aunty ki chut chudai – | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Sun, 23 Jun 2019 05:36:13 +0000 en-GB hourly 1 /> दोस्त की मौसी के साथ चुदाई की बड़ा मज़ा – Dost Ki Mausi Ke Saath Chudai Ki Bada Maza | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-mausi-ke-saath-chudai-ki-bada-maza/ Sun, 23 Jun 2019 05:36:13 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5855 [...]]]> फिर एक नयी कहानी के साथ मैं रबी आपको otelsan.ru के इसी गन्दी दुनियां में स्वागत करता हूँ । सभी लंड धरी लोगों को मेरे लंड के तरफ से प्रणाम और सभी चुत धरी रण्डिओं को मेरे लंड की सलाम । उम्मीद हे चुत की पानी गरम हो चुकी होगी । ये कहानी पढ़के और भी गरम होने वाला हे तो पढ़िए ये चुदाई की कहानी |
दोस्तों आज जो कहानी में आप सभी के लिए लेकर आया हूँ, यह मेरी पहली सच्ची घटना है। दोस्तों मेरी फेमिली में मेरी मम्मी, पापा और मेरा एक भाई है और यह कहानी मेरी और मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त की मौसी की है, जिसका नाम दिव्या है। दोस्तों दिव्या की उम्र करीब 28 साल थी और उसका एक 4 साल का बेटा भी था।
दिव्या का पति एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता था और उसका चक्कर उसी के ऑफिस की एक लड़की के साथ था और इसलिए वो दिव्या का ज्यादा ख्याल नहीं रखता था और ना ही वो उसके बेटे की परवाह किया करता था, यहाँ तक कि उसे पूरे सात महीने हो गए थे और दिव्या को उसने हाथ भी नहीं लगाया था, लेकिन दोस्तों आख़िर दिव्या भी एक औरत थी और वो सेक्स के बिना कैसे रह सकती थी? फिर भी उसने अपनी मर्यादा को अभी तक नहीं तोड़ा था, लेकिन उसके पति ने एक दिन उससे कहा कि वो अब दिव्या को बहुत जल्दी तलाक दे देगा।

फिर दिव्या उसके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल पागल सी हो गई थी, उसने अपनी बहन मतलब कि विजय की मम्मी स्मिता आंटी को फोन करके सब कुछ बता दिया। फिर स्मिता आंटी और अंकल तुरंत दिव्या के घर पर चले गये। दिव्या बड़ोदा रहती थी, स्मिता आंटी और अंकल ने दिव्या के पति को बहुत कुछ समझाया, लेकिन वो नहीं माना और आख़िर स्मिता आंटी, दिव्या और उसके बेटे को अपने घर पर लेकर आ गई। दिव्या का स्मिता आंटी के सिवा पूरी दुनिया में अब कोई नहीं था। दोस्तों अब में विजय की बात करता हूँ, विजय और में 12th क्लास से साथ है और हम बहुत अच्छे दोस्त है। विजय के परिवार में उसके पापा मम्मी और एक बहन है जो शादीशुदा है। विजय के पापा का कपड़ों का होलसेल बिज़नेस है और विजय भी उनके साथ में काम करता है। दोस्तों विजय के मम्मी, पापा मुझे अपने बेटे की तरह समझते थे, इसलिए में उनके परिवार में एक सदस्य जैसा हूँ और उनको मुझ पर बहुत भरोसा है।

दोस्तों दिव्या के आने के बाद स्मिता आंटी ने दिव्या से मेरी पहली बार मुलाकात करवाई और दिव्या की सभी समस्याए मुझे बताई। फिर मैंने उन्हें थोड़ा विश्वास दिला दिया कि बहुत जल्दी सब कुछ ठीक हो जाएगा। दो महीने ऐसे ही निकल गये और अब दिव्या मेरे साथ एक बहुत अच्छे दोस्त की तरह हो गयी थी, लेकिन हमेशा वो बहुत उदास रहती थी और हर कभी रोती थी और उसकी वजह से स्मिता आंटी भी हमेशा बहुत चिंता में रहती थी। फिर एक दिन विजय का कॉल आया और उसने मुझसे कहा कि मेरे घर पर आओ, तो में उसी शाम को उसके घर पर चला गया। तब विजय ने मुझसे कहा कि क्या तुम मेरे साथ बिज़नेस के काम से मुंबई चलोगे? फिर मैंने उससे कहा कि नहीं मुझे बहुत काम है, इसलिए में तुम्हारे साथ नहीं आ सकता। फिर विजय ने मुझसे कहा कि मेरे पापा भी चार दिनों के लिए दिल्ली जा रहे है और विजय भी तीन दिन के लिए मुंबई जा रहा है, इसलिए उसने मुझसे कहा कि तुम मेरे घर का ख्याल रखना। दोस्तों मेरा और विजय का घर ज्यादा दूरी पर नहीं था, इसलिए मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं आप दोनों आराम से चले जाओ, में घर का पूरा ख्याल रख लूँगा और फिर मैंने आंटी से भी कहा कि अगर आपको कुछ भी काम हुआ तो आप मुझे फोन करना, में चला आ आऊंगा और दूसरे दिन सुबह अंकल दिल्ली चले गये और शाम को विजय मुंबई। फिर करीब 7:00 बजे उसी शाम को आंटी का मेरे पास फोन आया तो उन्होंने मुझसे मेडिकल से कुछ दवाई और मालिश के लिए एक तेल की बॉटल मँगवाई और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि आज रात का खाना हम साथ में बैठकर खायेगें।

फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है और फिर में रात को करीब 9:30 बजे आंटी के घर पर पहुंच गया, हमने सबसे पहले एक साथ बैठकर खाना खाया, लेकिन मुझे दिव्या वहां नजर नहीं आई तो मैंने आंटी से पूछा कि दिव्या कहाँ है? तो आंटी ने मुझसे कहा कि उसकी हालत बहुत खराब है और वो इस समय अपने रूम में है। फिर मैंने उनसे कहा कि तो चलो हम कोई दवाई दे देते है। फिर आंटी ने कहा कि उसे किसी दवाई की ज़रूरत नहीं है और यह सब तुम नहीं समझोगे। दोस्तों में सच में कुछ भी नहीं समझा और में दिव्या के रूम में चला गया और मैंने वहां पर जाकर देखा कि वो अपने बेटे को सुला रही थी और बहुत रो रही थी और बहुत उदास थी। फिर मुझे देखकर वो और भी ज़्यादा रोने लगी और मुझसे यह सब देखा नहीं गया। फिर में वापस हॉल में आंटी के पास आ गया और फिर मैंने आंटी से पूछा कि क्या हुआ? तो आंटी ने कहा कि दिव्या के पति ने दिव्या को तलाक दे दिया है। दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझे भी बहुत दुख हुआ और मैंने देखा कि आंटी भी मुझसे बात करते हुए रोने लगी थी।

