chut chudai – | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Sat, 29 Jun 2019 04:04:02 +0000 en-GB hourly 1 /> होटल में एक खूबसूरत कुंवारी लड़की की चुदाई – Hotel Me Ek Khubsurat Kunwari Ladki Ki Chudai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/hotel-me-ek-khubsurat-kunwari-ladki-ki-chudai/ //otelsan.ru/xbrasilporno/hotel-me-ek-khubsurat-kunwari-ladki-ki-chudai/#comments Sat, 29 Jun 2019 04:04:02 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5993 [...]]]> यह कहानी तब की है, जब मैं अपने एक दोस्त के साथ बाहर एग्जाम देने गया हुआ था. जिस सिटी में एग्जाम था, वो थोड़ा दूर था इसीलिए हम दोनों ने ट्रेन से जाने का फ़ैसला किया. जहां पेपर देने जाना था, वहां से ही थोड़ी दूर पर मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड एक हॉस्टल में रहती थी. दोस्त ने उससे भी बुला लिया था जो मुझे वहां जाके पता चला.

एग्जाम के एक दिन पहले हम दोनों दिन में निकले और देर रात को हम स्टेशन पे पहुंचे. वहां पहुंच कर मैंने दोस्त से होटल में एक रूम लेने को कहा.

दोस्त ने मुझे ये कह कर मना कर दिया कि रूम सुबह पांच बजे लिया जाएगा. उससे हमारा एक दिन का किराया बच रहा था. इसलिए मैं भी उसकी बात से सहमत हो गया. हम दोनों ने किसी तरह रात काटी और सुबह पांच बजे जब हम दोनों वेटिंग रूम में थे, तो दोस्त को किसी का कॉल आया और उसके थोड़ी देर बाद ही दो बहुत ही खूबसूरत सी लड़कियां वेटिंग रूम में आईं.

मैं अभी उन दोनों को ही देख रहा था कि तभी दोस्त ने मुझे जोर से हिलाते हुए कहा कि ये उसकी गर्लफ्रेंड है और साथ आई लड़की, उसकी गर्लफ्रेंड की सहेली है. उसकी गर्लफ्रेंड का नाम निम्मी था … और उसकी सहेली का नाम अलका था. वे दोनों इसी शहर के एक कॉलेज में पढ़ती थीं और एक हॉस्टल में रहती थीं.

मैंने दोनों को हैलो बोला और थोड़ी देर बात करने के बाद हम सब होटल में रूम लेने के लिए निकल गए. होटल में जाकर मेरे दोस्त ने दो रूम की बुकिंग की.

ऊपर कमरे में जाने के थोड़ी देर बाद ही मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड के रूम में चला गया. मैंने इस बात पर इसलिए ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि ये अभी आ जाएगा.

मुझे नींद आ रही थी तो मैं अपने रूम में ही सो गया. दस बजे करीब जब मेरी आंखें खुलीं, तो मैंने देखा मेरे बगल में अलका सोई हुई है. पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ, फिर मैंने दोस्त को कॉल किया, तो पता चला वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ है. खैर मैं नहा धोकर तैयार होने लगा.

मगर मेरी नज़र अलका पर से हट ही नहीं रही थी. रेड टॉप में वो कमाल की माल लग रही थी. उसका भरा हुआ बदन और नाज़ुक से रसीले होंठ मुझे अपनी तरफ बुला रहे थे. मैंने किसी तरह खुद पर कंट्रोल किया और रेडी होके पेपर देने चला गया.

पेपर देने जाते वक़्त मैंने अपना फोन रूम में ही छोड़ दिया था. ये बात मैंने अपने दोस्त को भी बता दी थी.

जब मैं पेपर देकर रूम पर वापस आया तो अलका अभी अभी नहा के बाहर आई थी. वो मिनी शॉट्स और छोटे से टॉप में इस वक्त और भी कमाल लग रही थी. मैं उसे ही घूरे जा रहा था.

उसने मुझे हैलो बोला, तब मेरा ध्यान टूटा. उसके बाद उसने मुझसे बातचीत शुरू की- कहां खो गए थे? कभी लड़की को नहा के आया नहीं देखा क्या?

मैं- नहीं … इतना करीब से आज ही देखा है.

अलका- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?

मैं- नहीं … अब तक तो कोई भी नहीं है.

अलका- एग्जाम कैसा हुआ?

मैं- अच्छा ही हुआ … और ये दोनों कहां हैं?

अलका- सुबह से रूम से बाहर ही नहीं आए है. लगता है हनीमून पूरा कर के ही आएंगे.

मैं- मुझे तो भूख लगी है, चलो कहीं बाहर खाने चलते हैं?

अलका- हां ज़रूर … बस दो मिनट में रेडी हो जाऊं.

मैं- अब और कितना रेडी होना है यार … ऐसे भी कमाल ही लग रही हो.

अलका- थैंक्यू … लेकिन क्या लाइन मार रहे हो?

मैं- नहीं यार … सच बोल रहा हूँ.

अलका हंसी और अपने बाल सही करने लगी.

फिर हम दोनों बाहर गए. बाहर उसके साथ जाते हुए ऐसा लग रहा था, जैसे हम दोनों कपल हों. मैंने उसके हाथ को अपने हाथ में थाम लिया, उसने भी कोई ऐतराज नहीं किया.

अब हम दोनों हाथ में हाथ डाले बिल्कुल कपल की तरह ही लग रहे थे. उसके हाथों का स्पर्श पाकर मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गई थीं. जींस में मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था. उसने भी ये बहुत बार देख लिया था.

खैर … हम दोनों खाना खा के वापस रूम में आए, तो मैंने दोस्त को कॉल किया. उस टाइम दिन में तीन बजे रहे थे.

वो उठ गया था. उससे बात होने के बाद हम दोनों उनके रूम में गए और बैठ कर बातें करने लगे. तभी मेरी नज़र दोस्त के बेड पे गई, वहां निम्मी की ब्रा पड़ी हुई थी. मैं समझ गया ये दोनों पूरा काम कर चुके हैं.

मैंने दोस्त से आगे का प्लान पूछा, तो ये तय हुआ कि सब घूमने चलेंगे.

