दोस्तों मैं नीता हूँ। otelsan.ru पे आप सभी को स्वागत करता हूँ आप आज यंहा मेरी सेक्स कहानी पढ़ने जा रहे हैं । मैं एक शाद्दी सुधा औरत हूँ, फिर भी मेरी चुत की भूक मेरी पति भी मिटा नहीं पते और इसी लिए मैं हमेशा से नयी नयी कड़ी लंड की तलाश में रहता हूँ । तो चलिए इसी कहानी पढ़िए और मजा लीजिये ।
उस दिन रोहन से चुदवाने के बाद मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और जाते वक़्त रोहन ने मुझे फिर से एक बार चोदने की ख्वाहिश जाहिर की थी. तो मैंने उससे कहा कि अगली बार जब वापस आओगे तब हम फिर से ऐसे ही करेंगे और फिर वो बैंगलोर चला गया और कुछ दो हफ़्तो के बाद वो फिर से पुणे में आया और में खुश थी.. क्योंकि वो हमारे ही घर में रहने वाला था.
फिर उस दिन में उसको देखकर बहुत ही ज्यादा खुश थी और हम सबने रात का खाना कुछ जल्दी ही खा लिया.. फिर वो लोग मतलब मेरे पति और रोहन गप्पे लगाते हुए बाहर घूमने गये और इधर मैंने जल्दी से बर्तन धोकर साफ किए और उन लोगों का आने का इंतज़ार करने लगी. दोस्तों में सच कहूँ तो में चुदने के लिए तरस रही थी और करीब एक घंटे के बाद वो लोग घूम फिरकर घर वापस आए और आते वक़्त वो अपने लिए शराब लेकर आए थे.
फिर वो लोग शराब पीने बैठ गये रोहन मुझे बहुत घूर रहा था और में उसे स्माईल दे रही थी जैसे कि हमने यह सब तय किया था और रोहन बहुत लाईट ड्रिंक ले रहा था और मेरे पति को ज्यादा पीने पर मजबूर कर रहा था. वैसे भी मेरा पति बहुत ड्रिंक करता है और उसे चड़ती भी जल्दी है. रोहन ने तीन पेग के बाद ही पीना बंद कर दिया था और मैंने देखा कि मेरे पति को अब धीरे धीरे चड़ने लगी है.. में उठी और बोली कि अपने दोस्त को बोलो कि वो तो कुछ पी ही नहीं रहा है.. मेरे मुहं से यह बात सुनकर रोहन मेरी तरफ हैरानी से देखने लगा. तो मेरे पति बोले कि अरे रोहन तुम भी पियो ना.. नीता जाओ तुम उसको गिलास भरकर दो. फिर में उठी और बॉटल लेकर रोहन के पास गयी और उसके गिलास में थोड़ी शराब डाल दी और गिलास को उठाकर में रोहन की तरफ मुड़ गयी और बोली कि चलो अब पीना स्टार्ट करो क्योंकि अब में पिलाने वाली हूँ. तो रोहन ने धीमी आवाज़ में कहा कि में तो इसलिए ही आया था कि तुम मुझे रात भर पिलाओ.
तो में बोली कि मेरे राजा थोड़ा सब्र करो में हूँ ना और मैंने अपने पति को भी एक बड़ा पेग बनाकर दिया और उसके पास बैठकर अपने हाथ से पिलाने लगी. फिर मैंने अपने पति का एक हाथ उठाकर अपने कंधे पर रख दिया और उसके चिपककर बैठ गयी. मुझे ऐसा करते देख रोहन बहुत हैरान हो रहा था.. मैंने उसको देखा और स्माईल के साथ उसको आँख मारी. फिर मैंने अपना एक हाथ अपने पति के सीने पर रखा और उसे सहलाने लगी और पेग को खाली किया. फिर और एक बड़ा पेग बनाया और उसको दिया और बोली कि देखो आपका दोस्त अभी भी पी नहीं रहा है लगता है मुझे ही ज़बरदस्ती पिलाना पड़ेगा. तो मेरा पति कुछ नहीं बोला.. वो सिर्फ़ देख रहा था और में जाकर रोहन के पास में बैठ गयी लेकिन रोहन थोड़ा डरा हुआ था और वो बोला कि तुम्हारा पति सामने ही बैठा है तुम थोड़ी दूर बैठो.
