Hindi Sex Stories – | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Sat, 29 Jun 2019 04:04:02 +0000 en-GB hourly 1 /> होटल में एक खूबसूरत कुंवारी लड़की की चुदाई – Hotel Me Ek Khubsurat Kunwari Ladki Ki Chudai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/hotel-me-ek-khubsurat-kunwari-ladki-ki-chudai/ //otelsan.ru/xbrasilporno/hotel-me-ek-khubsurat-kunwari-ladki-ki-chudai/#comments Sat, 29 Jun 2019 04:04:02 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5993 [...]]]> यह कहानी तब की है, जब मैं अपने एक दोस्त के साथ बाहर एग्जाम देने गया हुआ था. जिस सिटी में एग्जाम था, वो थोड़ा दूर था इसीलिए हम दोनों ने ट्रेन से जाने का फ़ैसला किया. जहां पेपर देने जाना था, वहां से ही थोड़ी दूर पर मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड एक हॉस्टल में रहती थी. दोस्त ने उससे भी बुला लिया था जो मुझे वहां जाके पता चला.

एग्जाम के एक दिन पहले हम दोनों दिन में निकले और देर रात को हम स्टेशन पे पहुंचे. वहां पहुंच कर मैंने दोस्त से होटल में एक रूम लेने को कहा.

दोस्त ने मुझे ये कह कर मना कर दिया कि रूम सुबह पांच बजे लिया जाएगा. उससे हमारा एक दिन का किराया बच रहा था. इसलिए मैं भी उसकी बात से सहमत हो गया. हम दोनों ने किसी तरह रात काटी और सुबह पांच बजे जब हम दोनों वेटिंग रूम में थे, तो दोस्त को किसी का कॉल आया और उसके थोड़ी देर बाद ही दो बहुत ही खूबसूरत सी लड़कियां वेटिंग रूम में आईं.

मैं अभी उन दोनों को ही देख रहा था कि तभी दोस्त ने मुझे जोर से हिलाते हुए कहा कि ये उसकी गर्लफ्रेंड है और साथ आई लड़की, उसकी गर्लफ्रेंड की सहेली है. उसकी गर्लफ्रेंड का नाम निम्मी था … और उसकी सहेली का नाम अलका था. वे दोनों इसी शहर के एक कॉलेज में पढ़ती थीं और एक हॉस्टल में रहती थीं.

मैंने दोनों को हैलो बोला और थोड़ी देर बात करने के बाद हम सब होटल में रूम लेने के लिए निकल गए. होटल में जाकर मेरे दोस्त ने दो रूम की बुकिंग की.

ऊपर कमरे में जाने के थोड़ी देर बाद ही मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड के रूम में चला गया. मैंने इस बात पर इसलिए ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि ये अभी आ जाएगा.

मुझे नींद आ रही थी तो मैं अपने रूम में ही सो गया. दस बजे करीब जब मेरी आंखें खुलीं, तो मैंने देखा मेरे बगल में अलका सोई हुई है. पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ, फिर मैंने दोस्त को कॉल किया, तो पता चला वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ है. खैर मैं नहा धोकर तैयार होने लगा.

मगर मेरी नज़र अलका पर से हट ही नहीं रही थी. रेड टॉप में वो कमाल की माल लग रही थी. उसका भरा हुआ बदन और नाज़ुक से रसीले होंठ मुझे अपनी तरफ बुला रहे थे. मैंने किसी तरह खुद पर कंट्रोल किया और रेडी होके पेपर देने चला गया.

पेपर देने जाते वक़्त मैंने अपना फोन रूम में ही छोड़ दिया था. ये बात मैंने अपने दोस्त को भी बता दी थी.

जब मैं पेपर देकर रूम पर वापस आया तो अलका अभी अभी नहा के बाहर आई थी. वो मिनी शॉट्स और छोटे से टॉप में इस वक्त और भी कमाल लग रही थी. मैं उसे ही घूरे जा रहा था.

उसने मुझे हैलो बोला, तब मेरा ध्यान टूटा. उसके बाद उसने मुझसे बातचीत शुरू की- कहां खो गए थे? कभी लड़की को नहा के आया नहीं देखा क्या?

मैं- नहीं … इतना करीब से आज ही देखा है.

अलका- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?

मैं- नहीं … अब तक तो कोई भी नहीं है.

अलका- एग्जाम कैसा हुआ?

मैं- अच्छा ही हुआ … और ये दोनों कहां हैं?

अलका- सुबह से रूम से बाहर ही नहीं आए है. लगता है हनीमून पूरा कर के ही आएंगे.

मैं- मुझे तो भूख लगी है, चलो कहीं बाहर खाने चलते हैं?

अलका- हां ज़रूर … बस दो मिनट में रेडी हो जाऊं.

मैं- अब और कितना रेडी होना है यार … ऐसे भी कमाल ही लग रही हो.

अलका- थैंक्यू … लेकिन क्या लाइन मार रहे हो?

मैं- नहीं यार … सच बोल रहा हूँ.

अलका हंसी और अपने बाल सही करने लगी.

फिर हम दोनों बाहर गए. बाहर उसके साथ जाते हुए ऐसा लग रहा था, जैसे हम दोनों कपल हों. मैंने उसके हाथ को अपने हाथ में थाम लिया, उसने भी कोई ऐतराज नहीं किया.

अब हम दोनों हाथ में हाथ डाले बिल्कुल कपल की तरह ही लग रहे थे. उसके हाथों का स्पर्श पाकर मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गई थीं. जींस में मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था. उसने भी ये बहुत बार देख लिया था.

खैर … हम दोनों खाना खा के वापस रूम में आए, तो मैंने दोस्त को कॉल किया. उस टाइम दिन में तीन बजे रहे थे.

वो उठ गया था. उससे बात होने के बाद हम दोनों उनके रूम में गए और बैठ कर बातें करने लगे. तभी मेरी नज़र दोस्त के बेड पे गई, वहां निम्मी की ब्रा पड़ी हुई थी. मैं समझ गया ये दोनों पूरा काम कर चुके हैं.

मैंने दोस्त से आगे का प्लान पूछा, तो ये तय हुआ कि सब घूमने चलेंगे.

फिर मैं और अलका रूम में आए और रेडी होने लगे. ये मेरा पहली बार था, जब मैं किसी लड़की के साथ रूम में था. वो भी मुझे ही देखे जा रही थी. मैं वाशरूम से हाथ मुँह धोकर वापस रूम में आया, तो वो टॉप पहन रही थी यानि सिर्फ़ ब्रा में थी.

मुझे देखते ही टॉप से उसने अपने आपको छुपाना चाहा, मगर टॉप छोटा था. उसकी मम्मे छिप ही नहीं पा रहे थे. मैं उसके पास गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया. उसने अपनी आंखें बंद कर लीं और उसके लिप्स कांपने लगे.

मैं उससे बोला- आई रियली लाइक यू अलका.

मैं उसके होंठों पे किस करने लगा. उसने भी टॉप छोड़ के मेरा पूरा साथ दिया.

हम दोनों बिल्कुल खो गए थे, उसके साथ किस करने में मुझे लगा ही नहीं कि हम दोनों अभी कल ही तो मिले हैं. हमारी किस अभी चल ही रही थी कि तभी दरवाज़े पे दस्तक हुई … और हम दोनों होश में आए. बाहर दोस्त हम दोनों का वेट कर रहा था. अलका बाथरूम में चली गई और मैं रेडी होके दरवाज़े पे आ गया. दो मिनट बाद अलका भी रेडी हो गई थी.

अब हम सब घूमने चल दिए. रास्ते में मैं और अलका एक दूसरे से नज़र नहीं मिला पा रहे थे. बस एक दूसरे को देख कर दोनों तरफ से स्माइल पास हो रही थी. शायद हम दोनों को घूमने में मजा ही नहीं आ रहा था, बस यूं लग रहा था कि किसी तरह एक दूसरे से चिपक कर अपनी गर्म सांसें एक दूसरे से लड़ा लें.

किसी तरह घूमना खत्म हुआ और हम सब होटल आ गए. इस वक्त रात के नौ बज गए थे. मेरा दोस्त मुझे आंख मार के निम्मी के रूम में चला गया. मैं और अलका भी रूम में आ गए. हम दोनों बस चुपचाप एक दूसरे को देख रहे थे.

तभी मैंने अलका की तारीफ करते हुए कहा कि शाम को तुम खूबसूरत लग रही थी.

उसने थैंक्स में जवाब दिया.

फिर वो बैग से कपड़े निकालने लगी और चेंज करने के लिए बाथरूम में जाने लगी. मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींच लिया. वो कटी हुई डाली की तरह मेरी बांहों में आ गिरी.

हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे. कुछ ही पल बाद हम दोनों फिर से लिपलॉक करने लगे.

कोई दस मिनट तक किस करने के बाद मैं अपने हाथ उसके टॉप के अन्दर ले गया. उसकी ब्रा को पीछे से खोल दिया. मैंने किस खत्म करने के बाद उसे बेड पे लिटा दिया और खुद अपनी शर्ट उतार कर उसके ऊपर आ गया. मैंने उसकी आंखों में देखा तो मुझे उसकी नजरों में वासना दिखी. ये देख कर मैं उसका टॉप उतारने लगा. अलका ने भी हाथ ऊपर कर के मेरा साथ दिया.

ये पहली बार था, जब मैं किसी लड़की को बिना टॉप और ब्रा के देख रहा था. उसकी ब्रा उतारने के बाद पहली बार में उसकी चुचियां देखीं. कमाल की चूचियां थीं. उसकी चूचियां बत्तीस इंच के साइज़ की थीं … जो अलका ने मुझे बाद में बताया. उसकी ब्रा और टॉप दोनों ही मैंने दूर फेंक दिए और उसकी चुचियों को मुँह में लेके चूसने लगा. मुझे इस काम में बहुत मज़ा आ रहा था.

अलका भी धीरे धीरे आवाज़ कर रही थी- अहहाह … अयाया … और करो … मन्नी … कम ऑन … सक मी.

फिर अलका मस्ती में आ गई और अपने हाथ मेरी पीठ पे फेरने लगी. हम दोनों ही किसी और दुनिया में आ चुके थे. धीरे धीरे मैं अपना हाथ नीचे ले जाने लगा और उसकी जींस के अन्दर हाथ डालने लगा. मगर जींस बहुत टाइट थी.

मैंने उसकी मदद से उसकी जींस उसके बदन से अलग कर दी. जींस उतारते ही मुझे उसकी खूबसूरत टांगें और पेंटी में कैद रोती हुई फूली सी चूत दिखी. मैं वहीं उसकी छूट के करीब आकर उसकी मरमरी टांगें चूमने और चाटने लगा. मेरे होंठ उसकी कमर के नीचे चल रहे थे और मेरा एक हाथ उसकी चुचियां दबाने में लग गया.

थोड़ी देर बाद मैं फिर से ऊपर आकर उसे होंठों पर किस करने लगा. अब उसका हाथ भी मेरे पैंट पे आ गया था और वो ऊपर से मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश कर रही थी.

जब उससे सही से नहीं हुआ, तो धीरे से बोली- अपनी पैंट भी उतार दो न.

मैं मजे लेते हुए बोला- खुद ही उतार लो न.

वो नीचे हो गई और मेरी पैंट उतारने लगी. उसने पैंट के साथ साथ मेरी अंडरवियर भी उतार दी. अब वो मेरी तरफ देखते हुए धीरे से मेरा लंड हिलाने लगी. मैं उसकी आंखों में वासना से देखते हुए बोला- एक बार मुँह में भी लेके देखो … तुम्हें और भी मज़ा आएगा.

उसने मुस्कुरा के सर हां में हिला कर मुझे जवाब दिया और लंड के सुपारे पर अपनी जीभ फिरा दी. अगले दो पलों के बाद मेरा लंड उसके मुँह में था.

आह … कसम से यार … मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. वो मेरा आधा लंड अपनी जुबान में दबा कर चूस रही थी. लंड चुसाई की मस्ती से जोश में आ कर मैं उसके सिर को अपने लंड पे दबाने लगा.

मेरा लंड उसके हलक तक गया ही था कि कुछ ही सेकेंड बाद वो मुझसे अलग होकर खांसते हुए बोली- क्या जान से मारना है मुझे? तुम्हारा लंड बहुत मोटा है … मैं धीरे धीरे ही ले पाऊंगी.

मैंने उससे कहा- ठीक है.

मैं लेट कर दुबारा अपना लंड उसके मुँह में देने लगा. उसके लंड मुँह में लेने के बाद दस मिनट बाद ही लंड का माल उसके मुँह में छूट गया. उसने लंड रस का पानी बगल में रखे डस्टबिन में थूक दिया और मेरे बगल में लेट कर टांगें खोलते हुए बोली- अब मेरी बारी.

मैंने नीचे जाके उसकी पैंटी उतार दी. उसकी इडली सी फूली गोरी बुर पे बहुत ही छोटे छोटे बाल थे. मैंने उसकी झांटों पर हाथ फेर कर उसकी आंखों की तरफ देखा, तो उसने बताया- अभी पांच दिन पहले ही उसने साफ़ किए थे.

उसकी बुर बिल्कुल गीली हो चुकी थी. मैं अपनी ज़ुबान से उससे चाटने लगा.

सच कहूं … तो दोस्तों चुदाई से ज्यादा मज़ा इस सब चुसाई और चटाई में आता है.

मैं उसकी बुर चाट रहा था और वो ऊपर मस्ती से चिल्ला रही थी- आह … प्लीज़ मन्नी … डोंट बाईट हार्ड … डू इट सॉफ्टर … आई लव इट. … मुझे बहुत मज़ा आ रहा है … यू आर अ लवली सकर … आआह … आआह … बस करते रहो … आह रुकना नहीं.

थोड़ी देर चाटने के बाद मैं एक उंगली उसकी बुर के दाने को रगड़ते हुए अन्दर डालने लगा. इससे वो और गर्म हो गई. उसके मुँह से और भी तेज सीत्कार निकलने लगीं- आआआ आआआ..

उसे और मुझे दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था.

तभी वो एकदम से अकड़कर मेरे मुँह पर अपनी चूत उठाने लगी. मैं समझ गया, मैंने और तेज तेज से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. एक तेज आवाज ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ करती हुई वो मेरे मुँह पर ही छूट गई.

मैंने उसकी चूत से मुँह नहीं हटाया. मैं उसकी बुर का सारा पानी पी गया. उसका नमकीन और खट्टा शहद मुझे जबदस्त मदहोशी दे रहा था. मैंने उसकी चूत से निकला एक एक कतरा चाट कर साफ़ कर दिया. मेरे होंठ, नाक सब उसकी चूत के रस से सन गए थे. मैं अपनी जीभ से अपनी नाक पर लगे उसके चूत रस को बड़े स्वाद ले ले कर चाट रहा था और उसे वासना से देखे जा रहा था.

वो अपनी आंख बंद किए हुए एकदम शिथिल अवस्था में पड़ी हुई थी.

इसके बाद मैं उसके बाजू में जाकर लेट गया. हम दोनों बेड पे नंगे लेटे हुए थे. मैं उसकी चुचियों को धीरे धीरे सहलाए जा रहा था. एक दो पल बाद वो भी मेरा लंड हिलाने लगी.

कुछ ही मिनट बाद वो खुद उठ कर लंड मुँह में लेने लगी … और देखते ही देखते मेरा लंड फिर से हार्ड हो गया. अब उससे भी रहा नहीं जा रहा था और मुझसे भी. मैं उसको लेटा कर उसके ऊपर आ गया और अपना लंड धीरे धीरे उसकी बुर की फांकों पर फेरने लगा.

वो टांगें फैला कर मुझसे कहने लगी- प्लीज़ अब डाल दो.

मैं बोला- क्या कहां डाल दूँ?

वो नशीली आंखों से मेरी आंखों में झांकते हुए धीरे से वासना से बोली- अपना लंड मेरी बुर में डाल दो.

इतना सुनने के बाद मैंने धीरे से उसकी चूत पर लंड रख के एक झटका मारा. लंड थोड़ा अन्दर चला गया. उसे दर्द तो हुआ मगर वो ज्यादा चिल्लाई नहीं. उसने बस अपने होंठों को दांत से दबा लिया. मैं समझ गया कि लौंडिया खेली खाई नहीं है … जबकि लंड चुसाई के समय मैं सोच रहा था कि ये पका हुआ आम है.

मैं लंड डाले हुए उसकी चूत पर धीरे धीरे हिलने लगा. जब उसको थोड़ा नॉर्मल लगा, तब उसने अपनी बाँहें मेरी पीठ पर कस दीं. मैंने इसे उसका इशारा समझा और दुबारा से एक झटका दे मारा. इस बार मैंने अपना पूरा लंड उसी बुर में उतार दिया.

वो बहुत तेज से चिल्लाई, मगर मैंने उसके मुँह पे अपने होंठ रख दिए थे. उसने अपने हाथों से पीठ में नोंचना शुरू कर दिया. वो तड़फ कर कहने लगी- आह … मन्नी … निकाल लो … बाद में करेंगे … अभी मुझे बहुत दर्द हो रहा है. अभी नहीं करना मुझे.

मगर मैं अब कहां रुकने वाला था. मैंने धीरे धीरे हिलना शुरू कर दिया. शुरू में तो वो दर्द से तड़फ रही थी, मगर बाद में जब लंड ने अपना काम शुरू कर दिया, तो वो भी मज़े लेने लगी.

वो काम वासना में गांड उठाते हुए बड़बड़ाने लगी कि आह मन्नी … मजा आ रहा है … तुम करते रहो … रुकना नहीं डियर … मैं इसी दिन का कब से वेट कर रही थी. मुझे कहां मालूम था कि मेरी बुर पे तुम्हारा ही नाम लिखा था. … बहुत मज़ा आ रहा हाईईईई. … रुकना नहींयाअ. … आआहह आआहह … मैं बहुत दिनों से चुदाना चाह रही थी.

थोड़ी देर उसी पोज़ में चुदाई करने के बाद मैंने उससे ऊपर आने को बोला. वो बिना वक़्त गंवाए झट से मेरे ऊपर आ गई. अब वो गांड और चूचे उछाल उछाल कर मेरे लंड पर मचल रही थी. मेरी नीचे से गांड उठा कर लगती हुई ठोकरों को अपना साथ दे रही थी.

