– | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Fri, 28 Jun 2019 01:40:43 +0000 en-GB hourly 1 /> दो तड़पती औरत की चुत चुदाई की कहानी – Do Tadapti Aurat Ki Chut Chudai Ki Kahani | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/do-tadapti-aurat-ki-chut-chudai-ki-kahani/ //otelsan.ru/xbrasilporno/do-tadapti-aurat-ki-chut-chudai-ki-kahani/#comments Fri, 28 Jun 2019 01:40:43 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5929 [...]]]> हेलो दोस्तों, फिर एक नयी हिंदी सेक्स कहानी और ये कहानी अपनी एक याद को लेके मैं आपके पास आयी हूँ । otelsan.ru ब्लॉग पे मेने स्टोरी पहले लिखा था और मेल भी डाला था तो वो कहानी बहत लोगों ने पढ़ा और एक दिन एक लाजबाब औरत ने मुझे मेल करके मेरे नंबर भी माँगा मेने उससे मेरे नंबर दे दिया ।. वो एक हाउसवाइफ की मेल थी, उसका पति बिजनेस मैन था जो कि बिजनेस की वजह से अधिकतर समय बाहर ही रहता था.
उस महिला ने मुझे ये सब बताते हुए कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है. उनका नाम नीलम (चेंज्ड नाम) था. रात को 9 बजे उनकी कॉल आई. उन्होंने शनिवार नाइट को आने के लिए बोला. उन्होंने बताया कि वो अपने पति से सन्तुष्ट नहीं हैं और सेक्स का पूरा मजा लेना चाहती हैं.
मैंने उनसे उनका एड्रेस लिया और शनिवार शाम को 8 बजे उनके बताए हुए एड्रेस पर पहुँच गया. मैंने उनके घर के बाहर से उनको कॉल किया और बताया कि मैं आपके घर के बाहर हूँ.
उन्होंने दरवाजा खोला, मैं तो उसको देखता ही रह गया यार… क्या मस्त माल थी. मैंने ऊपर आसमान में देखा और ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया कि आज ऐसी मस्त चुत मारने को मिलेगी.
नीलम ने अन्दर आने के लिए बोला, मैं अन्दर आ गया.
उनका घर काफ़ी बड़ा था. उन्होंने सामने सोफे पर बैठने का इशारा किया, मैं सोफे पर बैठ गया.
थोड़ी देर बाद वो अन्दर से पानी लेकर आ गईं और मेरे पास ही बैठ गईं.
हम लोगों ने बातें करना शुरू की, उन्होंने मुझे बताया कि आज उनका बर्थडे है और उनके पति को उनकी कोई फिक्र ही नहीं है.
मैंने कहा- मैडम आपने पहले बताया नहीं… नहीं तो मैं आपके लिए कोई गिफ्ट ले आता.
नीलम जी बोलीं- मुझे मैडम नहीं भाभी कहो… मैं तुमको प्यार से मिलना चाहती हूँ… कोई मैडम बन कर नहीं!
मैंने कहा- भाभी जी आपने मेरी बात का उत्तर नहीं दिया.
बोलीं- भाभी जी नहीं… बस भाभी कहो… और आज तुम आ गए, बस ये मेरे लिए बहुत है… आज तुम मुझे खुश कर दोगे… यही मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट होगा.
मैंने कहा- देख लेना, आप मुझसे निराश नहीं होंगी.
मैंने उनको एक वासना भरी निगाहों से देखा और अपने लंड को सहलाने लगा. मेरा लंड फूलने लगा. नीलम भाभी मेरे फूलते हुए लंड को कामना भरी निगाहों से देखने लगीं.
मैंने उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया.
नीलम भाभी ने कहा- हाथ पकड़ कर क्या करने वाले हो?
मैंने कहा- आपका नसीब देखने वाला हूँ.
भाभी मुस्कुरा कर बोलीं- मुझे मेरा नसीब दिख रहा है. वो अभी बड़ा हो रहा है.
मैं हंस कर उनको कहा- ऐसे नहीं… जरा ठीक से समझाओ न भाभी… आपका नसीब कैसा है.
भाभी बोलीं- वो जब तक मैं न देख लूँ, तब तक कैसे बता सकती हूँ कि नसीब कैसा है.
मैंने कहा- भाभी नसीब देखने के लिए क्या दिक्कत है… क्या मैं कोई मदद कर सकता हूँ?
भाभी बोलीं- तुम ही मेरे नसीब को दिखा सकते हो.
यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड पर हाथ रख कर लंड को अपनी मुट्ठी से मसल दिया और बोलीं- देखो ये है मेरा नसीब… अपनी मांद में जाने के लिए फूल रहा है.
मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और उनको चूमने लगा.
भाभी ने मुझसे अलग होते हुए कहा- अभी जरा रुको. मुझे कपड़े बदलने हैं.
मैंने उनको छोड़ दिया. वे मुझसे अलग होकर बैठ गईं… और बातें करने लगीं.
बातों बातों में उन्होंने बताया कि उनकी एक सहेली भी एन्जॉय करना चाह रही है… क्या उनके साथ भी एंजाय करना चाहोगे?
मैंने कहा- कोई बात नहीं आप उनको भी बुला लो.
उनकी फ्रेंड का नाम पूनम (चेंज्ड नाम) था. उन्होंने पूनम को आवाज देकर बुलाया… तो मैं चौंक गया. वो बगल के ही रूम में बैठी थी.
नीलम हम दोनों को वहीं पर छोड़ कर चेंज करने चली गईं.
पूनम की उम्र करीब 30 साल की थी. वो भी बहुत सुन्दर थी. उसका फिगर 34-30-36 का था. मैंने पूनम का हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया. उसने भी मेरा साथ दिया तो मैंने उसको उठा कर अपनी गोद में बैठा लिया और पूनम का एक चुचा दबाने लगा.
वो भी मस्त मस्त सिसकारी लेने लगी.
तभी नाईटी पहन कर नीलम भाभी भी आ गईं, उन्होंने हम दोनों को इस तरह बैठे देखा तो बोलीं- अरे वाह… आप लोग तो शुरू हो गए.
वो भी मेरे पास मुझसे चिपक कर बैठ गईं.
मैं नीलम के होंठों को किस करने लगा और पूनम की चुचियां दबाने लगा. दस मिनट तक लिप्स चूसने के बाद हम तीनों उठ कर बेडरूम में जाने लगे.
मेरे साथ बेडरूम में आते ही नीलम ने मेरी शर्ट उतार दी, पूनम ने मेरी पैंट उतार दी. मैंने नीलम की नाईटी उतार दी और नीलम ने पूनम की नाईटी उतार दी. अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था, वो दोनों ब्रा और पेंटी में थीं.
मैंने नीलम को पीछे से हग किया और उनकी चुचियां दबाने लगा. पूनम ने नीलम की पैंटी उतार दी और नीलम की चुत पर किस करने लगी.
मैंने भी झटके के साथ नीलम की ब्रा फाड़ दी, अब नीलम भाभी बिल्कुल नंगी हो गई थीं. उनकी बड़ी बड़ी चुचियां क्या मस्त थिरक रही थीं. मैं उनकी चुचियां चूसने लगा. पूनम नीलम भाभी की चुत चूस रही थी.
अब पूनम उठी और मेरा लंड को पकड़ कर रगड़ने लगी. मेरा लंड भी अंडरवियर को फाड़ने वाला था. पूनम ने मेरा अंडरवियर निकाला तो मेरा लंड एकदम से तन कर उसके सामने गुर्राने लगा. पूनम ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी.
पूनम नीचे बैठ गई और उसने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया. मैं खड़ा खड़ा नीलम भाभी के होंठों को चूस रहा था. अब नीलम भाभी नीचे बैठ गईं और पूनम खड़ी हो कर अपनी चुचियां चुसवाने लगी.
नीलम भाभी मेरा लंड चूसने लगीं.
आह… भाभी क्या मस्त होकर रंडी के जैसे लंड चूस रही थीं… बिल्कुल कुल्फी की तरह निचोड़ने में लगी थीं.
मैं भी पूनम की चूचियां दबाते हुए पूरी तरह से निचोड़ रहा था.
कुछ देर बाद पूनम बोली- प्लीज़, आप मेरी फुद्दी चूसो.
मैं बिस्तर पर लेट गया. पूनम मेरे मुँह के ऊपर अपनी चुत को ले आई और मैं उसकी मरमरी चुत को सक करने लगा. नीलम भाभी मेरे लंड को चूसती रहीं.
अब पूनम से बर्दाश्त नहीं हो रहा था. उसने मेरा मुँह अपनी चुत से हटा कर अपनी चुत को मेरे लंड के ऊपर रख दिया. लंड भी पूरी तरह तैयार था. मैंने झटका दे दिया. एक ही झटके में पूनम की चुत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया. मेरा लंड पूरा पूनम की बच्चेदानी तक चला गया था. पूनम अपने होंठ दबा कर कराहने लगी.
दो झटकों में ही अब पूनम अपने चूतड़ों को ऊपर उठा उठा कर मेरे लंड पर मारने लगी. उधर नीलम भाभी ने अपनी चुत को मेरे मुँह पर रख दिया. मैं नीलम की चुत को चूसने लगा.
नीलम के मुँह से सिसकारी निकल रही थीं- प्लीज़ जानू… चूसो मेरी चुत… मेरे पति से मेरी चुत ठंडी नहीं हो पाती… वो चूतिया मुझको मज़ा नहीं दे पाता… आह… मैं चाहती हूँ… कि आज तुम मेरी चुत को ठंडी कर दो… अपनी रांड बना लो…
मुझको भी उनकी गरम बातें सुनकर मज़ा आ रहा था. मैं भी पूरे जोश में था.
पूनम अब तक 2 बार झड़ चुकी थी. अब नीलम भाभी उठीं और भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत के मुँह पर टिका लिया, फिर भाभी एक झटके के साथ लंड के ऊपर बैठ गईं. उधर पूनम ने अपनी चुत को साफ किया और मेरे ऊपर झुक कर अपनी चुचियां चुसवाने लगी. नीलम भाभी ने मेरे लंड के ऊपर उछलना चालू कर दिया और जोर जोर से चुदाई का मज़ा लेने लगीं.
मैंने पूनम को अपने करीब बैठाया और उसकी चुचियां मसलने लगा. नीलम भाभी ने मेरे लंड के ऊपर बैठे बैठे पूनम को भी मेरे सीने पर बैठा कर उसे हग कर लिया और जोर जोर से झटका मारने लगीं.
मैंने भी पूनम की गांड में उंगली करना शुरू कर दी. कुछ देर बाद पूनम हट गई.
अब नीलम भाभी झड़ने वाली थीं, मैं भी झड़ने वाला था, मैंने भाभी से पूछा- भाभी यार… अपना माल कहाँ निकालूँ.
तो नीलम भाभी कहने लगीं- मेरी चुत में ही पिचकारी मारना… तेरा माल को पी कर ही मेरी चुत की गर्मी ठंडी होगी.
मैंने करारे झटके मारे और हम दोनों एक साथ झड़ गए.
नीलम भाभी के चेहरे पर बहुत ख़ुशी थी. अब पूनम और नीलम दोनों तृप्त दिख रही थीं.
मैंने दोनों को नीचे बिस्तर पर लिटाया. दोनों को खूब किस किया. दोनों ही बड़ी खुश थीं.
पूनम बोली- यार तूने आज हम दोनों को अपना लंड का गुलाम बना लिया.
वे दोनों ही मेरे लंड को सहलाने लगीं. कुछ देर हम तीनों ऐसे ही लेटे रहे. थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से मस्ती में आ गया. ऐसे मस्त माल भाभी की नंगी चूत देख कर कोई मर्द लंड कैसे शांत रह सकता था.
अब मैंने पूनम को उल्टा लिटाया और उसके चूतड़ों पर किस करने लगा.
नीलम भाभी नीचे लेट गईं और मैंने अपना लंड नीलम भाभी के मुँह में डाल दिया. अब मैं नीलम भाभी को लंड चुसा कर पूनम की गांड मारना चाहता था.
मैंने पूनम को बोला- यार पूनम अब गांड को मज़ा लेना है.
पूनम और नीलम दोनों ही खुशी से बोलीं- हम भी यही चाहते हैं.
मैंने पूनम को डॉगी स्टाइल में किया और अपने लंड को पूनम की गांड के छेद पर रख कर धक्का दे दिया.
पूनम के मुँह से एकदम से चीख निकली- हाय मर गई… बहुत बड़ा लंड है… प्लीज़ बाहर निकालो… मैं मर जाऊंगी.
तभी नीलम भाभी ने अपनी एक चुची पूनम के मुँह में दे दी. पूनम की आवज चूची के कारण दब कर रह गई. फिर उसने भी नीलम की चुचि चूसना शुरू कर दिया.
मैंने धीरे धीरे अपना पूरा लंड पूनम की गांड में डाल दिया और पूनम के ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगा. पूनम के नीचे नीलम भाभी लेट गईं और पूनम की चुचियां चूसने लगीं.
इस तरह मैं 20 मिनट तक पूनम की गांड मारता रहा. फिर नीलम घोड़ी बन गई और पूनम नीचे हो गई. मैंने अपना लंड नीलम भाभी की गांड के छेद पर रखा और एक ही झटके में पूरा लंड गांड के अन्दर पेल दिया. नीलम भाभी की चीख निकल गई, उनकी आँख से आँसू आने लगे.
मैं थोड़ा रुक गया.
जब नीलम भाभी का दर्द कुछ कम हुआ, तो फिर से गांड चुदाई शुरू कर दी. धकापेल 15 मिनट तक गांड मारने के बाद हम दोनों ही झड़ गए. उधर पूनम ने भी अपनी उंगली से खुद को एक बार और झड़ा लिया था.
उस रात हम तीनों ने कई बार चुदाई का मज़ा लिया. सुबह 6 बजे हम तीनों फ्रेश हुए और मैं चलने लगा.
नीलम भाभी ने मुझको 10000 रूपए दिए और होंठों पर पप्पी दी.
पूनम ने भी मुझे किस किया और चुदाई के लिए थैंक्स बोला.

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Mu Mamuni Toka Kiye Mu Dekhini – ମୁଁ ମାମୁନି ଟୋକା କିଏ ମୁଁ ଦେଖିନି | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/mu-mamuni-toka-kiye-mu-dekhini/ Sun, 23 Jun 2019 05:37:07 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5853 [...]]]> Hi friends mo na mamuni.mora sex prati bahu durbalata.maa mora marijaichi ghare Bhai mu baba o budhi maa.ghara ra Sabu Kama mate karibaku pade.dina bela ghare mu o jeji.bhai 2 ta re college ru ase bapa 8 ta pare office ru asanti.ghare Basi Basi bore hue.tenu mo padisha gara jhia te asi mo pakhare base.kichi Dina misila pare Tara mora pura close heigalu.dine se mate kahila ta boyfriend asiba Tama gharaku mate dekha kariba pain mu Han Kali ta para Dina ta boyfriend au ta sanga asile.se bhitaraku Jai Katha hebe boli kahile semane mo room ku Gale mu baba nka bed sajaduthili ta sanga asi mate madibasila mu birodha karibaru kahila loka asile tu mate dakithilu boli kahibi.tenu loka lajya ku dari chup rahili ta pare se mo night teki mo bia re ta Banda ku press kala mate kasta hela kintu Tara tike pasijibaru se peli peli pureidela o karichalila o bhitare Sabu mala chadidela kahila Tate Kali asi gote medicine debi khaidabu nahele Chua heigiba mu darigali o ta kathare Raji heli mo sanga ku ta bf bi same kahila .next day semane asile o medicine nadei kale o kahile aji ama sanga dokan close thila Kali anibu baharu anile se doubt kariba.next day semane medicine anile o amaku kala pare change karibe boli Katha hele mo sanga birodha karibaru semane medicine debeni boli kahile ta Bata kichi natila ame Raji heli o semane kale medicine dele ame khai sarila pare Katha hei tanku pitilu se bi amaku marile jeji uthibaru semane Gale .
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दोस्त की मौसी के साथ चुदाई की बड़ा मज़ा – Dost Ki Mausi Ke Saath Chudai Ki Bada Maza | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-mausi-ke-saath-chudai-ki-bada-maza/ Sun, 23 Jun 2019 05:36:13 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5855 [...]]]> फिर एक नयी कहानी के साथ मैं रबी आपको otelsan.ru के इसी गन्दी दुनियां में स्वागत करता हूँ । सभी लंड धरी लोगों को मेरे लंड के तरफ से प्रणाम और सभी चुत धरी रण्डिओं को मेरे लंड की सलाम । उम्मीद हे चुत की पानी गरम हो चुकी होगी । ये कहानी पढ़के और भी गरम होने वाला हे तो पढ़िए ये चुदाई की कहानी |
दोस्तों आज जो कहानी में आप सभी के लिए लेकर आया हूँ, यह मेरी पहली सच्ची घटना है। दोस्तों मेरी फेमिली में मेरी मम्मी, पापा और मेरा एक भाई है और यह कहानी मेरी और मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त की मौसी की है, जिसका नाम दिव्या है। दोस्तों दिव्या की उम्र करीब 28 साल थी और उसका एक 4 साल का बेटा भी था।
दिव्या का पति एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता था और उसका चक्कर उसी के ऑफिस की एक लड़की के साथ था और इसलिए वो दिव्या का ज्यादा ख्याल नहीं रखता था और ना ही वो उसके बेटे की परवाह किया करता था, यहाँ तक कि उसे पूरे सात महीने हो गए थे और दिव्या को उसने हाथ भी नहीं लगाया था, लेकिन दोस्तों आख़िर दिव्या भी एक औरत थी और वो सेक्स के बिना कैसे रह सकती थी? फिर भी उसने अपनी मर्यादा को अभी तक नहीं तोड़ा था, लेकिन उसके पति ने एक दिन उससे कहा कि वो अब दिव्या को बहुत जल्दी तलाक दे देगा।

फिर दिव्या उसके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल पागल सी हो गई थी, उसने अपनी बहन मतलब कि विजय की मम्मी स्मिता आंटी को फोन करके सब कुछ बता दिया। फिर स्मिता आंटी और अंकल तुरंत दिव्या के घर पर चले गये। दिव्या बड़ोदा रहती थी, स्मिता आंटी और अंकल ने दिव्या के पति को बहुत कुछ समझाया, लेकिन वो नहीं माना और आख़िर स्मिता आंटी, दिव्या और उसके बेटे को अपने घर पर लेकर आ गई। दिव्या का स्मिता आंटी के सिवा पूरी दुनिया में अब कोई नहीं था। दोस्तों अब में विजय की बात करता हूँ, विजय और में 12th क्लास से साथ है और हम बहुत अच्छे दोस्त है। विजय के परिवार में उसके पापा मम्मी और एक बहन है जो शादीशुदा है। विजय के पापा का कपड़ों का होलसेल बिज़नेस है और विजय भी उनके साथ में काम करता है। दोस्तों विजय के मम्मी, पापा मुझे अपने बेटे की तरह समझते थे, इसलिए में उनके परिवार में एक सदस्य जैसा हूँ और उनको मुझ पर बहुत भरोसा है।

दोस्तों दिव्या के आने के बाद स्मिता आंटी ने दिव्या से मेरी पहली बार मुलाकात करवाई और दिव्या की सभी समस्याए मुझे बताई। फिर मैंने उन्हें थोड़ा विश्वास दिला दिया कि बहुत जल्दी सब कुछ ठीक हो जाएगा। दो महीने ऐसे ही निकल गये और अब दिव्या मेरे साथ एक बहुत अच्छे दोस्त की तरह हो गयी थी, लेकिन हमेशा वो बहुत उदास रहती थी और हर कभी रोती थी और उसकी वजह से स्मिता आंटी भी हमेशा बहुत चिंता में रहती थी। फिर एक दिन विजय का कॉल आया और उसने मुझसे कहा कि मेरे घर पर आओ, तो में उसी शाम को उसके घर पर चला गया। तब विजय ने मुझसे कहा कि क्या तुम मेरे साथ बिज़नेस के काम से मुंबई चलोगे? फिर मैंने उससे कहा कि नहीं मुझे बहुत काम है, इसलिए में तुम्हारे साथ नहीं आ सकता। फिर विजय ने मुझसे कहा कि मेरे पापा भी चार दिनों के लिए दिल्ली जा रहे है और विजय भी तीन दिन के लिए मुंबई जा रहा है, इसलिए उसने मुझसे कहा कि तुम मेरे घर का ख्याल रखना। दोस्तों मेरा और विजय का घर ज्यादा दूरी पर नहीं था, इसलिए मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं आप दोनों आराम से चले जाओ, में घर का पूरा ख्याल रख लूँगा और फिर मैंने आंटी से भी कहा कि अगर आपको कुछ भी काम हुआ तो आप मुझे फोन करना, में चला आ आऊंगा और दूसरे दिन सुबह अंकल दिल्ली चले गये और शाम को विजय मुंबई। फिर करीब 7:00 बजे उसी शाम को आंटी का मेरे पास फोन आया तो उन्होंने मुझसे मेडिकल से कुछ दवाई और मालिश के लिए एक तेल की बॉटल मँगवाई और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि आज रात का खाना हम साथ में बैठकर खायेगें।

फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है और फिर में रात को करीब 9:30 बजे आंटी के घर पर पहुंच गया, हमने सबसे पहले एक साथ बैठकर खाना खाया, लेकिन मुझे दिव्या वहां नजर नहीं आई तो मैंने आंटी से पूछा कि दिव्या कहाँ है? तो आंटी ने मुझसे कहा कि उसकी हालत बहुत खराब है और वो इस समय अपने रूम में है। फिर मैंने उनसे कहा कि तो चलो हम कोई दवाई दे देते है। फिर आंटी ने कहा कि उसे किसी दवाई की ज़रूरत नहीं है और यह सब तुम नहीं समझोगे। दोस्तों में सच में कुछ भी नहीं समझा और में दिव्या के रूम में चला गया और मैंने वहां पर जाकर देखा कि वो अपने बेटे को सुला रही थी और बहुत रो रही थी और बहुत उदास थी। फिर मुझे देखकर वो और भी ज़्यादा रोने लगी और मुझसे यह सब देखा नहीं गया। फिर में वापस हॉल में आंटी के पास आ गया और फिर मैंने आंटी से पूछा कि क्या हुआ? तो आंटी ने कहा कि दिव्या के पति ने दिव्या को तलाक दे दिया है। दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझे भी बहुत दुख हुआ और मैंने देखा कि आंटी भी मुझसे बात करते हुए रोने लगी थी।

