस जगह पर इन लड़को के साथ कई बार चुदवा चुकी है और दूर से उनकी आवाज सुनकर लगता था कि वो लड़की उन लड़को से उम्र में बड़ी लग रही थी और उस लड़के ने जो उसके ऊपर लेटा हुआ था.. उसने चोदना शुरू कर दिया था और जबकी दूसरा खड़ा होकर अपना लंड हिला रहा था.. वो लड़की हाँ और ज़ोर से चोदो सालो और चोदो हाँ चोदो आह्ह्ह्ह उह्ह्ह तो दूसरा लड़का बोला कि हरामी जल्दी से चोद वरना मेरा निकल जाएगा.. उस लड़के ने जल्दी जल्दी चोदा और उठ गया और जब दूसरे ने अंदर लंड डाल दिया तो मैंने सोचा कि अब जाना सही है.. क्योंकि जो एक बार चोद चुका है वो तो थक गया होगा.. अगर लड़ाई की नौबत आई तो मुक़ाबला हो जाएगा। तो मैंने एकदम से दौड़कर उनके पास जाकर बोला क्यों यह क्या हो रहा है तो जो एक लड़का खड़ा था वो भाग गया और वो दूसरा लड़का और लड़की अपने आप को कपड़े से ढकने लगे और मैंने फिर से कहा कि यह यहाँ पर क्या हो रहा था और फिर वो दोनों कुछ नहीं बोले.. बस वो लड़का बोला कि मेडम कपड़े पहनकर भागो।

फिर मैंने कहा कि रूको मुझे कोई दिक्कत नहीं है और तुम लोग करो जो भी तुम्हे करना हो.. लेकिन मुझे भी एक बार हाथ धो लेने दो। तभी मेरी नज़र उस लड़की पर गई.. वो कोई 26-27 साल की लड़की थी और वो सलवार पहन चुकी थी तो मैंने उसका एक हाथ पकड़कर कहा क्यों कहाँ चली तो वो बोली कि छोड़ो मेरा हाथ.. मैंने कहा कि मेरे लंड में क्या काँटे लगे है? जो यह कह रही कि चलो.. अब मेरे भी नीचे आओ। तभी वो लड़का बोला कि मेडम मान जाओ प्लीज़.. तो मैंने पूछा कि यह कौन है तो वो लड़का बोला कि यह हमारी मेडम है और हमे कोचिंग पढ़ाती है और इतने में वो दूसरा लड़का भी आ गया तो मैंने कहा कि समझा इसे.. वरना में बताता हूँ और वैसे में उन लड़को से कदकाठी में बहुत मजबूत था तो मैंने कहा कि चलो अब जल्दी करो.. में बहुत देर से यह नाटक देख रहा हूँ और कोचिंग से यहाँ पर आकर तुम लोग यह सब करते हो.. क्यों तुम लोगों को देर हो रही है सालों.. तो वो लड़की बोली कि अच्छा ठीक है जल्दी से कर लो। फिर उन लड़को से मैंने कहा कि हरामियों भागो यहाँ से में मेडम को उनकी जगह पर छोड़ दूंगा.. वो मना करने लगे तो मैंने ज़ोर से कहा और उस लड़के ने अपने कपड़े लिए और वो दोनों वहाँ से भाग गए।

