Bhai Bahan Ki Sex Story – | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Wed, 19 Jun 2019 18:12:57 +0000 en-GB hourly 1 /> बहन के साथ मस्ती भरी चुदाई की कहानी – Bahan Ke Saath Masti Bhari Chudai Ki Kahani | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ke-saath-masti-bhari-chudai-ki-kahani/ //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ke-saath-masti-bhari-chudai-ki-kahani/#respond Wed, 19 Jun 2019 18:12:57 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5818 [...]]]> bhai bahan ki chudai kahani, hindi sex story, bahan ki chudai, bahan ki chut bhai ki lund, bahi ne bahan ki chudai ki,
otelsan.ru के सभी पाठक और पाठिका को मेरे नमस्ते, मैं हूँ आदित्य । बहत दिनों से otelsan.ru पे कहानी पढ़ रहा हूँ ।
मुझे सेक्स स्टोरी में बहत दिलचस हे और साथ साथ नयी नयी लड़की चोदने में भी इंटरेस्ट हे । मैं सभी तरह की सेक्स स्टोरी पढ़ी हे । मुझे बहत दिनों से एक खुयाइस था की मैं अपनी बहन की छूट मरुँ । लेकिन ये एक दिन सच में हो गया और मैं अपनी सगी बहन की चुदाई कर लिया । तो पढ़िए ये कहानी और आगे की मजा लीजिये । में एक कॉलेज से बीटेक के तीसरे साल का स्टूडेंट हूँ और मेरी उम्र 20 साल है..
में दिखने में ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज 6.5 इंच है और में चूत का बहुत बड़ा शौक़ीन हूँ। यह घटना मेरी और मेरे मामा की लड़की की है.. उसका नाम ईशा है और वो अब बीकॉम के पहले साल में है। वो दिखने में बहुत सुंदर और मोटे मोटे बूब्स और गांड तो बस देखने से ही अच्छे अच्छो के लंड खड़े हो जाते है।

हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और एक दूसरे से सभी तरह की बातें शेयर करते थे.. लेकिन बस सेक्स की बातों को छोड़कर.. में उसका साईज भी आप सभी को बता दूँ.. उसका साईज 34-28-36 है और यह कुछ दिन पहले की बात है.. में अपने कॉलेज की छुट्टियाँ बिताने के लिए अपने मामा के घर पर आया हुआ था। तो हम दोनों सारा दिन बैठकर बातें करते रहते थे और बहुत मज़े करते थे। दोस्तों उस टाईम तक मेरे मन में उसके लिए किसी भी तरह की कोई भी ग़लत बात नहीं थी.. लेकिन फिर एक दिन मामा और मामी किसी प्रोग्राम में बाहर गये हुए थे और मुझसे घर पर रुकने के लिए बोलकर गये थे और फिर हम दोनों गेम खेलने लगे। फिर गेम खेलते खेलते अचानक से मेरा हाथ उसकी कमर पर लग गया.. लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा.. और एक मुस्कान देकर फिर से खेलने लगे.. तो एकदम से दिल में एक अजीब सा ऐहसास हुआ और मैंने उसके हाथ पर हाथ रख दिया। तो वो एकदम से ऐसे खड़ी हुई जैसे उसको 240 वॉल्ट का करंट लग गया हो।

फिर इतना होने के बाद वो बाहर भाग गई और मुझे भी अपनी गलती महसूस हुई.. लेकिन फिर भी मेरा सेक्स का बुखार शांत होने वाला नहीं था और में उसके पीछे गया तो मैंने देखा तो वो नहाने के लिए बाथरूम में चली गई और में चुपचाप आकर टीवी देखने ल्गा। इतने में ही मुझे एक बहुत ज़ोर से आवाज़ आई जैसे कुछ गिरा हो.. तो में भागकर कमरे से बाहर गया और मैंने बाथरूम के पास जाकर देखा तो ईशा नीचे जमीन पर गिरी पड़ी है और उसका टावल भी पूरा खुला पड़ा था। दोस्तों मैंने पहली बार किसी लड़की को पूरा नंगा देखा था.. और में उसे इस हालत में कुछ देर देखता रहा और उसके पीछे का हिस्सा मुझे दिख रहा था.. मतलब उसकी कमर और गांड। फिर मैंने अपने आपको संभाला और उससे पूछा कि ईशा क्या हुआ? तो उसने मुझसे कहा कि दिखता नहीं में गिर गई हूँ.. मुझे उठाओ.. बहुत दर्द हो रहा है। तो मैंने जल्दी से उसे अपने दोनों हाथों का सहारा देकर खड़ा किया.. वो एकदम नंगी मेरी आखों के सामने थी.. उसकी चूत छोटी सी थी और उस पर हल्के हल्के बाल भी थे। बिल्कुल गुलाबी कलर की.. में उसे देखता ही रह गया। तभी उसने उठकर अपना टावल ऊपर खींच लिया और में एकदम होश में आ गया। फिर वो मुझसे बोलने लगी.. बेशर्म में तेरी बहन हूँ ऐसे घूर घूरकर क्या देख रहा है? तो मैंने अपना सर नीचे कर लिया.. तभी उसने कहा कि मुझसे चला नहीं जा रहा.. मुझे अपनी गोद में उठाओ। तो मैंने उसे गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले गया.. और उसे बेड पर लेटा दिया.. लेकिन अब भी उसके बूब्स हल्के हल्के दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड खड़ा हो चुका था। तो मैंने उससे कहा कि तुम सीधी लेटी रहो.. में दवाई लाता हूँ.. में दूसरे कमरे में जाकर दवाई लेकर आया और में उसकी कमर पर दवाई लगाने लगा और कमर पर दवाई लगाते हुये मेरा हाथ अचानक से उसके बूब्स पर लग गया.. तो मेरे मन में एक अजीब सा अहसास हुआ और में अपने आपको रोक नहीं पाया और मैंने धीरे से उसकी कमर पर किस कर दिया.. वो एकदम से सीधी हुई तो उसके बूब्स मेरे मुहं पर छू गये और उसे भी अजीब सा महसूस होने लगा और फिर उसने मेरा मुहं अपने दोनों हाथों से पकड़ा और मेरे होंठो पर किस कर दिया। तो अब में भी नहीं रुक सका और में भी उसे किस करने लगा और मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर था और दूसरा पेट पर.. वो अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी उह्ह्ह अह्ह्ह और कह रही थी मुझे और ज़ोर से किस करो। तो में भी पूरे जोश में था मैंने अपनी शर्ट उतार दी और उसके बूब्स को चूमने चाटने लगा.. वो अजीब सी आवाज़ निकाल रही थी अहह आदित्य और ज़ोर से चूसो.. पी लो आज इनका सारा दूध.. बहुत दिन से मेरा तुझसे चुदने का मन कर रहा था।

फिर इतने में उसने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया। पेंट के ऊपर से ही वो मेरे लंड को रगड़ने लगी और फिर उसने मेरी पेंट को खोल दिया। तो में भी उसके सामने पूरा नंगा था और अब में उसकी गर्दन पर, पेट पर, होंठ पर, बूब्स पर बारी बारी से किस करने लगा। तो वो अब बहुत गरम हो गई फिर मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी चूत पर अपना हाथ रख दिया.. वो एकदम से सिहर उठी और उसकी चूत पानी छोड़ने लगी और वो बोलने लगी कि आदित्य अब बस डाल दो मुझसे रहा नहीं जा रहा.. जल्दी करो और चोद दो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत। तो मैंने उसे सीधा लेटाया और उसकी चूत पर किस करने लगा.. वो आईइ उह्ह्ह्ह सीईई कर रही थी। फिर मैंने अपना लंड हाथ में लिया और उसकी चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा और वो अपने आप झटके मारने लगी और लंड अंदर लेने की कोशिश करने लगी.. मैंने उसके छेद पर अपना लंड रखा और हल्का सा धक्का मारा तो वो एकदम से चिल्ला उठी और बोलने लगी कि प्लीज बाहर निकालो भैया बहुत दर्द हो रहा है।

में उसकी खराब हालत को देखकर वही रुक गया और वो आवाज़ निकालने लगी आईइ अहह माँ बचाओ मार दिया मुझे और अब उसकी चूत से खून आने लगा। तो मैंने एक मिनट शांत रहने के बाद फिर से जोरदार झटका मारा.. इस बार मैंने मेरा पूरा 6.5 इंच का लंड अंदर उतार दिया। तो वो ज़ोर से बोली कि आह में मर जाउंगी प्लीज इसको बाहर निकालो.. लेकिन में कहाँ सुनने वाला था.. दो मिनट रुका और आराम आराम से झटके मारने लगा। तो वो भी चुदाई के मज़े लेने लगी और अहह उह्ह्ह माँ मर गई की आवाज़ निकालने लगी और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और वो भी नीचे से धीरे धीरे झटके मारने लगी और मेरा पूरा साथ देने लगी। तभी थोड़ी देर बाद वो बोलने लगी कि मेरी चूत से कुछ निकल रहा है और वो उम्म अह्ह्ह की आवाज़ निकालते हुई झड़ गई.. उसकी चूत की गर्मी से में भी झड़ गया। फिर वो मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम वर्जिन थे? तो मैंने कहा कि नहीं में वर्जिन नहीं हूँ। फिर हम दोनों ने किस किया और कुछ देर लेटे रहे और फिर से हमने दो बार सेक्स किया और सो गए। सुबह उठकर एक बार फिर सेक्स किया और नहाकर कपड़े चेंज किए ।।

धन्यवाद …

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बहन ने लंड चूसा और चुदाई की मजा ली – Bahan Ne Lund Chusa Aur Chudai ki Maja Li | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ne-lund-chusa-aur-chudai-ki-maja-li/ //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ne-lund-chusa-aur-chudai-ki-maja-li/#comments Sun, 09 Jun 2019 02:31:42 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5636 [...]]]> hindi sex story, hindi sex kahani, bhai bahan ki sex kahani, bahan ki chut mari, bahan ki chutad fadi, bahan ki gand mari
हेलो मैं बिभोर दिल्ली से हूँ मेरा उम्र २१ साल हे । मैं अपने चची के पास गाओं में रहता हूँ । जब सहर से आयी तो मेरे दूर के रिश्तेदार ताउज हमारे घर ए थे उनकी एक बीटा और एक बेटी भी हे । बेटी का नाम दीपा हे जिससे में छोड़ने वाला था । वही बहन की चुदाई की कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ ।

जब में शहर में अपनी पढ़ाई पूरी करने आया तो अपने सभी रिश्तेदार से मिला और तब मैंने दीपा को वहां पर देखा तो में बिल्कुल चकित रह गया। उसके बूब्स बहुत बाहर आ चुके थे और बहुत मोटे मोटे दिखाई दे रहे थे। में तो उसे देखता ही रह गया, शायद उसने भी इस बात पर गौर कर लिया था। वो बोली कि तेरा ध्यान कहाँ है? तो मैंने कहा कि कहीं नहीं और ऐसे ही बहुत दिन गुज़र गये और फिर एक दिन में अपने पास के शहर से अपनी कार में वापस घर आ रहा था तो अचानक मुझे रोड पर दीपा और उसकी माँ और उसकी दो पड़ोसने दिखाई दी। फिर मैंने अपनी गाड़ी रोककर उनसे पूछा कि क्यों घर जाना है तो वो बोली कि हाँ भगवान का शुक्र है कि तुम मिल गये वर्ना हम पैदल ही घर जाते, क्योंकि इस जगह से हमें कोई साधन भी नहीं मिलता और फिर दीपा फटाफट से पिछली सीट पर बैठ गई। तभी उसकी माँ बोली कि दीपा तू आगे बैठ जा हम तीनों पीछे बैठते है और में पीछे की तरफ मुहं करके देखने लगा। वो अंदर से ही आगे वाली सीट पर आने लगी तो उसका एक बूब्स कपड़ो से बाहर आकर मेरे मुहं पर लगा और उसने उस समय काले कलर का सूट पहना हुआ था जो कि बहुत टाईट था और जब उसने आगे आने को अपनी एक टाँग फैलाई तो मुझे उसके पैरों के बीच में बहुत सारा पसीना आया हुआ दिखाई दिया, वो बिल्कुल गीली थी और फिर में झट से समझ गया था कि उसने उस समय पेंटी नहीं पहनी हुई थी।

फिर वो आगे आकर बैठ गई और उसकी माँ और वो दोनों औरतें बातों में एकदम मस्त थी और में उसके साथ बातें कर रहा था और बार बार उसके बूब्स को देख रहा था। तभी वो मुझसे मुस्कुराती हुई बोली कि लगता है कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? तो मैंने कहा कि हाँ नहीं है और फिर वो बोली कि हाँ तभी तो हमेशा इतने परेशान रहते हो। दोस्तों मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया कि उसने मुझसे क्या यह सब क्यों कहा? और जब वो गाड़ी से उतरकर जाने लगी तो उसकी मटकती हुई गांड को देखकर मुझे बहुत जोश चड़ गया और मैंने घर पर पहुँचते ही बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा और फिर मैंने दो बार लगातार मुठ मारी और सो गया। कुछ दिन ऐसे ही बीतते चले गये। फिर कुछ दिन के बाद मेरे ताऊ जी के घर पार्टी थी और उस समय मेरे दादा दादी जी भी उस समारोह में शामिल होने के लिए घर पर आ गये और में उनके साथ घर पर चला गया। जब में अपने ताऊ जी के रूम में पहुँचा तो मैंने देखा कि वहां पर दीपा तैयार हो रही थी। तभी वो डरकर अचानक से मेरी तरफ मुड़ी और बोली कि क्या यार विभु तुम हो? तो मैंने कहा कि हाँ में हूँ अगर तुम्हे कोई काम हो तो बताओ में करवा दूँगा। तो वो बोली कि हाँ सबसे पहले तुम यह मेरे ब्लाउज का हुक लगा दो, ये थोड़ा टाईट है। फिर दोस्तों जब में हुक लगाने लगा तो मुझे पता चला कि वो थोड़ा नहीं बहुत ज़्यादा टाईट था। फिर में उससे बोला कि तुम भी मेरी हेल्प करो यह ब्लाउज सच में बहुत टाईट है और फिर उसने अपने बूब्स मेरे सामने ब्लाउज में एक हाथ डालकर सेट करते हुए ब्लाउज को थोड़ा सरकाया जिसे देखकर मेरा तो लंड पेंट को फाड़कर बाहर आने को था और यह सब उसने तैयार होते हुए देख लिया था और फिर हम पार्टी में डांस करने लगे तो उसने मेरा हाथ पकड़कर मेरे साथ डांस किया और सबके सामने यह प्रदर्शित किया कि हम भाई बहन है, लेकिन दोस्तों मुझे उसका तो पता नहीं, लेकिन मेरे दिल में बहुत कुछ था और फिर उस दिन से हम दोनों फोन पर चेटिंग करने लगे थे, लेकिन ऐसे कि जैसे हम एक दूसरे के कोई दोस्त है।

फिर आख़िरकार वो दिन आ ही गया जब मुझे उसकी चूत के दर्शन करने का मौका मिल गया, क्योंकि उस दिन उसके मम्मी पापा और मेरे घर वाले पास वाले शहर में किसी के घर पर जागरण में चले गये और दीपा को मेरे साथ मेरे घर पर छोड़ गये। मेरे दिल में तो अब लड्डू फूटने लगे, तब सर्दियों के दिन थे और में सोफे पर बैठकर टीवी पर क्रिकेट मैच देख रहा था। तभी कुछ देर के बाद अचानक लाईट चली गई और उस समय मैच बहुत मजेदार चल रहा था तो मुझसे रहा नहीं गया और मेंने अपने लॅपटॉप पर मैच लगा लिया। वो मेरे पास आकर खड़ी हो गई और फिर वो भी मैच देखने लगी और जब कुछ देर बाद मैंने उसकी तरफ देखा तो में कंट्रोल से बाहर हो गया। उसने नीले कलर की बिल्कुल टाईट टी-शर्ट और लोवर पहना हुआ था। वो उसमें क्या मस्त लग रही थी मेरा तो दिल कर रहा था कि उसके बूब्स को पकड़कर चूसकर सारा का सारा दूध पी लूँ और उन्हे नीबूं की तरह निचोड़ डालूं। तभी वो मुस्कुराते हुए मुझसे बोली कि मैच देख लो और अपना ध्यान मैच पर रखो मुझ पर नहीं। वो उस समय इतना कहते हुए थोड़ा मेरे पास बैठ गई और भी करीब आने लगी और फिर वो मुझसे बोली कि विभु मुझे यहाँ पर ठंड लग रही है, तुम अपना यह लेपटॉप बेड पर रख लो।

फिर में उसके कहने से बेड पर आ गया और में अपने दोनों पैरों को कम्बल के अंदर करके बैठ गया। वो मेरे एक साईड में बैठी हुई थी और थोड़ी दूरी पर थी जिसकी वजह से उसे लॅपटॉप सही ढंग से नहीं दिख रहा था। वो मुझसे बोली कि लेपटॉप को थोड़ा इधर कर लो और मैंने वैसा ही किया। में अब उसकी साईड में और उसके बिल्कुल पास बैठ गया और कंबल में पूरा घुसा हुआ था, लेकिन अब मेरा पूरा ध्यान मैच से बिल्कुल हट चुका था और में धीरे धीरे अपने एक पैर से उसके पैर को रगड़ने लगा और मैंने एक पैर उसके पैर पर रख दिया, लेकिन उसने कोई विरोध नहीं किया में समझ गया था कि उसे भी अब इस सर्दी में गरमाहट चाहिए और फिर मैंने अपना एक हाथ भी कंबल में घुसा दिया और एक साईड से उसकी हल्के से गांड को छूने लगा, लेकिन वो फिर भी मुझसे कुछ भी नहीं बोली और इतनी देर में मैच ख़त्म हो गया, लेकिन उसका ध्यान कहीं और था। तो कुछ देर के बाद वो बोली कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड का क्या नाम है? में अब लगातार धीरे धीरे उसकी गांड पर हाथ फेरता रहा और उससे बोला कि कोई है ही नहीं। तो वो झट से बोली कि ऐसा हो ही नहीं सकता और ऐसे ही हम गर्लफ्रेंड के बारे में बातें करते रहे। तभी मैंने धीरे धीरे अपने हाथ की जगह चेंज कर दी और अपने हाथ को उसके लोवर के ऊपर से ही उसकी चूत के पास ले गया। वो मुझसे बोली कि विभु यह क्या कर रहे हो? क्या तुम्हे शर्म नहीं आती, में तुम्हारी बहन हूँ? तो में बोला कि मैंने ऐसा क्या किया है? तो वो बोली कि अब तुम ज़्यादा चालाक मत बनो, तुम्हारा हाथ कहाँ पर है? तो मैंने कहा कि मेरा हाथ यहीं पर है और मैंने अपना हाथ थोड़ा और टाईट कर लिया। तभी वो मेरा हाथ पकड़कर छुड़ाने लगी और बोली कि यह है तुम्हारा हाथ। तो में बोला कि तो क्या हुआ? तुम मेरी बहन हो इसलिए हम दोनों एक दूसरे की बातें तो जान सकते है। वो बोली कि यह बात बिल्कुल गलत है। भाई बहन में कभी भी ऐसा नहीं होता। में उसे अब मनाने लगा, लेकिन वो नहीं मान रही थी तो मैंने उससे कहा कि चलो अगर तुम मुझे अपना अच्छा भाई मानती तो प्लीज मुझे एक बार अपना शरीर दिखा दो। वो लगातार ना ना कर रही थी तो मैंने उसे अपनी कसम देकर एक बार दिखाने को बोला तो वो मान गई और मुझसे बोली कि में सिर्फ़ एक बार ही तुम्हे दिखाउंगी और फिर वो अपनी टी-शर्ट के ऊपर के बटन खोलने लगी। तभी मैंने उसे रोक दिया और वो अचानक से रुक गई और मेरी तरफ देखने लगी। मैंने उससे कहा कि तुम रहने दो में खुद ही खोल लूँगा और फिर मैंने धीरे धीरे बटन खोलकर उसके ऊपर का हिस्सा उतार दिया। वो गुलाबी कलर की ब्रा में थी और उस पर फूलों की डिजाईन बनी हुई थी। में उससे बोला कि मुझसे अच्छे तो यह फूल ही है, कम से कम तुम्हारी ब्रा से तो चिपके हुए है। तो वो हँसने लगी और मैंने सही मौका देखकर उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही पकड़ लिया। तो वो बोली कि मैंने सिर्फ़ देखने को कहा था छूने को नहीं। तो मैंने कहा कि प्लीज मुझे छूने दो, पक्का में सेक्स नहीं करूंगा और फिर मैंने उसे विश्वास दिलाया कि सेक्स नहीं करूंगा।

तो वो मान गई में फिर उसके लोवर की तरफ बढ़ा तो वो मुझसे बोली कि क्या इसको उतारना ज़रूरी है? तो मैंने कहा कि असली चीज़ तो यहीं पर है प्लीज उतारने दो और फिर झट से मैंने उसकी लोवर को उतार दिया उसने लाल कलर की पेंटी पहन रखी थी और अब वो ब्रा और पेंटी में क्या मस्त लग रही थी। ऐसे ही करते करते मैंने उसके एक कंधे से उसकी ब्रा को नीचे कर दिया और उसका एकदम सफेद बूब्स आधे से ज्यादा बाहर आ गया और उसने मुझे पकड़ लिया। मैंने उसके एक बूब्स को एक हाथ में लिया और दूसरा हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया और उसकी चूत को पहली बार छूकर देखा। मेरे छूते ही वो बिल्कुल पागल हो गयी और उसने एकदम से पलटकर मुझे बिल्कुल टाईट पकड़ लिया और मुझे लिप किस करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी। मुझे पता चल चुका था कि अब सब कुछ मेरे हाथ में या मेरे लंड में है। में उसकी चूत को पेंटी के अंदर ही बार बार छू रहा था और धीरे धीरे सहला रहा था। फिर में उसकी चूत के सामने आ गया और मैंने उसकी पेंटी को उतार दिया। दोस्तों वाह क्या जन्नत की तरह थी वो जगह उसकी चूत बिल्कुल साफ थी। मैंने उसे अपनी बाहों में लेकर लेटा दिया और उसकी चूत को छूने लगा। तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब ऐसा मत करो मुझे बहुत अजीब सा महसूस हो रहा है।