फिर मैं और अलका रूम में आए और रेडी होने लगे. ये मेरा पहली बार था, जब मैं किसी लड़की के साथ रूम में था. वो भी मुझे ही देखे जा रही थी. मैं वाशरूम से हाथ मुँह धोकर वापस रूम में आया, तो वो टॉप पहन रही थी यानि सिर्फ़ ब्रा में थी.

मुझे देखते ही टॉप से उसने अपने आपको छुपाना चाहा, मगर टॉप छोटा था. उसकी मम्मे छिप ही नहीं पा रहे थे. मैं उसके पास गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया. उसने अपनी आंखें बंद कर लीं और उसके लिप्स कांपने लगे.

मैं उससे बोला- आई रियली लाइक यू अलका.

मैं उसके होंठों पे किस करने लगा. उसने भी टॉप छोड़ के मेरा पूरा साथ दिया.

हम दोनों बिल्कुल खो गए थे, उसके साथ किस करने में मुझे लगा ही नहीं कि हम दोनों अभी कल ही तो मिले हैं. हमारी किस अभी चल ही रही थी कि तभी दरवाज़े पे दस्तक हुई … और हम दोनों होश में आए. बाहर दोस्त हम दोनों का वेट कर रहा था. अलका बाथरूम में चली गई और मैं रेडी होके दरवाज़े पे आ गया. दो मिनट बाद अलका भी रेडी हो गई थी.

अब हम सब घूमने चल दिए. रास्ते में मैं और अलका एक दूसरे से नज़र नहीं मिला पा रहे थे. बस एक दूसरे को देख कर दोनों तरफ से स्माइल पास हो रही थी. शायद हम दोनों को घूमने में मजा ही नहीं आ रहा था, बस यूं लग रहा था कि किसी तरह एक दूसरे से चिपक कर अपनी गर्म सांसें एक दूसरे से लड़ा लें.

किसी तरह घूमना खत्म हुआ और हम सब होटल आ गए. इस वक्त रात के नौ बज गए थे. मेरा दोस्त मुझे आंख मार के निम्मी के रूम में चला गया. मैं और अलका भी रूम में आ गए. हम दोनों बस चुपचाप एक दूसरे को देख रहे थे.

तभी मैंने अलका की तारीफ करते हुए कहा कि शाम को तुम खूबसूरत लग रही थी.

उसने थैंक्स में जवाब दिया.

फिर वो बैग से कपड़े निकालने लगी और चेंज करने के लिए बाथरूम में जाने लगी. मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच लिया. वो कटी हुई डाली की तरह मेरी बांहों में आ गिरी.

हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे. कुछ ही पल बाद हम दोनों फिर से लिपलॉक करने लगे.

कोई दस मिनट तक किस करने के बाद मैं अपने हाथ उसके टॉप के अन्दर ले गया. उसकी ब्रा को पीछे से खोल दिया. मैंने किस खत्म करने के बाद उसे बेड पे लिटा दिया और खुद अपनी शर्ट उतार कर उसके ऊपर आ गया. मैंने उसकी आंखों में देखा तो मुझे उसकी नजरों में वासना दिखी. ये देख कर मैं उसका टॉप उतारने लगा. अलका ने भी हाथ ऊपर कर के मेरा साथ दिया.

ये पहली बार था, जब मैं किसी लड़की को बिना टॉप और ब्रा के देख रहा था. उसकी ब्रा उतारने के बाद पहली बार में उसकी चुचियां देखीं. कमाल की चूचियां थीं. उसकी चूचियां बत्तीस इंच के साइज़ की थीं … जो अलका ने मुझे बाद में बताया. उसकी ब्रा और टॉप दोनों ही मैंने दूर फेंक दिए और उसकी चुचियों को मुँह में लेके चूसने लगा. मुझे इस काम में बहुत मज़ा आ रहा था.

अलका भी धीरे धीरे आवाज़ कर रही थी- अहहाह … अयाया … और करो … मन्नी … कम ऑन … सक मी.

फिर अलका मस्ती में आ गई और अपने हाथ मेरी पीठ पे फेरने लगी. हम दोनों ही किसी और दुनिया में आ चुके थे. धीरे धीरे मैं अपना हाथ नीचे ले जाने लगा और उसकी जींस के अन्दर हाथ डालने लगा. मगर जींस बहुत टाइट थी.

मैंने उसकी मदद से उसकी जींस उसके बदन से अलग कर दी. जींस उतारते ही मुझे उसकी खूबसूरत टांगें और पेंटी में कैद रोती हुई फूली सी चूत दिखी. मैं वहीं उसकी छूट के करीब आकर उसकी मरमरी टांगें चूमने और चाटने लगा. मेरे होंठ उसकी कमर के नीचे चल रहे थे और मेरा एक हाथ उसकी चुचियां दबाने में लग गया.

थोड़ी देर बाद मैं फिर से ऊपर आकर उसे होंठों पर किस करने लगा. अब उसका हाथ भी मेरे पैंट पे आ गया था और वो ऊपर से मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश कर रही थी.

जब उससे सही से नहीं हुआ, तो धीरे से बोली- अपनी पैंट भी उतार दो न.

मैं मजे लेते हुए बोला- खुद ही उतार लो न.

वो नीचे हो गई और मेरी पैंट उतारने लगी. उसने पैंट के साथ साथ मेरी अंडरवियर भी उतार दी. अब वो मेरी तरफ देखते हुए धीरे से मेरा लंड हिलाने लगी. मैं उसकी आंखों में वासना से देखते हुए बोला- एक बार मुँह में भी लेके देखो … तुम्हें और भी मज़ा आएगा.

उसने मुस्कुरा के सर हां में हिला कर मुझे जवाब दिया और लंड के सुपारे पर अपनी जीभ फिरा दी. अगले दो पलों के बाद मेरा लंड उसके मुँह में था.

आह … कसम से यार … मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो मेरा आधा लंड अपनी जुबान में दबा कर चूस रही थी. लंड चुसाई की मस्ती से जोश में आ कर मैं उसके सिर को अपने लंड पे दबाने लगा.