होटल के इस एसी रूम में हम दोनों की कामुक आवाजें गूँज रही थीं. एसी कूलेस्ट पर होते हुए भी हम दोनों पसीने में भीग गए थे.

सच में इस चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा था. तभी वो छूट गई और मेरे ऊपर ही गिर गई. मगर मैं रुका नहीं. मैंने अगले ही जल्दी से उसे अपने नीचे लेटा लिया उसकी चूत में लौड़ा फंसा कर शुरू हो गया. मैं उसे धकापेल पेलता रहा. कोई पांच मिनट बाद मेरा भी काम हो गया … और मैं उसी के ऊपर गिर गया.

हम दोनों को इतनी अधिक थकान हो गई थी कि इसी नंगी हालत में कब नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला. सुबह छह बजे जब मेरी नींद खुली, तो वो मेरे बगल में नंगी लेटी हुई थी. बेड पे कई जगह खून के हल्के दाग थे. मेरे थोड़ा छूते ही वो भी जाग गई.

रात के लिए मैंने उससे पूछा- मज़ा आया?

वो बोली- बहुत ज़्यादा मज़ा आया. … तुम बहुत अच्छे हो … बहुत प्यार से तुमने मेरी सील तोड़ी. … आई लव यू मन्नी.

मैंने भी उससे आई लव यू टू बोला और एक बार और करने को पूछा, तो उसने भी हां बोल कर मेरा साथ दिया. उसके बाद हम दोनों ने एक बार और बेड पर और एक बार बाथरूम में भी सेक्स किया.

दोस्त का फोन आने पे मैंने उससे एक दिन और रुकने को बोला. मैं अलका के साथ और रुकना चाहता था. … और किस्मत ने मेरा साथ दिया.

उस दिन पूरा दिन हम सबने सिटी घूमी और शाम के बाद से ही रूम में आ गए फिर पूरी रात चुदाई का मज़ा किया.

अगले दिन सुबह मैं और दोस्त निकलने लगे, तो मैंने देखा अलका की आंखों में आंसू थे. मैंने उससे दुबारा आने का वादा किया और ट्रेन से निकल गया.

उस दिन के बाद से मैंने काफ़ी बार सेक्स किया. तीन बार तो उसके पास जाकर उसके हॉस्टल में ही मजा किया. उसके हॉस्टल में मुझे उसने अपने ममेरे भाई के रूप में एंट्री दिलाई थी.

मगर होटल का वो पहला सेक्स मेरे लिए आज भी ख़ास याद है. हालांकि अब हम दोनों दूर हो गए हैं.

उसके बाद भी मैंने काफ़ी लड़कियों और शादीशुदा महिलाओं के साथ सेक्स एंजाए किया. उनके साथ किये गए सेक्स में कई मजेदार किस्से हैं. वो सब भी कभी मौका मिलने पर आपके साथ शेयर करूंगा.

दोस्तो, आपको ये सेक्स कहानी कैसी लगी

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दो तड़पती औरत की चुत चुदाई की कहानी – Do Tadapti Aurat Ki Chut Chudai Ki Kahani | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/do-tadapti-aurat-ki-chut-chudai-ki-kahani/ //otelsan.ru/xbrasilporno/do-tadapti-aurat-ki-chut-chudai-ki-kahani/#respond Fri, 28 Jun 2019 01:40:43 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5929 [...]]]> हेलो दोस्तों, फिर एक नयी हिंदी सेक्स कहानी और ये कहानी अपनी एक याद को लेके मैं आपके पास आयी हूँ । otelsan.ru ब्लॉग पे मेने स्टोरी पहले लिखा था और मेल भी डाला था तो वो कहानी बहत लोगों ने पढ़ा और एक दिन एक लाजबाब औरत ने मुझे मेल करके मेरे नंबर भी माँगा मेने उससे मेरे नंबर दे दिया ।. वो एक हाउसवाइफ की मेल थी, उसका पति बिजनेस मैन था जो कि बिजनेस की वजह से अधिकतर समय बाहर ही रहता था.
उस महिला ने मुझे ये सब बताते हुए कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है. उनका नाम नीलम (चेंज्ड नाम) था. रात को 9 बजे उनकी कॉल आई. उन्होंने शनिवार नाइट को आने के लिए बोला. उन्होंने बताया कि वो अपने पति से सन्तुष्ट नहीं हैं और सेक्स का पूरा मजा लेना चाहती हैं.
मैंने उनसे उनका एड्रेस लिया और शनिवार शाम को 8 बजे उनके बताए हुए एड्रेस पर पहुँच गया. मैंने उनके घर के बाहर से उनको कॉल किया और बताया कि मैं आपके घर के बाहर हूँ.
उन्होंने दरवाजा खोला, मैं तो उसको देखता ही रह गया यार… क्या मस्त माल थी. मैंने ऊपर आसमान में देखा और ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया कि आज ऐसी मस्त चुत मारने को मिलेगी.
नीलम ने अन्दर आने के लिए बोला, मैं अन्दर आ गया.
उनका घर काफ़ी बड़ा था. उन्होंने सामने सोफे पर बैठने का इशारा किया, मैं सोफे पर बैठ गया.
थोड़ी देर बाद वो अन्दर से पानी लेकर आ गईं और मेरे पास ही बैठ गईं.
हम लोगों ने बातें करना शुरू की, उन्होंने मुझे बताया कि आज उनका बर्थडे है और उनके पति को उनकी कोई फिक्र ही नहीं है.
मैंने कहा- मैडम आपने पहले बताया नहीं… नहीं तो मैं आपके लिए कोई गिफ्ट ले आता.
नीलम जी बोलीं- मुझे मैडम नहीं भाभी कहो… मैं तुमको प्यार से मिलना चाहती हूँ… कोई मैडम बन कर नहीं!
मैंने कहा- भाभी जी आपने मेरी बात का उत्तर नहीं दिया.
बोलीं- भाभी जी नहीं… बस भाभी कहो… और आज तुम आ गए, बस ये मेरे लिए बहुत है… आज तुम मुझे खुश कर दोगे… यही मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट होगा.
मैंने कहा- देख लेना, आप मुझसे निराश नहीं होंगी.
मैंने उनको एक वासना भरी निगाहों से देखा और अपने लंड को सहलाने लगा. मेरा लंड फूलने लगा. नीलम भाभी मेरे फूलते हुए लंड को कामना भरी निगाहों से देखने लगीं.
मैंने उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया.
नीलम भाभी ने कहा- हाथ पकड़ कर क्या करने वाले हो?
मैंने कहा- आपका नसीब देखने वाला हूँ.
भाभी मुस्कुरा कर बोलीं- मुझे मेरा नसीब दिख रहा है. वो अभी बड़ा हो रहा है.
मैं हंस कर उनको कहा- ऐसे नहीं… जरा ठीक से समझाओ न भाभी… आपका नसीब कैसा है.
भाभी बोलीं- वो जब तक मैं न देख लूँ, तब तक कैसे बता सकती हूँ कि नसीब कैसा है.
मैंने कहा- भाभी नसीब देखने के लिए क्या दिक्कत है… क्या मैं कोई मदद कर सकता हूँ?
भाभी बोलीं- तुम ही मेरे नसीब को दिखा सकते हो.
यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड पर हाथ रख कर लंड को अपनी मुट्ठी से मसल दिया और बोलीं- देखो ये है मेरा नसीब… अपनी मांद में जाने के लिए फूल रहा है.
मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और उनको चूमने लगा.
भाभी ने मुझसे अलग होते हुए कहा- अभी जरा रुको. मुझे कपड़े बदलने हैं.
मैंने उनको छोड़ दिया. वे मुझसे अलग होकर बैठ गईं… और बातें करने लगीं.
बातों बातों में उन्होंने बताया कि उनकी एक सहेली भी एन्जॉय करना चाह रही है… क्या उनके साथ भी एंजाय करना चाहोगे?
मैंने कहा- कोई बात नहीं आप उनको भी बुला लो.
उनकी फ्रेंड का नाम पूनम (चेंज्ड नाम) था. उन्होंने पूनम को आवाज देकर बुलाया… तो मैं चौंक गया. वो बगल के ही रूम में बैठी थी.
नीलम हम दोनों को वहीं पर छोड़ कर चेंज करने चली गईं.
पूनम की उम्र करीब 30 साल की थी. वो भी बहुत सुन्दर थी. उसका फिगर 34-30-36 का था. मैंने पूनम का हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया. उसने भी मेरा साथ दिया तो मैंने उसको उठा कर अपनी गोद में बैठा लिया और पूनम का एक चुचा दबाने लगा.
वो भी मस्त मस्त सिसकारी लेने लगी.
तभी नाईटी पहन कर नीलम भाभी भी आ गईं, उन्होंने हम दोनों को इस तरह बैठे देखा तो बोलीं- अरे वाह… आप लोग तो शुरू हो गए.
वो भी मेरे पास मुझसे चिपक कर बैठ गईं.
मैं नीलम के होंठों को किस करने लगा और पूनम की चुचियां दबाने लगा. दस मिनट तक लिप्स चूसने के बाद हम तीनों उठ कर बेडरूम में जाने लगे.
मेरे साथ बेडरूम में आते ही नीलम ने मेरी शर्ट उतार दी, पूनम ने मेरी पैंट उतार दी. मैंने नीलम की नाईटी उतार दी और नीलम ने पूनम की नाईटी उतार दी. अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था, वो दोनों ब्रा और पेंटी में थीं.
मैंने नीलम को पीछे से हग किया और उनकी चुचियां दबाने लगा. पूनम ने नीलम की पैंटी उतार दी और नीलम की चुत पर किस करने लगी.
मैंने भी झटके के साथ नीलम की ब्रा फाड़ दी, अब नीलम भाभी बिल्कुल नंगी हो गई थीं. उनकी बड़ी बड़ी चुचियां क्या मस्त थिरक रही थीं. मैं उनकी चुचियां चूसने लगा. पूनम नीलम भाभी की चुत चूस रही थी.
अब पूनम उठी और मेरा लंड को पकड़ कर रगड़ने लगी. मेरा लंड भी अंडरवियर को फाड़ने वाला था. पूनम ने मेरा अंडरवियर निकाला तो मेरा लंड एकदम से तन कर उसके सामने गुर्राने लगा. पूनम ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी.
पूनम नीचे बैठ गई और उसने मेरा लंड चूसना चालू कर दिया. मैं खड़ा खड़ा नीलम भाभी के होंठों को चूस रहा था. अब नीलम भाभी नीचे बैठ गईं और पूनम खड़ी हो कर अपनी चुचियां चुसवाने लगी.
नीलम भाभी मेरा लंड चूसने लगीं.
आह… भाभी क्या मस्त होकर रंडी के जैसे लंड चूस रही थीं… बिल्कुल कुल्फी की तरह निचोड़ने में लगी थीं.
मैं भी पूनम की चूचियां दबाते हुए पूरी तरह से निचोड़ रहा था.
कुछ देर बाद पूनम बोली- प्लीज़, आप मेरी फुद्दी चूसो.
मैं बिस्तर पर लेट गया. पूनम मेरे मुँह के ऊपर अपनी चुत को ले आई और मैं उसकी मरमरी चुत को सक करने लगा. नीलम भाभी मेरे लंड को चूसती रहीं.
अब पूनम से बर्दाश्त नहीं हो रहा था. उसने मेरा मुँह अपनी चुत से हटा कर अपनी चुत को मेरे लंड के ऊपर रख दिया. लंड भी पूरी तरह तैयार था. मैंने झटका दे दिया. एक ही झटके में पूनम की चुत को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया. मेरा लंड पूरा पूनम की बच्चेदानी तक चला गया था. पूनम अपने होंठ दबा कर कराहने लगी.
दो झटकों में ही अब पूनम अपने चूतड़ों को ऊपर उठा उठा कर मेरे लंड पर मारने लगी. उधर नीलम भाभी ने अपनी चुत को मेरे मुँह पर रख दिया. मैं नीलम की चुत को चूसने लगा.
नीलम के मुँह से सिसकारी निकल रही थीं- प्लीज़ जानू… चूसो मेरी चुत… मेरे पति से मेरी चुत ठंडी नहीं हो पाती… वो चूतिया मुझको मज़ा नहीं दे पाता… आह… मैं चाहती हूँ… कि आज तुम मेरी चुत को ठंडी कर दो… अपनी रांड बना लो…
मुझको भी उनकी गरम बातें सुनकर मज़ा आ रहा था. मैं भी पूरे जोश में था.
पूनम अब तक 2 बार झड़ चुकी थी. अब नीलम भाभी उठीं और भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत के मुँह पर टिका लिया, फिर भाभी एक झटके के साथ लंड के ऊपर बैठ गईं. उधर पूनम ने अपनी चुत को साफ किया और मेरे ऊपर झुक कर अपनी चुचियां चुसवाने लगी. नीलम भाभी ने मेरे लंड के ऊपर उछलना चालू कर दिया और जोर जोर से चुदाई का मज़ा लेने लगीं.
मैंने पूनम को अपने करीब बैठाया और उसकी चुचियां मसलने लगा. नीलम भाभी ने मेरे लंड के ऊपर बैठे बैठे पूनम को भी मेरे सीने पर बैठा कर उसे हग कर लिया और जोर जोर से झटका मारने लगीं.
मैंने भी पूनम की गांड में उंगली करना शुरू कर दी. कुछ देर बाद पूनम हट गई.
अब नीलम भाभी झड़ने वाली थीं, मैं भी झड़ने वाला था, मैंने भाभी से पूछा- भाभी यार… अपना माल कहाँ निकालूँ.
तो नीलम भाभी कहने लगीं- मेरी चुत में ही पिचकारी मारना… तेरा माल को पी कर ही मेरी चुत की गर्मी ठंडी होगी.
मैंने करारे झटके मारे और हम दोनों एक साथ झड़ गए.
नीलम भाभी के चेहरे पर बहुत ख़ुशी थी. अब पूनम और नीलम दोनों तृप्त दिख रही थीं.
मैंने दोनों को नीचे बिस्तर पर लिटाया. दोनों को खूब किस किया. दोनों ही बड़ी खुश थीं.
पूनम बोली- यार तूने आज हम दोनों को अपना लंड का गुलाम बना लिया.
वे दोनों ही मेरे लंड को सहलाने लगीं. कुछ देर हम तीनों ऐसे ही लेटे रहे. थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से मस्ती में आ गया. ऐसे मस्त माल भाभी की नंगी चूत देख कर कोई मर्द लंड कैसे शांत रह सकता था.
अब मैंने पूनम को उल्टा लिटाया और उसके चूतड़ों पर किस करने लगा.
नीलम भाभी नीचे लेट गईं और मैंने अपना लंड नीलम भाभी के मुँह में डाल दिया. अब मैं नीलम भाभी को लंड चुसा कर पूनम की गांड मारना चाहता था.
मैंने पूनम को बोला- यार पूनम अब गांड को मज़ा लेना है.
पूनम और नीलम दोनों ही खुशी से बोलीं- हम भी यही चाहते हैं.
मैंने पूनम को डॉगी स्टाइल में किया और अपने लंड को पूनम की गांड के छेद पर रख कर धक्का दे दिया.
पूनम के मुँह से एकदम से चीख निकली- हाय मर गई… बहुत बड़ा लंड है… प्लीज़ बाहर निकालो… मैं मर जाऊंगी.
तभी नीलम भाभी ने अपनी एक चुची पूनम के मुँह में दे दी. पूनम की आवज चूची के कारण दब कर रह गई. फिर उसने भी नीलम की चुचि चूसना शुरू कर दिया.
मैंने धीरे धीरे अपना पूरा लंड पूनम की गांड में डाल दिया और पूनम के ऊपर चढ़ कर उसे चोदने लगा. पूनम के नीचे नीलम भाभी लेट गईं और पूनम की चुचियां चूसने लगीं.
इस तरह मैं 20 मिनट तक पूनम की गांड मारता रहा. फिर नीलम घोड़ी बन गई और पूनम नीचे हो गई. मैंने अपना लंड नीलम भाभी की गांड के छेद पर रखा और एक ही झटके में पूरा लंड गांड के अन्दर पेल दिया. नीलम भाभी की चीख निकल गई, उनकी आँख से आँसू आने लगे.
मैं थोड़ा रुक गया.
जब नीलम भाभी का दर्द कुछ कम हुआ, तो फिर से गांड चुदाई शुरू कर दी. धकापेल 15 मिनट तक गांड मारने के बाद हम दोनों ही झड़ गए. उधर पूनम ने भी अपनी उंगली से खुद को एक बार और झड़ा लिया था.
उस रात हम तीनों ने कई बार चुदाई का मज़ा लिया. सुबह 6 बजे हम तीनों फ्रेश हुए और मैं चलने लगा.
नीलम भाभी ने मुझको 10000 रूपए दिए और होंठों पर पप्पी दी.
पूनम ने भी मुझे किस किया और चुदाई के लिए थैंक्स बोला.