दोस्तों अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं गया और मैंने उसकी चूत के ऊपर मुहं रख दिया और उसे किस करने लगा इस वजह से वो बहुत ज़ोर से मचलने लगी जैसे बिन पानी के मछली तड़पती है वैसे ही तड़पने लगी और वो मेरा सर अपनी चूत पर दबा रही थी। मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और उसकी बैचेन चूत में अपनी जीभ को डाल दिया। वाह दोस्तों क्या मस्त अहसास था, पहली बार मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैंने ऐसी रसीली और मजेदार चीज़ कभी खाई ही नहीं। फिर कुछ देर ऐसे ही करते करते वो झड़ गई और उसकी चूत का पानी मेरी जीभ को लग गया वो बहुत अजीब से स्वाद का था, मैंने उसे थूक दिया। तो वो मुस्कराते हुए बड़ी संतुष्ट लगी, लेकिन में अभी भी ठंडा नहीं हुआ था और में हल्का सा उसके ऊपर आकर अपना लंड उसके दोनों बूब्स के बीच में दबा लिया और रगड़ने लगा। जब में लंड को आगे की तरफ ले जाता तो वो अपना मुहं खोलकर उसे अंदर ले लेती। फिर दीपा ने बोला कि में और अब नहीं रह सकती, प्लीज़ इसे नीचे डालो, मुझे बहुत अजीब सा कुछ कुछ हो रहा है। फिर मैंने भी अपने लंड को हाथ में ले लिया और दीपा की चूत के मुहं पर रगड़ने लगा। वो अब झटपटाने लगी और मुझसे लंड को अंदर डालने की भीख माँगने लगी। मैंने फिर से हल्का सा ज़ोर देकर अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के अंदर डाला तो उसकी एक बार आखें फट गयी। में थोड़ी सी देर बिल्कुल शांत हो गया और फिर दूसरे ही झटके में लंड को अंदर की तरफ पहुंचा दिया। उसके मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकल पड़ी और आँखो से आँसू। में फिर से थोड़ा नीचे की तरफ होकर उसके होंठो को चूसने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा और फिर मैंने सही मौका देखकर एक बार फिर से धक्का मार दिया और अब लंड बहुत अंदर जा चुका था और वो बार बार मुझसे से उसे बाहर निकालने के लिए कह रही थी, लेकिन में अब वहां से वापस नहीं लौट सकता था इसलिए मैंने थोड़ा सा रुककर मैंने फिर से एक आखरी झटके में अपना लंड जड़ तक दीपा की चूत में डाल दिया और वो दर्द से झटपटाने लगी और में फिर से नीचे झुककर उसको स्मूच करने लगा और बूब्स को दबाने लगा।

फिर थोड़ी देर बाद उसको भी दर्द खत्म होने के बाद जोश आ गया और धीरे धीरे से अपने कूल्हों को हिलाने लगी और में समझ गया कि अब शायद उसे भी मज़ा आने लगा है और फिर में भी हल्के हल्के झटके लगाने लगा। फिर वो कभी मुस्कुराती तो कभी एक रांड की तरह लंड का मज़ा लेते हुए स्माईल देती और अब मेरे भी धक्कों की स्पीड और भी तेज हो चुकी थी और मेरा लंड पिस्टन की तरह अंदर बाहर हो रहा था और अब मुझे लगा कि शायद वो झड़ने वाली है इसलिए मैंने धक्के और तेज कर दिए ताकि उसे और भी चुदाई के मज़े मिले और फिर उसका शरीर अकड़ने लगा और मेरी बहन मेरे लंड से चुदाई करवाती हुई झड़ गई। अब मैंने अपनी स्पीड को और भी बढ़ा दिया और चूत में बहुत गीलापन होने की वजह से फच फच की आवाजें आने लगी और अब मुझे भी लगने लगा कि शायद अब में भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपने धक्के और भी तेज कर दिए और 15-20 धक्कों के बाद में और दीपा एक साथ झड़ गये और थोड़ी देर तक हम दोनों एक साथ लेटे रहे और एक दूसरे को देखकर मुस्कुराते रहे। मैंने ध्यान से देखा कि दीपा के बूब्स एकदम लाल हो चुके थे और उस पर मेरे हाथों के निशान भी साफ साफ नज़र आ रहे थे।

फिर हम ऐसे ही नंगे फिर से एक बार जोश में आ गये और एक दूसरे से सांप की तरह लिपट गये। मेरा लंड एक बार फिर से उसके पैरों के बीच दस्तक देने लगा और मेरी बहन मुस्कुरा रही थी और मेरा लंड पकड़कर एक बार फिर से हिलाने लगी और कुछ देर के बाद मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और जब मैंने उसे लेटने के लिए कहा तो उसने कहा कि नीचे के लिए आज इतना ही बहुत है और बाकी बाद में। फिर उसने अपने गुलाबी होंठ मेरे लंड पर जकड़ दिए और चूसने लगी। में उसके बालों को पकड़कर पीछे करके उसको देखने लगा, वो बड़े मज़े से चूस रही थी और कभी कभी एक हाथ से अपने बूब्स को भी बॉल की तरह दबाती। दोस्तों उस रात हम दोनों बिना कपड़ो के ही रहे और सारी रात सोए नहीं और जब हमारे घरवालों का आने का टाईम हुआ तो हम एक बार और चुदाई करके सब कुछ साफ करके सो गए। दोस्तों आज भी वो एक होस्टल में रहकर नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही है में जब भी वहां पर जाता हूँ तो एक पूरे दिन और रात हम होटल में एक दूसरे के साथ रहते है। मुझे आज भी उसकी चूत बहुत रसीली लगती है और उसे देखते ही मेरा दिल करता है कि उसे लगातार चाटता ही रहूँ ।।

धन्यवाद …

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पड़ोसन बहन की मजेदार चुदाई की कहानी – Padosan Bahan Ki Majedar Chudai Ki Kahani | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/padosan-bahan-ki-majedar-chudai-ki-kahani/ //otelsan.ru/xbrasilporno/padosan-bahan-ki-majedar-chudai-ki-kahani/#comments Tue, 04 Jun 2019 16:26:05 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5592 [...]]]> padosan ladki ki chudai, hindi sex story, gandi kahani, antarvasna, sex story in hindi, bahan ki chudai, cousin sister sex story in hindi
हेलो फ्रेंड्स, मैं गुरु दिली से, ये कहानी मेरे पड़ोसन लड़की के साथ हुई चुदाई की बारे में । मेरे ८ इंच का बड़ा लंड हे जो किसी भी लड़की , भाभी, आंटी को खुलकर सकता हे । मैं हमेशा नयी चुत चोदने के लिए सुजोग ढूंढता रहता हूँ । आज ये कहानी पढ़ने के बाद आप मेरे बारे में बहत कुछ जान पाएंगे ।
दोस्तों, यह कहानी मेरे और मेरी पड़ोसन के बारे में है जिसकी मैंने जमकर चुदाई की।
वैसे दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और वो मुझसे एक साल छोटी है करीब 22 साल, उसका नाम प्रियंका है और में उसके बारे में क्या बताऊँ वो बहुत सेक्सी है, एकदम साफ रंग ऊपर से जब वो टी-शर्ट पहनती है तो उसके गोल गोल बूब्स देखकर तो में बिल्कुल ही पागल हो जाता हूँ और कभी कभी जब वो गहरे गले की टी-शर्ट पहनती थी और में अपनी बालकनी में खड़ा होता था तो में तो बस उसके बड़े बड़े बूब्स की लाइन ही देखता रहता था और उसकी गोल गांड के तो क्या कहने? में जब भी उसकी गांड को देखता तो मेरा मन करता था कि बस उसी समय उसके कपड़े उतारकर उसे चोदना शुरू कर दूँ, लेकिन यह सब मुमकिन नहीं हो पता था, तो मुझे उसकी चुदाई करने की सारी तड़प अपनी गर्लफ्रेंड पर उतारनी पड़ती या मजबूरी में मुठ मारनी पड़ती थी, लेकिन उससे बुरी बात तो यह थी कि वो अब मुझे भैया बोलने लगी थी, जो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था, लेकिन दोस्तों अगर कोई लड़की आपको भाई बोलती है तो उसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आप उससे कभी भी जब मर्ज़ी हो मिलने जा सकते हो और उसे कहीं भी बुला सकते हो और अगर सब कुछ ठीक रहा तो आप कभी भी उसे चोद भी सकते हो और आपके ऊपर किसी को शक भी नहीं होगा।

दोस्तों जब से वो जवान हुई थी में तो उसे चोदने के सपने देखने लगा और में दिन रात उसके बारे में सोचने लगा। में उसके बारे में सोच सोचकर एकदम पागल होने लगा था, लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि अगर मैंने कुछ किया तो उसका रिज़ल्ट क्या होगा? फिर भी में तो कभी कभी थोड़ी थोड़ी कोशिश करता रहता था, जैसे कि जब में उसके घर जाता था तो उसके साथ बैठने की कोशिश करता था। उसके हाथ पर अपना हाथ रख देता था या उसे घूरता रहता था, लेकिन उसकी तरफ से कभी भी कोई ऐसा जवाब नहीं आया कि जिससे मुझे लगे कि वो भी मुझसे चुदना चाहती है, लेकिन मुझे उससे क्या लेना, मुझे तो बस उसे चोदना था? और अब एक दिन हुआ यह कि में अपने कॉलेज के पेपर की तैयारी कर रहा था और में उस समय कॉलेज के आखरी साल में था, उस वक़्त प्रियंका भी अपने दूसरे साल के पेपर की तैयारी कर रही थी। वो अक्सर मेरे पास अपनी समस्या लेकर आती रहती और में उसकी मदद किया करता था। में कई बार मज़ाक मज़ाक में उसे पढ़ाते वक़्त उसके बूब्स और गांड पर हाथ मार दिया करता था, लेकिन वो मुझे कभी कुछ नहीं बोलती थी, शायद वो मुझे अपना भैया समझती थी। फिर हुआ यह कि प्रियंका के पापा का ऑफिस दिल्ली के बाहर है और इसलिए वो हर रोज अप-डाउन करने की बजाए कभी कभी वहीं पर रुक जाते है और घर नहीं आते और फिर हमारे पेपर शुरू होने के ठीक एक हफ़्ता पहले एक दिन प्रियंका की मम्मी हमारे घर पर आई और उन्होंने बोला कि उनके भाई मतलब प्रियंका के मामा की तबीयत अचानक से बहुत खराब हो गई है और उन्हे और उनके पति को वहां पर जाना पड़ रहा है और वो प्रियंका को अपने साथ नहीं ले जा सकते, क्योंकि उसके पेपर शुरू होने वाले थे और फिर उन्होंने बोला कि आप लोग प्लीज उसका ध्यान रखना और कभी कभी गुरु को प्रियंका के पास भेज देना ताकि वो उसे पढ़ा दे और उस वजह से प्रियंका को अकेलापन भी महसूस नहीं होगा। तो में एक तरफ खड़ा खड़ा यह सारी बातें सुन रहा था और मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, अब मुझे लग रहा था कि शायद अब में प्रियंका को चोदने का अपना ख्वाब पूरा कर सकता हूँ।

तो अगले दिन जब में कॉलेज से वापस आया तो में बहुत खुश था, क्योंकि में जानता था कि आज प्रियंका घर पर एकदम अकेली है और आज मेरे पास पूरा मौका है उसे चोदने का, लेकिन में अब भी यही सोच रहा था कि में यह सब कैसे करूँगा? और फिर सोचते सोचते शाम पड़ गई और तब तक प्रियंका भी घर पर आ चुकी थी तो मैंने मम्मी से बोला कि आप प्रियंका और मेरा खाना पेक कर दो में उसके साथ ही खा लूँगा। तो मम्मी ने बोला कि ठीक है। दोस्तों प्रियंका मुझे हमेशा भैया बोलती थी तो इसलिए हम पर कोई भी ऐसे शक नहीं कर सकता था और फिर उसके बाद रात को 9 बजे मैंने खाना पेक करके प्रियंका के घर की घंटी बजाई और जब उसने दरवाजा खोला तो में तो बस उसे देखता ही रह गया। उसने आज एक बहुत छोटी सी स्कर्ट, एकदम टाईट टी-शर्ट पहन रखी थी। में तो उसकी गोरी गोरी जांघे देखता ही रहा फिर में अंदर गया और में पीछे से उसकी उठी हुई स्कर्ट में से उसकी जांघे झाँकने लगा, लेकिन कुछ ज्यादा नज़र नहीं आ रहा था और अब में उसके बूब्स को घूरने लगा जो उस टी-शर्ट में एकदम सेक्सी लग रहे थे। फिर मैंने प्रियंका को खाना दिया और उसे प्लेट में डालकर लाने को बोला और में टीवी चलाकर बैठ गया। मैंने टीवी पर सारे चेनल चला दिए, लेकिन किसी पर भी कोई सेक्सी फिल्म नहीं आ रही थी तो मैंने टीवी को बंद कर दिया। फिर प्रियंका ने पूछा कि भैया आपने टीवी क्यों बंद कर दिया? तो मैंने बोला कि उस पर कुछ नहीं आ रहा था और मैंने उससे पूछा।

में : और बता क्या चल रहा है?

प्रियंका : सब मस्त है भैया आप बताओ आपका क्या हाल है, क्या पेपर की तैयारी हो गई?

में : नहीं यार, मेरा तो आज कल कहीं मन ही नहीं लगता।

प्रियंका : क्यों भैया ऐसा क्या हुआ?

में : पता नहीं यार, आज कल कहीं दिल नहीं लगता, पता नहीं क्या बात है?

प्रियंका : क्या में बताऊ भैया आपको क्या हुआ है?

में : हाँ जल्दी बताओ?

प्रियंका : शायद आपको कोई पसंद आ गया है और यह सब प्यार में ही होता है। (वो मंद मंद मुस्कुरा रही थी)

में : हाँ शायद तू बिल्कुल सही कह रही है, आजकल तो में बस उसके ही सपने देखता रहता हूँ और हमेशा उसी के बारे में सोचता रहता हूँ।

प्रियंका : वो कौन है भैया प्लीज मुझे भी बताओ ना?

में : कोई नहीं है तू अपना खाना खा और पढ़ाई कर।

प्रियंका : नहीं भैया मुझे नहीं पढ़ना, प्लीज पहले आप मुझे बताओ ना कौन है?

में : अच्छा तू खाना खा ले जब हम पढ़ने लगेंगे तो में तुझे पक्का बताऊंगा।

प्रियंका : क्या पक्का वादा?

में : हाँ पक्का वादा।

प्रियंका : फिर ठीक है।

फिर उसके बाद प्रियंका वहां से उठी और चली गई और फिर थोड़ी देर बाद प्रियंका ने मुझसे बोला कि वो नहाने जा रही है। तो मैंने उससे बोला कि ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी आ जाना फिर हम पढ़ना शुरू कर देंगे। तब मैंने मन ही मन सोचा कि आज में इसको सब सच सच बता दूँगा और अगर सब ठीक रहा तो आज इसकी जमकर चुदाई भी कर दूँगा और फिर मैंने भी अपने घर पर जाकर बोल दिया कि आज में लेट ही आऊंगा, क्योंकि मुझे आज प्रियंका को पढ़ना है। तो मम्मी ने मुझसे बोला कि तो तू वहीं पर सो जाना और अब मेरे तो जैसे लॉटरी लग गई, मैंने मम्मी को झट से हाँ बोल दिया और जल्दी से वापस प्रियंका के घर चला गया और उसके बाद में सीधा प्रियंका के रूम में कुछ किताब लेने के लिए चला गया, उसका दरवाजा खुला हुआ था और मैंने बस अभी तक हल्का सा दरवाजा खोला था और मेरी नज़र जब रूम में पड़ी तो में तो पूरी तरह से हिल गया। मैंने अंदर की तरफ देखा कि प्रियंका सिर्फ़ एक टावल को लपेटकर खड़ी हुई थी और शायद वो कुछ ढूंड रही थी। में तो बस पीछे से उसकी गोरी गोरी जांघे देखने लगा और उसकी गांड भी बहुत बाहर की तरफ निकली हुई थी, कसम से अब तो में और भी पागल होता जा रहा था और मेरा लंड भी अब पूरा खड़ा हो चुका था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं?

तभी मैंने देखा कि उसने अलमारी में से अपनी एक काली कलर की ब्रा-पेंटी निकाली जो की बहुत सेक्सी थी और देखकर लग रहा था कि शायद वो वहीं पर चेंज करेगी, लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि वो तो बाथरूम की तरफ जाने लगी थी तो मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने दरवाजा खोला और जानबूझ कर उसके रूम में ग़लती से अंदर जाने की एक्टिंग करने लगा। तो वो अचानक से डर गई और मैंने उसे देखते ही सॉरी बोला। प्रियंका बोली कि भैया अपने तो मुझे डरा ही दिया था। मैंने उससे कहा कि में कुछ किताब लेने अंदर आया था। में उसके हाथ की तरफ देख रहा था, उसके हाथ में उसकी ब्रा और पेंटी थी। जब उसने इस बात पर गौर किया तो उसने झट से अपनी ब्रा-पेंटी को अपनी गांड के पीछे छुपा लिया। मेरा तो बस मन कर रहा था कि उसको यहीं पर लेटाकर चूमना, चाटना शुरू कर दूँ और अब वो भी थोड़ा शरमाने लगी थी, क्योंकि वो मेरे सामने सिर्फ़ एक टावल में खड़ी हुई थी। तो मैंने उससे बोला कि शरमाने की कोई बात नहीं है तुम जाकर चेंज कर लो, में बाहर तुम्हारा इंतजार करता हूँ। यह बात सुनकर उसने मुझे स्माइल दी और जैसे ही वो बाथरूम की तरफ चलने लगी तो अचानक उसका टावल अलमारी के हेंडल में अटक गया और एक ही झटके में वो टावल उसके शरीर से अलग हो गया और जो मैंने उसके बाद देखा। दोस्तों वो में आपको शब्दो में भी बया नहीं कर सकता, क्योंकि वो ठीक मेरे सामने एकदम नंगी खड़ी हुई थी और उसके मोटे मोटे बूब्स मेरे सामने थे, जिन्हे में पूरा दिन रात चूसने के सपने देखता था और उसकी गुलाबी चूत देखकर तो में पागल ही हो गया और मेरा लंड भी अब मेरी पेंट फाड़कर बाहर आने लगा था। तो उसने मेरे लंड के बड़ते हुए आकार को महसूस कर लिया था और फिर करीब 30 सेकिंड तक उसे समझ में नहीं आया कि वो अब क्या करे? उसके बाद जब वो थोड़ा झुककर टावल उठाने लगी तो तब तक बहुत देर हो चुकी थी में सीधा उसके पास गया और उसे अपने गले से लगा लिया और बोला कि प्रियंका में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो में तुम्हारे बिना नहीं जी सकता। तो उसने अपने आपको मुझसे छुड़वाया और अपना टावल उठाकर लपेट लिया और बोला कि नहीं भैया ऐसा नहीं हो सकता क्या आप पागल हो गए हो और यह आप क्या बोल रहे हो?

फिर मैंने बोला कि में जो भी बोल रहा हूँ वो सब सच बोल रहा हूँ। उसने बोला कि अगर किसी को पता चल गया तो सब क्या बोलेंगे? तो मैंने कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और किसी को बताएगा भी कौन? यह बात हम दोनों के बीच में ही रहेगी। तो उसने बोला कि नहीं भैया प्लीज आप ऐसा मत सोचो, यह सब बिल्कुल ग़लत है। फिर मैंने बोला कि इसमे कुछ ग़लत नहीं है और फिर मैंने धीरे धीरे उसको अपनी तरफ खींचना शुरू कर दिया। पहले तो वो मेरा विरोध करती रही, लेकिन जब मैंने ज़बरदस्ती अपने होंठो को उसके होंठो पर रखे तो थोड़ी ही देर बाद वो जोश में आकर मेरा साथ देने लगी और मुझे भी अब लगा कि लोहा गरम हो गया है तो मैंने भी धीरे धीरे उसका टावल खींचना शुरू कर दिया, पहले तो वो मेरा हाथ हटाती रही लेकिन जब मैंने उसे खींचकर बेड पर लेटाया और उसके गुलाबी होंठो को चूसने लगा तो वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और फिर मैंने उसका टावल उसके शरीर से एक बार फिर से अलग कर दिया। अब वो मेरी बाहों में बिल्कुल नंगी पड़ी थी। में उसकी चूत देखकर पागल हुआ जा रहा था। फिर में एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा और में एक हाथ उसकी चूत पर रखकर उसे मसलने लगा।

फिर वो बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और सिसकियों की आवाजें निकालने लगी, लेकिन में उसके होंठो को लगातार चूसता रहा जिसकी वजह से उसकी आवाज़ बाहर नहीं निकली और फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू किया और मैंने बहुत बार उसके निप्पल पर भी काटा जिससे वो एकदम मचल जाती थी और फिर में धीरे धीरे चूमते चाटते नीचे जाने लगा। उसका पेट कांप रहा था और उसे भी अब सेक्स चड़ने लगा था और उसके बाद मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया। फिर मैंने देखा कि अभी तक उसकी आँखे बंद थी और उसने मेरे लंड को नहीं देखा था। फिर मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और मैंने देखा कि वो अभी तक पूरी तरह से वर्जिन थी, शायद उसने आज तक अपनी चूत में उंगली भी नहीं की थी। फिर मैंने अपनी जीभ के साथ उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, वो पूरे मज़े के साथ हवा में उछलने लगी और आवाज़े निकालने लगी प्लीज भैया ऐसा मत करो अहाहहह आईईई, लेकिन कुछ देर बाद ही वो मुझसे कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बहुत मज़ा रहा उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा और अंदर करो प्लीज भैया और अंदर अह्ह्हह्ह्ह्ह। तो उसके मुहं से यह आवाज़े सुनकर मुझमें भी अब जोश आ गया और में अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा। तो वो बोलने लगी कि भाई अह्ह्ह्ह मुझे कुछ हो रहा है आऐईईई अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो अआह्ह्ह रहा प्लीज भैया रूको, लेकिन में नहीं रुका और उसकी चूत को लगातार चूसता, चाटता रहा और उसी वक़्त वो झड़ गई और उसने अपना सारा माल अपनी चूत से बाहर निकाल दिया। तो मैंने एक टिश्यू पेपर लेकर उसकी चूत को साफ किया और फिर मैंने अपना लंड अपने हाथ में पकड़ा और उससे बोला कि अब जानेमन तुम्हारी बारी है और मैंने उसे इशारे में अपना लंड चूसने को बोला। तो पहले उसने साफ साफ मना किया, लेकिन मैंने उसे बहुत देर तक समझाया और उससे थोड़ी सी ज़बरदस्ती की और उसके मुहं में अपना लंड डाल दिया और फिर वो भी बड़े मज़े से मेरा लंड चूसने लगी। दोस्तों में क्या बताऊँ में तो उस समय जैसे सातवें आसमान पर था, वो मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे मानो कोई छोटा बच्चा आईसक्रीम खा रहा होता है। वो अपनी पूरी जीभ को मेरे लंड के टोपे पर घुमा रही थी और थोड़ी ही देर के बाद में भी झड़ गया। वो लंड पर से अपना मुहं हटाना चाहती थी, लेकिन मैंने मजबूती से उसका सर पकड़ लिया और सारा माल उसके मुहं में ही निकाल दिया और फिर बाद में उसने उसे थूक दिया।