तो में हंस पड़ी और बोली कि अब वो दूसरी दुनिया में पहुँच गया है और तू क्यों डर रहा है और आखरी बार तो मेरा पति घर में था.. तब भी तू मुझे चोदकर गया था. तो वो बोला कि अगर ऐसा है तो मेरी बाहों में आ जा और उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया. में भी उसकी बाहों में सिमट गयी और वो मुझे चूमने लगा. में उसकी पीठ को सहला रही थी तो इतने में मेरे पति के हाथ से गिलास नीचे गिर गया तो में उठी और उसको दूसरा गिलास भरकर दिया. फिर वापस रोहन के पास आ गई और रोहन ने मुझे अपनी गोद में ही बैठा लिया और मेरे बूब्स को दबाने लगा.
फिर मैंने अपने पति को देखा तो वो गिलास को मुहं से लगाने की कोशिश कर रहा था.. में उठी और फिर से उसको अपने हाथ से पिलाने लगी. तभी रोहन बोला कि नीता अब रहा नहीं जा रहा है छोड़ ना उस साले को.. प्लीज मेरे पास आ जा. तो मैंने कहा कि तू इसी साले की बीवी को चोदने वाला है और पहले इसको थोड़ा सा पिला दूँ. तो इतने में मेरा पति बोला कि कौन साला? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.. में और रोहन बातें कर रहे है और वो मुझे अपने बीते हुए समय के बारे में बता रहा है. फिर उसके बाद में रोहन के पास आने लगी और करीब आते ही उसने मुझे फिर से गोद में बैठाया और ज़ोर-ज़ोर से मेरे तरबूज दबाने लगा और उसने मेरा पल्लू नीचे कर दिया और अपना एक हाथ मेरे ब्लाउज के अंदर डालकर मेरे निप्पल को पकड़ लिया. तो मैंने अपने ब्लाउज के हुक को खोल दिया और उसके खेलने के लिए मैदान को तैयार कर दिया. रोहन अब मेरे दोनों तरबूज अपने दोनों हाथों से दबा रहा और उन्हे मसल रहा था. तो में बोली कि पहले तो इन्हे पीने के लिए तरस रहे थे.. अब सिर्फ़ दबा ही रहे हो. तो वो ज़ोर से हंसा और मुझे अपने पास में बैठाया और फिर मेरे बूब्स को चूसने लगा.. थोड़ी देर तक चूसने के बाद में बोली कि रुक जा मेरे राजा.. में पहले उसका गिलास भरकर देती हूँ.
तो रोहन बोला कि अब उसकी क्या ज़रूरत है? वो वैसे भी अपने होश में नहीं है. तो मैंने कहा कि हाँ मुझे मालूम है लेकिन फिर भी हम टेंशन क्यों ले? थोड़ा ज्यादा पिलाने से यह ज्यादा देर बेहोश रहेगा. तो रोहन बोला कि वो सब तो ठीक है लेकिन तुम्हे अपना ब्लाउज यहीं पर उतारकर जाना पड़ेगा. फिर में बोली कि अच्छा आज मूड में हो.. चलो कोई बात नहीं और मैंने अपना ब्लाउज वहीं पर निकाला और पल्लू को सीधा करके मेरे पति के लिये एक और पेग बनाया लेकिन रोहन पीछे से आया और उसने मेरा पल्लू नीचे खींच लिया. फिर में चुपचाप खड़ी हो गयी तो उसने मेरे बूब्स अपने दोनों हाथों में पकड़ लिए और बोला कि अब उसको पिला. तो में हँसी और अपने पति को गिलास देने लगी.. मेरा पति मुझे सिर्फ़ देख रहा था और में उससे बोली कि अरे ऐसे क्या देख रहे हो? लो अपना पेग लो.. में तो रोहन को अपना पेग पिला रही हूँ. तो रोहन बोला कि साले में तेरी बीवी को तेरे सामने मसल रहा हूँ और तू कुछ बोल भी नहीं रहा है.. आपको बहुत बहुत धन्यवाद.
