BHAI BAHAN KI CHUDAI KAHANI – | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Wed, 19 Jun 2019 18:12:57 +0000 en-GB hourly 1 /> बहन के साथ मस्ती भरी चुदाई की कहानी – Bahan Ke Saath Masti Bhari Chudai Ki Kahani | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ke-saath-masti-bhari-chudai-ki-kahani/ //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ke-saath-masti-bhari-chudai-ki-kahani/#respond Wed, 19 Jun 2019 18:12:57 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5818 [...]]]> bhai bahan ki chudai kahani, hindi sex story, bahan ki chudai, bahan ki chut bhai ki lund, bahi ne bahan ki chudai ki,
otelsan.ru के सभी पाठक और पाठिका को मेरे नमस्ते, मैं हूँ आदित्य । बहत दिनों से otelsan.ru पे कहानी पढ़ रहा हूँ ।
मुझे सेक्स स्टोरी में बहत दिलचस हे और साथ साथ नयी नयी लड़की चोदने में भी इंटरेस्ट हे । मैं सभी तरह की सेक्स स्टोरी पढ़ी हे । मुझे बहत दिनों से एक खुयाइस था की मैं अपनी बहन की छूट मरुँ । लेकिन ये एक दिन सच में हो गया और मैं अपनी सगी बहन की चुदाई कर लिया । तो पढ़िए ये कहानी और आगे की मजा लीजिये । में एक कॉलेज से बीटेक के तीसरे साल का स्टूडेंट हूँ और मेरी उम्र 20 साल है..
में दिखने में ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज 6.5 इंच है और में चूत का बहुत बड़ा शौक़ीन हूँ। यह घटना मेरी और मेरे मामा की लड़की की है.. उसका नाम ईशा है और वो अब बीकॉम के पहले साल में है। वो दिखने में बहुत सुंदर और मोटे मोटे बूब्स और गांड तो बस देखने से ही अच्छे अच्छो के लंड खड़े हो जाते है।

हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और एक दूसरे से सभी तरह की बातें शेयर करते थे.. लेकिन बस सेक्स की बातों को छोड़कर.. में उसका साईज भी आप सभी को बता दूँ.. उसका साईज 34-28-36 है और यह कुछ दिन पहले की बात है.. में अपने कॉलेज की छुट्टियाँ बिताने के लिए अपने मामा के घर पर आया हुआ था। तो हम दोनों सारा दिन बैठकर बातें करते रहते थे और बहुत मज़े करते थे। दोस्तों उस टाईम तक मेरे मन में उसके लिए किसी भी तरह की कोई भी ग़लत बात नहीं थी.. लेकिन फिर एक दिन मामा और मामी किसी प्रोग्राम में बाहर गये हुए थे और मुझसे घर पर रुकने के लिए बोलकर गये थे और फिर हम दोनों गेम खेलने लगे। फिर गेम खेलते खेलते अचानक से मेरा हाथ उसकी कमर पर लग गया.. लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा.. और एक मुस्कान देकर फिर से खेलने लगे.. तो एकदम से दिल में एक अजीब सा ऐहसास हुआ और मैंने उसके हाथ पर हाथ रख दिया। तो वो एकदम से ऐसे खड़ी हुई जैसे उसको 240 वॉल्ट का करंट लग गया हो।