फिर उसके बाद मैंने मेडम को पकड़ा और मैंने जैसे ही उसको बाहों में भरकर उसकी गांड की तरफ हाथ ले गया तो मेरी ख़ुशी बढ़ गई.. वाह! उसकी गांड क्या चौड़ी थी। मैंने सलवार उतार दी और अंदर पेंटी तो थी नहीं.. क्योंकि उसने जल्दबाज़ी में नहीं पहनी थी और तुरंत पीछे से जाकर उसके कूल्हों को खोलकर गांड को किस किया और बोला कि मेडम तू तो मस्त गांड वाली है.. साली क्या एक से मन नहीं भरता तो दो दो लेती है। वो चुप खड़ी रही और फिर मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ डाली तो वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह आईईईईइ करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी। मैंने उसको बैठाया और कहा कि मेरी थोड़ी मदद करो.. दोनों मज़ा करते है। फिर वो बोली कि वो तो साले भाग गए और तुम तो चुदने ही आई थी। फिर मैंने उसके बूब्स को पूरी ताक़त से दबाया तो वो बोली कि थोड़ा आराम से करो ना दर्द हो रहा है.. मैंने कहा कि ठीक है और में बूब्स को सहलाने लगा और मैंने तब तक अपना लंड बाहर निकाल लिया था और मैंने उसे कहा कि इसे चूसो.. वो बिना कुछ कहे चूसने लगी लेकिन वो पक्की खिलाड़ी लग रही थी.. मैंने उसको पूछा कि क्यों कब से चुदवा रही हो तो उसने लंड को बाहर निकाल कर कहा कि बहुत दिन हो गए.. यह दोनों ट्यूशन पड़ने आते है और मेरे सेंटर पर मैंने एक को फसाया लेकिन उसके साथ मज़ा नहीं आता था और एक दिन यह अपने साथ इसको पकड़कर लाया और में तब जोश में थी और फिर मैंने दोनों से चुदाई करवानी शुरू की और में तब से दोनों के साथ चुदाई करती हूँ तो मैंने कहा कि बढ़िया करती हो और मैंने कहा कि यह मेरा लंड कैसा है तो वो बोली कि बहुत बड़ा है और उन दोनों के लंड तो इससे बहुत छोटे है तो मैंने कहा कि हाँ छोटे बच्चो से चुदवाओगी तो छोटे लंड ही मिलेगे। मैंने उसको हटाया और उसको मस्ती से चोदने के लिए उसके नंगे जिस्म को चूमने लगा.. वो बोली जल्दी करो ना काफ़ी देर हो गई तो मैंने कहा कि इतनी देर बकवास की.. पहले ही मान जाती तो अब तक घर में होती और मैंने उसको घुटनो के बल झुकाया और उसके कूल्हों में थपकी देने लगा और सहलाने लगा.. फिर लंड को थूक से लपेटा और उसकी गांड में लंड लगा दिया तो वो बोली कि आराम से करना तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है तो मैंने कहा कि उन कमीनों ने तेरी गांड भी मारी तो तुम चुप थी.. तो उसने कुछ जवाब नहीं दिया और में बस लंड को घुसाता गया और वो ज़ोर से चिल्लाई.. आह्ह्ह्हह प्लीज थोड़ा धीरे करो। तो मैंने कहा कि वाह! बहुत टाईट है साली यह और लो.. मैंने और अंदर डाला तो वो आगे की तरफ होने लगी और मैंने उसके कंधों को पकड़कर पीछे खींचा और एक धक्का मारा.. मेरा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो अह्ह्ह्ह नहीं आहहआ उह्ह्ह नहीं में मर जाउंगी।

फिर मैंने कहा कि तुम नहीं मरोगी.. तुम्हारी गांड मरेगी और मैंने लंड को थोड़ा बाहर खींचकर फिर से धक्का मारा तो वो फिर से चीखी.. अह्ह्ह माँ बचाओ औऊउ और वो रोने सी लगी.. लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था और मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और वो जब थोड़ी ठीक हुई तो मैंने फिर से लंड को अंदर डाल दिया और इस बार में रुका नहीं और पूरा लंड उसकी गांड में डालकर चोदने लगा.. वो आअहहअहह अहहा सईईईई आई माँ मर गई और में उसकी गांड के मज़े ले रहा था और उसकी कमर को पकड़ लिया और चोदने लगा.. छप छप की आवाज़ आ रही थी और में थोड़ा आगे उसकी पीठ पर आया तो उसके लटकते बूब्स को थामकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और मैंने कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारने में बहुत मज़ा आ रहा है तो वो बोली कि लेकिन मेरी तो जान निकल रही है और मैंने करीब 7-8 मिनट तक उसकी गांड को रगड़कर चोदा और फिर लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत में डाला तो वो बहुत आसानी से फिसलता हुआ अंदर चला गया और मैंने भी पहली ही बार में पूरा ही लंड अंदर घुसा दिया और उसकी चुदाई करने लगा.. वो अह्ह्ह्हह अहहहहहा उह्ह्ह्ह माँ मरी करने लगी.. तो मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आ रहा है या नहीं तो वो बोली कि हाँ बड़ा मज़ा आ रहा है।