फिर मैंने आंटी के कंधो पर हाथ रख दिया और उनसे कहा कि सब ठीक हो जाएगा। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि हाँ अब जल्दी से कोई अच्छे से इंसान के साथ दिव्या की दूसरी शादी करनी पड़ेगी, क्योंकि एक अकेली औरत को हमेशा बहुत मुश्किल होती है। फिर मैंने भी उनकी बात को सुनकर अपने सिर को हिलाकर हाँ कहा और कुछ देर बाद मैंने आंटी से कहा कि में अब अपने घर पर जाता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि मुझे तुमसे एक बहुत ज़रूरी बात करनी थी। फिर मैंने कहा कि हाँ बोलो ना? तो आंटी ने मुझसे कहा कि पहले अंदर रूम में चलो और फिर हम रूम में चले गये। अब आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम दिव्या की थोड़ी मदद करोगे? और तुम्हारे ऐसा करने से हो सकता है कि दिव्या को बहुत खुशी मिलेगी? फिर मैंने तुरंत आंटी से कहा कि ठीक है और में दिव्या की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि सबसे पहले तुम मुझसे वादा करो और फिर मैंने आंटी से वादा किया। तभी आंटी ने मुझसे कहा कि क्या तुम दिव्या के साथ सेक्स करोगे? दोस्तों में आंटी के मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल आशचर्यचकित हो गया और मेरे जिस्म में जैसे करंट सा लग गया। में कुछ देर एकदम चुप रहा। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी यह आप क्या कह रही हो? दिव्या मेरी आंटी जैसी है और में आपके परिवार का एक सदस्य जैसा हूँ और ऐसा कभी नहीं हो सकता। फिर आंटी ने कहा कि देखो बेटा औरत कैसी भी परिस्तिथि में रह सकती है, लेकिन वो सेक्स के बिना क्या करेगी? तुम्हें नहीं पता दिव्या ने पिछले 9 महीने से एक भी बार सेक्स नहीं किया और अब तो उसका तलाक हो गया है, तुम ही बताओ अब वो क्या करेगी? और अगर सेक्स की मजबूरी में उसने किसी ग़लत इंसान के साथ अपना सेक्स सम्बन्ध बनाया तो बहुत बड़ी समस्या होगी और उससे उसकी बहुत बदनामी भी होगी और कोई दिव्या से शादी भी नहीं करेगा और इसलिए बेटा तुम्हारे सिवा कोई और मेरे भरोसे के लायक भी नहीं है, क्या तुम मेरा इतना काम नहीं करोगे? उस समय दिव्या भी पास बैठी रो रही थी और आंटी की आँख में भी आँसू आ गये थे, में सोच रहा था कि क्या करूं क्या जवाब दूँ? दिव्या बहुत रो रही थी, उसका शरीर सामान्य था और बूब्स ज़्यादा बड़े नहीं थे और वो एक बहुत सीधी साधी औरत है।

फिर मैंने दिव्या को देखा और कहा कि प्लीज अब आप रोना बंद करो में कुछ सोचता हूँ। अब स्मिता आंटी ने मुझसे कहा कि दिव्या ज्यादा सुंदर नहीं, इसलिए शायद तुम्हें पसंद नहीं और वो थोड़ी सिंपल भी रहती है। फिर मैंने तुरंत उनसे कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, यह सब बहुत ग़लत है और अगर विजय या अंकल को पता चला तो मेरी दोस्ती भी खत्म हो जाएगी और कोई समस्या होगी तो? फिर आंटी ने मुझसे वादा किया और मुझसे कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। अब मैंने उनसे कहा कि में थोड़ा सोचकर आपको इस बात का जवाब देता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि ठीक है बेटा और फिर में अपने घर पर जाने के लिए निकल गया। में पूरे रास्ते यही बात सोचता रहा कि में उन्हें क्या जवाब दूँ? मैंने आज तक दिव्या को इस नज़र से कभी नहीं देखा था, लेकिन आंटी की वो बात सुनकर अब मेरा भी दिल सेक्स करना चाहता था। दोस्तों मैंने आज तक सिर्फ दो बार एक कॉल गर्ल्स के साथ सेक्स किया था। फिर में घर पर पहुंचकर फ्रेश हुआ और अपने रूम में आकर नाईट ड्रेस पहन रहा था कि तभी मेरे पास आंटी का कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि वो मेरी मम्मी से बात करना चाहती है और मैंने अपनी मम्मी को अपना फोन दे दिया।

फिर आंटी ने मेरी मम्मी से कहा कि प्लीज आप राज को तीन दिन रात को हमारे यहाँ पर सोने के लिए भेज देना, क्योंकि विजय और उसके पापा दोनों ही शहर से बाहर गए हुए है और उनके जाने के बाद घर पर अब हम दोनों बिल्कुल अकेले है और अगर हमारे साथ राज रहेगा तो हमे उसकी वजह से थोड़ी हिम्मत रहेगी, नहीं तो मुझे रात को अकेले बहुत डर लगता है। अब मम्मी ने आंटी से कह दिया कि ठीक है, में अभी उससे कहती हूँ और इतना कहकर उन्होंने फोन कट कर दिया और मम्मी के कहने पर मैंने अपनी नाईट ड्रेस और जीन्स, शर्ट ले लिया और फिर में आंटी के घर पर पहुंच गया। उस समय रात के करीब 12 बजे थे। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि तुम विजय के रूम में जाकर सो जाओ और में रूम में चला गया और नाईट ड्रेस पहनने लगा। फिर उसके बाद में हॉल में आ गया, उस समय आंटी टी.वी. देख रही थी। मैंने आंटी से पूछा कि क्या आप अब तक मुझसे नाराज़ हो? तो आंटी ने मुझसे कहा कि नहीं बेटा में तुमसे बिल्कुल भी नाराज़ नहीं हूँ, वो तो बस मुझे थोड़ी दिव्या की चिंता थी। तभी मैंने उनसे कहा कि सब ठीक हो जाएगा, आंटी में सोच रहा था कि किसी कॉल गर्ल्स के साथ सेक्स करने से तो अच्छा है कि दिव्या की चुदाई की जाए, क्योंकि कॉल गर्ल्स के साथ कभी ना कभी पकड़े गये तो इज़्ज़त की बदनामी होगी और इससे अच्छा है कि आंटी की भी सेक्स कि भूख मिट जाएगी। फिर मैंने देखा कि स्मिता आंटी भी उस समय बहुत उदास थी और उनकी आँख से आँसू भी आ गये थे। मैंने उनके आँसू साफ किए और मैंने उनसे कहा कि ठीक है में तैयार हूँ। फिर आंटी मुस्कुराई और उन्होंने मुझसे किसी को ना बताने का वादा लिया। फिर मैंने उनसे हाँ कहा और वो तुरंत उठकर दिव्या के कमरे में चली गई और करीब दस मिनट बाद वो बाहर आ गई और उन्होंने दिव्या से कहा कि तुम विजय के रूम में चली जाओ और उन्होंने मुझे तेल की बॉटल दे दी और कहा कि तुम थोड़ा इसका ख्याल रखना, दिव्या ने करीब 9 महीने से सेक्स नहीं किया।