फिर मैंने आंटी के कंधो पर हाथ रख दिया और उनसे कहा कि सब ठीक हो जाएगा। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि हाँ अब जल्दी से कोई अच्छे से इंसान के साथ दिव्या की दूसरी शादी करनी पड़ेगी, क्योंकि एक अकेली औरत को हमेशा बहुत मुश्किल होती है। फिर मैंने भी उनकी बात को सुनकर अपने सिर को हिलाकर हाँ कहा और कुछ देर बाद मैंने आंटी से कहा कि में अब अपने घर पर जाता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि मुझे तुमसे एक बहुत ज़रूरी बात करनी थी। फिर मैंने कहा कि हाँ बोलो ना? तो आंटी ने मुझसे कहा कि पहले अंदर रूम में चलो और फिर हम रूम में चले गये। अब आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम दिव्या की थोड़ी मदद करोगे? और तुम्हारे ऐसा करने से हो सकता है कि दिव्या को बहुत खुशी मिलेगी? फिर मैंने तुरंत आंटी से कहा कि ठीक है और में दिव्या की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि सबसे पहले तुम मुझसे वादा करो और फिर मैंने आंटी से वादा किया। तभी आंटी ने मुझसे कहा कि क्या तुम दिव्या के साथ सेक्स करोगे? दोस्तों में आंटी के मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल आशचर्यचकित हो गया और मेरे जिस्म में जैसे करंट सा लग गया। में कुछ देर एकदम चुप रहा। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी यह आप क्या कह रही हो? दिव्या मेरी आंटी जैसी है और में आपके परिवार का एक सदस्य जैसा हूँ और ऐसा कभी नहीं हो सकता। फिर आंटी ने कहा कि देखो बेटा औरत कैसी भी परिस्तिथि में रह सकती है, लेकिन वो सेक्स के बिना क्या करेगी? तुम्हें नहीं पता दिव्या ने पिछले 9 महीने से एक भी बार सेक्स नहीं किया और अब तो उसका तलाक हो गया है, तुम ही बताओ अब वो क्या करेगी? और अगर सेक्स की मजबूरी में उसने किसी ग़लत इंसान के साथ अपना सेक्स सम्बन्ध बनाया तो बहुत बड़ी समस्या होगी और उससे उसकी बहुत बदनामी भी होगी और कोई दिव्या से शादी भी नहीं करेगा और इसलिए बेटा तुम्हारे सिवा कोई और मेरे भरोसे के लायक भी नहीं है, क्या तुम मेरा इतना काम नहीं करोगे? उस समय दिव्या भी पास बैठी रो रही थी और आंटी की आँख में भी आँसू आ गये थे, में सोच रहा था कि क्या करूं क्या जवाब दूँ? दिव्या बहुत रो रही थी, उसका शरीर सामान्य था और बूब्स ज़्यादा बड़े नहीं थे और वो एक बहुत सीधी साधी औरत है।

फिर मैंने दिव्या को देखा और कहा कि प्लीज अब आप रोना बंद करो में कुछ सोचता हूँ। अब स्मिता आंटी ने मुझसे कहा कि दिव्या ज्यादा सुंदर नहीं, इसलिए शायद तुम्हें पसंद नहीं और वो थोड़ी सिंपल भी रहती है। फिर मैंने तुरंत उनसे कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, यह सब बहुत ग़लत है और अगर विजय या अंकल को पता चला तो मेरी दोस्ती भी खत्म हो जाएगी और कोई समस्या होगी तो? फिर आंटी ने मुझसे वादा किया और मुझसे कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। अब मैंने उनसे कहा कि में थोड़ा सोचकर आपको इस बात का जवाब देता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि ठीक है बेटा और फिर में अपने घर पर जाने के लिए निकल गया। में पूरे रास्ते यही बात सोचता रहा कि में उन्हें क्या जवाब दूँ? मैंने आज तक दिव्या को इस नज़र से कभी नहीं देखा था, लेकिन आंटी की वो बात सुनकर अब मेरा भी दिल सेक्स करना चाहता था। दोस्तों मैंने आज तक सिर्फ दो बार एक कॉल गर्ल्स के साथ सेक्स किया था। फिर में घर पर पहुंचकर फ्रेश हुआ और अपने रूम में आकर नाईट ड्रेस पहन रहा था कि तभी मेरे पास आंटी का कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि वो मेरी मम्मी से बात करना चाहती है और मैंने अपनी मम्मी को अपना फोन दे दिया।

फिर आंटी ने मेरी मम्मी से कहा कि प्लीज आप राज को तीन दिन रात को हमारे यहाँ पर सोने के लिए भेज देना, क्योंकि विजय और उसके पापा दोनों ही शहर से बाहर गए हुए है और उनके जाने के बाद घर पर अब हम दोनों बिल्कुल अकेले है और अगर हमारे साथ राज रहेगा तो हमे उसकी वजह से थोड़ी हिम्मत रहेगी, नहीं तो मुझे रात को अकेले बहुत डर लगता है। अब मम्मी ने आंटी से कह दिया कि ठीक है, में अभी उससे कहती हूँ और इतना कहकर उन्होंने फोन कट कर दिया और मम्मी के कहने पर मैंने अपनी नाईट ड्रेस और जीन्स, शर्ट ले लिया और फिर में आंटी के घर पर पहुंच गया। उस समय रात के करीब 12 बजे थे। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि तुम विजय के रूम में जाकर सो जाओ और में रूम में चला गया और नाईट ड्रेस पहनने लगा। फिर उसके बाद में हॉल में आ गया, उस समय आंटी टी.वी. देख रही थी। मैंने आंटी से पूछा कि क्या आप अब तक मुझसे नाराज़ हो? तो आंटी ने मुझसे कहा कि नहीं बेटा में तुमसे बिल्कुल भी नाराज़ नहीं हूँ, वो तो बस मुझे थोड़ी दिव्या की चिंता थी। तभी मैंने उनसे कहा कि सब ठीक हो जाएगा, आंटी में सोच रहा था कि किसी कॉल गर्ल्स के साथ सेक्स करने से तो अच्छा है कि दिव्या की चुदाई की जाए, क्योंकि कॉल गर्ल्स के साथ कभी ना कभी पकड़े गये तो इज़्ज़त की बदनामी होगी और इससे अच्छा है कि आंटी की भी सेक्स कि भूख मिट जाएगी। फिर मैंने देखा कि स्मिता आंटी भी उस समय बहुत उदास थी और उनकी आँख से आँसू भी आ गये थे। मैंने उनके आँसू साफ किए और मैंने उनसे कहा कि ठीक है में तैयार हूँ। फिर आंटी मुस्कुराई और उन्होंने मुझसे किसी को ना बताने का वादा लिया। फिर मैंने उनसे हाँ कहा और वो तुरंत उठकर दिव्या के कमरे में चली गई और करीब दस मिनट बाद वो बाहर आ गई और उन्होंने दिव्या से कहा कि तुम विजय के रूम में चली जाओ और उन्होंने मुझे तेल की बॉटल दे दी और कहा कि तुम थोड़ा इसका ख्याल रखना, दिव्या ने करीब 9 महीने से सेक्स नहीं किया।

दोस्तों में समझ गया और रूम में चला गया और अब मुझे भी सेक्स करना था तो मैंने रूम में अंदर जाते ही रूम को बंद कर लिया और तब मैंने देखा कि दिव्या बिस्तर पर बैठी हुई शरमा रही थी और वो थोड़ी खुश भी थी। मैंने बाथरूम में पानी चेक किया और दिव्या के पास जाकर बैठ गया और सोच रहा था कि अब में कैसे शुरू करूं? दिव्या ने कहा कि अगर थक गये हो तो में हाथ पैर की मालिश कर देती हूँ। फिर मैंने सबसे पहले ना कहा और फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब मैंने भी मन ही मन सोच लिया कि में अब बिल्कुल भी शर्म नहीं करूँगा और मैंने तुरंत अपनी नाईट ड्रेस को उतार दिया और बिस्तर पर लेट गया। फिर दिव्या मेरे हाथ पर मालिश करने के लिए थोड़ा झुकी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके होंठो पर किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और उसका एक हाथ मेरे 7 इंच के लंबे लंड पर था, वो अब धीरे से मेरे लंड को मसलने लगी और में भी उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा। कुछ देर बाद मैंने दिव्या से कहा कि तुम अपने कपड़े उतार दो, तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ी सी शरमाने लगी और फिर उसने अपने कपड़े उतार दिए। फिर मैंने देखा कि उसके बूब्स गोल गोल और थोड़े आकार में ठीक थे और उसकी चूत थोड़ी काली थी, लेकिन उस पर बिल्कुल बाल नहीं थे। फिर मैंने तुरंत उसको अपनी बाहों में खींच लिया और किस करने लगा, उसके होंठो को अब चूसने लगा। दोस्तों दिव्या ज्यादा गोरी नहीं थी, लेकिन उसका फिगर बहुत सेक्सी था।

अब मैंने उसको बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और उसके पूरे जिस्म को किस करने लगा, उसके बूब्स को मैंने बहुत देर तक मसला और बहुत चूसा मैंने इतना ज़ोर ज़ोर से बूब्स को मसला कि वो चिल्ला उठी। मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाली और मैंने महसूस किया कि वो थोड़ी टाईट थी और मैंने अपनी उंगली को थोड़ा ज़ोर से अंदर डाल दिया तो वो चिल्ला उठी, आहहह आईईईईइ में भी अब पागल होने लगा। मैंने उसको कहा कि उल्टी लेट जाओ और वो झट से पलट गई, वाह दोस्तों उसकी क्या गांड थी। उसको देखकर मेरा दिल कर रहा था कि 7 इंच का पूरा लंड अंदर डाल दूँ, लेकिन थोड़ा डर भी लग रहा था। फिर मैंने उससे कहा कि मेरा लंड चूसो तो उसने सबसे पहले मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाया और फिर चूसने लगी और वो बहुत अच्छी तरह से चूस रही थी, जिसकी वजह से में बिल्कुल पागल हो रहा था और कुछ देर बाद मेरे लंड से पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे कहा कि बस करो और अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकाल लिया। फिर मैंने बहुत सारा तेल अपनी उंगली पर ले लिया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करने लगा और उसको भी अब कुछ कुछ होने लगा था, वो सिसकियाँ भरने लगी, अह्ह्ह्हह्ह् ऑश ओह्ह्ह्हह्ह मरी। अब मेरी उंगली उसकी चूत में थी और में उसके होंठो को चूस रहा था और मेरा लंड अब उसके हाथ में था, लेकिन अब मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। फिर मैंने बहुत सारा तेल मेरे लंड पर लगाया और उसके पैरों को फैला दिया, उसकी फूली हुई काली चूत मेरे सामने फैली हुई थी और मैंने देर नहीं की और लंड के सुपाड़े को चूत के छेद के पास रख दिया और थोड़ा सा अंदर की तरफ दबाने लगा तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया और उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी।

फिर मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया तो मेरा लंड थोड़ा और अंदर चला गया, लेकिन अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने ज़ोर से 3-4 धक्के लगाए तो उसके मुहं से ज़रा सी चीख निकली, लेकिन में अब रुकने वाला नहीं था, बस में लगातार धक्के लगाता रहा और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था, उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर लपेट दिए थे और मैंने अपनी स्पीड को और भी तेज करके ज़ोर से धक्के लगाए, इतना ज़ोर से कि वो अह्ह्ह्ह आह्ह करने लगी। उसकी आह्ह्ह की आवाज को सुनकर मैंने अपनी स्पीड को में और भी तेज करके ज़ोर से धक्के देने लगा। मैंने एक दो बार तो इतना ज़ोर से झटका लगाया कि वो चिल्ला उठी, वो बस अब पूरी तरह से मदहोश हो गई थी, में बस झड़ने वाला था। अब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर उठा लिया और 10-12 ज़ोर से धक्के लगाए तो वो चिल्ला उठी और में झड़ गया। हमारी यह चुदाई करीब 14 मिनट तक चली और मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत में निकल गया और में थककर उसके ऊपर लेटा रहा, उसकी आँख से आँसू बाहर आ गये और चेहरे पर संतुष्टि की मुस्कान आ गई। दोस्तों हमने करीब 30 मिनट तक आराम किया और उसके बाद उसने मुझसे कहा कि अब ऊपर से उतर जाओ, मुझे नहाने जाना है। फिर मैंने कहा कि नहीं सुबह नहा लेना और अभी मुझे रात में तुम्हारी दोबारा चुदाई करनी है फिर वो कुछ नहीं बोली और हम दोनों सो गये। सुबह 6 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरे पास वो भी सो रही थी। फिर मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया और चूसने लगा तो इतने में वो भी जाग गई। फिर मैंने उससे कहा कि पहले मेरा लंड चूसो और मेरे ऊपर आ जाओ तो उसने तुरंत उठकर सबसे पहले मेरा लंड हाथ से हिलाया और जब लंड कड़क हुआ तो चूसने लगी, अब में भी तैयार था। मैंने उससे कहा कि ऊपर आओ तो वो ऊपर आ गई, उसने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ा और चूत के छेद पर लगाया और अब वो थोड़ा सा झुक गई तो लंड आधा अंदर चला गया और उसके मुहं से आह्ह्ह्ह की आवाज निकल गई, वो थोड़ा ऊपर हुई तो मैंने ज़ोर से एक झटका लगा दिया और फिर मेरा पूरा लंड अंदर चला गया, वो थोड़ी ज़ोर से चिल्लाती रही और मैंने धक्के लगाना शुरू किया और मुझे मज़ा आने लगा और वो भी अब आहें भरने लगी। फिर करीब पांच मिनट के बाद मैंने उससे कहा कि घोड़ी बन जाओ, तो वो झट से घोड़ी बन गई। दोस्तों में आपको क्या बताऊँ, मुझे उसको घोड़ी बनाकर चोदने में कितना मज़ा आया? में तो पागल की तरह ज़ोर से धक्के लगाने लगा, इतने ज़ोर से कि वो चिल्ला उठी और में एक मिनट रुक गया और वो मेरी तरफ देखने लगी और मैंने उसको सीधा लेटा दिया और उसके पैर फैलाकर फिर से चोदने लगा। फिर पता नहीं क्या हुआ? वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, मुझे थोड़ा सा दर्द हो रहा था। फिर भी में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया और में दस मिनट में झड़ गया। मैंने अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और तब मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि चूत में ज़्यादा चिकनाई नहीं थी तो उस वजह से मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ था। फिर में थककर साइड में सो गया।

फिर सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि दस बज गए थे और में बहुत थक गया था। मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था और में उठकर सीधा बाथरूम में चला गया, फ्रेश हुआ जॉगिंग ट्रॅक और टी-शर्ट पहनी और में जब हॉल में गया तो स्मिता आंटी ने मुझसे कहा कि बैठो में तुम्हारे लिए नाश्ता बना देती हूँ। फिर मैंने पूछा कि दिव्या कहाँ गई? तो आंटी ने कहा कि वो किचन में काम कर रही है, में किचन में चला गया और मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और में उसके बूब्स को दबाने लगा, वो मना करने लगी, लेकिन में फिर भी उसके होंठो को चूसने लगा, वो मुझसे दूर जाने लगी, लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और इतने में स्मिता आंटी भी वहां पर आ गई और वो कहने लगी कि क्यों पूरी रात चुदाई के बाद भी दिल नहीं भरा क्या? तो मैंने कहा कि नहीं में अभी एक बार और चुदाई करूँगा और फिर ऑफिस जाऊंगा। फिर दिव्या मेरी यह बात सुनकर शरमा गई। तब स्मिता आंटी बोली कि धीरे धीरे करना और अगर यह कल रात की तरह चिल्लाएगी तो कोई सुन लेगा और स्मिता आंटी ने दिव्या से मज़ाक में कहा कि तेरी चूत फटने वाली है।

फिर दिव्या शरमाकर बाहर चली गई, लेकिन तभी अचानक मेरे ऑफिस से फोन आया कि कोई जरूरी काम है। मैंने नाश्ता किया और जल्दी से ऑफिस चला गया। दोस्तों मेरा मन ऑफिस में भी नहीं लगा और मुझे सभी जगह दिव्या की चूत और बूब्स दिख रहे थे। मैंने जैसे ही काम ख़त्म किया और खाना खाने के बाद 2:30 बजे में आंटी के घर पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि स्मिता आंटी टी.वी. देख रही है और दिव्या एक किताब पढ़ रही थी। फिर मुझे देखकर दिव्या मुस्कुराई और मैंने उसे इशारा किया कि पास वाले रूम में आ जाओ, तो वो रूम में आ गई। फिर मैंने उसको पकड़कर किस करना शुरू किया, उसने साड़ी पहनी हुई थी तो मैंने उसकी साड़ी को उठाया और उसकी पेंटी को उतारने को कहा, उसने पेंटी को उतार दिया और मैंने बिना देर किए उसको बिस्तर पर लेटा दिया और लंड को चूत में डालकर चुदाई करने लगा औ इस बार दिव्या चिल्लाती रही और मैंने जल्दी में दरवाजा बंद नहीं किया और बाहर खड़ी स्मिता आंटी यह सब देख रही थी, दिव्या जब ज़ोर से चिल्लाई तो स्मिता आंटी ने कहा कि चूत में थोड़ा तेल लगा लो, क्योंकि चूत में बिल्कुल भी चिकनाई नहीं है, लेकिन मैंने एक भी बात नहीं सुनी में और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और चुदाई करते करते उसका ब्लाउज फट गया था। अब मेरा लंड लगातार अंदर बाहर हो रहा था। मैंने इतने ज़ोर से धक्के लगाए कि दिव्या पागल सी हो गई और वो पांच मिनट में झड़ गई। फिर में भी थोड़ी देर बाद झड़ गया और साईड में सो गया। उसने अपनी ब्रा, पेंटी को पहना, साड़ी को ठीक किया और बाहर चली गई। फिर मैंने वहीं पर एक घंटे आराम किया और फिर ऑफिस के लिए तैयार हुआ और वहां से निकल गया ।।

धन्यवाद …

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तीन लंड से चुदाई की बड़ा मज़ा – Tin Lund Se Chudai Ki Bada Maza | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/tin-lund-se-chudai-ki-bada-maza/ //otelsan.ru/xbrasilporno/tin-lund-se-chudai-ki-bada-maza/#comments Sat, 22 Jun 2019 01:46:37 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5845 [...]]]> हेलो, मैं अंजना आप सभी को स्वागत करते हुए मेरे ढेर सारि शुभकामनाएं सिर्फ आपके लिए हे । आप सभी को आज मैं अपनी चुदाई की काहनी बताने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सभी को मजा आएगा । ये चुदाई की कहानी में तीन लंड मिलके मेरे चुत की बरी बरी चुदाई की हे । पढ़िए और मजा लीजिये ।
दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ जो मेरे साथ हुई एक घटना है, मुझे हमेशा से ही सेक्स करने का बहुत शौक था, लेकिन कॉलेज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का मौका नहीं मिला, लेकिन कॉलेज में मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त
बना उसका नाम सतीश है और सतीश ने ही मेरी पहली बार चुदाई की थी और आज तक वो ही मुझे लगातार चोद रहा है और अब मेरी शादी होने के बाद भी उसने मुझे बहुत बार चोदा और इतना ही नहीं उसने मुझे कई बार और भी लोगों से भी चुदवाया। दोस्तों कॉलेज के बाद से में एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगी और सतीश अपना फेमेली का व्यपार देखने लगा, वो मुझे कई बार शहर से बाहर जैसे ऊटी, गोआ जैसी जगह पर ले जाता था, लेकिन वो भी एक शादीशुदा लड़की की तरह ड्रेस पहनाकर जिससे कोई भी हम पर शक ना करे। सतीश ने मुझे कई बार बहुत सारे अजनबियों से चुदवाया जैसे होटल के रूम सर्विस बॉय, ड्राइवर, टूरिष्ट गाईड और उसने मुझे अपनी रंडी बनाकर रखा हुआ था।

दोस्तों पहले मेरे पास एक भी सेक्सी ड्रेस नहीं थी तो एक दिन सतीश में मुझसे कहा कि तुम्हे एकदम सेक्सी दिखना है और उसने मुझे तैयार होने को कहा, उसने मुझसे साड़ी पहनने को कहा और बोला कि में पेंटी और पेटीकोट नहीं पहनू और मेरी साड़ी कमर के नीची बँधे। फिर वो मुझे एक ब्रॅंडेड ड्रेस की शॉप पर ले गया। वहां पर दो लोग थे, वो लोग मुझे एक रूम में लेकर गये और फिर सतीश ने उनसे कहा कि 5 एकदम सेक्सी और बिल्कुल मस्त दिखने वाले ब्लाउज खरीदने है, लेकिन ब्लाउज के पीछे का पूरा हिस्सा खुला होना चाहिए सिर्फ़ बदन पर अटका हुआ होना चाहिए। फिर एक आदमी ने मेरे पूरे जिस्म का नाप लेना शुरू किया और फिर उसने मुझसे मेरी साड़ी का पल्लू हटाने को कहा ताकि वो अच्छी तरह से नाप ले सके। तो मैंने सतीश की तरफ देखा और उसने कहा कि हाँ हटा दो। तो उस आदमी ने सतीश से पूछा कि आगे की तरफ हिस्सा कैसी डिजाईन का चाहिए? तो सतीश ने उससे कहा कि मेरे आधे आधे बूब्स उस ब्लाउज में से बाहर की तरफ दिखने चाहिए वो बहुत ही गहरे गले का होना चाहिए।

तो वो दोनों उसकी बात को सुनकर एक दूसरे की तरफ देखकर स्माइल करने लगे और फिर उनमे से एक ने पूछा कि आपको कितना गहरा गला चाहिए? तो सतीश ने कहा कि उसकी ब्रा की गहराई के बराबर का साइज़ होना चाहिए। तो उसने कहा कि फिर तो हमे ब्रा का नाप लेना पड़ेगा, तब सतीश आगे की तरफ आया और वो मेरे ब्लाउज को खोलने लगा और जब मैंने उसे मना किया तो वो उनके सामने ही मेरे बूब्स को दबाने लगा, लेकिन मुझे अच्छा लगा। तो उसने कहा कि सेक्सी ड्रेस के लिए तो ऐसा भी करना पड़ेगा और अब वो मेरे ब्लाउज को खोलने लगा और फिर ब्लाउज को पूरा उतार दिया फिर उसने ब्रा के ऊपर से अपना एक हाथ अंदर डालकर कहा कि इतना गहरा गला चाहिए। तो वो आदमी मेरे पास आया और उसने मेरे बूब्स को दो बार दबाया जैसे वो किसी चीज को सेट कर रहा हो और इतने में वो दूसरा आदमी आया और मेरे पीछे खड़ा हो गया और उसने मेरी कमर को पकड़ लिया और बोला कि बताओ कितना टाईट चाहिए? और वो मेरा नाप ले रहा था, लेकिन वो बार बार मेरे बूब्स को रगड़ रहा था और मेरे पीछे जो खड़ा था वो मेरे कूल्हों से चिपक रहा था और मुझे उसका खड़ा हुआ लंड महसूस हो रहा था फिर आगे वाले आदमी से सतीश ने कहा कि क्या और थोड़ा गहरा गला दे सकते है क्या? तो सतीश ने कहा कि हाँ क्यों नहीं? तो वो बोला कि, लेकिन अब इस ब्रा को बाहर निकालना पड़ेगा और फिर सतीश ने मुझे देखकर स्माइल दी और उस आदमी से कहा कि निकाल दो और जैसे ही सतीश के मुहं से यह शब्द सुना पीछे वाले आदमी ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और आगे वाले ने उसे खींचकर उतार दिया और वो सब कुछ काम इतना जल्दी हुआ कि में उसके बारे में सोच भी नहीं पाई। तो मैंने अपने दोनों हाथों से अपने एकदम से बाहर आकर झूलते, लटकते हुए बड़े बड़े बूब्स को ढक लिया।