मेरा लंड उसके हलक तक गया ही था कि कुछ ही सेकेंड बाद वो मुझसे अलग होकर खांसते हुए बोली- क्या जान से मारना है मुझे? तुम्हारा लंड बहुत मोटा है … मैं धीरे धीरे ही ले पाऊंगी.

मैंने उससे कहा- ठीक है.

मैं लेट कर दुबारा अपना लंड उसके मुँह में देने लगा. उसके लंड मुँह में लेने के बाद दस मिनट बाद ही लंड का माल उसके मुँह में छूट गया. उसने लंड रस का पानी बगल में रखे डस्टबिन में थूक दिया और मेरे बगल में लेट कर टांगें खोलते हुए बोली- अब मेरी बारी.

मैंने नीचे जाके उसकी पैंटी उतार दी. उसकी इडली सी फूली गोरी बुर पे बहुत ही छोटे छोटे बाल थे. मैंने उसकी झांटों पर हाथ फेर कर उसकी आंखों की तरफ देखा, तो उसने बताया- अभी पांच दिन पहले ही उसने साफ़ किए थे.

उसकी बुर बिल्कुल गीली हो चुकी थी. मैं अपनी ज़ुबान से उससे चाटने लगा.

सच कहूं … तो दोस्तों चुदाई से ज्यादा मज़ा इस सब चुसाई और चटाई में आता है.

मैं उसकी बुर चाट रहा था और वो ऊपर मस्ती से चिल्ला रही थी- आह … प्लीज़ मन्नी … डोंट बाईट हार्ड … डू इट सॉफ्टर … आई लव इट. … मुझे बहुत मज़ा आ रहा है … यू आर अ लवली सकर … आआह … आआह … बस करते रहो … आह रुकना नहीं.

थोड़ी देर चाटने के बाद मैं एक उंगली उसकी बुर के दाने को रगड़ते हुए अन्दर डालने लगा. इससे वो और गर्म हो गई. उसके मुँह से और भी तेज सीत्कार निकलने लगीं- आआआ आआआ..

उसे और मुझे दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.

तभी वो एकदम से अकड़कर मेरे मुँह पर अपनी चूत उठाने लगी. मैं समझ गया, मैंने और तेज तेज से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. एक तेज आवाज ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करती हुई वो मेरे मुँह पर ही छूट गई.

मैंने उसकी चूत से मुँह नहीं हटाया. मैं उसकी बुर का सारा पानी पी गया. उसका नमकीन और खट्टा शहद मुझे जबदस्त मदहोशी दे रहा था. मैंने उसकी चूत से निकला एक एक कतरा चाट कर साफ़ कर दिया. मेरे होंठ, नाक सब उसकी चूत के रस से सन गए थे. मैं अपनी जीभ से अपनी नाक पर लगे उसके चूत रस को बड़े स्वाद ले ले कर चाट रहा था और उसे वासना से देखे जा रहा था.

वो अपनी आंख बंद किए हुए एकदम शिथिल अवस्था में पड़ी हुई थी.

इसके बाद मैं उसके बाजू में जाकर लेट गया. हम दोनों बेड पे नंगे लेटे हुए थे. मैं उसकी चुचियों को धीरे धीरे सहलाए जा रहा था. एक दो पल बाद वो भी मेरा लंड हिलाने लगी.

कुछ ही मिनट बाद वो खुद उठ कर लंड मुँह में लेने लगी … और देखते ही देखते मेरा लंड फिर से हार्ड हो गया. अब उससे भी रहा नहीं जा रहा था और मुझसे भी. मैं उसको लेटा कर उसके ऊपर आ गया और अपना लंड धीरे धीरे उसकी बुर की फांकों पर फेरने लगा.

वो टांगें फैला कर मुझसे कहने लगी- प्लीज़ अब डाल दो.

मैं बोला- क्या कहां डाल दूँ?

वो नशीली आंखों से मेरी आंखों में झांकते हुए धीरे से वासना से बोली- अपना लंड मेरी बुर में डाल दो.

इतना सुनने के बाद मैंने धीरे से उसकी चूत पर लंड रख के एक झटका मारा. लंड थोड़ा अन्दर चला गया. उसे दर्द तो हुआ मगर वो ज्यादा चिल्लाई नहीं. उसने बस अपने होंठों को दांत से दबा लिया. मैं समझ गया कि लौंडिया खेली खाई नहीं है … जबकि लंड चुसाई के समय मैं सोच रहा था कि ये पका हुआ आम है.

मैं लंड डाले हुए उसकी चूत पर धीरे धीरे हिलने लगा. जब उसको थोड़ा नॉर्मल लगा, तब उसने अपनी बाँहें मेरी पीठ पर कस दीं. मैंने इसे उसका इशारा समझा और दुबारा से एक झटका दे मारा. इस बार मैंने अपना पूरा लंड उसी बुर में उतार दिया.

वो बहुत तेज से चिल्लाई, मगर मैंने उसके मुँह पे अपने होंठ रख दिए थे. उसने अपने हाथों से पीठ में नोंचना शुरू कर दिया. वो तड़फ कर कहने लगी- आह … मन्नी … निकाल लो … बाद में करेंगे … अभी मुझे बहुत दर्द हो रहा है. अभी नहीं करना मुझे.

मगर मैं अब कहां रुकने वाला था. मैंने धीरे धीरे हिलना शुरू कर दिया. शुरू में तो वो दर्द से तड़फ रही थी, मगर बाद में जब लंड ने अपना काम शुरू कर दिया, तो वो भी मज़े लेने लगी.

वो काम वासना में गांड उठाते हुए बड़बड़ाने लगी कि आह मन्नी … मजा आ रहा है … तुम करते रहो … रुकना नहीं डियर … मैं इसी दिन का कब से वेट कर रही थी. मुझे कहां मालूम था कि मेरी बुर पे तुम्हारा ही नाम लिखा था. … बहुत मज़ा आ रहा हाईईईई. … रुकना नहींयाअ. … आआहह आआहह … मैं बहुत दिनों से चुदाना चाह रही थी.