फिर इतना होने के बाद वो बाहर भाग गई और मुझे भी अपनी गलती महसूस हुई.. लेकिन फिर भी मेरा सेक्स का बुखार शांत होने वाला नहीं था और में उसके पीछे गया तो मैंने देखा तो वो नहाने के लिए बाथरूम में चली गई और में चुपचाप आकर टीवी देखने ल्गा। इतने में ही मुझे एक बहुत ज़ोर से आवाज़ आई जैसे कुछ गिरा हो.. तो में भागकर कमरे से बाहर गया और मैंने बाथरूम के पास जाकर देखा तो ईशा नीचे जमीन पर गिरी पड़ी है और उसका टावल भी पूरा खुला पड़ा था। दोस्तों मैंने पहली बार किसी लड़की को पूरा नंगा देखा था.. और में उसे इस हालत में कुछ देर देखता रहा और उसके पीछे का हिस्सा मुझे दिख रहा था.. मतलब उसकी कमर और गांड। फिर मैंने अपने आपको संभाला और उससे पूछा कि ईशा क्या हुआ? तो उसने मुझसे कहा कि दिखता नहीं में गिर गई हूँ.. मुझे उठाओ.. बहुत दर्द हो रहा है। तो मैंने जल्दी से उसे अपने दोनों हाथों का सहारा देकर खड़ा किया.. वो एकदम नंगी मेरी आखों के सामने थी.. उसकी चूत छोटी सी थी और उस पर हल्के हल्के बाल भी थे। बिल्कुल गुलाबी कलर की.. में उसे देखता ही रह गया। तभी उसने उठकर अपना टावल ऊपर खींच लिया और में एकदम होश में आ गया। फिर वो मुझसे बोलने लगी.. बेशर्म में तेरी बहन हूँ ऐसे घूर घूरकर क्या देख रहा है? तो मैंने अपना सर नीचे कर लिया.. तभी उसने कहा कि मुझसे चला नहीं जा रहा.. मुझे अपनी गोद में उठाओ। तो मैंने उसे गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले गया.. और उसे बेड पर लेटा दिया.. लेकिन अब भी उसके बूब्स हल्के हल्के दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड खड़ा हो चुका था। तो मैंने उससे कहा कि तुम सीधी लेटी रहो.. में दवाई लाता हूँ.. में दूसरे कमरे में जाकर दवाई लेकर आया और में उसकी कमर पर दवाई लगाने लगा और कमर पर दवाई लगाते हुये मेरा हाथ अचानक से उसके बूब्स पर लग गया.. तो मेरे मन में एक अजीब सा अहसास हुआ और में अपने आपको रोक नहीं पाया और मैंने धीरे से उसकी कमर पर किस कर दिया.. वो एकदम से सीधी हुई तो उसके बूब्स मेरे मुहं पर छू गये और उसे भी अजीब सा महसूस होने लगा और फिर उसने मेरा मुहं अपने दोनों हाथों से पकड़ा और मेरे होंठो पर किस कर दिया। तो अब में भी नहीं रुक सका और में भी उसे किस करने लगा और मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर था और दूसरा पेट पर.. वो अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी उह्ह्ह अह्ह्ह और कह रही थी मुझे और ज़ोर से किस करो। तो में भी पूरे जोश में था मैंने अपनी शर्ट उतार दी और उसके बूब्स को चूमने चाटने लगा.. वो अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी अहह आदित्य और ज़ोर से चूसो.. पी लो आज इनका सारा दूध.. बहुत दिन से मेरा तुझसे चुदने का मन कर रहा था।

फिर इतने में उसने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया। पेंट के ऊपर से ही वो मेरे लंड को रगड़ने लगी और फिर उसने मेरी पेंट को खोल दिया। तो में भी उसके सामने पूरा नंगा था और अब में उसकी गर्दन पर, पेट पर, होंठ पर, बूब्स पर बारी बारी से किस करने लगा। तो वो अब बहुत गरम हो गई फिर मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूत पर अपना हाथ रख दिया.. वो एकदम से सिहर उठी और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी और वो बोलने लगी कि आदित्य अब बस डाल दो मुझसे रहा नहीं जा रहा.. जल्दी करो और चोद दो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत। तो मैंने उसे सीधा लेटाया और उसकी चूत पर किस करने लगा.. वो आईइ उह्ह्ह्ह सीईई कर रही थी। फिर मैंने अपना लंड हाथ में लिया और उसकी चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा और वो अपने आप झटके मारने लगी और लंड अंदर लेने की कोशिश करने लगी.. मैंने उसके छेद पर अपना लंड रखा और हल्का सा धक्का मारा तो वो एकदम से चिल्ला उठी और बोलने लगी कि प्लीज बाहर निकालो भैया बहुत दर्द हो रहा है।