फिर में बोली कि धन्यवाद मुझे दो उसे नहीं.. जो तुम्हे यह सब करने दे रही हूँ और फिर रोहन ने मुझे किस किया और धन्यवाद बोला. तो मैंने कहा कि ऐसे धन्यवाद नहीं चलेगा. तो रोहन ने कहा कि तो कैसे चाहिए? फिर में बोली कि मेरे पिछवाड़े से अंदर तक जाना चाहिए. तो रोहन बोला कि इसके लिए तो मुझे तुम्हे नंगा करना पड़ेगा. तो मैंने कहाँ कि करो ना तुम्हे किसने रोका है और मेरे इतना कहते ही उसने मेरी साड़ी को खोल दिया और मेरी पेंटी को नीचे उतारने लगा और अब में बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी और मेरा पति नशे में धुत होकर देख रहा था और मैंने भी रोहन के कपड़ों को उतारना शुरू किया और उसे नंगा कर दिया. फिर हम दोनों ने किस्सिंग स्टार्ट कर दी और इतने में मेरे पति के हाथ से ग्लास फिर से नीचे गिर गया. तो मैंने उसका ग्लास उठाया और उसमे और शराब डालकर उसे देने के लिए जैसे ही आगे बढ़ी.. इतने में रोहन ने पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और मेरी कमर को पकड़ कर धक्के मारने लगा.. मुझे बहुत अच्छा लगा. फिर में अपने पति को ग्लास देने के लिए आगे बड़ती और वो मेरी कमर को पकड़कर मुझे फिर से पीछे खींचता और अपने लंड को और अंदर घुसा देता और मैंने जैसे तैसे अपने पति को शराब का ग्लास दिया और वो अपनी आधी बंद आँखो से मुझे देख रहा था.
तो मैंने उसे अनदेखा किया और रोहन का साथ देने लगी. वो मेरी चूत को जोश में आकर बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था. फिर रोहन बोला कि क्यों मेरा धन्यवाद करने का तरीका अच्छा लग रहा है या नहीं? तो मैंने कहा कि तुम धन्यवाद दोगे तो अच्छा ही लगेगा ना.. लेकिन मैंने तो पिछवाड़े में डालने को कहा था.. चूत में नहीं. तो रोहन बोला कि ओह मुझे माफ़ करना.. तुम जाकर तेल लेकर आओ.. आज में तेरी गांड में धन्यवाद देता हूँ. फिर मैंने कहा कि इसमें तेल की क्या ज़रूरत है? धन्यवाद ऐसे ही देना स्टार्ट कर. फिर रोहन ने मेरी चूत में से अपने लंड को बाहर निकाला और मेरी गांड में डालने लगा और फिर उसका लंड बिना किसी रोक टोक के एकदम फिसलकर अंदर चला गया. तो रोहन मुझसे कहने लगा कि तुम्हारा पिछवाड़ा तो पूरा खुला हुआ है. क्यों अब तक कितनो से गांड मरवा चुकी हो?
फिर मैंने कहा कि तो क्या तुझे लगा में एक नई नवेली दुल्हन हूँ.. जो पहली रात में ही तेरे हाथ में आ गयी हूँ? और तुझसे पहले भी बहुत से लोगों ने हमेशा मुझे खुश रखा है और मैंने भी कभी उन्हे शिकायत का मौका नहीं दिया. फिर रोहन ने अपना लंड ज़ोर ज़ोर से मेरी गांड में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. दोस्तों में वैसे सही में हर रोज अपनी गांड मरवाती हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है.. मैंने आज तक में ज्यादातर गांड ही मरवाई थी. फिर लगभग 8-10 मिनट तक मेरी गांड में अपना लंड दौड़ाने के बाद वो बहुत तेज हो गया और कुछ देर बाद मेरी गांड में ही झड़ गया और वो बोला कि आज तो मज़ा ही आ गया.. काश तुम मेरी बीवी होती. तो मैंने उससे कहा कि तो आज में तेरे सामने ऐसे ही तेरे किसी दोस्त से चुद रही होती.