थोड़ी देर उसी पोज़ में चुदाई करने के बाद मैंने उससे ऊपर आने को बोला. वो बिना वक़्त गंवाए झट से मेरे ऊपर आ गई. अब वो गांड और चूचे उछाल उछाल कर मेरे लंड पर मचल रही थी. मेरी नीचे से गांड उठा कर लगती हुई ठोकरों को अपना साथ दे रही थी.

होटल के इस एसी रूम में हम दोनों की कामुक आवाजें गूँज रही थीं. एसी कूलेस्ट पर होते हुए भी हम दोनों पसीने में भीग गए थे.

सच में इस चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था. तभी वो छूट गई और मेरे ऊपर ही गिर गई. मगर मैं रुका नहीं. मैंने अगले ही जल्दी से उसे अपने नीचे लेटा लिया उसकी चूत में लौड़ा फंसा कर शुरू हो गया. मैं उसे धकापेल पेलता रहा. कोई पांच मिनट बाद मेरा भी काम हो गया … और मैं उसी के ऊपर गिर गया.

हम दोनों को इतनी अधिक थकान हो गई थी कि इसी नंगी हालत में कब नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला. सुबह छह बजे जब मेरी नींद खुली, तो वो मेरे बगल में नंगी लेटी हुई थी. बेड पे कई जगह खून के हल्के दाग थे. मेरे थोड़ा छूते ही वो भी जाग गई.

रात के लिए मैंने उससे पूछा- मज़ा आया?

वो बोली- बहुत ज़्यादा मज़ा आया. … तुम बहुत अच्छे हो … बहुत प्यार से तुमने मेरी सील तोड़ी. … आई लव यू मन्नी.

मैंने भी उससे आई लव यू टू बोला और एक बार और करने को पूछा, तो उसने भी हां बोल कर मेरा साथ दिया. उसके बाद हम दोनों ने एक बार और बेड पर और एक बार बाथरूम में भी सेक्स किया.

दोस्त का फोन आने पे मैंने उससे एक दिन और रुकने को बोला. मैं अलका के साथ और रुकना चाहता था. … और किस्मत ने मेरा साथ दिया.

उस दिन पूरा दिन हम सबने सिटी घूमी और शाम के बाद से ही रूम में आ गए फिर पूरी रात चुदाई का मज़ा किया.

अगले दिन सुबह मैं और दोस्त निकलने लगे, तो मैंने देखा अलका की आंखों में आंसू थे. मैंने उससे दुबारा आने का वादा किया और ट्रेन से निकल गया.

उस दिन के बाद से मैंने काफ़ी बार सेक्स किया. तीन बार तो उसके पास जाकर उसके हॉस्टल में ही मजा किया. उसके हॉस्टल में मुझे उसने अपने ममेरे भाई के रूप में एंट्री दिलाई थी.

मगर होटल का वो पहला सेक्स मेरे लिए आज भी ख़ास याद है. हालांकि अब हम दोनों दूर हो गए हैं.

उसके बाद भी मैंने काफ़ी लड़कियों और शादीशुदा महिलाओं के साथ सेक्स एंजाए किया. उनके साथ किये गए सेक्स में कई मजेदार किस्से हैं. वो सब भी कभी मौका मिलने पर आपके साथ शेयर करूंगा.