फिर हम एक दूसरे के साथ ऐसे ही नंगे लेटे हुए थे और वो फिर से मेरे लंड को अपने हाथों से दोबारा सहलाने, दबाने लगी। तो में भी झट से समझ गया कि अब यह मुझसे चुदना चाहती है और अब आज मेरा भी सपना पूरा होने वाला था। फिर उसने थोड़ी देर मेरा लंड सहलाया और वो तनकर खड़ा हो गया। फिर मैंने उसके दोनों पैरों को खोलकर अपने पेट पर घुमा दिया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और एक तेल की बोतल अपने पास रख ली, लेकिन वो अब बहुत डर रही थी और बोल रही थी कि भैया प्लीज रहने दो हम फिर कभी कर लेंगे, आपका लंड बहुत बड़ा है यह मेरे अंदर नहीं जाएगा, लेकिन में कहाँ मानने वाला था? मैंने तेल की बोतल खोली और उसकी चूत को पूरा तेल के साथ भर दिया ताकि लंड आसानी से अंदर चला जाए और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया और फिर उसके बाद मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा और उसके मुहं से एक बहुत तेज़ चीख निकली आअहहह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह मर गई, इसे बाहर निकालो प्लीज, नहीं तो में मर जाउंगी, प्लीज भैया ऊईइइइईईईई माँ, भैया प्लीज मुझ पर थोड़ा तरस खाओ, प्लीज अह्ह्हह्ह्ह इसे बाहर निकालो, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था और मैंने एक और धक्का लगा दिया जिसकी वजह से वो और बहुत तेज़ छटपटाने लगी, उसने छूटने की बहुत कोशिश की लेकिन मैंने उसे अपने पैरों के साथ जकड़ लिया था और उसके मुहं पर अपना मुहं रखा था ताकि उसकी आवाज़ बाहर ना निकल सके।

फिर में थोड़ी देर तक एक जगह पर रुका रहा और मैंने नीचे की तरफ देखा तो उसकी चूत में से खून निकल रहा था, शायद वो वर्जिन थी और यह उसकी पहली चुदाई थी इसलिए खून चूत से बाहर निकला होगा और थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और जब उसकी आवाज़ कम हो गई तो मैंने उसके मुहं से अपना मुहं हटा लिया और उसकी चूत में पूरे ज़ोरदार धक्के मारने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा था वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी। हमारी आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी और में उससे बोल रहा था कि प्रियंका में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और मैंने हमेशा से तुम्हे ऐसे ही चोदना चाहता था। तो प्रियंका भी बोल रही थी कि हाँ भैया में भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ और अब उसकी सिसकियाँ भी बड़ने लगी थी और वो बोल रही थी कि भैया थोड़ा और ज़ोर से करो अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ आज इसमें पूरा अंदर डाल दो अपना लंड उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ हाँ बहुत मज़ा आ गया, भैया प्लीज आज मुझे अपनी बना लो और हमेशा मुझे ऐसे ही चोदते रहना। तो में भी बोलने लगा कि मेरी रानी तू बिल्कुल भी फ़िक्र मत कर, में अब दिन रात एक करके तुझे चोदूंगा और तेरी चूत को शांत करूंगा, में तुझे अपनी रानी बनाकर रखूंगा। फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद एक तेज धक्के के साथ हम दोनों एक एक करके झड़ गये। मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया और में बहुत थककर एकदम निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया और अब उसके शरीर के साथ साथ उसकी चूत भी ढीली हो गई थी और वो मेरी तरफ देखकर मुझे स्माइल दे रही थी और फिर मैंने थोड़ी देर बाद उठकर उसे एक किस किया और एक कपड़ा लेकर उसकी चूत और अपने लंड से खून को साफ किया और उसके बाद मैंने उस रात उसे तीन बार और चोदा, लेकिन उसके बाद में अब तक में उसे पता नहीं कितनी बार चोद चुका हूँ और हर बार में उसे एक नई स्टाईल में चोदता हूँ, वो हर बार मेरी चुदाई से बहुत खुश हो जाती है ।।

धन्यवाद …

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हेलो दोस्तों मैं हूँ अमृता और आप सब अभी otelsan.ru पे मेरी कहानी पढ़ने जा रहे हो । उम्मीद हे सभी लड़कियां अपनी चुत पे ऊँगली करना सुरु कर चुके होंगे और लड़के अपने लंड को पकड़के हिलना भी सुरु कर चुके होंगे । मेरे उम्र अभी २२ साल हे और मुझे चुदाई की प्यास बहत हे । आप मेरी ये कहानी पढ़िए और मेरे बारे में अपना राय दीजिये । दोस्तों मेरे माता, पिता हमेशा से ही चाहते थे कि उनको एक बेटा हो लेकिन में उनकी पहली औलाद थी और मुझसे छोटी मेरी बहन पायल 21 साल की है तो दोस्तों जब वो पैदा हुई.. तब भी मेरे माता, पिता की लड़के की ख्वाहिश कम नहीं हुई और फिर इसके कुछ सालों के बाद मेरा भाई रोहन पैदा हुआ.. वो हमारी फेमिली में सबसे छोटा है और हमारी फेमिली एक दूसरे से बहुत प्यार से रहती थी..
कभी किसी से नहीं लड़ता और हम सभी में सिर्फ़ प्यार ही प्यार था। फिर एक दिन मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया लेकिन मुझे नहीं लगता कि वो पाप था लेकिन दुनिया की नज़रो में तो वो पाप ही था और वही पाप में आज आप सभी को विस्तार से बताने जा रही हूँ।

दोस्तों स्कूल में मेरी सभी फ्रेंड्स बहुत शैतान और बहुत बिगड़ी हुई थी। उस स्कूल का तरीका ही ऐसा था और वहाँ पर सीनियर्स और जूनियर्स सबके बॉयफ्रेंड थे लेकिन अभी तक मेरा कोई नहीं था और सब लोग एक दूसरे से दिन भर सेक्स सम्बन्धित बातें करते रहते थे और फिर मेरी भी धीरे-धीरे सबसे दोस्ती हो गयी और में भी धीरे-धीरे इसी रंग में ढलने लगी। फिर कुछ दिनों के बाद मुझे दो लड़को ने प्रपोज़ भी किया लेकिन मैंने मना कर दिया.. क्योंकि मुझे कोई ऐसा लड़का चाहिए था.. जो मेरी परवाह करे और मुझसे सच्चा प्यार करे और ऐसा अब इस दुनिया में परिवार के अलावा और नहीं मिल सकता था तो मुझे दूसरे जोड़ो को देखकर जलन होती थी.. क्योकि मुझे भी कोई चाहिए था। मेरी कुछ फ्रेंड्स सेक्सी किताबें पढ़ती थी और उनके पास सेक्स फिल्म का बहुत सारा हर तरह का बहुत अच्छा कलेक्शन था।

फिर में भी धीरे-धीरे सेक्स की आदि हो गयी थी.. आप सभी जानते है कि जिनके पास कोई सेक्स करने के लिए नहीं होता.. वो ही ऐसी फिल्म देखते है और बाकी लोग सेक्स करते है.. वो इस फिल्म पर अपना टाईम खराब नहीं करते। दोस्तों मुझे सेक्स बुक्स और सेक्सी फिल्म की आदत पड़ गयी और अपनी चूत में उंगली भी करने लगी और अब यार मुझे किसी भी तरह असली लंड चाहिए था लेकिन उसके साथ सच्चा प्यार भी चाहिए था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूं? में अब मेरे ही पापा और अपने छोटे भाई को अलग तरह से देखने लगी और मुझे लगा कि में यह कुछ ट्राई करूं लेकिन मुझे यह सब मुमकिन नहीं लगता था। दोस्तों वैसे मेरे पापा और छोटा भाई मुझसे बहुत अच्छी तरह से रहते थे और मुझे बहुत प्यार भी करते थे और मुझे लगता था कि यह सब पापा के साथ तो बहुत मुश्किल है और ना मुमकिन भी है तो मैंने सोचा कि क्यों ना अपने छोटे भाई रोहन के साथ कुछ ट्राई किया जाए और मेरे मन में बहुत घबराहट तो थी लेकिन वो सेक्स की तड़प से ज़्यादा नहीं थी और मेरे दिमाग़ में अब सेक्स ही था और कुछ नहीं था। रात को हम तीनो साथ ही सोते थे और रोहन मुझसे छोटा था.. इसलिए उसके साथ यह सब करना आसान था और मैंने तो बहुत दिनों से उसका लंड नहीं देखा था और बचपन में तो बहुत बार देखा था और अब तो वो मुझे अपनी चूत के अंदर चाहिए था। मुझे पता नहीं कि इस उम्र में उसका लंड खड़ा होता होगा या नहीं। वैसे नॉर्मली आज कल लोग इस उम्र में मुठ मारने लग जाते है.. जैसा मैंने एक कहानी में पढ़ा था और फिर एक रात..

में : रोहन तुझे गणित में कुछ पूछना था ना.. तू आज मुझसे गणित में जो भी समस्या है तो वो सब पूछ लेना.. क्योंकि तीन दिन बाद तेरा एजाग्म है।

रोहन : लेकिन दीदी मुझे तो नींद आ रही है।

में : नहीं रोहन आज रात को दो चेप्टर्स ख़त्म करने पड़ेंगे।

रोहन : ठीक है दीदी।

फिर मैंने उसको बहुत देर रात तक पढ़ाया और वो पढ़ते-पढ़ते मेरे बेड पर ही सो गया। उस समय गर्मी बहुत थी और उसने बनियान, बरमूडा पहना हुआ था और मैंने टी-शर्ट, केफ्री और जब सबको नींद आ गयी.. तब मैंने रोहन के लंड को देखकर अपनी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया। फिर में कुछ देर बाद एक बार तो झड़ गयी लेकिन मुझे उसके साथ कुछ करना था लेकिन मुझे डर भी बहुत लग रहा था कि कहीं कुछ ग़लत हो गया तो और अगर उसने माँ, पापा को बता दिया तो क्या होगा। तो वो अब हर रोज़ रात को मेरे साथ बहुत देर तक पढ़ाई करता और मेरे बेड पर ही सो जाया करता था और में उसके लंड को देखकर ही अपनी चूत में ऊँगली करती थी। एक दिन रात को मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसका एक हाथ पकड़कर उसे धीरे से मेरी पेंटी के अंदर डाल दिया और सोने का नाटक किया और उसके कुछ ही देर बाद मैंने उसको ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू किया और उसे डांटकर फटकार कर उठाया और उससे कहा कि रोहन तेरा हाथ मेरी पेंटी में क्या कर रहा था और तुझे जरा सी भी शरम नहीं आती.. में तेरी बड़ी बहन हूँ और तू मेरे साथ यह सब कर रहा था तो वो गहरी नींद में था.. इसलिए वो बहुत डरकर धीरे से उठ गया और उसने अपने हाथ को जल्दी से पेंटी से बाहर निकाल दिया।

रोहन : दीदी यह मैंने नहीं डाला.. मुझे माफ़ कर दो दीदी और अब ऐसा कभी नहीं होगा। मुझे नहीं पता यह कैसे हुआ.. प्लीज आप किसी को मत बताना.. माफ़ कर दो।

में : रोहन तू बहुत बिगड़ गया है.. में सुबह होते ही माँ, पापा को सब बता दूँगी कि तू मेरे साथ क्या कर रहा था।

फिर वो मेरी यह बात सुनकर रोहन ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा और फिर मुझे उस पर दया आ गयी तो मैंने उसे अपने गले से लगाकर चुप करवाया और मैंने उससे कहा कि ठीक है चल अब चुप हो.. में किसी को नहीं बताउंगी तो वो मेरी यह बात को सुनकर एकदम चुप हो गया और वो मुझसे बोला कि अब में आपके बेड पर कभी भी नहीं सोउंगा तो मैंने उससे कहा कि तुझे यही सोना पड़ेगा क्योंकि अगर तू नहीं सोया तो में माँ, पापा को सब कुछ बता दूँगी और फिर दूसरे दिन मैंने उससे पूरे दिन पूछा कि..

में : रोहन तू इतना बिगड़ कैसे गया और तुझे कौन बिगाड़ रहा है और तुझे यह सब कौन सिखाता है।

रोहन : दीदी मेरे दो तीन फ्रेंड्स है और वो सब बहुत गंदी गंदी बातें करते है.. शायद उनके कारण मुझसे ऐसा हो गया.. सॉरी दीदी।

में : कोई बात नहीं।

रोहन : लेकिन प्लीज आप किसी को मत बताना।

में : ठीक है लेकिन मेरी एक शर्त है कि तू मुझे वो सब बताएगा.. जो तेरे फ्रेंड्स तुझे बताते है।

रोहन : दीदी वो सब बहुत गंदी गंदी बातें करते है और वो सभी बातें मुझे आपको बताने में भी शरम आ रही है।

में : तू नहीं बताएगा तो फिर तू जानता है कि में क्या कर सकती हूँ।

रोहन : ठीक है दीदी में कल से आपको सब बातें बताउगा।

दोस्तों फिर धीरे-धीरे समय गुजरता गया और हम दोनों एक दूसरे से बहुत खुलने लगे और अब रोहन मेरी हर बात मानने लगा था.. में रात को उस पर पैर रखकर सोने लगी और अपने बड़े बड़े बूब्स उसके शरीर से छूने लगी और में जानबूझ कर कभी कभी पेंटी, ब्रा भी नहीं पहनती थी। एक दिन जब रात को में चूत में ऊँगली कर रही थी तो रोहन जाग गया.. मेरी आखें बंद थी और वो मुझे देखकर बोला कि दीदी यह क्या कर रही हो।

में : रोहन मुझे बहुत डर लग रहा है प्लीज़ तू मुझे एक बार हग करना और उस समय ऊँगली करते करते में झड़ने वाली थी.. इसलिए मेरी स्पीड भी अपने आप बड़ चुकी थी।

रोहन : क्या हुआ.. ठीक है में करता हूँ।

फिर मैंने भी उसको हग किया और में भूल गई थी कि मैंने पेंटी नहीं पहनी है.. में उस पर ही झड़ गयी और मैंने उसको मदहोशी में अपने दोनों पैरों के बीच में दबा लिया था और मेरी चूत का सारा पानी उसकी अंडरवियर पर निकल गया।

रोहन : दीदी आप पागल हो क्या? आपने यह क्या किया।

में : चुपचाप रह.. सब सो रहे है और थोड़ा धीरे बोल वरना कोई उठ जाएगा।

रोहन : दीदी लेकिन यह सब ग़लत है।

में : क्यों तूने जो उस दिन किया था.. क्या वो सही था?

रोहन : दीदी में उस दिन नींद में था लेकिन आप तो जाग रही थी।

में : क्या तुझे मेरे बूब्स देखने है।

रोहन : दीदी आप पागल हो क्या.. आप मेरी बहन हो।

में : लगता है तेरी शिकायत माँ, पाप से करनी पड़ेगी।

रोहन : यार दीदी आप तो मुझे बहुत ब्लेकमेल कर रही हो।

फिर मैंने उसके पास आकर उसके हाथ अपने बूब्स पर लगवा दिए। उसको पहले बहुत अजीब सा लगा लेकिन फिर उसने बोला कि दीदी अंधेरा बहुत है और मुझे यह देखना है कि यह कैसे होते है.. क्योंकि मैंने कभी नहीं देखे तो मैंने बोला कि तू चिंता मत कर में तुझे सुबह दिखा दूँगी। अभी तू इनको ज़ोर से दबा और उसने वैसा ही किया और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. वो मेरे बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और में अपनी चूत में उंगली करके झड़ गई। दोस्तों उस दिन मैंने और कुछ नहीं किया और फिर उसके अगले दिन रोहन मेरे पास आया और मुझसे बोला कि दीदी प्लीज मुझे आपके बूब्स दिखा दो तो मैंने कहा कि तू थोड़ा इंतजार कर.. जिस दिन जब हम दोनों घर पर अकेले होंगे.. तब में तुझे सब कुछ दिखा दूँगी। फिर रात को वो खुद मेरी टी-शर्ट में हाथ डालकर मेरे बूब्स को एक एक करके जोश में आकर दबाने, मसलने लगा तो मैंने उससे पूछा कि क्या तू इनको टेस्ट करेगा.. उसने साफ मना कर दिया तो मैंने अपनी टी-शर्ट उतार दी और फिर मैंने खुद ही उसको बारी बारी से अपने बूब्स चूसाने शुरू कर दिए और वो बहुत अच्छी तरह से चूस रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि उसको बूब्स बहुत अच्छे से चूसने आते है और अब उसको भी बड़ा मज़ा आया।

फिर मैंने सोचा कि आज बहुत अच्छा मौका है और मैंने उससे बोला कि रोहन तू अपनी पेंट उतार दे लेकिन उसने मना किया तो मैंने ज़बरदस्ती करके उसकी पेंट उतार दी और उसकी अंडरवियर के ऊपर से ही उसके लंड को हाथ लगाकर महसूस किया तो उसका 4 इंच का लंड खड़ा हुआ था और उसको मुझसे बहुत शरम आ रही थी लेकिन जोश भी चढ़ चुका था। फिर मैंने कुछ देर बाद सही मौका देखकर उसकी अंडरवियर को भी उतार दिया और में भी पूरी नंगी हो गयी और हम दोनों एक ही चादर के अंदर घुस गये तो वो बहुत सोच रहा था कि अब वो क्या करे। फिर मैंने उसके लंड को अपने एक हाथ से छुआ और महसूस किया.. दोस्तों वो क्या अहसास था और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और अब धीरे-धीरे उसको भी मज़ा आने लगा था तो में अब उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी थी लेकिन मैंने उसका 3-4 मिनट तक ही हिलाया और वो मेरे हाथ पर ही झड़ गया और उसको शरम आ गयी। फिर मैंने उसका सारा वीर्य अपने हाथ पर से और उसके लंड से चाट लिया और उसे बहुत अच्छे से साफ कर दिया तो वो बोला कि छी दीदी.. यह तो मेरे लंड से निकला है तो मैंने उसकी इतनी प्यारी बात और बहुत खुश होकर उसको किस किया.. में इतनी खुश थी कि में क्या बताऊँ। मैंने अपनी पूरी जीभ उसके मुहं में घुसा दी और उसकी भी जीभ को बहुत जमकर चूसा तो उसका लंड इतनी जोश भरी किस के कारण फिर से तनकर खड़ा हो गया था और मेरी चूत को सलामी देने लगा लेकिन इस बार मैंने उससे कहा कि मैंने तेरा वीर्य चाटा है और अब तू तेरी जीभ से मेरी चूत चाटेगा तो उसने साफ मना किया और में उसके मुहं को जबरदस्ती अपनी जांघो से दबाकर उसके मुहं को चूत पर धक्के मारने लगी और वो भी मेरी चूत में अपनी पूरी जीभ को डालकर अंदर बाहर करके चूसने लगा लेकिन में इतनी ज़्यादा जोश में थी कि बहुत जल्दी ही रोहन के मुहं में झड़ गयी और वो मेरा पूरा रस चूस गया और उसने कहा कि दीदी आपके पानी का स्वाद बहुत अच्छा लगा लेकिन थोड़ा थोड़ा नमकीन सा लगा। फिर मैंने कहा कि रुक में तुझे अभी और भी पिलाती हूँ.. अभी मुझे भी प्यास लगी है और मैंने उसका लंड मुहं में लिया और चूसना स्टार्ट किया और 69 पोज़िशन में लेट गए। मैंने उसका मुहं अपनी चूत से लगाकर ज़ोर से दबा लिया। मुझे 69 पोज़िशन में बहुत मज़ा आया और कुछ देर के बाद हम दोनों एक दूसरे के मुहं में झड़ गए। हमने फिर से एक बहुत लंबा किस किया और कपड़े पहनकर सो गये.. में रात को उसकी अंडरवीयर में अपना एक हाथ डालकर सोई थी और में रात भर उसकी गांड की मालिश और लंड की गर्माहट लेती रही लेकिन वो तो थककर गहरी नींद में सोया था। फिर उसके अगले दिन पापा के ऑफिस जाते ही मम्मी भी किसी काम से बाज़ार चली गयी और पायल स्कूल चली गई लेकिन रोहन को मैंने रोक लिया और वो भी मान गया और समझ गया कि मैंने उसे क्यों रोका है।

में : रोहन आज घर पर कोई नहीं हम दोनों अकेले है। आज तुझे जो करना है वो कर.. में मना नहीं करूँगी।

फिर वो मेरे पास आया और मेरे बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही अपने दोनों हाथों से महसूस करने लगा और फिर उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया। मैंने टी-शर्ट के अंदर कुछ नहीं पहना था और जैसे ही उसने टी-शर्ट को खोला तो मेरे दोनों बूब्स उसकी नजरों के सामने थे और मेरे बूब्स को छूकर उसका लंड खड़ा हो गया। फिर वो बूब्स को बहुत देर तक घूरकर देखता रहा और वो बहुत खुश था.. फिर उसने अपने मुहं को आगे बड़ाकर बूब्स को किसी छोटे बच्चे की तरह चूसना स्टार्ट कर दिया तो मैंने बोला कि तू मेरे सामने पूरा नंगा हो जा लेकिन उसको शरम आ रही थी.. मैंने बोला कि जल्दी हो जा… नहीं तो कोई आ जाएगा।

फिर वो जल्दी से पूरा नंगा हो गया लेकिन उसने अपने दोनों हाथों से अपना लंड छुपाया हुआ था और फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और वो मेरी चूत को एक टक नजर से देखने लगा और उसका खड़ा लंड देखकर मुझसे रुका नहीं गया और मैंने थोड़ा नीचे झुककर उसका तना हुआ लंड पूरा मुहं में लिया और लोलीपोप की तरह चूसा लेकिन वो दो तीन मिनट में ही झड़ गया। फिर मैंने भी उससे अपनी चूत चटवाई.. उसने चूत चाटते हुए कहा कि कल तो आपकी चूत पर बहुत सारे बाल थे लेकिन आज वो सब कहाँ गये तो मैंने कहा कि आज मेरे भाई को दिखाने के लिए मैंने वो सब साफ कर दिए और फिर उसने बहुत अच्छे से मेरी कामुक चूत को चाटा। फिर मैंने उसको अपनी चूत का छेद दिखाया और बोला कि अब तेरा लंड इसमे जाएगा लेकिन उसको कुछ भी समझ में नहीं आया और उससे मैंने बोला कि तू थोड़ा रुक जा.. अभी सब समझ में आ जाएगा।