फिर वो मेरी बात को सुनकर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और कहने लगा कि वो देख तेरा पति कैसे नशे में सो रहा है.. उसे तो पता ही नहीं कि उसकी बीवी अभी भी चुदने के लिए तैयार खड़ी है. तो मैंने कहा कि सोने दो उसे.. तुम्हे मुझसे मतलब है और फिर में उठकर बाथरूम में चली गयी और अपनी गांड और चूत को अच्छी तरह साफ करके आई और मैंने देखा कि वो सोफे पर बैठा था. तो में जाकर उसके पास बैठ गयी और उसको अपने बूब्स की तरफ खींच लिया और अपना एक बूब्स उसके मुहं में दे दिया और रोहन मेरे बूब्स को एक छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था और में एक हाथ से उसका सर पकड़कर बूब्स पर दबा रही थी और मज़े ले रही थी और अपने दूसरे हाथ से उसके लंड को दूसरी बार के लिए तैयार कर रही थी. फिर जब उसका लंड खड़ा हो गया तो वो बोला कि चलो अब तुम्हारी चूत को भी एक बार धन्यवाद बोल देता हूँ और उसने मुझे पकड़कर सोफे पर ही लेटा दिया और मेरी चूत को अपने एक हाथ से फैलाकर उसमे अपना लंड डाल दिया. तो मैंने उसको अपने ऊपर खींच लिया और में उसकी गांड दबाने लगी तो वो समझ गया और उसने अपनी चुदाई का दौर शुरू किया. तो में बोली कि अह्ह्ह रोहन तुम्हारा लंड अंदर तक नहीं जा रहा है.. काश यह थोड़ा और लंबा होता. तो रोहन ने बोला कि लेकिन यह मोटा तो है और अगर तुम इतनो से नहीं चुदवाती तो मेरा यह लंड भी तुम्हे बहुत मोटा लगता.
फिर वो अब और भी तेज हो गया था और मेरी चूत पर उछल रहा था और अपने लंड को मेरी चूत के आखरी हिस्से तक पहुँचाने की कोशिश कर रहा था और करीब 10 मिनट के बाद वो मेरी चूत में ताबड़तोड़ धक्को के साथ झड़ गया और मैंने उसके वीर्य को अपनी चूत में स्वीकार कर लिया और उसको अपनी चूत में महसूस कर रही थी. तभी वो मुझसे बोला कि क्या तुम हमेशा ऐसे ही सबको अपनी चूत में झड़ने देती हो? तो मैंने कहा कि बिल्कुल नहीं.. सिर्फ़ कुछ ही लोगों को और जो मुझे बहुत ज्यादा पसंद है. तो वो बोला कि इसका मतलब कि जो पसंद नहीं है उनसे भी तुम चुदवाती हो? फिर मैंने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.. जो पसंद है में उससे ही चुदवाती हूँ लेकिन जो ज्यादा प्यारा होता है उसको ही बिना कंडोम के चोदने देती हूँ और बाकी सब कंडोम के साथ. तो रोहन बोला कि तो में तुम्हे बहुत पसंद हूँ और मेरा मतलब कि में तुम्हे बहुत प्यारा भी लगता हूँ? फिर मैंने कहा कि हाँ और अब इसमे क्या झूठ बोलना और वो मेरे मुहं से यह सब बात सुनकर बहुत खुश हो गया और मुझे किस करने लगा.
तभी थोड़ी देर किस्सिंग करने के बाद वो बोला कि चलो हम कपड़े पहन लेते है और सो जाते है. तो मैंने कहा कि अगर हमे सोना ही है तो कपड़ो की क्या ज़रूरत है? वो बोला कि लेकिन तुम्हारा पति रात को उठ गया और ऐसी हालत में तुम्हे देखेगा तो क्या सोचेगा? तो मैंने कहा कि हम उसे कपड़ो के साथ ही सोने देते है. फिर उसने भी मेरी बात मान ली और कहा कि ठीक है.. उसे हम अंदर बेडरूम में ले जाते है और हम यहीं हॉल में सो जाएँगे. फिर हम दोनों ने मेरे पति को बेडरूम में ले जाकर बेड पर लेटाया और बाहर से ताला लगाकर हम दोनों नंगे ही हॉल में सो गये ..
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