दोस्तों में समझ गया और रूम में चला गया और अब मुझे भी सेक्स करना था तो मैंने रूम में अंदर जाते ही रूम को बंद कर लिया और तब मैंने देखा कि दिव्या बिस्तर पर बैठी हुई शरमा रही थी और वो थोड़ी खुश भी थी। मैंने बाथरूम में पानी चेक किया और दिव्या के पास जाकर बैठ गया और सोच रहा था कि अब में कैसे शुरू करूं? दिव्या ने कहा कि अगर थक गये हो तो में हाथ पैर की मालिश कर देती हूँ। फिर मैंने सबसे पहले ना कहा और फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब मैंने भी मन ही मन सोच लिया कि में अब बिल्कुल भी शर्म नहीं करूँगा और मैंने तुरंत अपनी नाईट ड्रेस को उतार दिया और बिस्तर पर लेट गया। फिर दिव्या मेरे हाथ पर मालिश करने के लिए थोड़ा झुकी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके होंठो पर किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और उसका एक हाथ मेरे 7 इंच के लंबे लंड पर था, वो अब धीरे से मेरे लंड को मसलने लगी और में भी उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा। कुछ देर बाद मैंने दिव्या से कहा कि तुम अपने कपड़े उतार दो, तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ी सी शरमाने लगी और फिर उसने अपने कपड़े उतार दिए। फिर मैंने देखा कि उसके बूब्स गोल गोल और थोड़े आकार में ठीक थे और उसकी चूत थोड़ी काली थी, लेकिन उस पर बिल्कुल बाल नहीं थे। फिर मैंने तुरंत उसको अपनी बाहों में खींच लिया और किस करने लगा, उसके होंठो को अब चूसने लगा। दोस्तों दिव्या ज्यादा गोरी नहीं थी, लेकिन उसका फिगर बहुत सेक्सी था।

अब मैंने उसको बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और उसके पूरे जिस्म को किस करने लगा, उसके बूब्स को मैंने बहुत देर तक मसला और बहुत चूसा मैंने इतना ज़ोर ज़ोर से बूब्स को मसला कि वो चिल्ला उठी। मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाली और मैंने महसूस किया कि वो थोड़ी टाईट थी और मैंने अपनी उंगली को थोड़ा ज़ोर से अंदर डाल दिया तो वो चिल्ला उठी, आहहह आईईईईइ में भी अब पागल होने लगा। मैंने उसको कहा कि उल्टी लेट जाओ और वो झट से पलट गई, वाह दोस्तों उसकी क्या गांड थी। उसको देखकर मेरा दिल कर रहा था कि 7 इंच का पूरा लंड अंदर डाल दूँ, लेकिन थोड़ा डर भी लग रहा था। फिर मैंने उससे कहा कि मेरा लंड चूसो तो उसने सबसे पहले मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाया और फिर चूसने लगी और वो बहुत अच्छी तरह से चूस रही थी, जिसकी वजह से में बिल्कुल पागल हो रहा था और कुछ देर बाद मेरे लंड से पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे कहा कि बस करो और अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकाल लिया। फिर मैंने बहुत सारा तेल अपनी उंगली पर ले लिया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करने लगा और उसको भी अब कुछ कुछ होने लगा था, वो सिसकियाँ भरने लगी, अह्ह्ह्हह्ह् ऑश ओह्ह्ह्हह्ह मरी। अब मेरी उंगली उसकी चूत में थी और में उसके होंठो को चूस रहा था और मेरा लंड अब उसके हाथ में था, लेकिन अब मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। फिर मैंने बहुत सारा तेल मेरे लंड पर लगाया और उसके पैरों को फैला दिया, उसकी फूली हुई काली चूत मेरे सामने फैली हुई थी और मैंने देर नहीं की और लंड के सुपाड़े को चूत के छेद के पास रख दिया और थोड़ा सा अंदर की तरफ दबाने लगा तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया और उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी।

फिर मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया तो मेरा लंड थोड़ा और अंदर चला गया, लेकिन अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने ज़ोर से 3-4 धक्के लगाए तो उसके मुहं से ज़रा सी चीख निकली, लेकिन में अब रुकने वाला नहीं था, बस में लगातार धक्के लगाता रहा और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था, उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर लपेट दिए थे और मैंने अपनी स्पीड को और भी तेज करके ज़ोर से धक्के लगाए, इतना ज़ोर से कि वो अह्ह्ह्ह आह्ह करने लगी। उसकी आह्ह्ह की आवाज को सुनकर मैंने अपनी स्पीड को में और भी तेज करके ज़ोर से धक्के देने लगा। मैंने एक दो बार तो इतना ज़ोर से झटका लगाया कि वो चिल्ला उठी, वो बस अब पूरी तरह से मदहोश हो गई थी, में बस झड़ने वाला था। अब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर उठा लिया और 10-12 ज़ोर से धक्के लगाए तो वो चिल्ला उठी और में झड़ गया। हमारी यह चुदाई करीब 14 मिनट तक चली और मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत में निकल गया और में थककर उसके ऊपर लेटा रहा, उसकी आँख से आँसू बाहर आ गये और चेहरे पर संतुष्टि की मुस्कान आ गई। दोस्तों हमने करीब 30 मिनट तक आराम किया और उसके बाद उसने मुझसे कहा कि अब ऊपर से उतर जाओ, मुझे नहाने जाना है। फिर मैंने कहा कि नहीं सुबह नहा लेना और अभी मुझे रात में तुम्हारी दोबारा चुदाई करनी है फिर वो कुछ नहीं बोली और हम दोनों सो गये। सुबह 6 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरे पास वो भी सो रही थी। फिर मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया और चूसने लगा तो इतने में वो भी जाग गई। फिर मैंने उससे कहा कि पहले मेरा लंड चूसो और मेरे ऊपर आ जाओ तो उसने तुरंत उठकर सबसे पहले मेरा लंड हाथ से हिलाया और जब लंड कड़क हुआ तो चूसने लगी, अब में भी तैयार था। मैंने उससे कहा कि ऊपर आओ तो वो ऊपर आ गई, उसने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ा और चूत के छेद पर लगाया और अब वो थोड़ा सा झुक गई तो लंड आधा अंदर चला गया और उसके मुहं से आह्ह्ह्ह की आवाज निकल गई, वो थोड़ा ऊपर हुई तो मैंने ज़ोर से एक झटका लगा दिया और फिर मेरा पूरा लंड अंदर चला गया, वो थोड़ी ज़ोर से चिल्लाती रही और मैंने धक्के लगाना शुरू किया और मुझे मज़ा आने लगा और वो भी अब आहें भरने लगी। फिर करीब पांच मिनट के बाद मैंने उससे कहा कि घोड़ी बन जाओ, तो वो झट से घोड़ी बन गई। दोस्तों में आपको क्या बताऊँ, मुझे उसको घोड़ी बनाकर चोदने में कितना मज़ा आया? में तो पागल की तरह ज़ोर से धक्के लगाने लगा, इतने ज़ोर से कि वो चिल्ला उठी और में एक मिनट रुक गया और वो मेरी तरफ देखने लगी और मैंने उसको सीधा लेटा दिया और उसके पैर फैलाकर फिर से चोदने लगा। फिर पता नहीं क्या हुआ? वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, मुझे थोड़ा सा दर्द हो रहा था। फिर भी में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया और में दस मिनट में झड़ गया। मैंने अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और तब मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि चूत में ज़्यादा चिकनाई नहीं थी तो उस वजह से मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ था। फिर में थककर साइड में सो गया।