दोस्तो, आपको ये सेक्स कहानी कैसी लगी

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दो तड़पती औरत की चुत चुदाई की कहानी – Do Tadapti Aurat Ki Chut Chudai Ki Kahani | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/do-tadapti-aurat-ki-chut-chudai-ki-kahani/ //otelsan.ru/xbrasilporno/do-tadapti-aurat-ki-chut-chudai-ki-kahani/#comments Fri, 28 Jun 2019 01:40:43 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5929 [...]]]> हेलो दोस्तों, फिर एक नयी हिंदी सेक्स कहानी और ये कहानी अपनी एक याद को लेके मैं आपके पास आयी हूँ । otelsan.ru ब्लॉग पे मेने स्टोरी पहले लिखा था और मेल भी डाला था तो वो कहानी बहत लोगों ने पढ़ा और एक दिन एक लाजबाब औरत ने मुझे मेल करके मेरे नंबर भी माँगा मेने उससे मेरे नंबर दे दिया ।. वो एक हाउसवाइफ की मेल थी, उसका पति बिजनेस मैन था जो कि बिजनेस की वजह से अधिकतर समय बाहर ही रहता था.
उस महिला ने मुझे ये सब बताते हुए कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है. उनका नाम नीलम (चेंज्ड नाम) था. रात को 9 बजे उनकी कॉल आई. उन्होंने शनिवार नाइट को आने के लिए बोला. उन्होंने बताया कि वो अपने पति से सन्तुष्ट नहीं हैं और सेक्स का पूरा मजा लेना चाहती हैं.
मैंने उनसे उनका एड्रेस लिया और शनिवार शाम को 8 बजे उनके बताए हुए एड्रेस पर पहुँच गया. मैंने उनके घर के बाहर से उनको कॉल किया और बताया कि मैं आपके घर के बाहर हूँ.
उन्होंने दरवाजा खोला, मैं तो उसको देखता ही रह गया यार… क्या मस्त माल थी. मैंने ऊपर आसमान में देखा और ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया कि आज ऐसी मस्त चुत मारने को मिलेगी.
नीलम ने अन्दर आने के लिए बोला, मैं अन्दर आ गया.
उनका घर काफ़ी बड़ा था. उन्होंने सामने सोफे पर बैठने का इशारा किया, मैं सोफे पर बैठ गया.
थोड़ी देर बाद वो अन्दर से पानी लेकर आ गईं और मेरे पास ही बैठ गईं.
हम लोगों ने बातें करना शुरू की, उन्होंने मुझे बताया कि आज उनका बर्थडे है और उनके पति को उनकी कोई फिक्र ही नहीं है.
मैंने कहा- मैडम आपने पहले बताया नहीं… नहीं तो मैं आपके लिए कोई गिफ्ट ले आता.
नीलम जी बोलीं- मुझे मैडम नहीं भाभी कहो… मैं तुमको प्यार से मिलना चाहती हूँ… कोई मैडम बन कर नहीं!
मैंने कहा- भाभी जी आपने मेरी बात का उत्तर नहीं दिया.
बोलीं- भाभी जी नहीं… बस भाभी कहो… और आज तुम आ गए, बस ये मेरे लिए बहुत है… आज तुम मुझे खुश कर दोगे… यही मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट होगा.
मैंने कहा- देख लेना, आप मुझसे निराश नहीं होंगी.
मैंने उनको एक वासना भरी निगाहों से देखा और अपने लंड को सहलाने लगा. मेरा लंड फूलने लगा. नीलम भाभी मेरे फूलते हुए लंड को कामना भरी निगाहों से देखने लगीं.
मैंने उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया.
नीलम भाभी ने कहा- हाथ पकड़ कर क्या करने वाले हो?
मैंने कहा- आपका नसीब देखने वाला हूँ.
भाभी मुस्कुरा कर बोलीं- मुझे मेरा नसीब दिख रहा है. वो अभी बड़ा हो रहा है.
मैं हंस कर उनको कहा- ऐसे नहीं… जरा ठीक से समझाओ न भाभी… आपका नसीब कैसा है.
भाभी बोलीं- वो जब तक मैं न देख लूँ, तब तक कैसे बता सकती हूँ कि नसीब कैसा है.
मैंने कहा- भाभी नसीब देखने के लिए क्या दिक्कत है… क्या मैं कोई मदद कर सकता हूँ?
भाभी बोलीं- तुम ही मेरे नसीब को दिखा सकते हो.
यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड पर हाथ रख कर लंड को अपनी मुट्ठी से मसल दिया और बोलीं- देखो ये है मेरा नसीब… अपनी मांद में जाने के लिए फूल रहा है.
मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और उनको चूमने लगा.
भाभी ने मुझसे अलग होते हुए कहा- अभी जरा रुको. मुझे कपड़े बदलने हैं.
मैंने उनको छोड़ दिया. वे मुझसे अलग होकर बैठ गईं… और बातें करने लगीं.
बातों बातों में उन्होंने बताया कि उनकी एक सहेली भी एन्जॉय करना चाह रही है… क्या उनके साथ भी एंजाय करना चाहोगे?
मैंने कहा- कोई बात नहीं आप उनको भी बुला लो.
उनकी फ्रेंड का नाम पूनम (चेंज्ड नाम) था. उन्होंने पूनम को आवाज देकर बुलाया… तो मैं चौंक गया. वो बगल के ही रूम में बैठी थी.
नीलम हम दोनों को वहीं पर छोड़ कर चेंज करने चली गईं.
पूनम की उम्र करीब 30 साल की थी. वो भी बहुत सुन्दर थी. उसका फिगर 34-30-36 का था. मैंने पूनम का हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया. उसने भी मेरा साथ दिया तो मैंने उसको उठा कर अपनी गोद में बैठा लिया और पूनम का एक चुचा दबाने लगा.
वो भी मस्त मस्त सिसकारी लेने लगी.
तभी नाईटी पहन कर नीलम भाभी भी आ गईं, उन्होंने हम दोनों को इस तरह बैठे देखा तो बोलीं- अरे वाह… आप लोग तो शुरू हो गए.
वो भी मेरे पास मुझसे चिपक कर बैठ गईं.
मैं नीलम के होंठों को किस करने लगा और पूनम की चुचियां दबाने लगा. दस मिनट तक लिप्स चूसने के बाद हम तीनों उठ कर बेडरूम में जाने लगे.
मेरे साथ बेडरूम में आते ही नीलम ने मेरी शर्ट उतार दी, पूनम ने मेरी पैंट उतार दी. मैंने नीलम की नाईटी उतार दी और नीलम ने पूनम की नाईटी उतार दी. अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था, वो दोनों ब्रा और पेंटी में थीं.
मैंने नीलम को पीछे से हग किया और उनकी चुचियां दबाने लगा. पूनम ने नीलम की पैंटी उतार दी और नीलम की चुत पर किस करने लगी.
मैंने भी झटके के साथ नीलम की ब्रा फाड़ दी, अब नीलम भाभी बिल्कुल नंगी हो गई थीं. उनकी बड़ी बड़ी चुचियां क्या मस्त थिरक रही थीं. मैं उनकी चुचियां चूसने लगा. पूनम नीलम भाभी की चुत चूस रही थी.
अब पूनम उठी और मेरा लंड को पकड़ कर रगड़ने लगी. मेरा लंड भी अंडरवियर को फाड़ने वाला था. पूनम ने मेरा अंडरवियर निकाला तो मेरा लंड एकदम से तन कर उसके सामने गुर्राने लगा. पूनम ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी.
पूनम नीचे बैठ गई और उसने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया. मैं खड़ा खड़ा नीलम भाभी के होंठों को चूस रहा था. अब नीलम भाभी नीचे बैठ गईं और पूनम खड़ी हो कर अपनी चुचियां चुसवाने लगी.
नीलम भाभी मेरा लंड चूसने लगीं.
आह… भाभी क्या मस्त होकर रंडी के जैसे लंड चूस रही थीं… बिल्कुल कुल्फी की तरह निचोड़ने में लगी थीं.
मैं भी पूनम की चूचियां दबाते हुए पूरी तरह से निचोड़ रहा था.
कुछ देर बाद पूनम बोली- प्लीज़, आप मेरी फुद्दी चूसो.
मैं बिस्तर पर लेट गया. पूनम मेरे मुँह के ऊपर अपनी चुत को ले आई और मैं उसकी मरमरी चुत को सक करने लगा. नीलम भाभी मेरे लंड को चूसती रहीं.
अब पूनम से बर्दाश्त नहीं हो रहा था. उसने मेरा मुँह अपनी चुत से हटा कर अपनी चुत को मेरे लंड के ऊपर रख दिया. लंड भी पूरी तरह तैयार था. मैंने झटका दे दिया. एक ही झटके में पूनम की चुत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया. मेरा लंड पूरा पूनम की बच्चेदानी तक चला गया था. पूनम अपने होंठ दबा कर कराहने लगी.
दो झटकों में ही अब पूनम अपने चूतड़ों को ऊपर उठा उठा कर मेरे लंड पर मारने लगी. उधर नीलम भाभी ने अपनी चुत को मेरे मुँह पर रख दिया. मैं नीलम की चुत को चूसने लगा.
नीलम के मुँह से सिसकारी निकल रही थीं- प्लीज़ जानू… चूसो मेरी चुत… मेरे पति से मेरी चुत ठंडी नहीं हो पाती… वो चूतिया मुझको मज़ा नहीं दे पाता… आह… मैं चाहती हूँ… कि आज तुम मेरी चुत को ठंडी कर दो… अपनी रांड बना लो…
मुझको भी उनकी गरम बातें सुनकर मज़ा आ रहा था. मैं भी पूरे जोश में था.
पूनम अब तक 2 बार झड़ चुकी थी. अब नीलम भाभी उठीं और भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत के मुँह पर टिका लिया, फिर भाभी एक झटके के साथ लंड के ऊपर बैठ गईं. उधर पूनम ने अपनी चुत को साफ किया और मेरे ऊपर झुक कर अपनी चुचियां चुसवाने लगी. नीलम भाभी ने मेरे लंड के ऊपर उछलना चालू कर दिया और जोर जोर से चुदाई का मज़ा लेने लगीं.
मैंने पूनम को अपने करीब बैठाया और उसकी चुचियां मसलने लगा. नीलम भाभी ने मेरे लंड के ऊपर बैठे बैठे पूनम को भी मेरे सीने पर बैठा कर उसे हग कर लिया और जोर जोर से झटका मारने लगीं.
मैंने भी पूनम की गांड में उंगली करना शुरू कर दी. कुछ देर बाद पूनम हट गई.
अब नीलम भाभी झड़ने वाली थीं, मैं भी झड़ने वाला था, मैंने भाभी से पूछा- भाभी यार… अपना माल कहाँ निकालूँ.
तो नीलम भाभी कहने लगीं- मेरी चुत में ही पिचकारी मारना… तेरा माल को पी कर ही मेरी चुत की गर्मी ठंडी होगी.
मैंने करारे झटके मारे और हम दोनों एक साथ झड़ गए.
नीलम भाभी के चेहरे पर बहुत ख़ुशी थी. अब पूनम और नीलम दोनों तृप्त दिख रही थीं.
मैंने दोनों को नीचे बिस्तर पर लिटाया. दोनों को खूब किस किया. दोनों ही बड़ी खुश थीं.
पूनम बोली- यार तूने आज हम दोनों को अपना लंड का गुलाम बना लिया.
वे दोनों ही मेरे लंड को सहलाने लगीं. कुछ देर हम तीनों ऐसे ही लेटे रहे. थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से मस्ती में आ गया. ऐसे मस्त माल भाभी की नंगी चूत देख कर कोई मर्द लंड कैसे शांत रह सकता था.
अब मैंने पूनम को उल्टा लिटाया और उसके चूतड़ों पर किस करने लगा.
नीलम भाभी नीचे लेट गईं और मैंने अपना लंड नीलम भाभी के मुँह में डाल दिया. अब मैं नीलम भाभी को लंड चुसा कर पूनम की गांड मारना चाहता था.
मैंने पूनम को बोला- यार पूनम अब गांड को मज़ा लेना है.
पूनम और नीलम दोनों ही खुशी से बोलीं- हम भी यही चाहते हैं.
मैंने पूनम को डॉगी स्टाइल में किया और अपने लंड को पूनम की गांड के छेद पर रख कर धक्का दे दिया.
पूनम के मुँह से एकदम से चीख निकली- हाय मर गई… बहुत बड़ा लंड है… प्लीज़ बाहर निकालो… मैं मर जाऊंगी.
तभी नीलम भाभी ने अपनी एक चुची पूनम के मुँह में दे दी. पूनम की आवज चूची के कारण दब कर रह गई. फिर उसने भी नीलम की चुचि चूसना शुरू कर दिया.
मैंने धीरे धीरे अपना पूरा लंड पूनम की गांड में डाल दिया और पूनम के ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगा. पूनम के नीचे नीलम भाभी लेट गईं और पूनम की चुचियां चूसने लगीं.
इस तरह मैं 20 मिनट तक पूनम की गांड मारता रहा. फिर नीलम घोड़ी बन गई और पूनम नीचे हो गई. मैंने अपना लंड नीलम भाभी की गांड के छेद पर रखा और एक ही झटके में पूरा लंड गांड के अन्दर पेल दिया. नीलम भाभी की चीख निकल गई, उनकी आँख से आँसू आने लगे.
मैं थोड़ा रुक गया.
जब नीलम भाभी का दर्द कुछ कम हुआ, तो फिर से गांड चुदाई शुरू कर दी. धकापेल 15 मिनट तक गांड मारने के बाद हम दोनों ही झड़ गए. उधर पूनम ने भी अपनी उंगली से खुद को एक बार और झड़ा लिया था.
उस रात हम तीनों ने कई बार चुदाई का मज़ा लिया. सुबह 6 बजे हम तीनों फ्रेश हुए और मैं चलने लगा.
नीलम भाभी ने मुझको 10000 रूपए दिए और होंठों पर पप्पी दी.
पूनम ने भी मुझे किस किया और चुदाई के लिए थैंक्स बोला.