दोस्तों मेरे दिल की पूछे तो मुझे भी अब बहुत मज़ा आने लगा था और अब मेरी चूत भी पूरी तरह से गीली हो गयी थी। तो सतीश ने कहा कि लगता है कि यह शरमा रही है? अब हमे भी अपने अपने कपड़े उतारने चाहिए तभी ठीक रहेगा और फिर उन सभी ने अपने अपने कपड़े उतार दिया और बिल्कुल नंगे होकर मेरे सामने खड़े हो गये। तो सतीश थोड़ा आगे की तरफ आया और उसने मेरे एक हाथ को पकड़कर अपने लंड पर रखा और अब में धीरे धीरे उसका लंड हिलाने लगी। तो यह सब कुछ देखकर वो दोनों भी आगे की तरफ आ गये और मेरे बूब्स को और गांड को दबाने लगे और उन्होंने मेरी साड़ी को पूरी तरह से उतार दिया और अब में उनके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी। उनका लंड मेरे साइड में छू रहा था और उन सबका लंड कम से कम 7 इंच का था, वो लोग मुझे किस करने लगे और मेरे बूब्स को दबाने लगे। तो सतीश ने उन दोनों से कहा कि यह रंडी आज तुम्हारी है तुम दोनों आज इसे जी भरकर चोदो। दोस्तों क्योंकि मुझे सेक्स करते समय गंदी बातें और गाली देना बहुत पसंद है और सतीश यह जानता है इसलिए वो चुदाई करते समय मुझसे गाली देकर ही बात करता है।

फिर उसने मुझे अपने घुटनो पर बैठाया और बोला कि चूस मेरी रांड चूस मेरे लंड को और उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और वो मेरे मुहं को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और एक आदमी नीचे लेटकर मेरी चूत को चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरा बहुत बुरा हाल हो रहा था, लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था। तो उसके बाद दूसरे आदमी ने मेरे बाल पकड़कर खींचकर मुझसे कहा कि साली रांड में क्या तेरी चुदाई के दर्शन के लिए यहाँ पर खड़ा हुआ हूँ, यह मेरा लंड कौन चूसेगा और यह बात कहकर उसने मुझे अपनी तरफ खींचा और अपना पूरा लंड मेरे मुहं में जबरदस्ती घुसा दिया और थोड़ी देर तक ऐसे ही रखा और फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मेरे मुहं को चोदने लगा। दोस्तों में एक बार पहले ही अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी और अब उन्होंने मुझे खींचकर एक सोफे पर लेटा दिया और फिर जो आदमी मेरी चूत को चाट रहा था वो आदमी मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्स को चूसने और काटने लगा और उसका लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था।

अब सतीश आया और उसने मेरे बाल को खींचकर मेरी गर्दन उठाकर मेरे मुहं में अपने लंड को डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा जिसकी वजह से अब मेरी सांसे रुकने लगी, मेरी आखों से आंसू बाहर आने लगे थे, लेकिन उनको तो अपनी हवस को मिटाने की पड़ी थी। फिर उस आदमी ने मेरे दोनों पैरों को मेरी छाती तक घुमाया और अपने लंड को मेरी चूत के मुहं पर ज़ोर से रगड़ने लगा। दोस्तों उसके ऐसा करने से मेरा बहुत बुरा हाल हो रहा था। में अपनी चुदाई के लिए तड़पने लगी थी और मेरी चूत अब लंड के लिए तरस रही थी। मैंने एक ही झटके से सतीश के लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला और उस आदमी से कहा कि प्लीज जल्दी से अंदर डालो मुझसे अब और कंट्रोल नहीं हो रहा और फिर वो अपना पूरा वजन मेरे ऊपर डालकर लेट गया और उसने मेरे बाल को ज़ोर से खींचा, में चीखने वाली थी कि तभी उसने मुझे किस किया और ज़ोर से मेरे होंठो को चूसने लगा और मेरे बालों को और भी ज़ोर से खींचने लगा और उसने कहा कि साली रांड तुझे इतनी जल्दी कैसे? और पहले बोल तू रंडी है, कुतिया है और क्या तू बीच बाज़ार में नंगी चुदवाएगी मुझसे? तो मुझसे और दर्द सहा नहीं जा रहा था और इसलिए मैंने उससे कहा कि हाँ में रंडी हूँ मुझे जहाँ भी लंड दिखता है में वहीं पर नंगी होकर चुदवाती हूँ मुझे बस लंड चाहिए, अब चोद मुझे साले और फिर उसने एक ही झटके में अपना लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया और फिर जैसे ही मेरा मुहं चिल्लाने के लिए खुला तो सतीश ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और मेरे मुहं को चोदने लगा। फिर उस बंदे का लंड अब झड़ने वाला था इसलिए उसने मुझसे कहा कि मेरा निकलने वाला है, तभी सतीश ने मेरे मुहं से अपने लंड को बाहर निकाल दिया और उस आदमी ने आकर अपना लंड पूरा मेरे मुहं में डाल दिया और धीरे धीरे झटके देकर अपना वीर्य निकालने लगा और मुझे उसका पूरा माल पीना पड़ा।

तो सतीश अब मेरे पैरों के बीच में गया और उसने मुझे डॉगी स्टाईल में पलट दिया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। फिर उसने मेरे बाल पकड़कर पीछे की तरफ खींचा और मुझे चोदने लगा। तभी वो दूसरा आदमी आया और उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और वो मेरे मुहं को चोदने लगा। पीछे से सतीश भी मुझे बुरी तरह से चोद रहा था और आगे से वो आदमी मेरे मुहं को चोद रहा था, तब मैंने दूसरी बार अपना माल छोड़ दिया और ऐसा करीब बीस मिनट तक चलता रहा। तभी सतीश ने अपनी स्पीड को बड़ा दिया तो में समझ गयी कि वो भी झड़ने वाला है तभी सतीश ने कहा कि मेरा भी अब निकल रहा है और वो सामने वाला आदमी हट गया और सतीश ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और बोला कि चूस साली कुतिया रंडी कहीं की, पी मेरा माल और उसने अपना पूरा माल मेरे मुहं में डाल दिया और इस तरह उन तीनों ने मुझे शाम के 6 बजे तक लगातार एक एक करके चोदा और कई बार मेरी गांड भी मारी और सतीश ने उसकी एक वीडियो भी बनाई है। तो हम फिर उठे अपने अपने कपड़े पहने और बाहर आ गए। उसके बाद हम दोनों अपने अपने घर पर आ गए। दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी, जिसमे सतीश में मेरी शादी होने के बाद भी उसने मुझे बहुत बार चोदा और दूसरों से भी चुदवाया। में अब उसकी रंडी की तरह उसके कहने पर चलती हूँ और अपनी चुदाई के मज़े लेती हूँ ।।

धन्य

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दोस्त की माँ की चुत चुदाई की दास्तान – Dost Ki Maa Ki Chut Chudai Ki Dastan | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/ //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/#comments Wed, 19 Jun 2019 01:04:10 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5806 [...]]]> hindi sex story, chut chudai ki kahani, aunty ki chudai, dost ki maa ki chudai, dost ki sexy maa ki sex story, hindi sex kahani in hindi font
हेलो दोस्तों, मैं संदीप पंजाब से आपके साथ otelsan.ru पे जुड़ चूका हूँ । आज मैं आप सभी को एक अछि सी कहानी बताने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सब ये कहानी पढ़के बहत एन्जॉय करेंगे । कहानी मेरे खुदकी हे । मेरे दोस्त की एक माँ हे जो की बहत सेक्सी हे उसकी चेहरा हर किसीको दीवाना बना देगा और छोड़ने को मजबूर करदेगा । उसकी वो जबानी को मेने महसूस किया और साथ ही जबानी की भरपूर मजा लुटा । चलिए और कुछ जानकारी के बाद कहानी को आगे ले जाते हैं ।

में जब 21 साल का तब में यूरोप में रहने के लिए आ गया और उसी समय यहाँ पर मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त बना रॉकी, रॉकी का जन्म यूरोप में ही हुआ था और उनका एक रेस्टोरेंट था जिसमें उसके पापा खुद खाना बनाया करते थे।
तो रॉकी ने मेरी मदद करने के लिए मुझे अपने रेस्टोरेंट में काम पर रख लिया और फिर कुछ समय के बाद मुझे करीब रेस्टोरेंट का सारा काम समझ में आ गया था। अब रॉकी के पापा कई बार मुझे वहां पर अकेला छोड़कर अपने कुछ प्राईवेट काम कर लिया करते थे। तो अचानक एक दिन रॉकी के पापा को अपनी कुछ प्रॉपर्टी की वजह से इंडिया जाना पड़ा।

तो अब रेस्टोरेंट पर रॉकी मेरी कुछ मदद करवा दिया करता था और कई बार जब रॉकी स्कूल चला जाता था तो रॉकी की मम्मी मेरी मदद करवा दिया करती थी। दोस्तों आंटी बहुत सुंदर थी, उनका रंग थोड़ा सांवला जरुर था, लेकिन वो एकदम कयामत थी उनकी हाईट करीब 5 फीट 9 इंच और मस्त सेक्सी फिगर, पतली कमर, गदराया हुआ बदन, लेकिन उन्हे देखकर कोई कह नहीं सकता था कि वो एक 20 साल के लड़के की माँ है और उनकी उम्र 35 साल है, लेकिन रॉकी के पापा की उम्र 48 साल थी। तो फिर कुछ दिन बाद अंकल के फोन आने पर रॉकी को भी उसी काम से इंडिया जाना पड़ा और अब में और आंटी अकेले ही पूरे समय रेस्टोरेंट में अकेले होते थे, आंटी भी एक इंडियन औरत थी, लेकिन रेस्टोरेंट में काम करने की वजह से वो ज्यादातर समय जीन्स और टी-शर्ट पहनती थी और जब कभी काम कम होता तो आंटी किचन में मेरे साथ बैठकर बातें कर लेती थी। तो मैंने कभी आंटी को बुरी नज़र से नहीं देखा था और फिर एक दिन आंटी ने बिल्कुल टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी और एक छोटी सी जीन्स, जिस में उनके बूब्स का आकार बहुत अच्छा लग रहा था और वो बहुत बड़े बड़े एकदम गोल दिख रहे थे और उनका थोड़ा सा पेट भी दिख रहा था। तो उस दिन थोड़ा काम कम होने की वजह से आंटी मेरे साथ बातें कर रही थी, लेकिन मेरी नज़र बार बार घूमकर उनके बूब्स पर जा रही थी और इस बात का शायद उनको भी पता चल गया था।

फिर हमने रात को रेस्टोरेंट बंद किया और आंटी जी मुझे अपनी कार से मेरे घर पर छोड़कर अपने घर चली गई। तो मैंने अगले दिन वहां पर पहुंचकर देखा कि उन्होंने एक कुर्ता टाईप कुछ पहना था, जिसमें उनकी छाती एकदम साफ साफ दिखाई दे रही थी और मेरी नज़र एक बार फिर से उनके बूब्स पर ही टिकी रही और कुछ लोगों को खाना परोसने के बाद आंटी जी मेरे पास आ गई और बातें करने लगी। आंटी बहुत खुश लग रही थी। फिर बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने थोड़ा शरमाकर बोल दिया कि में सारा दिन तो रेस्टोरेंट में काम करता हूँ, मेरी कोई गर्लफ्रेंड कैसे बनेगी? तो वो बोली कि हाँ यह बात तो तेरी एकदम ठीक़ है, चल में तेरी थोड़ी मदद कर दूँगी, अब आज से रेस्टोरेंट में जो भी लड़की आए और अगर वो तुझे पसंद आए तो तू मुझे बता देना। तो मैंने शरमाकर कहा कि आंटी जी आप रहने दीजिए में बहुत शर्मिला स्वभाव का हूँ और में किसी से खुलकर बात भी नहीं कर सकता। तो मेरी इस बात पर वो बोली कि हाँ तू सब कुछ जरुर देख सकता है, लेकिन बात नहीं कर सकता। तो उस दिन रेस्टोरेंट में बहुत काम था और उन्हे खाना लेने के लिए बहुत बार किचन में आना पड़ रहा था। तो कई बार काम करते समय मेरा हाथ उनकी गांड को छू रहा था और कई बार उनके बूब्स मेरी कमर को छू रहे थे और शाम को में बहुत थक गया। तो उन्होंने मुझे विस्की का एक पेग बनाकर दे दिया वो चाहती थी कि में अभी थकान ना महसूस करूँ और तेज़ी से काम करूँ, क्योंकि अभी हमे तीन घंटे और काम करना था। तो हमेशा हम तीन लोग काम किया करते थे, लेकिन अंकल और रॉकी के ना होने की वजह से हम सिर्फ़ दोनों ही थे। तो एक घंटे के बाद आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दिया, मैंने वो भी झट से पीकर काम और तेज कर दिया। आंटी जी यह सब देख रही थी और वो मेरे पास आकर बोली कि तुम तो बहुत जल्दी जल्दी काम करते हो और जवान हो, अभी तुम्हारी उम्र है और तुम कौन सा अपने अंकल की तरह बूढ़े हो गए हो? और वो हंसकर चली गई।

तो मेरे पास अब हर आधे घंटे में एक पेग आने लगा और अब तो विस्की ज्यादा, पानी कम और काम के ख़त्म होते होते विस्की ने अपना करतब दिखा ही दिया। अब में कपड़े बदल कर ऊपर आया तो आंटी रेस्टोरेंट बंद करके बोली कि आज तू हमारे घर चल में तुझे आज इंडियन खाना खिलाती हूँ और उनका घर मेरे घर के पास ही था तो मेरा सर घूम रहा था और अब मुझे बहुत ज़ोर से भूख भी लगने लगी थी, तो मैंने हाँ में सर हिला दिया और आंटी मेरी तरफ देखकर हंस पड़ी। फिर घर पर आकर आंटी फ्रेश होने चली गई और जब वो बाहर आई तो वो क्या गजब लग रही थी? उन्होंने एक बहुत सेक्सी सा जालीदार सूट पहना हुआ था जिसमें से उनकी ब्रा साफ साफ दिख रही थी, आंटी मेरे पास आई और हाथ में टावल दिया और मुझसे बोली कि फ्रेश हो जाओ, तो में भी फ्रेश होने बाथरूम में गया तो वहां पर बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी और वहीं पर आंटी की ब्रा और पेंटी लटकी हुई थी। तो उसे देखते ही मेरी नज़र के सामने आंटी के गोल गोल बूब्स घूमने लगे। मैंने जब ब्रा और पेंटी को उठाकर सूँघा तो मुझे बहुत अच्छी खुश्बू आई, लेकिन मैंने डरकर उसे फिर वहीं रख दी। तो कुछ देर के बाद मैंने बाहर आकर देखा तो आंटी हमारे लिए टेबल पर खाना लगा रही थी और खाना लगाते वक़्त वो थोड़ा झुक रही थी तो मुझे उनके बूब्स पूरे दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया। फिर आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दे दिया, लेकिन पेग बहुत तेज था और में पहले से भी बहुत पी चुका था।

मैंने अब मुश्किल से वो पेग खत्म किया और मैंने आंटी से खाना खाने के लिए बोला और फिर हम खाना खाने लगे, लेकिन मेरी नज़र आंटी के बूब्स पर बार बार जा रही थी और हमें खाना खाते खाते 12 बज चुके थे और जब में खाना खाकर और अपने सभी कामों से फ्री होकर में जाने के लिए उठा तो ज्यादा पीने की वजह से में थोड़ा हिल सा गया। तभी आंटी मेरे पास आई और उन्होंने मेरे हाथ को पकड़कर मुझे सहारा दिया और उस वक़्त मेरा हाथ आंटी के बूब्स पर था, तो आंटी मुझसे बोली कि संदीप आज तू यहीं पर सो जा, तुझसे चला भी नहीं जाएगा और इससे पहले कि में कुछ कहता आंटी बोली कि और अगर तुझे चोट लग गयी तो रेस्टोरेंट का ध्यान कौन रखेगा? और आंटी मुझे अपने बेडरूम में ले गयी और मुझे एक बरमूडा और टी-शर्ट लाकर दी जो कि रॉकी की थी। फिर दारू ज्यादा होने की वजह से मुझसे वो पहना भी नहीं जा रहा था। तो आंटी मेरी मदद करवाने लगी और पेंट उतारते वक़्त आंटी ने मेरे लंड को छुआ और महसूस किया और वो उनके स्पर्श से एकदम तनकर खड़ा हो गया, लेकिन में अभी भी अंडरवियर में ही था तो मेरा लंड खड़ा होते ही आंटी ने उसे पकड़ लिया और बोली कि वाह! इतना बड़ा? दोस्तों मेरा लंड 7 इंच का है। तो उन्होंने कहा कि मैंने इतना बड़ा लंड तो कभी भी नहीं देखा फिर आंटी ने मेरे लंड को अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और मुझे धक्का देकर बेड पर बैठा दिया और वो मेरे लंड से खेलने लगी और मुझे भूखी नज़रों से देखने लगी और मुझे किस करने लगी और शायद उन्हे अच्छी तरह से पता था कि कौन सी किस कैसे करनी है? शायद उन्हे इन सब कामों बहुत अनुभव था। फिर आंटी ने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रखा और वो मुझे फ्रेंच किस करती रही। आंटी के बूब्स बहुत बड़े बड़े और सख्त थे, जैसे बहुत समय से किसे ने उन्हे छुआ ना हो और आंटी मुझे पूरे शरीर पर किस करने लगी। फिर मेरी छाती से होते होते उन्होंने मेरे लंड को मुहं में डाल लिया और बहुत टाईम तक उसे लोलीपोप की तरह चूसने के बाद उन्होंने मुझे अपने बूब्स को चूसने को कहा। तो मैंने भी उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसकर पूरा रस लिया और फिर उन्होंने मुझे अपनी चूत को किस करने को कहा और जब मैंने जैसे ही किस किया तो मैंने महसूस किया कि वो एकदम गीली थी और मुझे उनके पानी का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था।

तो में इससे पहले कुछ कहता उन्होंने मेरा सर पकड़कर अपनी चूत से चिपका दिया और कहने लगी कि चाटो मेरी चूत को और फिर कुछ 15 मिनट तक में उनकी चूत को चाटता रहा। तभी उनकी चूत का पानी निकल गया जो सारा मेरे मुहं पर लग चुका था। तभी उन्होंने मेरे मुहं को पकड़ा और चाटने लगी, लेकिन आंटी की प्यास अभी भी नहीं बुझी थी और वो मुझे किस करती रही। फिर वो मेरे लंड को देखकर मुस्कुराई और बोली कि आ जाओ मेरे बच्चे अब दिखाओ अपना कमाल और वो अपने दोनों पैरों को फैलाकर एकदम सीधी लेट गयी। तो मैंने लंड को चूत पर रखा और एक जोरदार धक्के से उसे अंदर डाल दिया और करीब 7-8 मिनट तक लगातार धक्के देने के बाद में अपनी मंज़िल पर पहुंच गया और मैंने अपने धक्कों को धीरे कर दिया और अपना वीर्य उनकी प्यासी चूत में बूंद बूंद करके टपकाने लगा, लेकिन तभी आंटी ने लंड को एक झटका देकर चूत से बाहर निकाला और वो मेरे लंड पर लगा हुआ सारा वीर्य चाट गयी और उन्होंने मेरे लंड को बहुत अच्छी तरह से साफ कर दिया और हमने सारी रात बिना कपड़ो के बिताई और उसी रात को मैंने तीन बार आंटी की प्यास बुझाई और अगले दिन में उनसे बात करते समय उनकी आखों में आखें नहीं डाल रहा था। मुझे उनसे बहुत डर लग रहा था।

तभी आंटी ने मुझे अपने पास बुलाया और कहा कि हमारे बीच कल रात जो कुछ हुआ सब कुछ अच्छा हुआ, लेकिन इस राज को बस हम दोनों ही अपने पास छुपाकर रखेंगे वरना यह बात अगर किसी को पता चल गई तो तुम्हारी जॉब भी जाएगी और में भी फंस जाउंगी और उसके बाद मैंने जब तक अंकल, रॉकी नहीं लौटकर आए, मैंने बहुत दिनों तक आंटी को चोदा और उनकी चूत के साथ साथ उनकी वर्जिन गांड के भी मज़े लिए और उन्हे उन दिनों बहुत जमकर चोदा। अब हम दोनों मौका मिलते ही एक दूसरे के पति, पत्नी बन जाते है और अब आंटी के कहने पर मेरी सेलेरी भी बहुत अच्छी हो गई है। अब हम दोनों छुप छुपकर बहुत मज़े करते है और हमें एक दूसरे के साथ रहना बहुत अच्छा लगता है ।।

धन्यवाद …

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आंटी की सजा में मिला बड़ा मजा – Aunty Ki Saja Me Mila Bada Maja | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/aunty-ki-saja-me-mila-bada-maja/ Sun, 16 Jun 2019 01:30:20 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5733 [...]]]> हेलो दोस्तों मेरा नाम मोन्टी हे । मैं आपको अपना कहानी बताने जा रहा हूँ । दोस्तों यह कहानी इस दिसम्बर महीने की ही है जब मैंने अपने सबसे करीबी दोस्त की भाभी को चोदा और उस दिन से वो चाहती है कि वो हर रोज मुझसे चुदे। मेरे दोस्त का नाम करन है और जब से वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता था.. तब से हम पक्के दोस्त है। अक्सर हमारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था और धीरे धीरे हमारे फेमिली जैसे सम्बन्ध हो गये थे।
उसके घर में वो उसके मम्मी, पापा उसका भाई, भाभी और उनकी दो छोटी लड़कियां रहती थी। करन के पापा एक सरकारी नौकर थे और उसकी माँ ग्रहणी थी.. उसका भाई किसी प्राईवेट कंपनी में काम करता था और मेरा दोस्त सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था और में भी उसके साथ ही तैयारी कर रहा था और साथ में नौकरी भी करता था और हम अधिकतर एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे।

उसका भाई भी मेरा अच्छा दोस्त बन गया था.. उसका नाम समीर था और उसकी उम्र करीब 34 साल थी और भाभी का नाम नयना था और उनकी उम्र 32 साल थी.. लेकिन उन्हें एक बार देखकर कोई बोल नहीं सकता कि यह दो बच्चे की माँ होगी। उनका फिगर 36-26-38 था। भाभी दिखने में एकदम मस्त थी और वो हमेशा गुजराती साड़ी ही पहना करती थी और साड़ी के नीचे उनका वो टाईट फिटिंग वाला ब्लाउज और उसमे कसे हुए बूब्स एकदम मस्त दिखते थे और खुली कमर एकदम गोरी गोरी दिखती थी। में जब भी उनके घर जाता तो वो कुछ ना कुछ काम कर रही होती थी.. कभी कभी में देखता जब वो पोछा लगाती तो उस समय साड़ी में से उनकी बड़ी भारी गांड दिखती थी.. लेकिन मैंने कभी उनके बारे में ग़लत नहीं सोचा था और में हमेशा उनको भाभी की तरह ही देखता था क्योंकि करन की माँ मुझे बेटे की तरह रखती थी। भाभी की दोनों बेटियाँ स्कूल में पढ़ती थी और घर से स्कूल थोड़ी ही दूर पर था इसलिए मेरा दोस्त रोज उनको स्कूल छोड़ने और लेने जाता था।