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पति के दोस्तों के साथ चुदाई की बड़ा मजा – Pati Ke Doston Ke Saath Chudai Ki Badi Maja | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/pati-ke-doston-ke-saath-chudai-ki-badi-maja/ //otelsan.ru/xbrasilporno/pati-ke-doston-ke-saath-chudai-ki-badi-maja/#respond Thu, 27 Jun 2019 03:54:37 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5920 [...]]]> हेलो दोस्तों जैसे मेने आपको पहले ही बता चूका हूँ की मेरी पति के दोस्तों के साथ मेरी गुप्त सेक्स चल रही हे । मैं चुदाई की भरपूर मजा उठाया ।
अब आगे… “खेलते खेलते चाहो तो तुम मुझे बस छू सकते हो.”
अंश ने हाथ फेरा.
“ओह… अंश मेरी नाभि में गुदगुदी हो रही है.”
“ऊऊऊ स्सस्सस्स… कोमल तेरे ये चूचे बहुत मस्त हैं… किस किसने चूसे हैं.”
“इनका स्वाद कई लोगों ने चखा है.”
“ऊऊओ… नाम बताओ न?”
“वो छोड़ो… अब ये देखते हैं आपमें से कौन पहले इनको देखता है.”
मेरा इतना कहना था कि अजय ने ताश के गेम में बाजी जीत ली और मुझ पर एक झपट्टा मारा.
“आह… अजय तुम जीत गए… बोलो अब क्या चाहते हो मुझसे? सिर्फ नंगी देखना चाहते हो क्या या कुछ और भी?”
“बहुत कुछ…”
“अच्छा तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है वो अलमारी खोलो.”
उसने अलमारी खोली और देख कर चहका- अरे वाह भाभी…
मैंने कहा- अब बताओ, कौन सी ड्रेस पहनूं कि तुमको उतारने में ज्यादा मजा आए.
“ओके कोमल, ये नाइटी पहन कर आना.”
“ठीक है… लाओ. तुम अन्दर चलो दरवाजा बंद मत करना, सिर्फ पर्दा लगाना ताकि ये लोग कुछ आवाजें सुन सकें. अब मैं ये नाइटी पहन कर आती हूँ… तुम अन्दर जाओ.
“और हम क्या करें कोमल?”
“राहुल और अंश अब जब तुम लोग बाद में देखोगे तो इससे अच्छा है कि अभी कुछ नजारा देख लो.”
“कैसे… क्या नाइटी हम पहना दें?”
“नहीं मैं नाइटी खुद पहन लूँगी, पर अगर तुम लोग चाहो तो मेरे कपड़े उतार सकते हो.”
“हाँ हाँ…”
“ठीक है… ऊपर से कौन उतारेगा और नीचे से कौन? ये तुम दोनों तय कर लो.”
अजय ने पास आकर मेरी शॉर्ट का हुक खोला और ज़िप ओपन करके मेरी शॉर्ट उतारने लगा. वो इसके साथ ही मेरी जाँघों को चूम भी रहा था. अंश ने मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए.
“राहुल तुम चाहो तो मुझे किस कर सकते हो… बाकी अगले गेम में जो जीतेगा बाक़ी की मस्ती उसके साथ करूँगी.”
“उम्म्म स्सस्स… उम्म्म क्या रसीले होंठ हैं…” राहुल ने मेरे होंठ चूम लिए. अंश ने शर्ट खोलते हुए मेरे चूचे दबा दिए.
“अंश ये चालबाजी नहीं… पहले अजय की बारी है. अभी तुम भी एक बार किस कर लो बस. मैं दरवाजा ओपन रखूंगी ताकि तुम बाहर से हमारी आवाजें सुन सको, पर अन्दर मत देखना, जिसने देखा उसकी छुट्टी… ओके…!”
“ठीक है… कोमल प्रॉमिस.”
“तुम सच में बहुत कोमल हो.”
“मुझे सब लोग यही कहते हैं.”
अब मैं नाइटी पहन कर अन्दर चली गई.
“अजय लो… मैं आ गई, अब बोलो कैसे क्या देखना है?”
“ओह कोमल बहुत सेक्सी लग रही हो.”
“थैंक्स…”
“अब तुम लेट जाओ.”
“ठीक है!”
“उह क्या होंठ है यार तुम्हारे…”
“उम्म्मम्म… स्सस्सस्स ये जांघें और ये नाभि.”
“क्या मैं तुम्हें इतनी पसंद आई.”
“हाँ कोमल.”
“अच्छा… पर तुम तो बस नंगी देखना ही चाहते थे न?”
“अरे नंगी करने के बाद ये खड़े लंड को बिठाएगा कौन?”
ये कहते हुए उसने मेरी नाइटी उतार दी. अन्दर लेस वाली ब्रा पेंटी थी.
“उ… उम्म्मम्म ओहह…”
वो मेरी चूत को पेंटी पर से किस कर रहा था.
“आआ बहुत अच्छा लग रहा है.”
“चाटो इसे इस्स… पेंटी निकाल कर मुझे नंगी कर लो न…”
उसने पेंटी खींच कर मेरी चुत खोल दी.
“आआ स्सस्सस्स उम्म… अब तुम भी नंगे हो जाओ… और अन्दर तक चूसो इसे आआह…”
उसने चुत चाटना शुरू कर दी.
“मेरे निप्पल भी भारी हो रहे हैं.
“आराम से मसलो न उम्म्मम्म…”
“कोमल केवल चुसवाओगी ही या चूसोगी भी…?”
“अरे जरूर जल्दी से 69 में आ जाओ.”
“ठीक है…”
मैं भी उसका चूसने लगी.”
“आआह… कोमल कितना अच्छा चूसती हो आहह… बॉल्स को चूसने में तो तेरा कोई जवाब ही नहीं… आआहह…”
“मेरी चूत पानी पानी हो गई… अब अन्दर डालो न.”
“ठीक है.”
“तुम भी बहुत अच्छा चूसते हो, कितने समय बाद किसी ने चुत चूसी है… उम्म्मम्म…”
उसने फिर से चुत पर चुम्मा लिया.
“अब मत तड़पाओ… अन्दर डालो.”
“ठीक है…”
“आआहह…”
“टांगें खोलो न…”
“लो… ऊपर मत रगड़ो… अन्दर डालो अब… नहीं तो मैं मर जाउंगी.”
“आहह…”
मैं उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत में फंसाने लगी. उसने धीरे से धक्का लगाया और थोड़ा सा लंड अन्दर घुस गया. मैं जरा सा हिली, वो धीरे धीरे अन्दर करने लगा.
“इतने आराम से मत करो, पूरा जड़ तक डालो न.”
“तुम बोलती बहुत हो… चुप करवाना पड़ेगा.”
वो मेरे होंठ चूसने लगा और बड़े प्यार से लंड अन्दर करने लगा मगर मेरे नीचे तो आग लगी हुई थी- अब नहीं रहा जाता… पूरा डालो.
उसने एक जोरदार झटका मारा और पूरा लंड चूत की दीवारों को चीरता हुआ अन्दर तक चला गया.
“आआ… मर गई…” मेरी बहुत तेज चीख निकल गई. उसने और जोर लगा दिया.
“आया स्सस्सस्स मर गई आआह… मार डाला तुमने स्सस्सस्स उम्म्मम्म… अब तेज तेज चोदो मुझे…”
“आआ… आहह… स्सस्स… ले…”
“मेरे होंठों का रस भी पियो और दूध भी पी जाओ…”
“मैं सब पी गया तो बाकी दो को क्या पिलाओगी?”
“चिंता मत करो मेरी इस फैक्ट्री में बहुत दूध बनता है…”
“आआआ उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्सस्स स्सस…”
“लो अब कंधे पर टांगें रखो.”
उसने अपने कंधे पर मेरी टांगें रख कर अन्दर लंड पेल कर जोरदार चुदाई शुरू कर दी. मेरे निप्पल पकड़ कर मसल रहा था, मेरा पानी पहले ही निकल गया था. उसकी इतनी जोरदार चुदाई के बाद मेरा पानी दोबारा फिर निकल गया.
“उम्म्मम्म उह कोमल मैं कहां निकालूं?”
“चूत में ही निकालो.”
उसने मेरी चूत में पानी निकाल दिया और हम दोनों थोड़ी देर लेटे रहे.
“अब चलें बाहर… बाकी का खेल खेलने?”
“चलो.”
मैं बाहर ब्रा पेंटी और नाइटी पहन कर बाहर आ गई पर सामने से नाइटी ओपन ही रखी थी तो मेरे चूचे और गीली चूत दिख रही थी.
“अजय तुम जीत चुके हो तो अब तुम आराम करो. अब हम तीन खेलेंगे. तुम लोगों की पैन्ट इतनी कैसे फूली हुई है?”
“तुम्हारी चुदाई की आवाजें आ रही थीं… इसलिए हमारे लंड फूल गए हैं.”
“अच्छा तो अब देखो कौन जीत कर मुझे चोदने का मौका पाएगा.”
हम तीनों फिर से खेलने लगे.
“अजय तुम चाहो तो गेम खत्म होने तक मेरे को कुछ छूना या किस करना चाहते हो, तो कर सकते हो.”
“सच…?”
“हाँ यार… इससे मैं और ये दोनों हॉट हो जाएंगे.”
अजय मेरे पास आकर मुझे किस करके मेरे मम्मों को दबाने लगा और चूसने लगा.
“उम्म्म बहुत अच्छा लग रहा है…”
“आआआह… मुझे भी…”
“अब तो हमसे भी नहीं रहा जा रहा है.”
ये कहते हुए उन दोनों ने भी अपने लंड बाहर निकाल लिए और मुझे लंड दिखाते हुए आगे खेलने लगे. इस बार राहुल जीत गया.
“तो राहुल बोलो क्या पहन कर चलूँ?”
“ये स्लीवलेस गाउन, जिसमें पीछे चैन लगी है, ये वाला पहन लो.”
“अरे इसमें तो मेरे बूब्स एकदम उभर आएँगे.”
“तो अच्छा है न…”
“ठीक है जाओ अन्दर…”
वो चला गया.
“अब तुम दोनों मुझे नंगी करके कपड़े पहनाओ.”
“ठीक है.”
मेरी नाइटी तो पहले से ही निकली पड़ रही थी, अंश ने पकड़ कर खींच कर बाहर निकाल दी, फिर ब्रा निकाल दी और निप्पल मसलने लगा.
“नहीं अंश… जल्दी बाजी नहीं… थोड़ा सब्र रखो… मैं तुमको भी पूरा मजा दूंगी… राहुल के बाद तक थोड़ा इंतजार करो.”
अजय ने मेरी पेंटी उतारी और मेरी चूत चाटने लगा.
“उह अजय नहीं, तुम्हारी चाल खत्म हो गई.”
मैंने पूरी नंगी होकर उन दोनों के लंड खड़े करते हुए गाउन पहना और कहा- अब तुम मुझे किस कर सकते हो, फिर मैं अन्दर जाती हूँ.
“उम्म्मम्म स्सस्सस्स…”
“तुम भी अजय…”
“उम्म्म…”
“चलो अब छोड़ो, अब आवाजें सुनना.”
मैं गांड हिलाते हुए अन्दर चली गई.
राहुल अन्दर लंड सहला रहा था- ओह कोमल तुम आ गईं.
“हाँ… आ गई मेरे राजा.”
उसने मुझे जल्दी से अपनी बाँहों में ले लिया और किस करना शुरू कर दिया “उम्म्मम्म आज तो खा जाऊंगा बहुत हॉट माल है यार तू…”
“उम्म्मम्म धीरे थोड़ा…”
“उह… अब रुका नहीं जा रहा जान… मुझे तो बस चोदना है तुमको…”
“तो चोद लो न… इसी लिए तो आई हूँ…”
“उम्म्मम्म… अहह… क्या मस्त चुचे हैं मेरी जान के…”
“तो इनको खा जाओ ना जान…”
“आआआह…”
“मेरी जांघें चूसो न…”
“हां… अभी चूसता हूँ.”
उसने मुझे लिटा कर मेरी पिछाड़ी को चूमना शुरू कर दिया.
“उम्म्मम्म…”
तभी पीछे से राहुल ने मेरे गाउन की ज़िप खोलना शुरू किया और पूरी ज़िप खोल कर मुझे पूरी पीठ पर चाटने लगा.
“ओऊ… तुम्हारी जीभ तो जादू कर रही है… उह…” वो मुझे चूत के पास प्यार से सहला रहा था.
“उह… मत तड़पाओ यार… चुत में गुदगुदी होती है.”
वो पीछे मुँह करके मुझे किस करने लगा और गाउन में हाथ डाल कर मम्मों को मसलने लगा.
“ओह… यार क्या मस्त फिगर है.”
“जान मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.”
“हाँ जरूर लो चूसो… आराम से चूसो…”
“उम्म्मम्म स्सस्सस्स…”
“आह… बहुत अच्छा लंड चूसती हो उम्म्मम्म…”
“आह… बहुत टेस्टी लंड है… आह… कितना बड़ा और मोटा लंड है… बॉल्स भी बहुत अच्छे हैं.”
“उम्म… चूस लो…”
“उम्म्मम्म बहुत टेस्टी लंड है आआआ…”
“अब तुम लेटो मैं तुम्हारी चूत चूसूंगा.” “मेरी जान जो तुमको करना है, कर लो…”
राहुल ने मुझे पूरी नंगी करके मेरी चुत में अपनी पूरी जीभ डाल दी. मैं एकदम से हिलक गई, उसकी जीभ बड़ी कंटीली और खुरदरी थी, मेरी चुत में बड़ी मस्त रगड़ हो रही थी.
“उम्म्म उम्म्म हह…”
उसने चूत चूस चूस कर मेरा पानी निकाल दिया. इसके बाद भी राहुल मेरी चुत को चाटता रहा. मैं फिर से गरम हो गई और अब मुझे रहा ही नहीं जा रहा था “अब अन्दर डालो जल्दी से… उम्म्म…”
उसने मुझे पलंग के किनारे पर लिटाया और लंड को चुत के अन्दर डाल कर मुझे चोदने लगा. वो मेरे निप्पल को अपने मुँह में लेकर खींचने लगा और मसलने लगा.
“आआहह… दर्द हो रहा है… स्सस्सस्स आआह… इस्सस्स… रुको जानू… अब तुम लेटो, मैं ऊपर आती हूँ… आआह… इस्स्स…”
मैं उसके लंड पर कूदने लगी और किस करने लगी.
“आहह…”
वो मेरे मम्मों को तेज तेज मसल रहा था. करीब मिनट की धकापेल चुदाई के बाद उसने मुझे नीचे लिटा कर तेज तज चोदना शुरू कर दिया. मेरा पानी निकल गया था. तब भी वो चुत का भोसड़ा बनाने में लगा था.
“कितना चोदोगे राजा… चुत में जलन होने लगी.”
“बस मेरा भी निकलने वाला है कोमल रानी.”
“इस बार मुझे अपना रस पिलाओ.
“ये लो डार्लिंग मुँह में लंड लेकर चूसो.”
मैं जोर जोर से लंड चूसने लगी और बॉल्स सहलाने लगी. तभी उसने पानी छोड़ दिया… मैं पूरा पानी अमृत समाज कर पी गई, बहुत टेस्टी था. मैं पूरा लंड चाट कर साफ कर गई.
थोड़ी देर बाद बाहर मैं गाउन पहन कर आ गई.
“कोमल अब मैं ही बचा हूँ. चलो अब हम दोनों अन्दर चलें?”
“नहीं रूल इज रूल… पहले गेम खेलो उसके बाद चुत मिलेगी.”
“ठीक है.”
“तुम दोनों मेरे करीब आ सकते हो.”
वो दोनों पास आकर मुझे किस करने लगे. अजय ने ज़िप खोल के मेरी पीठ पर अपनी जीभ फेर दी और चूसने लगा.
“यार आज तो मजा आ गया…”
“अंश तुम आखिरी हो, इसलिए तुम्हारे लिए एक स्पेशल सरप्राइज है.”
“क्या स्पेशल सरप्राइज है…?”
“अजय राहुल तुम दोनों थोड़ा धीरे करो, दोनों गोद में लेट कर मजे कर लो.”
वे दोनों मेरी गोद में सर रख कर लेट गए.
“मम्मों को बाहर निकालो कोमल.”
“खुद ही बाहर निकाल लो.”
“ठीक है…”
उन दोनों ने मेरे मम्मों को बाहर निकाल लिया और एक एक चूचा चूसने लगे.
“उम्म स्सस्सस्स…”
“आहह… उह…”
“धीरे से यार… मेरे निप्पल मत काटो…”
“स्सस्सस्स उम्म्मम्म…”
“अरे अंश क्या हुआ… तुम्हारा लंड तो शायद कंट्रोल से बाहर हो रहा है.”
“हाँ यार ये नहीं रुक पा रहा है… तुम अब प्लीज चलो.”
“ऊँह… अभी नहीं… पहले गेम पूरा करो.”
“नहीं हो रहा यार कंट्रोल…”
“ठीक है बोलो क्या पहन कर चलूँ?”
“ये टाइट लैग्गी और लूज टी-शर्ट पहन लो.”
“ठीक है तुम चलो… मैं आती हूँ.”
“ओके…”
“चलो तुम दोनों ने मुझे नंगी तो कर ही दिया है, अब मैं कपड़े पहन कर अन्दर चली जाती हूँ.
मैं कपड़े पहन कर अन्दर चली गई.
“हाय अंश कैसी लग रही हूँ?”
“बहुत सेक्सी…”
“चलो सीधे खड़े हो जाओ…”
मैं उसे किस करने लगी और उसकी पैन्ट के उपर से ही लंड सहलाने लगी.
“आआह कोमल ये कोमल हाथ मेरे लंड को छूते हैं तो लंड में तूफान आ जाता है.”
“अभी क्या है राजा… अभी तो सरप्राइज बाकी है.”
“पर वो सरप्राइज क्या है?”
“उन लोगों ने मुझे चोदा, पर अब मैं तुमको चोदूंगी… देखना कैसे मजा दूंगी.”
“अच्छा… वाह… चोदो…”
“हाँ… अभी चोदती हूँ.”
मैंने उसके कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दिया और लंड पे जीभ फेरने लगी.
“उम्म्म…”
मैं उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी.
“उम्म्मम्म…”
“अभी तो बॉल्स भी चूसूंगी मेरी जान…”
“हां जान चूसो मजा आएगा.”
मैंने अंश के लंड के बॉल्स चूसना शुरू किये. तो उसने मुझे उठा कर मेरी टी-शर्ट फाड़ कर खुद से चिपका लिया.
“मेरी टी-शर्ट फाड़ दी तुमने तो…”
“आहह… जोर से दबाव…”
“आहह… तुम्हारा लंड मेरे पीछे चुभ रहा है हह…”
तभी अंश ने मेरी लैग्गी भी फाड़ दी. फिर उसने मुझे सीधा बैठा कर मेरी चूत में पूरी जीभ पेल दी.
“उहह… चूसो जोर से तेज तेज मेरी चूत खा जाओ.”
“अह… तुमने भी तो मेरा पानी निकल दिया है.”
अब असली सरप्राइज आता है, उन दोनों ने मेरी चूत ही चोदी थी मगर पर मेरी गांड नहीं मारी थी.
मैंने अंश से गांड बजाने के लिए कहा- चलो अब तुम मेरी गांड की ओपनिंग कर दो.
अंश खुश होते हुए बोला- ठीक है.
मैं डॉगी स्टाइल में आ गई. उसने पीछे से मम्मों पे हाथ जकड़ कर गांड में लंड डाल दिया.
“अह… मर गई रे… धीरे आआहह…”
तभी उसने एक और जोरदार झटका लगा दिया.
“आआआहह…”
वो मेरे होंठों को पीछे मुँह करके चूस रहा था.
“आआहह…”
“अब पोजीशन बदलो अंश… मैं ऊपर आती हूँ.”
“ठीक है…”
वो नीचे आया और मैं उसके लंड को गांड में लेकर उसके लंड पर गांड उछालने लगी.
“लो रानी अब इस उंगली से मैंने तुम्हारी चूत चोदूँगा.”
मेरे जरा सा ऊपर होते ही उसने मेरी चूत में दो उंगलियां लगा दीं. जैसे ही मैं लंड पर बैठी उसकी उंगलियां सीधा मेरी चूत में घुस गईं… मुझे डबल मजा आने लगा.
“आआआआ दुगुना मजा…”
अब मेरी चूत और गांड साथ में चुद रही थी. वो कभी एक निप्पल मसलता कभी दूसरा मींजता.
“उहह… स्सस्स…”
फिर मैं नीचे लेट गई और मेरी टांगें पीछे करके उसने मेरी फिर से चुदाई शुरू कर दी. करीब तीस मिनट की जबर्दस्त चुदाई के बाद मेरा पानी निकल गया.
तभी अंश भी बोला- आह… मेरा भी निकलने वाला है.
“तुम मेरी गांड में ही निकलना.”
“ठीक है.”
उसने पानी गांड में निकल दिया. मैंने उसका लंड चूस के साफ कर दिया और हम दोनों थोड़ी देर लेटे रहे.
“कोमल प्लीज एक बार मेरा लंड चूस कर फिर से पानी निकाल दो ना प्लीज.”
“ठीक है.”
मैंने उसका लंड चूसना और बॉल्स चाटना शुरू कर दिया. थोड़ी देर में वो मेरे मुँह में झड़ गया. हम बाहर आ गए.
“तुम लोग बताओ… पार्टी में मजा आया क्या?”
“हाँ कोमल… बहुत मजा आया.”
“अब चलो सोते हैं.”
“ठीक है.”
अब सब सोने चले गए.
तो दोस्तो, यह थी मेरी ग्रुप में चुत चुदाई की कहानी, कैसी लगी बताइएगा जरूर.
मेरे जिस फ्रेंड समीर ने मेरी इस चुदाई की कहानी को लिखा है, उसका शुक्रिया.

