aunty ki chudai – | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Sun, 23 Jun 2019 05:36:13 +0000 en-GB hourly 1 /> दोस्त की मौसी के साथ चुदाई की बड़ा मज़ा – Dost Ki Mausi Ke Saath Chudai Ki Bada Maza | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-mausi-ke-saath-chudai-ki-bada-maza/ Sun, 23 Jun 2019 05:36:13 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5855 [...]]]> फिर एक नयी कहानी के साथ मैं रबी आपको otelsan.ru के इसी गन्दी दुनियां में स्वागत करता हूँ । सभी लंड धरी लोगों को मेरे लंड के तरफ से प्रणाम और सभी चुत धरी रण्डिओं को मेरे लंड की सलाम । उम्मीद हे चुत की पानी गरम हो चुकी होगी । ये कहानी पढ़के और भी गरम होने वाला हे तो पढ़िए ये चुदाई की कहानी |
दोस्तों आज जो कहानी में आप सभी के लिए लेकर आया हूँ, यह मेरी पहली सच्ची घटना है। दोस्तों मेरी फेमिली में मेरी मम्मी, पापा और मेरा एक भाई है और यह कहानी मेरी और मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त की मौसी की है, जिसका नाम दिव्या है। दोस्तों दिव्या की उम्र करीब 28 साल थी और उसका एक 4 साल का बेटा भी था।
दिव्या का पति एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता था और उसका चक्कर उसी के ऑफिस की एक लड़की के साथ था और इसलिए वो दिव्या का ज्यादा ख्याल नहीं रखता था और ना ही वो उसके बेटे की परवाह किया करता था, यहाँ तक कि उसे पूरे सात महीने हो गए थे और दिव्या को उसने हाथ भी नहीं लगाया था, लेकिन दोस्तों आख़िर दिव्या भी एक औरत थी और वो सेक्स के बिना कैसे रह सकती थी? फिर भी उसने अपनी मर्यादा को अभी तक नहीं तोड़ा था, लेकिन उसके पति ने एक दिन उससे कहा कि वो अब दिव्या को बहुत जल्दी तलाक दे देगा।

फिर दिव्या उसके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल पागल सी हो गई थी, उसने अपनी बहन मतलब कि विजय की मम्मी स्मिता आंटी को फोन करके सब कुछ बता दिया। फिर स्मिता आंटी और अंकल तुरंत दिव्या के घर पर चले गये। दिव्या बड़ोदा रहती थी, स्मिता आंटी और अंकल ने दिव्या के पति को बहुत कुछ समझाया, लेकिन वो नहीं माना और आख़िर स्मिता आंटी, दिव्या और उसके बेटे को अपने घर पर लेकर आ गई। दिव्या का स्मिता आंटी के सिवा पूरी दुनिया में अब कोई नहीं था। दोस्तों अब में विजय की बात करता हूँ, विजय और में 12th क्लास से साथ है और हम बहुत अच्छे दोस्त है। विजय के परिवार में उसके पापा मम्मी और एक बहन है जो शादीशुदा है। विजय के पापा का कपड़ों का होलसेल बिज़नेस है और विजय भी उनके साथ में काम करता है। दोस्तों विजय के मम्मी, पापा मुझे अपने बेटे की तरह समझते थे, इसलिए में उनके परिवार में एक सदस्य जैसा हूँ और उनको मुझ पर बहुत भरोसा है।

दोस्तों दिव्या के आने के बाद स्मिता आंटी ने दिव्या से मेरी पहली बार मुलाकात करवाई और दिव्या की सभी समस्याए मुझे बताई। फिर मैंने उन्हें थोड़ा विश्वास दिला दिया कि बहुत जल्दी सब कुछ ठीक हो जाएगा। दो महीने ऐसे ही निकल गये और अब दिव्या मेरे साथ एक बहुत अच्छे दोस्त की तरह हो गयी थी, लेकिन हमेशा वो बहुत उदास रहती थी और हर कभी रोती थी और उसकी वजह से स्मिता आंटी भी हमेशा बहुत चिंता में रहती थी। फिर एक दिन विजय का कॉल आया और उसने मुझसे कहा कि मेरे घर पर आओ, तो में उसी शाम को उसके घर पर चला गया। तब विजय ने मुझसे कहा कि क्या तुम मेरे साथ बिज़नेस के काम से मुंबई चलोगे? फिर मैंने उससे कहा कि नहीं मुझे बहुत काम है, इसलिए में तुम्हारे साथ नहीं आ सकता। फिर विजय ने मुझसे कहा कि मेरे पापा भी चार दिनों के लिए दिल्ली जा रहे है और विजय भी तीन दिन के लिए मुंबई जा रहा है, इसलिए उसने मुझसे कहा कि तुम मेरे घर का ख्याल रखना। दोस्तों मेरा और विजय का घर ज्यादा दूरी पर नहीं था, इसलिए मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं आप दोनों आराम से चले जाओ, में घर का पूरा ख्याल रख लूँगा और फिर मैंने आंटी से भी कहा कि अगर आपको कुछ भी काम हुआ तो आप मुझे फोन करना, में चला आ आऊंगा और दूसरे दिन सुबह अंकल दिल्ली चले गये और शाम को विजय मुंबई। फिर करीब 7:00 बजे उसी शाम को आंटी का मेरे पास फोन आया तो उन्होंने मुझसे मेडिकल से कुछ दवाई और मालिश के लिए एक तेल की बॉटल मँगवाई और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि आज रात का खाना हम साथ में बैठकर खायेगें।

फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है और फिर में रात को करीब 9:30 बजे आंटी के घर पर पहुंच गया, हमने सबसे पहले एक साथ बैठकर खाना खाया, लेकिन मुझे दिव्या वहां नजर नहीं आई तो मैंने आंटी से पूछा कि दिव्या कहाँ है? तो आंटी ने मुझसे कहा कि उसकी हालत बहुत खराब है और वो इस समय अपने रूम में है। फिर मैंने उनसे कहा कि तो चलो हम कोई दवाई दे देते है। फिर आंटी ने कहा कि उसे किसी दवाई की ज़रूरत नहीं है और यह सब तुम नहीं समझोगे। दोस्तों में सच में कुछ भी नहीं समझा और में दिव्या के रूम में चला गया और मैंने वहां पर जाकर देखा कि वो अपने बेटे को सुला रही थी और बहुत रो रही थी और बहुत उदास थी। फिर मुझे देखकर वो और भी ज़्यादा रोने लगी और मुझसे यह सब देखा नहीं गया। फिर में वापस हॉल में आंटी के पास आ गया और फिर मैंने आंटी से पूछा कि क्या हुआ? तो आंटी ने कहा कि दिव्या के पति ने दिव्या को तलाक दे दिया है। दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझे भी बहुत दुख हुआ और मैंने देखा कि आंटी भी मुझसे बात करते हुए रोने लगी थी।

फिर मैंने आंटी के कंधो पर हाथ रख दिया और उनसे कहा कि सब ठीक हो जाएगा। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि हाँ अब जल्दी से कोई अच्छे से इंसान के साथ दिव्या की दूसरी शादी करनी पड़ेगी, क्योंकि एक अकेली औरत को हमेशा बहुत मुश्किल होती है। फिर मैंने भी उनकी बात को सुनकर अपने सिर को हिलाकर हाँ कहा और कुछ देर बाद मैंने आंटी से कहा कि में अब अपने घर पर जाता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि मुझे तुमसे एक बहुत ज़रूरी बात करनी थी। फिर मैंने कहा कि हाँ बोलो ना? तो आंटी ने मुझसे कहा कि पहले अंदर रूम में चलो और फिर हम रूम में चले गये। अब आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम दिव्या की थोड़ी मदद करोगे? और तुम्हारे ऐसा करने से हो सकता है कि दिव्या को बहुत खुशी मिलेगी? फिर मैंने तुरंत आंटी से कहा कि ठीक है और में दिव्या की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि सबसे पहले तुम मुझसे वादा करो और फिर मैंने आंटी से वादा किया। तभी आंटी ने मुझसे कहा कि क्या तुम दिव्या के साथ सेक्स करोगे? दोस्तों में आंटी के मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल आशचर्यचकित हो गया और मेरे जिस्म में जैसे करंट सा लग गया। में कुछ देर एकदम चुप रहा। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी यह आप क्या कह रही हो? दिव्या मेरी आंटी जैसी है और में आपके परिवार का एक सदस्य जैसा हूँ और ऐसा कभी नहीं हो सकता। फिर आंटी ने कहा कि देखो बेटा औरत कैसी भी परिस्तिथि में रह सकती है, लेकिन वो सेक्स के बिना क्या करेगी? तुम्हें नहीं पता दिव्या ने पिछले 9 महीने से एक भी बार सेक्स नहीं किया और अब तो उसका तलाक हो गया है, तुम ही बताओ अब वो क्या करेगी? और अगर सेक्स की मजबूरी में उसने किसी ग़लत इंसान के साथ अपना सेक्स सम्बन्ध बनाया तो बहुत बड़ी समस्या होगी और उससे उसकी बहुत बदनामी भी होगी और कोई दिव्या से शादी भी नहीं करेगा और इसलिए बेटा तुम्हारे सिवा कोई और मेरे भरोसे के लायक भी नहीं है, क्या तुम मेरा इतना काम नहीं करोगे? उस समय दिव्या भी पास बैठी रो रही थी और आंटी की आँख में भी आँसू आ गये थे, में सोच रहा था कि क्या करूं क्या जवाब दूँ? दिव्या बहुत रो रही थी, उसका शरीर सामान्य था और बूब्स ज़्यादा बड़े नहीं थे और वो एक बहुत सीधी साधी औरत है।

फिर मैंने दिव्या को देखा और कहा कि प्लीज अब आप रोना बंद करो में कुछ सोचता हूँ। अब स्मिता आंटी ने मुझसे कहा कि दिव्या ज्यादा सुंदर नहीं, इसलिए शायद तुम्हें पसंद नहीं और वो थोड़ी सिंपल भी रहती है। फिर मैंने तुरंत उनसे कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, यह सब बहुत ग़लत है और अगर विजय या अंकल को पता चला तो मेरी दोस्ती भी खत्म हो जाएगी और कोई समस्या होगी तो? फिर आंटी ने मुझसे वादा किया और मुझसे कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। अब मैंने उनसे कहा कि में थोड़ा सोचकर आपको इस बात का जवाब देता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि ठीक है बेटा और फिर में अपने घर पर जाने के लिए निकल गया। में पूरे रास्ते यही बात सोचता रहा कि में उन्हें क्या जवाब दूँ? मैंने आज तक दिव्या को इस नज़र से कभी नहीं देखा था, लेकिन आंटी की वो बात सुनकर अब मेरा भी दिल सेक्स करना चाहता था। दोस्तों मैंने आज तक सिर्फ दो बार एक कॉल गर्ल्स के साथ सेक्स किया था। फिर में घर पर पहुंचकर फ्रेश हुआ और अपने रूम में आकर नाईट ड्रेस पहन रहा था कि तभी मेरे पास आंटी का कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि वो मेरी मम्मी से बात करना चाहती है और मैंने अपनी मम्मी को अपना फोन दे दिया।

फिर आंटी ने मेरी मम्मी से कहा कि प्लीज आप राज को तीन दिन रात को हमारे यहाँ पर सोने के लिए भेज देना, क्योंकि विजय और उसके पापा दोनों ही शहर से बाहर गए हुए है और उनके जाने के बाद घर पर अब हम दोनों बिल्कुल अकेले है और अगर हमारे साथ राज रहेगा तो हमे उसकी वजह से थोड़ी हिम्मत रहेगी, नहीं तो मुझे रात को अकेले बहुत डर लगता है। अब मम्मी ने आंटी से कह दिया कि ठीक है, में अभी उससे कहती हूँ और इतना कहकर उन्होंने फोन कट कर दिया और मम्मी के कहने पर मैंने अपनी नाईट ड्रेस और जीन्स, शर्ट ले लिया और फिर में आंटी के घर पर पहुंच गया। उस समय रात के करीब 12 बजे थे। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि तुम विजय के रूम में जाकर सो जाओ और में रूम में चला गया और नाईट ड्रेस पहनने लगा। फिर उसके बाद में हॉल में आ गया, उस समय आंटी टी.वी. देख रही थी। मैंने आंटी से पूछा कि क्या आप अब तक मुझसे नाराज़ हो? तो आंटी ने मुझसे कहा कि नहीं बेटा में तुमसे बिल्कुल भी नाराज़ नहीं हूँ, वो तो बस मुझे थोड़ी दिव्या की चिंता थी। तभी मैंने उनसे कहा कि सब ठीक हो जाएगा, आंटी में सोच रहा था कि किसी कॉल गर्ल्स के साथ सेक्स करने से तो अच्छा है कि दिव्या की चुदाई की जाए, क्योंकि कॉल गर्ल्स के साथ कभी ना कभी पकड़े गये तो इज़्ज़त की बदनामी होगी और इससे अच्छा है कि आंटी की भी सेक्स कि भूख मिट जाएगी। फिर मैंने देखा कि स्मिता आंटी भी उस समय बहुत उदास थी और उनकी आँख से आँसू भी आ गये थे। मैंने उनके आँसू साफ किए और मैंने उनसे कहा कि ठीक है में तैयार हूँ। फिर आंटी मुस्कुराई और उन्होंने मुझसे किसी को ना बताने का वादा लिया। फिर मैंने उनसे हाँ कहा और वो तुरंत उठकर दिव्या के कमरे में चली गई और करीब दस मिनट बाद वो बाहर आ गई और उन्होंने दिव्या से कहा कि तुम विजय के रूम में चली जाओ और उन्होंने मुझे तेल की बॉटल दे दी और कहा कि तुम थोड़ा इसका ख्याल रखना, दिव्या ने करीब 9 महीने से सेक्स नहीं किया।