थोड़े दिन बाद मेरा दोस्त नई स्कूटी लेकर मेरे घर पर आया तो मैंने पूछा कि अरे यह किसका उठाकर ले आया? तो बोला कि नया लिया है और उसका नंबर 1001 लिया था। एक दिन में जब उनके घर गया तो उसका भाई समीर भाभी को स्कूटी सिखा रहा था.. तो मैंने बोला कि वाह भाभी आप तो सीख गई? तो वो बोली कि हाँ सीखना तो पड़ेगा ही ना फिर बच्चो को स्कूल छोड़ने और लाने में कभी ज़रूरत पड़ जाए। तो मैंने बोला कि यह सही बात है। फिर थोड़े दिन बाद मेरे दोस्त ने कॉल सेंटर में नौकरी ढूँढ ली और जब में उनके घर जाता तो कभी कभी वो घर पर नहीं मिलता.. वो नौकरी पर ही होता था.. क्योंकि उनकी शिफ्ट चेंज होती रहती थी.. इसलिए मैंने देखा कि भाभी ही बच्चों को छोड़ने जाया करती थी। यह एक महीने पहले की ही बात है जब में बाज़ार में कुछ शॉपिंग करने गया था और फिर में पार्किंग में बाईक पार्क करने गया तो मैंने देखा कि 1001 नंबर वाली स्कूटी खड़ी हुई थी। तो मैंने सोचा कि शायद करन भी आया होगा और मैंने उसे कॉल किया.. लेकिन उसने नहीं उठाया। तो मैंने सोचा कि वो अंदर ही होगा तो मिल जाएगा और में मॉल के अंदर गया और बहुत ढूँढा.. लेकिन वो नहीं मिला। फिर मैंने शॉपिंग के बाद जब बिल के लिए लाईन में गया तो बहुत लंबी लाईन थी और में लाईन में खड़ा रहा। तभी थोड़ी देर बाद मेरी नज़र पास वाले बिल काउंटर पर गयी.. उस लाईन में नयना भाभी खड़ी थी.. लेकिन वो दूर थी तो मैंने उन्हे बुलाने की कोशिश नहीं की और वो बिल बनाकर बाहर निकली। तो मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ में खड़ी थी और बातें कर ही थी। फिर वो लड़का पार्किंग से अपनी कार लेकर आया और भाभी उसमें बैठ गई और उसके साथ चली गई और में जब पार्किंग में गया तो स्कूटी वहीं पर खड़ी थी। तो मैंने सोचा कि वो कोई रिश्तेदार होगा और वो उनके साथ कहीं गई होगी और मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर थोड़े दिनों बाद में शाम को करीब 7 बजे उनके घर गया तो सब लोग घर पर थे सिर्फ़ करन नौकरी पर गया हुआ था। फिर उनके पापा ने मुझे बैठने को बोला और में सोफे पर बैठ गया.. मेरे पास में समीर बैठा था और भाभी सब्जी काट रही थी और उनकी मम्मी किचन में थी। फिर भाभी उठकर मेरे लिए पानी लेकर आई तो मैंने उनको धन्यवाद बोला और वो किचन में चली गयी। फिर जब वो वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि भाभी थोड़े दिन पहले मैंने आपको बिग बाज़ार में देखा था? तो वो चोंक गयी और मेरी तरफ देखती रही.. मैंने कहा कि आप बिल की लाईन में थी। तो वो मेरी तरफ देखने लगी और उतने में समीर ने पूछा कि कब? तो मैंने कहा कि थोड़े दिन पहले उतना कहते कहते मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो मुझे इशारे से होंठ पर उंगली रखकर कह रही थी कि कुछ मत बोलो.. चुप रहो। फिर मुझे लगा कि शायद कुछ गड़बड़ है तो मैंने तुरंत ही बात पलट दी और बोला कि भाभी आपने लाल कलर की ड्रेस पहनी थी न उस दिन। तो समीर बोला कि यह तो कभी ड्रेस पहनती ही नहीं। फिर मैंने बोला कि तो शायद कोई और होगी.. लेकिन वो तुम्हारे जैसी ही दिखती थी। तो समीर बोला कि क्या यार तू भी? फिर हमने थोड़ी देर बातें की और फिर मैंने कहा कि में चलता हूँ और में घर पर आ गया। तो दूसरे दिन दोपहर को मेरे फोन पर एक अनजान मोबाईल नंबर से कॉल आया। मैंने रिसीव किया और मैंने बोला।

में : हैल्लो और सामने कोई लड़की थी।

लड़की : हैल्लो।

में : हाँ कौन?

लड़की : क्या आप में बोल रहे हो?

में : हाँ आप कौन?

लड़की : में नयना।

में : कौन नयना?

लड़की : अरे यार में करन की भाभी।

में : ओह्ह हाँ भाभी बोलिए.. सॉरी में आपकी आवाज़ पहचान नहीं पाया.. हाँ बोलिए बोलिए।

नयना : सुनो तुमने बिग बाज़ार में मुझे ही देखा था.. वो प्लीज किसी को मत बताना।

में : हाँ वो उस दिन आप मुझे इशारे से मना कर रही थी ना नहीं बताने के लिए।

नयना : हाँ वो प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा किसी को भी।

नयना : और करन को प्लीज कुछ मत बोलना.. जो हमारी बात हुई उसके बारे में।

में : ठीक है भाभी ठीक है.. लेकिन मुझे तो बताओगी कि तुम घर वालों से क्या छुपा रही हो?

नयना : नहीं कुछ नहीं.. लेकिन तुम प्लीज किसी को मत बताना।

में : लेकिन मुझे तो बताओ में किसी से कुछ नहीं कहूंगा।

नयना : प्लीज समझो में तुम्हे नहीं बता सकती.. लेकिन यह बात प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन तुम्हे मुझे बताना होगा कि तुम क्या छुपा रही हो? और में वादा करता हूँ कि किसी को नहीं बताऊंगा।

नयना : बहुत लंबी कहानी है बाद में बताउंगी।

में : नहीं भाभी पहले मुझे बताओ।

नयना : बाद में तुम्हे सब कुछ विस्तार में बताउंगी ।

में : लेकिन.. थोड़ा तो बोलो क्या बात है?

नयना : लेकिन.. प्लीज यह किसी को मत बताना।

में : भाभी आपसे जो वादा किया है नहीं तोडूंगा।

नयना : ठीक है सुनो जब तुमने मुझे माल में देखा था.. उस वक्त तुमने क्या देखा था?

में : आप बिल बनवा रही थी और फिर आप किसी के साथ कार में बैठकर चली गयी।

नयना : हाँ वो किसी को मत बताना कि में किसी के साथ कार में गयी थी।

में : ठीक है.. लेकिन वो कौन था जो तुम्हारे साथ था?

नयना : वो मेरा कॉलेज का दोस्त था।

में : तो उसमे छुपाने वाली क्या बात है?

नयना : हाँ लेकिन प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन अगर तुम्हारे घर पर किसी को पता चल गया तो?

नयना : पिछले तीन साल से हम मिल रहे है.. लेकिन आज तक किसी को पता नहीं है।

में : ओह भाभी मतलब वो तुम्हारा बॉयफ्रेंड है?

नयना : तुम जो भी समझो..।

में : ठीक है भाभी.. लेकिन मुझसे वादा करो कि आप मुझे उससे मिलवावोगी?

नयना : तुम क्या करोगे उससे मिलकर?

में : कुछ नहीं में भी तो देखूं आपका बॉयफ्रेंड कैसा है?

नयना : ठीक है बाद में।

में : ठीक है।

नयना : ठीक धन्यवाद और बाय।

में : बाय।

फिर मैंने रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तीन साल से इससे मिल रही है और किसी को पता नहीं है और घर पर इतनी भोली बनती है और बाहर बॉयफ्रेंड के साथ घूमती है। फिर मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं.. उसकी ज़िंदगी है वो कुछ भी करे मुझे क्या और में सो गया। सुबह उठा तो मैंने देखा कि मेरे मोबाईल पर मैसेज आया और मैंने खोला तो वो मैसेज भाभी के नंबर से था और अंदर धन्यवाद लिखा था। फिर दो दिन बाद वापस भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे कहा कि अगर तुम्हे मेरे बॉयफ्रेंड से मिलना हो तो बिग बाज़ार की पार्किंग में आ जाओ। तो में वहां पर गया.. लेकिन वहां पर कोई नहीं था सिर्फ़ भाभी की स्कूटी पड़ी थी और भाभी कहीं पर दिख नहीं रही थी। तभी थोड़ी देर बाद एक कार आई और भाभी उसमे से उतरी में तो देखता ही रह गया। भाभी ने छोटी स्कर्ट और टॉप पहना था और मैंने आज तक भाभी को ऐसे कपड़ो में नहीं देखा था। फिर भाभी ने मुझे हैल्लो कहा और मैंने भाभी को फिर उसने अपने बॉयफ्रेंड को बुलाया और मुझसे मिलवाया।

नयना : में, यह पीयूष, और पीयूष यह मोन्टी।

में : हाय।

पीयूष : हाय क्या तुम नयना के दोस्त हो?

में : नहीं में उनके देवर का दोस्त हूँ।

पीयूष : ठीक ठीक है।

नयना : ठीक है मोन्टी हो गयी बात।

में : हाँ भाभी।

नयना : ठीक है तो अब में चलती हूँ।

में : ठीक है।

नयना : बाय।

में : बाय।

पीयूष : बाय मोन्टी।

में : बाय

फिर और वो लोग कार में बैठकर चले गये में तो भाभी को ऐसे कपड़ो में देखता ही रह गया और सोचने लगा कि भाभी घर पर कितनी भोली भाली दिखती है और यहाँ पर अय्याशी कर रही है और वो बात घर पर किसी को पता नहीं है। तो करीब 2 घंटे के बाद भाभी के नंबर से कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि क्या तुम हमारे साथ फिल्म के लिए चलोगे? तो मैंने कहा कि कहाँ? तो उन्होंने सिनेमा का पता दिया और में वहां पर चला गया.. लेकिन भाभी तब साड़ी में थी जो वो अक्सर घर पर पहनती है और फिर में सोचने लगा कि भाभी ने कपड़े कब चेंज किए? तभी थोड़ी देर में फिल्म शुरू हो गयी और मेरे पास में पीयूष बैठा था और उसके पास भाभी थी। फिर इंटर्वल के टाईम भाभी ने बोला कि में क्या तुम्हे कुछ चाहिए तो बोलो? में बाहर जा रही हूँ.. कुछ खाने का लेकर आती हूँ। तो मैंने बोला कि चलो भाभी में भी आता हूँ।

तो मैंने कहा कि पीयूष तुम भी चलो.. लेकिन पीयूष ने बोला कि नहीं तुम हो आओ में यहीं पर बैठा हूँ और हम बाहर गये तो भाभी ने बोला कि यह लो पैसे जो लेना हो ले लो में वॉशरूम जाकर आती हूँ और हाँ यह मेरा मोबाईल रखो और वो मुझे मोबाईल देकर अंदर चली गई। तो मैंने मोबाईल मेंर देखा तो पीयूष के मैसेज थे। मैंने बहुत सारे मैसेज पढ़े.. लेकिन कुछ नहीं मिला नॉर्मल शायरीयां थी और चुटकुले थे.. लेकिन एक फोल्डर था नयना के नाम का.. मैंने वो खोला तो अंदर अलग अलग फोल्डर थे और अलग अलग लड़को के नाम लिखे थे.. मैंने थोड़े चेक किए और देखा तो मुझे पता चला कि सारे मैसेज सेक्स चेट के मैसेज थे और सारे मैसेज का टाईम रात का था। फिर मुझे समझ आया कि भाभी रात को लड़को से मैसेज पर सेक्स चेट करती है और मैंने घर जाकर रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तो बड़ी चालू लगती है.. लेकिन घर पर किसी को पता नहीं। तो मैंने सोचा कि अगर घर पर पता चला तो क्या होगा? फिर मैंने सोचा कि जो भी हो मुझे क्या? फिर मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया कि में भी भाभी को रात को मैसेज भेजता हूँ। फिर मैंने उस रात ही मेसेज किया तो उनका भी मेसेज आया। मैंने बोला क्या कर रही हो तो वो बोली कि कुछ नहीं बस अब नींद आ रही है। मैंने बोला ठीक है और उन्होंने गुड नाइट का मेसेज भेज दिया। मैंने सोचा कि ऐसा क्यों किया।

फिर मैंने अगले दिन एक नया नंबर ले लिया और उस नंबर से मेसेज किया, पहले रिप्लाइ नहीं आया फिर मैंने दूसरा मेसेज भेजा तो उनका मेसेज आया कि तुम कौन हो? मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त तो उन्होंने नाम पूछा मैंने दूसरा नाम बताया और उन्होंने बाय का मेसेज भेज दिया.. फिर मैंने कहा दोस्त नहीं तो क्या हुआ? थोड़ी देर क्या हम चेट कर सकते है। तो पहले उन्होंने मना किया फिर मान गयी. और धीरे धीरे हमने सेक्स चेट शुरू किया.. तुम मनोगे नहीं इतना मस्त सेक्स चेट किया उन्होंने.. जिससे मेरा ऐसे ही निकल गया। फिर रोज रात को हम सेक्स चेट करते रहे और उन्होंने मुझे मिलने बुलाया फिर मैंने कहा ठीक है और हम मॉल मे मिले तो वो मुझे देखती ही रह गयी और बोली में तुमने ये सारे मेसेज किए थे? मैंने कहा आप तो मेरे नंबर पे रिप्लाई नहीं करती तो मे क्या करूँ.. फिर थोड़ी देर नाराज़ हो गयी और फिर मान गयी लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि तुम किसी को कुछ भी नहीं बतावोगे। मैंने कहा ठीक है। फिर रात को हमने चेट किया और उसमे मैंने भाभी को पूछा कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी तो उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया और बोली के नहीं में समीर के अलावा किसी से नहीं करती, मैंने कहा ठीक है फिर भी कभी मन हो तो मुझे बोल देना.. क्योंकि आप मुझे बहुत पसंद हो तो वो बोली ठीक है. और फिर गुड नाइट करके सो गये फिर एक दिन भाभी ने मुझे कॉल किया और बोली कि क्या तुम मूवी देखने चलोगे? मैंने कहा कौन कौन है? तो वो बोली के में तुम और एक फ्रेंड है। मैंने कहा कौन पीयूष? वो बोली नहीं कोई और है और उसने मुझे नये फ्रेंड से मिलवाया और कहा कि ये मेरे कालेज का फ्रेंड है। मैंने सोचा कि क्या सारे कालेज के फ्रेंड ही है। उसके बाद मे समझ गया कि ये हर किसी के साथ भी चालू हो जाती है और नयना ने मुझे बोला के पीयूष को मत बताना.. ये सब बातें हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए। मैंने कहा ठीक है और फिर हम मूवी देखकर जब वापस आए तो मुझे नींद नहीं आई.. में रात भर सोचता रहा कि आख़िर भाभी क्यों सबको अपना कालेज फ्रेंड बोलती है। फिर दूसरे दिन मैंने करीब सुबह 11:30 पर भाभी को कॉल किया तो मैंने पूछा कि कहाँ पर हो? तो वो बोली कि में बच्चो को स्कूल छोड़ने आई हूँ। मैंने पूछा कहाँ पर? तो वो बोली तुमने स्कूल नहीं देखा क्या? मैंने कहा हां.. तो भाभी बोली कि अगर आ सकते हो तो आ जाओ मैंने बोला क्यों तो भाभी बोली कि में शॉपिंग जा रही हूँ.. तो मैंने बोला कि शॉपिंग तो बाद में भी जा सकते हो? तो भाभी बोली कि क्यों बाद में? तो मैंने कहा कि अभी अगर आप चाहो तो मेरे फ्लेट पर आ सकते हो और फिर हम कुछ देर के बाद में शॉपिंग जाएगे। तभी वो बोली कि ठीक है में अभी आती हूँ और जब वो आई तो मैंने देखा कि उन्होंने हल्के पीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वैसा ही ब्लाउज भी।

मैंने उन्हे अंदर बुलाया और वो आकर सोफे पर बैठ गई और फिर मैंने उन्हें पीने का पानी दिया। तभी वो बोली कि क्या यह तुम्हारा घर है? मैंने कहा कि नहीं यह मेरे फ्रेंड का घर है.. तो बोली कि वो कहाँ है? तो मैंने कहा कि वो नौकरी पर गया है। फिर वो बोली कि तुम्हारा फ्रेंड कब तक आएगा? तो मैंने कहा कि रात को 8 बजे और मैंने कहा कि करन का एक दोस्त भी यहीं पर इसी फ्लेट में रहता है। तभी वो बोली कि अगर उसने मुझे देख लिया तो क्या होगा? तभी मैंने कहा कि में दरवाज़ बंद कर लेता हूँ और यह कहकर मैंने दरवाज़ बंद कर दिया और मैंने कहा कि भाभी मुझे तुमसे कुछ बातें पूछनी है.. लेकिन अगर आप बुरा ना मानो तो? वो बोली कि ठीक है पूछो। तो मैंने कहा कि क्या यह सब तुम्हारे असली कॉलेज फ्रेंड है?

तो वो बोली कि हाँ.. क्यों? मैंने कहा कि नहीं.. क्योंकि जो दोनों फ्रेंड से में मिला दोनों की उम्र करीब 38-40 के आस पास है.. वो लोग कैसे तुम्हारे कॉलेज फ्रेंड हो सकते है? वो बोली कि है तो है। फिर मैंने कहा कि भाभी आप मुझसे क्यों छुपाती हो? और में कहाँ किसी को बताने वाला हूँ? तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन तुम किसी को बताओगे तो नहीं? और अगर नहीं बताओगे तो में तुम्हे बता दूंगी कि यह सब झूठ मैंने तुमसे क्यों बोला? तभी मैंने कहा कि हाँ बताओ में किसी को नहीं बताऊंगा.. तो वो बोली कि ठीक है.. एक दिन जब में सुबह सुबह करन के कमरे में उसे उठाने के लिए गयी तो मैंने देखा कि वो सिर्फ़ टावल में सोया हुआ था और गहरी नींद में उसे पता नहीं था कि उसका टावल पूरा खुल गया था और मैंने उसे देखा तो उससे अंडरवियर में से साईज़ इतना बड़ा दिख रहा था कि में देखती ही रह गयी। तभी मैंने कहा कि तो उसमे क्या हुआ? तो वो बोली कि फिर मुझे मालूम पड़ा कि हर एक आदमी का साईज़ अलग अलग होता है। तो मैंने कहा कि हाँ वो तो होता ही है क्यों तुम्हे नहीं पता था?

तो वो बोली कि नहीं मुझे समीर बता रहे थे कि सबका एक ही साईज होता है.. लेकिन जब मैंने करन का देखा तो पता लगा कि यह तो समीर से भी बहुत बड़ा है और मैंने कई बार करन को लाईन देने की कोशिश की.. लेकिन उसने मुझे भाव नहीं दिया और मुझे बहुत डर लगता था कि अगर में उससे सीधा बात करूंगी तो कहीं वो समीर या पापा को ना बता दे.. इसलिए मैंने सोचा कि करन नहीं तो कोई और सही और में लगातार मॉल में जाती रही जिससे कि कहीं कोई हॅंडसम मिल जाए और एक दिन मुझे पीयूष मिल गया और मैंने उस के साथ बहुत एंजाय किया.. लेकिन जब मुझे लगा की नये टेस्ट में ज़्यादा मज़ा है तो मैंने फिर चेटिंग से बहुत फ्रेंड बनाए और बहुत से मिली भी हूँ.. लेकिन करन जैसा आज तक मुझे नहीं मिला। तभी मैंने कहा कि भाभी अगर आप बुरा ना मानो तो में एक बात कहूँ? तो वो बोली कि हाँ बोलो.. तो मैंने कहा कि क्या आप सच में करन से चुदना चाहती हो? तो वो बोली कि हाँ.. लेकिन यह मुमकिन नहीं है। फिर मैंने कहा कि में मुमकिन बना दूँगा.. तो वो बोली कि ठीक है तुम ट्राई करो.. लेकिन कहीं में ना फंस जाऊँ? तो मैंने कहा कि मेरा वादा है आपको कुछ नहीं होगा.. फिर उन्होंने बोला कि धन्यवाद। तभी मैंने कहा कि भाभी और कभी मुझे भी मौका दोगी या नहीं? तो वो बोली कि बाद में.. तो मैंने कहा कि.. लेकिन अभी यहाँ पर कोई भी नहीं है। तो वो बोली कि मुझे घर पर भी जाना है.. मैंने कहा कि प्लीज सिर्फ़ 10 मिनट.. तो वो बोली ठीक है और हम बेडरूम में चले गये और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.. उन्होंने अपनी साड़ी को उतारना शुरू किया। तो मैंने कहा कि रूको भाभी मुझे उतारने दो ना। तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन थोड़ा जल्दी करो और फिर मैंने फटाफट उनकी साड़ी को उतार दिया और उन्हें देखता ही रह गया। उनके वो बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में भी नहीं समा रहे थे और मैंने कहा कि भाभी क्या इसे भी खोल दूँ? तो वो बोली कि हाँ और यह कहते कहते मैंने मेरा मुहं उनके बूब्स पर दबा दिया और मैंने कहा कि भाभी तुम्हारे बूब्स बहुत मस्त है।

तभी वो बोली कि जल्दी करो मुझे घर पर जाना है.. मैंने जल्दी से उनका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी जो बिल्कुल सफेद थी और एकदम सिल्की मैंने उसे हाथ लगाया तो मेरा लंड एकदम टाईट हो गया। तो वो बोली कि तुम्हारे भी कपड़े उतारो.. मैंने अपनी टी-शर्ट और पेंट को उतार दिया। अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और उन्होंने अपना हाथ मेरे पंड पर रख दिया और बोली कि यह तो पीयूष से भी बड़ा है। तो मैंने कहा कि हाँ तुम्हे देखकर और भी बड़ा हो गया है.. वो बोली कि अब जल्दी करो और फिर मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनकी ब्रा खोल दी और बूब्स चूसने लगा और वो सिसकियां लेने लगी आअहह उफ्फ्फ अह्ह्ह। तो मैंने कहा कि भाभी पेंटी को भी उतार दो.. तो वो बोली कि तुम्ही उतार दो। फिर मैंने जैसे ही पेंटी को उतारा तो मैंने देखा कि उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे और चूत एकदम मस्त लग रही थी और मैंने जैसे ही वहां पर किस किया भाभी ने मेरा मुहं वहीं पर दबाकर रख दिया और कहा कि चाटो मेरी चूत डार्लिंग। तो मैंने कहा कि भाभी मेरा बहुत मन कर रहा है.. तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली वाह डार्लिंग तुम्हारा कितना मोटा लंड है।

तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया कि भाभी ने अपने मुहं से लंड बोला और में तो उनको देखता ही रह गया। तभी वो बोली कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.. तो वो बोली कि बस और अब मुझे जल्दी से गीला कर दो। तो मैंने उनके दोनों पैर फैलाकर बीच में आ गया और अपने लंड पर थूक लगाकर उनको बोला कि भाभी क्या डाल दूँ? तो वो बोली प्लीज अब तो मुझे भाभी मत बोलो। तो मैंने कहा कि फिर क्या कहकर बुलाऊँ? तो वो बोली कि बस नयना.. मैंने कहा कि ठीक है नयना तुम्हारी चूत बहुत मस्त है क्या में अंदर डाल दूँ? तो वो बोली कि हाँ जल्दी से और देर ना करते हुए मैंने अपना पूरा का पूरा लंड एक ही झटके में अंदर डाल दिया.. वो चकित रह गयी और उसकी आँख से पानी निकल गया और फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि इतना दर्द हुआ कि में बता नहीं सकती.. लेकिन मज़ा आया। तो मैंने कहा कि बोलो और क्या करूं जिससे तुम्हे और मज़ा आए? तो वो बोली कि क्या में तुम्हारे ऊपर आ जाऊँ? मैंने कहा कि ठीक है आ जाओ और वो मेरी जांघ पर बैठ गयी और मेरे लंड पर थूक लगाया और फिर ऊपर बैठ गयी और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया। तो मैंने कहा कि नयना क्या हुआ? वो बोली बस तुम्हारे साथ तो ऐसे ही पड़े रहने का मन करता है। तो मैंने कहा कि जब मन करे आ जाना और उसने मेरी उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसाकर मेरे ऊपर कूदने लगी और मेरा लंड तो जैसे लोहे की तरह टाईट हो गया था और वो ऊपर कूद कूदकर मजे ले रही थी और 15 मिनट के बाद उसने मुझे ज़ोर से किस किया और उसका पूरा शरीर खिंच गया। फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि बस में झड़ने वाली हूँ। तभी मैंने उसे कसकर पकड़ा और बोला कि में भी झड़ने वाला हूँ.. तो वो बोली कि प्लीज वीर्य अंदर मत गिरना। मैंने कहा कि फिर कहाँ गिराऊँ? तो वो बोली कि कहीं और.. लेकिन चूत के अंदर नहीं। तो मैंने कहा कि क्या मुहं में डालूं नयना? वो बोली कि हाँ.. लेकिन पहले तुम सारा वीर्य मेरे बूब्स पर गिरा दो और में बेड के पास खड़े हो गया और लंड को चूत से बाहर निकालकर सारा वीर्य उसके बूब्स पर गिरा दिया और फिर उसने जल्दी से मेरा लंड पकड़ कर अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।