फिर में उसके बदन को मेरे बदन से सटाकर उसे चूमने लगी। वो भी जोश में था.. इसलिए बहुत ज़्यादा गरम था और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने रोहन को बेड पर लेटा दिया और उसके पूरे शरीर को चूमते हुए उसके लंड को किस किया.. उसके लंड से थोड़ा वीर्य निकल रहा था.. मैंने उसको चाटा तो उसका बड़ा नमकीन सा स्वाद था। फिर मैंने उसके लंड पर अपनी चूत का छेद रखा और में एकदम सीधी लेट गई तो उसे और मुझे दोनों को थोड़ा थोड़ा दर्द हुआ और उसका लंड बार बार फिसल रहा था तो मैंने उसको बोला कि तू भी अब नीचे से धक्का मारना और उसने वैसा ही किया और फिर मेरी चूत में उसका लंड घुस गया तो उसने बोला कि दीदी आपकी चूत अंदर से बहुत गरम है लेकिन मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और मैंने जोश में बहुत ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत को धक्के मारे और उसने भी अपनी तरफ से धक्के मारे और कुछ देर बाद हम दोनों ही एक एक करके झड़ गये और उसको बहुत मज़ा आ रहा था.. क्योंकि यह पहला सेक्स था और मेरे बिना यह सब कैसे होता.. लेकिन अब वो मेरे कंट्रोल के बाहर था और अब में रोज़ सुबह उसको अपने बूब्स चूसने देती हूँ। मैंने उसको अपनी चूत का भूत बनाया हुआ है और वो भी सेक्स के बारे में बहुत कुछ सीख चुका है और अब में उसकी दीवानी हो चुकी हूँ। वो मुझे बहुत अच्छा लगता है और में भी उसकी बहुत परवाह करती हूँ और वो रोज़ रात को मेरे बूब्स को चूसते चूसते सो जाता है और उसको भी मेरी चूत का पानी पिए बिना नींद नहीं आती और मुझे भी उसका वीर्य पीने की आदत लग चुकी है ।।

धन्यवाद

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शादीसुदा बहन की चूत चुदाई की अनोखी कहानी – Shadisudha Bahan Ki Chut Chudai Ki Anokhi Kahani | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/shadisudha-bahan-ki-chut-chudai-ki-anokhi-kahani/ //otelsan.ru/xbrasilporno/shadisudha-bahan-ki-chut-chudai-ki-anokhi-kahani/#respond Sat, 18 May 2019 15:23:52 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5525 [...]]]> hindi sex story, hindi sex kahani in hindi font, bhai behen ki chudai kahani, behen ki chut mari, badi bahan ki chudai
otelsan.ru के सभी दोस्तों को मेरे नमस्कार । मैं अंकित हूँ, अभी २० साल का हूँ । मैं आज आपको otelsan.ru पे एक नयी हिंदी सेक्स स्टोरी के बारे में बताने जा रहा हूँ । ये कहानी मेरे बेहेन के साथ हुई सेक्स की कहानी हे, जो की एक शाद्दी सुधा औरत हे और उसकी दो दो बचे बी हो चुके हैं । भाई बेहेन की ये गन्दी चुदाई की कहानी का मजा लीजिये । मेरी दो बड़ी बहनें है और में घर में सबसे छोटा हूँ इसलिए मुझे सबका बहुत प्यार मिलता है। मेरी एक बहन 40 साल की है और दूसरी बहन 34 साल की और मेरे सेक्स संबंध दूसरी बहन के साथ बने.. उसका नाम शिवानी है और उसका पति एक प्राइईट कम्पनी में एक बहुत अच्छी पोस्ट पर नौकरी करता है।

दोस्तों जब में छोटा था तब शिवानी की शादी हुई.. मेरी उससे बहुत बनती थी और वो मुझे बहुत प्यार करती थी और मुझे उसकी शादी के बाद बहुत दुख हुआ और में बहुत रोया। फिर जैसे जैसे में बड़ा होता गया मेरा प्यार मेरी बहन के लिए सेक्स के नाम में बदल गया और में उससे सेक्सी लेडी के रूप में देखने लगा। अब में थोड़ा बहुत शिवानी के बारे में बताना चाहूँगा.. उसकी उम्र 34 साल है और उसकी हाईट 5.3 है और वो बहुत ही मस्त और उसका सेक्सी शरीर है उसके बूब्स 38 कमर 34 और कुल्हे 39 है.. कुल मिलाकर देखा जाए तो वो एक बहुत ही सेक्सी औरत है और किसी का भी लंड खड़ा कर सकती है। एक साल पहले हमे पता चला कि मेरे जीजा जी का किसी दूसरी लड़की के साथ बहुत समय से चक्कर है और उनके नाजायज संबंध भी है और यह बात मालूम पड़ने पर घर में सभी लोगों को बहुत टेंशन होने लगी और मेरी बहन भी बहुत दुखी रहने लगी.. उसके दो बच्चे है एक लड़का 6 साल का और एक लड़की 4 साल की।

फिर में हमेशा से उसकी बेटी को बहुत प्यार करता हूँ तो जब हमे जीजा जी के रिलेशन का पता चला तो हमने उसके परिवार से बात की.. लेकिन हमे कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिला और बस अब तक तो सब कुछ सही चल रहा था.. लेकिन अब वो मेरी बहन को हाथ भी नहीं लगाता और यह बात मेरी बहन ने मुझे बाद में बताई। फिर में अपनी बहन को पिछले 1.30 साल से चोदने का बहाना खोजने की कोशिश में लगा हुआ था और जब भी मेरी बहन हमारे घर पर रहने आती थी तो में छुपकर उसके बूब्स देखा करता था और उसकी पेंटी को हाथ में लेकर मुठ मारता था और पेंटी की चूत वाली जगह को मुहं में लेकर चाटता था और मुझे उसकी चूत की खुश्बू बहुत अच्छी लगती थी और मुझे बहुत बार मेरी बहन ने उसके बूब्स को घूरते हुए देखा था.. लेकिन उसने मुझे कभी कुछ नहीं बोला और इसे में उसकी तरफ से एक हरी झंडी समझने लगा। फिर 6 महीने पहले मेरे पापा की तबियत खराब हो गई और वो मोहाली के हॉस्पिटल में भर्ती हुए तो माँ को भी उनके साथ रहना पड़ा और में भी साथ में हॉस्पिटल गया और हमारे घर पर शिवानी अपने दोनों बच्चो के साथ घर को संभालने के लिए रहने आ गई। फिर उन दिनों मेरी पढ़ाई के पेपर चल रहे थे 3rd सेमेस्टर के और वो दिसम्बर का समय था तो में एक दो दिन में ही पापा को भर्ती करवा कर हॉस्पिटल से वापस घर पर आ गया और जब में घर पर आया तो कुछ देर बाद मेरी बहन नहाकर बाथरूम से बाहर आई और सीधी मेरे रूम में चली आई। दोस्तों उस समय में उसे देखता ही रह गया.. उसने लोवर और एक पतली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसने अंदर ब्रा नहीं पहन रखी थी और उसकी टी-शर्ट उसके बूब्स से पानी की वजह से चिपक गई थी। तो मेरा लंड यह सब देखकर खड़ा हो गया और बहुत मुश्किल से मैंने उसे छुपाया और फिर वो कुछ सामान लेकर मेरे रूम से चली गई। फिर रात को खाना खाकर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे हमारे घर में तीन बेडरूम है। एक मेरा एक मेरे माता पिता का और एक मेहमानों का रूम। फिर में अपने रूम में आ गया और मेरी बहन अपने दोनों बच्चों के साथ मम्मी, पापा के रूम में सोने चली गई। उस रात मुझे बिल्कुल नींद नहीं आई और मैंने अपनी बहन के नाम की तीन बार मुठ मारी.. अगली सुबह मेरे कॉलेज की छुट्टी थी उस दिन कोई भी पेपर नहीं था। तो में थोड़ा देरी से उठा और नहाकर नाश्ता किया और अपनी छोटी भांजी के साथ खेलने लगा मेरी बहन भी मुझसे बातें कर रही थी.. उसने सलवार कमीज़ पहना था वो बार बार हंस रही थी तो मेरे पूछने पर कि तुम बार बार हंस क्यों रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं वैसे ही।

खैर फिर लंच टाइम हुआ तो लंच करके में अपने रूम में आ गया और बेड पर लेट गया। मेरा लंड फिर से मचलने लगा और में मेरी बहन के नाम की मुठ मारने लगा। उस वक़्त मेरी बहन दूसरे रूम में अपने दोनों बच्चो को सुला रही थी। तो मुझे बिल्कुल भी इस बात का ध्यान ही नहीं रहा और में मस्ती से धीरे धीरे उसका नाम लेते हुए मुठ मारने लगा। जैसे ही मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने अपनी दोनों आंखे बंद कर ली और उसका नाम लेकर ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा और जब मेरा पानी निकला तो मैंने थोड़ा अच्छा महसूस करके अपनी आंख खोली तो देखा कि मेरी बहन दरवाजे के पास खड़ी सब कुछ देख रही है और तब मुझे याद आया कि में दरवाजा बंद करना ही भूल गया था। तो मेरी बहन मेरे पास आई और उसकी नजरें मेरे आधे खड़े हुए लंड पर टिकी थी। उस समय मेरा लंड 8.5 इंच का लटका हुआ था। फिर वो बोली कि क्यों तुम मेरे नाम की मुठ मारते हो? तो में बोला कि सॉरी दीदी अब कभी भी नहीं करूंगा और में बहुत डर गया था और मेरा लंड 8.5 इंच से सिकुड कर 4.5 इंच का रह गया था। तभी वो बहुत ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और बोली कि तो क्या हुआ तू अब जवान हो गया है और यह अहसास हम सभी में होता है और फिर थोड़ा आगे बड़ी और धीरे से मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और बोली कि तेरा तो तेरे जीजा जी से भी बहुत बड़ा है।

तो उसकी बातों और कोमल हाथ के स्पर्श से मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और मुझमें एक अलग सा अहसास आने लगा और में आहह आह करने लगा और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से लंड को हिलाने लगी.. में धीरे धीरे उसके गालों पर किस करने लगा और अपने हाथ से उसके 38 साईज़ के मोटे मोटे बूब्स दबाने लगा और अब उसे भी मस्ती आने लगी और उसने मुझे होंठ पर किस करने शुरू कर दिए। में भी उसकी किस का जवाब देने लगा और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स दबाने लगा। ऐसा हम दस मिनट तक करते रहे फिर में बेड से उठा और अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपनी बहन की कमीज़ उतारने लगा.. लेकिन उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और वो अपनी कमीज़ उतारने में मेरी मदद करने लगी। अब मेरे सपनों की रानी मेरी सग़ी बहन मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और सलवार में बेड पर बैठी थी। तो में उसे किस करने लगा और बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर लेटकर किस करने लगा। वो भी मेरा लंड मसल रही थी। फिर मैंने एक झटके में उसकी ब्रा उतार दी और उसके बड़े बड़े बूब्स एक हाथ से दबाने लगा और दूसरे को मुहं में लेकर चूसने लगा उसके निप्पल हल्के भूरे कलर के थे और वो बहुत सख्त हो चुके थे। फिर वो अपना एक हाथ मेरे बालों में घुमा रही थी और ज़ोर ज़ोर से अपने बूब्स पर दबा रही थी.. वो आहह आह्ह्ह और ज़ोर से चूस अपनी बहन का दूध बोल रही थी। फिर वो बोली कि कल रात को मैंने तुझे मेरे नाम की मुठ मारते हुए देखा था। तो यह बात सुनकर में और भी गरम हो गया और ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स चूसने लगा तो वो बोली कि थोड़ा आराम से कर दर्द होता है.. तो मैंने धीरे धीरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। तभी वो बोली कि अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता जल्दी से मुझे चोद दे मेरा बहुत मन कर रहा है पिछले एक साल से तेरे जीजा ने मुझे हाथ भी नहीं लगाया। तो में यह बात सुनकर खड़ा हुआ और उसकी सलवार उतारने लगा। उसने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी और चूत बिल्कुल साफ शेव की हुई और चूत के पानी से गीली हुई पड़ी थी।
फिर वो बोली कि आज ही मैंने स्पेशल तुम्हारे लिए शेव की है तो में यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और उसे किस करने लगा और एक हाथ से उसकी चूत मसलने लगा वो भी गरम होकर मेरे किस का जवाब दे रही थी। फिर में धीरे धीरे उसकी चूत पर पहुंचा और उसे सूंघने, चाटने लगा। आज मुझे मेरा अमृत मिल गया था.. जिसको पीने के लिए में पिछले एक साल से मचल रहा था और मुझे उसकी चूत के पानी की बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी। फिर में अपनी जीभ से उसको चाटने लगा और पानी का स्वाद मेरे मुहं में आने लगा। थोड़ा नमकीन सा टेस्ट था उसका और बहुत ही मदहोश करने वाला.. में अपना पूरा मुहं लगाकर उसकी चूत चाटने लगा.. वो आअहह आहह और चाट और अह्ह्ह ज़ोर से चाट अह्ह्ह बोल रही थी और अपने दोनों हाथों से मेरे सर को दबा रही थी और वो बोली कि आज तक उसके पति ने ऐसा नहीं किया। फिर में पूरी जीभ उसकी चूत में डाल रहा था और दस मिनट तक चूत चाटने के बाद उसकी चूत से पानी निकलने लगा और वो में सारा का सारा पी गया और अब उसकी पकड़ मेरे सर से ढीली हो गई।

में पहले से ही एक बार मुठ मार चुका था तो मेरा लंड अभी भी टाईट तनकर खड़ा था.. में उसके ऊपर आ गया और बूब्स चूसने लगा। 5 मिनट बूब्स चूसने के बाद वो फिर से गरम होने लगी तो मैंने बोला कि दीदी एक बार मेरा लंड मुहं में ले लो। तो बोली कि इतना प्यारा लंड है तुम्हारा। इसे तो में हर जगह पर लूँगी और वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी.. यह मेरा किसी लड़की के साथ पहला संबंध था इसलिए उसके चूसने से मुझे बहुत मजा आने लगा वो पूरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसने लगी। कभी कभी लंड के अगले हिस्से पर जीभ फेरती तो कभी बॉल्स को मुहं में लेकर चूसती और अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था इसलिए मैंने जल्दी से अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकाला और उसे बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैर फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखकर धीरे धीरे लंड को चूत के अंदर डालने लगा.. लेकिन चूत में बहुत दिन से कोई भी लंड नहीं गया था इसलिए वो थोड़ी बहुत टाईट लग रही थी.. लेकिन में फिर भी ज़ोर के धक्के लगाता रहा और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। तो वो दर्द से चीखने चिल्लाने लगी आहह आह्ह्ह माँ मर गई में अहह आज मेरी चूत फट गई.. कोई बचाओ मुझे करने लगी। तो मैंने अपने धक्के रोककर उसके बूब्स चूसना शुरू किया.. इससे उसे भी अच्छा लगा और उसकी चूत का थोड़ा दर्द कम हुआ.. लेकिन मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में ही था। अब वो धीरे धीरे और गरम होने लगी और अपनी गांड उठा उठाकर हिलाने लगी। तो में समझ गया कि अब यह चुदाई के लिए तैयार है.. तो में भी फिर से धक्के लगाने लगा और उसे चोदना शुरू कर दिया.. मेरा लंड उसकी चूत की गर्मी को महसूस कर रहा था और में ऐसे ही उसे चोदता रहा और बीच बीच में उसके बूब्स चूसता तो कभी उसे किस करता। वो भी मज़े से चुदवा रही थी और गांड उठाकर वो आह्ह आअहह चोद मुझे और ज़ोर से चोद बोल रही थी और फिर वो बोली कि आज मेरा भाई बहनचोद बन गया अहह उफ्फ्फ। तो में उसकी बातें सुनकर और भी गरम हो रहा था और उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा। अब उसका पानी निकलने वाला था.. इसका मुझे पता चल गया क्योंकि अब धीरे धीरे उसकी चूत टाईट हो रही थी और वो मुझे कसकर पकड़े हुए थी और अब वो ज़ोर ज़ोर से गांड उछालने लगी थी और आहहाहह उह्ह्ह्ह माँ मर गई करते हुए वो झड़ गई और मेरा लंड उसके पानी से गीला हो गया और बड़े आराम से अंदर बाहर होने लगा।

फिर उसके पानी के स्पर्श से मेरा भी पानी निकलने वाला था.. तो में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और आह आह करने लगा। फिर मैंने उससे बोला कि मेरा वीर्य निकलने वाला है कहाँ पर निकालूं? तो वो बोली कि में तुम्हारा पानी पीना चाहती हूँ.. तो मैंने अपना लंड जल्दी से उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डाल दिया और हिलाने लगा और वो लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी 5- 6 धक्को में मेरा वीर्य निकला और वो सारा वीर्य पी गई और अब में भी थोड़ा थक चुका था। तो उसे किस करते हुआ उसके ऊपर लेट गया और बूब्स दबाने लगा। वो बोली कि आज शादी के 6 साल बाद मुझे असली सेक्स का मज़ा मिला और मुझे कसकर गले लगा लिया और किस करने लगी। कुछ टाईम बाद हम फिर से तैयार थे अगली चुदाई के लिए.. लेकिन इस बार मैंने उसका एक पैर अपने कंधे पर रखकर उसे चोदा और अपना वीर्य उसकी चूत में निकाला। फिर उस रात को भी हमने बहुत अलग अलग पोज़िशन्स में सेक्स किया और साथ में प्लान बना लिया कि जब तक हमारे माता पिता वापस घर पर नहीं आते तब तक हम एक पति पत्नी की तरह दिन रात चुदाई करेंगे और उसके साथ मैंने अपने कॉलेज के पेपर भी दिए। अब हमे जब भी मौका मिलता है हम सेक्स करते है.. कभी उसके घर पर तो कभी हमारे घर पर। अब उन्होंने नसबंदी करवा ली है और हम अब लाईफ का पूरा मज़ा ले रहे है।

धन्यवाद…

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बड़ी बहन की मोटी चूत पे उंगली और चुदाई – Badi Bahan Ki Moti Chut Pe Ungli Aur Chudai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/badi-bahan-ki-moti-chut-pe-ungli-aur-chudai/ //otelsan.ru/xbrasilporno/badi-bahan-ki-moti-chut-pe-ungli-aur-chudai/#respond Fri, 10 May 2019 12:21:56 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5465 [...]]]> otelsan.ru पे आप सभी को मैं सूरज स्वागत करता हूँ दोस्तों आप आज मेरे हिंदी सेक्स कहानी पढ़कर मजा लीजिये । ये कहानी बड़ी बहन के ऊपर आधारित हे । बहन की चुदाई भाई के लंड से जो बहत रोमांचक हे और मजेदार भी । अभी मेरे उम्र 25 साल हे ।
मेरी हाईट 5.11 इंच है, में दिखने में बिल्कुल ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज 5.5 इंच है। आज बहुत वक़्त बाद मेरा मन कर रहा है कि अपनी भी एक छोटी सी दास्तान आप सभी को सुनाऊं। दोस्तों यह कहानी सिर्फ एक लड़की के जिस्म के साथ है जो कि में सबसे पहले थोड़ा बहुत उनका परिचय भी आप सभी को करवाना होगा। दोस्तों मेरी तीन बहन है और तीनों ही मुझसे बड़ी है और उनके साथ रहते रहते मैंने लड़कियों के बारे में लगभग हर एक चीज़ को सीख लिया था,
इसलिए उन्हे अपनी तरफ आकर्षित करना मेरे लिए एक आम बात बन चुकी थी और ख़ासकर मुझसे तीन चार साल बड़ी उम्र की लड़कियाँ तो बहुत ही आसानी से पट जाती रही थी।

दोस्तों यह बात आज से कुछ साल पुरानी है और में उस साल शायद हर एक दिन मुठ मारता था और मेरे दोस्त भी इतने शरीफ थे कि उन्होंने मुझे क्लास 8 में ही ब्लूफिल्म दिखानी शुरू कर दी थी। में सबसे पहले उन एक्ट्रेस को सोचकर मुठ मारता था और फिर अंजान लड़कियों को सोचकर। फिर बहनो की फ्रेंड्स, फिर खुद की बहनें, फिर कोई भी औरतें, भाभियाँ और शायद उस समय मैंने अपनी ज़िंदगी में मिलने वाली हर एक औरत, लड़की को सोचकर कम से कम एक बार मुठ जरुर मारी। दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ। में उस समय कुछ दिनों के लिए अपने मामा के घर पर गया हुआ था, मेरे बड़े मामा की सिर्फ़ दो बेटियाँ है, उसमे बड़ी वाली का नाम शालिनी है और छोटी वाली का नाम मेघना और उस वक़्त शालिनी की उम्र करीब 19 साल की थी और मेघना की उम्र करीब 17 साल थी। दोस्तों हमारे घर और खानदान में लड़कियों के बाहर आने जाने कहीं घूमने फिरने पर बहुत ज्यादा ध्यान देते है, इसलिए वो दोनों ही एकदम घरेलू टाईप लड़कियाँ थी।

दोस्तों शालिनी दीदी और मेरी बचपन से ही बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन मेघना से में ज़्यादा बात नहीं करता था तो एक रात को हम सब सोने की तैयारी कर रहे थे, शालिनी दीदी मेरे साथ सोने के लिए हमेशा बहुत बैचेन रहती थी, क्योंकि उनको मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे में जानना था तो हमें उस रात को बातें करते करते रात के 1:30 बज गये और फिर मैंने उनसे कहा कि चलो अब हम सो जाते है और फिर आँख बंद करने के करीब दस मिनट बाद दीदी ने मेरा हाथ अपने हाथ में पकड़ा और प्यार से सहलाने लगी, मुझे भी उनका मेरे साथ ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मैंने भी उनका हाथ अब कसकर पकड़ लिया और फिर वो अपने एक पैर से मेरे पैर को मसलने लगी, लेकिन पता नहीं क्यों अचानक उन्हे ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने कुछ ही देर के बाद अपना पैर एकदम से पीछे खींच लिया और फिर वो सो गयी। फिर मैंने भी उस बात पर इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर कुछ दिनों के बाद मेरी मौसी की बेटी की शादी थी, तो हम सब वहीं पर गये थे। हम वहां पर बहुत मस्ती करते थे। दिन भर मस्ती, गाना और बहुत कुछ करते रहते थे। दोस्तों वहाँ पर भी मुझसे तीन साल बड़ी एक लड़की थी, जो मुझ पर हमेशा बहुत बार लाईन मारा करती थी और शरारती बातें किया करती थी। फिर में भी उस समय उसके बड़े मज़े ले रहा था, रात को नाचना, गाना चल रहा था और करीब 12 बजे थे, लेकिन अब मुझे बहुत नींद आ रही थी तो इसलिए में एक रूम में आकर सो गया, वो रूम बहुत बड़ा था और उसमें पहले से ही तीन चार लोग सोए हुए थे और फिर में बिल्कुल चुपचाप सबसे आखरी में जाकर रज़ाई में घुसकर सो गया। वो दिसम्बर का महीना था और उस समय की ठंड तो आप जानते ही होंगे। फिर करीब दो बजे रात को अचानक से मेरी नींद खुली, नींद खुली तो में जिस तरह से सोया हुआ था, वो सब देखकर तो मेरे एकदम होश ही उड़ गये, क्योंकि मेरे एक तरफ पास में कोई लड़की सोई हुई थी और मेरा एक हाथ उसके नाईट सूट वाले टॉप के अंदर उसकी ब्रा के ऊपर था और उन सबको समझने में मुझे पूरे दो मिनट लग गये, क्योंकि रूम में पूरा अंधेरा था और फिर मैंने थोड़ा आसपास टटोलकर देखा तो मुझे समझ में आ गया कि शालिनी दीदी के ही नाईट सूट के अंदर मेरा वो हाथ था। फिर एक तरफ दिल की धड़कने बढ़ गई और वहीं दूसरी तरफ लंड का साईज़ भी बड़ने लगा और अब मेरे दिमाग़ में तरह तरह के ख्याल आने लगे, क्या मैंने अंजाने में अपना हाथ उनके टॉप के अंदर उसकी ब्रा में घुसा दिया था? या फिर दीदी ने खुद जानबूझ कर डाला था, क्योंकि में एक जवान लड़का था और ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को छूने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मेरा मन तो हाथ को भी बाहर निकालने का नहीं कर रहा था और फिर मैंने सोचा कि बेटा थोड़ा रिस्क तो लेना ही पड़ेगा।