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Punjabi Ladki Ki Chudai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/punjabi-ladki-ki-chudai/ //otelsan.ru/xbrasilporno/punjabi-ladki-ki-chudai/#respond Tue, 25 Jun 2019 01:30:54 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5878 [...]]]> Hi friends, Amir again. Mere sub say pehle story “Kunware Sana Ka Maza ” bohat zayada pasand ke gaye. Pehle story kay baad be main nay apne 3 our real sex stories likehn, Wo be kafi pasand kee gayen lakin Kunware Sana Ka Maza pehlay number pur rehe.Yeah story especially b.com ke pyare pyare girls kay liya hay, kiyun kay mere yeah story punjab college ke larkee Nosheen (name changed ) kay sath sex ke hay. Jin girls ko mera nehe pata un ko apna introduction kurwa deta hoon, main Amir hoon, 34 years ka hoon our shadi shuda hoon. Main dekhnay main bilkul handsome nehe hoon our na he smart lakin sex main larkee ko itna maza deta hoon kay larkee deewane ho jate hay. Main rooz raat ko 10 bajay kay baad online hota hoon.
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अपनी साले की बीवी को घोड़ी बनाके चोदा – Apni Sale Ki Biwi Ko Ghodi Banake Choda | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/apni-sale-ki-biwi-ko-ghodi-banake-choda/ //otelsan.ru/xbrasilporno/apni-sale-ki-biwi-ko-ghodi-banake-choda/#comments Mon, 24 Jun 2019 04:00:45 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5863 [...]]]> दोस्तों, मेरा नाम संजय है और मेरी उम्र ३४ साल है. मैं सेक्स का बहुत ठरकी हु और कोई ना कोई एक्सपेरिमेंट करता रहता हु. मेरा जितना सेक्स में इंटरेस्ट ज्यादा है, मेरी बीवी उतनी ही ठंडी है. वो सेक्स करती है. लेकिन सिर्फ मुझे खुश करने के लिए. अदरवाइज, उसका बस चले, तो वो सेक्स ही ना करे. मुझे तो समझ नहीं आता, कि कोई भी लड़की अपनी चूत को चुद्वाए बैगेर कैसे रह सकती है. ख़ैर मेरी किस्मत. लेकिन मेरी किस्मत उतनी बुरी भी नहीं है. क्योंकि मुझे कोई ना कोई गरम बदन की तपिश से खेलने को मिल ही जाता है. चलिए आपको बोर नहीं करते हु ज्यादा. अब मैं सीधे स्टोरी पर आता हु. बच्चो की गर्मियों की छुट्टिया चल रही थी और मेरा साला अपनी फॅमिली के साथ हमारे घर पा आया था.

वो तीन लोग है. मेरा साला, उसकी बीवी और उनकी एक ३ साल बेटी. मेरे साले की बीवी का सिमी है और वो बहुत ही गरम माल है. जब उसकी शादी हुई थी, मैं तो उस पर तभी से फ़िदा था और मुझे कहीं ना कहीं अंदाज़ा था, कि साले को माल जबरदस्त मिला है. उसकी पुष्टि भी हो गयी, जब वो लोग हनीमून से आये और बहुत खुश थे और उनके सेक्स पिक्चर भी हम लोगो ने देखी. मेरा लंड तो उसको देख कर एकदम से सलामी देने लगता था. उनकी शादी को ३ साल हो चुके थे. बच्चा भी पैदा हो गया था. लेकिन साले जी का एक जबरदस्त एक्सीडेंट हो गया था और उसमे उनका टूल ख़राब हो गया था. उन में बहुत ज्यादा कुछ करने की ताकत नहीं बची थी. अगर वो कोशिश भी करते थे, तो उनकी तबियत ख़राब हो जाती थी. फिर घर में सबने उनको सहला दी, कि ज्यादा प्रॉब्लम करने की जरूरत नहीं है. लाइफ की अहमयित ज्यादा है.

लेकिन, सिमी बेचारी के अरमानो का तो जैसे खून ही हो चूका था. लेकिन एक बच्चा होने की वजह से उसने भी कण्ट्रोल कर लिया था. हम लोगो के घर आने के बाद, मेरा रिश्ता तो उसके साथ मजाक का बनता ही था और मैंने वही रिश्ता रखा भी. मैंने उसको सिद्यूज़ करने का कोई मौका नहीं छोड़ा और उसको ये अहसास करवाया, कि जिस आग में वो तड़प रही है. मैं भी उसी कश्ती में सवार हु. वो कुछ – कुछ मेरी बातो को समझने लगी थी और बोल देती थी – “जीजा जी, बस आप भी. भड़काओ मत. कण्ट्रोल छुट जाएगा”. मैं बोल देता था – तो छुटने दो. मैं भी उसी कश्ती में सवार हु, जिसमे तुम हो. तो मेरी इस बात पर वो आश्चर्य कर जाती थी. एक दिन शायद उसने मेरी बीवी से पूछ लिया था और उसको ये कन्फर्म हो गया था, कि मेरे सेक्स की हवस को बुझाना मेरे बीवी के बस का नहीं है. अब वो भी धीरे – धीरे मेरी तरह आकर्षित होने लगी थी.

अचानक से साले को २ दिन के लिए ऑफिस के काम से बाहर जाना था. तो उसने कहा – मैं काम करके यहीं वापस आ जाऊँगा. वापस जाकर क्या करेंगे अभी. वो चले गया और मुझे थोड़ा सा स्पेस और मिल गया. किस्मत शायद मेरे साथ थी, कि मेरी बीवी की तबियत अचानक से ख़राब हो गयी और मेरे साले की बीवी ने सारी जिम्मेदारी ले ली. डॉक्टर ने उसको जो दवाई दी थी. उसकी वजह से वो ज्यादातर टाइम सोते ही रहते थी. बच्चे या तो टीवी देख रहे होते थे या खेल रहे होते थे. मैंने इस मौके का फायदा उठाया और अब मजाक में उसका हाथ भी पकड़ लेता था या उसको टच कर देता था. वो मुझे कुछ नहीं कहती थी, बस मुस्कुरा देती थी. मुझे लगा, की मामला क्लियर है और फिर मैंने एक दिन जब बच्चे और बीवी दो गये थे और किचन को खतम कर रही थी.

मैंने उसके पीछे चुपके से गया और उसको पकड़ लिया और अपनी बाहे उसकी कमर में कस दी. वी चौक गयी और बोली – क्या कर रहे है आप? छोडिये… मैंने कहा – छोड़ने के लिए थोड़ी पकड़ा है. मुझे मालूम है, कि तुम बहुत प्यासी हो और मैं भी बहुत दिनों से प्यासा हु. आज मुझे तुम में डूब जाने दो और खुद को मुझ में दुबोलो. वो बोली – ये गलत है. किसी को पता चल गया तो? मैंने कहा – किस को पता चलेगा? सब सो रहे है और बस तुम और मैं ही जागे है और वो भी प्यासे. मैंने उसको और कुछ कहने का मौका नहीं दिया और उसकी गर्दन पर अपने होठो को रख दिया और चूमने लगा. वो मेरी बाहों में कसमसाने लगी और उसके मुह से सिस्कारिया निकलने लगी.. अहः अहहाह अहहाह अहहाह… क्या कर रहे है. उसने अपने हाथो को मेरे गालो को सहलाना शुरू कर दिया. फिर उसने अपने एक हाथ मेरे गाल पर रखा और दूसरा मेरे लंड पर पंहुचा दिया और दबाने लगी.

वो बोली – बहुत जबरदस्त है आपका. बहुत ही प्यासी हु मैं. प्लीज मेरी प्यास को बुझा दो ना.. मैं तड़प रही हु और मर रही हु. किसी को मेरी चिंता नहीं है. मैंने उसको एकदम से अपनी बाहों में उठाया और उसको गेस्ट रूम में जाकर बेड पर पटक दिया. वो जंगली बिल्ली की तरह मेरे लंड पर टूट पड़ी और एकदम से मेरे लोअर को और अंडरवियर को एकसाथ उतार दिया और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी. वो मेरे लंड दबा रही थी और मसल रही थी. मुझे उसकी बैचेनी का मज़ा आ रहा था. मैंने उसके मुह को पकड़ और उसको चूमना शुरू कर दिया. उसने बोला – जीजा जी, एक बार डाल दो. बाकी सब बाद में कर देना. प्लीज… बाब नहीं कण्ट्रोल हो रहा है. मैंने समझ गया, कि लंड को देख कर इसके सब्र का बांध टूट रहा है. मैंने उसको एकदम नंगा किया और खुद भी नंगा हो गया. फिर मैंने उसको बेड पर धक्का मारा और ६९ की पोजीशन में आ गया और उसके मुह में अपने लंड को घुसा दिया और अपना मुह उसकी चूत पर लगा दिया… उसके मुह से एकदम से अहहहाहह्हहः निकलने लगी.

वो भी मेरे लंड को जबरदस्त तरीके से चूम रही थी और चाट रही थी. कुछ देर के बाद, वो एकदम से बेसब हो गयी और उसने मुझे धक्का मार दिया और एकदम से मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गयी और मेरे लंड अपने हाथ से मसलने लगी और फिर एकदम से उसने मेरे लंड को अपने हाथ से सीधा किया और अपनी चूत को एकदम से उसके ऊपर रख कर बैठ गयी धम्म से.. बाप रे… क्या जबरदस्त टाइट चूत थी. मुझे लगा ही नहीं, कि वो एक बच्चे की माँ भी है. खूब तेजी से वो मेरे ऊपर उछल रही थी और मेरे लंड उसकी चूत में फकाफक उसकी चूत में अन्दर जा रहा था. कुछ देर बाद, उसकी स्पीड तेज हो गयी और वो अहहाह अहहाह अहहाह अहः अहः अहहाह करके चिल्ला रही थी और अपने बूब्स को बहुत जोर से दबा रही थी. फिर वो एकदम से झड गयी और निढाल होकर मेरे ऊपर गिर गयी. उसने मेरे चेहरे को पकड़ा और मुझे चूमने लगी. उसके चेहरे से पसीना आ रहा था और फिर कुछ देर के बाद, उसने मेरे लंड को पकड़ा और उसको चूसने लगी और एकदम से खड़ा कर दिया और फिर से हमने सेक्स किया..

उस रात हमने ४ बार सेक्स किया और मैंने उसको ४थ बार में १ घंटे तक चोदा और उसकी चूत और गांड दोनों की मस्त चुदाई की. फिर तो जब तक मेरा साला नहीं आ गया. मैंने उसको रोजाना रात को बजाय और मज़ा किया… अब तो मैं मौका निकाल कर उसके घर चले जाता था और उसकी जैम कर चुदाई करता था. अब हम दोनों बहुत खुश है…

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दोस्त की मौसी के साथ चुदाई की बड़ा मज़ा – Dost Ki Mausi Ke Saath Chudai Ki Bada Maza | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-mausi-ke-saath-chudai-ki-bada-maza/ //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-mausi-ke-saath-chudai-ki-bada-maza/#respond Sun, 23 Jun 2019 05:36:13 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5855 [...]]]> फिर एक नयी कहानी के साथ मैं रबी आपको otelsan.ru के इसी गन्दी दुनियां में स्वागत करता हूँ । सभी लंड धरी लोगों को मेरे लंड के तरफ से प्रणाम और सभी चुत धरी रण्डिओं को मेरे लंड की सलाम । उम्मीद हे चुत की पानी गरम हो चुकी होगी । ये कहानी पढ़के और भी गरम होने वाला हे तो पढ़िए ये चुदाई की कहानी |
दोस्तों आज जो कहानी में आप सभी के लिए लेकर आया हूँ, यह मेरी पहली सच्ची घटना है। दोस्तों मेरी फेमिली में मेरी मम्मी, पापा और मेरा एक भाई है और यह कहानी मेरी और मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त की मौसी की है, जिसका नाम दिव्या है। दोस्तों दिव्या की उम्र करीब 28 साल थी और उसका एक 4 साल का बेटा भी था।
दिव्या का पति एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता था और उसका चक्कर उसी के ऑफिस की एक लड़की के साथ था और इसलिए वो दिव्या का ज्यादा ख्याल नहीं रखता था और ना ही वो उसके बेटे की परवाह किया करता था, यहाँ तक कि उसे पूरे सात महीने हो गए थे और दिव्या को उसने हाथ भी नहीं लगाया था, लेकिन दोस्तों आख़िर दिव्या भी एक औरत थी और वो सेक्स के बिना कैसे रह सकती थी? फिर भी उसने अपनी मर्यादा को अभी तक नहीं तोड़ा था, लेकिन उसके पति ने एक दिन उससे कहा कि वो अब दिव्या को बहुत जल्दी तलाक दे देगा।

फिर दिव्या उसके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल पागल सी हो गई थी, उसने अपनी बहन मतलब कि विजय की मम्मी स्मिता आंटी को फोन करके सब कुछ बता दिया। फिर स्मिता आंटी और अंकल तुरंत दिव्या के घर पर चले गये। दिव्या बड़ोदा रहती थी, स्मिता आंटी और अंकल ने दिव्या के पति को बहुत कुछ समझाया, लेकिन वो नहीं माना और आख़िर स्मिता आंटी, दिव्या और उसके बेटे को अपने घर पर लेकर आ गई। दिव्या का स्मिता आंटी के सिवा पूरी दुनिया में अब कोई नहीं था। दोस्तों अब में विजय की बात करता हूँ, विजय और में 12th क्लास से साथ है और हम बहुत अच्छे दोस्त है। विजय के परिवार में उसके पापा मम्मी और एक बहन है जो शादीशुदा है। विजय के पापा का कपड़ों का होलसेल बिज़नेस है और विजय भी उनके साथ में काम करता है। दोस्तों विजय के मम्मी, पापा मुझे अपने बेटे की तरह समझते थे, इसलिए में उनके परिवार में एक सदस्य जैसा हूँ और उनको मुझ पर बहुत भरोसा है।

दोस्तों दिव्या के आने के बाद स्मिता आंटी ने दिव्या से मेरी पहली बार मुलाकात करवाई और दिव्या की सभी समस्याए मुझे बताई। फिर मैंने उन्हें थोड़ा विश्वास दिला दिया कि बहुत जल्दी सब कुछ ठीक हो जाएगा। दो महीने ऐसे ही निकल गये और अब दिव्या मेरे साथ एक बहुत अच्छे दोस्त की तरह हो गयी थी, लेकिन हमेशा वो बहुत उदास रहती थी और हर कभी रोती थी और उसकी वजह से स्मिता आंटी भी हमेशा बहुत चिंता में रहती थी। फिर एक दिन विजय का कॉल आया और उसने मुझसे कहा कि मेरे घर पर आओ, तो में उसी शाम को उसके घर पर चला गया। तब विजय ने मुझसे कहा कि क्या तुम मेरे साथ बिज़नेस के काम से मुंबई चलोगे? फिर मैंने उससे कहा कि नहीं मुझे बहुत काम है, इसलिए में तुम्हारे साथ नहीं आ सकता। फिर विजय ने मुझसे कहा कि मेरे पापा भी चार दिनों के लिए दिल्ली जा रहे है और विजय भी तीन दिन के लिए मुंबई जा रहा है, इसलिए उसने मुझसे कहा कि तुम मेरे घर का ख्याल रखना। दोस्तों मेरा और विजय का घर ज्यादा दूरी पर नहीं था, इसलिए मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं आप दोनों आराम से चले जाओ, में घर का पूरा ख्याल रख लूँगा और फिर मैंने आंटी से भी कहा कि अगर आपको कुछ भी काम हुआ तो आप मुझे फोन करना, में चला आ आऊंगा और दूसरे दिन सुबह अंकल दिल्ली चले गये और शाम को विजय मुंबई। फिर करीब 7:00 बजे उसी शाम को आंटी का मेरे पास फोन आया तो उन्होंने मुझसे मेडिकल से कुछ दवाई और मालिश के लिए एक तेल की बॉटल मँगवाई और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि आज रात का खाना हम साथ में बैठकर खायेगें।

फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है और फिर में रात को करीब 9:30 बजे आंटी के घर पर पहुंच गया, हमने सबसे पहले एक साथ बैठकर खाना खाया, लेकिन मुझे दिव्या वहां नजर नहीं आई तो मैंने आंटी से पूछा कि दिव्या कहाँ है? तो आंटी ने मुझसे कहा कि उसकी हालत बहुत खराब है और वो इस समय अपने रूम में है। फिर मैंने उनसे कहा कि तो चलो हम कोई दवाई दे देते है। फिर आंटी ने कहा कि उसे किसी दवाई की ज़रूरत नहीं है और यह सब तुम नहीं समझोगे। दोस्तों में सच में कुछ भी नहीं समझा और में दिव्या के रूम में चला गया और मैंने वहां पर जाकर देखा कि वो अपने बेटे को सुला रही थी और बहुत रो रही थी और बहुत उदास थी। फिर मुझे देखकर वो और भी ज़्यादा रोने लगी और मुझसे यह सब देखा नहीं गया। फिर में वापस हॉल में आंटी के पास आ गया और फिर मैंने आंटी से पूछा कि क्या हुआ? तो आंटी ने कहा कि दिव्या के पति ने दिव्या को तलाक दे दिया है। दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझे भी बहुत दुख हुआ और मैंने देखा कि आंटी भी मुझसे बात करते हुए रोने लगी थी।

फिर मैंने आंटी के कंधो पर हाथ रख दिया और उनसे कहा कि सब ठीक हो जाएगा। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि हाँ अब जल्दी से कोई अच्छे से इंसान के साथ दिव्या की दूसरी शादी करनी पड़ेगी, क्योंकि एक अकेली औरत को हमेशा बहुत मुश्किल होती है। फिर मैंने भी उनकी बात को सुनकर अपने सिर को हिलाकर हाँ कहा और कुछ देर बाद मैंने आंटी से कहा कि में अब अपने घर पर जाता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि मुझे तुमसे एक बहुत ज़रूरी बात करनी थी। फिर मैंने कहा कि हाँ बोलो ना? तो आंटी ने मुझसे कहा कि पहले अंदर रूम में चलो और फिर हम रूम में चले गये। अब आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम दिव्या की थोड़ी मदद करोगे? और तुम्हारे ऐसा करने से हो सकता है कि दिव्या को बहुत खुशी मिलेगी? फिर मैंने तुरंत आंटी से कहा कि ठीक है और में दिव्या की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि सबसे पहले तुम मुझसे वादा करो और फिर मैंने आंटी से वादा किया। तभी आंटी ने मुझसे कहा कि क्या तुम दिव्या के साथ सेक्स करोगे? दोस्तों में आंटी के मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल आशचर्यचकित हो गया और मेरे जिस्म में जैसे करंट सा लग गया। में कुछ देर एकदम चुप रहा। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी यह आप क्या कह रही हो? दिव्या मेरी आंटी जैसी है और में आपके परिवार का एक सदस्य जैसा हूँ और ऐसा कभी नहीं हो सकता। फिर आंटी ने कहा कि देखो बेटा औरत कैसी भी परिस्तिथि में रह सकती है, लेकिन वो सेक्स के बिना क्या करेगी? तुम्हें नहीं पता दिव्या ने पिछले 9 महीने से एक भी बार सेक्स नहीं किया और अब तो उसका तलाक हो गया है, तुम ही बताओ अब वो क्या करेगी? और अगर सेक्स की मजबूरी में उसने किसी ग़लत इंसान के साथ अपना सेक्स सम्बन्ध बनाया तो बहुत बड़ी समस्या होगी और उससे उसकी बहुत बदनामी भी होगी और कोई दिव्या से शादी भी नहीं करेगा और इसलिए बेटा तुम्हारे सिवा कोई और मेरे भरोसे के लायक भी नहीं है, क्या तुम मेरा इतना काम नहीं करोगे? उस समय दिव्या भी पास बैठी रो रही थी और आंटी की आँख में भी आँसू आ गये थे, में सोच रहा था कि क्या करूं क्या जवाब दूँ? दिव्या बहुत रो रही थी, उसका शरीर सामान्य था और बूब्स ज़्यादा बड़े नहीं थे और वो एक बहुत सीधी साधी औरत है।

फिर मैंने दिव्या को देखा और कहा कि प्लीज अब आप रोना बंद करो में कुछ सोचता हूँ। अब स्मिता आंटी ने मुझसे कहा कि दिव्या ज्यादा सुंदर नहीं, इसलिए शायद तुम्हें पसंद नहीं और वो थोड़ी सिंपल भी रहती है। फिर मैंने तुरंत उनसे कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, यह सब बहुत ग़लत है और अगर विजय या अंकल को पता चला तो मेरी दोस्ती भी खत्म हो जाएगी और कोई समस्या होगी तो? फिर आंटी ने मुझसे वादा किया और मुझसे कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। अब मैंने उनसे कहा कि में थोड़ा सोचकर आपको इस बात का जवाब देता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि ठीक है बेटा और फिर में अपने घर पर जाने के लिए निकल गया। में पूरे रास्ते यही बात सोचता रहा कि में उन्हें क्या जवाब दूँ? मैंने आज तक दिव्या को इस नज़र से कभी नहीं देखा था, लेकिन आंटी की वो बात सुनकर अब मेरा भी दिल सेक्स करना चाहता था। दोस्तों मैंने आज तक सिर्फ दो बार एक कॉल गर्ल्स के साथ सेक्स किया था। फिर में घर पर पहुंचकर फ्रेश हुआ और अपने रूम में आकर नाईट ड्रेस पहन रहा था कि तभी मेरे पास आंटी का कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि वो मेरी मम्मी से बात करना चाहती है और मैंने अपनी मम्मी को अपना फोन दे दिया।

फिर आंटी ने मेरी मम्मी से कहा कि प्लीज आप राज को तीन दिन रात को हमारे यहाँ पर सोने के लिए भेज देना, क्योंकि विजय और उसके पापा दोनों ही शहर से बाहर गए हुए है और उनके जाने के बाद घर पर अब हम दोनों बिल्कुल अकेले है और अगर हमारे साथ राज रहेगा तो हमे उसकी वजह से थोड़ी हिम्मत रहेगी, नहीं तो मुझे रात को अकेले बहुत डर लगता है। अब मम्मी ने आंटी से कह दिया कि ठीक है, में अभी उससे कहती हूँ और इतना कहकर उन्होंने फोन कट कर दिया और मम्मी के कहने पर मैंने अपनी नाईट ड्रेस और जीन्स, शर्ट ले लिया और फिर में आंटी के घर पर पहुंच गया। उस समय रात के करीब 12 बजे थे। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि तुम विजय के रूम में जाकर सो जाओ और में रूम में चला गया और नाईट ड्रेस पहनने लगा। फिर उसके बाद में हॉल में आ गया, उस समय आंटी टी.वी. देख रही थी। मैंने आंटी से पूछा कि क्या आप अब तक मुझसे नाराज़ हो? तो आंटी ने मुझसे कहा कि नहीं बेटा में तुमसे बिल्कुल भी नाराज़ नहीं हूँ, वो तो बस मुझे थोड़ी दिव्या की चिंता थी। तभी मैंने उनसे कहा कि सब ठीक हो जाएगा, आंटी में सोच रहा था कि किसी कॉल गर्ल्स के साथ सेक्स करने से तो अच्छा है कि दिव्या की चुदाई की जाए, क्योंकि कॉल गर्ल्स के साथ कभी ना कभी पकड़े गये तो इज़्ज़त की बदनामी होगी और इससे अच्छा है कि आंटी की भी सेक्स कि भूख मिट जाएगी। फिर मैंने देखा कि स्मिता आंटी भी उस समय बहुत उदास थी और उनकी आँख से आँसू भी आ गये थे। मैंने उनके आँसू साफ किए और मैंने उनसे कहा कि ठीक है में तैयार हूँ। फिर आंटी मुस्कुराई और उन्होंने मुझसे किसी को ना बताने का वादा लिया। फिर मैंने उनसे हाँ कहा और वो तुरंत उठकर दिव्या के कमरे में चली गई और करीब दस मिनट बाद वो बाहर आ गई और उन्होंने दिव्या से कहा कि तुम विजय के रूम में चली जाओ और उन्होंने मुझे तेल की बॉटल दे दी और कहा कि तुम थोड़ा इसका ख्याल रखना, दिव्या ने करीब 9 महीने से सेक्स नहीं किया।

दोस्तों में समझ गया और रूम में चला गया और अब मुझे भी सेक्स करना था तो मैंने रूम में अंदर जाते ही रूम को बंद कर लिया और तब मैंने देखा कि दिव्या बिस्तर पर बैठी हुई शरमा रही थी और वो थोड़ी खुश भी थी। मैंने बाथरूम में पानी चेक किया और दिव्या के पास जाकर बैठ गया और सोच रहा था कि अब में कैसे शुरू करूं? दिव्या ने कहा कि अगर थक गये हो तो में हाथ पैर की मालिश कर देती हूँ। फिर मैंने सबसे पहले ना कहा और फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब मैंने भी मन ही मन सोच लिया कि में अब बिल्कुल भी शर्म नहीं करूँगा और मैंने तुरंत अपनी नाईट ड्रेस को उतार दिया और बिस्तर पर लेट गया। फिर दिव्या मेरे हाथ पर मालिश करने के लिए थोड़ा झुकी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके होंठो पर किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और उसका एक हाथ मेरे 7 इंच के लंबे लंड पर था, वो अब धीरे से मेरे लंड को मसलने लगी और में भी उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा। कुछ देर बाद मैंने दिव्या से कहा कि तुम अपने कपड़े उतार दो, तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ी सी शरमाने लगी और फिर उसने अपने कपड़े उतार दिए। फिर मैंने देखा कि उसके बूब्स गोल गोल और थोड़े आकार में ठीक थे और उसकी चूत थोड़ी काली थी, लेकिन उस पर बिल्कुल बाल नहीं थे। फिर मैंने तुरंत उसको अपनी बाहों में खींच लिया और किस करने लगा, उसके होंठो को अब चूसने लगा। दोस्तों दिव्या ज्यादा गोरी नहीं थी, लेकिन उसका फिगर बहुत सेक्सी था।

अब मैंने उसको बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और उसके पूरे जिस्म को किस करने लगा, उसके बूब्स को मैंने बहुत देर तक मसला और बहुत चूसा मैंने इतना ज़ोर ज़ोर से बूब्स को मसला कि वो चिल्ला उठी। मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाली और मैंने महसूस किया कि वो थोड़ी टाईट थी और मैंने अपनी उंगली को थोड़ा ज़ोर से अंदर डाल दिया तो वो चिल्ला उठी, आहहह आईईईईइ में भी अब पागल होने लगा। मैंने उसको कहा कि उल्टी लेट जाओ और वो झट से पलट गई, वाह दोस्तों उसकी क्या गांड थी। उसको देखकर मेरा दिल कर रहा था कि 7 इंच का पूरा लंड अंदर डाल दूँ, लेकिन थोड़ा डर भी लग रहा था। फिर मैंने उससे कहा कि मेरा लंड चूसो तो उसने सबसे पहले मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाया और फिर चूसने लगी और वो बहुत अच्छी तरह से चूस रही थी, जिसकी वजह से में बिल्कुल पागल हो रहा था और कुछ देर बाद मेरे लंड से पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे कहा कि बस करो और अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकाल लिया। फिर मैंने बहुत सारा तेल अपनी उंगली पर ले लिया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करने लगा और उसको भी अब कुछ कुछ होने लगा था, वो सिसकियाँ भरने लगी, अह्ह्ह्हह्ह् ऑश ओह्ह्ह्हह्ह मरी। अब मेरी उंगली उसकी चूत में थी और में उसके होंठो को चूस रहा था और मेरा लंड अब उसके हाथ में था, लेकिन अब मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। फिर मैंने बहुत सारा तेल मेरे लंड पर लगाया और उसके पैरों को फैला दिया, उसकी फूली हुई काली चूत मेरे सामने फैली हुई थी और मैंने देर नहीं की और लंड के सुपाड़े को चूत के छेद के पास रख दिया और थोड़ा सा अंदर की तरफ दबाने लगा तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया और उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी।

फिर मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया तो मेरा लंड थोड़ा और अंदर चला गया, लेकिन अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने ज़ोर से 3-4 धक्के लगाए तो उसके मुहं से ज़रा सी चीख निकली, लेकिन में अब रुकने वाला नहीं था, बस में लगातार धक्के लगाता रहा और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था, उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर लपेट दिए थे और मैंने अपनी स्पीड को और भी तेज करके ज़ोर से धक्के लगाए, इतना ज़ोर से कि वो अह्ह्ह्ह आह्ह करने लगी। उसकी आह्ह्ह की आवाज को सुनकर मैंने अपनी स्पीड को में और भी तेज करके ज़ोर से धक्के देने लगा। मैंने एक दो बार तो इतना ज़ोर से झटका लगाया कि वो चिल्ला उठी, वो बस अब पूरी तरह से मदहोश हो गई थी, में बस झड़ने वाला था। अब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर उठा लिया और 10-12 ज़ोर से धक्के लगाए तो वो चिल्ला उठी और में झड़ गया। हमारी यह चुदाई करीब 14 मिनट तक चली और मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत में निकल गया और में थककर उसके ऊपर लेटा रहा, उसकी आँख से आँसू बाहर आ गये और चेहरे पर संतुष्टि की मुस्कान आ गई। दोस्तों हमने करीब 30 मिनट तक आराम किया और उसके बाद उसने मुझसे कहा कि अब ऊपर से उतर जाओ, मुझे नहाने जाना है। फिर मैंने कहा कि नहीं सुबह नहा लेना और अभी मुझे रात में तुम्हारी दोबारा चुदाई करनी है फिर वो कुछ नहीं बोली और हम दोनों सो गये। सुबह 6 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरे पास वो भी सो रही थी। फिर मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया और चूसने लगा तो इतने में वो भी जाग गई। फिर मैंने उससे कहा कि पहले मेरा लंड चूसो और मेरे ऊपर आ जाओ तो उसने तुरंत उठकर सबसे पहले मेरा लंड हाथ से हिलाया और जब लंड कड़क हुआ तो चूसने लगी, अब में भी तैयार था। मैंने उससे कहा कि ऊपर आओ तो वो ऊपर आ गई, उसने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ा और चूत के छेद पर लगाया और अब वो थोड़ा सा झुक गई तो लंड आधा अंदर चला गया और उसके मुहं से आह्ह्ह्ह की आवाज निकल गई, वो थोड़ा ऊपर हुई तो मैंने ज़ोर से एक झटका लगा दिया और फिर मेरा पूरा लंड अंदर चला गया, वो थोड़ी ज़ोर से चिल्लाती रही और मैंने धक्के लगाना शुरू किया और मुझे मज़ा आने लगा और वो भी अब आहें भरने लगी। फिर करीब पांच मिनट के बाद मैंने उससे कहा कि घोड़ी बन जाओ, तो वो झट से घोड़ी बन गई। दोस्तों में आपको क्या बताऊँ, मुझे उसको घोड़ी बनाकर चोदने में कितना मज़ा आया? में तो पागल की तरह ज़ोर से धक्के लगाने लगा, इतने ज़ोर से कि वो चिल्ला उठी और में एक मिनट रुक गया और वो मेरी तरफ देखने लगी और मैंने उसको सीधा लेटा दिया और उसके पैर फैलाकर फिर से चोदने लगा। फिर पता नहीं क्या हुआ? वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, मुझे थोड़ा सा दर्द हो रहा था। फिर भी में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया और में दस मिनट में झड़ गया। मैंने अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और तब मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि चूत में ज़्यादा चिकनाई नहीं थी तो उस वजह से मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ था। फिर में थककर साइड में सो गया।

फिर सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि दस बज गए थे और में बहुत थक गया था। मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था और में उठकर सीधा बाथरूम में चला गया, फ्रेश हुआ जॉगिंग ट्रॅक और टी-शर्ट पहनी और में जब हॉल में गया तो स्मिता आंटी ने मुझसे कहा कि बैठो में तुम्हारे लिए नाश्ता बना देती हूँ। फिर मैंने पूछा कि दिव्या कहाँ गई? तो आंटी ने कहा कि वो किचन में काम कर रही है, में किचन में चला गया और मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और में उसके बूब्स को दबाने लगा, वो मना करने लगी, लेकिन में फिर भी उसके होंठो को चूसने लगा, वो मुझसे दूर जाने लगी, लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और इतने में स्मिता आंटी भी वहां पर आ गई और वो कहने लगी कि क्यों पूरी रात चुदाई के बाद भी दिल नहीं भरा क्या? तो मैंने कहा कि नहीं में अभी एक बार और चुदाई करूँगा और फिर ऑफिस जाऊंगा। फिर दिव्या मेरी यह बात सुनकर शरमा गई। तब स्मिता आंटी बोली कि धीरे धीरे करना और अगर यह कल रात की तरह चिल्लाएगी तो कोई सुन लेगा और स्मिता आंटी ने दिव्या से मज़ाक में कहा कि तेरी चूत फटने वाली है।

फिर दिव्या शरमाकर बाहर चली गई, लेकिन तभी अचानक मेरे ऑफिस से फोन आया कि कोई जरूरी काम है। मैंने नाश्ता किया और जल्दी से ऑफिस चला गया। दोस्तों मेरा मन ऑफिस में भी नहीं लगा और मुझे सभी जगह दिव्या की चूत और बूब्स दिख रहे थे। मैंने जैसे ही काम ख़त्म किया और खाना खाने के बाद 2:30 बजे में आंटी के घर पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि स्मिता आंटी टी.वी. देख रही है और दिव्या एक किताब पढ़ रही थी। फिर मुझे देखकर दिव्या मुस्कुराई और मैंने उसे इशारा किया कि पास वाले रूम में आ जाओ, तो वो रूम में आ गई। फिर मैंने उसको पकड़कर किस करना शुरू किया, उसने साड़ी पहनी हुई थी तो मैंने उसकी साड़ी को उठाया और उसकी पेंटी को उतारने को कहा, उसने पेंटी को उतार दिया और मैंने बिना देर किए उसको बिस्तर पर लेटा दिया और लंड को चूत में डालकर चुदाई करने लगा औ इस बार दिव्या चिल्लाती रही और मैंने जल्दी में दरवाजा बंद नहीं किया और बाहर खड़ी स्मिता आंटी यह सब देख रही थी, दिव्या जब ज़ोर से चिल्लाई तो स्मिता आंटी ने कहा कि चूत में थोड़ा तेल लगा लो, क्योंकि चूत में बिल्कुल भी चिकनाई नहीं है, लेकिन मैंने एक भी बात नहीं सुनी में और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और चुदाई करते करते उसका ब्लाउज फट गया था। अब मेरा लंड लगातार अंदर बाहर हो रहा था। मैंने इतने ज़ोर से धक्के लगाए कि दिव्या पागल सी हो गई और वो पांच मिनट में झड़ गई। फिर में भी थोड़ी देर बाद झड़ गया और साईड में सो गया। उसने अपनी ब्रा, पेंटी को पहना, साड़ी को ठीक किया और बाहर चली गई। फिर मैंने वहीं पर एक घंटे आराम किया और फिर ऑफिस के लिए तैयार हुआ और वहां से निकल गया ।।