दोस्तों में समझ गया और रूम में चला गया और अब मुझे भी सेक्स करना था तो मैंने रूम में अंदर जाते ही रूम को बंद कर लिया और तब मैंने देखा कि दिव्या बिस्तर पर बैठी हुई शरमा रही थी और वो थोड़ी खुश भी थी। मैंने बाथरूम में पानी चेक किया और दिव्या के पास जाकर बैठ गया और सोच रहा था कि अब में कैसे शुरू करूं? दिव्या ने कहा कि अगर थक गये हो तो में हाथ पैर की मालिश कर देती हूँ। फिर मैंने सबसे पहले ना कहा और फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब मैंने भी मन ही मन सोच लिया कि में अब बिल्कुल भी शर्म नहीं करूँगा और मैंने तुरंत अपनी नाईट ड्रेस को उतार दिया और बिस्तर पर लेट गया। फिर दिव्या मेरे हाथ पर मालिश करने के लिए थोड़ा झुकी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके होंठो पर किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और उसका एक हाथ मेरे 7 इंच के लंबे लंड पर था, वो अब धीरे से मेरे लंड को मसलने लगी और में भी उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा। कुछ देर बाद मैंने दिव्या से कहा कि तुम अपने कपड़े उतार दो, तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ी सी शरमाने लगी और फिर उसने अपने कपड़े उतार दिए। फिर मैंने देखा कि उसके बूब्स गोल गोल और थोड़े आकार में ठीक थे और उसकी चूत थोड़ी काली थी, लेकिन उस पर बिल्कुल बाल नहीं थे। फिर मैंने तुरंत उसको अपनी बाहों में खींच लिया और किस करने लगा, उसके होंठो को अब चूसने लगा। दोस्तों दिव्या ज्यादा गोरी नहीं थी, लेकिन उसका फिगर बहुत सेक्सी था।

अब मैंने उसको बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और उसके पूरे जिस्म को किस करने लगा, उसके बूब्स को मैंने बहुत देर तक मसला और बहुत चूसा मैंने इतना ज़ोर ज़ोर से बूब्स को मसला कि वो चिल्ला उठी। मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाली और मैंने महसूस किया कि वो थोड़ी टाईट थी और मैंने अपनी उंगली को थोड़ा ज़ोर से अंदर डाल दिया तो वो चिल्ला उठी, आहहह आईईईईइ में भी अब पागल होने लगा। मैंने उसको कहा कि उल्टी लेट जाओ और वो झट से पलट गई, वाह दोस्तों उसकी क्या गांड थी। उसको देखकर मेरा दिल कर रहा था कि 7 इंच का पूरा लंड अंदर डाल दूँ, लेकिन थोड़ा डर भी लग रहा था। फिर मैंने उससे कहा कि मेरा लंड चूसो तो उसने सबसे पहले मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाया और फिर चूसने लगी और वो बहुत अच्छी तरह से चूस रही थी, जिसकी वजह से में बिल्कुल पागल हो रहा था और कुछ देर बाद मेरे लंड से पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे कहा कि बस करो और अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकाल लिया। फिर मैंने बहुत सारा तेल अपनी उंगली पर ले लिया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करने लगा और उसको भी अब कुछ कुछ होने लगा था, वो सिसकियाँ भरने लगी, अह्ह्ह्हह्ह् ऑश ओह्ह्ह्हह्ह मरी। अब मेरी उंगली उसकी चूत में थी और में उसके होंठो को चूस रहा था और मेरा लंड अब उसके हाथ में था, लेकिन अब मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। फिर मैंने बहुत सारा तेल मेरे लंड पर लगाया और उसके पैरों को फैला दिया, उसकी फूली हुई काली चूत मेरे सामने फैली हुई थी और मैंने देर नहीं की और लंड के सुपाड़े को चूत के छेद के पास रख दिया और थोड़ा सा अंदर की तरफ दबाने लगा तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया और उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी।

फिर मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया तो मेरा लंड थोड़ा और अंदर चला गया, लेकिन अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने ज़ोर से 3-4 धक्के लगाए तो उसके मुहं से ज़रा सी चीख निकली, लेकिन में अब रुकने वाला नहीं था, बस में लगातार धक्के लगाता रहा और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था, उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर लपेट दिए थे और मैंने अपनी स्पीड को और भी तेज करके ज़ोर से धक्के लगाए, इतना ज़ोर से कि वो अह्ह्ह्ह आह्ह करने लगी। उसकी आह्ह्ह की आवाज को सुनकर मैंने अपनी स्पीड को में और भी तेज करके ज़ोर से धक्के देने लगा। मैंने एक दो बार तो इतना ज़ोर से झटका लगाया कि वो चिल्ला उठी, वो बस अब पूरी तरह से मदहोश हो गई थी, में बस झड़ने वाला था। अब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर उठा लिया और 10-12 ज़ोर से धक्के लगाए तो वो चिल्ला उठी और में झड़ गया। हमारी यह चुदाई करीब 14 मिनट तक चली और मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत में निकल गया और में थककर उसके ऊपर लेटा रहा, उसकी आँख से आँसू बाहर आ गये और चेहरे पर संतुष्टि की मुस्कान आ गई। दोस्तों हमने करीब 30 मिनट तक आराम किया और उसके बाद उसने मुझसे कहा कि अब ऊपर से उतर जाओ, मुझे नहाने जाना है। फिर मैंने कहा कि नहीं सुबह नहा लेना और अभी मुझे रात में तुम्हारी दोबारा चुदाई करनी है फिर वो कुछ नहीं बोली और हम दोनों सो गये। सुबह 6 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरे पास वो भी सो रही थी। फिर मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया और चूसने लगा तो इतने में वो भी जाग गई। फिर मैंने उससे कहा कि पहले मेरा लंड चूसो और मेरे ऊपर आ जाओ तो उसने तुरंत उठकर सबसे पहले मेरा लंड हाथ से हिलाया और जब लंड कड़क हुआ तो चूसने लगी, अब में भी तैयार था। मैंने उससे कहा कि ऊपर आओ तो वो ऊपर आ गई, उसने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ा और चूत के छेद पर लगाया और अब वो थोड़ा सा झुक गई तो लंड आधा अंदर चला गया और उसके मुहं से आह्ह्ह्ह की आवाज निकल गई, वो थोड़ा ऊपर हुई तो मैंने ज़ोर से एक झटका लगा दिया और फिर मेरा पूरा लंड अंदर चला गया, वो थोड़ी ज़ोर से चिल्लाती रही और मैंने धक्के लगाना शुरू किया और मुझे मज़ा आने लगा और वो भी अब आहें भरने लगी। फिर करीब पांच मिनट के बाद मैंने उससे कहा कि घोड़ी बन जाओ, तो वो झट से घोड़ी बन गई। दोस्तों में आपको क्या बताऊँ, मुझे उसको घोड़ी बनाकर चोदने में कितना मज़ा आया? में तो पागल की तरह ज़ोर से धक्के लगाने लगा, इतने ज़ोर से कि वो चिल्ला उठी और में एक मिनट रुक गया और वो मेरी तरफ देखने लगी और मैंने उसको सीधा लेटा दिया और उसके पैर फैलाकर फिर से चोदने लगा। फिर पता नहीं क्या हुआ? वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, मुझे थोड़ा सा दर्द हो रहा था। फिर भी में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया और में दस मिनट में झड़ गया। मैंने अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और तब मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि चूत में ज़्यादा चिकनाई नहीं थी तो उस वजह से मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ था। फिर में थककर साइड में सो गया।

फिर सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि दस बज गए थे और में बहुत थक गया था। मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था और में उठकर सीधा बाथरूम में चला गया, फ्रेश हुआ जॉगिंग ट्रॅक और टी-शर्ट पहनी और में जब हॉल में गया तो स्मिता आंटी ने मुझसे कहा कि बैठो में तुम्हारे लिए नाश्ता बना देती हूँ। फिर मैंने पूछा कि दिव्या कहाँ गई? तो आंटी ने कहा कि वो किचन में काम कर रही है, में किचन में चला गया और मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और में उसके बूब्स को दबाने लगा, वो मना करने लगी, लेकिन में फिर भी उसके होंठो को चूसने लगा, वो मुझसे दूर जाने लगी, लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और इतने में स्मिता आंटी भी वहां पर आ गई और वो कहने लगी कि क्यों पूरी रात चुदाई के बाद भी दिल नहीं भरा क्या? तो मैंने कहा कि नहीं में अभी एक बार और चुदाई करूँगा और फिर ऑफिस जाऊंगा। फिर दिव्या मेरी यह बात सुनकर शरमा गई। तब स्मिता आंटी बोली कि धीरे धीरे करना और अगर यह कल रात की तरह चिल्लाएगी तो कोई सुन लेगा और स्मिता आंटी ने दिव्या से मज़ाक में कहा कि तेरी चूत फटने वाली है।

फिर दिव्या शरमाकर बाहर चली गई, लेकिन तभी अचानक मेरे ऑफिस से फोन आया कि कोई जरूरी काम है। मैंने नाश्ता किया और जल्दी से ऑफिस चला गया। दोस्तों मेरा मन ऑफिस में भी नहीं लगा और मुझे सभी जगह दिव्या की चूत और बूब्स दिख रहे थे। मैंने जैसे ही काम ख़त्म किया और खाना खाने के बाद 2:30 बजे में आंटी के घर पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि स्मिता आंटी टी.वी. देख रही है और दिव्या एक किताब पढ़ रही थी। फिर मुझे देखकर दिव्या मुस्कुराई और मैंने उसे इशारा किया कि पास वाले रूम में आ जाओ, तो वो रूम में आ गई। फिर मैंने उसको पकड़कर किस करना शुरू किया, उसने साड़ी पहनी हुई थी तो मैंने उसकी साड़ी को उठाया और उसकी पेंटी को उतारने को कहा, उसने पेंटी को उतार दिया और मैंने बिना देर किए उसको बिस्तर पर लेटा दिया और लंड को चूत में डालकर चुदाई करने लगा औ इस बार दिव्या चिल्लाती रही और मैंने जल्दी में दरवाजा बंद नहीं किया और बाहर खड़ी स्मिता आंटी यह सब देख रही थी, दिव्या जब ज़ोर से चिल्लाई तो स्मिता आंटी ने कहा कि चूत में थोड़ा तेल लगा लो, क्योंकि चूत में बिल्कुल भी चिकनाई नहीं है, लेकिन मैंने एक भी बात नहीं सुनी में और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और चुदाई करते करते उसका ब्लाउज फट गया था। अब मेरा लंड लगातार अंदर बाहर हो रहा था। मैंने इतने ज़ोर से धक्के लगाए कि दिव्या पागल सी हो गई और वो पांच मिनट में झड़ गई। फिर में भी थोड़ी देर बाद झड़ गया और साईड में सो गया। उसने अपनी ब्रा, पेंटी को पहना, साड़ी को ठीक किया और बाहर चली गई। फिर मैंने वहीं पर एक घंटे आराम किया और फिर ऑफिस के लिए तैयार हुआ और वहां से निकल गया ।।

धन्यवाद …

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दोस्त की माँ की चुत चुदाई की दास्तान – Dost Ki Maa Ki Chut Chudai Ki Dastan | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/ //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/#comments Wed, 19 Jun 2019 01:04:10 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5806 [...]]]> hindi sex story, chut chudai ki kahani, aunty ki chudai, dost ki maa ki chudai, dost ki sexy maa ki sex story, hindi sex kahani in hindi font
हेलो दोस्तों, मैं संदीप पंजाब से आपके साथ otelsan.ru पे जुड़ चूका हूँ । आज मैं आप सभी को एक अछि सी कहानी बताने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सब ये कहानी पढ़के बहत एन्जॉय करेंगे । कहानी मेरे खुदकी हे । मेरे दोस्त की एक माँ हे जो की बहत सेक्सी हे उसकी चेहरा हर किसीको दीवाना बना देगा और छोड़ने को मजबूर करदेगा । उसकी वो जबानी को मेने महसूस किया और साथ ही जबानी की भरपूर मजा लुटा । चलिए और कुछ जानकारी के बाद कहानी को आगे ले जाते हैं ।

में जब 21 साल का तब में यूरोप में रहने के लिए आ गया और उसी समय यहाँ पर मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त बना रॉकी, रॉकी का जन्म यूरोप में ही हुआ था और उनका एक रेस्टोरेंट था जिसमें उसके पापा खुद खाना बनाया करते थे।
तो रॉकी ने मेरी मदद करने के लिए मुझे अपने रेस्टोरेंट में काम पर रख लिया और फिर कुछ समय के बाद मुझे करीब रेस्टोरेंट का सारा काम समझ में आ गया था। अब रॉकी के पापा कई बार मुझे वहां पर अकेला छोड़कर अपने कुछ प्राईवेट काम कर लिया करते थे। तो अचानक एक दिन रॉकी के पापा को अपनी कुछ प्रॉपर्टी की वजह से इंडिया जाना पड़ा।

तो अब रेस्टोरेंट पर रॉकी मेरी कुछ मदद करवा दिया करता था और कई बार जब रॉकी स्कूल चला जाता था तो रॉकी की मम्मी मेरी मदद करवा दिया करती थी। दोस्तों आंटी बहुत सुंदर थी, उनका रंग थोड़ा सांवला जरुर था, लेकिन वो एकदम कयामत थी उनकी हाईट करीब 5 फीट 9 इंच और मस्त सेक्सी फिगर, पतली कमर, गदराया हुआ बदन, लेकिन उन्हे देखकर कोई कह नहीं सकता था कि वो एक 20 साल के लड़के की माँ है और उनकी उम्र 35 साल है, लेकिन रॉकी के पापा की उम्र 48 साल थी। तो फिर कुछ दिन बाद अंकल के फोन आने पर रॉकी को भी उसी काम से इंडिया जाना पड़ा और अब में और आंटी अकेले ही पूरे समय रेस्टोरेंट में अकेले होते थे, आंटी भी एक इंडियन औरत थी, लेकिन रेस्टोरेंट में काम करने की वजह से वो ज्यादातर समय जीन्स और टी-शर्ट पहनती थी और जब कभी काम कम होता तो आंटी किचन में मेरे साथ बैठकर बातें कर लेती थी। तो मैंने कभी आंटी को बुरी नज़र से नहीं देखा था और फिर एक दिन आंटी ने बिल्कुल टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी और एक छोटी सी जीन्स, जिस में उनके बूब्स का आकार बहुत अच्छा लग रहा था और वो बहुत बड़े बड़े एकदम गोल दिख रहे थे और उनका थोड़ा सा पेट भी दिख रहा था। तो उस दिन थोड़ा काम कम होने की वजह से आंटी मेरे साथ बातें कर रही थी, लेकिन मेरी नज़र बार बार घूमकर उनके बूब्स पर जा रही थी और इस बात का शायद उनको भी पता चल गया था।