फिर सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि दस बज गए थे और में बहुत थक गया था। मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था और में उठकर सीधा बाथरूम में चला गया, फ्रेश हुआ जॉगिंग ट्रॅक और टी-शर्ट पहनी और में जब हॉल में गया तो स्मिता आंटी ने मुझसे कहा कि बैठो में तुम्हारे लिए नाश्ता बना देती हूँ। फिर मैंने पूछा कि दिव्या कहाँ गई? तो आंटी ने कहा कि वो किचन में काम कर रही है, में किचन में चला गया और मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और में उसके बूब्स को दबाने लगा, वो मना करने लगी, लेकिन में फिर भी उसके होंठो को चूसने लगा, वो मुझसे दूर जाने लगी, लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और इतने में स्मिता आंटी भी वहां पर आ गई और वो कहने लगी कि क्यों पूरी रात चुदाई के बाद भी दिल नहीं भरा क्या? तो मैंने कहा कि नहीं में अभी एक बार और चुदाई करूँगा और फिर ऑफिस जाऊंगा। फिर दिव्या मेरी यह बात सुनकर शरमा गई। तब स्मिता आंटी बोली कि धीरे धीरे करना और अगर यह कल रात की तरह चिल्लाएगी तो कोई सुन लेगा और स्मिता आंटी ने दिव्या से मज़ाक में कहा कि तेरी चूत फटने वाली है।

फिर दिव्या शरमाकर बाहर चली गई, लेकिन तभी अचानक मेरे ऑफिस से फोन आया कि कोई जरूरी काम है। मैंने नाश्ता किया और जल्दी से ऑफिस चला गया। दोस्तों मेरा मन ऑफिस में भी नहीं लगा और मुझे सभी जगह दिव्या की चूत और बूब्स दिख रहे थे। मैंने जैसे ही काम ख़त्म किया और खाना खाने के बाद 2:30 बजे में आंटी के घर पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि स्मिता आंटी टी.वी. देख रही है और दिव्या एक किताब पढ़ रही थी। फिर मुझे देखकर दिव्या मुस्कुराई और मैंने उसे इशारा किया कि पास वाले रूम में आ जाओ, तो वो रूम में आ गई। फिर मैंने उसको पकड़कर किस करना शुरू किया, उसने साड़ी पहनी हुई थी तो मैंने उसकी साड़ी को उठाया और उसकी पेंटी को उतारने को कहा, उसने पेंटी को उतार दिया और मैंने बिना देर किए उसको बिस्तर पर लेटा दिया और लंड को चूत में डालकर चुदाई करने लगा औ इस बार दिव्या चिल्लाती रही और मैंने जल्दी में दरवाजा बंद नहीं किया और बाहर खड़ी स्मिता आंटी यह सब देख रही थी, दिव्या जब ज़ोर से चिल्लाई तो स्मिता आंटी ने कहा कि चूत में थोड़ा तेल लगा लो, क्योंकि चूत में बिल्कुल भी चिकनाई नहीं है, लेकिन मैंने एक भी बात नहीं सुनी में और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और चुदाई करते करते उसका ब्लाउज फट गया था। अब मेरा लंड लगातार अंदर बाहर हो रहा था। मैंने इतने ज़ोर से धक्के लगाए कि दिव्या पागल सी हो गई और वो पांच मिनट में झड़ गई। फिर में भी थोड़ी देर बाद झड़ गया और साईड में सो गया। उसने अपनी ब्रा, पेंटी को पहना, साड़ी को ठीक किया और बाहर चली गई। फिर मैंने वहीं पर एक घंटे आराम किया और फिर ऑफिस के लिए तैयार हुआ और वहां से निकल गया ।।

धन्यवाद …

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दुखी चची को चोदके माँ बनाया चाचा की मर्जी से – Dukhi Chachi Ko Chodke Maa Banaya Chacha Ki Marji Se | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dukhi-chachi-ko-chodke-maa-banaya-chacha-ki-marji-se/ Thu, 30 May 2019 16:05:04 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5576 [...]]]> Chachi ki chudai, chacha ki marji se chachi ki chudai, aunty ko choda, desi aunty ki chudai, hindi sex story, antarvasna, otelsan.ru

हेलो दोस्तों मैं हूँ राहुल, महाराष्ट्र से । आपको otelsan.ru पे स्वागत करता हूँ और आज आपको मेरे कहानी बताने जा रहा हूँ । मैं एक स्टूडेंट हूँ ुर साथ ही साथ अपना पापा की दुकान भी चला लेता हूँ । मुझे हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने में बहत दिलचस हे ।
यह घटना मेरी और मेरी चाची के बीच में हुए सेक्स की है जिसमें मैंने उनको चोदकर बहुत मज़े किए। दोस्तों वो मेरी असली चाची नहीं है, वो तो हमारे घर पर किराए से रहती है। मेरी चाची का मनीषा है उनके फिगर का साईज 34 -28 -36 है और वो एक ग्रहणी है और उनके पति खुद का अपना एक बिजनेस करते है इसलिए वो अक्सर सुबह 10 बजे घर से निकल जाते और रात को हमेशा ज्यादा देरी से आते थे और उनकी अब तक कोई औलाद भी नहीं थी। दोस्तों यह घटना आज से एक साल पहले की है, जब मेरी मम्मी, पापा एक सप्ताह के लिए शादी में बाहर गये हुए थे, तो मुझे अब मेरी गहनों की दुकान पर बैठना था इसलिए मेरी मम्मी ने मुझे अपनी चाची के यहाँ पर खाना खाने के लिए कहा और फिर मैंने भी उन्हें हाँ कह दिया और मम्मी ने चाची को भी मुझे खाना खिलाने के लिए बोल दिया था। अब में अपने घर वालों के चले जाने के बाद अपनी दुकान को जल्दी सुबह खोल लेता और दोपहर को करीब 12 बजे बंद कर देता और फिर में खाना खाने अपने घर पर चला जाता उसके बाद में घर पर कुछ घंटे आराम करने के बाद शाम को करीब 4:00 बजे अपनी दुकान फिर से खोल लेता था। एक दिन मैंने दुकान को बंद किया और घर पर चला गया। सबसे पहले में चाची के यहाँ पर गया और वहां पर मैंने खाना खाया और फिर अपने कमरे में चला गया। उसके बाद में एक ब्लूफिल्म की सीडी चलाकर पूरा नंगा होकर बैठकर देखने लगा। तभी दरवाजे पर किसी के खटखटाने की आवाज आने लगी तो मैंने जल्दी से टी-शर्ट पहनी और टावल लगाकर दरवाजा खोलने चला गया और फिर मैंने देखा कि सामने चाची खड़ी हुई थी और मैंने उनसे पूछा..