फिर मैंने कहा कि तो लो और चुद लो और यह कहकर मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकालकर फिर से ज़ोर का धक्का देकर अंदर डाल दिया तो वो चीख पड़ी और मैंने फिर से जल्दी जल्दी चोदा.. वो आह्ह्ह उंह्ह्ह्ह और करती रही और में उसे चोदता रहा लेकिन अब भी मेरा जोश ठंडा नहीं हो रहा था और फिर पता नहीं क्या हुआ कि में चोदते चोदते अपने दोनों पैरों में दर्द महसूस कर रहा था तो मैंने उससे कहा कि क्या तुम मुहं में लेकर चूसोगी तो वो बोली कि नहीं, थोड़ा और चोदो.. जल्दी करो। फिर में यह बात सुनकर और जल्दी तेज़ी से चोदने लगा.. उसका काम हो गया और वो ढीली पड़ने लगी.. लेकिन में तो जोश में था तो में दर्द सह गया और चुदाई में लगा रहा। मुझसे अब दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा तो मैंने और लंबे लंबे धक्के दिए और वो आह्ह्ह अहह सिसकियाँ लेने लगी तो मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके सामने खड़ा हो गया और कहा कि चूसो जल्दी वरना फिर से तुम्हारी गांड में डालना पड़ेगा.. तो वो लंड मुहं में लेकर चूसने लगी और कुछ ही पलों में मुझे अहसास हो गया कि मेरा माल आने वाला है और मेरे मुहं से भी सईईइईई आह्ह्ह निकलने लगा और मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने उसका मुहं पकड़ा और ज़ोर से अपना लंड उसके मुहं में अंदर तक डालकर पूरा वीर्य मुहं में ही गिरा दिया और मैंने भी तब तक लंड नहीं निकाला.. जब तक एक एक बूँद उसके गले से ना उतर गया। फिर वो खांसने लगी और उल्टी सी करने लगी.. मैंने उसकी पीठ सहलाई तो वो थोड़ी ठीक हुई उसने अपने कपड़े पहने और मैंने भी अपने कपड़े ठीक किए और वो जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया तो वो बोली कि अब क्या है.. प्लीज़ मुझे जाने दो मेरी हालत बहुत खराब है और फिर मैंने उसकी मोटी गांड को पकड़कर अपनी और खींचा और कहा कि नाम क्या है.. बताती तो जाओ तो वो बोली कि सपना.. मैंने कहा कि अब कब मिलोगी तो वो बोली कि हर शनिवार को में एक्सट्रा क्लास लगाने के बहाने से एक घंटे के लिए यहाँ पर आती हूँ.. तुम भी आ जाना तो मैंने कहा कि और अगर ना आई तो वो बोली कि तुम अपना मोबाईल नंबर दो और मैंने उसको अपना नंबर दे दिया और उसका ले लिया और में उसके ही साथ सड़क पर चलते चलते बातें करते करते आ गया.. वो पास के ही मोहल्ले में कोचिंग चलाती थी। फिर मैंने एक ऑटो रुकवाया और उसमें हम दोनों बैठकर आए.. मैंने उसको घर के पास उतारकर खुद वही ग्राउंड तक वापस गया। फिर वहीं पर रोड के किनारे खड़ी अपनी बाईक को लेकर घर आया.. रात को एक बजे मैंने उसको कॉल लगाकर सॉरी बोला.. फिर हम लोगो की बातें होने लगी और उसके बाद से हम लोग उस जगह की तरफ ना जाकर उसकी कोचिंग के कमरे में ही मिलने लगे और में उसको मस्त चोदता हूँ और वो भी अब बहुत खुलकर चुदवाती है ।।

धन्यवाद …

]]>