में उसकी खराब हालत को देखकर वही रुक गया और वो आवाज़ निकालने लगी आईइ अहह माँ बचाओ मार दिया मुझे और अब उसकी चूत से खून आने लगा। तो मैंने एक मिनट शांत रहने के बाद फिर से जोरदार झटका मारा.. इस बार मैंने मेरा पूरा 6.5 इंच का लंड अंदर उतार दिया। तो वो ज़ोर से बोली कि आह में मर जाउंगी प्लीज इसको बाहर निकालो.. लेकिन में कहाँ सुनने वाला था.. दो मिनट रुका और आराम आराम से झटके मारने लगा। तो वो भी चुदाई के मज़े लेने लगी और अहह उह्ह्ह माँ मर गई की आवाज़ निकालने लगी और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और वो भी नीचे से धीरे धीरे झटके मारने लगी और मेरा पूरा साथ देने लगी। तभी थोड़ी देर बाद वो बोलने लगी कि मेरी चूत से कुछ निकल रहा है और वो उम्म अह्ह्ह की आवाज़ निकालते हुई झड़ गई.. उसकी चूत की गर्मी से में भी झड़ गया। फिर वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम वर्जिन थे? तो मैंने कहा कि नहीं में वर्जिन नहीं हूँ। फिर हम दोनों ने किस किया और कुछ देर लेटे रहे और फिर से हमने दो बार सेक्स किया और सो गए। सुबह उठकर एक बार फिर सेक्स किया और नहाकर कपड़े चेंज किए ।।

धन्यवाद …

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बड़ी बहन की मोटी चूत पे उंगली और चुदाई – Badi Bahan Ki Moti Chut Pe Ungli Aur Chudai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/badi-bahan-ki-moti-chut-pe-ungli-aur-chudai/ //otelsan.ru/xbrasilporno/badi-bahan-ki-moti-chut-pe-ungli-aur-chudai/#respond Fri, 10 May 2019 12:21:56 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5465 [...]]]> otelsan.ru पे आप सभी को मैं सूरज स्वागत करता हूँ दोस्तों आप आज मेरे हिंदी सेक्स कहानी पढ़कर मजा लीजिये । ये कहानी बड़ी बहन के ऊपर आधारित हे । बहन की चुदाई भाई के लंड से जो बहत रोमांचक हे और मजेदार भी । अभी मेरे उम्र 25 साल हे ।
मेरी हाईट 5.11 इंच है, में दिखने में बिल्कुल ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज 5.5 इंच है। आज बहुत वक़्त बाद मेरा मन कर रहा है कि अपनी भी एक छोटी सी दास्तान आप सभी को सुनाऊं। दोस्तों यह कहानी सिर्फ एक लड़की के जिस्म के साथ है जो कि में सबसे पहले थोड़ा बहुत उनका परिचय भी आप सभी को करवाना होगा। दोस्तों मेरी तीन बहन है और तीनों ही मुझसे बड़ी है और उनके साथ रहते रहते मैंने लड़कियों के बारे में लगभग हर एक चीज़ को सीख लिया था,
इसलिए उन्हे अपनी तरफ आकर्षित करना मेरे लिए एक आम बात बन चुकी थी और ख़ासकर मुझसे तीन चार साल बड़ी उम्र की लड़कियाँ तो बहुत ही आसानी से पट जाती रही थी।

दोस्तों यह बात आज से कुछ साल पुरानी है और में उस साल शायद हर एक दिन मुठ मारता था और मेरे दोस्त भी इतने शरीफ थे कि उन्होंने मुझे क्लास 8 में ही ब्लूफिल्म दिखानी शुरू कर दी थी। में सबसे पहले उन एक्ट्रेस को सोचकर मुठ मारता था और फिर अंजान लड़कियों को सोचकर। फिर बहनो की फ्रेंड्स, फिर खुद की बहनें, फिर कोई भी औरतें, भाभियाँ और शायद उस समय मैंने अपनी ज़िंदगी में मिलने वाली हर एक औरत, लड़की को सोचकर कम से कम एक बार मुठ जरुर मारी। दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ। में उस समय कुछ दिनों के लिए अपने मामा के घर पर गया हुआ था, मेरे बड़े मामा की सिर्फ़ दो बेटियाँ है, उसमे बड़ी वाली का नाम शालिनी है और छोटी वाली का नाम मेघना और उस वक़्त शालिनी की उम्र करीब 19 साल की थी और मेघना की उम्र करीब 17 साल थी। दोस्तों हमारे घर और खानदान में लड़कियों के बाहर आने जाने कहीं घूमने फिरने पर बहुत ज्यादा ध्यान देते है, इसलिए वो दोनों ही एकदम घरेलू टाईप लड़कियाँ थी।