तभी थोड़ी देर चूसने के बाद वो बोली कि क्यों बस हो गया.. अब तो में जाऊँ? तो मैंने कहा कि फिर कब? वो बोली कि जब तुम बुलाओ तब.. मैंने कहा कि क्या सच? तो वो बोली कि हाँ समीर और पीयूष से तो ज़्यादा मज़ा आया। तो मैंने कहा कि ठीक है फिर हर रोज चाहो तो तुम आ सकती हो.. वो बोली कि क्या यह मुमकिन है? तो मैंने कहा कि हाँ जब तुम्हारा मन करे आ जाना.. तो वो बोली कि मेरा तो हर रोज मन करेगा। मैंने कहा कि ठीक है तो फिर रोज़ आ जाना। फिर हमने करीब एक महीने तक हर दिन सेक्स किया और फिर एक दिन मैंने उससे पूछा कि सच बताओ नयना आज तक तुमने कितने लोगों के साथ सेक्स किया है? तो वो बोली के करीब 24-25 से तो मैंने सेक्स किया है। मैंने कहा तो फिर क्या चाहिए? तो उसने कहा कि कुछ नहीं और फिर मैंने कहा कि अगर करन के साथ सेक्स करना है तो में तुम्हारी सेटिंग करवा सकता हूँ? तो वो बोली वो कैसे? मैंने कहा कि वो काम में कर दूँगा और तुम बहुत खुश हो जाओगी। तो वो बोली कि ठीक है और वो तब से हर रोज मुझसे चुदने आती है कि किसी बहाने में बता दूँ कि करन से कैसे चुदना है ।।

धन्यवाद …

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दुखी चची को चोदके माँ बनाया चाचा की मर्जी से – Dukhi Chachi Ko Chodke Maa Banaya Chacha Ki Marji Se | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dukhi-chachi-ko-chodke-maa-banaya-chacha-ki-marji-se/ Thu, 30 May 2019 16:05:04 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5576 [...]]]> Chachi ki chudai, chacha ki marji se chachi ki chudai, aunty ko choda, desi aunty ki chudai, hindi sex story, antarvasna, otelsan.ru

हेलो दोस्तों मैं हूँ राहुल, महाराष्ट्र से । आपको otelsan.ru पे स्वागत करता हूँ और आज आपको मेरे कहानी बताने जा रहा हूँ । मैं एक स्टूडेंट हूँ ुर साथ ही साथ अपना पापा की दुकान भी चला लेता हूँ । मुझे हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने में बहत दिलचस हे ।
यह घटना मेरी और मेरी चाची के बीच में हुए सेक्स की है जिसमें मैंने उनको चोदकर बहुत मज़े किए। दोस्तों वो मेरी असली चाची नहीं है, वो तो हमारे घर पर किराए से रहती है। मेरी चाची का मनीषा है उनके फिगर का साईज 34 -28 -36 है और वो एक ग्रहणी है और उनके पति खुद का अपना एक बिजनेस करते है इसलिए वो अक्सर सुबह 10 बजे घर से निकल जाते और रात को हमेशा ज्यादा देरी से आते थे और उनकी अब तक कोई औलाद भी नहीं थी। दोस्तों यह घटना आज से एक साल पहले की है, जब मेरी मम्मी, पापा एक सप्ताह के लिए शादी में बाहर गये हुए थे, तो मुझे अब मेरी गहनों की दुकान पर बैठना था इसलिए मेरी मम्मी ने मुझे अपनी चाची के यहाँ पर खाना खाने के लिए कहा और फिर मैंने भी उन्हें हाँ कह दिया और मम्मी ने चाची को भी मुझे खाना खिलाने के लिए बोल दिया था। अब में अपने घर वालों के चले जाने के बाद अपनी दुकान को जल्दी सुबह खोल लेता और दोपहर को करीब 12 बजे बंद कर देता और फिर में खाना खाने अपने घर पर चला जाता उसके बाद में घर पर कुछ घंटे आराम करने के बाद शाम को करीब 4:00 बजे अपनी दुकान फिर से खोल लेता था। एक दिन मैंने दुकान को बंद किया और घर पर चला गया। सबसे पहले में चाची के यहाँ पर गया और वहां पर मैंने खाना खाया और फिर अपने कमरे में चला गया। उसके बाद में एक ब्लूफिल्म की सीडी चलाकर पूरा नंगा होकर बैठकर देखने लगा। तभी दरवाजे पर किसी के खटखटाने की आवाज आने लगी तो मैंने जल्दी से टी-शर्ट पहनी और टावल लगाकर दरवाजा खोलने चला गया और फिर मैंने देखा कि सामने चाची खड़ी हुई थी और मैंने उनसे पूछा..

में : क्या हुआ चाची?

चाची : कुछ नहीं बस वो मुझे तुम्हारे बाथरूम में अपने कपड़े धोने थे, मेरे बाथरूम का नल खराब हो गया है, उससे अब अचानक ही पानी आना बिल्कुल ही बंद हो गया है।

में : हाँ प्लीज आप अंदर आ जाइए ना।

चाची : धन्यवाद राहुल।

में : उसमे धन्यवाद कैसा चाची?

फिर चाची अंदर आई और मेरे बेडरूम से जुड़े हुए बाथरूम में वो अंदर चली गयी और में किचन में पानी पीने चला गया और जैसे ही मैंने पानी पीने के लिए गिलास को अपने हाथ में उठाया तो मुझे याद आया कि मैंने तो ब्लूफिल्म को बंद ही नहीं किया है। फिर में तुरंत दौड़कर अपने रूम में गया तो मैंने देखा कि टीवी पहले से ही बंद है और चाची बैठी हुई अपने कपड़े धो रही है, वो सब देखकर मेरी जान में जान आ गई, लेकिन दोस्तों मुझे यह बात बिल्कुल भी याद ही नहीं आ रही थी कि मैंने बाहर आने से पहले टीवी को कब बंद किया था और अगर मैंने टीवी को बंद नहीं किया तो क्या चाची ने उसे बंद किया था? फिर कुछ देर बाद चाची अपने कपड़े धोकर चली गयी और में अपनी दुकान पर चला गया। फिर जब में रात को अपने घर पर आया और हाथ मुहं धोकर सीधा अपनी चाची के घर पर चला गया और में जाकर सोफे पर बैठ गया तो मैंने देखा कि उस समय चाची किचन में खाना बना रही थी। फिर मैंने टीवी को चालू किया और देखने लगा। फिर थोड़ी ही देर बाद चाची अपना काम खत्म करके वहां पर आ गई और मैंने जब चाची को देखा तो में देखता ही रह गया, वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी? उन्होंने लाल, पीले कलर की साड़ी, बिना बाँह और पीछे से पूरा खुला हुआ ब्लाउज पहना हुआ था। उस ब्लाउज में से उनके आधे बूब्स बाहर लटके हुए मुझे दिखाई दे रहे थे और में उन्हें घूर घूरकर लगातार देखे ही जा रहा था तभी चाची ने मुझसे कहा..

चाची : क्यों ऐसा क्या देख रहे हो राहुल?

में : जी कुछ नहीं चाची।

चाची : सच बोलो राहुल में तुमसे कुछ नहीं कहूँगी।

में : वो चाची आप आज बहुत ही सुंदर दिख रही हो।

चाची : मुझसे ऐसा मज़ाक मत करो राहुल।

में : नहीं चाची में आपसे बिल्कुल सच सच कह रहा हूँ, आप आज बहुत ही सुंदर सेक्सी दिख रही हो।

चाची : शरमाते हुए, क्या में सच में इतनी अच्छी लगती हूँ?

में : हाँ क्या आपको कभी चाचा ने नहीं कहा?

चाची : उनके पास टाईम कहाँ है मेरी तारीफ करने के लिये।

चाची : क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?

में : जी नहीं, और इतना कहकर मैंने थोड़ा उदास सा चेहरा बना लिया।

चाची : इसमे नाराज़ होने वाली क्या बात है? आज नहीं तो कल कोई ना कोई तुम्हारी भी गर्लफ्रेंड बन ही जाएगी, चलो अब हम खाना खाते है क्योंकि जब तक टाईम 9:30 बजे चुके थे। फिर हम खाना खाने बैठे ही थे कि चाचा आ गये तो चाची ने उनसे पूछा..

चाची : क्यों आज आप जल्दी आ गए?

चाचा : वो कल सुबह मुझे जल्दी कुछ काम से दो दिनों के लिए मुंबई जाना है इसलिए में आज थोड़ा जल्दी से अपना सभी काम खत्म करके आ गया।

चाची : अरे यार, आपको तो पता है ना मुझे रात को अकेला सोने में कितना डर लगता?

चाचा : लेकिन, अब में इसका क्या कर सकता हूँ? मेरे वहां पर कल ना जाने से मुझे बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा और अगर चाहो तो तुम भी मेरे साथ चल सकती हो।

चाची : (हड़बड़ते हुए बोली) नहीं में यहीं पर रहूंगी, में राहुल को मेरे पास सोने के लिए बुला लूँगी, क्यों ठीक हाँ ना राहुल?

में : हाँ ठीक है चाची।

चाचा : ओह में तो बिल्कुल ही भूल गया कि यहाँ पर राहुल भी तो है।

में : कोई बात नहीं चाचू, अब आइये खाना खाते है।

चाचा : हाँ में अभी फ्रेश होकर आता हूँ।

फिर कुछ देर बाद चाचा फ्रेश होकर आए और वो मुझसे कहने लगे।

चाचा : राहुल कल क्या तू मुझे सुबह स्टेशन तक छोड़ने चलोगे?

में : हाँ ठीक है चाचा, में आपको स्टेशन तक छोड़ दूंगा।

फिर हम सभी ने खाना खाया और में अपने कमरे में आकर सो गया। सुबह में उठा और चाचा को स्टेशन छोड़ने उनके साथ चला गया और फिर में वहीं से अपनी दुकान पर चला गया। दोस्तों उस दिन में दोपहर को अपने घर पर नहीं गया और मैंने अपने दोस्तों के साथ बाहर ही खाना खा लिया था। फिर रात को जब में घर पर गया तो में फ्रेश होकर चाची के कमरे में चला गया, तो चाची आज मुझे और भी ज्यादा सेक्सी दिख रही थी, क्योंकि उन्होंने आज गुलाबी कलर की एक पारदर्शी मेक्सी पहन रखी थी जिसकी वजह से उनके अंडर गारमेंट भी पूरी तरह से दिख रहे थे। मुझे उनकी काली कलर की ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी भी साफ साफ दिखाई दे रही थी। फिर चाची ने आते ही मुझसे पूछा..

चाची : राहुल आज तुम दिन में खाने पर क्यों नहीं आए?

में : चाची वो आज मुझे मेरे कुछ दोस्त मिल गये थे और उन्होंने मुझसे होटल चलने को कहा तो में क्या करता? में उनके साथ चला गया और हमने वहीं पर खाना खा लिया।

चाची : अरे एक बार मुझे बता तो देना था, में कितना घबरा गई थी।

में : प्लीज मुझे माफ़ करना चाची।

चाची : चलो खाना तैयार है चलो खा लो।

में : हाँ ठीक है।

फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और कुछ देर टीवी देखने के बाद हम सोने की तैयारी करने लगे, लेकिन दोस्तों मुझे आज मेरी चाची में मेरे लिए बहुत बदलाव नज़र आ रहा था, क्योंकि वो सोने के लिए इतना बैताब थी कि में तो बिल्कुल हैरान रह गया और मन ही मन सोचने लगा कि क्या चाची कई दिनों से सोई नहीं है? फिर हम सोने उनके बेडरूम में चले गये तो मैंने उनसे कहा।

में : चाची में बाहर सोफे पर सो जाता हूँ।

चाची : अरे नहीं मुझे अकेले सोने में बहुत डर लगता है, इसलिए तो मैंने तुम्हे अपने पास सोने बुलाया है, प्लीज यहीं पर सो जाओ।

में : हाँ ठीक है चाची, आप कहती है तो में यहीं पर सो जाता हूँ।

दोस्तों अब में और चाची एक ही बेड पर लेट गए उन्होंने लाईट को बंद कर दिया, लेकिन मुझे बहुत देर तक भी नींद नहीं आ रही थी और तब तक शायद चाची सो गई थी। फिर कुछ देर बाद मुझे प्यास लगी तो में उठकर पानी पीने चला गया और जब में लौटकर वापस आया तो मैंने देखा कि चाची की मेक्सी उनके पैर ऊपर करने की वजह से उनकी कमर तक उठ गई है और अब वो सब देखकर मेरे अंदर का शैतान जाग गया, लेकिन अभी तक मेरे मन में चाची के बारे में एसी कोई भी गलत बात नहीं थी। में चुपचाप जाकर चाची के पास में लेट गया और मैंने देखा कि चाची बहुत गहरी नींद में सो रही थी और फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि क्यों ना इस बात का फायदा उठाया जाए? मैंने अपना एक हाथ चाची की जाँघो पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा। तभी चाची थोड़ा सा हिलने लगी और में डर गया, लेकिन वो अब बिल्कुल सीधी होकर सो गई। में अब उनकी नाभि से खेलने लगा और वो अब भी सो रही थी। में इसके आगे कुछ करने की हिम्मत ही नहीं कर सका और सो गया। फिर में सुबह उठा तो तब तक 9:00 बज चुके थे और मुझे दुकान पर जाने के लिए देरी हो रही थी। में उठा और बाथरूम में जाकर जल्दी से फ्रेश होकर बाहर आ गया। चाची उस समय मेरे लिए किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी तो मैंने चाची को गुड मॉर्निंग बोला। फिर चाची ने मुझसे पूछा कि क्यों कल रात को नींद नहीं आई? तो में उनकी यह बात सुनकर बहुत डर गया, मुझे लगा कि शायद चाची को कल रात को मेरी सभी हरकतों के बारे में पता चल गया तो मैंने उनसे कहा..

में : (बहुत घबराते हुए) क्यों कल रात को ऐसा क्या हुआ चाची?

चाची : अरे तुम देर से उठे इसलिए मैंने यह सब पूछा।

में : नहीं चाची, ऐसी कोई बात नहीं है।

चाची : अच्छा अब जल्दी से नाश्ता करके जाओ।

में : हाँ, ठीक है चाची।

फिर हमने नाश्ता किया और में जल्दी से अपनी दुकान पर चला गया। दोपहर हुई और में अपने घर पर खाना खाने आ गया, तो मैंने देखा कि चाची ने वही कल रात वाली जालीदार मेक्सी उस समय पहनी हुई थी और में उन्हें कुछ देर तक लगातार देखता रहा। फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और बातें करने लगे और तभी चाची ने मुझसे कहा।

चाची : अरे अब तो कोई गर्लफ्रेंड बना ले कब तक ऐसे ही घूमता रहेगा।

में : क्या मतलब में कुछ नहीं समझा?

चाची : अरे अब मुझे ही सब बताना पड़ेगा क्या?

में : (थोड़ा हड़बड़ते हुए बोला) क्यों ऐसा क्या हुआ चाची?

चाची : अरे तू वो सब कुछ देखता है जो काम तुझे इस उम्र में करना चाहिए?

में : में कुछ समझा नहीं चाची, में ऐसा क्या देखता हूँ?

चाची : अब ज्यादा भोला मत बन, में वो सब जानती हूँ।

में : क्या चाची, आप क्या जानती है?

चाची : कल जब में घर पर कपड़े धोने आई थी तो तू टीवी पर वो सब क्या देख रहा था?

दोस्तों में उनकी यह बात सुनकर वो सब सोचने लगा तो मेरी वो बात याद करके हवा टाईट हो गई और मुझे याद आया कि मैंने तो कल टीवी पर ब्लूफिल्म लगाई थी और चाची ने ही वो सब देखकर टीवी को बंद कर दिया था।

में : (बहुत डरते हुए बोला) चाची प्लीज आप मम्मी को वो सब कुछ मत बताना प्लीज।

चाची : (मुस्कुराते हुए बोली) अरे पागल में भला मम्मी को क्यों बताउंगी, लेकिन तुझे भी मेरा एक काम करना होगा।

में : हाँ में आपके वो सब काम जरुर करूँगा जो भी आप मुझसे कहोगी, लेकिन मम्मी को मत बताना।

चाची : अरे नहीं, कहा ना में नहीं बताउंगी।

में : आपको बहुत धन्यवाद चाची।

चाची : ठीक है।

में : बताओ अब मुझे क्या करना है?

चाची : वही सब जो कल उस वीडियो में हो रहा था।

में : क्या, लेकिन किसके साथ?

चाची : किसके साथ का क्या मतलब? मेरे साथ और किसके साथ, में बोल रही हूँ तो मतलब कि मेरे साथ ही करोगे ना, मेरे अलावा यहाँ पर तुम्हारे साथ और कौन है जिसके साथ तुम यह सब करोगे?

में : मगर चाची में आपके साथ ऐसा कैसा कर सकता हूँ?

चाची : अगर, मगर में कुछ नहीं जानती, अगर तुमने मेरा कहा काम नहीं किया तो में तुम्हारी मम्मी को वो सभी बातें बता दूँगी जिसको में तुम्हारे कहने पर छुपा रही हूँ।

दोस्तों में बहुत डर गया क्योंकि अब मेरी चाची सीधे सीधे मुझे ब्लेकमेल कर रही थी और में भी क्या करता? क्योंकि मेरे पास कोई बचने का रास्ता भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए मैंने तुरंत उनसे हाँ कह दिया और अब हम दोनों चाची के बेडरूम में चले गये। वहां पर जाते ही चाची मुझे किस करने लगी और उन्होंने मुझे धीरे से धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। हमने करीब दस मिनट तक एक दूसरे को किस किया जिसकी वजह से में बहुत गरम हो चुका था। फिर मैंने जोश में आकर चाची को अपने ऊपर से हटा दिया और मैंने तुरंत उनकी मेक्सी को उतार दिया, दोस्तों उन्हे मैंने आज पहली बार ब्रा, पेंटी में देखा था और यह मेरा पहला सेक्स होने की वजह से मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। में उस समय बहुत जोश में था और मेरे अंदर का शैतान अब तक जाग चुका था। अब मैंने चाची से कहा कि मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है। मेरी यह बात सुनकर चाची ने झट से मेरी पेंट को उतार दिया और पेंट में इलास्टिक लगा होने की वजह से उसके साथ साथ मेरी अंडरवियर भी उतर गई। अब चाची ने मेरा 7 इंच का लंबा मोटा लंड देखते ही तुरंत उसे अपने मुहं में ले लिया और जैसे छोटे बच्चे लोलीपोप चूसते है वैसे ही वो मेरा लंड चूसने लगी। दोस्तों यह मेरा पहला अनुभव था जब कोई औरत मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़कर धीरे धीरे चूस रही थी। में उस समय बहुत जोश में था इसलिए में जल्दी ही उनके मुहं में झड़ गया और उन्होंने मेरा पूरा वीर्य पी लिया और मेरे लंड को चाट चाटकर पूरा साफ किया, अब मुझसे कहने लगी..

चाची : वाह राहुल मज़ा आ गया, लेकिन तुम्हारा लंड तो तुम्हारे चाचा से भी बड़ा है।

में : क्या सच में चाची?