में : क्या हुआ चाची?

चाची : कुछ नहीं बस वो मुझे तुम्हारे बाथरूम में अपने कपड़े धोने थे, मेरे बाथरूम का नल खराब हो गया है, उससे अब अचानक ही पानी आना बिल्कुल ही बंद हो गया है।

में : हाँ प्लीज आप अंदर आ जाइए ना।

चाची : धन्यवाद राहुल।

में : उसमे धन्यवाद कैसा चाची?

फिर चाची अंदर आई और मेरे बेडरूम से जुड़े हुए बाथरूम में वो अंदर चली गयी और में किचन में पानी पीने चला गया और जैसे ही मैंने पानी पीने के लिए गिलास को अपने हाथ में उठाया तो मुझे याद आया कि मैंने तो ब्लूफिल्म को बंद ही नहीं किया है। फिर में तुरंत दौड़कर अपने रूम में गया तो मैंने देखा कि टीवी पहले से ही बंद है और चाची बैठी हुई अपने कपड़े धो रही है, वो सब देखकर मेरी जान में जान आ गई, लेकिन दोस्तों मुझे यह बात बिल्कुल भी याद ही नहीं आ रही थी कि मैंने बाहर आने से पहले टीवी को कब बंद किया था और अगर मैंने टीवी को बंद नहीं किया तो क्या चाची ने उसे बंद किया था? फिर कुछ देर बाद चाची अपने कपड़े धोकर चली गयी और में अपनी दुकान पर चला गया। फिर जब में रात को अपने घर पर आया और हाथ मुहं धोकर सीधा अपनी चाची के घर पर चला गया और में जाकर सोफे पर बैठ गया तो मैंने देखा कि उस समय चाची किचन में खाना बना रही थी। फिर मैंने टीवी को चालू किया और देखने लगा। फिर थोड़ी ही देर बाद चाची अपना काम खत्म करके वहां पर आ गई और मैंने जब चाची को देखा तो में देखता ही रह गया, वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी? उन्होंने लाल, पीले कलर की साड़ी, बिना बाँह और पीछे से पूरा खुला हुआ ब्लाउज पहना हुआ था। उस ब्लाउज में से उनके आधे बूब्स बाहर लटके हुए मुझे दिखाई दे रहे थे और में उन्हें घूर घूरकर लगातार देखे ही जा रहा था तभी चाची ने मुझसे कहा..

चाची : क्यों ऐसा क्या देख रहे हो राहुल?

में : जी कुछ नहीं चाची।

चाची : सच बोलो राहुल में तुमसे कुछ नहीं कहूँगी।

में : वो चाची आप आज बहुत ही सुंदर दिख रही हो।

चाची : मुझसे ऐसा मज़ाक मत करो राहुल।

में : नहीं चाची में आपसे बिल्कुल सच सच कह रहा हूँ, आप आज बहुत ही सुंदर सेक्सी दिख रही हो।

चाची : शरमाते हुए, क्या में सच में इतनी अच्छी लगती हूँ?

में : हाँ क्या आपको कभी चाचा ने नहीं कहा?

चाची : उनके पास टाईम कहाँ है मेरी तारीफ करने के लिये।

चाची : क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?

में : जी नहीं, और इतना कहकर मैंने थोड़ा उदास सा चेहरा बना लिया।

चाची : इसमे नाराज़ होने वाली क्या बात है? आज नहीं तो कल कोई ना कोई तुम्हारी भी गर्लफ्रेंड बन ही जाएगी, चलो अब हम खाना खाते है क्योंकि जब तक टाईम 9:30 बजे चुके थे। फिर हम खाना खाने बैठे ही थे कि चाचा आ गये तो चाची ने उनसे पूछा..

चाची : क्यों आज आप जल्दी आ गए?

चाचा : वो कल सुबह मुझे जल्दी कुछ काम से दो दिनों के लिए मुंबई जाना है इसलिए में आज थोड़ा जल्दी से अपना सभी काम खत्म करके आ गया।

चाची : अरे यार, आपको तो पता है ना मुझे रात को अकेला सोने में कितना डर लगता?

चाचा : लेकिन, अब में इसका क्या कर सकता हूँ? मेरे वहां पर कल ना जाने से मुझे बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा और अगर चाहो तो तुम भी मेरे साथ चल सकती हो।

चाची : (हड़बड़ते हुए बोली) नहीं में यहीं पर रहूंगी, में राहुल को मेरे पास सोने के लिए बुला लूँगी, क्यों ठीक हाँ ना राहुल?

में : हाँ ठीक है चाची।

चाचा : ओह में तो बिल्कुल ही भूल गया कि यहाँ पर राहुल भी तो है।

में : कोई बात नहीं चाचू, अब आइये खाना खाते है।

चाचा : हाँ में अभी फ्रेश होकर आता हूँ।

फिर कुछ देर बाद चाचा फ्रेश होकर आए और वो मुझसे कहने लगे।

चाचा : राहुल कल क्या तू मुझे सुबह स्टेशन तक छोड़ने चलोगे?

में : हाँ ठीक है चाचा, में आपको स्टेशन तक छोड़ दूंगा।

फिर हम सभी ने खाना खाया और में अपने कमरे में आकर सो गया। सुबह में उठा और चाचा को स्टेशन छोड़ने उनके साथ चला गया और फिर में वहीं से अपनी दुकान पर चला गया। दोस्तों उस दिन में दोपहर को अपने घर पर नहीं गया और मैंने अपने दोस्तों के साथ बाहर ही खाना खा लिया था। फिर रात को जब में घर पर गया तो में फ्रेश होकर चाची के कमरे में चला गया, तो चाची आज मुझे और भी ज्यादा सेक्सी दिख रही थी, क्योंकि उन्होंने आज गुलाबी कलर की एक पारदर्शी मेक्सी पहन रखी थी जिसकी वजह से उनके अंडर गारमेंट भी पूरी तरह से दिख रहे थे। मुझे उनकी काली कलर की ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी भी साफ साफ दिखाई दे रही थी। फिर चाची ने आते ही मुझसे पूछा..

चाची : राहुल आज तुम दिन में खाने पर क्यों नहीं आए?