दोस्तों शालिनी दीदी और मेरी बचपन से ही बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन मेघना से में ज़्यादा बात नहीं करता था तो एक रात को हम सब सोने की तैयारी कर रहे थे, शालिनी दीदी मेरे साथ सोने के लिए हमेशा बहुत बैचेन रहती थी, क्योंकि उनको मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे में जानना था तो हमें उस रात को बातें करते करते रात के 1:30 बज गये और फिर मैंने उनसे कहा कि चलो अब हम सो जाते है और फिर आँख बंद करने के करीब दस मिनट बाद दीदी ने मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़ा और प्यार से सहलाने लगी, मुझे भी उनका मेरे साथ ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मैंने भी उनका हाथ अब कसकर पकड़ लिया और फिर वो अपने एक पैर से मेरे पैर को मसलने लगी, लेकिन पता नहीं क्यों अचानक उन्हे ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने कुछ ही देर के बाद अपना पैर एकदम से पीछे खींच लिया और फिर वो सो गयी। फिर मैंने भी उस बात पर इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर कुछ दिनों के बाद मेरी मौसी की बेटी की शादी थी, तो हम सब वहीं पर गये थे। हम वहां पर बहुत मस्ती करते थे। दिन भर मस्ती, गाना और बहुत कुछ करते रहते थे। दोस्तों वहाँ पर भी मुझसे तीन साल बड़ी एक लड़की थी, जो मुझ पर हमेशा बहुत बार लाईन मारा करती थी और शरारती बातें किया करती थी। फिर में भी उस समय उसके बड़े मज़े ले रहा था, रात को नाचना, गाना चल रहा था और करीब 12 बजे थे, लेकिन अब मुझे बहुत नींद आ रही थी तो इसलिए में एक रूम में आकर सो गया, वो रूम बहुत बड़ा था और उसमें पहले से ही तीन चार लोग सोए हुए थे और फिर में बिल्कुल चुपचाप सबसे आखरी में जाकर रज़ाई में घुसकर सो गया। वो दिसम्बर का महीना था और उस समय की ठंड तो आप जानते ही होंगे। फिर करीब दो बजे रात को अचानक से मेरी नींद खुली, नींद खुली तो में जिस तरह से सोया हुआ था, वो सब देखकर तो मेरे एकदम होश ही उड़ गये, क्योंकि मेरे एक तरफ पास में कोई लड़की सोई हुई थी और मेरा एक हाथ उसके नाईट सूट वाले टॉप के अंदर उसकी ब्रा के ऊपर था और उन सबको समझने में मुझे पूरे दो मिनट लग गये, क्योंकि रूम में पूरा अंधेरा था और फिर मैंने थोड़ा आसपास टटोलकर देखा तो मुझे समझ में आ गया कि शालिनी दीदी के ही नाईट सूट के अंदर मेरा वो हाथ था। फिर एक तरफ दिल की धड़कने बढ़ गई और वहीं दूसरी तरफ लंड का साईज़ भी बड़ने लगा और अब मेरे दिमाग़ में तरह तरह के ख्याल आने लगे, क्या मैंने अंजाने में अपना हाथ उनके टॉप के अंदर उसकी ब्रा में घुसा दिया था? या फिर दीदी ने खुद जानबूझ कर डाला था, क्योंकि में एक जवान लड़का था और ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को छूने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मेरा मन तो हाथ को भी बाहर निकालने का नहीं कर रहा था और फिर मैंने सोचा कि बेटा थोड़ा रिस्क तो लेना ही पड़ेगा।

फिर में धीरे धीरे ब्रा के अंदर हाथ घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो बहुत टाईट थी, इसलिए पहले दो, तीन मिनट में हल्का हल्का मसलता रहा, लेकिन फिर जब मेरी भूख बढ़ने लगी तो में उनके पेट पर हाथ फेरने लगा और अब मेरा लंड पूरी से तरह तनकर खड़ा हो चुका था, लेकिन तभी कुछ देर के बाद मुझे शक हुआ कि शायद दीदी अब जाग रही है और वो सिर्फ सोने का नाटक कर रही है और इस बात को जानने के लिए मुझे एक आईडिया आया। फिर में अपने हाथ को उनकी पीठ की तरफ ले गया और थोड़ा धीरे धीरे सहलाने के बाद मैंने कसकर उनकी कमर को पकड़ लिया और उनको अपनी तरफ घुमा दिया और अब हम दोनों एक दूसरे के चेहरे के आमने सामने थे और उनकी आखें अब भी बंद थी, लेकिन इतनी ज़ोर ज़ोर से लगातार हिलाने के बाद भी वो नहीं उठी तो में समझ गया कि अब दीदी नींद में नहीं है और अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और कुछ देर तक पीठ सहलाने के बाद में उनकी ब्रा के हुक को टटोलने लगा। दोस्तों मैंने इससे पहले अपनी बहनों की ब्रा को कई बार बाथरूम में लटकते हुये देखा था और में कभी कभी उनको लंड पर रगड़कर मुठ भी मारा करता था, इसलिए एक हाथ से ब्रा के हुक को खोलना मेरे लिए बायें हाथ का खेल था। फिर मैंने तुरंत ही उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया, लेकिन वो अब भी बिल्कुल वैसे ही लेटी हुई थी।