फिर में धीरे धीरे ब्रा के अंदर हाथ घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो बहुत टाईट थी, इसलिए पहले दो, तीन मिनट में हल्का हल्का मसलता रहा, लेकिन फिर जब मेरी भूख बढ़ने लगी तो में उनके पेट पर हाथ फेरने लगा और अब मेरा लंड पूरी से तरह तनकर खड़ा हो चुका था, लेकिन तभी कुछ देर के बाद मुझे शक हुआ कि शायद दीदी अब जाग रही है और वो सिर्फ सोने का नाटक कर रही है और इस बात को जानने के लिए मुझे एक आईडिया आया। फिर में अपने हाथ को उनकी पीठ की तरफ ले गया और थोड़ा धीरे धीरे सहलाने के बाद मैंने कसकर उनकी कमर को पकड़ लिया और उनको अपनी तरफ घुमा दिया और अब हम दोनों एक दूसरे के चेहरे के आमने सामने थे और उनकी आखें अब भी बंद थी, लेकिन इतनी ज़ोर ज़ोर से लगातार हिलाने के बाद भी वो नहीं उठी तो में समझ गया कि अब दीदी नींद में नहीं है और अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और कुछ देर तक पीठ सहलाने के बाद में उनकी ब्रा के हुक को टटोलने लगा। दोस्तों मैंने इससे पहले अपनी बहनों की ब्रा को कई बार बाथरूम में लटकते हुये देखा था और में कभी कभी उनको लंड पर रगड़कर मुठ भी मारा करता था, इसलिए एक हाथ से ब्रा के हुक को खोलना मेरे लिए बायें हाथ का खेल था। फिर मैंने तुरंत ही उनकी ब्रा के हुक को खोल दिया, लेकिन वो अब भी बिल्कुल वैसे ही लेटी हुई थी।

फिर उनके कंधो के ऊपर से ब्रा को उतारते हुए मैंने धीरे धीरे ब्रा को उनके हाथ से भी निकालकर खोल दिया और अब उनके बूब्स मुझे एकदम साफ साफ दिखाई दे रहे थे, लेकिन उनका सीधा वाला बूब्स थोड़ा सा उनके शरीर के नीचे दबा हुआ था और अब तो मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था, इसलिए मैंने फटाफट उनके निप्पल को मसलना शुरू कर दिया और थोड़ा थोड़ा बूब्स को दबाने लगा। तभी अचानक से दीदी ने करवट ले ली और अब वो बिल्कुल सीधी हो गई, जिसकी वजह से में एकदम से डर गया और मुझे फिर से शक हुआ कि कहीं दीदी सच में सो तो नहीं रही? और अगर वो उठ गयी और उन्होंने यह सब देखा तो में मर जाऊंगा, लेकिन कहते है सेक्स का नशा इंसान पर एक बार चढ़ जाए तो फिर वो झड़ने के बाद ही उतरता है। फिर में उनके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने, मसलने लगा, लेकिन वो बिल्कुल भी हिल नहीं रही थी और उसी समय मैंने थोड़ा सा उठकर उनके एक निप्पल को मुहं में लेकर चूसा भी और अब मेरे अंदर का शैतान उठकर छटपटाने लगा और अब मुझे बस चूत चाहिए थी। फिर मैंने धीरे धीरे अपना एक हाथ उनकी पेंट के अंदर घुसाया, सबसे पहले में उनकी जाँघो को सहलाता रहा। वाह दोस्तों क्या चिकनी जांघे थी उनकी? फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी पेंटी पर रखा। फिर मैंने महसूस किया कि उनकी पेंटी पहले से ही बहुत गीली हो चुकी थी। फिर यह सब महसूस करके तो में और भी पागल होने लगा, जोश में मैंने जैसे ही उनकी पेंटी में हाथ डाला तो मेरे कान में किसी ने कुछ बहुत धीरे से फुसफुसाया कि तुम यह क्या कर रहे हो सूरज भैया? दोस्तों मेरी तो जैसे वो आवाज सुनते ही साँसें एकदम रुक सी गई और मेरी गांड फटकर हाथ में आ गई। में चूत की तरफ इतना मग्न हो गया था कि मैंने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया कि दीदी ने पिछले एक मिनट से मेरी तरफ मुहं कर रखा था और अब उस ऐसी रूम में भी मुझे पसीने आने लगे और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं? मेरे दोनों हाथ भी वैसे के वैसे ही रह गए थे और आँखों के सामने कभी मामा, मामी का चेहरा आ रहा था तो कभी अपने पापा, मम्मी का और फिर मुझे लगा कि अब तो में काम से गया, दीदी शायद अब तक शर्म के मारे यह सब बर्दाश्त कर रही थी, लेकिन अब तो वो कल सुबह सबको बता देगी कि पिछली रात को मैंने उसके साथ क्या क्या किया, क्योंकि मेरी किस्मत भी बहुत खराब थी। उस कमरे में और भी लोग सोए हुए थे वरना में दीदी को कुछ ना कुछ कहकर शायद पटा लेता, लेकिन फिर दोबारा से मेरे कान में एक आवाज़ आई, दीदी ने बड़े ही प्यार भरी आवाज में मुझसे कहा कि तुम रुक क्यों गये?

दोस्तों उस एक शब्द ने तो मुझे सातवें आसमान पर पहुंचा दिया और मेरी जान में जान आ गई और उसके बाद मेरा हाथ एक मिसाईल की तरह उनकी चूत पर पहुंच गया। वाह क्या मस्त चूत थी, वो एकदम जवान वर्जिन चूत और रस से भरी हुई और उसे ऊपर थोड़ी थोड़ी झाँटे थी और जो शायद कुछ दिन पहले ही कटी थी और उसे चूत के दोनों होंठ बिल्कुल फूले हुए थे और फिर मेरे चूत में उंगली डालते ही दीदी एकदम से सिहर गई और उनका पूरा शरीर बिल्कुल कसा हुआ था और उनकी चूत भी हद से ज़्यादा टाईट थी। फिर मैंने धीरे धीरे अपनी एक उंगली अंदर घुसाई और थोड़ी सी अंदर घुसने के बाद में उसे जल्दी जल्दी हिलाने लगा और अब मेरा लंड भी अंदर ही अंदर छटपटा रहा था और तनकर खड़ा हुआ था। फिर मैंने दीदी का सीधा हाथ पकड़कर अपनी अंडरवियर में डाल दिया और एक घरेलू लड़की होने के नाते उन्हे यह भी नहीं पता था कि अब उन्हे इसके आगे क्या करना है? फिर मैंने उनका हाथ अपने हाथों में लिया और लंड को पकड़कर हिलाने लगा और अब उनका एक हाथ मेरी अंडरवियर में था और मेरा एक हाथ उनकी पेंटी के अंदर। दोस्तों वाह क्या मज़ा आ रहा था।

फिर एक दो मिनट हिलाने के बाद ही हम दोनों झड़ गये। दोस्तों दीदी को तो शायद यह भी पता नहीं चला कि उनके साथ यह सब क्या हुआ, वो बहुत घबरा गई थी और जिसकी वजह से हम आपस में बात भी नहीं कर पा रहे थे और हमें यह भी डर था कि कहीं कोई जाग ना जाए। दीदी ने तुरंत अपना हाथ अंडरवियर से बाहर निकाला और अपने कपड़े पहनने लगी और वो शायद कुछ ज़्यादा ही डर गयी थी। फिर वो उठकर सीधी बाथरूम में चली गयी और करीब 15 मिनट बाद लौटी और फिर मेरे पास में लेटकर उसने मेरे कान में धीरे से कहा कि सूरज भैया प्लीज़ आज हमारे बीच जो कुछ भी हुआ है उसे भूल जाना। फिर में उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर थोड़ा उदास हो गया और फिर में भी उठकर बाथरूम में चला गया और फिर मैंने वहीं पर दीदी को सोच सोचकर दो बार और मुठ मारी और सब कुछ आधा अधूरा रह गया था। मुझे दीदी के साथ कुछ भी कर ना पाने का गम तो बहुत था, लेकिन मुझे इस बात की खुशी भी बहुत थी कि आज पहली बार मैंने किसी लड़की की बिना चुदी चूत में अपनी उंगली डाली है और उसके बूब्स को छूकर महसूस किया है, दबाया है, चूसा है और उसकी चूत में अपनी उंगली करके उसके जिस्म के अंदर की गरमी को महसूस किया है। उसके जिस्म के हर एक हिस्से को छुकर महसूस किया है और वो मेरा पहला अहसास मुझे आज भी वो रात याद दिलाता है, जिसमे मैंने एक कामुक लड़की के जिस्म की गरमी को छुकर उसकी चूत के अहसास को मन में लेकर अपने लंड को पहली बार झड़ने पर मजबूर किया था। फिर दूसरे दिन सुबह ही हमें वहां से अपने घर के लिए निकलना था, शायद इसलिए दीदी से मेरी बात ही नहीं हो सकी या फिर दोस्तों आप यह समझ लो कि अब हम एक दूसरे से नज़रें ही नहीं मिला पा रहे थे और उसके बाद मैंने कई बार दोबारा अपने मामा के यहाँ पर जाकर अपनी दीदी को चोदने के प्लान बनाए, लेकिन किस्मत के कारण कुछ भी ऐसा हो ही नहीं पाया और फिर दो साल बाद उनकी किसी अलग शहर में शादी हो गई और अब करीब करीब हमारा मिलना लगभग बंद ही हो गया और मैंने इस बात को छोड़ देना ही बेहतर समझा ।

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मेरी बहन की सेक्स जबानी से मस्ती – Meri Bahan Ki Sexy Jabani Se Masti | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/meri-bahan-ki-sexy-jabani-se-masti/ //otelsan.ru/xbrasilporno/meri-bahan-ki-sexy-jabani-se-masti/#respond Sat, 04 May 2019 05:19:28 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5437 [...]]]> के सभी पाठकों आप सभी को नमस्कार करता हूँ मैं आज आपको अपना सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ । ये कहानी मैं और मेरे बहन के बिच हुई सेक्स की कहानी हे। उम्मीद हे आपको पसंद आएगा । मेरी बेहेन की चूचियां को दबाने का मजा भी आपको मिलेगा और अगर आप भी अपने बेहेन से वही प्यार पाने चाहते तो आपभी ये कोसिस कीजिये और बेहेन की चूत मार्के मजा लीजिये ।
दोस्तों मेरी बहन ख्याति ऊपर से नीचे तक दिखने में बहुत सुंदर है और उसके फिगर का साईज 36-28-36 है और उसकी लम्बाई 5।4 और उसका रंग दूध जैसा एकदम गोरा है और उसके कूल्हों तक काले घने बाल है। दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ।
में एक बड़े शहर में एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और मेरा पूरा परिवार एक छोटे से शहर में रहता है। दोस्तों ख्याति पढ़ने में पहले से ही बहुत अच्छी थी और उसने अपनी बी-कॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद सी।ए। की कोचिंग जाने का निर्णय लिया, लेकिन छोटा शहर होने की वजह से वहां पर ऐसी कोई भी कोचिंग क्लास नहीं थी तो उसने एक दिन मुझसे फोन करके कहा कि भैया क्या में भी तुम्हारे साथ वहां पर रहने के लिए आ जाऊँ? दोस्तों तब तक मैंने उसकी जवानी को महसूस नहीं किया था तो यह सब बात होने के बाद वो एक महीने में मेरे साथ रहने आ गई, लेकिन तब उसका फिगर इतना अच्छा नहीं था, क्योंकि वो थोड़ी मोटी थी और उसके बूब्स का विकास भी कम था, क्योंकि किसी ने कभी उन्हें नहीं छुआ था और ना ही दबाए थे और उसके कूल्हों का आकार भी थोड़ा बड़ा था।

दोस्तों उसका ट्यूशन जाने का और मेरे ऑफिस जाने का समय एक ही था तो में हर रोज़ उसे ट्यूशन अपनी बाईक से छोड़ दिया करता था और दोपहर को वो ट्यूशन से फ्री होकर अकेली घर पर आ जाती थी और में शाम को घर पर आता था। एक दिन मुझे अपने ऑफिस से छुट्टी जल्दी मिल गई तो में उस दिन जल्दी घर पर आ गया, इसलिए मैंने मन ही मन सोचा कि आज में ख्याति को जल्दी आकर चकित करता हूँ। फिर में घर पर गया और फिर दूसरी चाबी से दरवाज़ा खोलकर अंदर चला गया और जब में अंदर गया तो मैंने देखा कि ख्याति नहाकर अपने रूम में बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी और उसके बालों से पानी टपक रहा था और उसके आधे बाल उसके बूब्स पर थे। उसकी चूत पर बहुत छोटे छोटे सुनहरे बाल थे और उसकी चूत को देखने से ही पता चल रहा था कि वो अब तक कभी किसी से नहीं चुदी है और उसको इस हालत में देखते ही मेरा 6 इंच का लंड तुरंत तनकर खड़ा हो गया, लेकिन में उसके साथ कुछ नहीं कर सकता था, क्योंकि वो इतनी चतुर नहीं थी और वो तब बहुत शर्मीली स्वभाव और पुराने ख्याल की थी। फिर में घर से बाहर चला गया और कुछ देर बाहर खड़े रहने के बाद मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई और वो दौड़ती हुई पूरे कपड़े पहनकर दरवाजा खोलने आई और जब वो दरवाज़ा खोलने आई तब भी उसके बालों से पानी टपक रहा था जो सीधा उसकी छाती को भिगोकर अंदर से उसके उसकी काले रंग की ब्रा को दिखा रहा था। फिर दूसरे दिन सुबह जब में उसे उसकी ट्यूशन पर छोड़ने जा रहा था तो मैंने उसको कहा कि ख्याति तुम भी मेरे साथ जिम क्यों नहीं चलती, देखो तुम कितनी मोटी हो गई हो? फिर वो बोली कि यह बात तो आप बिल्कुल सही कहते हो, में आपको सोचकर बता दूंगी और फिर उसी शाम वो मेरे घर पर आने के बाद मुझसे बोली कि में भी कल से आपके साथ जिम चलूंगी। फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन तू वहां पर यह सलवार कमीज़ नहीं पहनकर जा सकती, क्योंकि तुम्हे वहां पर जिम के कपड़े पहनकर ही जाना पड़ेगा और फिर में उसके साथ उसके लिए मॉल में केफ्री और टी-शर्ट लेने चला गया और कपड़े पसंद करने के बाद मैंने उसको रूम में पहनकर देखने के लिए भेज दिया और जब वो बाहर आई तो वो क्या मस्त माल लग रही थी? कुछ लड़के रूम के बाहर खड़े थे, क्योंकि उन्हें भी रूम में जाकर कपड़े पहनकर देखना था तो वो भी उसी को अपनी आखें बड़ी करके घूरकर देखते रह गये, क्योंकि उसकी टी-शर्ट के ऊपर से उसकी निप्पल साफ साफ दिख रही थी और उसकी पेंटी भी थोड़ी थोड़ी दिख रही थी, क्योंकि वो कपड़े उसके बदन पर बिल्कुल चिपके हुए एकदम टाईट थे, लेकिन मैंने उससे कहा कि यही सही है और अब मॉल का चौकीदार भी उसको लगातार हवस की नज़रों से देख रहा था।

फिर दूसरे दिन में उसे अपने साथ जिम लेकर चला गया और उसे अपने ट्रेनर से मिलवाया। फिर मैंने उससे कहा कि यह मेरी बहन है और मुझे इसका वजन थोड़ा कम करना है। मैंने उसके ऊपर ध्यान दिया कि जब हमारे बीच में यह सब बातें चल रही थी, तब वो बात तो मुझसे कर रहा था, लेकिन उसका पूरा ध्यान मेरी बहन के सेक्सी जिस्म पर था और वो ख्याति के उभरे हुए फिगर को ताक रहा था। फिर वो ट्रेनर मुझसे बोला कि कोई बात नहीं, में इसका वजन बहुत जल्दी कम करवा दूंगा और वो ख्याति को अपने साथ ले गया और उसने उसको उठक बैठक करने को बोला और जब ख्याति ने उठक बैठक करना शुरू किया तो वो उससे कहने लगा कि तुम यह बिल्कुल ग़लत कर रही हो और उससे यह बात कहकर उसने मेरी बहन के कूल्हों को पकड़ लिया और बोला कि हाँ अब तुम सीधे नीचे जाओ और उसके बाद में ऊपर आओ। दोस्तों वो उसी बहाने उसकी गांड को छूकर मज़े ले रहा था।

अब ख्याति को उस ट्रेनर का उसको इस तरह से छूना और उसके कूल्हों को पकड़कर उसे ऊपर नीचे उठाना बैठाना थोड़ा अजीब लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और चुपचाप उसकी कही गई सभी एक्सर्साईज़ करती रही। दोस्तों पहले दिन उस ट्रेनर ने मेरी बहन को थोड़ी हल्की एक्सर्साईज़ करवाई और फिर कल आने को बोला। फिर घर पर जाते समय रास्ते में ख्याति मुझसे बोली कि वो मुझे छू रहा था तो मुझे उसका इस तरह छूना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और ना जाने क्यों वो मेरे साथ ऐसा कर रहा था, उसके मन में क्या चल रहा था भगवान ही जाने? फिर मैंने उससे कहा कि वो तो सिर्फ़ तुझे सिखा रहा था और ऐसा कुछ नहीं है, जैसा अभी तुम्हारे दिमाग में चल रहा है और मेरी यह बात सुनकर ख्याति फिर से कुछ नहीं बोली और चुपचाप मेरी बात सुनती रही। फिर दूसरे दिन जब ख्याति जिम आई तो मेरे ट्रेनर ने मेरा और मेरी बहन का जिम का समय अलग अलग कर दिया और फिर उसने मेरी बहन के लिए एक्सर्साइज़ प्लान बताया, जिसमें पुल, सीट पुश-अप और कुछ योगा भी थे और वो ट्रेनर उसे छूने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता था और अब धीरे धीरे जैसे जैसे दिन बीतते गए और ख्याति के लिए वो सब आदत में आ गए थे, लेकिन मैंने महसूस किया कि उसकी वजह से ख्याति का वजन बहुत जल्दी कम हो रहा था और वो हर रोज़ दिन गुजरते हुए और भी ज्यादा सुंदर, सेक्सी होती जा रही थी। फिर कुछ महीने लगातार वहां पर जाने के बाद वो अब एक मदमस्त गदराए बदन की मालकिन बन चुकी थी और वो अब पहले जितनी शरमाती भी नहीं थी। फिर उसने और भी सेक्सी दिखने के लिए जिम आउटफिट खरीद लिया, वो अगर अब थोड़ा भी नीचे झुके तो किसी को भी उसके टॉप से उसकी छाती साफ दिखे और अब उस आउटफिट से एक्सर्साईज़ करने पर उसके बूब्स और कूल्हों का आकार साफ दिखता था और अब जब ख्याति ज्यादा अच्छी दिखती थी तो उसकी क्लास के लड़के उसको अपनी तरफ आकर्षित करने के कोई मौके नहीं छोड़ते थे, वो उसको पिक्चर दिखाने, बाहर घूमने के बहाने बाईक पर ले जाते और उसे हर कभी कोई ना कोई गिफ्ट देते थे। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

अब तो ख्याति भी बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि यह लोग अब उससे क्या चाहते है और वो उसके साथ ऐसा क्यों कर रहे है? लेकिन वो उन लोगों को ज्यादा भाव नहीं देती और ख्याति उनके इस काम के बहुत मज़े लूटती। दोस्तों करीब 9 महीने के बाद ख्याति का जिस्म बहुत ही सेक्सी हो गया था और जिसको एक बार देखकर कोई भी लड़का उसे चोदना जरुर चाहेगा। तभी फिर से एक बार में अपने ऑफिस से घर पर जल्दी आ गया। फिर मैंने सोचा कि में आज फिर से चुपके से अंदर चला जाता हूँ और अंदर जाकर देखता हूँ कि वो क्या कर रही है? और जब में अंदर पहुंचा तो मैंने जो सब उस दिन देखा तो उसको देखकर मुझे अपने आप पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि ख्याति उस समय लेपटॉप पर ब्लूफिल्म देख रही थी और उस टाईम वो सफेद कलर का टॉप और केफ्री पहने हुई थी और वो टॉप के ऊपर से ही अपने बूब्स को दबा रही थी और में तो उसे हैरान होकर देखता ही रह गया, लेकिन उतने में ही उसने मुझे पीछे मुड़कर देख लिया और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी, लेकिन तब तक तो मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो चुका था और जिसको को बहुत ध्यान से देख रही थी।