फिर हमने रात को रेस्टोरेंट बंद किया और आंटी जी मुझे अपनी कार से मेरे घर पर छोड़कर अपने घर चली गई। तो मैंने अगले दिन वहां पर पहुंचकर देखा कि उन्होंने एक कुर्ता टाईप कुछ पहना था, जिसमें उनकी छाती एकदम साफ साफ दिखाई दे रही थी और मेरी नज़र एक बार फिर से उनके बूब्स पर ही टिकी रही और कुछ लोगों को खाना परोसने के बाद आंटी जी मेरे पास आ गई और बातें करने लगी। आंटी बहुत खुश लग रही थी। फिर बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने थोड़ा शरमाकर बोल दिया कि में सारा दिन तो रेस्टोरेंट में काम करता हूँ, मेरी कोई गर्लफ्रेंड कैसे बनेगी? तो वो बोली कि हाँ यह बात तो तेरी एकदम ठीक़ है, चल में तेरी थोड़ी मदद कर दूँगी, अब आज से रेस्टोरेंट में जो भी लड़की आए और अगर वो तुझे पसंद आए तो तू मुझे बता देना। तो मैंने शरमाकर कहा कि आंटी जी आप रहने दीजिए में बहुत शर्मिला स्वभाव का हूँ और में किसी से खुलकर बात भी नहीं कर सकता। तो मेरी इस बात पर वो बोली कि हाँ तू सब कुछ जरुर देख सकता है, लेकिन बात नहीं कर सकता। तो उस दिन रेस्टोरेंट में बहुत काम था और उन्हे खाना लेने के लिए बहुत बार किचन में आना पड़ रहा था। तो कई बार काम करते समय मेरा हाथ उनकी गांड को छू रहा था और कई बार उनके बूब्स मेरी कमर को छू रहे थे और शाम को में बहुत थक गया। तो उन्होंने मुझे विस्की का एक पेग बनाकर दे दिया वो चाहती थी कि में अभी थकान ना महसूस करूँ और तेज़ी से काम करूँ, क्योंकि अभी हमे तीन घंटे और काम करना था। तो हमेशा हम तीन लोग काम किया करते थे, लेकिन अंकल और रॉकी के ना होने की वजह से हम सिर्फ़ दोनों ही थे। तो एक घंटे के बाद आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दिया, मैंने वो भी झट से पीकर काम और तेज कर दिया। आंटी जी यह सब देख रही थी और वो मेरे पास आकर बोली कि तुम तो बहुत जल्दी जल्दी काम करते हो और जवान हो, अभी तुम्हारी उम्र है और तुम कौन सा अपने अंकल की तरह बूढ़े हो गए हो? और वो हंसकर चली गई।

तो मेरे पास अब हर आधे घंटे में एक पेग आने लगा और अब तो विस्की ज्यादा, पानी कम और काम के ख़त्म होते होते विस्की ने अपना करतब दिखा ही दिया। अब में कपड़े बदल कर ऊपर आया तो आंटी रेस्टोरेंट बंद करके बोली कि आज तू हमारे घर चल में तुझे आज इंडियन खाना खिलाती हूँ और उनका घर मेरे घर के पास ही था तो मेरा सर घूम रहा था और अब मुझे बहुत ज़ोर से भूख भी लगने लगी थी, तो मैंने हाँ में सर हिला दिया और आंटी मेरी तरफ देखकर हंस पड़ी। फिर घर पर आकर आंटी फ्रेश होने चली गई और जब वो बाहर आई तो वो क्या गजब लग रही थी? उन्होंने एक बहुत सेक्सी सा जालीदार सूट पहना हुआ था जिसमें से उनकी ब्रा साफ साफ दिख रही थी, आंटी मेरे पास आई और हाथ में टावल दिया और मुझसे बोली कि फ्रेश हो जाओ, तो में भी फ्रेश होने बाथरूम में गया तो वहां पर बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी और वहीं पर आंटी की ब्रा और पेंटी लटकी हुई थी। तो उसे देखते ही मेरी नज़र के सामने आंटी के गोल गोल बूब्स घूमने लगे। मैंने जब ब्रा और पेंटी को उठाकर सूँघा तो मुझे बहुत अच्छी खुश्बू आई, लेकिन मैंने डरकर उसे फिर वहीं रख दी। तो कुछ देर के बाद मैंने बाहर आकर देखा तो आंटी हमारे लिए टेबल पर खाना लगा रही थी और खाना लगाते वक़्त वो थोड़ा झुक रही थी तो मुझे उनके बूब्स पूरे दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया। फिर आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दे दिया, लेकिन पेग बहुत तेज था और में पहले से भी बहुत पी चुका था।

मैंने अब मुश्किल से वो पेग खत्म किया और मैंने आंटी से खाना खाने के लिए बोला और फिर हम खाना खाने लगे, लेकिन मेरी नज़र आंटी के बूब्स पर बार बार जा रही थी और हमें खाना खाते खाते 12 बज चुके थे और जब में खाना खाकर और अपने सभी कामों से फ्री होकर में जाने के लिए उठा तो ज्यादा पीने की वजह से में थोड़ा हिल सा गया। तभी आंटी मेरे पास आई और उन्होंने मेरे हाथ को पकड़कर मुझे सहारा दिया और उस वक़्त मेरा हाथ आंटी के बूब्स पर था, तो आंटी मुझसे बोली कि संदीप आज तू यहीं पर सो जा, तुझसे चला भी नहीं जाएगा और इससे पहले कि में कुछ कहता आंटी बोली कि और अगर तुझे चोट लग गयी तो रेस्टोरेंट का ध्यान कौन रखेगा? और आंटी मुझे अपने बेडरूम में ले गयी और मुझे एक बरमूडा और टी-शर्ट लाकर दी जो कि रॉकी की थी। फिर दारू ज्यादा होने की वजह से मुझसे वो पहना भी नहीं जा रहा था। तो आंटी मेरी मदद करवाने लगी और पेंट उतारते वक़्त आंटी ने मेरे लंड को छुआ और महसूस किया और वो उनके स्पर्श से एकदम तनकर खड़ा हो गया, लेकिन में अभी भी अंडरवियर में ही था तो मेरा लंड खड़ा होते ही आंटी ने उसे पकड़ लिया और बोली कि वाह! इतना बड़ा? दोस्तों मेरा लंड 7 इंच का है। तो उन्होंने कहा कि मैंने इतना बड़ा लंड तो कभी भी नहीं देखा फिर आंटी ने मेरे लंड को अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और मुझे धक्का देकर बेड पर बैठा दिया और वो मेरे लंड से खेलने लगी और मुझे भूखी नज़रों से देखने लगी और मुझे किस करने लगी और शायद उन्हे अच्छी तरह से पता था कि कौन सी किस कैसे करनी है? शायद उन्हे इन सब कामों बहुत अनुभव था। फिर आंटी ने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रखा और वो मुझे फ्रेंच किस करती रही। आंटी के बूब्स बहुत बड़े बड़े और सख्त थे, जैसे बहुत समय से किसे ने उन्हे छुआ ना हो और आंटी मुझे पूरे शरीर पर किस करने लगी। फिर मेरी छाती से होते होते उन्होंने मेरे लंड को मुहं में डाल लिया और बहुत टाईम तक उसे लोलीपोप की तरह चूसने के बाद उन्होंने मुझे अपने बूब्स को चूसने को कहा। तो मैंने भी उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसकर पूरा रस लिया और फिर उन्होंने मुझे अपनी चूत को किस करने को कहा और जब मैंने जैसे ही किस किया तो मैंने महसूस किया कि वो एकदम गीली थी और मुझे उनके पानी का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था।

तो में इससे पहले कुछ कहता उन्होंने मेरा सर पकड़कर अपनी चूत से चिपका दिया और कहने लगी कि चाटो मेरी चूत को और फिर कुछ 15 मिनट तक में उनकी चूत को चाटता रहा। तभी उनकी चूत का पानी निकल गया जो सारा मेरे मुहं पर लग चुका था। तभी उन्होंने मेरे मुहं को पकड़ा और चाटने लगी, लेकिन आंटी की प्यास अभी भी नहीं बुझी थी और वो मुझे किस करती रही। फिर वो मेरे लंड को देखकर मुस्कुराई और बोली कि आ जाओ मेरे बच्चे अब दिखाओ अपना कमाल और वो अपने दोनों पैरों को फैलाकर एकदम सीधी लेट गयी। तो मैंने लंड को चूत पर रखा और एक जोरदार धक्के से उसे अंदर डाल दिया और करीब 7-8 मिनट तक लगातार धक्के देने के बाद में अपनी मंज़िल पर पहुंच गया और मैंने अपने धक्कों को धीरे कर दिया और अपना वीर्य उनकी प्यासी चूत में बूंद बूंद करके टपकाने लगा, लेकिन तभी आंटी ने लंड को एक झटका देकर चूत से बाहर निकाला और वो मेरे लंड पर लगा हुआ सारा वीर्य चाट गयी और उन्होंने मेरे लंड को बहुत अच्छी तरह से साफ कर दिया और हमने सारी रात बिना कपड़ो के बिताई और उसी रात को मैंने तीन बार आंटी की प्यास बुझाई और अगले दिन में उनसे बात करते समय उनकी आखों में आखें नहीं डाल रहा था। मुझे उनसे बहुत डर लग रहा था।

तभी आंटी ने मुझे अपने पास बुलाया और कहा कि हमारे बीच कल रात जो कुछ हुआ सब कुछ अच्छा हुआ, लेकिन इस राज को बस हम दोनों ही अपने पास छुपाकर रखेंगे वरना यह बात अगर किसी को पता चल गई तो तुम्हारी जॉब भी जाएगी और में भी फंस जाउंगी और उसके बाद मैंने जब तक अंकल, रॉकी नहीं लौटकर आए, मैंने बहुत दिनों तक आंटी को चोदा और उनकी चूत के साथ साथ उनकी वर्जिन गांड के भी मज़े लिए और उन्हे उन दिनों बहुत जमकर चोदा। अब हम दोनों मौका मिलते ही एक दूसरे के पति, पत्नी बन जाते है और अब आंटी के कहने पर मेरी सेलेरी भी बहुत अच्छी हो गई है। अब हम दोनों छुप छुपकर बहुत मज़े करते है और हमें एक दूसरे के साथ रहना बहुत अच्छा लगता है ।।

धन्यवाद …

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आंटी की सजा में मिला बड़ा मजा – Aunty Ki Saja Me Mila Bada Maja | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/aunty-ki-saja-me-mila-bada-maja/ Sun, 16 Jun 2019 01:30:20 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5733 [...]]]> हेलो दोस्तों मेरा नाम मोन्टी हे । मैं आपको अपना कहानी बताने जा रहा हूँ । दोस्तों यह कहानी इस दिसम्बर महीने की ही है जब मैंने अपने सबसे करीबी दोस्त की भाभी को चोदा और उस दिन से वो चाहती है कि वो हर रोज मुझसे चुदे। मेरे दोस्त का नाम करन है और जब से वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता था.. तब से हम पक्के दोस्त है। अक्सर हमारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था और धीरे धीरे हमारे फेमिली जैसे सम्बन्ध हो गये थे।
उसके घर में वो उसके मम्मी, पापा उसका भाई, भाभी और उनकी दो छोटी लड़कियां रहती थी। करन के पापा एक सरकारी नौकर थे और उसकी माँ ग्रहणी थी.. उसका भाई किसी प्राईवेट कंपनी में काम करता था और मेरा दोस्त सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था और में भी उसके साथ ही तैयारी कर रहा था और साथ में नौकरी भी करता था और हम अधिकतर एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे।

उसका भाई भी मेरा अच्छा दोस्त बन गया था.. उसका नाम समीर था और उसकी उम्र करीब 34 साल थी और भाभी का नाम नयना था और उनकी उम्र 32 साल थी.. लेकिन उन्हें एक बार देखकर कोई बोल नहीं सकता कि यह दो बच्चे की माँ होगी। उनका फिगर 36-26-38 था। भाभी दिखने में एकदम मस्त थी और वो हमेशा गुजराती साड़ी ही पहना करती थी और साड़ी के नीचे उनका वो टाईट फिटिंग वाला ब्लाउज और उसमे कसे हुए बूब्स एकदम मस्त दिखते थे और खुली कमर एकदम गोरी गोरी दिखती थी। में जब भी उनके घर जाता तो वो कुछ ना कुछ काम कर रही होती थी.. कभी कभी में देखता जब वो पोछा लगाती तो उस समय साड़ी में से उनकी बड़ी भारी गांड दिखती थी.. लेकिन मैंने कभी उनके बारे में ग़लत नहीं सोचा था और में हमेशा उनको भाभी की तरह ही देखता था क्योंकि करन की माँ मुझे बेटे की तरह रखती थी। भाभी की दोनों बेटियाँ स्कूल में पढ़ती थी और घर से स्कूल थोड़ी ही दूर पर था इसलिए मेरा दोस्त रोज उनको स्कूल छोड़ने और लेने जाता था।