फिर उनके कंधो के ऊपर से ब्रा को उतारते हुए मैंने धीरे धीरे ब्रा को उनके हाथ से भी निकालकर खोल दिया और अब उनके बूब्स मुझे एकदम साफ साफ दिखाई दे रहे थे, लेकिन उनका सीधा वाला बूब्स थोड़ा सा उनके शरीर के नीचे दबा हुआ था और अब तो मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था, इसलिए मैंने फटाफट उनके निप्पल को मसलना शुरू कर दिया और थोड़ा थोड़ा बूब्स को दबाने लगा। तभी अचानक से दीदी ने करवट ले ली और अब वो बिल्कुल सीधी हो गई, जिसकी वजह से में एकदम से डर गया और मुझे फिर से शक हुआ कि कहीं दीदी सच में सो तो नहीं रही? और अगर वो उठ गयी और उन्होंने यह सब देखा तो में मर जाऊंगा, लेकिन कहते है सेक्स का नशा इंसान पर एक बार चढ़ जाए तो फिर वो झड़ने के बाद ही उतरता है। फिर में उनके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने, मसलने लगा, लेकिन वो बिल्कुल भी हिल नहीं रही थी और उसी समय मैंने थोड़ा सा उठकर उनके एक निप्पल को मुहं में लेकर चूसा भी और अब मेरे अंदर का शैतान उठकर छटपटाने लगा और अब मुझे बस चूत चाहिए थी। फिर मैंने धीरे धीरे अपना एक हाथ उनकी पेंट के अंदर घुसाया, सबसे पहले में उनकी जाँघो को सहलाता रहा। वाह दोस्तों क्या चिकनी जांघे थी उनकी? फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी पेंटी पर रखा। फिर मैंने महसूस किया कि उनकी पेंटी पहले से ही बहुत गीली हो चुकी थी। फिर यह सब महसूस करके तो में और भी पागल होने लगा, जोश में मैंने जैसे ही उनकी पेंटी में हाथ डाला तो मेरे कान में किसी ने कुछ बहुत धीरे से फुसफुसाया कि तुम यह क्या कर रहे हो सूरज भैया? दोस्तों मेरी तो जैसे वो आवाज सुनते ही साँसें एकदम रुक सी गई और मेरी गांड फटकर हाथ में आ गई। में चूत की तरफ इतना मग्न हो गया था कि मैंने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया कि दीदी ने पिछले एक मिनट से मेरी तरफ मुहं कर रखा था और अब उस ऐसी रूम में भी मुझे पसीने आने लगे और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं? मेरे दोनों हाथ भी वैसे के वैसे ही रह गए थे और आँखों के सामने कभी मामा, मामी का चेहरा आ रहा था तो कभी अपने पापा, मम्मी का और फिर मुझे लगा कि अब तो में काम से गया, दीदी शायद अब तक शर्म के मारे यह सब बर्दाश्त कर रही थी, लेकिन अब तो वो कल सुबह सबको बता देगी कि पिछली रात को मैंने उसके साथ क्या क्या किया, क्योंकि मेरी किस्मत भी बहुत खराब थी। उस कमरे में और भी लोग सोए हुए थे वरना में दीदी को कुछ ना कुछ कहकर शायद पटा लेता, लेकिन फिर दोबारा से मेरे कान में एक आवाज़ आई, दीदी ने बड़े ही प्यार भरी आवाज में मुझसे कहा कि तुम रुक क्यों गये?