चाची : हाँ, में तुमसे बिल्कुल सच कह रही हूँ।

फिर इतना कहकर वो हंसने लगी और मैंने अब चाची की ब्रा को उतार दिया और में उनके बूब्स चूसने, दबाने लगा और मैंने अपनी शर्ट भी अब उतार दिया। फिर उन्होंने अपनी पेंटी को भी तुरंत उतार दिया फिर मैंने चाची से कहा कि अब हम थोड़ा जल्दी करते है, क्योंकि मुझे दुकान भी खोलनी है नहीं तो दुकान पर जो लड़का काम करता है वो पापा को फोन कर देगा और मेरे देरी से पहुंचने की बात पापा को पता चल जाएगी। फिर चाची ने कहा कि ठीक है और मैंने चाची को बेड के एक साईड में लेटा दिया और मैंने उनके दोनों पैर अपने कंधो पर रख लिए। यह सब देखकर चाची मुझसे बोली कि तुम तो आज पहली बार सेक्स कर रहे हो तो तुम्हे सेक्स करने की यह सभी पोज़िशन कैसे पता है? तो मैंने कहा कि यह तो मैंने ब्लूफिल्म में बहुत बार देखा है और अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए चाची की खुली हुई चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया और एक ज़ोर का झटका मारा। मेरे इस झटके की वजह से मेरा आधा लंड चाची की चूत में फिसलता हुआ बिना किसी रुकावट के चला गया, लेकिन उन्हे बहुत दर्द हुआ और उनके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी, क्योंकि चाचा का लंड इतना मोटा नहीं था। फिर मैंने उनकी कमर पर अपनी पकड़ को और भी ज्यादा मजबूत करते हुये एक और ज़ोर का झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और अब मैंने महसूस किया कि वो उस दर्द से तड़पने लगी थी। मेरा लंड उनकी बच्चेदानी से टकरा रहा था और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, लेकिन सभी खिड़की दरवाजे बंद होने की वजह से हमें किसी बात का कोई डर नहीं था। अब वो थोड़ी तक दर्द से करारहती रही और में उसके बूब्स को सहलाता रहा। फिर कुछ देर बाद जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया।

अब वो भी अपनी गांड को थोड़ा ऊपर नीचे करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी और मुझसे कहने लगी हाँ थोड़ा और अंदर जाने दो उह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे आईईईईई तुम्हारे अंकल के पास मेरी चूत को शांत करने के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है, लेकिन अब तुम मुझे मिल गए हो स्सीईईईई में अपनी चुदाई तुमसे हर दिन करवाउंगी उह्ह्ह्ह जाने दो पूरा अंदर, वाह मज़ा आ गया। दोस्तों में उनके मुहं से यह सभी बातें सुनकर अब और भी जोश में आ गया था और मैंने अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बड़ा दिया था, लेकिन अब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। फिर में भी अब झड़ने वाला था इसलिए मैंने चाची से पूछा कि में झड़ने वाला हूँ बोलो अब में क्या करूं? तो चाची ने कहा कि तुम मेरे अंदर ही झड़ जाओ आआहह उफफ्फ्फ्फ़ में तुम्हारे इस गरम गरम लावे को अपने अंदर लेकर इसे महसूस करना चाहती हूँ आईईईइ हाँ डाल दो पूरा मेरे अंदर, प्लीज अब जल्दी से डाल दो।

फिर में कुछ देर धक्के देने के बाद उनकी प्यासी, तड़पती हुई चूत के अंदर ही झड़ गया और मुझे उनके चेहरे पर एक संतुष्टि की चमक दिखने लगी, वो अब बिल्कुल निढाल होकर पड़ी रही और में भी थककर उनके ऊपर ही लेट गया और उन्हें किस करने लगा। फिर में करीब दस मिनट के बाद उनके ऊपर से उठा और मैंने टाईम देखा 3:40 हो रहे थे और मुझे 4:00 बजे तक अपनी दुकान पर जाना था। फिर में तुरंत बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और जब वापस बाथरूम से बाहर आया तो मैंने देखा कि चाची अभी भी वहीं पर पूरी नंगी सो रही है, शायद उनकी नींद लग गई थी। फिर मैंने उन्हे सीधे लेटा दिया और उनको एक किस करके दुकान पर चला गया। रात को जब में अपने घर पर आया तो मैंने देखा कि चाची बड़ी खुश लग रही थी और मुझे उनके चेहरे पर एक अजीब सी संतुष्टि की चमक नजर आ रही थी। फिर मैंने अंदर आकर जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और चाची को एक किस कर दिया और फिर हम खाना खाने बैठ गये, खाना खाने के बाद हम दोनों एक साथ बिल्कुल चिपककर बैठकर टीवी देख रहे। तभी चाची मुझसे बोली कि राहुल एक ब्लूफिल्म की सीडी ले आओ ना प्लीज, मुझे भी आज वो सब दिखा दो। फिर में वहां से उठकर दूसरे कमरे में चला गया और एक सीडी लेकर आ गया, तो मैंने कमरे में आकर देखा कि चाची अब पूरी नंगी होकर मेरा इंतजार कर रही थी और मैंने कहा कि चाची यह क्या आप तो अभी से तैयार होकर बैठी हो? तो चाची ने कहा कि अब क्या इन कपड़ो को उतारने में अपना समय खराब करना है? फिर मैंने सीडी लगाई और दोबारा चाची के पास जाकर बैठ गया। मैंने भी अब तक अपने सभी कपड़े उतार दिए थे और में अब चाची के बूब्स से खेल रहा था और चाची मेरे लंड से। फिर कुछ देर बाद चाची ने मुझसे कहा कि जैसे वो लड़का उस लड़की को चोद रहा है वैसे ही तुम भी आज मुझे चोदो। दोस्तों उस फिल्म में एक लड़का उस लड़की को डॉगी स्टाइल में बैठाकर चोद रहा था, फिर मैंने भी चाची को उसी स्टाइल में बैठने को कहा वो तुरंत मेरी कही बातें मानने लगी और फिर मैंने एक ही ज़ोर के धक्के के साथ अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से चाची सिसकियाँ ले रही थी आहहह्ह्ह्हह स्स्सीईईईई हाँ राहुल थोड़ा और ज़ोर से चोदो आईईईईइ उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और ज़ोर से धक्का दो, जाने दो पूरा अंदर, डाल दो उह्ह्ह्हह्ह हाँ आह्ह्ह्ह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।

दोस्तों अब मैंने अपनी धक्के देने की स्पीड को पहले से भी तेज कर दिया था। अब में और भी जोश में आकर उन्हें चोदने लगा और 10-15 मिनट ताबड़तोड़ धक्के देने के बाद में चाची की चूत में झड़ गया और थोड़ा पीछे हटकर लंड को बाहर निकालकर वहीं पर उनके पास में लेट गया, लेकिन अभी भी चाची की कामुकता शांत नहीं हुई थी। उन्होंने जल्दी से उठकर मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी। फिर मैंने कहा कि चाची अब क्या कर रही हो, बस अब हम सो जाते है? चाची ने कहा कि अभी तो तुम्हे मेरी गांड भी मारनी है। फिर मैंने कहा कि नहीं, में अब बहुत थक चुका हूँ चाची, तो चाची ने कहा कि ठीक है तुम मत मारो मेरी गांड, में तुम्हारी मम्मी को बता दूँगी कि तुम क्या क्या देखते हो? अब में तुरंत उनसे बोला कि नहीं चाची, प्लीज ऐसा मत करना, तो चाची ने मुझसे पूछा कि क्यों मारोगे ना मेरी गांड? मैंने अपना सर हिलाकर उन्हें हाँ कह दिया और तब तक मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो चुका था। अब में नीचे लेट गया और मैंने चाची को अपने ऊपर बैठा लिया और अपना लंड उनकी गांड पर सेट किया और एक ज़ोर का धक्का मार दिया तो चाची उस दर्द से चीख पड़ी और उन्होंने मुझसे अपने लंड को बाहर निकालने के लिए कहा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया और अब मैंने एक और झटका मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनकी गांड में चला गया। फिर चाची एकदम से छटपटा उठी और मुझसे लंड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी। फिर मैंने उनकी एक भी बात नहीं सुनी और में लगातार धक्के देकर उन्हें चोदता रहा, थोड़ी देर बाद चाची भी मस्ती में कूद कूदकर मुझसे चुदवा रही थी। दोस्तों करीब 30 मिनट के बाद में चाची की गांड में झड़ गया और चाची भी मेरे ऊपर ही लेट गई। फिर कुछ देर बाद मेरा लंड चाची की गांड से छोटा होकर बाहर आ गया और हम ऐसे ही सो गये। फिर में सुबह उठा। उस दिन रविवार था और हमने चाचा के आने के पहले एक बार फिर से सेक्स करने के बारे में सोचा, लेकिन तभी घंटी बजी और चाची ने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर चाचा आ चुके थे। में उन्हें देखकर एकदम से उदास हो गया, लेकिन मुझे पता नहीं चाची इतना खुश क्यों लग रही थी और फिर चाची चाचा को देखकर हंस रही थी और चाचा मुझे देखकर हंस रहे थे और में उन दोनों के इस तरह मुझे देखकर हंसने के बारे में कुछ समझ नहीं पाया। मैंने चाचा से पूछा कि चाचा आप इस तरह से मुझे देखकर हंस क्यों रहे है तो चाचा ने कहा..

चाचा : क्यों अपनी चाची को चोदकर मज़ा आया?

दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गया और में मन ही मन अब यह सोचने लगा कि चाचा को यह सब कैसे पता चला गया और उन्हें पता चल भी गया तो यह हंस क्यों रहे है? तभी चाची पानी लेकर आई और चाचा को देते हुए जो शब्द वो उनसे बोली वो सब सुनकर मेरी तो गांड ही फट गई और मेरे पैरों से पूरी धरती सरक गई।

चाची : तुम्हे नहीं पता राहुल तो बहुत बड़ा चुदक्कड़ है और यह बहुत ही अच्छी तरह से चोदता है इसने मुझे भी अपनी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट कर दिया है और फिर दोस्तों वो इतना कहकर दोबारा से ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और चाचा भी उनको देखकर हंस रहे थे, लेकिन में एकदम सुन्न पड़ गया था। तभी चाचा मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा कि अरे तुम इतना शांत क्यों होकर बैठे हो? अच्छा तो तुम कुछ समझ नहीं पा रहे हो, तो चलो में तुम्हे पूरी बात थोड़ा विस्तार से बताता हूँ जिससे तुम्हे खुद ही समझ में आ जाएगा। अब पूरी बात थोड़ा ध्यान से सुनो..

चाचा : तुम यह बात बहुत अच्छी तरह से जानते हो कि अब तक हमारी कोई औलाद नहीं है इसलिए हमने कई अच्छे बड़े बड़े डॉक्टर को दिखाया, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ और अब हमारे पास एक सिर्फ यही उपाय था, जो कल रात को तुम्हारे साथ एकदम सफल हुआ और उसमे तुमने हमारी पूरी पूरी मदद की है उसके लिए तुम्हे बहुत बहुत धन्यवाद।

दोस्तों में अब कुछ नहीं बोला मुझे तो जैसे कोई सांप सूंघ गया था। तभी चाची ने मुझसे कहा कि चलो अब हम जल्दी से नाश्ता कर लेते है, क्योंकि इसके बाद हमे एक बार और जो करना है। दोस्तों में तो उनकी यह बात सुनकर एकदम से झटका खा गया था कि चाची, चाचा के सामने मुझे सेक्स के लिए खुला निमंत्रण दे रही थी और अब में भी खुल गया और में उनसे बोला कि हाँ ठीक है चलो जो हुआ वो हुआ। फिर उसके बाद हमने नाश्ता किया। मैंने अपनी चाची के साथ एक बार फिर से उनकी चुदाई भी की और उसके कुछ घंटो बाद मैंने और चाचा ने दोनों ने चाची को एक साथ चोदा और बहुत मज़े किए। अब चाची मेरे एक बच्चे की माँ है और वो एक लड़का है उसका नाम भी मेरे नाम पर रखा गया है ।।

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ଇଏ ଲଭ ନୁହେଁ ଫ୍ରେଣ୍ଡସିପ : ଏକବିଂଶ ସାପ୍ତାଦିର ଚରିତ୍ରହୀନ ଯୁବତୀ | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/ie-love-nunhe-friendship-ekabinsa-saptabdi-ra-charitrahina-jubati/ //otelsan.ru/xbrasilporno/ie-love-nunhe-friendship-ekabinsa-saptabdi-ra-charitrahina-jubati/#comments Tue, 21 May 2019 18:01:25 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5561 [...]]]> Odia Sex story in odia font, odia banda bia gapa, odia sex kahani, otelsan.ru gapa, odia adhunika jhia, love, friendship

ଧନ୍ୟବାଦ ପାଠକ ବନ୍ଧୁ | ଆଜିର କାହାଣୀ “ଏଇ ଲଭ ନୁହେଁ ଫ୍ରେଣ୍ଡସିପ : ଏକବିଂଶ ସାପ୍ତାଦିର ଚରିତ୍ରହୀନ ଯୁବତୀ” ଏକ ନିଆରା କାହାଣୀ ଯାହାକୁ ଆପଣ ମାନେ ପଢନ୍ତୁ ଆଉ କାହାଣୀ ଉପରେ ନିଜର ମତାମତ ନିଶ୍ଚିତ ଦେବେ କାହିଁକି ନା ଏ କେବଳ ଏକ ଯୌନ କାହାଣୀ ନୁହେଁ | କାହାଣୀ ଯାହା ବାସ୍ତବତାକୁ ପ୍ରକାଶ କରୁଛି | ଯେଉଁ କାରଣ ନେଇ ଗୋଟିଏ ପୁଅ ତାର ସମସ୍ତ କାମକୁ ପଛରେ ପକାଇ ତାରି ପଛରେ ପଛରେ ଚାଲିଥାଏ, ତାକୁ ନେଇ ଅନେକ ସ୍ଵପ୍ନ ଦେଖେ, ଧନ ମଧ୍ୟ୍ୟ ନଷ୍ଟ କରେ | କଣ ପାଏ ଶେଷରେ ସେ | ନିରୀହ ମନ ଓଏ ହୃଦୟ ପ୍ରତି ଚାଲାଣ ଯେ କେତେ ନୃଶଂସ ହେଇଯାଏ ଏ କାହାଣୀ ତାର ଯଥାର୍ଥ କୁ ପ୍ରତିପାଦନ କରିବା | ଏକବିଂଶ ସାପ୍ତାଦି ରେ ନାରୀ ଶାସ୍ତ୍ରୀ କାରଣ ଖୁବ ଜୋର ସୋର ରେ ଚାଲିଛି | ସଂରକ୍ଷଣ ଠାରୁ ଆରମ୍ଭ କରି ପ୍ରଥମ ପ୍ରାଧାନ୍ୟ ଆଜି ନାରୀ ବା ମହିଳା ବା ଝିଅ ମାନଙ୍କୁ ମିଳୁଛି | କେବେ ଥିଲା ନାରୀ ଦୁର୍ବଳ, କୁହାଯାଏ ଲତା, ବନିତା ପାଇଁ କୁଆଡେ ଆଶ୍ରା ନିଶ୍ଚିତ ଦରକାର ହେଲେ ଆଜି କଣ ଘଟୁଛି | ଗୋଟେ ମଝିଦାଣ୍ଡରେ କଥାଟେ ଅଛି ” ଝିଅ ଟିଏ ପଢିଲେ ଗୋଟିଏ ପରିବାର ଶିକ୍ଷିତ ହୁଏ, ହେଲେ ଝିଅ ଟିଏ ପଢିଲେ କେତେ ପରିବାର ବି ଉଜୁଡି ଯାଏ, ଯଦିଓ ଆମେ ଏହି କଥାକୁ ସମର୍ଥନ କରୁନାହୁଁ ତଥାପି କାହାଣକୁ ନେଇ ଏକି ବାକ୍ୟ ଯଥେଷ୍ଟ ଯୋଗ୍ୟ ଅଟେ | ତେବେ ଚାଲନ୍ତୁ ଯାହା ଜୀବନରେ ଏ ଘଟଣା ଘଟିଛି ତାଙ୍କରି ଲେଖାରୁ ଏ କାହାଣୀ | କାହାଣୀକାର କୁନୁ ଙ୍କ ଠାରୁ କାହାଣୀର ସତ୍ୟାସତ୍ୟ |

ନମସ୍କାର ମୁଁ କୁନୁ, ଭାଉଜ ର ମୁଁ ଜଣେ ପାଠକ, କିଛି ଦିନ ହେବ ମୁଁ ଭାଉଜରେ ଅନେକ କାହାଣୀ ପଢିଛି | ମୋତେ ଭାଉଜ ରେ କାହାଣୀ ପଢିବାକୁ ଭଲ ଲାଗେ ଆଉ ଆପଣମାନେ ଯେ କେହିବି ମୋ କାହାଣୀ ପଢିବେ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ମୁଁ ଧନ୍ୟବାଦ ଦେଉଛି ଆଉ ଆଶା କରୁଛି ଆପଣଙ୍କୁ ଗୋଟେ ଭଲ ସାଥି ଟିଏ ମିଳୁ, ଯେ ଆପଣଙ୍କୁ ପ୍ରେମ ଦେବ, ଆଦର କରିବା ଆଉ ଆପଣଙ୍କ ବ୍ୟତୀତ ପର ପୁରୁଷକୁ ଜମା ବି ମନକୁ ଆଣିବନି | ହଁ ମୋ ଜୀବନର ଆରମ୍ଭ ବହୁତ ଭଲ ଥିଲା ମୁଁ ବହୁତ ଖୁସି ଥିଲି, ବୟସ ୧୮ ହେଇଯାଇଥିଲେ ମଧ୍ୟ୍ୟ ମୋର କେହି ଗାର୍ଲ ଫ୍ରେନ୍ଡ ନଥିଲେ | ମୁଁ ବହୁତ ସିଧା ସାଧା ପିଲା ଟିଏ ଥିଲେ | ହେଲେ ପୁଅ ଟେ ଯେହେତୁ ବାଣ୍ଡ ତ ଟେଂଗେଇବ ନିଶ୍ଚିତ ଆଉ କାଉ ଝିଅ ସହ ତ ମିଶିବାକୁ ଇଛା ହବ ନିଶ୍ଚିତ ହେଲେ ମୁଁ କେବେ ବି କାଉ ଝିଅକୁ ନେଇ ମନରେ କିଛି ବି ଖରାପ ଭାବନା ଭାବିନଥିଲି, ଏମିତି କି ଫିଲ୍ମ ଦେଖି ହିରୋଇନ କଥା ମଧ୍ୟ୍ୟ ଭାବେନ ଖାଲି ଆଶାଥିଲା ଗୋଟେ ଭଲ ଝିଅ କୁ ଜୀବନ ସାଥି କରିବି ଆଉ ତା ସହିତ ସବୁ କିଛି ଘଟିବ ଯାହା ପୁଅ ଝିଅ ଭିତରେ ଘଟିବା କଥା ମାନେ ଯୌବନରେ ପାଦ ଦେଇ ଯେତେସବୁ ଇଛା ମନରେ ଆସେ ଆଉ ଦେହର ଗରମକୁ ଶାନ୍ତି ଦେବା ପାଇଁ ଯାହା ସବୁ କରିବାକୁ ପଡେ କାମସୁତ୍ର ର ସବୁ ଭାଙ୍ଗି ତା ସହିତ |

ମୋର +୩ ପ୍ରଥମ ବର୍ଷ ଆଉ ଏବେ ବି କଉ ଝିଅ ପଛରେ ମୁଁ ପଡ଼ିନଥିଲି, ଶ୍ରେଣୀରେ କିଛି ଝିଅ ମୋତେ ଲାଇକ କରୁଥିଲେ ହେଲେ କେହି ମୋତେ କିଛି କହିନଥିଲେ | ମୁଁ ସମସ୍ତଙ୍କ ସହ ଫ୍ରେନ୍ଡ ପରି ମିସେ ଆଉ କେବେ ବି କଉ ଝିଅ ସହ ଅଶ୍ଳୀଳ କଥା କି ଡୁଆଲ ମିନିଙ୍ଗ କଥା ମଧ୍ୟ୍ୟ ହେଇନଥିଲି | କିଛି ସାଙ୍ଗ ମାନେ ତା ମୋତେ ଆମ ଶ୍ରେଣୀର ଗୋଟେ ଝିଅ କୁ ନେଇ ଥଟା କରନ୍ତି ହଳେ ସେ ଝିଅ କୁ ମୁଁ ଅନେକ ପୁଅ ଙ୍କ ସହ ମିଶିବାର ଦେଖିଚି ଆଉ ସେମାନେ କଣ ସବୁ କରନ୍ତି ଆଉ କହିବିନି କାହିଁକି ନା ତାର ଏଠି କିଛି ଆବଶ୍ୟକ ନାହିଁ |

ଦ୍ୱିତୀୟ ବର୍ଷ ହେଲା ସେତେବେଳେ ଅଗଷ୍ଟ ମାସ ନୂଆ କରି କଲେଜ କୁ +୩ ପ୍ରଥମ ବର୍ଷର ପିଲା ଆସିଥାନ୍ତି | ମୋ ଘର ଠାରୁ କଲେଜ ଅଳ୍ପ କିଛି ଦୂର ଏଠି ଆମେ ବେଶୀ ଲୋକାଲ ପିଲା | ତେଣୁ କେହି ପ୍ରାୟ ଅଚିଂହା ନଥିଲେ | ଦିନେ କଲେଜ କରିଡର ରେ ବୁଲୁଥିବା ବେଳେ ମୁଁ ସାମ୍ନାରେ ଗୋଟେ ଝିଅକୁ ଦେଖିଲି, ଏମିତି ଲାଗିଲା ଯେମିତି କଲେଜ ରେ ଆଉ କେହି ନାହାନ୍ତି ଖାଲି ସେ ଆଉ ମୁଁ | ମୁଁ ତ ସେଠାରେ ତାକୁ ହିଁ ଚାହିଁ ରହିଥିଲି, ସେ ତା ମୁଂହ ଯେମିତି ମୋତେ ଅତି ନିଜର ଭଳି ଲାଗିଲା, ସତେକି ସଜ ଫୁଟ କୁସୁମ ଟିଏ | କଲେଜ ବଗିଚାର ସବୁ ଫୁଲ ବି ତା ଆଗେ ଫିକା ପଡିଯିବେ | ସେ ଚାଲି ଚାଲି କେତେବେଳେ ମୋ ପାଖାପାଖି ଆସିଯାଇଥିଲା ଜାଣିପାରିନଥିଲି | ହଠାତ ତା ନଜର ବି ମୋ ଉପରେ ପଡିଲା ଆଉ ସେ ମୋତେ ଦେଖିଲା ବୋଧେ ସେ ଜାଣିପାରିଲା ମୁଁ ତାକୁ କିଛି ସମୟ ହେଲା ଦେଖୁଚି, ସେଠୁ ସେ ମୁଂହ ସିଧା କରି ମୋ ପଛପଟ ରାସ୍ତାରେ ଚାଲିଲା ଆଉ ମୁଁ ପଛକୁ ବୁଲି ଦେଖିଲି ଆଃ… ସତରେ ତାର ଚୋରା ଚାହାଣି ମୋ ହୃଦୟ କୁ ସେଇ ସମୟରେ ଚିରିଦେବ ଯେମିତି |

କିଛି ଦିନ ତାର କଥା ଭାବି ଭାବି ଚାଲିଗଲା, ମୁଁ ଅନ୍ୟମନସ୍କ ହେବାକୁ ଲାଗିଲି ଆଉ ମୋ ସାଙ୍ଗ ଜିତୁ ମୋତେ ତା ବିଷୟରେ କହିଲା, ଝିଅ ଟି ଆମରୀ ଗାଁର , ତା ନା ଲିପ୍ସା | ତା ନା ଟା ଯେମିତି ଜାଣିବାକୁ ପାଇଲି ଏମିତି ଲାଗିଲା ତାକୁ ପାଇବା ଟା ଆଉ ଅଳ୍ପ ବାଟ | ଏମିତି କଲେଜ ରେ ଆଖି ଆଖିରେ କିଛି ଦିନ ଗଲା | ତାକୁ ମୋ କଥା ଜଣାପଡ଼ିଯାଇଥିବା ନିଶ୍ଚିତ ବୋଲି ଅନୁମାନ କଲି, ଦିନେ ସାଙ୍ଗ ମାନେ ସବୁ ମୋତେ କଥା କଥା ରେ କହିଲେ ତାକୁ ଯାଇ ମନ କଥା କହିବାକୁ, ଆମ ଶ୍ରେଣୀର ସବୁ ପିଲା, ପୁଅ ଝିଅ ସମସ୍ତେ
ମିଶି | ମୁଁ ମନରେ ଦମ୍ଭ ଧରି ଲିପ୍ସା କୁ ଅପେକ୍ଷା କଲି, ପ୍ରତିଦିନ ପ୍ରାୟ ସେ ସେ ଦେଇ ଆସେ | ସେ ଦିନ ବି ଆସିଲା ଆଉ ଆମ ଶ୍ରେଣୀ ପିଲା ମୋତେ ଦେଖୁଥାନ୍ତି ମୁଁ କଣ କରୁଛି | ଲିପ୍ସା ଆଉ ତା ସହ କିଛି ସାଙ୍ଗ ମାନେ ମଧ୍ୟ୍ୟ ଆସିଥାନ୍ତି | ସେ ପାଖକୁ ଆସିବା କ୍ଷଣି ମୁଁ ତା ନା ଧରି ଡାକିଦେଲି ଆଉ ସେ ହସି ଦେଇ କହିଲା ହଁ | ମୁଁ କହିଲି ଟିକେ ଶୁଣ, ତମ ସହ କିଛି କଥା ଅଛି | ବୋଧେ ତା ସାଙ୍ଗ ମାନେ ବୁଝିଗଲେ ଆଉ ସେଠୁ ସେମାନେ ତାକୁ ଛାଡି ଆଗକୁ ଚାଲିଲେ | ମୋ ଛାତି ସେତେବେଳେ ଥରୁଥାଏ | ମୁଁ ଟିକେ କାଂଥକୁ ଯାଇ କହିଲି ଲିପ୍ସା “I LOVE YOU” |