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तीन लंड से चुदाई की बड़ा मज़ा – Tin Lund Se Chudai Ki Bada Maza | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/tin-lund-se-chudai-ki-bada-maza/ //otelsan.ru/xbrasilporno/tin-lund-se-chudai-ki-bada-maza/#comments Sat, 22 Jun 2019 01:46:37 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5845 [...]]]> हेलो, मैं अंजना आप सभी को स्वागत करते हुए मेरे ढेर सारि शुभकामनाएं सिर्फ आपके लिए हे । आप सभी को आज मैं अपनी चुदाई की काहनी बताने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सभी को मजा आएगा । ये चुदाई की कहानी में तीन लंड मिलके मेरे चुत की बरी बरी चुदाई की हे । पढ़िए और मजा लीजिये ।
दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ जो मेरे साथ हुई एक घटना है, मुझे हमेशा से ही सेक्स करने का बहुत शौक था, लेकिन कॉलेज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का मौका नहीं मिला, लेकिन कॉलेज में मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त
बना उसका नाम सतीश है और सतीश ने ही मेरी पहली बार चुदाई की थी और आज तक वो ही मुझे लगातार चोद रहा है और अब मेरी शादी होने के बाद भी उसने मुझे बहुत बार चोदा और इतना ही नहीं उसने मुझे कई बार और भी लोगों से भी चुदवाया। दोस्तों कॉलेज के बाद से में एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगी और सतीश अपना फेमेली का व्यपार देखने लगा, वो मुझे कई बार शहर से बाहर जैसे ऊटी, गोआ जैसी जगह पर ले जाता था, लेकिन वो भी एक शादीशुदा लड़की की तरह ड्रेस पहनाकर जिससे कोई भी हम पर शक ना करे। सतीश ने मुझे कई बार बहुत सारे अजनबियों से चुदवाया जैसे होटल के रूम सर्विस बॉय, ड्राइवर, टूरिष्ट गाईड और उसने मुझे अपनी रंडी बनाकर रखा हुआ था।