थोड़े दिन बाद मेरा दोस्त नई स्कूटी लेकर मेरे घर पर आया तो मैंने पूछा कि अरे यह किसका उठाकर ले आया? तो बोला कि नया लिया है और उसका नंबर 1001 लिया था। एक दिन में जब उनके घर गया तो उसका भाई समीर भाभी को स्कूटी सिखा रहा था.. तो मैंने बोला कि वाह भाभी आप तो सीख गई? तो वो बोली कि हाँ सीखना तो पड़ेगा ही ना फिर बच्चो को स्कूल छोड़ने और लाने में कभी ज़रूरत पड़ जाए। तो मैंने बोला कि यह सही बात है। फिर थोड़े दिन बाद मेरे दोस्त ने कॉल सेंटर में नौकरी ढूँढ ली और जब में उनके घर जाता तो कभी कभी वो घर पर नहीं मिलता.. वो नौकरी पर ही होता था.. क्योंकि उनकी शिफ्ट चेंज होती रहती थी.. इसलिए मैंने देखा कि भाभी ही बच्चों को छोड़ने जाया करती थी। यह एक महीने पहले की ही बात है जब में बाज़ार में कुछ शॉपिंग करने गया था और फिर में पार्किंग में बाईक पार्क करने गया तो मैंने देखा कि 1001 नंबर वाली स्कूटी खड़ी हुई थी। तो मैंने सोचा कि शायद करन भी आया होगा और मैंने उसे कॉल किया.. लेकिन उसने नहीं उठाया। तो मैंने सोचा कि वो अंदर ही होगा तो मिल जाएगा और में मॉल के अंदर गया और बहुत ढूँढा.. लेकिन वो नहीं मिला। फिर मैंने शॉपिंग के बाद जब बिल के लिए लाईन में गया तो बहुत लंबी लाईन थी और में लाईन में खड़ा रहा। तभी थोड़ी देर बाद मेरी नज़र पास वाले बिल काउंटर पर गयी.. उस लाईन में नयना भाभी खड़ी थी.. लेकिन वो दूर थी तो मैंने उन्हे बुलाने की कोशिश नहीं की और वो बिल बनाकर बाहर निकली। तो मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ में खड़ी थी और बातें कर ही थी। फिर वो लड़का पार्किंग से अपनी कार लेकर आया और भाभी उसमें बैठ गई और उसके साथ चली गई और में जब पार्किंग में गया तो स्कूटी वहीं पर खड़ी थी। तो मैंने सोचा कि वो कोई रिश्तेदार होगा और वो उनके साथ कहीं गई होगी और मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर थोड़े दिनों बाद में शाम को करीब 7 बजे उनके घर गया तो सब लोग घर पर थे सिर्फ़ करन नौकरी पर गया हुआ था। फिर उनके पापा ने मुझे बैठने को बोला और में सोफे पर बैठ गया.. मेरे पास में समीर बैठा था और भाभी सब्जी काट रही थी और उनकी मम्मी किचन में थी। फिर भाभी उठकर मेरे लिए पानी लेकर आई तो मैंने उनको धन्यवाद बोला और वो किचन में चली गयी। फिर जब वो वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि भाभी थोड़े दिन पहले मैंने आपको बिग बाज़ार में देखा था? तो वो चोंक गयी और मेरी तरफ देखती रही.. मैंने कहा कि आप बिल की लाईन में थी। तो वो मेरी तरफ देखने लगी और उतने में समीर ने पूछा कि कब? तो मैंने कहा कि थोड़े दिन पहले उतना कहते कहते मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो मुझे इशारे से होंठ पर उंगली रखकर कह रही थी कि कुछ मत बोलो.. चुप रहो। फिर मुझे लगा कि शायद कुछ गड़बड़ है तो मैंने तुरंत ही बात पलट दी और बोला कि भाभी आपने लाल कलर की ड्रेस पहनी थी न उस दिन। तो समीर बोला कि यह तो कभी ड्रेस पहनती ही नहीं। फिर मैंने बोला कि तो शायद कोई और होगी.. लेकिन वो तुम्हारे जैसी ही दिखती थी। तो समीर बोला कि क्या यार तू भी? फिर हमने थोड़ी देर बातें की और फिर मैंने कहा कि में चलता हूँ और में घर पर आ गया। तो दूसरे दिन दोपहर को मेरे फोन पर एक अनजान मोबाईल नंबर से कॉल आया। मैंने रिसीव किया और मैंने बोला।

में : हैल्लो और सामने कोई लड़की थी।

लड़की : हैल्लो।

में : हाँ कौन?

लड़की : क्या आप में बोल रहे हो?

में : हाँ आप कौन?

लड़की : में नयना।

में : कौन नयना?

लड़की : अरे यार में करन की भाभी।

में : ओह्ह हाँ भाभी बोलिए.. सॉरी में आपकी आवाज़ पहचान नहीं पाया.. हाँ बोलिए बोलिए।

नयना : सुनो तुमने बिग बाज़ार में मुझे ही देखा था.. वो प्लीज किसी को मत बताना।

में : हाँ वो उस दिन आप मुझे इशारे से मना कर रही थी ना नहीं बताने के लिए।

नयना : हाँ वो प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा किसी को भी।

नयना : और करन को प्लीज कुछ मत बोलना.. जो हमारी बात हुई उसके बारे में।

में : ठीक है भाभी ठीक है.. लेकिन मुझे तो बताओगी कि तुम घर वालों से क्या छुपा रही हो?

नयना : नहीं कुछ नहीं.. लेकिन तुम प्लीज किसी को मत बताना।

में : लेकिन मुझे तो बताओ में किसी से कुछ नहीं कहूंगा।

नयना : प्लीज समझो में तुम्हे नहीं बता सकती.. लेकिन यह बात प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन तुम्हे मुझे बताना होगा कि तुम क्या छुपा रही हो? और में वादा करता हूँ कि किसी को नहीं बताऊंगा।

नयना : बहुत लंबी कहानी है बाद में बताउंगी।

में : नहीं भाभी पहले मुझे बताओ।

नयना : बाद में तुम्हे सब कुछ विस्तार में बताउंगी ।

में : लेकिन.. थोड़ा तो बोलो क्या बात है?

नयना : लेकिन.. प्लीज यह किसी को मत बताना।

में : भाभी आपसे जो वादा किया है नहीं तोडूंगा।

नयना : ठीक है सुनो जब तुमने मुझे माल में देखा था.. उस वक्त तुमने क्या देखा था?

में : आप बिल बनवा रही थी और फिर आप किसी के साथ कार में बैठकर चली गयी।

नयना : हाँ वो किसी को मत बताना कि में किसी के साथ कार में गयी थी।

में : ठीक है.. लेकिन वो कौन था जो तुम्हारे साथ था?

नयना : वो मेरा कॉलेज का दोस्त था।

में : तो उसमे छुपाने वाली क्या बात है?

नयना : हाँ लेकिन प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन अगर तुम्हारे घर पर किसी को पता चल गया तो?

नयना : पिछले तीन साल से हम मिल रहे है.. लेकिन आज तक किसी को पता नहीं है।

में : ओह भाभी मतलब वो तुम्हारा बॉयफ्रेंड है?

नयना : तुम जो भी समझो..।

में : ठीक है भाभी.. लेकिन मुझसे वादा करो कि आप मुझे उससे मिलवावोगी?

नयना : तुम क्या करोगे उससे मिलकर?

में : कुछ नहीं में भी तो देखूं आपका बॉयफ्रेंड कैसा है?

नयना : ठीक है बाद में।

में : ठीक है।

नयना : ठीक धन्यवाद और बाय।

में : बाय।

फिर मैंने रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तीन साल से इससे मिल रही है और किसी को पता नहीं है और घर पर इतनी भोली बनती है और बाहर बॉयफ्रेंड के साथ घूमती है। फिर मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं.. उसकी ज़िंदगी है वो कुछ भी करे मुझे क्या और में सो गया। सुबह उठा तो मैंने देखा कि मेरे मोबाईल पर मैसेज आया और मैंने खोला तो वो मैसेज भाभी के नंबर से था और अंदर धन्यवाद लिखा था। फिर दो दिन बाद वापस भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे कहा कि अगर तुम्हे मेरे बॉयफ्रेंड से मिलना हो तो बिग बाज़ार की पार्किंग में आ जाओ। तो में वहां पर गया.. लेकिन वहां पर कोई नहीं था सिर्फ़ भाभी की स्कूटी पड़ी थी और भाभी कहीं पर दिख नहीं रही थी। तभी थोड़ी देर बाद एक कार आई और भाभी उसमे से उतरी में तो देखता ही रह गया। भाभी ने छोटी स्कर्ट और टॉप पहना था और मैंने आज तक भाभी को ऐसे कपड़ो में नहीं देखा था। फिर भाभी ने मुझे हैल्लो कहा और मैंने भाभी को फिर उसने अपने बॉयफ्रेंड को बुलाया और मुझसे मिलवाया।

नयना : में, यह पीयूष, और पीयूष यह मोन्टी।

में : हाय।

पीयूष : हाय क्या तुम नयना के दोस्त हो?

में : नहीं में उनके देवर का दोस्त हूँ।

पीयूष : ठीक ठीक है।

नयना : ठीक है मोन्टी हो गयी बात।

में : हाँ भाभी।

नयना : ठीक है तो अब में चलती हूँ।

में : ठीक है।

नयना : बाय।

में : बाय।

पीयूष : बाय मोन्टी।

में : बाय

फिर और वो लोग कार में बैठकर चले गये में तो भाभी को ऐसे कपड़ो में देखता ही रह गया और सोचने लगा कि भाभी घर पर कितनी भोली भाली दिखती है और यहाँ पर अय्याशी कर रही है और वो बात घर पर किसी को पता नहीं है। तो करीब 2 घंटे के बाद भाभी के नंबर से कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि क्या तुम हमारे साथ फिल्म के लिए चलोगे? तो मैंने कहा कि कहाँ? तो उन्होंने सिनेमा का पता दिया और में वहां पर चला गया.. लेकिन भाभी तब साड़ी में थी जो वो अक्सर घर पर पहनती है और फिर में सोचने लगा कि भाभी ने कपड़े कब चेंज किए? तभी थोड़ी देर में फिल्म शुरू हो गयी और मेरे पास में पीयूष बैठा था और उसके पास भाभी थी। फिर इंटर्वल के टाईम भाभी ने बोला कि में क्या तुम्हे कुछ चाहिए तो बोलो? में बाहर जा रही हूँ.. कुछ खाने का लेकर आती हूँ। तो मैंने बोला कि चलो भाभी में भी आता हूँ।

तो मैंने कहा कि पीयूष तुम भी चलो.. लेकिन पीयूष ने बोला कि नहीं तुम हो आओ में यहीं पर बैठा हूँ और हम बाहर गये तो भाभी ने बोला कि यह लो पैसे जो लेना हो ले लो में वॉशरूम जाकर आती हूँ और हाँ यह मेरा मोबाईल रखो और वो मुझे मोबाईल देकर अंदर चली गई। तो मैंने मोबाईल मेंर देखा तो पीयूष के मैसेज थे। मैंने बहुत सारे मैसेज पढ़े.. लेकिन कुछ नहीं मिला नॉर्मल शायरीयां थी और चुटकुले थे.. लेकिन एक फोल्डर था नयना के नाम का.. मैंने वो खोला तो अंदर अलग अलग फोल्डर थे और अलग अलग लड़को के नाम लिखे थे.. मैंने थोड़े चेक किए और देखा तो मुझे पता चला कि सारे मैसेज सेक्स चेट के मैसेज थे और सारे मैसेज का टाईम रात का था। फिर मुझे समझ आया कि भाभी रात को लड़को से मैसेज पर सेक्स चेट करती है और मैंने घर जाकर रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तो बड़ी चालू लगती है.. लेकिन घर पर किसी को पता नहीं। तो मैंने सोचा कि अगर घर पर पता चला तो क्या होगा? फिर मैंने सोचा कि जो भी हो मुझे क्या? फिर मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया कि में भी भाभी को रात को मैसेज भेजता हूँ। फिर मैंने उस रात ही मेसेज किया तो उनका भी मेसेज आया। मैंने बोला क्या कर रही हो तो वो बोली कि कुछ नहीं बस अब नींद आ रही है। मैंने बोला ठीक है और उन्होंने गुड नाइट का मेसेज भेज दिया। मैंने सोचा कि ऐसा क्यों किया।