धन्यवाद …

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तीन लंड से चुदाई की बड़ा मज़ा – Tin Lund Se Chudai Ki Bada Maza | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/tin-lund-se-chudai-ki-bada-maza/ //otelsan.ru/xbrasilporno/tin-lund-se-chudai-ki-bada-maza/#respond Sat, 22 Jun 2019 01:46:37 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5845 [...]]]> हेलो, मैं अंजना आप सभी को स्वागत करते हुए मेरे ढेर सारि शुभकामनाएं सिर्फ आपके लिए हे । आप सभी को आज मैं अपनी चुदाई की काहनी बताने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सभी को मजा आएगा । ये चुदाई की कहानी में तीन लंड मिलके मेरे चुत की बरी बरी चुदाई की हे । पढ़िए और मजा लीजिये ।
दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ जो मेरे साथ हुई एक घटना है, मुझे हमेशा से ही सेक्स करने का बहुत शौक था, लेकिन कॉलेज तक मुझे कभी भी सेक्स करने का मौका नहीं मिला, लेकिन कॉलेज में मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त
बना उसका नाम सतीश है और सतीश ने ही मेरी पहली बार चुदाई की थी और आज तक वो ही मुझे लगातार चोद रहा है और अब मेरी शादी होने के बाद भी उसने मुझे बहुत बार चोदा और इतना ही नहीं उसने मुझे कई बार और भी लोगों से भी चुदवाया। दोस्तों कॉलेज के बाद से में एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगी और सतीश अपना फेमेली का व्यपार देखने लगा, वो मुझे कई बार शहर से बाहर जैसे ऊटी, गोआ जैसी जगह पर ले जाता था, लेकिन वो भी एक शादीशुदा लड़की की तरह ड्रेस पहनाकर जिससे कोई भी हम पर शक ना करे। सतीश ने मुझे कई बार बहुत सारे अजनबियों से चुदवाया जैसे होटल के रूम सर्विस बॉय, ड्राइवर, टूरिष्ट गाईड और उसने मुझे अपनी रंडी बनाकर रखा हुआ था।

दोस्तों पहले मेरे पास एक भी सेक्सी ड्रेस नहीं थी तो एक दिन सतीश में मुझसे कहा कि तुम्हे एकदम सेक्सी दिखना है और उसने मुझे तैयार होने को कहा, उसने मुझसे साड़ी पहनने को कहा और बोला कि में पेंटी और पेटीकोट नहीं पहनू और मेरी साड़ी कमर के नीची बँधे। फिर वो मुझे एक ब्रॅंडेड ड्रेस की शॉप पर ले गया। वहां पर दो लोग थे, वो लोग मुझे एक रूम में लेकर गये और फिर सतीश ने उनसे कहा कि 5 एकदम सेक्सी और बिल्कुल मस्त दिखने वाले ब्लाउज खरीदने है, लेकिन ब्लाउज के पीछे का पूरा हिस्सा खुला होना चाहिए सिर्फ़ बदन पर अटका हुआ होना चाहिए। फिर एक आदमी ने मेरे पूरे जिस्म का नाप लेना शुरू किया और फिर उसने मुझसे मेरी साड़ी का पल्लू हटाने को कहा ताकि वो अच्छी तरह से नाप ले सके। तो मैंने सतीश की तरफ देखा और उसने कहा कि हाँ हटा दो। तो उस आदमी ने सतीश से पूछा कि आगे की तरफ हिस्सा कैसी डिजाईन का चाहिए? तो सतीश ने उससे कहा कि मेरे आधे आधे बूब्स उस ब्लाउज में से बाहर की तरफ दिखने चाहिए वो बहुत ही गहरे गले का होना चाहिए।

तो वो दोनों उसकी बात को सुनकर एक दूसरे की तरफ देखकर स्माइल करने लगे और फिर उनमे से एक ने पूछा कि आपको कितना गहरा गला चाहिए? तो सतीश ने कहा कि उसकी ब्रा की गहराई के बराबर का साइज़ होना चाहिए। तो उसने कहा कि फिर तो हमे ब्रा का नाप लेना पड़ेगा, तब सतीश आगे की तरफ आया और वो मेरे ब्लाउज को खोलने लगा और जब मैंने उसे मना किया तो वो उनके सामने ही मेरे बूब्स को दबाने लगा, लेकिन मुझे अच्छा लगा। तो उसने कहा कि सेक्सी ड्रेस के लिए तो ऐसा भी करना पड़ेगा और अब वो मेरे ब्लाउज को खोलने लगा और फिर ब्लाउज को पूरा उतार दिया फिर उसने ब्रा के ऊपर से अपना एक हाथ अंदर डालकर कहा कि इतना गहरा गला चाहिए। तो वो आदमी मेरे पास आया और उसने मेरे बूब्स को दो बार दबाया जैसे वो किसी चीज को सेट कर रहा हो और इतने में वो दूसरा आदमी आया और मेरे पीछे खड़ा हो गया और उसने मेरी कमर को पकड़ लिया और बोला कि बताओ कितना टाईट चाहिए? और वो मेरा नाप ले रहा था, लेकिन वो बार बार मेरे बूब्स को रगड़ रहा था और मेरे पीछे जो खड़ा था वो मेरे कूल्हों से चिपक रहा था और मुझे उसका खड़ा हुआ लंड महसूस हो रहा था फिर आगे वाले आदमी से सतीश ने कहा कि क्या और थोड़ा गहरा गला दे सकते है क्या? तो सतीश ने कहा कि हाँ क्यों नहीं? तो वो बोला कि, लेकिन अब इस ब्रा को बाहर निकालना पड़ेगा और फिर सतीश ने मुझे देखकर स्माइल दी और उस आदमी से कहा कि निकाल दो और जैसे ही सतीश के मुहं से यह शब्द सुना पीछे वाले आदमी ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और आगे वाले ने उसे खींचकर उतार दिया और वो सब कुछ काम इतना जल्दी हुआ कि में उसके बारे में सोच भी नहीं पाई। तो मैंने अपने दोनों हाथों से अपने एकदम से बाहर आकर झूलते, लटकते हुए बड़े बड़े बूब्स को ढक लिया।

दोस्तों मेरे दिल की पूछे तो मुझे भी अब बहुत मज़ा आने लगा था और अब मेरी चूत भी पूरी तरह से गीली हो गयी थी। तो सतीश ने कहा कि लगता है कि यह शरमा रही है? अब हमे भी अपने अपने कपड़े उतारने चाहिए तभी ठीक रहेगा और फिर उन सभी ने अपने अपने कपड़े उतार दिया और बिल्कुल नंगे होकर मेरे सामने खड़े हो गये। तो सतीश थोड़ा आगे की तरफ आया और उसने मेरे एक हाथ को पकड़कर अपने लंड पर रखा और अब में धीरे धीरे उसका लंड हिलाने लगी। तो यह सब कुछ देखकर वो दोनों भी आगे की तरफ आ गये और मेरे बूब्स को और गांड को दबाने लगे और उन्होंने मेरी साड़ी को पूरी तरह से उतार दिया और अब में उनके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी। उनका लंड मेरे साइड में छू रहा था और उन सबका लंड कम से कम 7 इंच का था, वो लोग मुझे किस करने लगे और मेरे बूब्स को दबाने लगे। तो सतीश ने उन दोनों से कहा कि यह रंडी आज तुम्हारी है तुम दोनों आज इसे जी भरकर चोदो। दोस्तों क्योंकि मुझे सेक्स करते समय गंदी बातें और गाली देना बहुत पसंद है और सतीश यह जानता है इसलिए वो चुदाई करते समय मुझसे गाली देकर ही बात करता है।

फिर उसने मुझे अपने घुटनो पर बैठाया और बोला कि चूस मेरी रांड चूस मेरे लंड को और उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और वो मेरे मुहं को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और एक आदमी नीचे लेटकर मेरी चूत को चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरा बहुत बुरा हाल हो रहा था, लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था। तो उसके बाद दूसरे आदमी ने मेरे बाल पकड़कर खींचकर मुझसे कहा कि साली रांड में क्या तेरी चुदाई के दर्शन के लिए यहाँ पर खड़ा हुआ हूँ, यह मेरा लंड कौन चूसेगा और यह बात कहकर उसने मुझे अपनी तरफ खींचा और अपना पूरा लंड मेरे मुहं में जबरदस्ती घुसा दिया और थोड़ी देर तक ऐसे ही रखा और फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मेरे मुहं को चोदने लगा। दोस्तों में एक बार पहले ही अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी और अब उन्होंने मुझे खींचकर एक सोफे पर लेटा दिया और फिर जो आदमी मेरी चूत को चाट रहा था वो आदमी मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्स को चूसने और काटने लगा और उसका लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था।

अब सतीश आया और उसने मेरे बाल को खींचकर मेरी गर्दन उठाकर मेरे मुहं में अपने लंड को डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा जिसकी वजह से अब मेरी सांसे रुकने लगी, मेरी आखों से आंसू बाहर आने लगे थे, लेकिन उनको तो अपनी हवस को मिटाने की पड़ी थी। फिर उस आदमी ने मेरे दोनों पैरों को मेरी छाती तक घुमाया और अपने लंड को मेरी चूत के मुहं पर ज़ोर से रगड़ने लगा। दोस्तों उसके ऐसा करने से मेरा बहुत बुरा हाल हो रहा था। में अपनी चुदाई के लिए तड़पने लगी थी और मेरी चूत अब लंड के लिए तरस रही थी। मैंने एक ही झटके से सतीश के लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला और उस आदमी से कहा कि प्लीज जल्दी से अंदर डालो मुझसे अब और कंट्रोल नहीं हो रहा और फिर वो अपना पूरा वजन मेरे ऊपर डालकर लेट गया और उसने मेरे बाल को ज़ोर से खींचा, में चीखने वाली थी कि तभी उसने मुझे किस किया और ज़ोर से मेरे होंठो को चूसने लगा और मेरे बालों को और भी ज़ोर से खींचने लगा और उसने कहा कि साली रांड तुझे इतनी जल्दी कैसे? और पहले बोल तू रंडी है, कुतिया है और क्या तू बीच बाज़ार में नंगी चुदवाएगी मुझसे? तो मुझसे और दर्द सहा नहीं जा रहा था और इसलिए मैंने उससे कहा कि हाँ में रंडी हूँ मुझे जहाँ भी लंड दिखता है में वहीं पर नंगी होकर चुदवाती हूँ मुझे बस लंड चाहिए, अब चोद मुझे साले और फिर उसने एक ही झटके में अपना लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया और फिर जैसे ही मेरा मुहं चिल्लाने के लिए खुला तो सतीश ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और मेरे मुहं को चोदने लगा। फिर उस बंदे का लंड अब झड़ने वाला था इसलिए उसने मुझसे कहा कि मेरा निकलने वाला है, तभी सतीश ने मेरे मुहं से अपने लंड को बाहर निकाल दिया और उस आदमी ने आकर अपना लंड पूरा मेरे मुहं में डाल दिया और धीरे धीरे झटके देकर अपना वीर्य निकालने लगा और मुझे उसका पूरा माल पीना पड़ा।

तो सतीश अब मेरे पैरों के बीच में गया और उसने मुझे डॉगी स्टाईल में पलट दिया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया। फिर उसने मेरे बाल पकड़कर पीछे की तरफ खींचा और मुझे चोदने लगा। तभी वो दूसरा आदमी आया और उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और वो मेरे मुहं को चोदने लगा। पीछे से सतीश भी मुझे बुरी तरह से चोद रहा था और आगे से वो आदमी मेरे मुहं को चोद रहा था, तब मैंने दूसरी बार अपना माल छोड़ दिया और ऐसा करीब बीस मिनट तक चलता रहा। तभी सतीश ने अपनी स्पीड को बड़ा दिया तो में समझ गयी कि वो भी झड़ने वाला है तभी सतीश ने कहा कि मेरा भी अब निकल रहा है और वो सामने वाला आदमी हट गया और सतीश ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया और बोला कि चूस साली कुतिया रंडी कहीं की, पी मेरा माल और उसने अपना पूरा माल मेरे मुहं में डाल दिया और इस तरह उन तीनों ने मुझे शाम के 6 बजे तक लगातार एक एक करके चोदा और कई बार मेरी गांड भी मारी और सतीश ने उसकी एक वीडियो भी बनाई है। तो हम फिर उठे अपने अपने कपड़े पहने और बाहर आ गए। उसके बाद हम दोनों अपने अपने घर पर आ गए। दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी, जिसमे सतीश में मेरी शादी होने के बाद भी उसने मुझे बहुत बार चोदा और दूसरों से भी चुदवाया। में अब उसकी रंडी की तरह उसके कहने पर चलती हूँ और अपनी चुदाई के मज़े लेती हूँ ।।

धन्य

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मेरे बेहेन अदिति को अमित और उसके बाप ने चोदा – Mere Behen Aditi Ko Amit Aur Uske Baap Ne Choda | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/mere-behen-aditi-ko-amit-aur-uske-baap-ne-choda/ //otelsan.ru/xbrasilporno/mere-behen-aditi-ko-amit-aur-uske-baap-ne-choda/#respond Fri, 21 Jun 2019 10:27:53 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5837 [...]]]> Hini=di Sex Story, Hindi sex kahani, antarvasna, desi kahani, behen ki chudai, bahan ki chut dost ne mari

हेलो दोस्तों, मैं हूँ देब, मैं otelsan.ru पे बहत सरे कहानी पढ़चुका हूँ । आज मैं आपको को राज़ की बात बताने जा रहा हूँ । मेरे उम्र २३ साल हे और मेरे दो बेहेन हे एक मोना जो की हॉस्टल में रहकर पढ़रहा हे और एक अदिति जो की मुझसे ३ साल छोटी हे और वो अभी कॉलेज की तीसरी क्लास में पढता हे । वो बहत ही सुन्दर हे उसकी बूब्स और गांड बड़ा बड़ा हे रंग गोरा और जो भी उससे देखेगा छोड़ने की मन करे गए । मेरे दोस्त अमित जो की एक चूतिया हे वो हमेशा मेरे घर अत जाता हे और उसकी पिता पण्डे अंकल मेरे पिता के दोस्त हे। वो दोनों बाप बेटे ने मेरे बेहेन को चोदते हैं । जब मुझे ये बात पता चला तो मेरे तो होस उड़ गए और ये कहानी और जानने के बाद आपको कैसे लगता हे जरूर बताना ।

एक दिन अमित की मम्मी, पापा दोनों बाहर गए हुए थे तो अमित हमारे घर पर तीन चार दिन के लिए रहने आया था। पहली मंजिल पर मेरा और अदिति का रूम है और नीचे मम्मी पापा सोते है। उस रात को अमित और में लॅपटॉप पर गेम खेल रहे थे और कुछ देर बाद अमित उसके मोबाइल पर किसी से चेट कर रहा था। मुझे लगा कि वो उसकी कोई गर्लफ्रेंड होगी और फिर हम सो गये। जब मेरी रात को दो बजे गर्मी की वजह से आँख खुली तो मैंने देखा कि पंखा बंद था और में पानी पीने के लिए उठा और मैंने देखा कि अमित रूम में नहीं था। मैंने बाथरूम में जाकर चेक किया वो वहां पर भी नहीं था। अब मैंने अदिति के रूम में जाकर भी उसे देखा, लेकिन रूम अंदर से लॉक था और में अपने रूम में आ गया। मुझे लगा कि शायद गर्मी की वजह से अमित छत पर गया होगा। में वापस आकर बेड पर लेट गया और मैंने अमित को एक मैसेज किया कि नीचे आ जा लेकिन फोन की घंटी यहीं पर बजी अमित का मोबाइल मेरे बेड पर ही पड़ा हुआ था। मैंने देखा उसका मोबाइल देखा तो उसमें आखरी बार किसी लड़की से मैसेज से बात हुई थी। अमित ने उसका नंबर किसी गश्ती नाम से सेव किया था और अब मैंने वो उन दोनों की चेट पढ़ी। दोनों की कुछ सेक्सी चेट थी और वो बहुत ही गंदे शब्द में थी जिसको पढ़कर मेरा लंड भी अब खड़ा होने लगा और उसने बाद में लिखा हुआ था कि दरवाजा खुला हुआ है अंदर आ जाना। में कुछ हैरान हो गया।

फिर मैंने जो नंबर गश्ती नाम से सेव था तो उसकी डीटेल में देखा और अब में एकदम से चकित रह गया, क्योंकि वो मेरी बहन का नंबर था जिसका मतलब है कि मेरी सुंदर बहन अमित की रंडी। मुझे यह सब नामुमकिन लग रहा था और फिर में समझ गया कि अमित मेरी बहन के रूम में ही गया हुआ है। अब मैंने एक बार फिर से अदिति के रूम में देखा तो उसका दरवाजा अभी भी बंद था और में समझ गया कि मेरी बहन अंदर सुहागरात मना रही है और में उसका बड़ा भाई अभी तक वर्जिन था और अभी तक सिर्फ़ मुठ का सहारा ले रहा था, लेकिन मुझे अमित पर ज्यादा गुस्सा नहीं आया। में अपने रूम में आ गया और मुझे नींद आ गई। में सो गया और फिर सुबह 8 बजे आँख खुली तो मैंने देखा कि घर पर कोई नहीं था और अमित अपने घर पर चला गया और मेरी बहन भी कॉलेज जा चुकी थी और मम्मी पापा भी नौकरी पर जा चुके थे। मुझे वो रात वाली बात एक सपने की तरह लग रही थी। में सबसे पहले अदिति के रूम पर गया और मैंने देखा कि वहां पर बेड के ऊपर कपड़े बिखरे पड़े थे और बेड को देखकर में सोचने लगा कि कल रात को यहाँ पर मेरी बहन चुद रही थी और फिर में मेरी बहन का रूम साफ करके नहाकर कॉलेज के लिए निकल गया और जब मुझे अमित मिला तो मैंने उससे पूछा कि तुम कल रात कहाँ थे यार? तो उसने कहा कि में गरमी की वजह से छत पर चला गया था, लेकिन अब मैंने उससे ज़्यादा कुछ पूछा नहीं और फिर शाम को में और अमित घर पर आए, लेकिन अदिति पहले से ही घर पर थी। हम तीनों बैठकर इधर उधर की बातें कर रहे थे। शायद पहली बार चुदाई होने की वजह से लड़की का चलने का तरीका बिल्कुल बदल सा जाता है, लेकिन मेरी बहन तो एकदम सही चल रही थी। शायद यह उसकी चुदाई का पहला समय नहीं था।