କାହିଁବା ମାତ୍ରେ ମୋ ଛାତି ଭିତରେ ଯେମିତି କିଛି ହେଇଯାଉଥିଲା ଆଉ ବହୁତ ଦ୍ୱାରା ବି ଲାଗୁଥିଲିଲା | ମନର କଥା କହିଦେଇ ମୋତେ ବହୁତ ହାଲୁକା ବି ଲାଗିଲା ଆଉ ସେ ବିଲକୁଲ କିଛି ନ କହି ଠିଆ ହେଲା | ମୁଁ କିଛି ସମୟ ପରେ କହିଲି କଣ କିଛି କୁହ, ତମେ କଣ ଚାଁହୁଛ କୁହ ? ସେ ଖାଲି ଉଁ ଉଁ କଲା ଆଉ ମୁଂହ ତଳକୁ କରି ରହିଥାଏ | ମୋ ନିଜ ଆଖପାଖ ଚାରି ଆଡେ ପଡିଲା, ଦେଖିଲି ବହୁତ ପିଲା ଆମକୁ ଦେଖୁ ଥାନ୍ତି | ଲିପ୍ସା କିଛି ଉତର ନଦେଇ ତଳକୁ ମୁଂହ ପୋତି ରହିବାଟା ସମସ୍ତଙ୍କୁ ସନ୍ଦେହ ଲାଗିଛି ହେଲେ ମୁଁ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଦେଖିବା ଦେଖି ସମସ୍ତେ ନଜର ବୁଲେଇଦେଲେ | ଲିପ୍ସା କୁ ଆଉ ଟିକେ ବାଧ୍ୟ କଲି ଯାହା ବି ଅଛି ମନରେ କହିଦେ ଯଦି ନାହିଁ କରିବୁ ତ ମଧ୍ୟ କହ, ସେ ହସିଦେଲା ଆଉ କହିଲା ହଁ, ମୁଁ ବହୁତ ଖୁସି ହେଇଗଲି, ଇଛା ହେଉଥିଲା ତା ଅଣ୍ଟାକୁ ଧରି ଘେରା ଘେରା ବୁଲେଇବାକୁ | ହେଲେ ସେଠୁ ଆଉ କଣ କହିବି କିଛି ବୁଝି ପାରିଲି ସେ କହିଲା ତାର କ୍ଲାସ ଅଛି ଆଉ ମୁଁ କହିଲି ହଁ ଯାଅ ପରେ କଥା ହବ | ସେଠୁ ମୁଁ ମୋ କ୍ଲାସ କୁ ଫେରି ଆସିଲି | ସବୁ ସାଙ୍ଗ ମୋ ଖୁସି ଦେଖି ବୁଝି ପାରିଲେ ଆଉ ମୋତେ ପାର୍ଟି ମଧ୍ୟ ମାଗିଲେ | ମୁଁ ଖୁସିରେ କାହାକୁ ମନା କରି ପାରିଲିନି ଆଉ ଦିନେ ଗୋଟେ ଛୋଟ ପାର୍ଟି ରଖିଲୁ ୬ ଜଣ ସାଙ୍ଗ ପୁଅ ଝିଅ ମିଶି, ସେମିତି କିଛି ଖାସ ନଥିଲା ହେଲେ ପାଖ ଢାବାରୁ ନାଁ ଆଣି ଖିଆ ହେଲା |

କିଛି ଦିନ ଭିତରେ ଲିପ୍ସା ସହ ମୋର ଘନିଷ୍ଠତା ବଢ଼ିଲା | ସେ ମୋତେ ଫୋନ କରେ, ଆମେ ଅନେକ ରାତି କଥା ହେଇ ହେଇ କଟେଇଛୁ | ରାତି ଯେତେ ବଢେ ସେତେସେତେ ମନା ଅମାନିଆ ହୁଏ ତାର ଆଉ କଥା ନେଇ ଚାଲି ଯାଏ ପୁଅ ଝିଅଙ୍କ ନିବିଡ ସମ୍ପର୍କ କୁ ନେଇ, ଯେମିତି କ୍ଲାସ ରେ କିଏ କାହାକୁ ଭଲ ପାଏ ଆଉ କାଉ ଝିଅ କହ ସହ ସମ୍ପର୍କ ରଖିଛି, ଗୋଟେ ଝିଅ ମୁଁହରୁ ଯୌବନରେ ଘଟୁଥିବା ସବୁ ବିଚିତ୍ର ଘଟଣାକୁ ଶୁଣିବାକୁ ସମସ୍ତ ଙ୍କୁ ଭଲ ଲାଗେ ଆଉ ଲିପ୍ସା ଯେବେ ମୋତେ କୁହେ କଲେଜ ର ପୁଅ ଝିଅ ଙ୍କ ସମ୍ପର୍କ କଥା ମୋତେ ବି ଶୁଣିବାକୁ ଭଲ ଲାଗେ | ସେ ସେତେବେଳେ ଟିକେ ଟିକେ ମୋତେ ଲାଜ କରୁଥିଲା ଆଉ କିଛି କିଛି କଥା କହିଦେଉଥିଲା, ଯେମିତି ତାଙ୍କ ପଡିଶା ଘର ଝିଅ କଥା ଯିଏ ପ୍ରତି ରାତିରେ ସାହି ର ଗୋଟେ ଟୋକା ସହ ନ ହେଲେ ମାନେ ତା ସହ ସେକ୍ସ ନ କଲେ ରହି ପାରେନା ଆଉ ସବୁ ଦିନ ସେ ଅଧା ରାତିରେ ସେ ଟୋକା ପାଖକୁ ଯାଏ ଆଉ ସେକ୍ସ କରିକି ଆସେ, ଆଉ ସେହି ଝିଅର ପିଲା ଦିନରେ କେମିତି ତାଙ୍କ ପଡିଶା ଘର ଆଉ ଜଣେ ବଡ ଲୋକ କେମିତି ତା ସହ କରୁଥିଲା ସେ କଥା ମଧ୍ୟ୍ୟ କୁହେ |

ଏମିତି ନନ-ଭେଜ କଥା ହେଲେ ମୁଡ଼ ଆସିଯାଏ ଆଉ ସେ ବି ମୋତେ କୁହେ ତମେ ବାହା ହେଲେ କଣ କରିବ | ମୁଁ ଗରମ ହେଇଯାଏ, ଏ କଥା ବୋଧେ ସେ ତାର ସାଙ୍ଗ ବାହାଘର ପରେ ମୋତେ ପଚାରିଥିଲେ ଯଉଁଦିନ ସେ ତାର ଘର ଲେଉଟାଇଥିବା ସାଙ୍ଗ ସହ ତାର ବାସନା ରାତି କଥା କଥା ହେଇଥିଲା, ଠିକ ସେ ଦିନ ମୋତେ କହିଲା, ଆଉ ବହୁତ ଗରମ, ଲାଗୁଥିଲା | କଥା କଥାରେ କହିଦେଲା ତମ ପାଖକୁ ଚାଲିଯିବାକୁ ଏବେ ଇଛା ହଉଚି | ମୁଁ କହିଲି ଆସ, ସେ କହିଲା ନାଇଁ ଥାଉ | ଏମିତି ରାତି ରାତି ଯେତେ କଥା ଚାଲୁଥାଏ ଦେହରେ ଗରମ ସେତେ ବଢୁଥାଏ ଦିନେ କଥା କଥା ମୁ କହିଲି ମୁଁ ତମକୁ କରିବାକୁ ଇଛା ହଉଚି, ସେ ବି କହିଲା ମୋତେ ବି ବହୁତ ଇଛା ହଉଚି | ସେଠୁ କେମିତି କାରକରି ହବୁ ବୋଲି ପ୍ଲାନ କଲୁ |

ଦୁଇ ଦିନ ପରେ ତାଙ୍କ ଘରେ ସେ ଏକ ରହିବାର ଯୋଜନା ଥିଲା ତା ବାପା ବୋଉ ବାହାଘରକୁ ଯାଇଥିଲେ ଆଉ ଘରେ ସେ ଏକଦମ ଏକା | ସହି ପଡିଶା ଥିଲେ ତାର ହେଲେ ଟିକେ ଛଡା ଚଡି ଘର | ଦିନରେ ଘରେ ରହିକି ରାତିରେ ପଡିଶା ଘରେ ଯାଇ ଶୋଇବା ବୋଲି ତା ବାପା ବୋଉ କହିଦେଇଥାନ୍ତି | ଲିପ୍ସା ସେ ଭିତରେ ପରୀକ୍ଷା ବହନ କରି ଆମ ଦୁହିଁଙ୍କ ସଙ୍ଗମ ପାଇଁ ପ୍ଲାନ ରଖିଥାଏ | ମୁଁ ମୋ ବାଇକ ନେଇ ତାଙ୍କ ଗାଁ କୁ ଗଲି, ଯେହେତୁ ଆମ ଯୋଜନା ବିଷୟରେ କେହି ଜାଣିନଥାନ୍ତି, ମୁଁ ଗୋଟେ ଗାଁ ପୂର୍ବରେ ମୋ ସାଙ୍ଗ ଘର ଥିଲା ଆଉ ସାଙ୍ଗ ଘରେ କେହି ନଥିଲେ ମୁଁ ବହନ ଦେଖେଇ ତାଙ୍କ ଘରେ ବାଇକ ଥୋଇଦେଲି ଆଉ ଚାଲି ଚାଲି ଗୋଟେ କିଲୋମିଟର ଗଲି | ଲିପ୍ସା ର ଘର ସାହିରୁ ଟିକେ ସାଇଡ ରେ ଥାଏ ସେଥିପାଇଁ କୁଆଡେ ନ ଚାହିଁ ମୁଁ ତାଙ୍କ ବାରି ପଟ ଦେଇ ତାଙ୍କ ପଛ ଅଗଣାରେ ଯାଇ ପହଂଚିଲି | ଲିପ୍ସା ର ବାରି ପଟେ ଗୋଟେ ଚାଲ ଘର ଆଉ ଭିତରକୁ ପକ୍କା ଘର | ମୁଁ ଫୋନ କଲି ଆଉ ସେ ଆସିଲା, ଚାରି ଆଡେ ଉଣ୍ଡି ମୋତେ ଭିତରକୁ ଡାକିନେଲା |

…….. ଆଗକୁ ବହୁତ କିଛି ଅଛି ଜଲ୍ଦି ଏ କାହାଣୀ ର ଅନ୍ୟ ଭାଗ ପ୍ରକାଶ ପାଇବ

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शादी के बाद दीदी की गन्दी हरकत – Shaadi Ke Bad Didi Ki Gandi Harkat | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/shadi-ke-bad-didi-ki-gandi-harkat/ //otelsan.ru/xbrasilporno/shadi-ke-bad-didi-ki-gandi-harkat/#comments Tue, 21 May 2019 18:00:11 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5563 [...]]]> हेलो दोस्तों मैं हूँ अनूप और आज otelsan.ru पे आप सभी को मैं अपनी बेहेन के एक सेक्स के बारें में बताने जा रहा हूँ । दोस्तों मेरी बहन की नाम हे अल्का जो मुझसे ७ साल बड़ी हे । वो पहले एक लड़का से प्यार करता था जैसी बात सभी घरवाले जंगाये और उसकी शाद्दी लड़ी हो गयी । अभी वो दो लड़कियों की माँ हे और उसकी शाद्दी अपनी एक दूर की रिश्तेदार मामू की बीटा से हुई हे । हमारे घर फंक्शन होने की कारन सब लोग ए थे घर में । उसकी पति दो लड़कियाँ भी ए थे लेकिन फंक्शन ख़तम होने के बाद सिर्फ अल्का को छोड़के बाकि सब चले गए और अल्का ७ दिन हमारे घर रुकने के बाद जब उससे जाना था तो उसकी तबियत ठीक नहीं रही और मेरे माँ ने उससे हॉस्पिटल ले गयी और एक डॉक्टर से सुझाब लेके घर आयी । उसी डॉटर का हमारे घर के पास घर था जंहा वो अपना क्लिनिक चला रहा था ।

एक दिन में जब अपने कॉलेज से वापस आ रहा था तो मैंने अपनी अल्का दीदी को डॉक्टर के क्लिनिक में जाते हुए देखा। दोस्तों उस डॉक्टर और मेरी चाची की चुदाई मैंने कई बार देखी थी। मेरी चाची का नाम वर्षा है और वो बहुत बड़ी चुड़क्कड़ भी है उस डॉक्टर की उम्र करीब 40 के आसपास थी। अब में अपने घर पर पहुंचा और फिर में कुछ देर बाद फ्रेश होकर क्लिनिक पर पहुँचा तो मैंने देखा कि मेरी दीदी का नंबर आया और वो अंदर चली गई, उनके जाने के बाद कोई और मरीज वहां पर नहीं था इसलिए डॉक्टर ने दरवाजा बंद कर दिया। अब मुझे ना जाने क्यों शक हुआ। में उठकर तुरंत खिड़की के पास चला गया जो कि हमारे मकान की तरफ थी। मैंने उसके अंदर झांककर देखा तो मेरी दीदी उस डॉक्टर के सामने एक कुर्सी पर बैठी हुई थी और फिर डॉक्टर ने उनसे मुस्कुराते हुए पूछा।

डॉक्टर : कैसी हो अल्का?

दीदी : जी में बिल्कुल ठीक हूँ और आप कैसे हो?

डॉक्टर : में भी ठीक हूँ और तुम्हारी चाची का क्या हाल है?

दीदी : वो भी एकदम ठीक है आप अपनी पत्नी बच्चो के बारे में बताए, वो कैसे है?

डॉक्टर : बस वो भी एकदम बढ़िया है और मेरी बीवी तो कोल्हापुर में रहती है।

दीदी : मतलब वो लोग यहाँ पर नहीं रहते?

डॉक्टर : मेरा बेटा कोल्हापुर में इंजिनियरिंग कर रहा है और बेटी अपनी मेडिकल की तैयारी कर रही है तो वो भी उन्ही के साथ रहती है।

दीदी : क्या तो आप यहाँ पर बिल्कुल अकेले रहते हो?

डॉक्टर : हाँ अब और कोई रास्ता भी तो नहीं है, चलो अब वो सब जाने दो तुम यह बताओ कि तुम्हारी शादीशुदा लाईफ कैसी चल रही है? क्यों तुम वहां पर खुश तो हो ना?

दीदी : हाँ में खुश तो हूँ, लेकिन अब मेरे पास भी कोई रास्ता नहीं है।

फिर डॉक्टर ने दीदी की तरफ घूरकर देखा और फिर वो हंसने लगा और दीदी भी उसकी तरफ देखकर हंसने लगी। फिर डॉक्टर ने दीदी से पूछा कि तुम्हे क्या हो रहा है? दीदी बोली कि मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा है यहाँ बाई तरफ से नीचे की तरफ दर्द हो रहा है और ऐसा कहते हुए दीदी ने अपनी कमर से लेकर अपनी गांड तक हाथ फेरा। डॉक्टर ने उनकी तरफ देखा और मुस्कुराकर कहा कि ठीक है कोई बात नहीं, ऊपर का दर्द है अभी ठीक हो जाएगा, क्या यहाँ पर कोई ऐसा है जिससे तुम अपनी इस जगह पर मसाज करवा सकती हो?

दीदी : जी यहाँ पर तो कोई भी ऐसा नहीं है, मेरे पति भी घर पर चले गये है और फिर दीदी उनकी तरफ थोड़ा सा मुस्कुरा गई और डॉक्टर ने भी उन्हें स्माइल दी।

डॉक्टर : चलो कोई बात नहीं है में तुम्हे इंजेक्शन लगा देता हूँ। यह बात बोलकर उन्होंने दीदी से पूछा कि इंजेक्शन कहाँ पर लगाना है?

दीदी : अब कूल्हों में दर्द है तो वहीं पर इंजेक्शन लगवा लूँगी, क्यों सब चलेगा ना?

डॉक्टर : हाँ हाँ क्यों नहीं? चलो अब जल्दी से तुम उस टेबल पर लेट जाओ।

दीदी टेबल की तरफ चली गई और बोली कि यह तो बहुत उँचा है, में इसके ऊपर चड़ ही नहीं सकती। क्यों ना में खड़े खड़े ही इंजेक्शन लगवा लूँ?

अब डॉक्टर हाँ में अपना सर हिलाकर कहने लगा कि सब चलेगा, लेकिन में तुम्हारी इस साड़ी का क्या करूँ? तो दीदी बोली कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो में उसे थोड़ा ऊपर उठा लूँगी। फिर डॉक्टर बोला कि अब इंजेक्शन लगवाना है तो तुम्हे अपनी साड़ी को ऊपर तो उतनी ही पड़ेगी। फिर दीदी ने तुरंत अपनी साड़ी को नीचे से पकड़कर ऊपर कर दिया और फिर डॉक्टर की तरफ अपनी पीठ करके खड़ी हो गई। वाह दोस्तों उनकी बहुत कमाल की गांड थी। में उन्हें देखता ही रह गया और मेरा लंड उनकी गांड को देखकर अपनी औकात में आने लगा था। उधर डॉक्टर भी चकित होकर उसकी गांड को देखता रह गया। दीदी की वो पेंटी भी उनकी गांड को छुपा नहीं सकती थी वो उनकी गांड की दरार में ही बिल्कुल अंदर तक फाँसी हुई थी और फिर डॉक्टर ने अपने लंड को अपनी पेंट में सेट किया और टेबल की तरफ जाकर इंजेक्शन भरने लगा। फिर दीदी की पीछे आ गया और उसने अब उनकी गांड पर हाथ में थोड़ी रुई लेकर साफ किया और इंजेक्शन लगा दिया। फिर थोड़ी सी रुई उठाई और इंजेक्शन वाली जगह को मसलने लगा। दोस्तों ऐसा करते वक़्त उसने दीदी की गांड को एक हाथ से पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से वहां जिस जगह पर इंजेक्शन लगा उस जगह पर धीरे धीरे मसल रहा था।
डॉक्टर : इंजेक्शन तो हो गया है, लेकिन यह दर्द बहुत करेगा इसलिए इस जगह को थोड़ा ज्यादा मसलना चाहिए।

दीदी : लेकिन, अब में किसको अपनी गांड को मसलने के लिए बोलूँ? प्लीज आप ही मसल दो ना?

डॉक्टर : हाँ ठीक है, लेकिन इसमे ज्यादा समय लगेगा।

दीदी : कोई बात नहीं, में दरवाजे को अंदर से कुण्डी लगा लेती हूँ ताकि हमें कोई ना देखे, आप बस मेरी मसलते रहो और फिर ऐसा कहकर दीदी ने दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया और फिर वो अपनी साड़ी को उठाकर टेबल को पकड़कर खड़ी हो गई। वो बिल्कुल डॉगी स्टाइल पोज़िशन में खड़ी हुई थी। डॉक्टर भी झट से उनके पास गया और उसने दीदी की गांड पर अपने दोनों हाथ रख दिए और फिर एक हाथ से वो उनकी गांड को मसलने लगा और फिर मसलते वक़्त दीदी उनसे बोली।

दीदी : वैसे आप बिना अपनी बीवी के कैसे काम चला लेते हो?

डॉक्टर : ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जैसा आप समझ रही हो।

दीदी : हाँ हाँ में आपके और मेरी चाची के बारे में भी बहुत कुछ जानती हूँ।

डॉक्टर : जब तुम सब कुछ जानती ही हो तो फिर मुझसे क्यों पूछ रही हो?

दीदी : बस आपसे मुझे जानना था कि सिर्फ़ चाची ही है या और कोई भी है?

डॉक्टर : हाँ और भी है, मुझे गाँव की औरतों की चुदाई करना बहुत अच्छा लगता है और अब डॉक्टर ने दीदी से सीधे सीधे शब्दों में बात करनी चालू कर दी और फिर वो बोला कि क्यों अल्का तुम्हे भी तो पहले चुदाई बहुत अच्छी लगती थी?

दीदी : जी लगती थी नहीं, मुझे तो अभी भी चुदाई बहुत अच्छी लगती है।

डॉक्टर : वाह क्या बात है, तो तुम्हारा पति तुम्हारी ज़रूरत जरुर पूरा करता है ना? या फिर तुम अभी भी कहीं बाहर चालू हो?

दीदी : अब आपने मुझे बता दिया है तो मुझे भी तो आपको सब कुछ बताना चाहिए, मेरा पति तो मेरे साथ हफ्ते में दो तीन दिन ही सेक्स करता है और फिर वो भी कुछ मिनट के बाद ठंडा हो जाता है, लेकिन में तो हर रोज़ सेक्स करती हूँ एक दिन में करीब दो तीन बार।

डॉक्टर : रोज दो तीन बार, मतलब तुम्हारे दो तीन बॉयफ्रेंड होंगे? डॉक्टर अब दीदी की गांड पर पूरा चिपक गया था और एक हाथ से इंजेक्शन वाली जगह को दबा रहा था।

दीदी : हाँ वो चार लोग है, दो मेरे पति के दोस्त है, एक मेरे पड़ोस में रहने वाला लड़का है और एक मेरा छोटा देवर भी है। दोस्तों में उनकी यह सभी बातें सुनकर बहुत हैरान होकर सब देख और सुन रहा था।

डॉक्टर : वाह बहुत अच्छा है, क्या तुम्हे तुम्हारी 12th की पढ़ाई याद है?

दीदी : कौन सी स्कूल वाली या आपके साथ की हुई वो वाली?

डॉक्टर : हाँ मेरे साथ की वो वाली।

दीदी : हाँ में उसे कैसे भूल सकती हूँ? आपके साथ तो मैंने अपने बॉयफ्रेंड से भी ज्यादा मज़ा किया था।

डॉक्टर : तो अब क्या ख्याल है? आज एक बार फिर से हो जाए?