फिर मैंने उससे पूछा कि यह क्या कर रही थी? तो वो थोड़ा डरते हुए बोली कि कुछ नहीं। फिर में उसके पास गया और मैंने वो लेपटॉप बंद करके एक साईड में रख दिया और तब तक वो बेड पर सीधी होकर बैठ चुकी थी और में ठीक उसके पास खड़ा हुआ था और मेरी पेंट से साफ साफ नजर आ रहा था कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है। तभी अचानक से मैंने उसको बेड पर ज़ोर से धक्का दे दिया और उसको लेटा दिया और में उसके ऊपर चड़कर उसके होंठो को किस करने लगा। अभी वो मेरा साथ नहीं दे रही थी और वो मेरा विरोध कर रही थी और मुझसे कह रही थी कि भैया यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है, प्लीज अब आप मुझे छोड़ दो, जाने दो मुझे प्लीज। फिर भी में उसकी बात को ना सुनकर उसके कान पर और गले पर धीरे धीरे किस करने लगा और फिर मैंने उसके बंधे हुए रेशमी बालों को एकदम खुला कर दिया और उसके जिस्म को लगातार चूमता चाटता रहा और उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा। फिर कुछ देर बाद अब उसको भी धीरे धीरे मेरे साथ बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन वो थोड़ा डर रही थी और उसी वजह से वो मेरे साथ यह सब पूरी तरह से खुलकर नहीं कर रही थी। में उसे किस करते करते उसकी गोरी गर्दन तक पहुंच गया और अब तो वो आह्ह्ह आईईईइ की आवाज़ करने लगी थी और फिर मैंने कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स को लगातार दबाना चालू रखा और में उसके बूब्स को ज़ोर से निचोड़ रहा था और उसकी निप्पल को मसल रहा था और मैंने उसके एक हाथ को पकड़कर अपनी पेंट के अंदर डाल दिया और जिसकी वजह से मेरा लम्बा, मोटा लंड उसके हाथ में था। फिर मैंने एक एक करके उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए और फिर उसे कुछ ही देर में अपने सामने पूरी नंगी कर दिया।

दोस्तो मैंने देखा कि उसकी चूत पर बहुत छोटे छोटे बाल थे, जिन्हें देखकर में बिल्कुल पागल हो रहा था। फिर मैंने भी अपने कपड़े उतारकर उसके हाथ में अपना लंड दे दिया और उससे कहा कि नीचे बैठकर चूस इसको और वो मुझसे ना बोलने लगी। तब मैंने उसका सर पकड़कर जबरदस्ती लंड को उसके मुहं में डाल दिया। दोस्तों शुरू शुरू में वो बहुत धीमे धीमे चूस रही थी, लेकिन कुछ देर बाद में उसको भी मेरा लंड चूसने में मज़ा आने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से पूरा अंदर बाहर करके चूसने लगा। फिर पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उसको पीठ के बल लेटा दिया और अब में उसकी चूत का रस पीने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा, लेकिन दोस्तों एक वर्जिन चूत को चाटने, चूसने और चोदने का मज़ा ही सबसे अलग होता है और फिर जब में उसकी चूत को चाट रहा था तो वो ज़ोर ज़ोर से आहहहह उम्म्म्मम आईईईई की आवाज़ करने लगी और तभी मेरे कुछ देर उसकी चूत को चूसने के बाद वो पहली बार झड़ गई और उसका वो सारा गरम गरम माल सीधा मेरे मुहं में चला गया और में उसको पी गया। फिर मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर अच्छी तरह से साफ कर दिया।

दोस्तों करीब 15 मिनट के रसपान के बाद मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया, लेकिन वो मुझसे मना करने लगी और मुझे अपने ऊपर से हटाने लगी और वो कहने लगी कि प्लीज भैया मुझे अब आप छोड़ दो, यह सब बहुत गलत है और मुझे इसको अपने अंदर नहीं लेना, प्लीज मुझे छोड़ दो, मुझे बहुत दर्द होगा, में मर जाउंगी, आपका बहुत बड़ा है प्लीज भैया। फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, में बहुत आराम से करूंगा और तुम्हे पहली बार में थोड़ा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद में बहुत मज़ा आयेगा और जब तुम मुझसे हटने को कहोगी तो में तभी तुम्हे छोड़ दूंगा। फिर वो बोली कि ठीक है, लेकिन थोड़ा धीरे धीरे करना और मेरे दर्द का भी ख्याल रखना। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालना शुरू किया, लेकिन वो उस हसीन दर्द से चिल्ला उठी और तड़पने लगी। फिर मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ दिया और एक ही ज़ोर के झटके में पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और जिसकी वजह से उसकी आँख से आंसू बाहर निकल आए थे और उसका पूरा चेहरा पसीने की छोटी छोटी बूंदों से भर गया था और उसके चेहरे का रंग लाल हो चुका था। मुझे उसके दर्द का अंदाजा लग चुका था। फिर मैंने कुछ देर रुककर बहुत धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया और वो आअहह उम्महा आईईई माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो कि आवाज़ करने लगी, लेकिन में लगातार धक्के देकर उसे चोदता रहा और कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया और इस बीच वो भी एक बार झड़ चुकी थी। दोस्तों उस रात उसको मैंने चार बार चोदा और पहली चुदाई के बाद मैंने उसको कुछ देर रुककर उसके कहने पर चोदा और फिर तो में हर रोज़ उसको रात को चोदता और हम एक ही बेड पर नंगे होकर एक दूसरे से चिपककर सोते थे।

फिर एक दिन मैंने उसको उसके कहने पर बाहर दूसरे लड़को से भी चुदवाने की भी आज़ादी दे दी। फिर वो एक बार जिम ट्रेनर से भी चुदी, क्योंकि ट्रेनर उसको एक बार जरुर चोदना चाहता था और वो भी अब उसके लंड का ज़ोर देखना चाहती थी, लेकिन उस एक बार की चुदाई की वजह से उसने उसकी फीस लेना भी उससे छोड़ दिया और वो कई बार अपनी क्लास के एक अमीर लड़के से भी चुदी, क्योंकि वो उससे बहुत प्यार करता है और वो अब ख्याति से सारे खर्चे उठाता है और उसने ख्याति को अपने से शादी करने के लिए कहा है और फिर ख्याति ने मुझसे पूछकर एक दिन उसको हाँ कह दिया और उसने अपनी पढ़ाई को पूरा कर लिया है और अब वो एक बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी भी करती है और वो अपने प्रमोशन के लिए अपने बॉस से भी कई बार चुद चुकी है, क्योंकि यह बहुत बड़ी कम्पनी में है तो उसे इंडिया के और बाहर के बॉस को भी खुश करना पड़ता है। दोस्तों ख्याति ने एक दिन उसी लड़के के साथ शादी की जो उसके साथ क्लास में था और अभी भी जब कभी वो मेरे घर पर आती है तो हम दोनों जमकर चुदाई करते है और वो मेरी चुदाई से हमेशा संतुष्ट रही है और उसने मेरे साथ सेक्स के बहुत मज़े लिए, लेकिन ख्याति ने आज तक अपने पति को अपनी और दूसरी चुदाई के बारे में कभी कुछ नहीं बताया और अब वो दोनों अपनी सेक्स लाईफ में बहुत खुश है। तो दोस्तों यह थी मेरी बहन को चोदकर उसके मन से चुदाई का डर बाहर निकालने की कहानी। जिसमें मैंने उसको पहली बार में ही अपनी चुदाई से बहुत ज्यादा खुश कर दिया और वो उसके बाद बिना किसी डर के सबसे अपनी चुदाई करवाने लगी ।। उम्मीद हे

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बहन की रसभरी चूत चाट के चुदाई की – Bahan Ki Rasbhari Chut Chat Ke Chudai Ki | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ki-rasbhari-chut-chat-ke-chudai-ki/ //otelsan.ru/xbrasilporno/bahan-ki-rasbhari-chut-chat-ke-chudai-ki/#respond Sat, 09 Feb 2019 10:30:57 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=4412 [...]]]> मेरे प्यारे दोस्तों आप सब को कुणाल का नमस्कार, आज मैं आपको अपने ज़िंदगी का एक अनमोल क्षण आपके सामने पेश कर रहा हु, आशा करता हु की आपको बहुत मजा आएगा, आज मैं आपके सामने एक अपनी सच्ची कहानी जो की मेरे और मेरी प्यारी बहन निहारिका के बारे में है, मैं कई ऐसे कहानियां अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ी है, पहले तो मुझे लगता था ये सब बकवास है क्या कोई भाई अपने बहन के साथ सेक्स सम्बन्ध बना सकता है पर जब मेरे साथ ये हुआ और मैंने अपने बहन के साथ सेक्स किया तो लगा की ज़िंदगी में कई बार ऐसे मौके आ जाते है जिसमे रिश्ते तार तार हो जाते है और कुछ और ही हो जाता है जिसकी हमलोग कल्पना भी नहीं करते है, आज एक ऐसी ही घटना का जिक्र कर रहे है, मेरी उम्र 22 साल है और और मेरी बहन बहक निहारिका की उम्र इक्कीस साल है, हमलोग मध्यप्रदेश के रहने बाले है, ये कहानी आज ऎसे दस दिन पहले की है जब हम दोनों को दिल्ली आना पड़ा, निहारिका का जॉब इंटरव्यू दिल्ली में था, शनिवार को, तो हमलोग दिल्ली शनिवार को ही पहुंच गए थे करीब ७ बज रहे थे सुबह के, हम दोनों ने एक होटल का कमरा लिया, रिसेप्शन पर एक सुन्दर सा लड़का जो ब्लैक सूट में था, गुड मॉर्निंग कहा और रजिस्टर में नाम लिखने लगा, हमने आई डी प्रूफ दिया, जब सरे फोर्मलिटी हो गया था वो लड़का मुस्कुराया और कहा, सर आपकी वाइफ बहुत सुन्दर है, एन्जॉय कीजिये, आपको किसी चीज की जरूरत होगी तो प्लीज आप हमें फोन कर दीजिये, आपका वीकेंड हैप्पी हो.

हमने थैंक्स कहा, और जैसे वह से घूमे अपने कमरे जाने के लिए हम दोनों को हसी आ गई, हस्ते हस्ते अपने कमरे तक पहुंचे और निहारिका तो और जोर जोर से हसने लगी, कहने लगी वाइफ बोला मुझे…… मुझे बहुत हसी आ रही है…. इस तरह से हम दोनों एक दूसरे को देखकर हसने लगे, फिर हम दोनों फ्रेश हुए, ब्रेकफास्ट किया और वह से वसंत कुञ्ज के लिए निकल पड़े वही निहारिका का इंटरव्यू था, सब कुछ अच्छा हुआ, निहारिका सेलेक्ट हो गई, हम दोनों काफी खुश थे, वह से करीब तीन बजे निकले और फिर दिल्ली घूमने लगे, इंडिया गेट गए, फिर हमलोगो कई सारे मॉल गए, शाम को कनॉट प्लेस गए, खूब मजे किये, मैंने वह पे एक कपल को देखा जो पार्क में बेंच पर ही गोद में बैठाकर चुदाई कर रहे थे, वो भी तब देखा हमदोनो ने जब आअह आआह आआअह की आवाज आ रही थी, और वो लड़की कह रही थी, भैया धीरे धीरे चोदो दर्द हो रही है, और जल्दी चलो घर मम्मी पापा इंतज़ार कर रहे होंगे, हम दोनों एक दूसरे का मुह देखने लगे और बोले दोनों भाई बहन है, बताओ….. दिल्ली जगह ही ऐसी है, चलो सब का अपना अपना ज़िंदगी जीने का तरीका है, सच बताऊँ दोस्तों उसके बाद निहारिका को मेरे देखने का तरीका ही चेंज हो गया, मैं अब उसके बूब को निहार रहा था, जब वो चल रही थी तो उसके मटकते कमर को देख रहा था, वो तब से और भी ज्यादा हॉट लगने लगी थी, पर मैं ये भी ध्यान रख रहा था की कही उसको मेरी ये नजर पता ना चल जाये, है तो मेरी बहन ही, फिर धीरे धीरे नार्मल होते गए, एक बार तो उसका बूब मेरे केहुनी से लग गया, उसने कुछ भी नहीं कहा और वो मुस्कुरा दी, मुझे बहुत ही अच्छा लगा, क्या रुई के तरह उसका गोल गोल चूच लग रहा था यार., शाम को खाना कहते हुए करीब हमलोग आठ बजे होटल पहुंचे, कमरे में गए और फ्रेश होके टी वी देखने लगे, तभी निहारिका बाथरूम से निकली, मैं उसको देखकर हैरान हो गया, वो पिंक कलर की नाईटी में थी, बाल खुले थे बड़ी ही हॉट लग रही थी, वो अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और उसकी नीति सिल्की सिल्की थी तो उसका बूब का साइज निप्पल समेत दिख रहा था वो जब चल रही थी और कंघी कर रही थी तो उसका बूब हिल रहा था, यहाँ तक की जब वो चलती थी उसकी चूतड़ गजब की दिख रही थी, सच पूछो दोस्तों मेरा लंड तो खड़ा होने लगा था मैंने फटा फट कम्बल रख लिया ताकि उसको पता ना चले की मेरे हीरो सलामी ठोंक रहा है.

तभी बेल्ल बजा दरवाजा सिर्फ सटाया हुआ था, मैंने कहा कमीन वो होटल का बेटर था, वो एक बोतल व्हिस्की दो गुलाब का फूल, दो कैंडल देते हुए कहा, सर ये सारे चीज मैनेजर ने भेजा है, और कहा है, सर के लिए गिफ्ट है उनके हनीमून पे, निहारिका फिर जोर जोर से हसने लगी और मैं भी वैसे ही खुल के हसने लगा, निहारिका कह रही थी क्या बेवकूफ मैनेजर है उसको लग रहा है की हम लोगो हनीमून मनाने आये है, पागल कहिका और खूब हसने लगे दोनों मिलकर. उसके बाद व्हिस्की देखा वो काफी अच्छे ब्रांड का था, पहले भी कई मौके पर हम दोनों ने पि है, तो निहारिका बोली अच्छा है, चल निकाल आज पि ही लेते है, और फिर वो पेग बनाने लगी और हम दोनों पिने लगे, अब मुझे काफी नशा आ गया था और निहारिका को भी चढ़ गया था, अब वो और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी, बार बार वो अंगड़ाई ले रही थी, मैं भी उसके बूब को बार बार देख रहा था, जब वो अंगड़ाई लेती थी उसकी दोनों चूचियाँ और भी बाहर के तरफ हो जा रही थी, बड़ा ही हॉट नजारा था उस समय का, उसकी आँखे और भी सेक्सी हो गई थी और वो बहकी बहकी बात कर रही थी, वो कह रही थी भाई याद आया वो लड़की वो कह रही थी धीरे धीरे डालो भैया, उफ्फ्फ्फ्फ़ क्या नजारा था यारा, क्या मस्त लग रही थी वो सेक्स करते हुए,

निहारिका कह रही थी साले मैनेजर क्या सुझा इसे हमलोग पति पत्नी है, ओह्ह्ह भैया तुम्हे तो मेरा सैया बना दिया है इस होटल बाले ने, और वो बार बार अंगड़ाई ले रही थी, फिर निहारिका बोली भैया आज मैं बहुत खुश हु आज मेरी जॉब लग गई है, आज तो पार्टी बनती है, मांग तू आज जो भी मांगेगा आज मैं मना नहीं करूंगी, मैंने कहा सच दोगी वो, बोली मांग के तो देख, आज मैं किसी भी चीज के लिए मना नहीं करुँगी, बोली चल मांग जो मांगना है, मैंने कहा आज मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हु,

तो निहारिका बोली मैं तो कब से चाह रही थी आज जो मैनेजर बोला वो कर लेते है, और वो मेरे गले से लग गई उसकी दोनों चुचियन मेरे छाती से चिपक रही थी, और फिर मुझे किश करने लगी, फिर वो सारे लाइट बंद कर दी और दोनों मोमबती को जला दी और नाईटी को उतार दी, हलके हलके रौशनी में काफी सेक्सी लग रही थी मेरी बहन, क्या शरीर था यार, बहुत हॉट लग रही थी बड़ी बड़ी चुचिया, कमरे पतली, गोल गोल चूतड़, खुले बिखरे बाल, वो मटकती हुई आई, और मेरे होठ को चूसने लगी मैं हौले हौले से उसकी चूचियाँ दबाने लगा, वो बहुत ही कामुक हो गई थी, फिर वो मेरे लंड को हाथ में ले ली और कहने लगी क्या लंड है भैया जैसा की ब्लू फिल्म में होता है वैसा ही लंड है आपका.

और वो मेरे लंड को पकड़ कर पाने चूत के ऊपर लगा ली, और हलके हलके से बैठ गई पूरा लंड मेरी बहन के चूत में समा गया, ओह्ह्ह फिर क्या बताऊँ दोस्तों वो उछाल उछाल कर चुदवाने लगी, उसके मुह से आअह आआह आआअह आआअह उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ की आवाज निकल रही थी जब वो मेरे लंड पे झटके देती तो फच फच की आवाज आती, पूरा कमरा महक रहा था हलकी हलकी मोमबती जब रही थी और मेरी बहन की सेक्सी आवाज पुरे कमरे में गूंज रही थी, मैं भी हाय हाय हाय कर के लंड को पेले जा रहा था. आप ये कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है , उसके बाद निहारिका निचे लेट गई और मैं ऊपर चला गया, फिर मैंने उसका पैर को अपने कंधे पर रख लिया और अपना लंड को जोर जोर से उसके चूत में डालने लगा. आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | वो चिलाने लगी फ़क में फ़क में हार्ड, चोदो खूब चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत को, ले लो अपनी आगोश में, बना दो मुझे रंडी, चोद जो मेरी जिस्म को शांत कर दो, फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया और पीछे से बड़े चौड़े गांड को पकड़ के फिर उसके चूत में लंड पेलने लगा, वो काफी हॉट और वाइल्ड हो गई और जोर जोर से गांड को धक्के लगा रही थी, फिर हम दोनों एक लम्बी आआह भरे आआह्ह्ह्ह्ह्ह् आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और मैंने पूरा वीर्य उसके चूत में डाल दिया और हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए लेट गए, फिर आधे घंटे बाद एक एक पेग व्हिस्की फिर ली उसके बाद फिर चुदाई की, रात भर करीब ४ बार मैंने अपनी प्यारी बहन को रंडी बना कर चोदा. आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताएं, ये मैं नहीं कह रहा हु ये मेरी बहन कह रही है, क्यों की ये कहानी हम दोनों साथ मिलकर लिख रहे है, और आपको ये कहानी सिर्फ अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पे ही मिलेगा, आपको मेरी कहानी पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