फिर मैंने अगले दिन एक नया नंबर ले लिया और उस नंबर से मेसेज किया, पहले रिप्लाइ नहीं आया फिर मैंने दूसरा मेसेज भेजा तो उनका मेसेज आया कि तुम कौन हो? मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त तो उन्होंने नाम पूछा मैंने दूसरा नाम बताया और उन्होंने बाय का मेसेज भेज दिया.. फिर मैंने कहा दोस्त नहीं तो क्या हुआ? थोड़ी देर क्या हम चेट कर सकते है। तो पहले उन्होंने मना किया फिर मान गयी. और धीरे धीरे हमने सेक्स चेट शुरू किया.. तुम मनोगे नहीं इतना मस्त सेक्स चेट किया उन्होंने.. जिससे मेरा ऐसे ही निकल गया। फिर रोज रात को हम सेक्स चेट करते रहे और उन्होंने मुझे मिलने बुलाया फिर मैंने कहा ठीक है और हम मॉल मे मिले तो वो मुझे देखती ही रह गयी और बोली में तुमने ये सारे मेसेज किए थे? मैंने कहा आप तो मेरे नंबर पे रिप्लाई नहीं करती तो मे क्या करूँ.. फिर थोड़ी देर नाराज़ हो गयी और फिर मान गयी लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि तुम किसी को कुछ भी नहीं बतावोगे। मैंने कहा ठीक है। फिर रात को हमने चेट किया और उसमे मैंने भाभी को पूछा कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी तो उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया और बोली के नहीं में समीर के अलावा किसी से नहीं करती, मैंने कहा ठीक है फिर भी कभी मन हो तो मुझे बोल देना.. क्योंकि आप मुझे बहुत पसंद हो तो वो बोली ठीक है. और फिर गुड नाइट करके सो गये फिर एक दिन भाभी ने मुझे कॉल किया और बोली कि क्या तुम मूवी देखने चलोगे? मैंने कहा कौन कौन है? तो वो बोली के में तुम और एक फ्रेंड है। मैंने कहा कौन पीयूष? वो बोली नहीं कोई और है और उसने मुझे नये फ्रेंड से मिलवाया और कहा कि ये मेरे कालेज का फ्रेंड है। मैंने सोचा कि क्या सारे कालेज के फ्रेंड ही है। उसके बाद मे समझ गया कि ये हर किसी के साथ भी चालू हो जाती है और नयना ने मुझे बोला के पीयूष को मत बताना.. ये सब बातें हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए। मैंने कहा ठीक है और फिर हम मूवी देखकर जब वापस आए तो मुझे नींद नहीं आई.. में रात भर सोचता रहा कि आख़िर भाभी क्यों सबको अपना कालेज फ्रेंड बोलती है। फिर दूसरे दिन मैंने करीब सुबह 11:30 पर भाभी को कॉल किया तो मैंने पूछा कि कहाँ पर हो? तो वो बोली कि में बच्चो को स्कूल छोड़ने आई हूँ। मैंने पूछा कहाँ पर? तो वो बोली तुमने स्कूल नहीं देखा क्या? मैंने कहा हां.. तो भाभी बोली कि अगर आ सकते हो तो आ जाओ मैंने बोला क्यों तो भाभी बोली कि में शॉपिंग जा रही हूँ.. तो मैंने बोला कि शॉपिंग तो बाद में भी जा सकते हो? तो भाभी बोली कि क्यों बाद में? तो मैंने कहा कि अभी अगर आप चाहो तो मेरे फ्लेट पर आ सकते हो और फिर हम कुछ देर के बाद में शॉपिंग जाएगे। तभी वो बोली कि ठीक है में अभी आती हूँ और जब वो आई तो मैंने देखा कि उन्होंने हल्के पीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वैसा ही ब्लाउज भी।

मैंने उन्हे अंदर बुलाया और वो आकर सोफे पर बैठ गई और फिर मैंने उन्हें पीने का पानी दिया। तभी वो बोली कि क्या यह तुम्हारा घर है? मैंने कहा कि नहीं यह मेरे फ्रेंड का घर है.. तो बोली कि वो कहाँ है? तो मैंने कहा कि वो नौकरी पर गया है। फिर वो बोली कि तुम्हारा फ्रेंड कब तक आएगा? तो मैंने कहा कि रात को 8 बजे और मैंने कहा कि करन का एक दोस्त भी यहीं पर इसी फ्लेट में रहता है। तभी वो बोली कि अगर उसने मुझे देख लिया तो क्या होगा? तभी मैंने कहा कि में दरवाज़ बंद कर लेता हूँ और यह कहकर मैंने दरवाज़ बंद कर दिया और मैंने कहा कि भाभी मुझे तुमसे कुछ बातें पूछनी है.. लेकिन अगर आप बुरा ना मानो तो? वो बोली कि ठीक है पूछो। तो मैंने कहा कि क्या यह सब तुम्हारे असली कॉलेज फ्रेंड है?

तो वो बोली कि हाँ.. क्यों? मैंने कहा कि नहीं.. क्योंकि जो दोनों फ्रेंड से में मिला दोनों की उम्र करीब 38-40 के आस पास है.. वो लोग कैसे तुम्हारे कॉलेज फ्रेंड हो सकते है? वो बोली कि है तो है। फिर मैंने कहा कि भाभी आप मुझसे क्यों छुपाती हो? और में कहाँ किसी को बताने वाला हूँ? तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन तुम किसी को बताओगे तो नहीं? और अगर नहीं बताओगे तो में तुम्हे बता दूंगी कि यह सब झूठ मैंने तुमसे क्यों बोला? तभी मैंने कहा कि हाँ बताओ में किसी को नहीं बताऊंगा.. तो वो बोली कि ठीक है.. एक दिन जब में सुबह सुबह करन के कमरे में उसे उठाने के लिए गयी तो मैंने देखा कि वो सिर्फ़ टावल में सोया हुआ था और गहरी नींद में उसे पता नहीं था कि उसका टावल पूरा खुल गया था और मैंने उसे देखा तो उससे अंडरवियर में से साईज़ इतना बड़ा दिख रहा था कि में देखती ही रह गयी। तभी मैंने कहा कि तो उसमे क्या हुआ? तो वो बोली कि फिर मुझे मालूम पड़ा कि हर एक आदमी का साईज़ अलग अलग होता है। तो मैंने कहा कि हाँ वो तो होता ही है क्यों तुम्हे नहीं पता था?

तो वो बोली कि नहीं मुझे समीर बता रहे थे कि सबका एक ही साईज होता है.. लेकिन जब मैंने करन का देखा तो पता लगा कि यह तो समीर से भी बहुत बड़ा है और मैंने कई बार करन को लाईन देने की कोशिश की.. लेकिन उसने मुझे भाव नहीं दिया और मुझे बहुत डर लगता था कि अगर में उससे सीधा बात करूंगी तो कहीं वो समीर या पापा को ना बता दे.. इसलिए मैंने सोचा कि करन नहीं तो कोई और सही और में लगातार मॉल में जाती रही जिससे कि कहीं कोई हॅंडसम मिल जाए और एक दिन मुझे पीयूष मिल गया और मैंने उस के साथ बहुत एंजाय किया.. लेकिन जब मुझे लगा की नये टेस्ट में ज़्यादा मज़ा है तो मैंने फिर चेटिंग से बहुत फ्रेंड बनाए और बहुत से मिली भी हूँ.. लेकिन करन जैसा आज तक मुझे नहीं मिला। तभी मैंने कहा कि भाभी अगर आप बुरा ना मानो तो में एक बात कहूँ? तो वो बोली कि हाँ बोलो.. तो मैंने कहा कि क्या आप सच में करन से चुदना चाहती हो? तो वो बोली कि हाँ.. लेकिन यह मुमकिन नहीं है। फिर मैंने कहा कि में मुमकिन बना दूँगा.. तो वो बोली कि ठीक है तुम ट्राई करो.. लेकिन कहीं में ना फंस जाऊँ? तो मैंने कहा कि मेरा वादा है आपको कुछ नहीं होगा.. फिर उन्होंने बोला कि धन्यवाद। तभी मैंने कहा कि भाभी और कभी मुझे भी मौका दोगी या नहीं? तो वो बोली कि बाद में.. तो मैंने कहा कि.. लेकिन अभी यहाँ पर कोई भी नहीं है। तो वो बोली कि मुझे घर पर भी जाना है.. मैंने कहा कि प्लीज सिर्फ़ 10 मिनट.. तो वो बोली ठीक है और हम बेडरूम में चले गये और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.. उन्होंने अपनी साड़ी को उतारना शुरू किया। तो मैंने कहा कि रूको भाभी मुझे उतारने दो ना। तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन थोड़ा जल्दी करो और फिर मैंने फटाफट उनकी साड़ी को उतार दिया और उन्हें देखता ही रह गया। उनके वो बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में भी नहीं समा रहे थे और मैंने कहा कि भाभी क्या इसे भी खोल दूँ? तो वो बोली कि हाँ और यह कहते कहते मैंने मेरा मुहं उनके बूब्स पर दबा दिया और मैंने कहा कि भाभी तुम्हारे बूब्स बहुत मस्त है।

तभी वो बोली कि जल्दी करो मुझे घर पर जाना है.. मैंने जल्दी से उनका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी जो बिल्कुल सफेद थी और एकदम सिल्की मैंने उसे हाथ लगाया तो मेरा लंड एकदम टाईट हो गया। तो वो बोली कि तुम्हारे भी कपड़े उतारो.. मैंने अपनी टी-शर्ट और पेंट को उतार दिया। अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और उन्होंने अपना हाथ मेरे पंड पर रख दिया और बोली कि यह तो पीयूष से भी बड़ा है। तो मैंने कहा कि हाँ तुम्हे देखकर और भी बड़ा हो गया है.. वो बोली कि अब जल्दी करो और फिर मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनकी ब्रा खोल दी और बूब्स चूसने लगा और वो सिसकियां लेने लगी आअहह उफ्फ्फ अह्ह्ह। तो मैंने कहा कि भाभी पेंटी को भी उतार दो.. तो वो बोली कि तुम्ही उतार दो। फिर मैंने जैसे ही पेंटी को उतारा तो मैंने देखा कि उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे और चूत एकदम मस्त लग रही थी और मैंने जैसे ही वहां पर किस किया भाभी ने मेरा मुहं वहीं पर दबाकर रख दिया और कहा कि चाटो मेरी चूत डार्लिंग। तो मैंने कहा कि भाभी मेरा बहुत मन कर रहा है.. तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली वाह डार्लिंग तुम्हारा कितना मोटा लंड है।

तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया कि भाभी ने अपने मुहं से लंड बोला और में तो उनको देखता ही रह गया। तभी वो बोली कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.. तो वो बोली कि बस और अब मुझे जल्दी से गीला कर दो। तो मैंने उनके दोनों पैर फैलाकर बीच में आ गया और अपने लंड पर थूक लगाकर उनको बोला कि भाभी क्या डाल दूँ? तो वो बोली प्लीज अब तो मुझे भाभी मत बोलो। तो मैंने कहा कि फिर क्या कहकर बुलाऊँ? तो वो बोली कि बस नयना.. मैंने कहा कि ठीक है नयना तुम्हारी चूत बहुत मस्त है क्या में अंदर डाल दूँ? तो वो बोली कि हाँ जल्दी से और देर ना करते हुए मैंने अपना पूरा का पूरा लंड एक ही झटके में अंदर डाल दिया.. वो चकित रह गयी और उसकी आँख से पानी निकल गया और फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि इतना दर्द हुआ कि में बता नहीं सकती.. लेकिन मज़ा आया। तो मैंने कहा कि बोलो और क्या करूं जिससे तुम्हे और मज़ा आए? तो वो बोली कि क्या में तुम्हारे ऊपर आ जाऊँ? मैंने कहा कि ठीक है आ जाओ और वो मेरी जांघ पर बैठ गयी और मेरे लंड पर थूक लगाया और फिर ऊपर बैठ गयी और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया। तो मैंने कहा कि नयना क्या हुआ? वो बोली बस तुम्हारे साथ तो ऐसे ही पड़े रहने का मन करता है। तो मैंने कहा कि जब मन करे आ जाना और उसने मेरी उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसाकर मेरे ऊपर कूदने लगी और मेरा लंड तो जैसे लोहे की तरह टाईट हो गया था और वो ऊपर कूद कूदकर मजे ले रही थी और 15 मिनट के बाद उसने मुझे ज़ोर से किस किया और उसका पूरा शरीर खिंच गया। फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि बस में झड़ने वाली हूँ। तभी मैंने उसे कसकर पकड़ा और बोला कि में भी झड़ने वाला हूँ.. तो वो बोली कि प्लीज वीर्य अंदर मत गिरना। मैंने कहा कि फिर कहाँ गिराऊँ? तो वो बोली कि कहीं और.. लेकिन चूत के अंदर नहीं। तो मैंने कहा कि क्या मुहं में डालूं नयना? वो बोली कि हाँ.. लेकिन पहले तुम सारा वीर्य मेरे बूब्स पर गिरा दो और में बेड के पास खड़े हो गया और लंड को चूत से बाहर निकालकर सारा वीर्य उसके बूब्स पर गिरा दिया और फिर उसने जल्दी से मेरा लंड पकड़ कर अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।

तभी थोड़ी देर चूसने के बाद वो बोली कि क्यों बस हो गया.. अब तो में जाऊँ? तो मैंने कहा कि फिर कब? वो बोली कि जब तुम बुलाओ तब.. मैंने कहा कि क्या सच? तो वो बोली कि हाँ समीर और पीयूष से तो ज़्यादा मज़ा आया। तो मैंने कहा कि ठीक है फिर हर रोज चाहो तो तुम आ सकती हो.. वो बोली कि क्या यह मुमकिन है? तो मैंने कहा कि हाँ जब तुम्हारा मन करे आ जाना.. तो वो बोली कि मेरा तो हर रोज मन करेगा। मैंने कहा कि ठीक है तो फिर रोज़ आ जाना। फिर हमने करीब एक महीने तक हर दिन सेक्स किया और फिर एक दिन मैंने उससे पूछा कि सच बताओ नयना आज तक तुमने कितने लोगों के साथ सेक्स किया है? तो वो बोली के करीब 24-25 से तो मैंने सेक्स किया है। मैंने कहा तो फिर क्या चाहिए? तो उसने कहा कि कुछ नहीं और फिर मैंने कहा कि अगर करन के साथ सेक्स करना है तो में तुम्हारी सेटिंग करवा सकता हूँ? तो वो बोली वो कैसे? मैंने कहा कि वो काम में कर दूँगा और तुम बहुत खुश हो जाओगी। तो वो बोली कि ठीक है और वो तब से हर रोज मुझसे चुदने आती है कि किसी बहाने में बता दूँ कि करन से कैसे चुदना है ।।

धन्यवाद …

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टूशन टीचर को मैदान में चोद लिया – Tution Teacher Ko Maidan Me Chod Liya | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/tution-teacher-ko-maidan-me-chod-liya/ Thu, 16 May 2019 11:40:27 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5504 [...]]]> हेलो दोस्तों, मैं अनिल हूँ, उम्र २३ साल । बढ़ती जबानी के साथ मुझे चुदाई करने का बहत सूखे इसीलिए में otelsan.ru पे कहानी पढता हूँ । मुझे ज्यादा तर आंटी लोगों की चुदाई की कहानी बहत पसंद हे । ऐसे भी लड़किओं की चुदाई में तो दिलचस हे लेकिन आंटी से चोदने का मजा ही कुछ अलग हे । हार्बर मौका का तलाश में रहता हूँ किसी न किसी आंटी को पता के चोदने के लिए । ऐसे तो बहार चुत के अंदर दाल चूका हूँ अपनी लंड। फिर भी आज भी मैं तलाश करता हूँ और एक नयी आंटी । मैं सिगरेट पिता हूँ वो फिर घर से चुप के ज्यादा तर सुनसान जगाओं पे ।
दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है.. इसमें किसी भी तरह की गलती हो तो प्लीज मुझे माफ करें.. वैसे मुझे उम्मीद है कि यह मेरी आज की कहानी आप सभी को बहुत पसंद आएगी.. क्योंकि यह कहानी नहीं, मेरी एक सच्ची चुदाई की घटना है।