में : चाची वो आज मुझे मेरे कुछ दोस्त मिल गये थे और उन्होंने मुझसे होटल चलने को कहा तो में क्या करता? में उनके साथ चला गया और हमने वहीं पर खाना खा लिया।

चाची : अरे एक बार मुझे बता तो देना था, में कितना घबरा गई थी।

में : प्लीज मुझे माफ़ करना चाची।

चाची : चलो खाना तैयार है चलो खा लो।

में : हाँ ठीक है।

फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और कुछ देर टीवी देखने के बाद हम सोने की तैयारी करने लगे, लेकिन दोस्तों मुझे आज मेरी चाची में मेरे लिए बहुत बदलाव नज़र आ रहा था, क्योंकि वो सोने के लिए इतना बैताब थी कि में तो बिल्कुल हैरान रह गया और मन ही मन सोचने लगा कि क्या चाची कई दिनों से सोई नहीं है? फिर हम सोने उनके बेडरूम में चले गये तो मैंने उनसे कहा।

में : चाची में बाहर सोफे पर सो जाता हूँ।

चाची : अरे नहीं मुझे अकेले सोने में बहुत डर लगता है, इसलिए तो मैंने तुम्हे अपने पास सोने बुलाया है, प्लीज यहीं पर सो जाओ।

में : हाँ ठीक है चाची, आप कहती है तो में यहीं पर सो जाता हूँ।

दोस्तों अब में और चाची एक ही बेड पर लेट गए उन्होंने लाईट को बंद कर दिया, लेकिन मुझे बहुत देर तक भी नींद नहीं आ रही थी और तब तक शायद चाची सो गई थी। फिर कुछ देर बाद मुझे प्यास लगी तो में उठकर पानी पीने चला गया और जब में लौटकर वापस आया तो मैंने देखा कि चाची की मेक्सी उनके पैर ऊपर करने की वजह से उनकी कमर तक उठ गई है और अब वो सब देखकर मेरे अंदर का शैतान जाग गया, लेकिन अभी तक मेरे मन में चाची के बारे में एसी कोई भी गलत बात नहीं थी। में चुपचाप जाकर चाची के पास में लेट गया और मैंने देखा कि चाची बहुत गहरी नींद में सो रही थी और फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि क्यों ना इस बात का फायदा उठाया जाए? मैंने अपना एक हाथ चाची की जाँघो पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा। तभी चाची थोड़ा सा हिलने लगी और में डर गया, लेकिन वो अब बिल्कुल सीधी होकर सो गई। में अब उनकी नाभि से खेलने लगा और वो अब भी सो रही थी। में इसके आगे कुछ करने की हिम्मत ही नहीं कर सका और सो गया। फिर में सुबह उठा तो तब तक 9:00 बज चुके थे और मुझे दुकान पर जाने के लिए देरी हो रही थी। में उठा और बाथरूम में जाकर जल्दी से फ्रेश होकर बाहर आ गया। चाची उस समय मेरे लिए किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी तो मैंने चाची को गुड मॉर्निंग बोला। फिर चाची ने मुझसे पूछा कि क्यों कल रात को नींद नहीं आई? तो में उनकी यह बात सुनकर बहुत डर गया, मुझे लगा कि शायद चाची को कल रात को मेरी सभी हरकतों के बारे में पता चल गया तो मैंने उनसे कहा..

में : (बहुत घबराते हुए) क्यों कल रात को ऐसा क्या हुआ चाची?

चाची : अरे तुम देर से उठे इसलिए मैंने यह सब पूछा।

में : नहीं चाची, ऐसी कोई बात नहीं है।

चाची : अच्छा अब जल्दी से नाश्ता करके जाओ।

में : हाँ, ठीक है चाची।

फिर हमने नाश्ता किया और में जल्दी से अपनी दुकान पर चला गया। दोपहर हुई और में अपने घर पर खाना खाने आ गया, तो मैंने देखा कि चाची ने वही कल रात वाली जालीदार मेक्सी उस समय पहनी हुई थी और में उन्हें कुछ देर तक लगातार देखता रहा। फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और बातें करने लगे और तभी चाची ने मुझसे कहा।

चाची : अरे अब तो कोई गर्लफ्रेंड बना ले कब तक ऐसे ही घूमता रहेगा।

में : क्या मतलब में कुछ नहीं समझा?

चाची : अरे अब मुझे ही सब बताना पड़ेगा क्या?

में : (थोड़ा हड़बड़ते हुए बोला) क्यों ऐसा क्या हुआ चाची?

चाची : अरे तू वो सब कुछ देखता है जो काम तुझे इस उम्र में करना चाहिए?

में : में कुछ समझा नहीं चाची, में ऐसा क्या देखता हूँ?

चाची : अब ज्यादा भोला मत बन, में वो सब जानती हूँ।

में : क्या चाची, आप क्या जानती है?

चाची : कल जब में घर पर कपड़े धोने आई थी तो तू टीवी पर वो सब क्या देख रहा था?

दोस्तों में उनकी यह बात सुनकर वो सब सोचने लगा तो मेरी वो बात याद करके हवा टाईट हो गई और मुझे याद आया कि मैंने तो कल टीवी पर ब्लूफिल्म लगाई थी और चाची ने ही वो सब देखकर टीवी को बंद कर दिया था।

में : (बहुत डरते हुए बोला) चाची प्लीज आप मम्मी को वो सब कुछ मत बताना प्लीज।

चाची : (मुस्कुराते हुए बोली) अरे पागल में भला मम्मी को क्यों बताउंगी, लेकिन तुझे भी मेरा एक काम करना होगा।

में : हाँ में आपके वो सब काम जरुर करूँगा जो भी आप मुझसे कहोगी, लेकिन मम्मी को मत बताना।

चाची : अरे नहीं, कहा ना में नहीं बताउंगी।

में : आपको बहुत धन्यवाद चाची।

चाची : ठीक है।

में : बताओ अब मुझे क्या करना है?

चाची : वही सब जो कल उस वीडियो में हो रहा था।

में : क्या, लेकिन किसके साथ?

चाची : किसके साथ का क्या मतलब? मेरे साथ और किसके साथ, में बोल रही हूँ तो मतलब कि मेरे साथ ही करोगे ना, मेरे अलावा यहाँ पर तुम्हारे साथ और कौन है जिसके साथ तुम यह सब करोगे?

में : मगर चाची में आपके साथ ऐसा कैसा कर सकता हूँ?