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भाई बेहेन की पहली संगम – Bhai Behen Ki Pehli Sangam | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/bhai-behen-ki-pehli-sangam/ //otelsan.ru/xbrasilporno/bhai-behen-ki-pehli-sangam/#respond Thu, 03 Jan 2019 22:42:39 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=4399 [...]]]> मेरा नाम रीता है । मेरा छोटा भाई राकेश दसवी मैं पढ़ता है । वह गोरा चिट्टा और करीब मेरे ही बराबर लम्बा भी है । मैं इस समय 23 की हूँ और वह १५ का । मुझे भैय्या के गुलाबी होंठ बहूत प्यारे लगते हैं । दिल करता है कि बस चबा लूं । पापा गल्फ़ में है और माँ गवर्नमेंट जोब में । माँ जब जोब की वजह से कहीं बाहर जाती तो घर मैं बस हम दो भाई बहन ही रह जाते थे । मेरे भाई का नाम राकेश है और वह मुझे दीदी कहता है । एक बार मान कुछ दिनों के लिये बाहर गयी थी । उनकी इलेक्शन ड्यूटी लग गयी थी । माँ को एक हफ़्ते बाद आना था । रात मैं डिनर के बाद कुछ देर टी वी देखा फ़िर अपने-अपने कमरे मैं सोने के लिये चले गये।करीब एक आध घण्टे बाद प्यास लगने की वजह से मेरी नींद खुल गयी । अपनी सीधे टेबल पर बोटल देखा तो वह खाली थी । मैं उठ कर किचन मैं पानी पीने गयी तो लौटते समय देखा कि राकेश के कमरे की लाइट ओन थी और दरवाज़ा भी थोड़ा सा खुला था । मुझे लगा कि शायद वह लाइट ओफ़ करना भूल गया है मैं ही बन्द कर देती हूँ ।
मैं चुपके से उसके कमरे में गयी लेकिन अन्दर का नजारा देखकर मैं हैरान हो गयी ।राकेश एक हाथ मैं कोई किताब पकड़ कर उसे पढ़ रहा था और दूसरा हाथ से अपने तने हुए लण्ड को पकड़ कर मुठ मार रहा था । मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि इतना मासूम लगने वाला दसवी का यह छोकरा ऐसा भी कर सकता है । मैं दम साधे चुपचाप खड़ी उसकी हरकत देखती रही, लेकिन शायद उसे मेरी उपस्थिति का आभास हो गया । उसने मेरी तरफ़ मुँह फेरा और दरवाजे पर मुझे खड़ा देखकर चौंक गया। वह बस मुझे देखता रहा और कुछ भी ना बोल पाया । फिर उसने मुँह फ़ेर कर किताब तकिये के नीचे छुपा दी । मुझे भी समझ ना आया कि क्या करूं । मेरे दिल मैं यह ख्याल आया कि कल से यह लड़का मुझसे शर्मायेगा और बात करने से भी कतरायेगा । घर मैं इसके अलावा और कोई है भी नहीं जिससे मेरा मन बहलता । मुझे अपने दिन याद आये। मैं और मेरा एक कज़िन इसी उमर के थे जब से हमने मज़ा लेना शुरू किया था तो इसमें कौन सी बड़ी बात थी अगर यह मुठ मार रहा था ।मैं धीरे-धीरे उसके पास गयी और उसके कंधे पर हाथ रखकर उसके पास ही बैठ गयी। वह चुपचाप लेटा रहा ।
मैंने उसके कंधो को दबाते हुई कहा, “अरे राकेश, अगर यही करना था तो कम से कम दरवाज़ा तो बन्द कर लिया होता” । वह कुछ नहीं बोला, बस मुँह दूसरी तरफ़ किये लेटा रहा । मैंने अपने हाथों से उसका मुँह अपनी तरफ़ किया और बोली “अभी से ये मज़ा लेना शुरू कर दिया। कोई बात नहीं मैं जाती हूँ तो अपना मज़ा पूरा कर ले। लेकिन जरा यह किताब तो दिखा। मैंने तकिये के नीचे से किताब निकाल ली। यह हिन्दी मैं लिखे मस्तराम की किताब थी। मेरा कज़िन भी बहूत सी मस्तराम की किताबें लाता था और हम दोनों ही मजे लेने के लिये साथ-साथ पढ़ते थे।
चुदाई के समय किताब के डायलोग बोल कर एक दूसरे का जोश बढ़ाते थे।जब मैं किताब उसे देकर बाहर जाने के लिये उठी तो वह पहली बार बोला, “दीदी सारा मज़ा तो आपने खराब कर दिया, अब क्या मज़ा करुंगा।”अरे! अगर तुमने दरवाज़ा बन्द किया होता तो मैं आती ही नहीं।”और अगर आपने देख लिया था तो चुपचाप चली जाती। अगर मैं बहस मैं जीतना चाहती तो आसानी से जीत जाती लेकिन मेरा वह कज़िन करीब ६ मंथ्स से नहीं आया था इसलिये मैं भी किसी से मज़ा लेना चाहती ही थी।
राकेश मेरा छोटा भाई था और बहूत ही सेक्सी लगता था इसलिये मैंने सोचा कि अगर घर में ही मज़ा मिल जाये तो बाहर जाने की क्या जरूरत? फिर राकेश का लौड़ा अभी कुंवारा था। मैं कुँवारे लण्ड का मज़ा पहली बार लेती, इसलिये मैंने कहा, “चल अगर मैंने तेरा मज़ा खराब किया है तो मैं ही तेरा मज़ा वापस कर देती हूँ। फिर मैं पलंग पर बैठ गयी और उसे चित लिटाया और उसके मुर्झाये लण्ड को अपनी मुट्ठी में लिया। उसने बचने की कोशिश की पर मैंने लण्ड को पकड़ लिया था।
अब मेरे भाई को यकीन हो चुका था कि मैं उसका राज नहीं खोलूंगी, इसलिये उसने अपनी टांगे खोल दी ताकि मैं उसका लण्ड ठीक से पकड़ सकूँ। मैंने उसके लण्ड को बहूत हिलाया-डूलाया लेकिन वह खड़ा ही नहीं हुआ। वह बड़ी मायूसी के साथ बोला “देखा दीदी अब खड़ा ही नहीं हो रहा है।”अरे! क्या बात करते हो? अभी तुमने अपनी बहन का कमाल कहाँ देखा है। मैं अभी अपने प्यारे भाई का लण्ड खड़ा कर दूंगी। ऐसा कह मैं भी उसके बगल में ही लेट गयी।
मैं उसका लण्ड सहलाने लगी और उससे किताब पढ़ने को कहा। “दीदी मुझे शर्म आती है। “साले अपना लण्ड बहन के हाथ में देते शर्म नहीं आयी। मैंने ताना मारते हुए कहा “ला मैं पढ़ती हूँ। और मैंने उसके हाथ से किताब ले ली । मैंने एक स्टोरी निकाली जिसमे भाई बहन के डायलोग थे। और उससे कहा, “मैं लड़की वाला बोलूँगी और तुम लड़के वाला। मैंने पहले पढ़ा, “अरे राजा मेरी चूचियों का रस तो बहूत पी लिया अब अपना बनाना शेक भी तो टेस्ट कराओ” ।”अभी लो रानी पर मैं डरता हूँ इसलियेकि मेरा लण्ड बहूत बड़ा है, तुम्हारी नाजुक कसी चूत में कैसे जायेगा?और इतना पढ़कर हम दोनों ही मुस्करा दिये क्योंकि यह हालत बिलकुल उलटे थे। मैं उसकी बड़ी बहन थी और मेरी चूत बड़ी थी और उसका लण्ड छोटा था। वह शर्मा गया लेकिन थोड़ी सी पढ़ायी के बाद ही उसके लण्ड मैं जान भर गयी और वह तन कर करीब ६ इँच का लम्बा और १५ । इँच का मोटा हो गया।
मैंने उसके हाथ से किताब लेकर कहा, “अब इस किताब की कोई जरूरत नहीं । देख अब तेरा खड़ा हो गया है । तो बस दिल मैं सोच ले कि तू किसी की चोद रहा है और मैं तेरी मु्ठ मार देती हूँ” ।मैं अब उसके लण्ड की मु्ठ मार रही थी और वह मज़ा ले रहा था । बीच बीच मैं सिस्कारियां भी भरता था । एकाएक उसने चूतड़ उठा कर लण्ड ऊपर की ओर ठेला और बोला, “बस दीदी” और उसके लण्ड ने गाढ़ा पानी फेंक दिया जो मेरी हथेली पर गिरा । मैं उसके लण्ड के रस को उसके लण्ड पर लगाती उसी तरह सहलाती रही और कहा, “क्यों भय्या मज़ा आया””सच दीदी बहूत मज़ा आया” । “अच्छा यह बता कि ख़्यालों मैं किसकी ले रहे थे?” “दीदी शर्म आती है । बाद मैं बताऊँगा” ।
इतना कह उसने तकिये मैं मुँह छुपा लिया ।”अच्छा चल अब सो जा नींद अच्छी आयेगी । और आगे से जब ये करना हो तो दरवाज़ा बन्द कर लिया करना” । “अब क्या करना दरवाज़ा बन्द करके दीदी तुमने तो सब देख ही लिया है” ।”चल शैतान कहीं के” । मैंने उसके गाल पर हलकी सी चपत मारी और उसके होंठों को चूमा । मैं और किस करना चाहती थी पर आगे के लिये छोड़ कर वापस अपने कमरे में आ गयी । अपनी सलवार कमीज उतार कर नाइटी पहनने लगी तो देखा कि मेरी पैंटी बुरी तरह भीगी हुयी है ।
राकेश के लण्ड का पानी निकालते-निकालते मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया था । अपना हाथ पैंटी मैं डालकर अपनी चूत सहलाने लगी ऊंगलियों का स्पर्श पाकर मेरी चूत फ़िर से सिसकने लगी और मेरा पूरा हाथ गीला हो गया । चूत की आग बुझाने का कोई रास्ता नहीं था सिवा अपनी उँगली के । मैं बेड पर लेट गयी । राकेश के लण्ड के साथ खेलने से मैं बहूत एक्साइटिड थी और अपनी प्यास बुझाने के लिये अपनी बीच वाली उँगली जड़ तक चूत मैं डाल दी । आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
तकिये को सीने से कसकर भींचा और जान्घों के बीच दूसरा तकीया दबा आंखे बन्द की और राकेश के लण्ड को याद करके उँगली अन्दर बाहर करने लगी । इतनी मस्ती चढ़ी थी कि क्या बताये, मन कर रहा था कि अभी जाकर राकेश का लण्ड अपनी चूत मैं डलवा ले । उँगली से चूत की प्यास और बढ़ गयी इसलिये उँगली निकाल तकिये को चूत के ऊपर दबा औन्धे मुँह लेट कर धक्के लगाने लगी । बहुत देर बाद चूत ने पानी छोड़ा और मैं वैसे ही सो गयी ।सुबह उठी तो पूरा बदन अनबुझी प्यास की वजह से सुलग रहा था । लाख रगड़ लो तकिये पर लेकिन चूत मैं लण्ड घुसकर जो मज़ा देता है उसका कहना ही क्या । बेड पर लेटे हुए मैं सोचती रही कि राकेश के कुँवारे लण्ड को कैसे अपनी चूत का रास्ता दिखाया जाये । फिर उठ कर तैयार हुयी । राकेश भी स्कूल जाने को तैयार था ।
नाश्ते की टेबल हम दोनों आमने-सामने थे । नजरें मिलते ही रात की याद ताजा हो गयी और हम दोनों मुस्करा दिये । राकेश मुझसे कुछ शर्मा रहा था कि कहीं मैं उसे छेड़ ना दूँ । मुझे लगा कि अगर अभी कुछ बोलूँगी तो वह बिदक जायेगा इसलिये चाहते हुई भी ना बोली । चलते समय मैंने कहा, “चलो आज तुम्हे अपने स्कूटर पर स्कूल छोड़ दूँ” । वह फ़ौरन तैयार हो गया और मेरे पीछे बैठ गया । वह थोड़ा सकुचाता हुआ मुझसे अलग बैठा था । वह पीछे की स्टेपनी पकड़े था ।
मैंने स्पीड से स्कूटर चलाया तो उसका बैलेंस बिगड़ गया और सम्भालने के लिये उसने मेरी कमर पकड़ ली । मैं बोली, “कसकर पकड़ लो शर्मा क्यों रहे हो?””अच्छा दीदी” और उसने मुझे कसकर कमर से पकड़ लिया और मुझसे चिपक सा गया । उसका लण्ड खड़ा हो गया था और वह अपनी जान्घों के बीच मेरे चूतड़ को जकड़े था ।”क्या रात वाली बात याद आ रही है राकेश “”दीदी रात की तो बात ही मत करो । कहीं ऐसा ना हो कि मैं स्कूल मैं भी शुरू हो जाऊँ” । “अच्छा तो बहूत मज़ा आया रात में””हाँ दीदी इतना मज़ा जिन्दगी मैं कभी नहीं आया । काश कल की रात कभी खत्म ना होती । आपके जाने के/की बाद मेरा फ़िर खड़ा हो गया था पर आपके हाथ मैं जो बात थी वो कहाँ । ऐसे ही सो गया” ।”तो मुझे बुला लिया होता । अब तो हम तुम दोस्त हैं । एक दूसरा के काम आ सकते हैं” ।”
तो फ़िर दीदी आज राख का प्रोग्राम पक्का” ।”चल हट केवल अपने बारे मैं ही सोचता है । ये नहीं पूछता कि मेरी हालत कैसी है? मुझे तो किसी चीज़ की जरूरत नहीं है? चल मैं आज नहीं आती तेरे पास।”अरे आप तो नाराज हो गयी दीदी । आप जैसा कहेंगी वैसा ही करुंगा । मुझे तो कुछ भी पता नहीं अब आप ही को मुझे सब सिखाना होगा” ।तब तक उसका स्कूल आ गया था । मैंने स्कूटर रोका और वह उतरने के बाद मुझे देखने लगा लेकिन मैं उस पर नज़र डाले बगैर आगे चल दी । आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
स्कूटर के शीशे मैं देखा कि वह मायूस सा स्कूल में जा रहा है । मैं मन ही मन बहूत खुश हुयी कि चलो अपने दिल की बात का इशारा तो उसे दे ही दिया ।शाम को मैं अपने कालेज से जल्दी ही वापस आ गयी थी । राकेश २ बजे वापस आया तो मुझे घर पर देखकर हैरान रह गया । मुझे लेटा देखकर बोला, “दीदी आपकी तबीयत तो ठीक है?” “ठीक ही समझो, तुम बताओ कुछ होमवर्क मिला है क्या” “दीदी कल सण्डे है ही । वैसे कल रात का काफी होमवर्क बचा हुआ है” ।
मैंने हंसी दबाते हुए कहा, “क्यों पूरा तो करवा दिया था । वैसे भी तुमको यह सब नहीं करना चाहिये । सेहत पर असर पढ़ता है । कोई लड़की पटा लो, आजकल की लड़कियाँ भी इस काम मैं काफी इंटेरेस्टेड रहती हैं” । “दीदी आप तो ऐसे कह रही हैं जैसे लड़कियाँ मेरे लिये सलवार नीचे और कमीज ऊपर किये तैयार है कि आओ पैंट खोलकर मेरी ले लो” । “नहीं ऐसी बात नहीं है । लड़की पटानी आनी चाहिये” ।फिर मैं उठ कर नाश्ता बनाने लगी । मन मैं सोच रही थी कि कैसे इस कुँवारे लण्ड को लड़की पटा कर चोदना सिखाऊँ? लंच टेबल पर उससे पूछा, “अच्छा यह बता तेरी किसी लड़की से दोस्ती है?””हाँ दीदी सुधा से” ।”कहाँ तक””बस बातें करते हैं और स्कूल मैं साथ ही बैठते हैं” ।
मैंने सीधी बात करने के लिये कहा, “कभी उसकी लेने का मन करता है?””दीदी आप कैसी बात करती हैं” । वह शर्मा गया तो मैं बोली, “इसमे शर्माने की क्या बात है । मुट्ठी तो तो रोज मारता है । ख़्यालों मैं कभी सुधा की ली है या नहीं सच बता” । “लेकिन दीदी ख़्यालों मैं लेने से क्या होता है” । “तो इसका मतलब है कि तो उसकी असल में लेना चाहता है” । मैंने कहा ।”उससे ज्यादा तो और एक है जिसकी मैं लेना चाहता हूँ, जो मुझे बहूत ही अच्छी लगती है” । “जिसकी कल रात ख़्यालों मैं ली थी” उसने सर हिलाकर हाँ कर दिया पर मेरे बार-बार पूछने पर भी उसने नाम नहीं बताया । इतना जरूर कहा कि उसकी चूदाई कर लेने के बाद ही उसका नाम सबसे पहले मुझे बतायेगा ।
मैंने ज्यादा नहीं पूछा क्योंकि मेरी चूत फ़िर से गीली होने लगी थी । मैं चाहती थी कि इससे पहले कि मेरी चूत लण्ड के लिये बेचैन हो वह खुद मेरी चूत मैं अपना लण्ड डालने के लिये गिड़गिड़ाये। मैं चाहती थी कि वह लण्ड हाथ में लेकर मेरी मिन्नत करे कि दीदी बस एक बार चोदने दो । मेरा दिमाग ठीक से काम नहीं कर रहा था इसलिये बोली, “अच्छा चल कपड़े बदल कर आ मैं भी बदलती हूँ” ।वह अपनी यूनीफोर्म चेंज करने गया और मैंने भी प्लान के मुताबिक अपनी सलवार कमीज उतार दी । फिर ब्रा और पैंटी भी उतार दी क्योंकि पटाने के मदमस्त मौके पर ये दिक्कत करते । आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
अपना देसी पेटीकोट और ढीला ब्लाउज़ ही ऐसे मौके पर सही रहते हैं । जब बिस्तर पर लेटो तो पेटीकोट अपने/अपनी आप आसानी से घुटने तक आ जाता है और थोड़ी कोशिश से ही और ऊपर आ जाता है । जहाँ तक ढीलें ब्लाउज़ का सवाल है तो थोड़ा सा झुको तो सारा माल छलक कर बाहर आ जाता है । बस यही सोच कर मैंने पेटीकोट और ब्लाउज़ पहना था ।वह सिर्फ़ पायजामा और बनियान पहनकर आ गया । उसका गोरा चित्त चिकना बदन मदमस्त करने वाला लग रहा था । एकाएक मुझे एक आइडिया आया । मैं बोली, “मेरी कमर मैं थोड़ा दर्द हो रहा है जरा बाम लगा दे” ।
यह बेड पर लेटने का पर्फेक्ट बहाना था और मैं बिस्तर पर पेट के बल लेट गयी । मैंने पेटीकोट थोड़ा ढीला बांधा था इस लिये लेटते ही वह नीचे खिसक गया और मेरी बीच की दरार दिखाये देने लगी । लेटते ही मैंने हाथ भी ऊपर कर लिये जिससे ब्लाउज़ भी ऊपर हो गया और उसे मालिश करने के लिये ज्यादा जगह मिल गयी । वह मेरे पास बैठ कर मेरी कमर पर (आयोडेक्स पैन बाम) लगाकर धीरे धीरे मालिश करने लगा । उसका स्पर्श (तच) बड़ा ही सेक्सी था और मेरे पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी । थोड़ी देर बाद मैंने करवट लेकर राकेश की और मुँह कर लिया और उसकी जान्घ पर हाथ रखकर ठीक से बैठने को कहा । करवट लेने से मेरी चूचियों ब्लाउज़ के ऊपर से आधी से ज्यादा बाहर निकाल आयी थी । उसकी जान्घ पर हाथ रखे रखे ही मैंने पहले की बात आगे बढ़ाई, “तुझे पता है कि लड़की कैसे पटाया जाता है?””अरे दीदी अभी तो मैं बच्चा हूँ । यह सब आप बतायेंगी तब मालूम होगा मुझे” ।
आयोडेक्स लगने के दौरान मेरा ब्लाउज़ ऊपर खींच गया था जिसकी वजह से मेरी गोलाइयाँ नीचे से भी झांक रही थी । मैंने देखा कि वह एकटक मेरी चूचियों को घूर रहा है । उसके कहने के अन्दाज से भी मालूम हो गया कि वह इस सिलसिले मैं ज्यादा बात करना चाह रहा है।”अरे यार लड़की पटाने के लिये पहले ऊपर ऊपर से हाथ फेरना पड़ता है, ये मालूम करने के लिये कि वह बूरा तो नहीं मानेगी” । “पर कैसे दीदी” । उसने पूछा और अपने पैर ऊपर किये । आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
मैंने थोड़ा खिसक कर उसके लिये जगह बनायी और कहा, “देख जब लड़की से हाथ मिलाओ तो उसको ज्यादा देर तक पकड़ कर रखो, देखो कब तक नहीं छुटाती है । और जब पीछे से उसकी आँख बन्द कर के पूछों कि मैं कौन हूँ तो अपना केला धीरे से उसके पीछे लगा दो । जब कान मैं कुछ बोलो तो अपना गाल उसके गाल पर रगड़ दो । वो अगर इन सब बातों का बूरा नहीं मानती तो आगे की सोचों” ।राकेश बड़े ध्यान से सुन रहा था । वह बोला, “दीदी सुधा तो इन सब का कोई बूरा नहीं मानती जबकि मैंने कभी ये सोच कर नहीं किया था । कभी कभी तो उसकी कमर मैं हाथ डाल देता हूँ पर वह कुछ नहीं कहती” । “तब तो यार छोकरी तैयार है और अब तो उसके साथ दूसरा खेल शुरू कर” ।
“कौन सा दीदी” “बातों वाला । यानी कभी उसके सन्तरो की तारीफ करके देख क्या कहती है । अगर मुस्करा कर बूरा मानती है तो समझ ले कि पटाने मैं ज्यादा देर नहीं लगेगी” ।”पर दीदी उसके तो बहुत छोटे-छोटे सन्तरे हैं । तारीफ के काबिल तो आपके है” । वह बोला और शर्मा कर मुँह छुपा लिया । मुझे तो इसी घड़ी का इंतजार था । मैंने उसका चेहरा पकड़ कर अपनी और घूमते हुए कहा, “मैं तुझे लड़की पटाना सीखा रही हूँ और तो मुझी पर नजरें जमाये है” ।”नहीं दीदी सच मैं आपकी चूचियों बहूत प्यारी है । बहुत दिल करता है” । और उसने मेरी कमर मैं एक हाथ डाल दिया ।
“अरे क्या करने को दिल करता है ये तो बता” । मैंने इठला कर पूछा ।”इनको सहलाने का और इनका रस पीने का” । अब उसके हौसले बुलन्द हो चुके थे और उसे यकीन था कि अब मैं उसकी बात का बूरा नहीं मानूँगी । “तो कल रात बोलता । तेरी मुठ मारते हुए इनको तेरे मुँह मैं लगा देती । मेरा कुछ घिस तो नहीं जाता । चल आज जब तेरी मुठ मारूंगी तो उस वक्त अपनी मुराद पूरी कर लेना” । इतना कह उसके पायजामा मैं हाथ डालकर उसका लण्ड पकड़ लिया जो पूरी तरह से तन गया था । “अरे ये तो अभी से तैयार है” ।तभी वह आगे को झुका और अपना चेहरा मेरे सीने मैं छुपा लिया । आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
मैंने उसको बांहों मैं भरकर अपने करीब लिटा लिया और कस के दबा लिया । ऐसा करने से मेरी चूत उसके लण्ड पर दबने लगी । उसने भी मेरी गर्दन मैं हाथ डाल मुझे दबा लिया । तभी मुझे लगा कि वो ब्लाउज़ के ऊपर से ही मेरी लेफ़्ट चूचींयाँ को चूस रहा है । मैंने उससे कहा “अरे ये क्या कर रहा है? मेरा ब्लाउज़ खराब हो जायेगा” ।उसने झट से मेरा ब्लाउज़ ऊपर किया और निप्पल मुँह मैं लेकर चूसना शुरू कर दिया। मैं उसकी हिम्मत की दाद दिये बगैर नहीं रह सकी ।
वह मेरे साथ पूरी तरह से आजाद हो गया था । अब यह मेरे ऊपर था कि मैं उसको कितनी आजादी देती हूँ । अगर मैं उसे आगे कुछ करने देती तो इसका मतलब था कि मैं ज्यादा बेकरार हूँ चुदवाने के लिये और अगर उसे मना करती तो उसका मूड़ खराब हो जाता और शायद फ़िर वह मुझसे बात भी ना करे । इस लिये मैंने बीच का रास्ता लिया और बनावटी गुस्से से बोली, “अरे ये क्या तो तो जबरदस्ती करने लगा । तुझे शर्म नहीं आती” ।”ओह्ह दीदी आपने तो कहा था कि मेरा ब्लाउज़ मत खराब कर । रस पीने को तो मना नहीं किया था इसलिये मैंने ब्लाउज़ को ऊपर उठा दिया” । उसकी नज़र मेरी लेफ़्ट चूचींयाँ पर ही थी जो कि ब्लाउज़ से बाहर थी । वह अपने को और नहीं रोक सका और फ़िर से मेरी चूचींयाँ को मुँह मैं ले ली और चूसने लगा ।
मुझे भी मज़ा आ रहा था और मेरी प्यास बढ़ रही थी । कुछ देर बाद मैंने जबरदस्ती उसका मुँह लेफ़्ट चूचींयाँ से हटाया और राइट चूचींयाँ की तरफ़ लेते हुए बोली, “अरे साले ये दो होती हैं और दोनों मैं बराबर का मज़ा होता है” ।उसने राइट मम्मे को भी ब्लाउज़ से बाहर किया और उसका निप्पल मुँह मैं लेकर चुभलाने लगा और साथ ही एक हाथ से वह मेरी लेफ़्ट चूचींयाँ को सहलाने लगा । कुछ देर बाद मेरा मन उसके गुलाबी होंठों को चूमने को करने लगा तो मैंने उससे कहा, “कभी किसी को किस किया है?” “नहीं दीदी पर सुना है कि इसमें बहूत मज़ा आता है” । “बिल्कुल ठीक सुना है पर किस ठीक से करना आना चाहिये” ।कैसे”उसने पूछा और मेरी चूचींयाँ से मुँह हटा लिया ।
अब मेरी दोनों चूचियों ब्लाउज़ से आजाद खुली हवा मैं तनी थी लेकिन मैंने उन्हे छिपाया नहीं बल्कि अपना मुँह उसकेउसकी मुँह के पास लेजा कर अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिये फ़िर धीरे से अपने होंठ से उसके होंठ खोलकर उन्हे प्यार से चूसने लगी । करीब दो मिनट तक उसके होंठ चूसती रही फ़िर बोली ।”ऐसे” ।वह बहूत एक्साइटिड हो गया था । इससे पहले कि मैं उसे बोलूँ कि वह भी एक बार किस करने की प्रक्टीस कर ले, वह खुद ही बोला, “दीदी मैं भी करूं आपको एक बार” “कर ले” । मैंने मुस्कराते हुए कहा ।राकेश ने मेरी ही स्टाइल मैं मुझे किस किया । आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | मेरे होंठों को चूसते समय उसका सीना मेरे सीने पर आकर दबाव डाल रहा था जिससे मेरी मस्ती दो गुणी हो गयी थी । उसका किस खत्म करने के बाद मैंने उसे अपने ऊपर से हटाया और बांहों मैं लेकर फ़िर से उसके होंठ चूसने लगी । इस बार मैं थोड़ा ज्यादा जोश से उसे चूस रही थी । उसने मेरी एक चूचींयाँ पकड़ ली थी और उसे कस कसकर दबा रहा था । मैंने अपनी कमर आगे करके चूत उसके लण्ड पर दबायी । लण्ड तो एकदम तन कर आयरन रोड हो गया था । चुदवाने का एकदम सही मौका था पर मैं चाहती थी कि वह मुझसे चोदने के लिये भीख माँगें और मैं उस पर एहसान करके उसे चोदने की इजाजत दूँ ।मैं बोली, “चल अब बहूत हो गया, ला अब तेरी मुठ मार दूँ” । “दीदी एक रिक्वेस्ट करूँ” “क्या” मैंने पूछा । “लेकिन रिक्वेस्ट ऐसी होनी चाहिये कि मुझे बुरा ना लगे” । ऐसा लग रहा था कि वह मेरी बात ही नहीं सुन रहा है बस अपनी कहे जा रहा है । वह बोला, “दीदी मैंने सुना है कि अन्दर डालने मैं बहूत मज़ा आता है । डालने वाले को भी और डलवाने वाले को भी । मैं भी एक बार अन्दर डालना चाहता हूँ” ।”नहीं राकेश तुम मेरे छोटे भाई हो और मैं तुम्हारी बड़ी बहन” । “दीदी मैं आपकी लूँगा नहीं बस अन्दर डालने दीजिये” । “अरे यार तो फ़िर लेने मैं क्या बचा” । “दीदी बस अन्दर डालकर देखूँगा कि कैसा लगता है, चोदूंगा नहीं प्लीज़ दीदी” ।मैंने उस पर एहसान करते हुए कहा, “तुम मेरे भाई हो इसलिये मैं तुम्हारी बात को मना नहीं कर सकती पर मेरी एक सर्त है । तुमको बताना होगा कि अकसर ख़्यालों मैं किसकी चोदते हो?” और मैं बेड पर पैर फैला कर चित लेट गयी और उसे घुटने के बल अपने ऊपर बैठने को कहा । वह बैठा तो उसके पायजामा के ज़र्बन्द को खोलकर पायजामा नीचे कर दिया । उसका लण्ड तन कर खड़ा था । मैंने उसकी बांह पकड़ कर उसे अपने ऊपर कोहनी के बल लिटा लिया जिससे उसका पूरा वज़न उसके घुटने और कोहनी पर आ गया । वह अब और नहीं रूक सकता था । उसने मेरी एक चूचींयाँ को मुँह मैं भर लिया जो की ब्लाउज़ से बाहर थी । मैं उसे अभी और छेड़ना चाहती थी । सुन राकेश ब्लाउज़ ऊपर होने से चुभ रहा है ।
ऐसा कर इसको नीचे करके मेरे सन्तरे धाप दे” । “नहीं दीदी मैं इसे खोल देता हूँ” । और उसने ब्लाउज़ के बटन खोल दिये। अब मेरी दोनों चुचियां पूरी नंगी थी । उसने लपक कर दोनों को कब्जे मैं कर लिया । अब एक चूचींयाँ उसके मुँह मैं थी और दूसरी को वह मसल रहा था । वह मेरी चूचियों का मज़ा लेने लगा और मैंने अपना पेटीकोट ऊपर करके उसके लण्ड को हाथ से पकड़ कर अपनी गीली चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया । कुछ देर बाद लण्ड को चूत के मुँह पर रखकर बोली, “ले अब तेरे चाकू को अपने ख़रबूज़े पर रख दिया है पर अन्दर आने से पहले उसका नाम बता जिसकी तो बहूत दिन से चोदना चाहता है और जिसे याद करके मुठ मारता है” । वह मेरी चूचियों को पकड़ कर मेरे ऊपर झुक गया और अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिये । मैं भी अपना मुँह खोलकर उसके होंठ चूसने लगी । कुछ देर बाद मैंने कहा, “हाँ तो मेरे प्यारे भाई अब बता तेरे सपनों की रानी कौन है” । आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | “दीदी आप बुरा मत मानियेगा पर मैंने आज तक जितनी भी मुठ मारी है सिर्फ़ आपको ख़्यालों मैं रखकर” ।”हाय भय्या तो कितना बेशर्म है । अपनी बड़ी बहन के बारे मैं ऐसा सोचता था” । “ओह्ह दीदी मैं क्या करूं आप बहूत खूबसूरत और सेक्सी है । मैं तो कब से आपकी चूचियों का रस पीना चाहता था और आपकी चूत मैं लण्ड डालना चाहता था । आज दिल की आरजू पूरी हुयी” । और फ़िर उसने शर्मा कर आंखे बन्द करके धीरे से अपना लण्ड मेरी चूत मैं डाला और वादे के मुताबिक चुपचाप लेट गया ।”अरे तो मुझे इतना चाहता है । मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि घर मैं ही एक लण्ड मेरे लिये तड़प रहा है । पहले बोला होता तो पहले ही तुझे मौका दे देती” ।
और मैंने धीरे-धीरे उसकी पीठ सहलानी शुरू कर दी । बीच-बीच मैं उसकी गाँड भी दबा देती ।”दीदी मेरी किस्मत देखिये कितनी झान्टू है । जिस चूत के लिये तड़प रहा था उसी चूत में लण्ड पड़ा है पर चोद नहीं सकता । पर फ़िर भी लग रहा है की स्वर्ग मैं हूँ” । वह खुल कर लण्ड चूत बोल रहा था पर मैंने बूरा नहीं माना । “अच्छा दीदी अब वादे के मुताबिक बाहर निकालता हूँ” । और वह लण्ड बाहर निकालने को तैयार हुआ ।मैं तो सोच रही थी कि वह अब चूत मैं लण्ड का धक्का लगाना शुरू करेगा लेकिन यह तो ठीक उलटा कर रहा था । मुझे उस पर बड़ी दया आयी । साथ ही अच्छा भी लगा कि वादे का पक्का है । अब मेरा फ़र्ज़ बनता था कि मैं उसकी वफादारी का इनाम अपनी चूत चुदवाकर दूँ । इस लिये उससे बोली, “अरे यार तूने मेरी चूत की अपने ख़्यालों में इतनी पूजा की है । और तुमने अपना वादा भी निभाया इसलिये मैं अपने प्यारे भाई का दिल नहीं तोड़ूँगी । आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | चल अगर तो अपनी बहन को चोद्कर बहनचोद बनना ही चाहता है तो चोद ले अपनी जवान बड़ी बहन की चूत” । मैंने जान कर इतने गन्दे वर्ड्स उसे कहे थे पर वह बूरा ना मान कर खुश होता हुआ बोला, “सच दीदी” । और फ़ौरन मेरी चूत मैं अपना लण्ड धका धक पेलने लगा कि कहीं मैं अपना इरादा ना बदल दूँ ।”तू बहुत किस्मत वाला है राकेश ” । मैं उसके कुँवारे लण्ड की चूदाई का मज़ा लेते हुए बोली । क्यों दीदी” “अरे यार तू अपनी जिन्दगी की पहली चूदाई अपनी ही बहन की कर रहा है । और उसी बहन की जिसकी तू जाने कबसे चोदना चाहता था” ।”हाँ दीदी मुझे तो अब भी यकीन नहीं आ रहा है, लगता है सपने में चोद रहा हूँ जैसे रोज आपको चोदता था” । फिर वह मेरी एक चूचींयाँ को मुँह मैं दबा कर चूसने लगा । उसके धक्कों की रफ्तार अभी भी कम नहीं हुयी थी । मैं भी काफी दिनों के बाद चुद रही थी इसलिये मैं भी चूदाई का पूरा मज़ा ले रही थी ।वह एक पल रुका फ़िर लण्ड को गहराई तक ठीक से पेलकर ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा । वह अब झड़ने वाला था । मैं भी सातवें आसमान पर पहूँच गयी थी और नीचे से कमर उठा-उठा कर उसके धक्कों का जवाब दे रही थी । उसने मेरी चूचींयाँ छोड़ कर मेरे होंठों को मुँह मैं ले लिया जो कि मुझे हमेशा अच्छा लगता था । मुझे चूमते हुई कस कस कर दो चार धक्के दिये और और “हाय रीता मेरी जान” कहते हुए झड़कर मेरे ऊपर चिपक गया । मैंने भी नीचे से दो चार धक्के दिये और “हाय मेरे राजा कहते हुए झड़ गयी ।चुदाई के जोश ने हम दोनों को निढाल कर दिया था ।
हम दोनों कुछ देर तक यूँ ही एक दूसरे से चिपके रहे । कुछ देर बाद मैंने उससे पूछा, “क्यों मज़ा आया मेरे बहनचोद भाई को अपनी बहन की चूत चोदने में” उसका लण्ड अभी भी मेरी चूत में था । उसने मुझे कसकर अपनी बांहों में जकड़ कर अपने लण्ड को मेरी चूत पर कसकर दबाया और बोला, “बहुत मजा आया दीदी । यकीन नहीं होता कि मैंने अपनी बहन को चोदा है और बहनचोद बन गया हूँ” । “तो क्या मैंने तेरी मुठ मारी है” “नहीं दीदी यह बात नहीं है” । “तो क्या तुझे अब अफसोस लग रहा है अपनी बहन को चोद्कर बहनचोद बनने का” ।”नहीं दीदी ये बात भी नहीं है । आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | मुझे तो बड़ा ही मज़ा आया बहनचोद बनने मैं । मन तो कर रह कि बस अब सिर्फ़ अपनी दीदी की जवानी का रा ही पीता रहूं । हाय दीदी बल्कि मैं तो सोच रहा हूँ कि भगवान ने मुझे सिर्फ़ एक बहन क्यों दी । अगर एक दो और होती तो सबको चोदता । दीदी मैं तो यह सोच रहा हूँ कि यह कैसे चूदाई हुयी कि पूरी तरह से चोद लिया लेकिन चूत देखी भी नहीं” ।”कोई बात नहीं मज़ा तो पूरा लिया ना?” “हाँ दीदी मज़ा तो खूब आया” । “तो घबराता क्यों है? अब तो तूने अपनी बहन चोद ही ली है । अब सब कुछ तुझे दिखाऊंगी । जब तक माँ नहीं आती मैं घर पर नंगी ही रहूँगी और तुझे अपनी चूत भी चटवाऊँगी और तेरा लण्ड भी चूसूँगी । बहुत मज़ा आता है” । “सच दीदी” “हाँ । अच्छा एक बात है तो इस बात का अफसोस ना कर कि तेरे सिर्फ़ एक ही बहन है, मैं तेरे लिये और चूत का जुगाड़ कर दूंगी” । आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | “नहीं दीदी अपनी बहन को चोदने मैं मज़ा ही अनोखा है । बाहर क्या मज़ा आयेगा” “अच्छा चल एक काम कर तो माँ को चोद ले और मादरचोद भी बन जा” । “ओह दीदी ये कैसे होगा””घबरा मत पूरा इन्तज़ाम मैं कर दूंगी । माँ अभी ३८ साल की है, तुझे मादरचोद बनने मैं भी बड़ा मज़ा आयेगा” ।”हाय दीदी आप कितनी अच्छी हैं । दीदी एक बार अभी और चोदने दो इस बार पूरी नंगी करके चोदूंगा” । “जी नहीं आप मुझे अब माफ़ करिये” । “दीदी प्लीज़ सिर्फ़ एक बार” । और लण्ड को चूत पर दबा दिया ।”सिर्फ एक बार” । मैंने ज़ोर देकर पूछा । “सिर्फ एक बार दीदी पक्का वादा” ।
“सिर्फ एक बार करना है तो बिलकुल नहीं” । “क्यों दीदी” अब तक उसका लण्ड मेरी चूत मैं अपना पूरा रस निचोड़ कर बाहर आ गया था । मैंने उसे झटके देते हुए कहा, “अगर एक बार बोलूँगी तब तुम अभी ही मुझे एक बार और चोद लोगे” “हाँ दीदी” ।”ठीक है बाकी दिन क्या होगा । बस मेरी देखकर मुठ मारा करेगा क्या । और मैं क्या बाहर से कोई लाऊंगी अपने लिये । अगर सिर्फ़ एक बार मेरी लेनी है तो बिलकुल नहीं” ।उसे कुछ देर बाद जब मेरी बात समझ मैं आयी तो उसके लण्ड में थोड़ी जान आयी और उसे मेरी चूत पड़ा रगड़ते हुए बोला, “ओह दीदी यू र ग्रेट” ।