फिर मम्मी पापा आ गये और हम सबने खाना खाया और कुछ देर टीवी देखकर बातें करके सोने चले गये मुझे फिर से पता था कि आज फिर से अमित और अदिति सेक्स करेंगे। अदिति ने उस समय मेक्सी पहनी हुई थी जिसकी वजह से उसकी गांड बहुत बड़ी दिख रही थी और फिर से अमित शायद मेरी ही बहन से चेट कर रहा था। मैंने सोने का नाटक किया, लेकिन पता नहीं कब मुझे नींद आ गई और मेरी आँख खुली ही नहीं। फिर में सुबह 7 बजे उठा और कॉलेज के लिए तैयार हुआ। अमित सो रहा था तो मैंने सोचा कि बैचारा रात भर थक गया होगा। फिर में अपने कॉलेज के लिए निकल रहा था तो उससे मैंने पहले अदिति को देखा तो वो अभी भी सो रही थी और मैंने उसको उठाया तो बोली वो कि आज उसकी तबीयत कुछ ठीक नहीं तो वो कॉलेज नहीं जा रही है और मैंने जब अमित से पूछा तो वो भी में बाद में आ जाऊंगा कहकर सो गया और अब मुझे पूरा विश्वास था कि वो दोनों बहाना बना रहे है।

फिर में कॉलेज चला गया, लेकिन वहां पर मेरा मन नहीं लग रहा था, क्योंकि अमित मेरे घर पर फ्री का माल चोद रहा था और में यहाँ पर कॉलेज में मक्खियाँ मार रहा था और फिर शाम को में जल्दी घर पर वापस आ गया। तो मैंने देखा कि अमित और अदिति टीवी देख रहे थे और अदिति ने वही रात वाली खुली खुली ढीली ढाली मेक्सी पहनी हुई थी। में फ्रेश होकर आ गया और अब हम ऐसे ही बातें कर रहे थे। अमित मुझे आज बहुत खुश लग रहा था और अदिति भी जैसे कि उनकी कोई लॉटरी लगी हो और उन दोनों को देखकर ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया। उस दिन अमित के मम्मी पापा वापस आ गये और अमित अपने घर पर चला गया और फिर उस दिन रात को दस बजे के बाद मेरी और अदिति की कुछ बातें शुरू हुई।

में : में तेरे रूम में सोने के लिए आ रहा हूँ क्योंकि मेरे रूम का पंखा खराब है।

अदिति : लेकिन क्यों? ऐसा कभी नहीं हो सकता, क्योंकि मुझे किसी के साथ नींद नहीं आती।

दोस्तों इतना कहकर उसने बहुत गुस्से से दरवाजा बंद कर दिया, मैंने उससे बहुत बार कहा आग्रह किया, लेकिन वो नहीं मानी और फिर वो बोली कि आप मेरे रूम में आ जाओ और में आपके रूम में चली जाती हूँ फिर वो अपना सामान लेकर मेरे रूम में चली गई और फिर में उसी बेड पर सो गया जहाँ पर ना ज़ाने कितनी बार मेरी बहन चुदी होगी? में उसकी चुदाई की बातें सोचकर सो गया। फिर उस दिन भी में उठकर तैयार होकर कॉलेज चला गया, लेकिन उस दिन में जल्दी ही घर पर लौट आया और उस समय करीब तीन बजे थे और अमित भी उस दिन कॉलेज नहीं आया था। अब में उसके घर पर चला गया जो हमारे बिल्कुल पास में ही था, लेकिन मैंने देखा कि उसके घर पर भी ताला लगा हुआ था। मुझे कुछ काम होने की वजह से मैंने अमित के पापा के ऑफिस जाने की सोचा, दोस्तों जैसा कि मैंने पहले आप सभी को बताया था कि पांडे जी यानी कि अमित के पापा एक बहुत अच्छे और इज्जतदार इंसान है। वो एक कम्पनी के मालिक थे और घर से आधे घंटे की दूरी पर उनका ऑफिस है। में वहां पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वहां मेरी बहन की स्कूटी खड़ी हुई थी। मुझे अमित पर शक हुआ कि कहीं अदिति उसके साथ यहाँ पर ना आई हो? अब मैंने सोचा कि पहले पांडे अंकल से अपना काम निपटा लूँ और में उसके बाद में इन दोनों को देखूंगा। में उनके ऑफिस जो कि पांचवी मंजिल पर था वहां पर चला गया और अब मैंने उनके सेक्रेटरी मिस्टर समीर से पूछा कि क्या पांडे जी मेरे पड़ोसी है मुझे वो बहुत अच्छी तरह जानते है, लेकिन उन्होंने फिर भी ना जाने क्यों उन्होंने मुझे अंदर जाने नहीं दिया और बहाना बनाकर कहा कि सर कोई मीटिंग में व्यस्त है, लेकिन अब मुझे उस पर शक होने की वजह से में भी मानने वाला नहीं था। मैंने उन्हे बहुत बोला और धमकी भी दी कि में अंकल को बोलकर तुझे तेरी नौकरी से निकलवा दूँगा। हमारी बात कुछ यूँ हुई..

मिस्टर समीर (सेक्रेटरी) : अंदर सर की आईटम, गर्लफ्रेंड आई हुई है और सर उसमे अभी बहुत व्यस्त है। अगर मैंने तुम्हे वहां पर जाने दिया तो वो मेरी सैलेरी काट देंगे।

में : तुम यह क्या पागलों की तरह बोल रहे हो, तुम्हे पता है अंकल शादीशुदा है?

मिस्टर समीर : हाँ, लेकिन उनकी आइटम को देखकर किसी भी बुड्ढे का लंड खड़ा हो जाए।

फिर मुझे भी अब उसकी बातों में बहुत मज़ा आने लगा था और वो उस लड़की की बहुत तारीफ कर रहा था, तभी मुझे अचानक शक हुआ कि अदिति की स्कूटी भी यहीं पर बाहर खड़ी हुई है। कहीं अदिति और पांडे अंकल आज? फिर मैंने तुरंत अपने मोबाईल से अदिति की एक फोटो निकालकर मिस्टर समीर को दिखाई और उनसे पूछा कि कहीं यह तो नहीं? समीर की आँखे फटी की फटी रह गई और मेरा शक अब बिल्कुल सही निकला। में बहुत हैरान था कि समीर मुझसे सच बोल रहा था। उसने पूछा कि क्या तुम इसे जानते हो? तुम्हारे पास इसकी फोटो कहाँ से आई। तभी वो मुझसे बोला कि प्लीज मेरी एक बार इससे सेटिंग करवा दो प्लीज और फिर मैंने आख़िरकार उसे बता ही दिया कि यह मेरी छोटी बहन है तो समीर मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम चुप हो गया और मैंने उससे कहा कि मुझे एक बार देखना है कि वो दोनों अंदर क्या कर रहे है? तो उसने कहा कि में तुम्हे दिखा सकता हूँ, लेकिन मेरी एक शर्त है? तो मैंने कहा कि मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है। फिर भी वो बहुत चालाकी करने लगा और मेरी मजबूरी का फायदा उठाने लगा। मुझे अंदाज़ा नहीं था कि वो इतनी गंदी शर्त रखेगा।

समीर : में तुम्हे उन दोनों का सेक्स दिखाऊंगा तो उसके बदले में मुझे क्या मिलेगा?

में : जो आप बोलो, लेकिन प्लीज़।

समीर : क्या तुम अपने हाथों से मेरी मुठ मारोगे?

में : तुम यह क्या बक रहे हो?

समीर : तो ठीक है, अब तुम बिल्कुल चुपचाप यहाँ से वापस चले जाओ।

फिर मैंने उस समय जल्दी से हाँ कर दिया और फिर वो मुझे एक स्टोर रूम में ले गया और ऑफिस रूम में जहाँ पर एसी लगा हुआ था वहां पर उसके पास तीन इंच जितना एक छेद था। सीड़ीयों की वजह से हम वहां पर खड़े हो गये और अब अंदर का नज़ारा मेरे लिए बहुत ही चौका देने वाला था, क्योंकि अंदर पांडे अंकल सिर्फ़ शर्ट में थे और वो नीचे से पूरे नंगे थे और मेरी बहन बिल्कुल नंगी थी और वो दोनों स्मूच कर रहे थे। दोस्तों उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे एक हसीन माल किसी बुड्ढे के साथ स्मूच कर रहा था और आज मैंने पहली बार मेरी बहन को पूरा नंगा देखा था। अब उन दोनों को देखकर मुझ लग रहा था कि जैसे उनकी पहली चुदाई पूरी हो गई थी और अब दूसरी चुदाई चालू करने वाले थे।

दोस्तों पांडे अंकल दिखने में बहुत गोरे है, लेकिन उनका लंड बहुत काला था। मेरी बहन उनके शरीर को इस तरह चूस रही थी जैसे वो एक भूखी शैरनी हो और अब अदिति धीरे धीरे नीचे की तरफ आ रही थी अब वो अंकल की छाती चाट रही थी। दोस्तों आपको क्या बताऊँ? फिर अंकल ने एक पैर कुर्सी पर रख दिया और अदिति के बाल पकड़कर अपने दोनों पैरों के बीच अदिति का मुहं कर दिया। मेरी बहन मेरे सामने अंकल के काले काले हिस्से को चाट चाटकर साफ कर रही थी। वो अपनी नाक और जीभ को बहुत ही गंदी तरह से लंड पर रगड़ रही थी और उसने उसकी गांड को भी नहीं छोड़ा। मेरी बहन किसी की गांड चाटे, चूसे और वो भी अदिति जो कभी मेरा झूठा पानी भी नहीं पीती वो अपने इतने सुंदर होंठो से अंकल की गांड को चूम रही थी और जीभ से चाट रही थी। मुझे इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मुझसे ज़्यादा नसीब वाला तो अंकल की गांड का छेद है। में अब यही सब सोच रहा था। इतने में समीर ने मुझसे कहा कि क्यों शर्त याद है और फिर उसने अपना लंड पेंट से बाहर निकाल दिया और अब मुझसे हिलाने को बोला। में एकदम चुपचाप उसका लंड हाथ में लेकर उसकी मुठ मार रहा था।

अब समीर बीच बीच में बोल रहा था कि रंडी नहीं तो रंडी का भाई ही सही। वो मेरी बहन को मेरे सामने ही रंडी बोल रहा था और हम दोनों अंदर देख रहे थे और अब पांडे अंकल ने एक टेबल पर अदिति को लेटा दिया और उसे चोदने लगे। मेरी बहन ठीक मेरे सामने चुद रही थी। में और समीर यह सब देख रहे थे। मेरा एक हाथ समीर के लंड पर था और फिर कुछ देर बाद समीर झड़ गया और उसके वीर्य की कुछ बूंदे मेरे हाथ पर लगी। में लगातार उनकी चुदाई को देखता रहा, लेकिन करीब दस मिनट के बाद अंकल और अदिति दोनों ही अचानक से रुक हो गये। फिर समीर मुझसे बोला कि बाहर चल अब इनकी फिल्म खत्म हो गई है और अब तेरी बहन बाहर आए उससे पहले तुम यहाँ से चले जाओ। फिर में वहां से भागा और जल्दी में मैंने अपने हाथ भी नहीं धोए और घर पर आकर में फ्रेश होने चला गया और मैंने मुठ मार ली। शाम को 6 बजे अदिति घर पर आई तो मैंने उससे पूछा कि तुमने आज घर पर आने में इतनी देर क्यों लगा दी? तो वो बोली कि ट्रेफिक बहुत ज़्यादा था और फिर वो भी फ्रेश होकर आई और हम बैठकर बातें करने लगे। में बार बार उसके होंठो को देख रहा था कि कैसे अभी कुछ देर पहले यह होंठ किसी का लंड चूस रहे थे। अब मेरी समझ में पूरी तरह से आ चुका था कि मेरी छोटी बहन उन दोनों बाप बेटे की रंडी थी। फिर रात को मम्मी पापा आए तो हमने बातें की और फिर उस दिन के बाद मुझे अदिति की सभी हरकते रंडी जैसी लगने लगी। जैसे कोई घर पर आए तो दरवाज़ा खोलकर उसे देखते रहना या किसी भी मेहमान के साथ खुद अकेले रहना बिल्कुल टाईट नाईटी, मेक्सी, टी-शर्ट में ही रहना अपने जिस्म को दिखाकर दूसरों को अपनी तरफ आकर्षित करना और बहुत कुछ ऐसा था जो वो अब करने लगी थी। फिर उसके बाद बहुत बार अमित मुझसे मिलने घर पर आता था, लेकिन मुझसे मिलना तो सिर्फ उसका एक बहाना था। वो तो मेरी रंडी बहन से मिलने के मौके ढूंढता और सही मौका मिलने पर बहुत जमकर उसे चोदता था ।।

धन्यवाद …

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बहन के साथ मस्ती भरी चुदाई की कहानी – Bahan Ke Saath Masti Bhari Chudai Ki Kahani | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ke-saath-masti-bhari-chudai-ki-kahani/ //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ke-saath-masti-bhari-chudai-ki-kahani/#respond Wed, 19 Jun 2019 18:12:57 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5818 [...]]]> bhai bahan ki chudai kahani, hindi sex story, bahan ki chudai, bahan ki chut bhai ki lund, bahi ne bahan ki chudai ki,
otelsan.ru के सभी पाठक और पाठिका को मेरे नमस्ते, मैं हूँ आदित्य । बहत दिनों से otelsan.ru पे कहानी पढ़ रहा हूँ ।
मुझे सेक्स स्टोरी में बहत दिलचस हे और साथ साथ नयी नयी लड़की चोदने में भी इंटरेस्ट हे । मैं सभी तरह की सेक्स स्टोरी पढ़ी हे । मुझे बहत दिनों से एक खुयाइस था की मैं अपनी बहन की छूट मरुँ । लेकिन ये एक दिन सच में हो गया और मैं अपनी सगी बहन की चुदाई कर लिया । तो पढ़िए ये कहानी और आगे की मजा लीजिये । में एक कॉलेज से बीटेक के तीसरे साल का स्टूडेंट हूँ और मेरी उम्र 20 साल है..
में दिखने में ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज 6.5 इंच है और में चूत का बहुत बड़ा शौक़ीन हूँ। यह घटना मेरी और मेरे मामा की लड़की की है.. उसका नाम ईशा है और वो अब बीकॉम के पहले साल में है। वो दिखने में बहुत सुंदर और मोटे मोटे बूब्स और गांड तो बस देखने से ही अच्छे अच्छो के लंड खड़े हो जाते है।

हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और एक दूसरे से सभी तरह की बातें शेयर करते थे.. लेकिन बस सेक्स की बातों को छोड़कर.. में उसका साईज भी आप सभी को बता दूँ.. उसका साईज 34-28-36 है और यह कुछ दिन पहले की बात है.. में अपने कॉलेज की छुट्टियाँ बिताने के लिए अपने मामा के घर पर आया हुआ था। तो हम दोनों सारा दिन बैठकर बातें करते रहते थे और बहुत मज़े करते थे। दोस्तों उस टाईम तक मेरे मन में उसके लिए किसी भी तरह की कोई भी ग़लत बात नहीं थी.. लेकिन फिर एक दिन मामा और मामी किसी प्रोग्राम में बाहर गये हुए थे और मुझसे घर पर रुकने के लिए बोलकर गये थे और फिर हम दोनों गेम खेलने लगे। फिर गेम खेलते खेलते अचानक से मेरा हाथ उसकी कमर पर लग गया.. लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा.. और एक मुस्कान देकर फिर से खेलने लगे.. तो एकदम से दिल में एक अजीब सा ऐहसास हुआ और मैंने उसके हाथ पर हाथ रख दिया। तो वो एकदम से ऐसे खड़ी हुई जैसे उसको 240 वॉल्ट का करंट लग गया हो।

फिर इतना होने के बाद वो बाहर भाग गई और मुझे भी अपनी गलती महसूस हुई.. लेकिन फिर भी मेरा सेक्स का बुखार शांत होने वाला नहीं था और में उसके पीछे गया तो मैंने देखा तो वो नहाने के लिए बाथरूम में चली गई और में चुपचाप आकर टीवी देखने ल्गा। इतने में ही मुझे एक बहुत ज़ोर से आवाज़ आई जैसे कुछ गिरा हो.. तो में भागकर कमरे से बाहर गया और मैंने बाथरूम के पास जाकर देखा तो ईशा नीचे जमीन पर गिरी पड़ी है और उसका टावल भी पूरा खुला पड़ा था। दोस्तों मैंने पहली बार किसी लड़की को पूरा नंगा देखा था.. और में उसे इस हालत में कुछ देर देखता रहा और उसके पीछे का हिस्सा मुझे दिख रहा था.. मतलब उसकी कमर और गांड। फिर मैंने अपने आपको संभाला और उससे पूछा कि ईशा क्या हुआ? तो उसने मुझसे कहा कि दिखता नहीं में गिर गई हूँ.. मुझे उठाओ.. बहुत दर्द हो रहा है। तो मैंने जल्दी से उसे अपने दोनों हाथों का सहारा देकर खड़ा किया.. वो एकदम नंगी मेरी आखों के सामने थी.. उसकी चूत छोटी सी थी और उस पर हल्के हल्के बाल भी थे। बिल्कुल गुलाबी कलर की.. में उसे देखता ही रह गया। तभी उसने उठकर अपना टावल ऊपर खींच लिया और में एकदम होश में आ गया। फिर वो मुझसे बोलने लगी.. बेशर्म में तेरी बहन हूँ ऐसे घूर घूरकर क्या देख रहा है? तो मैंने अपना सर नीचे कर लिया.. तभी उसने कहा कि मुझसे चला नहीं जा रहा.. मुझे अपनी गोद में उठाओ। तो मैंने उसे गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले गया.. और उसे बेड पर लेटा दिया.. लेकिन अब भी उसके बूब्स हल्के हल्के दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड खड़ा हो चुका था। तो मैंने उससे कहा कि तुम सीधी लेटी रहो.. में दवाई लाता हूँ.. में दूसरे कमरे में जाकर दवाई लेकर आया और में उसकी कमर पर दवाई लगाने लगा और कमर पर दवाई लगाते हुये मेरा हाथ अचानक से उसके बूब्स पर लग गया.. तो मेरे मन में एक अजीब सा अहसास हुआ और में अपने आपको रोक नहीं पाया और मैंने धीरे से उसकी कमर पर किस कर दिया.. वो एकदम से सीधी हुई तो उसके बूब्स मेरे मुहं पर छू गये और उसे भी अजीब सा महसूस होने लगा और फिर उसने मेरा मुहं अपने दोनों हाथों से पकड़ा और मेरे होंठो पर किस कर दिया। तो अब में भी नहीं रुक सका और में भी उसे किस करने लगा और मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर था और दूसरा पेट पर.. वो अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी उह्ह्ह अह्ह्ह और कह रही थी मुझे और ज़ोर से किस करो। तो में भी पूरे जोश में था मैंने अपनी शर्ट उतार दी और उसके बूब्स को चूमने चाटने लगा.. वो अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी अहह आदित्य और ज़ोर से चूसो.. पी लो आज इनका सारा दूध.. बहुत दिन से मेरा तुझसे चुदने का मन कर रहा था।