एक दिन मेरे छुपकर सिगरेट पीने से ऐसा ही कुछ हुआ.. उस रात को 9 बजे में सिगरेट लेकर एक ग्राउंड में चला गया। वो एक कॉलेज का ग्राउंड था और रात में वहाँ पर कोई भी नहीं आता जाता और वहाँ पर अंधेरा भी बहुत रहता है तो में वहाँ पर ग्राउंड के पास की कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग के पास जाकर बाहर खड़ा होकर सिगरेट पी रहा था और मैंने सिगरेट ख़त्म की और फिर जाने के लिये मुड़ा ही था कि तभी मुझे किसी के हंसने की आवाज़ सुनाई दी और मेरा दिमाग़ ठनका कि इस वक़्त यहाँ पर क्या हो रहा है.. शायद हो सकता है कि कुछ बाहर के लड़के जुआ खेल रहे होंगे लेकिन फिर किसी लड़की की भी हंसने की आवाज़ आई और मुझे समझते देर नहीं लगी कि यहाँ पर चुदाई का प्रोग्राम चल रहा है और में तुरंत दबे पैर उस तरफ बढ़ा तो मैंने वहाँ पर देखा कि दो लड़के मोबाईल की टॉर्च जलाकर एक लड़की के साथ थे और वो उस लड़की को नंगी कर चुके थे और वो एक दूसरे से बहस कर रहे थे कि लेटाकर कैसे होगा.. यहाँ पर बहुत कंकड़ है और यह बड़े घर की लड़की है बिस्तर पर लेटने वाली तो दूसरा बोला कि अरे तो क्या हुआ चुदवाते वक़्त कंकड़ बिस्तर से ज़्यादा मज़ा देगा और वैसे भी कौन सा यह पहली बार यहाँ पर चुद रही है।

फिर मैंने सोचा कि अगर में अभी बीच में गया तो गड़बड़ ना हो जाए या यह कोई हथियार लिए हुए तो में क्या करूंगा? और फिर में थोड़ी देर वहीं पर रुका रहा। फिर उन लड़को ने अपने अपने कपड़े उतार कर ज़मीन पर बिछाए और उस पर लड़की को लेटाया और उनमे से एक लड़का उसके ऊपर लेटकर चूमने, चाटने लगा और बूब्स को दबाने लगा तो दूसरा बोला कि साले यहाँ पर इतना रोमांस मत कर.. जल्दी से चोदना शुरू कर.. क्योंकि फिर इसको घर भी छोड़ना पड़ेगा और कोचिंग तो कब की ख़त्म हो गई है तो में समझ गया कि यह लड़के अपनी क्लास की किसी लड़की को फंसाकर कोचिंग से चोदने के लिए लाए है और मैंने सोचा कि मेरी आज की चुदाई का इंतज़ाम हो गया और वैसे में नई लड़कियों को नहीं चोदता.. क्योंकि उन्हे चुदाई का ज्यादा अनुभव नहीं होता और वो चुदने में बहुत नाटक भी करती है लेकिन जब मुझे बहुत दिनों से कोई चूत मिल ही नहीं रही थी तो भला में क्यों जाने देता.. फिर मैंने थोड़ा इंतजार किया और देखने लगा और उस लड़की की बातें सुनकर मुझे लग रहा था कि जैसे वो लड़की इस जगह पर इन लड़को के साथ कई बार चुदवा चुकी है और दूर से उनकी आवाज सुनकर लगता था कि वो लड़की उन लड़को से उम्र में बड़ी लग रही थी और उस लड़के ने जो उसके ऊपर लेटा हुआ था.. उसने चोदना शुरू कर दिया था और जबकी दूसरा खड़ा होकर अपना लंड हिला रहा था.. वो लड़की हाँ और ज़ोर से चोदो सालो और चोदो हाँ चोदो आह्ह्ह्ह उह्ह्ह तो दूसरा लड़का बोला कि हरामी जल्दी से चोद वरना मेरा निकल जाएगा.. उस लड़के ने जल्दी जल्दी चोदा और उठ गया और जब दूसरे ने अंदर लंड डाल दिया तो मैंने सोचा कि अब जाना सही है.. क्योंकि जो एक बार चोद चुका है वो तो थक गया होगा.. अगर लड़ाई की नौबत आई तो मुक़ाबला हो जाएगा। तो मैंने एकदम से दौड़कर उनके पास जाकर बोला क्यों यह क्या हो रहा है तो जो एक लड़का खड़ा था वो भाग गया और वो दूसरा लड़का और लड़की अपने आप को कपड़े से ढकने लगे और मैंने फिर से कहा कि यह यहाँ पर क्या हो रहा था और फिर वो दोनों कुछ नहीं बोले.. बस वो लड़का बोला कि मेडम कपड़े पहनकर भागो।

फिर मैंने कहा कि रूको मुझे कोई दिक्कत नहीं है और तुम लोग करो जो भी तुम्हे करना हो.. लेकिन मुझे भी एक बार हाथ धो लेने दो। तभी मेरी नज़र उस लड़की पर गई.. वो कोई 26-27 साल की लड़की थी और वो सलवार पहन चुकी थी तो मैंने उसका एक हाथ पकड़कर कहा क्यों कहाँ चली तो वो बोली कि छोड़ो मेरा हाथ.. मैंने कहा कि मेरे लंड में क्या काँटे लगे है? जो यह कह रही कि चलो.. अब मेरे भी नीचे आओ। तभी वो लड़का बोला कि मेडम मान जाओ प्लीज़.. तो मैंने पूछा कि यह कौन है तो वो लड़का बोला कि यह हमारी मेडम है और हमे कोचिंग पढ़ाती है और इतने में वो दूसरा लड़का भी आ गया तो मैंने कहा कि समझा इसे.. वरना में बताता हूँ और वैसे में उन लड़को से कदकाठी में बहुत मजबूत था तो मैंने कहा कि चलो अब जल्दी करो.. में बहुत देर से यह नाटक देख रहा हूँ और कोचिंग से यहाँ पर आकर तुम लोग यह सब करते हो.. क्यों तुम लोगों को देर हो रही है सालों.. तो वो लड़की बोली कि अच्छा ठीक है जल्दी से कर लो। फिर उन लड़को से मैंने कहा कि हरामियों भागो यहाँ से में मेडम को उनकी जगह पर छोड़ दूंगा.. वो मना करने लगे तो मैंने ज़ोर से कहा और उस लड़के ने अपने कपड़े लिए और वो दोनों वहाँ से भाग गए।

फिर उसके बाद मैंने मेडम को पकड़ा और मैंने जैसे ही उसको बाहों में भरकर उसकी गांड की तरफ हाथ ले गया तो मेरी ख़ुशी बढ़ गई.. वाह! उसकी गांड क्या चौड़ी थी। मैंने सलवार उतार दी और अंदर पेंटी तो थी नहीं.. क्योंकि उसने जल्दबाज़ी में नहीं पहनी थी और तुरंत पीछे से जाकर उसके कूल्हों को खोलकर गांड को किस किया और बोला कि मेडम तू तो मस्त गांड वाली है.. साली क्या एक से मन नहीं भरता तो दो दो लेती है। वो चुप खड़ी रही और फिर मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ डाली तो वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह आईईईईइ करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी। मैंने उसको बैठाया और कहा कि मेरी थोड़ी मदद करो.. दोनों मज़ा करते है। फिर वो बोली कि वो तो साले भाग गए और तुम तो चुदने ही आई थी। फिर मैंने उसके बूब्स को पूरी ताक़त से दबाया तो वो बोली कि थोड़ा आराम से करो ना दर्द हो रहा है.. मैंने कहा कि ठीक है और में बूब्स को सहलाने लगा और मैंने तब तक अपना लंड बाहर निकाल लिया था और मैंने उसे कहा कि इसे चूसो.. वो बिना कुछ कहे चूसने लगी लेकिन वो पक्की खिलाड़ी लग रही थी.. मैंने उसको पूछा कि क्यों कब से चुदवा रही हो तो उसने लंड को बाहर निकाल कर कहा कि बहुत दिन हो गए.. यह दोनों ट्यूशन पड़ने आते है और मेरे सेंटर पर मैंने एक को फसाया लेकिन उसके साथ मज़ा नहीं आता था और एक दिन यह अपने साथ इसको पकड़कर लाया और में तब जोश में थी और फिर मैंने दोनों से चुदाई करवानी शुरू की और में तब से दोनों के साथ चुदाई करती हूँ तो मैंने कहा कि बढ़िया करती हो और मैंने कहा कि यह मेरा लंड कैसा है तो वो बोली कि बहुत बड़ा है और उन दोनों के लंड तो इससे बहुत छोटे है तो मैंने कहा कि हाँ छोटे बच्चो से चुदवाओगी तो छोटे लंड ही मिलेगे। मैंने उसको हटाया और उसको मस्ती से चोदने के लिए उसके नंगे जिस्म को चूमने लगा.. वो बोली जल्दी करो ना काफ़ी देर हो गई तो मैंने कहा कि इतनी देर बकवास की.. पहले ही मान जाती तो अब तक घर में होती और मैंने उसको घुटनो के बल झुकाया और उसके कूल्हों में थपकी देने लगा और सहलाने लगा.. फिर लंड को थूक से लपेटा और उसकी गांड में लंड लगा दिया तो वो बोली कि आराम से करना तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है तो मैंने कहा कि उन कमीनों ने तेरी गांड भी मारी तो तुम चुप थी.. तो उसने कुछ जवाब नहीं दिया और में बस लंड को घुसाता गया और वो ज़ोर से चिल्लाई.. आह्ह्ह्हह प्लीज थोड़ा धीरे करो। तो मैंने कहा कि वाह! बहुत टाईट है साली यह और लो.. मैंने और अंदर डाला तो वो आगे की तरफ होने लगी और मैंने उसके कंधों को पकड़कर पीछे खींचा और एक धक्का मारा.. मेरा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो अह्ह्ह्ह नहीं आहहआ उह्ह्ह नहीं में मर जाउंगी।

फिर मैंने कहा कि तुम नहीं मरोगी.. तुम्हारी गांड मरेगी और मैंने लंड को थोड़ा बाहर खींचकर फिर से धक्का मारा तो वो फिर से चीखी.. अह्ह्ह माँ बचाओ औऊउ और वो रोने सी लगी.. लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था और मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और वो जब थोड़ी ठीक हुई तो मैंने फिर से लंड को अंदर डाल दिया और इस बार में रुका नहीं और पूरा लंड उसकी गांड में डालकर चोदने लगा.. वो आअहहअहह अहहा सईईईई आई माँ मर गई और में उसकी गांड के मज़े ले रहा था और उसकी कमर को पकड़ लिया और चोदने लगा.. छप छप की आवाज़ आ रही थी और में थोड़ा आगे उसकी पीठ पर आया तो उसके लटकते बूब्स को थामकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और मैंने कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारने में बहुत मज़ा आ रहा है तो वो बोली कि लेकिन मेरी तो जान निकल रही है और मैंने करीब 7-8 मिनट तक उसकी गांड को रगड़कर चोदा और फिर लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत में डाला तो वो बहुत आसानी से फिसलता हुआ अंदर चला गया और मैंने भी पहली ही बार में पूरा ही लंड अंदर घुसा दिया और उसकी चुदाई करने लगा.. वो अह्ह्ह्हह अहहहहहा उह्ह्ह्ह माँ मरी करने लगी.. तो मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आ रहा है या नहीं तो वो बोली कि हाँ बड़ा मज़ा आ रहा है।

फिर मैंने कहा कि तो लो और चुद लो और यह कहकर मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकालकर फिर से ज़ोर का धक्का देकर अंदर डाल दिया तो वो चीख पड़ी और मैंने फिर से जल्दी जल्दी चोदा.. वो आह्ह्ह उंह्ह्ह्ह और करती रही और में उसे चोदता रहा लेकिन अब भी मेरा जोश ठंडा नहीं हो रहा था और फिर पता नहीं क्या हुआ कि में चोदते चोदते अपने दोनों पैरों में दर्द महसूस कर रहा था तो मैंने उससे कहा कि क्या तुम मुहं में लेकर चूसोगी तो वो बोली कि नहीं, थोड़ा और चोदो.. जल्दी करो। फिर में यह बात सुनकर और जल्दी तेज़ी से चोदने लगा.. उसका काम हो गया और वो ढीली पड़ने लगी.. लेकिन में तो जोश में था तो में दर्द सह गया और चुदाई में लगा रहा। मुझसे अब दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा तो मैंने और लंबे लंबे धक्के दिए और वो आह्ह्ह अहह सिसकियाँ लेने लगी तो मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके सामने खड़ा हो गया और कहा कि चूसो जल्दी वरना फिर से तुम्हारी गांड में डालना पड़ेगा.. तो वो लंड मुहं में लेकर चूसने लगी और कुछ ही पलों में मुझे अहसास हो गया कि मेरा माल आने वाला है और मेरे मुहं से भी सईईइईई आह्ह्ह निकलने लगा और मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने उसका मुहं पकड़ा और ज़ोर से अपना लंड उसके मुहं में अंदर तक डालकर पूरा वीर्य मुहं में ही गिरा दिया और मैंने भी तब तक लंड नहीं निकाला.. जब तक एक एक बूँद उसके गले से ना उतर गया। फिर वो खांसने लगी और उल्टी सी करने लगी.. मैंने उसकी पीठ सहलाई तो वो थोड़ी ठीक हुई उसने अपने कपड़े पहने और मैंने भी अपने कपड़े ठीक किए और वो जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया तो वो बोली कि अब क्या है.. प्लीज़ मुझे जाने दो मेरी हालत बहुत खराब है और फिर मैंने उसकी मोटी गांड को पकड़कर अपनी और खींचा और कहा कि नाम क्या है.. बताती तो जाओ तो वो बोली कि सपना.. मैंने कहा कि अब कब मिलोगी तो वो बोली कि हर शनिवार को में एक्सट्रा क्लास लगाने के बहाने से एक घंटे के लिए यहाँ पर आती हूँ.. तुम भी आ जाना तो मैंने कहा कि और अगर ना आई तो वो बोली कि तुम अपना मोबाईल नंबर दो और मैंने उसको अपना नंबर दे दिया और उसका ले लिया और में उसके ही साथ सड़क पर चलते चलते बातें करते करते आ गया.. वो पास के ही मोहल्ले में कोचिंग चलाती थी। फिर मैंने एक ऑटो रुकवाया और उसमें हम दोनों बैठकर आए.. मैंने उसको घर के पास उतारकर खुद वही ग्राउंड तक वापस गया। फिर वहीं पर रोड के किनारे खड़ी अपनी बाईक को लेकर घर आया.. रात को एक बजे मैंने उसको कॉल लगाकर सॉरी बोला.. फिर हम लोगो की बातें होने लगी और उसके बाद से हम लोग उस जगह की तरफ ना जाकर उसकी कोचिंग के कमरे में ही मिलने लगे और में उसको मस्त चोदता हूँ और वो भी अब बहुत खुलकर चुदवाती है ।।