दोस्तों पहले मेरे पास एक भी सेक्सी ड्रेस नहीं थी तो एक दिन सतीश में मुझसे कहा कि तुम्हे एकदम सेक्सी दिखना है और उसने मुझे तैयार होने को कहा, उसने मुझसे साड़ी पहनने को कहा और बोला कि में पेंटी और पेटीकोट नहीं पहनू और मेरी साड़ी कमर के नीची बँधे। फिर वो मुझे एक ब्रॅंडेड ड्रेस की शॉप पर ले गया। वहां पर दो लोग थे, वो लोग मुझे एक रूम में लेकर गये और फिर सतीश ने उनसे कहा कि 5 एकदम सेक्सी और बिल्कुल मस्त दिखने वाले ब्लाउज खरीदने है, लेकिन ब्लाउज के पीछे का पूरा हिस्सा खुला होना चाहिए सिर्फ़ बदन पर अटका हुआ होना चाहिए। फिर एक आदमी ने मेरे पूरे जिस्म का नाप लेना शुरू किया और फिर उसने मुझसे मेरी साड़ी का पल्लू हटाने को कहा ताकि वो अच्छी तरह से नाप ले सके। तो मैंने सतीश की तरफ देखा और उसने कहा कि हाँ हटा दो। तो उस आदमी ने सतीश से पूछा कि आगे की तरफ हिस्सा कैसी डिजाईन का चाहिए? तो सतीश ने उससे कहा कि मेरे आधे आधे बूब्स उस ब्लाउज में से बाहर की तरफ दिखने चाहिए वो बहुत ही गहरे गले का होना चाहिए।

तो वो दोनों उसकी बात को सुनकर एक दूसरे की तरफ देखकर स्माइल करने लगे और फिर उनमे से एक ने पूछा कि आपको कितना गहरा गला चाहिए? तो सतीश ने कहा कि उसकी ब्रा की गहराई के बराबर का साइज़ होना चाहिए। तो उसने कहा कि फिर तो हमे ब्रा का नाप लेना पड़ेगा, तब सतीश आगे की तरफ आया और वो मेरे ब्लाउज को खोलने लगा और जब मैंने उसे मना किया तो वो उनके सामने ही मेरे बूब्स को दबाने लगा, लेकिन मुझे अच्छा लगा। तो उसने कहा कि सेक्सी ड्रेस के लिए तो ऐसा भी करना पड़ेगा और अब वो मेरे ब्लाउज को खोलने लगा और फिर ब्लाउज को पूरा उतार दिया फिर उसने ब्रा के ऊपर से अपना एक हाथ अंदर डालकर कहा कि इतना गहरा गला चाहिए। तो वो आदमी मेरे पास आया और उसने मेरे बूब्स को दो बार दबाया जैसे वो किसी चीज को सेट कर रहा हो और इतने में वो दूसरा आदमी आया और मेरे पीछे खड़ा हो गया और उसने मेरी कमर को पकड़ लिया और बोला कि बताओ कितना टाईट चाहिए? और वो मेरा नाप ले रहा था, लेकिन वो बार बार मेरे बूब्स को रगड़ रहा था और मेरे पीछे जो खड़ा था वो मेरे कूल्हों से चिपक रहा था और मुझे उसका खड़ा हुआ लंड महसूस हो रहा था फिर आगे वाले आदमी से सतीश ने कहा कि क्या और थोड़ा गहरा गला दे सकते है क्या? तो सतीश ने कहा कि हाँ क्यों नहीं? तो वो बोला कि, लेकिन अब इस ब्रा को बाहर निकालना पड़ेगा और फिर सतीश ने मुझे देखकर स्माइल दी और उस आदमी से कहा कि निकाल दो और जैसे ही सतीश के मुहं से यह शब्द सुना पीछे वाले आदमी ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और आगे वाले ने उसे खींचकर उतार दिया और वो सब कुछ काम इतना जल्दी हुआ कि में उसके बारे में सोच भी नहीं पाई। तो मैंने अपने दोनों हाथों से अपने एकदम से बाहर आकर झूलते, लटकते हुए बड़े बड़े बूब्स को ढक लिया।