फिर इतने में उसने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया। पेंट के ऊपर से ही वो मेरे लंड को रगड़ने लगी और फिर उसने मेरी पेंट को खोल दिया। तो में भी उसके सामने पूरा नंगा था और अब में उसकी गर्दन पर, पेट पर, होंठ पर, बूब्स पर बारी बारी से किस करने लगा। तो वो अब बहुत गरम हो गई फिर मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूत पर अपना हाथ रख दिया.. वो एकदम से सिहर उठी और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी और वो बोलने लगी कि आदित्य अब बस डाल दो मुझसे रहा नहीं जा रहा.. जल्दी करो और चोद दो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत। तो मैंने उसे सीधा लेटाया और उसकी चूत पर किस करने लगा.. वो आईइ उह्ह्ह्ह सीईई कर रही थी। फिर मैंने अपना लंड हाथ में लिया और उसकी चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा और वो अपने आप झटके मारने लगी और लंड अंदर लेने की कोशिश करने लगी.. मैंने उसके छेद पर अपना लंड रखा और हल्का सा धक्का मारा तो वो एकदम से चिल्ला उठी और बोलने लगी कि प्लीज बाहर निकालो भैया बहुत दर्द हो रहा है।

में उसकी खराब हालत को देखकर वही रुक गया और वो आवाज़ निकालने लगी आईइ अहह माँ बचाओ मार दिया मुझे और अब उसकी चूत से खून आने लगा। तो मैंने एक मिनट शांत रहने के बाद फिर से जोरदार झटका मारा.. इस बार मैंने मेरा पूरा 6.5 इंच का लंड अंदर उतार दिया। तो वो ज़ोर से बोली कि आह में मर जाउंगी प्लीज इसको बाहर निकालो.. लेकिन में कहाँ सुनने वाला था.. दो मिनट रुका और आराम आराम से झटके मारने लगा। तो वो भी चुदाई के मज़े लेने लगी और अहह उह्ह्ह माँ मर गई की आवाज़ निकालने लगी और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और वो भी नीचे से धीरे धीरे झटके मारने लगी और मेरा पूरा साथ देने लगी। तभी थोड़ी देर बाद वो बोलने लगी कि मेरी चूत से कुछ निकल रहा है और वो उम्म अह्ह्ह की आवाज़ निकालते हुई झड़ गई.. उसकी चूत की गर्मी से में भी झड़ गया। फिर वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम वर्जिन थे? तो मैंने कहा कि नहीं में वर्जिन नहीं हूँ। फिर हम दोनों ने किस किया और कुछ देर लेटे रहे और फिर से हमने दो बार सेक्स किया और सो गए। सुबह उठकर एक बार फिर सेक्स किया और नहाकर कपड़े चेंज किए ।।

धन्यवाद …

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दोस्त की माँ की चुत चुदाई की दास्तान – Dost Ki Maa Ki Chut Chudai Ki Dastan | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/ //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/#respond Wed, 19 Jun 2019 01:04:10 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5806 [...]]]> hindi sex story, chut chudai ki kahani, aunty ki chudai, dost ki maa ki chudai, dost ki sexy maa ki sex story, hindi sex kahani in hindi font
हेलो दोस्तों, मैं संदीप पंजाब से आपके साथ otelsan.ru पे जुड़ चूका हूँ । आज मैं आप सभी को एक अछि सी कहानी बताने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सब ये कहानी पढ़के बहत एन्जॉय करेंगे । कहानी मेरे खुदकी हे । मेरे दोस्त की एक माँ हे जो की बहत सेक्सी हे उसकी चेहरा हर किसीको दीवाना बना देगा और छोड़ने को मजबूर करदेगा । उसकी वो जबानी को मेने महसूस किया और साथ ही जबानी की भरपूर मजा लुटा । चलिए और कुछ जानकारी के बाद कहानी को आगे ले जाते हैं ।

में जब 21 साल का तब में यूरोप में रहने के लिए आ गया और उसी समय यहाँ पर मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त बना रॉकी, रॉकी का जन्म यूरोप में ही हुआ था और उनका एक रेस्टोरेंट था जिसमें उसके पापा खुद खाना बनाया करते थे।
तो रॉकी ने मेरी मदद करने के लिए मुझे अपने रेस्टोरेंट में काम पर रख लिया और फिर कुछ समय के बाद मुझे करीब रेस्टोरेंट का सारा काम समझ में आ गया था। अब रॉकी के पापा कई बार मुझे वहां पर अकेला छोड़कर अपने कुछ प्राईवेट काम कर लिया करते थे। तो अचानक एक दिन रॉकी के पापा को अपनी कुछ प्रॉपर्टी की वजह से इंडिया जाना पड़ा।

तो अब रेस्टोरेंट पर रॉकी मेरी कुछ मदद करवा दिया करता था और कई बार जब रॉकी स्कूल चला जाता था तो रॉकी की मम्मी मेरी मदद करवा दिया करती थी। दोस्तों आंटी बहुत सुंदर थी, उनका रंग थोड़ा सांवला जरुर था, लेकिन वो एकदम कयामत थी उनकी हाईट करीब 5 फीट 9 इंच और मस्त सेक्सी फिगर, पतली कमर, गदराया हुआ बदन, लेकिन उन्हे देखकर कोई कह नहीं सकता था कि वो एक 20 साल के लड़के की माँ है और उनकी उम्र 35 साल है, लेकिन रॉकी के पापा की उम्र 48 साल थी। तो फिर कुछ दिन बाद अंकल के फोन आने पर रॉकी को भी उसी काम से इंडिया जाना पड़ा और अब में और आंटी अकेले ही पूरे समय रेस्टोरेंट में अकेले होते थे, आंटी भी एक इंडियन औरत थी, लेकिन रेस्टोरेंट में काम करने की वजह से वो ज्यादातर समय जीन्स और टी-शर्ट पहनती थी और जब कभी काम कम होता तो आंटी किचन में मेरे साथ बैठकर बातें कर लेती थी। तो मैंने कभी आंटी को बुरी नज़र से नहीं देखा था और फिर एक दिन आंटी ने बिल्कुल टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी और एक छोटी सी जीन्स, जिस में उनके बूब्स का आकार बहुत अच्छा लग रहा था और वो बहुत बड़े बड़े एकदम गोल दिख रहे थे और उनका थोड़ा सा पेट भी दिख रहा था। तो उस दिन थोड़ा काम कम होने की वजह से आंटी मेरे साथ बातें कर रही थी, लेकिन मेरी नज़र बार बार घूमकर उनके बूब्स पर जा रही थी और इस बात का शायद उनको भी पता चल गया था।

फिर हमने रात को रेस्टोरेंट बंद किया और आंटी जी मुझे अपनी कार से मेरे घर पर छोड़कर अपने घर चली गई। तो मैंने अगले दिन वहां पर पहुंचकर देखा कि उन्होंने एक कुर्ता टाईप कुछ पहना था, जिसमें उनकी छाती एकदम साफ साफ दिखाई दे रही थी और मेरी नज़र एक बार फिर से उनके बूब्स पर ही टिकी रही और कुछ लोगों को खाना परोसने के बाद आंटी जी मेरे पास आ गई और बातें करने लगी। आंटी बहुत खुश लग रही थी। फिर बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने थोड़ा शरमाकर बोल दिया कि में सारा दिन तो रेस्टोरेंट में काम करता हूँ, मेरी कोई गर्लफ्रेंड कैसे बनेगी? तो वो बोली कि हाँ यह बात तो तेरी एकदम ठीक़ है, चल में तेरी थोड़ी मदद कर दूँगी, अब आज से रेस्टोरेंट में जो भी लड़की आए और अगर वो तुझे पसंद आए तो तू मुझे बता देना। तो मैंने शरमाकर कहा कि आंटी जी आप रहने दीजिए में बहुत शर्मिला स्वभाव का हूँ और में किसी से खुलकर बात भी नहीं कर सकता। तो मेरी इस बात पर वो बोली कि हाँ तू सब कुछ जरुर देख सकता है, लेकिन बात नहीं कर सकता। तो उस दिन रेस्टोरेंट में बहुत काम था और उन्हे खाना लेने के लिए बहुत बार किचन में आना पड़ रहा था। तो कई बार काम करते समय मेरा हाथ उनकी गांड को छू रहा था और कई बार उनके बूब्स मेरी कमर को छू रहे थे और शाम को में बहुत थक गया। तो उन्होंने मुझे विस्की का एक पेग बनाकर दे दिया वो चाहती थी कि में अभी थकान ना महसूस करूँ और तेज़ी से काम करूँ, क्योंकि अभी हमे तीन घंटे और काम करना था। तो हमेशा हम तीन लोग काम किया करते थे, लेकिन अंकल और रॉकी के ना होने की वजह से हम सिर्फ़ दोनों ही थे। तो एक घंटे के बाद आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दिया, मैंने वो भी झट से पीकर काम और तेज कर दिया। आंटी जी यह सब देख रही थी और वो मेरे पास आकर बोली कि तुम तो बहुत जल्दी जल्दी काम करते हो और जवान हो, अभी तुम्हारी उम्र है और तुम कौन सा अपने अंकल की तरह बूढ़े हो गए हो? और वो हंसकर चली गई।

तो मेरे पास अब हर आधे घंटे में एक पेग आने लगा और अब तो विस्की ज्यादा, पानी कम और काम के ख़त्म होते होते विस्की ने अपना करतब दिखा ही दिया। अब में कपड़े बदल कर ऊपर आया तो आंटी रेस्टोरेंट बंद करके बोली कि आज तू हमारे घर चल में तुझे आज इंडियन खाना खिलाती हूँ और उनका घर मेरे घर के पास ही था तो मेरा सर घूम रहा था और अब मुझे बहुत ज़ोर से भूख भी लगने लगी थी, तो मैंने हाँ में सर हिला दिया और आंटी मेरी तरफ देखकर हंस पड़ी। फिर घर पर आकर आंटी फ्रेश होने चली गई और जब वो बाहर आई तो वो क्या गजब लग रही थी? उन्होंने एक बहुत सेक्सी सा जालीदार सूट पहना हुआ था जिसमें से उनकी ब्रा साफ साफ दिख रही थी, आंटी मेरे पास आई और हाथ में टावल दिया और मुझसे बोली कि फ्रेश हो जाओ, तो में भी फ्रेश होने बाथरूम में गया तो वहां पर बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी और वहीं पर आंटी की ब्रा और पेंटी लटकी हुई थी। तो उसे देखते ही मेरी नज़र के सामने आंटी के गोल गोल बूब्स घूमने लगे। मैंने जब ब्रा और पेंटी को उठाकर सूँघा तो मुझे बहुत अच्छी खुश्बू आई, लेकिन मैंने डरकर उसे फिर वहीं रख दी। तो कुछ देर के बाद मैंने बाहर आकर देखा तो आंटी हमारे लिए टेबल पर खाना लगा रही थी और खाना लगाते वक़्त वो थोड़ा झुक रही थी तो मुझे उनके बूब्स पूरे दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया। फिर आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दे दिया, लेकिन पेग बहुत तेज था और में पहले से भी बहुत पी चुका था।

मैंने अब मुश्किल से वो पेग खत्म किया और मैंने आंटी से खाना खाने के लिए बोला और फिर हम खाना खाने लगे, लेकिन मेरी नज़र आंटी के बूब्स पर बार बार जा रही थी और हमें खाना खाते खाते 12 बज चुके थे और जब में खाना खाकर और अपने सभी कामों से फ्री होकर में जाने के लिए उठा तो ज्यादा पीने की वजह से में थोड़ा हिल सा गया। तभी आंटी मेरे पास आई और उन्होंने मेरे हाथ को पकड़कर मुझे सहारा दिया और उस वक़्त मेरा हाथ आंटी के बूब्स पर था, तो आंटी मुझसे बोली कि संदीप आज तू यहीं पर सो जा, तुझसे चला भी नहीं जाएगा और इससे पहले कि में कुछ कहता आंटी बोली कि और अगर तुझे चोट लग गयी तो रेस्टोरेंट का ध्यान कौन रखेगा? और आंटी मुझे अपने बेडरूम में ले गयी और मुझे एक बरमूडा और टी-शर्ट लाकर दी जो कि रॉकी की थी। फिर दारू ज्यादा होने की वजह से मुझसे वो पहना भी नहीं जा रहा था। तो आंटी मेरी मदद करवाने लगी और पेंट उतारते वक़्त आंटी ने मेरे लंड को छुआ और महसूस किया और वो उनके स्पर्श से एकदम तनकर खड़ा हो गया, लेकिन में अभी भी अंडरवियर में ही था तो मेरा लंड खड़ा होते ही आंटी ने उसे पकड़ लिया और बोली कि वाह! इतना बड़ा? दोस्तों मेरा लंड 7 इंच का है। तो उन्होंने कहा कि मैंने इतना बड़ा लंड तो कभी भी नहीं देखा फिर आंटी ने मेरे लंड को अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और मुझे धक्का देकर बेड पर बैठा दिया और वो मेरे लंड से खेलने लगी और मुझे भूखी नज़रों से देखने लगी और मुझे किस करने लगी और शायद उन्हे अच्छी तरह से पता था कि कौन सी किस कैसे करनी है? शायद उन्हे इन सब कामों बहुत अनुभव था। फिर आंटी ने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रखा और वो मुझे फ्रेंच किस करती रही। आंटी के बूब्स बहुत बड़े बड़े और सख्त थे, जैसे बहुत समय से किसे ने उन्हे छुआ ना हो और आंटी मुझे पूरे शरीर पर किस करने लगी। फिर मेरी छाती से होते होते उन्होंने मेरे लंड को मुहं में डाल लिया और बहुत टाईम तक उसे लोलीपोप की तरह चूसने के बाद उन्होंने मुझे अपने बूब्स को चूसने को कहा। तो मैंने भी उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसकर पूरा रस लिया और फिर उन्होंने मुझे अपनी चूत को किस करने को कहा और जब मैंने जैसे ही किस किया तो मैंने महसूस किया कि वो एकदम गीली थी और मुझे उनके पानी का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था।

तो में इससे पहले कुछ कहता उन्होंने मेरा सर पकड़कर अपनी चूत से चिपका दिया और कहने लगी कि चाटो मेरी चूत को और फिर कुछ 15 मिनट तक में उनकी चूत को चाटता रहा। तभी उनकी चूत का पानी निकल गया जो सारा मेरे मुहं पर लग चुका था। तभी उन्होंने मेरे मुहं को पकड़ा और चाटने लगी, लेकिन आंटी की प्यास अभी भी नहीं बुझी थी और वो मुझे किस करती रही। फिर वो मेरे लंड को देखकर मुस्कुराई और बोली कि आ जाओ मेरे बच्चे अब दिखाओ अपना कमाल और वो अपने दोनों पैरों को फैलाकर एकदम सीधी लेट गयी। तो मैंने लंड को चूत पर रखा और एक जोरदार धक्के से उसे अंदर डाल दिया और करीब 7-8 मिनट तक लगातार धक्के देने के बाद में अपनी मंज़िल पर पहुंच गया और मैंने अपने धक्कों को धीरे कर दिया और अपना वीर्य उनकी प्यासी चूत में बूंद बूंद करके टपकाने लगा, लेकिन तभी आंटी ने लंड को एक झटका देकर चूत से बाहर निकाला और वो मेरे लंड पर लगा हुआ सारा वीर्य चाट गयी और उन्होंने मेरे लंड को बहुत अच्छी तरह से साफ कर दिया और हमने सारी रात बिना कपड़ो के बिताई और उसी रात को मैंने तीन बार आंटी की प्यास बुझाई और अगले दिन में उनसे बात करते समय उनकी आखों में आखें नहीं डाल रहा था। मुझे उनसे बहुत डर लग रहा था।

तभी आंटी ने मुझे अपने पास बुलाया और कहा कि हमारे बीच कल रात जो कुछ हुआ सब कुछ अच्छा हुआ, लेकिन इस राज को बस हम दोनों ही अपने पास छुपाकर रखेंगे वरना यह बात अगर किसी को पता चल गई तो तुम्हारी जॉब भी जाएगी और में भी फंस जाउंगी और उसके बाद मैंने जब तक अंकल, रॉकी नहीं लौटकर आए, मैंने बहुत दिनों तक आंटी को चोदा और उनकी चूत के साथ साथ उनकी वर्जिन गांड के भी मज़े लिए और उन्हे उन दिनों बहुत जमकर चोदा। अब हम दोनों मौका मिलते ही एक दूसरे के पति, पत्नी बन जाते है और अब आंटी के कहने पर मेरी सेलेरी भी बहुत अच्छी हो गई है। अब हम दोनों छुप छुपकर बहुत मज़े करते है और हमें एक दूसरे के साथ रहना बहुत अच्छा लगता है ।।

धन्यवाद …

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