चाची : अगर, मगर में कुछ नहीं जानती, अगर तुमने मेरा कहा काम नहीं किया तो में तुम्हारी मम्मी को वो सभी बातें बता दूँगी जिसको में तुम्हारे कहने पर छुपा रही हूँ।

दोस्तों में बहुत डर गया क्योंकि अब मेरी चाची सीधे सीधे मुझे ब्लेकमेल कर रही थी और में भी क्या करता? क्योंकि मेरे पास कोई बचने का रास्ता भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए मैंने तुरंत उनसे हाँ कह दिया और अब हम दोनों चाची के बेडरूम में चले गये। वहां पर जाते ही चाची मुझे किस करने लगी और उन्होंने मुझे धीरे से धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। हमने करीब दस मिनट तक एक दूसरे को किस किया जिसकी वजह से में बहुत गरम हो चुका था। फिर मैंने जोश में आकर चाची को अपने ऊपर से हटा दिया और मैंने तुरंत उनकी मेक्सी को उतार दिया, दोस्तों उन्हे मैंने आज पहली बार ब्रा, पेंटी में देखा था और यह मेरा पहला सेक्स होने की वजह से मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। में उस समय बहुत जोश में था और मेरे अंदर का शैतान अब तक जाग चुका था। अब मैंने चाची से कहा कि मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है। मेरी यह बात सुनकर चाची ने झट से मेरी पेंट को उतार दिया और पेंट में इलास्टिक लगा होने की वजह से उसके साथ साथ मेरी अंडरवियर भी उतर गई। अब चाची ने मेरा 7 इंच का लंबा मोटा लंड देखते ही तुरंत उसे अपने मुहं में ले लिया और जैसे छोटे बच्चे लोलीपोप चूसते है वैसे ही वो मेरा लंड चूसने लगी। दोस्तों यह मेरा पहला अनुभव था जब कोई औरत मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़कर धीरे धीरे चूस रही थी। में उस समय बहुत जोश में था इसलिए में जल्दी ही उनके मुहं में झड़ गया और उन्होंने मेरा पूरा वीर्य पी लिया और मेरे लंड को चाट चाटकर पूरा साफ किया, अब मुझसे कहने लगी..

चाची : वाह राहुल मज़ा आ गया, लेकिन तुम्हारा लंड तो तुम्हारे चाचा से भी बड़ा है।

में : क्या सच में चाची?

चाची : हाँ, में तुमसे बिल्कुल सच कह रही हूँ।

फिर इतना कहकर वो हंसने लगी और मैंने अब चाची की ब्रा को उतार दिया और में उनके बूब्स चूसने, दबाने लगा और मैंने अपनी शर्ट भी अब उतार दिया। फिर उन्होंने अपनी पेंटी को भी तुरंत उतार दिया फिर मैंने चाची से कहा कि अब हम थोड़ा जल्दी करते है, क्योंकि मुझे दुकान भी खोलनी है नहीं तो दुकान पर जो लड़का काम करता है वो पापा को फोन कर देगा और मेरे देरी से पहुंचने की बात पापा को पता चल जाएगी। फिर चाची ने कहा कि ठीक है और मैंने चाची को बेड के एक साईड में लेटा दिया और मैंने उनके दोनों पैर अपने कंधो पर रख लिए। यह सब देखकर चाची मुझसे बोली कि तुम तो आज पहली बार सेक्स कर रहे हो तो तुम्हे सेक्स करने की यह सभी पोज़िशन कैसे पता है? तो मैंने कहा कि यह तो मैंने ब्लूफिल्म में बहुत बार देखा है और अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए चाची की खुली हुई चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया और एक ज़ोर का झटका मारा। मेरे इस झटके की वजह से मेरा आधा लंड चाची की चूत में फिसलता हुआ बिना किसी रुकावट के चला गया, लेकिन उन्हे बहुत दर्द हुआ और उनके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी, क्योंकि चाचा का लंड इतना मोटा नहीं था। फिर मैंने उनकी कमर पर अपनी पकड़ को और भी ज्यादा मजबूत करते हुये एक और ज़ोर का झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और अब मैंने महसूस किया कि वो उस दर्द से तड़पने लगी थी। मेरा लंड उनकी बच्चेदानी से टकरा रहा था और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, लेकिन सभी खिड़की दरवाजे बंद होने की वजह से हमें किसी बात का कोई डर नहीं था। अब वो थोड़ी तक दर्द से करारहती रही और में उसके बूब्स को सहलाता रहा। फिर कुछ देर बाद जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया।

अब वो भी अपनी गांड को थोड़ा ऊपर नीचे करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी और मुझसे कहने लगी हाँ थोड़ा और अंदर जाने दो उह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे आईईईईई तुम्हारे अंकल के पास मेरी चूत को शांत करने के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है, लेकिन अब तुम मुझे मिल गए हो स्सीईईईई में अपनी चुदाई तुमसे हर दिन करवाउंगी उह्ह्ह्ह जाने दो पूरा अंदर, वाह मज़ा आ गया। दोस्तों में उनके मुहं से यह सभी बातें सुनकर अब और भी जोश में आ गया था और मैंने अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बड़ा दिया था, लेकिन अब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। फिर में भी अब झड़ने वाला था इसलिए मैंने चाची से पूछा कि में झड़ने वाला हूँ बोलो अब में क्या करूं? तो चाची ने कहा कि तुम मेरे अंदर ही झड़ जाओ आआहह उफफ्फ्फ्फ़ में तुम्हारे इस गरम गरम लावे को अपने अंदर लेकर इसे महसूस करना चाहती हूँ आईईईइ हाँ डाल दो पूरा मेरे अंदर, प्लीज अब जल्दी से डाल दो।

फिर में कुछ देर धक्के देने के बाद उनकी प्यासी, तड़पती हुई चूत के अंदर ही झड़ गया और मुझे उनके चेहरे पर एक संतुष्टि की चमक दिखने लगी, वो अब बिल्कुल निढाल होकर पड़ी रही और में भी थककर उनके ऊपर ही लेट गया और उन्हें किस करने लगा। फिर में करीब दस मिनट के बाद उनके ऊपर से उठा और मैंने टाईम देखा 3:40 हो रहे थे और मुझे 4:00 बजे तक अपनी दुकान पर जाना था। फिर में तुरंत बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और जब वापस बाथरूम से बाहर आया तो मैंने देखा कि चाची अभी भी वहीं पर पूरी नंगी सो रही है, शायद उनकी नींद लग गई थी। फिर मैंने उन्हे सीधे लेटा दिया और उनको एक किस करके दुकान पर चला गया। रात को जब में अपने घर पर आया तो मैंने देखा कि चाची बड़ी खुश लग रही थी और मुझे उनके चेहरे पर एक अजीब सी संतुष्टि की चमक नजर आ रही थी। फिर मैंने अंदर आकर जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और चाची को एक किस कर दिया और फिर हम खाना खाने बैठ गये, खाना खाने के बाद हम दोनों एक साथ बिल्कुल चिपककर बैठकर टीवी देख रहे। तभी चाची मुझसे बोली कि राहुल एक ब्लूफिल्म की सीडी ले आओ ना प्लीज, मुझे भी आज वो सब दिखा दो। फिर में वहां से उठकर दूसरे कमरे में चला गया और एक सीडी लेकर आ गया, तो मैंने कमरे में आकर देखा कि चाची अब पूरी नंगी होकर मेरा इंतजार कर रही थी और मैंने कहा कि चाची यह क्या आप तो अभी से तैयार होकर बैठी हो? तो चाची ने कहा कि अब क्या इन कपड़ो को उतारने में अपना समय खराब करना है? फिर मैंने सीडी लगाई और दोबारा चाची के पास जाकर बैठ गया। मैंने भी अब तक अपने सभी कपड़े उतार दिए थे और में अब चाची के बूब्स से खेल रहा था और चाची मेरे लंड से। फिर कुछ देर बाद चाची ने मुझसे कहा कि जैसे वो लड़का उस लड़की को चोद रहा है वैसे ही तुम भी आज मुझे चोदो। दोस्तों उस फिल्म में एक लड़का उस लड़की को डॉगी स्टाइल में बैठाकर चोद रहा था, फिर मैंने भी चाची को उसी स्टाइल में बैठने को कहा वो तुरंत मेरी कही बातें मानने लगी और फिर मैंने एक ही ज़ोर के धक्के के साथ अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से चाची सिसकियाँ ले रही थी आहहह्ह्ह्हह स्स्सीईईईई हाँ राहुल थोड़ा और ज़ोर से चोदो आईईईईइ उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और ज़ोर से धक्का दो, जाने दो पूरा अंदर, डाल दो उह्ह्ह्हह्ह हाँ आह्ह्ह्ह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।