दोस्तों मेरे दिल की पूछे तो मुझे भी अब बहुत मज़ा आने लगा था और अब मेरी चूत भी पूरी तरह से गीली हो गयी थी। तो सतीश ने कहा कि लगता है कि यह शरमा रही है? अब हमे भी अपने अपने कपड़े उतारने चाहिए तभी ठीक रहेगा और फिर उन सभी ने अपने अपने कपड़े उतार दिया और बिल्कुल नंगे होकर मेरे सामने खड़े हो गये। तो सतीश थोड़ा आगे की तरफ आया और उसने मेरे एक हाथ को पकड़कर अपने लंड पर रखा और अब में धीरे धीरे उसका लंड हिलाने लगी। तो यह सब कुछ देखकर वो दोनों भी आगे की तरफ आ गये और मेरे बूब्स को और गांड को दबाने लगे और उन्होंने मेरी साड़ी को पूरी तरह से उतार दिया और अब में उनके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी। उनका लंड मेरे साइड में छू रहा था और उन सबका लंड कम से कम 7 इंच का था, वो लोग मुझे किस करने लगे और मेरे बूब्स को दबाने लगे। तो सतीश ने उन दोनों से कहा कि यह रंडी आज तुम्हारी है तुम दोनों आज इसे जी भरकर चोदो। दोस्तों क्योंकि मुझे सेक्स करते समय गंदी बातें और गाली देना बहुत पसंद है और सतीश यह जानता है इसलिए वो चुदाई करते समय मुझसे गाली देकर ही बात करता है।

फिर उसने मुझे अपने घुटनो पर बैठाया और बोला कि चूस मेरी रांड चूस मेरे लंड को और उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और वो मेरे मुहं को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और एक आदमी नीचे लेटकर मेरी चूत को चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरा बहुत बुरा हाल हो रहा था, लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था। तो उसके बाद दूसरे आदमी ने मेरे बाल पकड़कर खींचकर मुझसे कहा कि साली रांड में क्या तेरी चुदाई के दर्शन के लिए यहाँ पर खड़ा हुआ हूँ, यह मेरा लंड कौन चूसेगा और यह बात कहकर उसने मुझे अपनी तरफ खींचा और अपना पूरा लंड मेरे मुहं में जबरदस्ती घुसा दिया और थोड़ी देर तक ऐसे ही रखा और फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मेरे मुहं को चोदने लगा। दोस्तों में एक बार पहले ही अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी और अब उन्होंने मुझे खींचकर एक सोफे पर लेटा दिया और फिर जो आदमी मेरी चूत को चाट रहा था वो आदमी मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्स को चूसने और काटने लगा और उसका लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था।

अब सतीश आया और उसने मेरे बाल को खींचकर मेरी गर्दन उठाकर मेरे मुहं में अपने लंड को डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा जिसकी वजह से अब मेरी सांसे रुकने लगी, मेरी आखों से आंसू बाहर आने लगे थे, लेकिन उनको तो अपनी हवस को मिटाने की पड़ी थी। फिर उस आदमी ने मेरे दोनों पैरों को मेरी छाती तक घुमाया और अपने लंड को मेरी चूत के मुहं पर ज़ोर से रगड़ने लगा। दोस्तों उसके ऐसा करने से मेरा बहुत बुरा हाल हो रहा था। में अपनी चुदाई के लिए तड़पने लगी थी और मेरी चूत अब लंड के लिए तरस रही थी। मैंने एक ही झटके से सतीश के लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला और उस आदमी से कहा कि प्लीज जल्दी से अंदर डालो मुझसे अब और कंट्रोल नहीं हो रहा और फिर वो अपना पूरा वजन मेरे ऊपर डालकर लेट गया और उसने मेरे बाल को ज़ोर से खींचा, में चीखने वाली थी कि तभी उसने मुझे किस किया और ज़ोर से मेरे होंठो को चूसने लगा और मेरे बालों को और भी ज़ोर से खींचने लगा और उसने कहा कि साली रांड तुझे इतनी जल्दी कैसे? और पहले बोल तू रंडी है, कुतिया है और क्या तू बीच बाज़ार में नंगी चुदवाएगी मुझसे? तो मुझसे और दर्द सहा नहीं जा रहा था और इसलिए मैंने उससे कहा कि हाँ में रंडी हूँ मुझे जहाँ भी लंड दिखता है में वहीं पर नंगी होकर चुदवाती हूँ मुझे बस लंड चाहिए, अब चोद मुझे साले और फिर उसने एक ही झटके में अपना लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया और फिर जैसे ही मेरा मुहं चिल्लाने के लिए खुला तो सतीश ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और मेरे मुहं को चोदने लगा। फिर उस बंदे का लंड अब झड़ने वाला था इसलिए उसने मुझसे कहा कि मेरा निकलने वाला है, तभी सतीश ने मेरे मुहं से अपने लंड को बाहर निकाल दिया और उस आदमी ने आकर अपना लंड पूरा मेरे मुहं में डाल दिया और धीरे धीरे झटके देकर अपना वीर्य निकालने लगा और मुझे उसका पूरा माल पीना पड़ा।

तो सतीश अब मेरे पैरों के बीच में गया और उसने मुझे डॉगी स्टाईल में पलट दिया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। फिर उसने मेरे बाल पकड़कर पीछे की तरफ खींचा और मुझे चोदने लगा। तभी वो दूसरा आदमी आया और उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और वो मेरे मुहं को चोदने लगा। पीछे से सतीश भी मुझे बुरी तरह से चोद रहा था और आगे से वो आदमी मेरे मुहं को चोद रहा था, तब मैंने दूसरी बार अपना माल छोड़ दिया और ऐसा करीब बीस मिनट तक चलता रहा। तभी सतीश ने अपनी स्पीड को बड़ा दिया तो में समझ गयी कि वो भी झड़ने वाला है तभी सतीश ने कहा कि मेरा भी अब निकल रहा है और वो सामने वाला आदमी हट गया और सतीश ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और बोला कि चूस साली कुतिया रंडी कहीं की, पी मेरा माल और उसने अपना पूरा माल मेरे मुहं में डाल दिया और इस तरह उन तीनों ने मुझे शाम के 6 बजे तक लगातार एक एक करके चोदा और कई बार मेरी गांड भी मारी और सतीश ने उसकी एक वीडियो भी बनाई है। तो हम फिर उठे अपने अपने कपड़े पहने और बाहर आ गए। उसके बाद हम दोनों अपने अपने घर पर आ गए। दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी, जिसमे सतीश में मेरी शादी होने के बाद भी उसने मुझे बहुत बार चोदा और दूसरों से भी चुदवाया। में अब उसकी रंडी की तरह उसके कहने पर चलती हूँ और अपनी चुदाई के मज़े लेती हूँ ।।

धन्य

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