दीदी : हाँ में इसलिए तो कब से अपनी साड़ी उठाकर आपको अपनी गांड दिखा रही हूँ और आप हो कि एक सज्जन बने सिर्फ़ इलाज़ ही कर रहे हो।

दोस्तों डॉक्टर ने अब दीदी के मुहं से यह बात सुनकर दीदी को कसकर पीछे से पकड़ लिया और फिर वो उन्हें चूमने लगा। दीदी भी अब उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो डॉक्टर के होंठो को चूस रही थी। फिर डॉक्टर ने जल्दी से अपनी पेंट उतारी और अपने लंड को हाथ में पकड़ लिया। दीदी उससे बोली कि इसे आप मत पकड़ो, में इसको पकड़ती हूँ और आप मेरे आम दबाओ। मुझे पूरे 7-8 दिन हो गये है मैंने अब तक कुछ भी नहीं किया, में अब और ज्यादा समय नहीं रुक सकती। फिर दीदी ने उनके लंड को हाथ से मसलना दबाना चालू किया और डॉक्टर ने भी दीदी के बूब्स को ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया। फिर थोड़ी देर बाद उसने दीदी का ब्लाउज खोल दिया। दीदी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और उनके बड़े बड़े निप्पल डॉक्टर ने एक एक करके अपने मुहं में लिये और चूसने लगा। दीदी ने अपने एक हाथ से उसका लंड पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ से डॉक्टर का सर पकड़ कर उसको वो अपने आम चुसवा रही थी और कुछ देर बाद डॉक्टर ने दीदी को घुमा दिया और फिर दीदी ने भी झट से अपनी पेंटी को घुटनों तक नीचे किया और टेबल को पकड़ कर खड़ी हो गई। डॉक्टर ने भी सही मौका देखकर अपना लंड दीदी की चूत में एक जोरदार धक्का देकर पूरा का पूरा अंदर डाल दिया और अब वो अपने लंड को आगे पीछे करने लगा। दीदी सिर्फ़ टेबल को पकड़कर खड़ी हुई थी और उनको दर्द का कोई अहसास नहीं था, लेकिन उसके बूब्स जोरदार धक्को के साथ हो रही उनकी चुदाई के कारण बहुत ज़ोर ज़ोर से उछल उछलकर हिल रहे थे।

तभी दीदी का फोन बज उठा तो डॉक्टर ने तुरंत अपने धक्के देना बंद कर दिया। उसने लंड को दीदी की चूत से बाहर निकाल लिया। तो दीदी उनसे बोली कि सिर्फ़ एक मिनट और फिर वो फोन को उठाने सेंटर टेबल पर चली गई और बोली कि यह मेरे पति का है और दीदी ने फोन उठाया और बोली कि हैल्लो हाँ बोलिए ना? दोस्तों वो यह बात कहते हुए एक बार फिर से डॉक्टर के सामने आकर खड़ी हो गई और उसने दूसरे हाथ से डॉक्टर का लंड पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया और डॉक्टर को इशारे से चुदाई करने के लिए बोला। डॉक्टर भी अब अपने लंड को चूत में पूरा अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करके हिलाने लगा और दीदी फोन पर कहने लगी कि एसी कुछ खास बात नहीं है, वो मेरी कमर में अचानक से बहुत दर्द हो रहा था तो उसके इलाज के लिए ही में डॉक्टर के पास आई हूँ। वो अभी मुझे इंजेक्शन दे रहे है और में आपको कुछ देर बाद में फोन करती हूँ और फिर शायद जीजू ने भी उधर से फोन रख दिया था। डॉक्टर बोला कि तू तो कमाल की चुदक्कड़ है पति का फोन चालू है और मेरे लंड से अपनी चूत भी ठुकवा रही थी वाह।

दीदी : हाँ मुझे अब इन सब कामो की एक आदत सी हो गई है। अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फोन किसका है या लंड किसका है, बस मुझे चुदवाने का बहुत शौक है।

अब दीदी भी डॉक्टर का पूरा पूरा साथ देने लगी और कुछ देर बाद डॉक्टर अब अचानक से बहुत तेज़ हो गया था दीदी भी जोश में थी और तीन चार मिनट सिर्फ़ चुदाई की ही आवाज़े आ रही थी और फिर डॉक्टर चूत में ज़ोर ज़ोर के झटकों के साथ झड़ गया। दीदी बोली कि वाह मज़ा आ गया, कितने सालो बाद मैंने आपका गरम गरम वीर्य मेरी चूत में लिया है।

डॉक्टर : हाँ अब यहाँ पर हो तो रोज ही ऐसे मज़े लेने के लिए मेरे पास आ जाना।

दीदी : हाँ, आना तो जरुर पड़ेगा, लेकिन अब सिर्फ़ रात में, जिससे जमकर चुदाई हो सके क्यों अगर आप कहो तो चाची जी को भी अपने साथ लेकर आ जाती हूँ?

तो डॉक्टर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और बोला कि अभी उसको नहीं, कुछ दिन जाने दो, वो एक दिन खुद ही आ जाएगी और मेरे लंड को जरुर खाएगी, लेकिन एक बात जो तुम भी नहीं जानती हो क्या वो में तुम्हे भी बता दूँ?

दीदी : हाँ जल्दी से बताइए, ऐसी वो कौन सी बात है जो मुझे अब तक पता नहीं है।

डॉक्टर : यही कि तुम्हारी गांड बिल्कुल तुम्हारी माँ जैसी ही है, वो भी इतने ही मज़े से मुझसे चुदवाती है।

दोस्तों में उस डॉक्टर के मुहं से यह बात सुनकर एकदम से बहुत चकित हो गया था और मुझे उसकी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि वो यह बात सच कह रहा है और मेरी माँ भी उससे चुद चुकी है? और फिर में चुपचाप उनकी बात सुनने लगा।

दीदी : क्या? आप सच कह रहे हो? ऐसा कब से? और आपने उन्हें कैसे पटाया?

डॉक्टर : दो साल हो गये है, तेरा बाप जब बीमार था तब मैंने ही तेरी माँ की चूत को संभाला था। मैंने उनकी चूत की सेवा करने में अपनी तरफ से कोई भी कमी नहीं छोड़ी। मैंने उन्हें बहुत अच्छी तरह से बहुत बार संतुष्ट किया था, वो भी तुम्हारी तरह बहुत बड़ी चुदक्कड़ है।

दोस्तों में तो उसके मुहं से यह पूरी बात सुनकर बहुत हैरान हो गया था। फिर में अब तुरंत वहां से अपने घर की तरफ निकल पड़ा। घर आकर में पलंग पर लेटकर अपनी दीदी की चुदाई और डॉक्टर की वो कही हुई बातें सोचने लगा ।।

धन्यवाद …

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नौकर से अपनी चुत की सील तोड़ दी – Naukar Se Apni Chut Ki Seal Tod Di | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/naukar-se-apni-chut-ki-seal-tod-di/ Mon, 20 May 2019 15:01:16 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5555 [...]]]> हेलो दोस्तों मैं देबीका हूँ । मैं एक लड़की हो के भी मुझे अपनी ही स्टोरी को BHUJA.com पे लिखने का कोई सर्मिन्दा नन्ही किउंकि ये सब तो होता रहता हे और हाँ ये सब को पता हे । मैं पुरे ओपन टाइप का हूँ । मेरे उम्र २१ साल हे और मेरे कूल्हे भी बाहर निकले हुए जिससे देख कर बहत लड़के मुझे पसंद करते हैं और मुझे छोड़ने की ख्याइस रखते हैं । मेरे बदल ज्यादा गोरी नहीं फिर भी मेरे पे बहत मरते हैं । मुझे लड़कों को मजा देने में मजा अत हैं ।

दोस्तों यह बात पांच महीने पहले की है जब में पढ़ाई करती थी और मेरी सभी दोस्त के बॉयफ्रेंड थे, लेकिन मेरा कोई भी नहीं था और इसी कारण से में लड़को को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश किया करती थी।
में बहुत तरीके काम में लिया करती जैसे लड़को से हंसी मजाक, बातें करना और अपने बूब्स का आकार दिखना, अपनी मटकती हुई गांड को दिखाना और इससे बहुत बार कई लड़के मेरी तरफ आकर्षित तो होते थे और मेरे जिस्म को घूर घूरकर देखते तो थे, लेकिन मुझे प्यार कोई नहीं करना चाहता था और अब में भी इस बात से परेशान आ गई थी, क्योंकि आख़िर में भी तो एक लड़की ही थी और मेरे सर पर तो बस किसी का साथ पाने का भूत सवार था और इस कारण से में कई लोगों के साथ सो चुकी हूँ। पहले तो मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा, क्योंकि जो मुझे चाहिए था वो अब तक मुझे मिला ही नहीं था, लेकिन अब मुझे अच्छा लगता है तो हुआ यह कि साथ पाने के लिए में बहुत बैचेन हो गई थी।

दोस्तों मुझे बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि इसका नतीजा कैसा होगा और हमारे स्कूल के एक चपरासी की आँख मुझ पर थी, क्योंकि उसे तो बस मज़े करने के लिए एक खिलोना चाहिए था। उसकी उम्र करीब 40-42 साल थी और वो बिहार का रहने वाला था, लेकिन उसका शरीर बहुत गठीला था और वो थोड़ा मोटा भी था। दोस्तों मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि वो मेरी इन सब हरकतो पर गौर किया करता है और उसे पता था कि मुझसे अब रहा नहीं जा रहा और इसी बात का उसने फायदा उठाया। एक दिन जब में स्कूल से छुट्टी के वक़्त निकली तो उसने मुझसे कहा कि उसे मुझसे कुछ बात करनी है और में उसकी वो बात सुनने के लिए रुक गई, उस समय वहाँ पर कोई भी नहीं था और उसने मुझसे कहा कि उसे मालूम है कि में सच्चे प्यार की तलाश कर रही हूँ। उसके मुहं से यह बात सुनकर में एकदम से हैरान हो गई, लेकिन में उससे इसके आगे क्या कहती। फिर वो आगे बोला कि एक लड़का मुझे बहुत पसंद करता है और वो मुझसे मिलना चाहता है।

दोस्तों मेरी तो जैसे खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा और मुझे लगा कि मुझे अब सब कुछ मिल गया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि यह चपरासी मुझे चोदना चाहता है और मेरी खुशी देखकर वो समझ गया कि में उसके शिकंजे में फंस गई हूँ। फिर उसने मुझसे कहा कि वो लड़का मुझसे मिलना चाहता है, मैंने पूछा कि कब? तो उसने कहा कि जब तुम्हे ठीक लगे। फिर मैंने कहा कि में शाम को ट्यूशन के लिए घर से बाहर जाती हूँ और आज में तुम्हारे पास आ जाउंगी, तब तुम मुझे उससे मिलवा देना। उसने कहा कि ठीक है और फिर में वहाँ से चली गई और उसी शाम को अपने घर से ट्यूशन के लिए निकल गई और अब स्कूल में चपरासी के घर पर उसके पास चली गई। फिर उसने मुझे अपने कमरे में बुला लिया उस समय वहां पर कोई भी नहीं था और वैसे वो शादीशुदा था, लेकिन उसकी पत्नी और बच्चे बिहार में ही रहते थे और इसलिए उसका कमरा बिल्कुल खाली था, बस वहां पर एक चारपाई और कुछ कपड़े थे। तभी उसने मुझे बैठने को कहा और में ठीक उसके सामने बैठ गई, अब वो मुझे बहुत ध्यान से देखने लगा, उसकी नजरे मेरे जिस्म को खा जाने वाली थी और वो मुझे लगातार घूर रहा था। फिर मैंने उससे पूछा कि वो लड़का कहाँ है? तो उसने कहा कि वो मुझे आज एक सच बताना चाहता है और फिर उसने कहा कि कोई लड़का नहीं है, लेकिन वो खुद ही मुझे बहुत पसंद किया करता है। दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी साँसे एकदम से रुक गई मुझे और बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं और में बिल्कुल चुप रही। वो मेरे पास आया और मुझसे कहने लगा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और तुम भी मेरे साथ बहुत खुश रहोगी। तभी मैंने उससे गुस्से में आकर साफ मना कर दिया और फिर में उठकर वहां से जाने लगी।

फिर उसने कहा कि अगर तुम्हे किसी ने यहाँ से इस तरह जाते हुए देख लिया तो तुम बहुत बदनाम हो जाओगी, तभी उसकी बात को सोचकर में वहीं पर रुक गई और बहुत डर गई और मैंने उससे कहा कि अब में क्या करूं? तो उसने कहा कि अगर तुम मेरा साथ दो तो में तुम्हे चुपके से यहाँ से निकाल दूँगा और फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है, लेकिन इसके लिए मुझे क्या करना होगा? तो वो बोला कि में तुम्हारे साथ शादी करना चाहता हूँ और अपनी बीवी बनाना चाहता हूँ और तुम्हारे साथ वो सब करना चाहता हूँ जो सभी लोग अपनी बीवी के साथ करते है। दोस्तों मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि सभी लोगों का कुछ करने का क्या मतलब है? तो मैंने उससे बिना सोचे समझे कहा कि ठीक है, लेकिन प्लीज मुझे यहाँ से बाहर निकालो। फिर वो मेरे पास आया और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया में कुछ बोलती उससे पहले ही उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और अब मेरा मुँह बंद हो गया और वो मेरे बूब्स को मसलने लगा। मैंने उससे छूटने की बहुत नाकाम कोशिश की, लेकिन वो बहुत मजबूत था। फिर उसने मुझे छोड़ा और कहने लगा कि तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा एक बार मेरे साथ करो तो सही। फिर उसकी बातें सुनकर अब मेरा भी दिल उसके साथ कुछ करने का कर रहा था और मैंने भी उसे एक किस किया और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगा।

फिर उसने मुझसे कहा कि अभी और भी बहुत सारे काम करने बाकी है, तुम अब जल्दी से अपने कपड़े उतार दो और उसने भी अब अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और जब मैंने पहली बार उसका लंड देखा तो में डर गई और उसे धीरे धीरे खड़ा और अपना आकार बदलते हुए देखकर में बहुत हैरान रह गई, लेकिन वो अभी भी पूरी तरह खड़ा भी नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी 6 इंच का था और मैंने उससे कहा कि क्यों तुम्हारा लंड इतना बड़ा है? और यह तो अभी पूरी तरह से खड़ा भी नहीं हुआ है। तभी उसने मुझसे कहा कि अब इसे खड़ा तो तू ही करेगी, मैंने पूछा कि वो कैसे? तो उसने कहा कि इसे अपने मुँह में लेकर, तभी मैंने कहा कि में कभी भी ऐसा नहीं करूँगी। तो उसने कहा कि अब कोई फायदा नहीं है तू तेरी जो मर्ज़ी पड़े कर ले, लेकिन तेरी बदनामी हो जाएगी। अब में बहुत डर गई थी और मुझे अब अच्छा भी लग रहा था और फिर उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरा कामुक बदन देखकर वो तो पागल हो गया और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया। फिर उसने मुझसे कहा कि अगर में उसका पूरा पूरा साथ दूँगी तो सब कुछ एकदम ठीक रहेगा। फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, लेकिन अब मेरे पास और कोई चारा भी नहीं था और मुझे भी धीरे धीरे ऐसा करने में मज़ा आ रहा था और में उसके लंड को धीरे से मुहं में लेकर चूसने लगी और अपनी जीभ से लोलीपोप की तरह चाटने लगी। मेरे तो मुँह में वो पूरी तरह से आ ही नहीं रहा था और मुझे अपना पूरा मुहं जबरदस्ती खोलना पड़ रहा था। अब वो कुछ देर बाद और भी बड़ा हो गया, लेकिन उस चपरासी ने ज़बरदस्ती मेरे मुँह में अपना पूरा का पूरा लंड डाल दिया, लेकिन तभी उसने देखा कि मेरे मुँह में उसका लंड नहीं आ रहा है, जिसकी वजह से मेरी सांसे रुकने लगी थी और मेरी आंख से आंसू बाहर आने लगे थे। फिर उसने कुछ ही देर बाद मुझसे कहा कि चलो तुम अब रहने दे। फिर उसने मुझे बिस्तर पर जाने को कहा और में वहाँ पर चली गई। फिर वो तेल ले आया और उसने थोड़ा सा तेल मेरी चूत पर लगाया और बहुत अच्छी तरह मालिश करने लगा और फिर उसने अपनी एक उंगली को चूत में अंदर डाल दिया जिसकी वजह से तेल मेरी चूत के अंदर चला गया और मुझे ऐसा लगा कि कोई गरम गरम चीज़ मेरी चूत के अंदर चली गई हो, मुझे थोड़ा सा दर्द भी हुआ, लेकिन अब थोड़ी देर बाद मुझे उसके ऐसा करने से बहुत मज़ा आने लगा।

फिर उसने अपनी दूसरी उंगली और फिर उसने अपनी तीसरी उंगली को भी अंदर डाल दिया। मुझे उसकी वजह से दर्द तो बहुत हुआ, लेकिन कुछ देर बाद में वो दर्द मज़ा बन गया था और उसने अभी तक मेरी सील नहीं तोड़ी थी, शायद वो उसे अपने लंड के साथ ही तोड़ना चाहता था। फिर उसने मेरा सारा बदन अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर दिया और अब उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड का टोपा मेरी चूत पर लगा दिया। मैंने उससे कहा कि यह अंदर नहीं जाएगा तो वो बोला कि चला जाएगा। फिर मैंने उससे कहा कि अगर मुझे कुछ हो गया तो? वो बोला कि तुम चिंता मत करो तुम्हे कुछ नहीं होगा, बस तुम थोड़ा धीरज रखो और अब में बिल्कुल चुप हो गई। फिर उसने अपना लंड अंदर डालना शुरू किया। अभी उसके लंड का सिर्फ टोपा ही थोड़ा अंदर गया था कि मुझे बहुत दर्द होने लगा में ज़ोर ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी सीईईईई अह्ह्ह्हह आईईईईइ प्लीज बाहर निकालो इसे उह्ह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
फिर उसने मेरा मुँह अपने होठों को उन पर रखकर बिल्कुल बंद कर दिया और थोड़ी देर बाद मुझे थोड़ा सा आराम मिला, मैंने सोच कि शायद अब लंड अंदर चला गया है और अब मज़ा आएगा? लेकिन जब मैंने अपना सर उठाकर नीचे की तरफ देखा तो में चौंक गई, क्योंकि अभी तक तो उसका पूरा लंड बाहर ही था तो मैंने उससे बहुत चकित होते हुए पूछा कि यह कब अंदर जाएगा? तो उसने एक और धक्का मारा और दो इंच लंड अंदर चला गया और अब मैंने महसूस किया कि मेरी चूत की सील टूट गई है और में दर्द के मारे बेहोश हो गई थी। में उस दर्द से छटपटाने लगी थी और जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि उसका लंड अब तक पूरा अंदर चला गया था और वो बहुत मस्ती से मेरे निप्पल को चूस रहा था। मैंने उससे दर्द से करहाते हुए कहा कि प्लीज अब इसे मेरी चूत से बाहर निकाल लो वरना में इसके दर्द से मर ही जाउंगी। फिर वो कहने लगा कि मेरी रानी आज अगर मैंने इसे अधूरे में बाहर निकाल लिया तो फिर कभी ऐसा मज़ा नहीं ले पाएगी और अगर आज ले लिया तो पूरी जिन्दगी बहुत मज़े करेगी, बस थोड़ा सा दर्द और होगा। फिर मैंने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली और उसने फिर से अपने लंड का मेरी चूत पर ज़ोर से दबाव बनाना शुरू कर दिया और अब धीरे धीरे उसका लंड सरकता हुआ अंदर जा रहा था। फिर मैंने महसूस किया कि कुछ ही सेकिंड में उसका लंड फिसलता हुआ करीब दो इंच और अंदर चला गया और अब उसका आधा लंड मेरी चूत के अंदर था और में तो दर्द के मारे तड़प रही थी। फिर मैंने उससे कहा कि में तो आपकी बेटी जैसी हूँ अह्ह्ह्हह्ह प्लीज अब इसे बाहर उह्ह्ह्ह निकाल लो छोड़ दो मुझे। फिर उसने कहा कि अब तो तू मेरी पत्नी जैसी है और मेरे होने वाले बच्चे की माँ भी बनेगी और यह बात कहकर वो मुझे किस करने लगा और धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगा। वो मेरे दर्द की वजह से बहुत धीरे धीरे झटके मार रहा था।

फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज मुझे अब छोड़ दो वरना में मर जाउंगी। उसने कहा कि तुम्हे कुछ नहीं होगा तुम बस थोड़ा सब्र रखो और फिर उसने मुझे बिस्तर से उठाया, लेकिन मेरी चूत से लंड को बाहर नहीं निकाला और वो खुद बिस्तर पर लेट गया। अब में उसके ऊपर आ गई थी और उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर को हिलाने लगा। दोस्तों मुझे अब दर्द के साथ साथ मज़ा भी आ रहा था वो ऐसा लगातार करता रहा और कुछ देर बाद मैंने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन वो अभी तक मेरी चूत में अपना लंड हिला रहा था। फिर उसने मुझे अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ा और एक ज़ोर का झटका मारा तो मुझे लगा कि जैसे उसका लंड अब मेरे गले तक पहुंच गया और में फिर से बैहोश हो गई। फिर थोड़ी देर बाद बाद जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि वो मुझे चूम रहा था और मेरे बूब्स को दबा रहा था, लेकिन अब भी मुझे चूत में बहुत दर्द हो रहा था और मेरी चूत से खून भी बहुत निकल रहा था, लेकिन में अब खुश भी थी कि मैंने अपनी दोस्तों में सबसे बड़ा लंड लिया है फिर चाहे वो किसी भी मर्द का था और जो उम्र में मेरे बाप के बराबर ही क्यों ना हो और अब मुझे भी उससे प्यार हो गया था और मुझे लगा कि सच में ही यह मेरा पति है।

फिर उसने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया वो थोड़ा सा लंड बाहर निकालता और फिर धीरे से अंदर डाल देता अब मुझे ज़्यादा तकलीफ़ नहीं हो रही थी और मज़ा भी बहुत आ रहा था। फिर जब उसे लगा कि में उसके लंड को सहन कर रही हूँ तो वो और ज़्यादा लंड को बाहर निकालता और पूरे ज़ोर से अंदर डाल देता। उसके ऐसा करने से में तो बहुत मज़ा ले रही थी और धीरे धीरे उसने अपना सारा लंड बाहर निकालना शुरू कर दिया। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब तो में भी उसे किस कर रही थी और में इस बीच करीब दो बार और झड़ चुकी थी, लेकिन वो नहीं। फिर उसने मुझे चारपाई पर लेटा दिया और अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा अब वो मेरे निप्पल चूस रहा था जिसकी वजह से मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे आज वो अपने मन की सारी हसरत पूरी करना चाहता हो, लेकिन मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि उसके बाद मेरी चूत का क्या हाल हुआ होगा? मुझे तो बस चुदवाने का जोश आ रहा था कि में इतनी ज्यादा उम्र के आदमी से इतनी छोटी उम्र में चुद रहीं हूँ और हम दोनों पसीने से एकदम भीग गये थे, लेकिन में पूरे जोश में थी। तभी उसने मुझसे कहा कि वो मुझे अब कुतिया बनाकर चोदना चाहता है। दोस्तों मैंने पहले से ही ब्लू फिल्म में वो सारी पोजीशन देख रखी थी और में तभी अपने दोनों घुटनो पर हो गई। फिर उसने पीछे से लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया और मुझे उससे चुदने के बाद ऐसा लगा कि जैसे आज में पूरी हो गई हूँ। अब वो ज़ोर ज़ोर के धक्के मार रहा था और फिर उसने कहा कि वो अब झड़ने वाला है और उसने कहा कि वो मेरी चूत में ही झड़ना चाहता है ताकि उसका बच्चा मेरे पेट से जन्म ले।

फिर मैंने कहा कि नहीं, इससे मेरी बदनामी हो जाएगी और अभी ठीक सही समय नहीं है और फिर उसने यह बात सुनकर अपना लंड बाहर निकालकर मेरे मुँह में डाल दिया और अपना सारा वीर्य मेरे मुँह में डाल दिया और में एक आज्ञाकारी पत्नी की तरह उसका सारा वीर्य पी गई। जब मैंने अपनी चूत को देखा तो में एकदम से चौंक गई क्योंकि वो बिल्कुल फट गई थी और मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन उसने मुझसे कहा कि तू चिंता मतकर यह अपने आप ठीक हो जाएगी और फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरी चूत से अभी भी थोड़ा थोड़ा खून आ रहा था। फिर उसने मुझे एक सफेद रंग की कोई चीज़ दी और मुझसे अपनी चूत पर लगाने को कहा तो उससे मेरी चूत का दर्द बिल्कुल कम हो गया और उसने कहा कि इससे सब ठीक हो जाएगा और फिर मैंने उससे कहा कि अब मुझे घर पर जाना है और दोबारा मिलने का वादा लेकर उसने मुझे अपने कमरे से चोरी से बाहर निकाल दिया और उसकी दी हुई दवाई की वजह से मेरा दर्द अब ठीक था, लेकिन फिर भी मुझे थोड़ी सी तकलीफ़ थी और में अपने घर पर आकर चुपचाप सो गई और सुबह उठकर जब स्कूल गई तो चपरासी दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था, उसने मुझसे मेरा हाल पूछा तो मैंने कहा कि में एकदम ठीक हूँ और उसने कहा कि हम जल्द ही मिलेंगे और में एक मुस्कुराहट के साथ अपनी क्लास में चली गई ।।

धन्यवाद …

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