दोस्तों उस एक शब्द ने तो मुझे सातवें आसमान पर पहुंचा दिया और मेरी जान में जान आ गई और उसके बाद मेरा हाथ एक मिसाईल की तरह उनकी चूत पर पहुंच गया। वाह क्या मस्त चूत थी, वो एकदम जवान वर्जिन चूत और रस से भरी हुई और उसे ऊपर थोड़ी थोड़ी झाँटे थी और जो शायद कुछ दिन पहले ही कटी थी और उसे चूत के दोनों होंठ बिल्कुल फूले हुए थे और फिर मेरे चूत में उंगली डालते ही दीदी एकदम से सिहर गई और उनका पूरा शरीर बिल्कुल कसा हुआ था और उनकी चूत भी हद से ज़्यादा टाईट थी। फिर मैंने धीरे धीरे अपनी एक उंगली अंदर घुसाई और थोड़ी सी अंदर घुसने के बाद में उसे जल्दी जल्दी हिलाने लगा और अब मेरा लंड भी अंदर ही अंदर छटपटा रहा था और तनकर खड़ा हुआ था। फिर मैंने दीदी का सीधा हाथ पकड़कर अपनी अंडरवियर में डाल दिया और एक घरेलू लड़की होने के नाते उन्हे यह भी नहीं पता था कि अब उन्हे इसके आगे क्या करना है? फिर मैंने उनका हाथ अपने हाथों में लिया और लंड को पकड़कर हिलाने लगा और अब उनका एक हाथ मेरी अंडरवियर में था और मेरा एक हाथ उनकी पेंटी के अंदर। दोस्तों वाह क्या मज़ा आ रहा था।

फिर एक दो मिनट हिलाने के बाद ही हम दोनों झड़ गये। दोस्तों दीदी को तो शायद यह भी पता नहीं चला कि उनके साथ यह सब क्या हुआ, वो बहुत घबरा गई थी और जिसकी वजह से हम आपस में बात भी नहीं कर पा रहे थे और हमें यह भी डर था कि कहीं कोई जाग ना जाए। दीदी ने तुरंत अपना हाथ अंडरवियर से बाहर निकाला और अपने कपड़े पहनने लगी और वो शायद कुछ ज़्यादा ही डर गयी थी। फिर वो उठकर सीधी बाथरूम में चली गयी और करीब 15 मिनट बाद लौटी और फिर मेरे पास में लेटकर उसने मेरे कान में धीरे से कहा कि सूरज भैया प्लीज़ आज हमारे बीच जो कुछ भी हुआ है उसे भूल जाना। फिर में उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर थोड़ा उदास हो गया और फिर में भी उठकर बाथरूम में चला गया और फिर मैंने वहीं पर दीदी को सोच सोचकर दो बार और मुठ मारी और सब कुछ आधा अधूरा रह गया था। मुझे दीदी के साथ कुछ भी कर ना पाने का गम तो बहुत था, लेकिन मुझे इस बात की खुशी भी बहुत थी कि आज पहली बार मैंने किसी लड़की की बिना चुदी चूत में अपनी उंगली डाली है और उसके बूब्स को छूकर महसूस किया है, दबाया है, चूसा है और उसकी चूत में अपनी उंगली करके उसके जिस्म के अंदर की गरमी को महसूस किया है। उसके जिस्म के हर एक हिस्से को छुकर महसूस किया है और वो मेरा पहला अहसास मुझे आज भी वो रात याद दिलाता है, जिसमे मैंने एक कामुक लड़की के जिस्म की गरमी को छुकर उसकी चूत के अहसास को मन में लेकर अपने लंड को पहली बार झड़ने पर मजबूर किया था। फिर दूसरे दिन सुबह ही हमें वहां से अपने घर के लिए निकलना था, शायद इसलिए दीदी से मेरी बात ही नहीं हो सकी या फिर दोस्तों आप यह समझ लो कि अब हम एक दूसरे से नज़रें ही नहीं मिला पा रहे थे और उसके बाद मैंने कई बार दोबारा अपने मामा के यहाँ पर जाकर अपनी दीदी को चोदने के प्लान बनाए, लेकिन किस्मत के कारण कुछ भी ऐसा हो ही नहीं पाया और फिर दो साल बाद उनकी किसी अलग शहर में शादी हो गई और अब करीब करीब हमारा मिलना लगभग बंद ही हो गया और मैंने इस बात को छोड़ देना ही बेहतर समझा ।

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