धन्यवाद …

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तड़पती हुई जबानी भरी जिस्म के साथ चुदाई की मजा – Tadapti Hui Jabani Bhari Jism Ke Saath Chudai Ki Maja | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/tadapti-hui-jabani-bhari-jism-ke-saath-chudai-ki-maja/ Wed, 15 May 2019 15:12:49 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5493 [...]]]> सभी पाठक और पाठिका कोण मेरे नमस्कार आप सब otelsan.ru पर मेरे ये कहानी आज पढ़ रहे हैं तो मुझे बहत ाचा लगता हे । उम्मीद हे मेरे ये कहानी आपको मजा देगी और आप सब खुसी खुसी मस्ती करेंगे । मेरा नाम सुभम हे । मैं इंजीनियरिंग की हुई हूँ । अब मुंबई में रहके एक कंपनी पे नौकरी कर रही हूँ । कंपनी की बजे से मुझे बहत बार टूर में जाना पड़ता हे । इसी कहानी की नायिका हे श्रेया जिसकी ुअंर ३७ साल और उसकी एक बेटी भी हे ।
श्रेया के पति एक बैंक में जनरल मैनेजर है और श्रेया उन दिनों वशी में रहती थी जो कि नई मुंबई में ही आता है। श्रेया की शादी को 15 साल हो गये थे और उनके पति हमेशा अपने ऑफिस के काम में ही व्यस्त रहते थे, जिसकी वजह से उनकी लाईफ से सेक्स बिल्कुल खत्म हो गया था और श्रेया के पति को सेक्स में अब बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रही थी।

फिर दूसरी तरफ श्रेया का बहुत मन करता था कि वो अपने पति के साथ सेक्स करे। वैसे श्रेया एक संस्कारी औरत थी और उसने आज तक कभी भी अपने पति के अलावा किसी के साथ कभी सेक्स नहीं किया था, लेकिन उनको अब सेक्स कहानी पड़ने की आदत लग गई थी, जिसकी वजह से वो अब बहुत सेक्स कहानियाँ पड़ती थी और उनके अंदर एक प्यास थी और जो बुझाए नहीं बुझती थी और उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो कभी किसी के साथ अफेयर करेगी। उनके पति थे जो कभी सेक्स के लिए तैयार ही नहीं होते थे। सेक्स तो दूर की बात थी वो एक दूसरे को आपस में किस तक नहीं करते थे और यह सभी बातें श्रेया ने मुझे यह बात चेट पर बताई थी। श्रेया को रात भर सेक्स कहानी पढ़ने की एक आदत लग गई थी तो उनको अब कहानियाँ पढ़े बिना नींद भी नहीं आती थी और उनका पूरा बदन जलता रहता था और वो अधिकतर समय सुबह 3 बजे सोती थी और उन्हें 6 बजे अपनी बेटी को स्कूल भेजने के लिए सुबह मजबूरी में जल्दी उठाना पड़ता था। ऐसे हर रोज उठने की वजह से श्रेया को हाई बीपी की परेशानी हो गई और जिस दिन श्रेया को इस बात का पता चला तो उस दिन से उसे अपनी दिनचर्या को ठीक करने का ख्याल आया और उसने निर्णय किया कि अब वो अपनी प्यास को कंट्रोल करेगी, लेकिन वो उस काम में पूरी तरह से असफल थी और अपनी परेशानी के बारे में वो किसी से बात भी नहीं कर पा रही थी। फिर उसने आखिरकार समझ लिया कि सेक्स की भूख इंसान की एक प्राक्रतिक प्रवती है और इसे कंट्रोल कर पाना नामुमकिन है। अब उसने निर्णय किया कि वो किसी और के साथ शारीरिक संबंध बनाएगी, क्योंकि सेक्स की तड़प अब उसके शरीर को भी धीरे धीरे खराब कर रही थी, लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि वो किस के साथ संबंध बनाए और उसको अपनी बदनामी का बहुत डर था और उस काम की वजह से उसकी ज़िंदगी बर्बाद हो जाती और फिर उसने फेसबुक पर मुझसे बहुत चेटिंग की और मेंने अपने बारे में उसे बताया और उसने यह सारी जानकारी मुझे चेट पर ही बताई। हम दिन में दो तीन घंटे आपस में चेट करते रहते थे, मुझे उनका स्वभाव भी बहुत अच्छा लगा। फिर करीब एक, दो सप्ताह तक चेट करने के बाद हम दोनों को एक दूसरे पर पूरी तरह से विश्वास हो गया। अब हम एक दूसरे के पास अपने फोटो भी भेजने लगे और वो फोटो देखकर उनको और मुझे पता चल गया कि हम दोनों एकदम अच्छे लोग है और फिर जैसे कि मैंने आपको बताया कि हम दोनों ही नई मुंबई में रहते थे।

फिर एक दिन हम दोनों ने आखिरकार निर्णय कर लिया कि हम अब एक दूसरे से मिलेंगे। दोस्तों में सबसे पहले आप सभी को श्रेया के बारे में बताता हूँ। वो बहुत ही सुंदर महिला थी और उनकी हाईट 5 फिट 5 इंच थी, उनका फिगर 36-34-38 था और बूब्स दिखने में बहुत बड़े थे, लेकिन थोड़ा नीचे की तरफ झुके हुए थे, उनका रंग एकदम गोरा था और उनके होंठ एकदम हल्के गुलाबी कलर के थे, गांड बहुत बड़ी थी और थोड़ा बड़ा आकार होने की वजह से बाहर की तरफ आ रही थी, लेकिन उनका एक कातिलाना फिगर था। अब में अपने बारे में बताता हूँ। में 5 फिट 9 इंच लंबा हूँ, अच्छा बदन और मैंने श्रेया से मिलने से पहले सिर्फ़ एक ही बार सेक्स किया था। फिर श्रेया ने मुझसे अपना टाईम लिया और मुझे बुलाया और फिर मेरे बहुत कहने पर आखिरकार वो मेरे साथ सेक्स करने को मान गई, उसका मुझसे सबसे बड़ा वादा यह था कि में कभी भी उसके साथ धोखा ना करूं और किसी को भी कभी कुछ नहीं बताऊँ और में उसके पीछे जबरदस्ती ना पडूं और मुझसे चेट करते करते उसने भी अब समझ लिया कि मेरे लिए भी उसकी और अपनी इज़्ज़त बहुत महत्वपूर्ण थी और उस बदनामी से मेरे ऑफिस में मेरी बहुत बेईज़्ज़ती हो जाएगी।

फिर में भी उसकी सभी बातों को अब पूरी तरह से मान गया था कि श्रेया एक सीधी साधी लेडी है और जिसकी बहुत इज्जत है और हमने चेटिंग पर अपने मोबाईल नंबर्स भी एक दूसरे को दे दिए थे और हमने फिर फोन पर बहुत सारी बातें भी की और करीब तीन सप्ताह तक ऐसे ही बात करने के बाद हमने अब मिलने का निर्णय ले लिया था और अब हम एक दूसरे पर पूरा पूरा विश्वास भी करने लगे थे, हमारी मिलने की जगह का निर्णय भी श्रेया ने ही किया। फिर कुछ दूरी पर स्टेशन के पास एक रेस्टोरेंट में उन्होंने मुझसे मिलने को कहा और में एकदम ठीक टाईम पर वहाँ पर पहुंच गया और अब में वहां पर उनका इंतजार करने लगा और करीब 15-20 मिनट के बाद श्रेया वहाँ पर आ गई। उसने एक काली कलर की साड़ी पहने हुई थी बाल एकदम खुले करे हुए थे और थोड़ा मेकअप किया हुआ था, वो साड़ी थोड़ी सी जालीदार थी और जिसकी वजह से उनके बूब्स अलग ही बड़े आकर के लग रहे थे, लेकिन थोड़ी सी भी छाती नहीं दिख रही थी और दूर से देखते ही हमने एक दूसरे को पहचान लिया, क्योंकि हमारे मिलने से पहले हमने एक दूसरे के फोटो बहुत बार देख लिए थे। अब हम दोनों पहली बार किसी से ऐसे मिल रहे थे, वो बार बार मुझे देखकर स्माईल कर रही थी। अब उसने मुझसे कहा कि तुम तो बहुत अच्छे दिखते हो और तुमने अपनी बॉडी भी बहुत अच्छी बना रखी है। फिर मुझे उनकी यह बात सुनकर बहुत खुशी हुई और फिर मैंने भी उन्हें सबसे पहले धन्यवाद कहा और उसके बाद कहा कि आप भी बहुत हॉट लग रही हो। हमने करीब 30 मिनट आपस में गप्पे मारे और साथ में लंच किया।

अब हम एक दूसरे से बातें करते हुए आपस में बहुत खुलकर बातें करने लगे थे और अब कुछ देर बातें, हंसी मजाक करने के बाद तुरंत श्रेया ने मुझसे कहा कि अब हम जल्दी से सेक्स का प्रोग्राम बनाते है, तुम इस काम के लिए कोई सही जगह बताओ? फिर मैंने बोला कि मेरे घर से सुरक्षित कोई जगह नहीं है और में 7th मंजिल पर एक बड़े फ्लेट में अकेला ही रहता हूँ, जिसकी वजह से हमे कोई भी कुछ नहीं कहने वाला, लेकिन उसे थोड़ा डर महसूस हो रहा था और वो बोल रही थी कि यार हम पहली बार कोई होटल में चलते है। फिर मैंने उससे कहा कि उसमें भी तो बहुत रिस्क है और वहां पर हमे बाहर के सभी लोग देख सकते है और अब मैंने उससे बोला कि क्या आपके पास कोई और जगह है तो वो बताओ? फिर उन्होंने बोला कि उनके घर पर तो करना बहुत मुश्किल है और किसी पड़ोसी ने देख लिया तो क़यामत आ जाएगी और उन्होंने आखिरकार बोला कि ठीक है तुम्हारा घर ही सुरक्षित रहेगा और उन्होंने मुझसे बोला कि देखो में तुम पर अपने से भी ज्यादा विश्वास कर रही हूँ प्लीज तुम मेरे विश्वास को मत तोड़ना। फिर मैंने उनसे वादा किया कि में कभी भी आपके विश्वास को नहीं तोड़ूँगा और इतनी बात करके कुछ देर बाद हम दोनों वहां से अपने अपने घर की तरफ चले गए।

फिर अगले सप्ताह सोमवार का दिन हमने सेक्स करने के लिए तय किया। उस पूरे सप्ताह से बहुत जोश में था और श्रेया के ख्याल को सोच सोचकर मेरा 6.5 इंच का लंड बार बार खड़ा हो जाता था और में हर बार सोचता कि उसके साथ में यह करूँगा वो करूँगा और सोमवार के दिन मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली। फिर मैंने अपने ऑफिस में अपनी बीमारी का झूठा बहाना बना दिया और वैसे भी मेरे पास बहुत छुट्टी पड़ी हुई थी। फिर करीब 10:30 बजे श्रेया मेरी बिल्डिंग में आ गई। में 7th मंजिल पर रहता हूँ और उसने बिल्कुल नीचे पहुंचकर मुझे कॉल कर दिया और मैंने तुरंत बाहर की तरफ देखा कि कोई मेरी मंजिल पर बाहर खड़ा तो नहीं है तो मैंने देखा कि बाहर कोई भी नहीं खड़ा था और अब मैंने श्रेया से बोला कि तुम जल्दी से ऊपर आ जाओ। दोस्तों में तो उस दिन मन ही मन बहुत अच्छा महसूस कर रहा था और मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था। मैंने अपने घर का दरवाज़ा खुला रखा तो श्रेया चुपचाप अंदर आ गई और मुझे देखकर उसने हाए कहा और मैंने जाकर दरवाज़ा बंद किया। दोस्तों वो आज चेहरे से बिल्कुल भी परेशान नहीं लग रही थी। फिर मैंने पास जाकर उसे हग किया। दोस्तों आज मेरे अंदर ग़जब का आत्मविश्वास था और उसके मुलायम बूब्स मेरे सीने पर दब गये। आज उसने लाल रंग का सूट पहना हुआ था और उस पर सफेद रंग की एक जालीदार चुन्नी थी। अब श्रेया ने मुझसे बोला कि मुझे अपना घर दिखाओ तो श्रेया मेरे पूरे घर को बहुत ध्यान से देख कर रही थी। फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोल रही थी कि में देख रही हूँ कि तुमने कहीं कोई कैमरा तो नहीं छुपाया है जिससे मेरी ब्लूफिल्म ना बन जाए। फिर मुझे उसकी इस बात पर बहुत हंसी आई। फिर मैंने कहा कि हाँ अच्छी तरह से देख लो और अपनी सहूलियत कर लो। फिर उसने कुछ देर देखकर वो मुझसे बोला कि सब ठीक है तुम वाकई में बहुत शरीफ लड़के हो। फिर मैंने उससे बोला कि मैंने आपको अपनी इंजिनियरिंग की डिग्री तक दिखा दी। फिर भी आप मुझ पर इतना शक करती हो।