दोस्तों अब मैंने अपनी धक्के देने की स्पीड को पहले से भी तेज कर दिया था। अब में और भी जोश में आकर उन्हें चोदने लगा और 10-15 मिनट ताबड़तोड़ धक्के देने के बाद में चाची की चूत में झड़ गया और थोड़ा पीछे हटकर लंड को बाहर निकालकर वहीं पर उनके पास में लेट गया, लेकिन अभी भी चाची की कामुकता शांत नहीं हुई थी। उन्होंने जल्दी से उठकर मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी। फिर मैंने कहा कि चाची अब क्या कर रही हो, बस अब हम सो जाते है? चाची ने कहा कि अभी तो तुम्हे मेरी गांड भी मारनी है। फिर मैंने कहा कि नहीं, में अब बहुत थक चुका हूँ चाची, तो चाची ने कहा कि ठीक है तुम मत मारो मेरी गांड, में तुम्हारी मम्मी को बता दूँगी कि तुम क्या क्या देखते हो? अब में तुरंत उनसे बोला कि नहीं चाची, प्लीज ऐसा मत करना, तो चाची ने मुझसे पूछा कि क्यों मारोगे ना मेरी गांड? मैंने अपना सर हिलाकर उन्हें हाँ कह दिया और तब तक मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो चुका था। अब में नीचे लेट गया और मैंने चाची को अपने ऊपर बैठा लिया और अपना लंड उनकी गांड पर सेट किया और एक ज़ोर का धक्का मार दिया तो चाची उस दर्द से चीख पड़ी और उन्होंने मुझसे अपने लंड को बाहर निकालने के लिए कहा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया और अब मैंने एक और झटका मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनकी गांड में चला गया। फिर चाची एकदम से छटपटा उठी और मुझसे लंड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी। फिर मैंने उनकी एक भी बात नहीं सुनी और में लगातार धक्के देकर उन्हें चोदता रहा, थोड़ी देर बाद चाची भी मस्ती में कूद कूदकर मुझसे चुदवा रही थी। दोस्तों करीब 30 मिनट के बाद में चाची की गांड में झड़ गया और चाची भी मेरे ऊपर ही लेट गई। फिर कुछ देर बाद मेरा लंड चाची की गांड से छोटा होकर बाहर आ गया और हम ऐसे ही सो गये। फिर में सुबह उठा। उस दिन रविवार था और हमने चाचा के आने के पहले एक बार फिर से सेक्स करने के बारे में सोचा, लेकिन तभी घंटी बजी और चाची ने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर चाचा आ चुके थे। में उन्हें देखकर एकदम से उदास हो गया, लेकिन मुझे पता नहीं चाची इतना खुश क्यों लग रही थी और फिर चाची चाचा को देखकर हंस रही थी और चाचा मुझे देखकर हंस रहे थे और में उन दोनों के इस तरह मुझे देखकर हंसने के बारे में कुछ समझ नहीं पाया। मैंने चाचा से पूछा कि चाचा आप इस तरह से मुझे देखकर हंस क्यों रहे है तो चाचा ने कहा..

चाचा : क्यों अपनी चाची को चोदकर मज़ा आया?

दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गया और में मन ही मन अब यह सोचने लगा कि चाचा को यह सब कैसे पता चला गया और उन्हें पता चल भी गया तो यह हंस क्यों रहे है? तभी चाची पानी लेकर आई और चाचा को देते हुए जो शब्द वो उनसे बोली वो सब सुनकर मेरी तो गांड ही फट गई और मेरे पैरों से पूरी धरती सरक गई।

चाची : तुम्हे नहीं पता राहुल तो बहुत बड़ा चुदक्कड़ है और यह बहुत ही अच्छी तरह से चोदता है इसने मुझे भी अपनी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट कर दिया है और फिर दोस्तों वो इतना कहकर दोबारा से ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और चाचा भी उनको देखकर हंस रहे थे, लेकिन में एकदम सुन्न पड़ गया था। तभी चाचा मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा कि अरे तुम इतना शांत क्यों होकर बैठे हो? अच्छा तो तुम कुछ समझ नहीं पा रहे हो, तो चलो में तुम्हे पूरी बात थोड़ा विस्तार से बताता हूँ जिससे तुम्हे खुद ही समझ में आ जाएगा। अब पूरी बात थोड़ा ध्यान से सुनो..

चाचा : तुम यह बात बहुत अच्छी तरह से जानते हो कि अब तक हमारी कोई औलाद नहीं है इसलिए हमने कई अच्छे बड़े बड़े डॉक्टर को दिखाया, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ और अब हमारे पास एक सिर्फ यही उपाय था, जो कल रात को तुम्हारे साथ एकदम सफल हुआ और उसमे तुमने हमारी पूरी पूरी मदद की है उसके लिए तुम्हे बहुत बहुत धन्यवाद।

दोस्तों में अब कुछ नहीं बोला मुझे तो जैसे कोई सांप सूंघ गया था। तभी चाची ने मुझसे कहा कि चलो अब हम जल्दी से नाश्ता कर लेते है, क्योंकि इसके बाद हमे एक बार और जो करना है। दोस्तों में तो उनकी यह बात सुनकर एकदम से झटका खा गया था कि चाची, चाचा के सामने मुझे सेक्स के लिए खुला निमंत्रण दे रही थी और अब में भी खुल गया और में उनसे बोला कि हाँ ठीक है चलो जो हुआ वो हुआ। फिर उसके बाद हमने नाश्ता किया। मैंने अपनी चाची के साथ एक बार फिर से उनकी चुदाई भी की और उसके कुछ घंटो बाद मैंने और चाचा ने दोनों ने चाची को एक साथ चोदा और बहुत मज़े किए। अब चाची मेरे एक बच्चे की माँ है और वो एक लड़का है उसका नाम भी मेरे नाम पर रखा गया है ।।

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