फिर उसने मुझसे कहा कि प्लीज मुझे माफ़ कर दो और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि लो आज से में तुम्हारी हुई और फिर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया। दोस्तों उसके जिस्म से बहुत ही प्यारी खुशबू आ रही थी और उसके बूब्स मेरी छाती पर छू रहे थे। फिर मैंने उसके गाल पर एक किस किया और मैंने महसूस किया कि उसकी साँसे अब धीरे धीरे तेज़ हो रही थी। फिर धीरे धीरे हमने एक दूसरे के होठों से होंठ मिला लिए और मैंने अपनी जीभ को उसके मुहं की तरफ बड़ाई तो उसने भी अपना मुहं खोलते हुए उसे अंदर ले लिया और अपनी जीभ से मिलाने लगी और जिसकी वजह से हमारा सलाइवा एक दूसरे से मिल रहा था और हमने एक दूसरे के साथ बहुत देर तक जीभ से जीभ मिलाई और कुछ देर बाद उसने मुझसे बोला कि में एक बहुत अच्छा किसर हूँ और वो बोल रही थी कि उनके पति के दांत थोड़े खराब है तो उनको किस करना उन्हें पसंद नहीं है, लेकिन मेरे साथ उनको बहुत मज़ा आ रहा है और उन्होंने मुझसे बोला कि तुम अब बिल्कुल भी शरमाओ मत और मेरे बूब्स पर अपने हाथ रखो और इन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाओ, मसलो।

अब में उन्हें किस करते करते उनके बूब्स को मसल रहा था और मुझे यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था, उनके बूब्स बहुत ही मुलायम थे और करीब 20-25 मिनट तक हमने एक दूसरे को किस किया और जीभ से जीभ मिलाई और बूब्स दबाए, जिसकी वजह से अब मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो चुका था। फिर मैंने तुरंत उन्हें बोला कि चलो हम बेडरूम में चलते है, वहाँ पर ए.सी. भी लगा हुआ है। फिर बेडरूम में पहुंचकर वो एक बार फिर से कैमरा ढूंढने लगी तो मैंने बोला कि हाँ कर लो चेक तो उन्होंने फिर से मुझे माफ़ कर दो बोला और मेरे पास आकर फिर एक किस मुझे दिया और उनके किस करने के अंदाज़ से ही पता चल रहा था कि कितनी प्यास उन्होंने कई सालों से दबाई हुई थी? अब उन्होंने मेरी टी-शर्ट को उतारा और फिर बनियान को भी उतारा। मैंने उनका कुर्ता निकाला और फिर उनके पजामा को उनके शरीर से अलग किया और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी, लेकिन वो दिखने में एक अप्सरा से कम नहीं थी। मैंने तुरंत उनकी गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी को अलग कर दिया, उन्होंने भी मेरा लोवर उतार दिया और मेरी अंडरवियर को भी उतार दिया और में तो उनके बूब्स पर टूट पड़ा। उनके निप्पल एकदम अच्छे आकार के थे और वो हल्के गुलाबी कलर के थे, में तो उन्हें अब लगातार चूसने लगा और मैंने बोला कि श्रेया मुझे तुम्हारा दूध पीना है। फिर श्रेया मेरी यह बात सुनकर हंसने लगी और वो मुझसे बोली कि हाँ पी लो, तुम भी आज से मेरे पति हो और यह सब तुम्हारे लिए ही है चूसो और ज़ोर से चूसो। फिर मैंने उनके बूब्स को करीब पांच दस मिनट तक बहुत ज़ोर से चूसे। वो सेक्स की देवी की तरह सुंदर लग रही थी। मैंने उनकी बगले भी सूँघी जिसकी एकदम मादक मदहोश करने वाली खुशबू थी। फिर मैंने उनकी चूत जो कि बिल्कुल साफ थी और उसमें दो उंगलियाँ डाली तो वो बहुत ही सुंदर लग रही थी, मेरा तो उसे चाटने का मन कर रहा था और उनकी चूत को खाने का बहुत मन कर रहा था, लेकिन श्रेया ने एक शर्त रखी थी कि हम पहली बार सेक्स में ओरल सेक्स नहीं करेंगे।

वैसे मेरा लंड देखकर श्रेया से भी अब रहा नहीं जा रहा था और वो बार बार उसे अपने हाथ में लेकर हिला रही थी और कह रही थी कि वाह कितना बड़ा है, उसके पति का तो सिर्फ़ पांच इंच का ही है और वो बोल रही थी कि प्लीज तुम इसे थोड़ा धीरे धीरे मेरे अंदर डालना वरना मुझे इसको अपने अंदर लेने में बहुत दर्द होगा। फिर मैंने बोला कि हाँ ठीक है। फिर उसने मुझसे पूछा कि कंडोम साथ में लाए हो ना लगा लो और मुझे अपना बना लो और आज मुझे बहुत जमकर चोदो, आज तुम मेरी प्यास बुझा दो, में आज से तुम्हारी बीवी हूँ। फिर मैंने तुरंत कंडोम का पेकेट निकाला और अपने लंड पर चड़ा दिया तो श्रेया ने बोला कि लगा लिया क्या? प्लीज अब ज्यादा देर मत करो और जल्दी से चोदो मुझे। दोस्तों मैंने महसूस किया कि वो बहुत बैचेन हो रही थी और में भी अब उस पर टूट पड़ा और मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट थी, जिसकी वजह से में एक झटके में सिर्फ़ थोड़ा सा ही लंड घुसा पाया, लेकिन अब उसको थोड़ा थोड़ा दर्द भी हो रहा था। फिर उसने मुझसे कहा कि मेरे राजा प्लीज थोड़ा आहिस्ता आहिस्ता करो, लेकिन मुझे भी समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? अब मैंने दबाव बनाते हुए पूरा का पूरा अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत ज़ोर लगाना पड़ा और वो थोड़ा दर्द की वजह से चिल्लाने लगी और बोली कि कमीने तूने आज मेरी चूत को फाड़ दिया, आआआहह आईईईईईइ बना ले मुझे अपनी बीवी, हाँ तू ही मेरा पति है और में तेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ। दोस्तों में भी अब यह सभी बातें सुनकर बहुत जोश में आ गया। फिर मैंने तुरंत अपने धक्कों की स्पीड को अब और भी तेज़ कर दिया था और अब बहुत तेज़ी से उनकी चूत की चुदाई चल रही थी और मुझे बहुत मज़े आ रहे थे, लेकिन अब भी बिल्कुल विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनको सेक्स करने का इतना मस्त अनुभव होगा और अब में बीच बीच में उनके बूब्स भी मसल रहा था और बारी बारी से एक एक करके चूस भी रहा था और उन्हें किस भी कर रहा था और में अब अपनी एक स्पीड से चुदाई कर रहा था, ताकि में जोश में आकर जल्दी ना झड़ जाऊँ और जब में थोड़ा ठंडा होता तो में अपनी स्पीड को बड़ा देता। मैंने करीब दस मिनट तक लगातार धक्के लगाए और इस बीच श्रेया एक बार झड़ चुकी थी और दूसरी बार झड़ने वाली थी तो वो अपने हाथ मेरे बालों पर घुमा रही थी और अब उसने मेरी पीठ को कसकर पकड़ लिया और अब में भी चरम सीमा पर था। इस बार मैंने अपनी स्पीड को और भी तेज़ कर दिया और उसको मदहोश कर दिया, श्रेया का भी पानी निकल गया और में उसके ऊपर ही लेट गया। हम दोनों की साँसे बहुत ही तेज़ थी और उसकी आँखों से आंसू भी बाहर आ रहे थे। मैंने पूछा कि क्या हुआ जान?

फिर उसने मुझसे बोला कि में बहुत मजबूर थी यार जो मुझे एक दूसरा सेक्स संबंध बनाकर रखना पड़ रहा है, लेकिन इस तड़पते हुए जिस्म की भूख को मिटाने का सिर्फ एक ही रास्ता है और उसने मुझसे कहा कि तुम तो बहुत देर तक टिकते हो और फिर मेरे होठों से होंठ मिला लिए। फिर हम एक दूसरे की जीभ से जीभ मिला रहे थे और वो भी एक बहुत अच्छी किसर थी। करीब 15-20 मिनट के आराम के बाद हमने अपनी दूसरी चुदाई को शुरू किया और इस बार वो मुझ पर चढ़ गई और उछल उछलकर मेरे ऊपर सवारी करने लगी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो बार बार बोल रही थी कि अब से वो मेरी बीवी है और मुझसे वो बहुत चुदाएगी और अगली बार तो वो मेरा एक घंटे तक लंड चूसेगी। अब मुझे उसकी बातों से ही बहुत जोश आ जाता और में भी अब उसे बहुत तेज़ी से चोद रहा था। में करीब 15-20 मिनट बाद एक बार फिर से झड़ गया। फिर हम कुछ देर एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे। पूरे रूम में हमारे सेक्स की महक फेल गई थी। श्रेया मुझसे बोल रही थी कि में तुम पर पूरा विश्वास करती हूँ और अब हम जब भी मौका मिलेगा तब सेक्स करेंगे।

फिर मैंने बोला कि श्रेया तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, जब सुरक्षित रहेगा तभी हम लोग मिलेंगे और में तुम्हें कभी भी परेशान नहीं करूँगा, उसने मुझसे धन्यवाद कहा और एक बार फिर से हम एक दूसरे को किस करने लगे, हमने बहुत देर तक एक दूसरे का बहुत सलाइवा पिया। फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों बिस्तर से उठ गए और सीधा बाथरूम में चले गये और बाथरूम में हमने अपने आप को थोड़ा सा साफ करने के बाद श्रेया अपने कपड़े पहनने लगी, क्योंकि उसे 2:30 बजे से पहले अपने घर पर पहुंचना था, क्योंकि उस समय उसकी बेटी घर पर पहुंच जाती है तो वो जल्दी से तैयार हुई और मुझे एक टाईट हग और किस दिया और बाहर निकल गई।

दोस्तों मुझे तो बहुत ही मज़ा आया आज पहली बार श्रेया के साथ सेक्स करके मुझे उनके गदराए हुए बदन की बनावट भी बहुत अच्छी लगी और में उन पर पूरा विश्वास करता था। मैंने अपने आप से वादा किया था कि में कभी भी श्रेया के पीछे नहीं पड़ूँगा और कभी भी उन्हें परेशान नहीं होने दूँगा, वो जब तैयार होगी तभी हम सेक्स करेंगे। इसके कुछ दिन बाद हम फिर मिले तो श्रेया ने मुझे कुछ टेस्ट करवाने को कहा था और उसे देखने के बाद वो मेरे साथ ओरल सेक्स करने के लिए तैयार थी। फिर मैंने अपने सारे टेस्ट करवा दिए और वो रिपोर्ट उन्हें मैल भी कर दी थी तो वो खुश हो गई और अब वो कह रही थी कि अब तो वो मुझे बहुत ब्लो जॉब्स देगी और अपनी चूत भी मुझसे चटवाएगी और उसके अगले दिन ही हमने मिलने का प्लान बनाया और दूसरी बार हमने बहुत देर तक ओरल सेक्स किया। उस दिन में दो बार उनके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उस दिन वो पूरी तरह जोश में थी तो वो मुझसे कह रही थी कि मेरा लंड खा जाएगी। फिर मैंने भी उसकी चूत को बहुत देर तक चाटा और उसका पानी पिया, उसकी चूत दिखने में बहुत अच्छी, आकर्षक थी और उस दिन हमने सिर्फ़ एक ही बार सेक्स किया, मुझे आज भी याद है इस तरह श्रेया और मैंने 4-5 बार और सेक्स मीटिंग की। फिर दो महीने पहले उनके पति का दिल्ली तबादला हो गया, जिसकी वजह से उनको भी मजबूर होकर उनके साथ जाना पड़ा।

अब एक दो साल में मेरी भी शादी हो जाएगी, क्योंकि मेरे घर वाले भी मेरे लिए कोई अच्छी सी लड़की देख रहे है, लेकिन दोस्तों में आज भी श्रेया से कभी कभी चेटिंग करता हूँ, अब उसकी उतनी परेशानी नहीं रही, क्योंकि उसने अब अपनी इस परिस्थती में जीना सीख लिया और वो अपनी इस लाईफ स्टाईल में बहुत खुश है और उसे अब सही टाईम पर नींद आ जाती है और मेरे साथ बीते वो कुछ हसीन पल को याद करके वो अपनी चूत में ऊँगली करके अपने आप को शांत कर लेती है और वो मुझसे कहती है कि अभी तो उसका कोई और अफेयर करने का बिल्कुल भी मन नहीं है और वो अपने पति से प्यार भी बहुत करती है, लेकिन कुछ समय पहले उससे वो सब झेला नहीं जा रहा था, इसलिए उसे यह गलत कदम उठना पड़ा। उसने मुझसे बोला है कि दिल्ली मेरा आना हुआ तो हम मीटिंग कर सकते है। दोस्तों में भी अब श्रेया के साथ सेक्स करने का प्लान नहीं बनाना चाहता, क्योंकि अभी तक हम अपने गलत सम्बन्धो को गुप्त रखने में सफल रहे थे और आगे पकड़े जाकर हमे ज़िंदगी पूरी बर्बाद नहीं करनी थी और वैसे भी लालच एक बहुत बुरी बला है ।।

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