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भाई का लण्ड बेहेन को कुंवारी से माँ बना दिया – Bhai Ka Lund Behen Ko Kunwari Se Maa Bana Diya | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/bhai-ka-lund-behen-ko-kunwari-se-maa-bana-diya/ //otelsan.ru/xbrasilporno/bhai-ka-lund-behen-ko-kunwari-se-maa-bana-diya/#comments Wed, 02 Jan 2019 04:27:12 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=4394 [...]]]> मेरे प्यारे दोस्तों मेरा नाम रिया है, मैं अभी २० साल की हु, और माँ बनने बाली हु वो भी कुंवारी माँ और मेरे बच्चे का होने बाला पापा और कोई नहीं मेरा भाई है, आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा पर ये बात सच है, आपको आज मैं अपनी मन की बात कह रही हु, क्यों की मैं आज तक किसी से ये बात कह नहीं पाई हु, और आज मैं आपके ऊपर छोड़ रही हु की मैं क्या करूँ, मेरे गर्व में तीन महीने का बच्चा है, क्यों की मैं प्रेगनेंसी टेस्ट करने बाली किट से चेक की हु और मेरा टेस्ट पॉजिटिव है, और तीन महीने से माहवारी भी नहीं हुई है. मैं आज आपको अपनी पूरी कहानी लिखने जा रही हु.
कल मैं दिन रात सोचते रही की मुझे अपनी ये कहानी लिखनी चाहिए की नहीं, दिन भर इंटरनेट पे इधर उधर देखती रही, तब मुझे अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पे ऐसी कई सारे कहानियां मिली जिसमे भाई बहन के सेक्स के बारे में था. तो मैं भी सोची की क्यों ना अपना दिल का बोझ हल्का करूँ, तो मैं अब सीधे कहानी पे आती हु. मेरा भाई जो की मुझसे दो साल बड़ा है, उसका नाम राजीव है, मैं राजीव भैया कहती हु, हमलोग इंदौर के रहने बाले है. और दिल्ली में रह कर पढाई करते है. माँ पापा दोनों कॉलेज में प्रोफेसर है, नोयडा में हम दोनों भाई बहन किराए के मकान में रहते है. मेरा भाई कम्पटीशन का तैयारी कर रह है और मैं बी कॉम में पढ़ती हु.
जब मैं दिल्ली आई तो यहाँ की चकाचौंध में खो गई, और मैं कुछ ज्यादा ही मॉडर्न बन गई, अपने कॉलेज के दोस्त के साथ सिगरेट पीना मॉल में घूमना शॉपिंग करना, और अच्छे अच्छे ड्रेस लाना और पहनना, क्यों की मुझे यहाँ पर खुली छूट मिली थी, माँ और पापा दोनों अपने अपने जॉब पे है मध्य प्रदेश में, तो किसी का डर नहीं था, मुझे अपने चेहरे अपर कपडे का काफी ध्यान रहता हाउ इस वजह से मैं हमेशा मैं ब्यूटी पार्लर जाती थी, और दिल्ली में एक मार्किट है सरोजिनी नगर मार्किट जहां से लेटेस्ट और मॉडर्न कपडे लेती थी, दिन में तो थोड़ा ठीक ठाक कपडे पहनती पर रात में गर्मी के चलते मैं बिलकुल छोटा सा स्कर्ट और ऊपर एक पतली सी बनियान के तरह, मेरी चूचियाँ जो की बड़ी ही सुडौल और अच्छी साइज की थी ऊपर से आधी दिखती रहती थी, और छोटे से स्कर्ट से मेरी मोटी मोटी गोल गोल गोरी गोरी जाँघे जो की किसी का भी लण्ड खड़ा कर दे ऐसी थी.
ये सब देख कर मेरा भाई रोज रोज बाथरूम में जाकर और नहीं तो सिर्फ चादर ओढ़कर मूठ मारते रहता था मैंने कई बार नोटिस की थी पर मुझे अच्छा लगता था, वो मुझसे हमेशा टच करता था और जब मैं बैठ कर पढ़ती थी, तब वो मेरी चूचियों को ऊपर से देखते रहता था, और कोशिश करता था मेरी पेंटी भी दिख जाये, धीरे धीरे मैंने मोबाइल फ़ोन पर एडल्ट क्लिप देखने लगी, रात को बाथरूम में जाकर एडल्ट मूवी देखते और अपनी चूचियाँ मसलती, और अपने चूत को सहलाती, जब मैं अपने बदन को खुद सहलाती तो मेरे पुरे शारीर में सिहरन हो जाती और मेरी चूत गीली हो जाती फिर पानी पि कर कोल्ड ड्रिंक्स पि कर अपने बदन की ज्वाला को शांत करती. फिर मैंने अपनी एक दो सहेली से बात करने लगी की क्या वो सेक्स करती है.
निशा मेरी फ्रेंड्स थी. उसने कहा की मैंने अपने मामा जी के बेटे जो की मेरा रिश्ते में भाई लगता है उससे मैं सेक्स सम्बन्ध बनाती हु, और कई लड़कियां थी जिसने खुल कर मुझसे बात की और बोली की हां मैं वर्जिन नहीं हु, सभी न कहीं ना कही मुँह मारी ही थी. तब मेरा हौसला बढ़ा, और मैंने अपने भाई को भी अपनी बहसी निगाहों से देखने लगी. अब मुझे अपने ही भाई के डोले सोले और सिक्स पैक पैक अच्छे लगने लगे, उसके बाद अब मैं भी उसको टच करने लगी, वो तो पहले से भी मेरी भड़काऊ ड्रेस से मोहित था अब मैं भी लाइन देने लगी. मैंने निशा से खुल कर बात की की निशा तुम मुझे बताओ मैं क्या करूँ मैं वासना की आग में जल रही हु, मैं चुदना चाहती हु, मेरे योनि की ज्वाला शांत नहीं हो रही है, मैं पागल हो जाउंगी दिन भर मुझे लड़को के बारे में ही ख्याल आते रहता है, मैं बड़ी ही मुश्किल दौर से गुजर रही हु, तू ही मुझे कुछ राय दो. तो उसने कहा एक काम कर तू भी मेरे मामा जी लड़के विक्की से चुदवा ले मैं भी तो उसी से चुदवाती हु, ऐसा करने से घर की बात घर में ही रह जाएगी और तुम्हे कोई ब्लैक मेल भी नहीं करेगा, मुझे उसकी ये बात जच गई.
दो दिन तक सोचते रही, पर मुझे अच्छा नहीं लगा मुझे लगा की कही वो मेरी वीडियो ना बना ले और मुझे ब्लैकमेल ना करे तो मैंने सोचा क्यों ना अपने भाई से ही रिश्ता कायम कर लु. घर की बात घर में, अब मैं अपने भाई से ही चुदने के सपने देखने लगी. और वो वक्त आ गया, जब उसका बर्थ डे था सुबह सुबह मैंने उसको विश किया पर अंदाज कुछ अलग था मैंने उसके गले लगा लिया, और वो भी मुझे अपनी बाहों में भर लिया, वो मेरे पीठ को सहलाने लगा और मैं भी उसके कंधे पे मुंह रख कर अपने सीने से चिपकाई हुई थी, मैं अपने चूचियों को रगड़ रही थी, फिर दोनों एक दूसरे को सहलाते रहे और मैंने फिर उसके होठ पे अपना होठ रख दिया की उसकी साँसे एक दम गरम हो गई, और दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | मेरे भाई का लण्ड खड़ा हो गया था जो मेरी जांघों को छु रहा था, मैं पागल होने लगी और मैं उसके लण्ड को अपने हाथो में ले ली और दबाने लगी. उसके मुंह से सिसकियाँ आने लगी. और फिर मैंने कहा आज से हम दोनों भाई बहन के अलावा बॉय फ्रेंड और गर्ल फ्रेंड है, तो उसने कहा मैं तो कब से ये सपने देख रही थी, और आज तुमने मुझे बर्थ डे पे ये गिफ्ट देकर दुनिया का सबसे बड़ा गिफ्ट दे दिया है, और फिर दोनों बेड पे लेट गए, मेरा भाई मेरी चूचियों के दबाने लगा, मैंने अपना ऊपर का कपडा खोल दी ब्रा के अंदर मेरी मस्त मस्त चूचियाँ पैक थी, जिसको जल्द ही मेरा भाई आज़ाद कर दिया, और फिर निप्पल को अपने दाँतों से काटने लगा. फिर उसने मेरी पेंटी उतार दी, और जांघों के बिच में बैठ कर वो मेरी चूत को निहारने लगा. मैं अपने चूत को हमेशा शेव करती हु, जिससे बिलकुल साफ़ रहता है, फिर वो ऊँगली डालने लगा पर मैंने मना कर दी, क्यों की मुझे लण्ड चाहिए था वो भी जल्दी, मेरी चूत गीली हो चुकी थी, मैंने कहा भाई देर मत कर, और फिर उसने अपना मोटा काला लण्ड जो की करीब ८ इंच का था, मेरी चूत के बिच में रखकर पहले वो रगड़ने लगा, और मुझे तड़पाने लगा, मैं पूछी ये क्यों कर रहे हो डालते क्यों नहीं जल्दी तो बोला की मैं तुमने सेक्स की चरम सीमा पे ले जाना चाह रहा हु, क्यों की चुदाई से पहले स्पर्श ज्यादा जरूरी है, मैंने पूछा ये बात तुम्हे कहा से पता चला तो बोला माँ से, मैंने कहा माँ से क्या बोल रहे हो, तो बोला हां मैं सच बोल रहा हु, मैं माँ को करीब ६ साल से चोद रहा हु, क्यों की पापा जी का लण्ड अब खड़ा नहीं होता तो माँ मुझसे ही चुदवाती है. मैंने हैरान हो गई, मैंने कहा अच्छा तो तुम मदर चोद और अब बहनचोद दोनों हो गए हो, तो मेरा भाई बोला हां तुम सच बोल रही. है और फिर वो मेरे चूत में अपना मोटा लण्ड दाल दिया मैं दर्द से कराहने लगी, पर वो दर्द मुझे मीठी लग रही थी, मैं थोड़े ही देर में अपना गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, क्या बताऊँ दोस्तों मुझे पहली चुदाई का एहसास हुआ, और मुझे चुदने का लत लग गया, मैं रोज रोज भाई से चुदने लगी. वो मुझे दिन में करीब दो बार चोदता, हम दोनों साथ ही अब सोने लगे, और पति पत्नी की तरह रहने लगे, पर एक जो गड़बड़ हो गई ही क्यों की मैं प्रेग्नेंट हो गई हु, अब क्या करूँ मुझे समझ नहीं आ रहा है, क्या आप मुझे राय देंगे ताकि मैं कुछ निष्कर्ष पे पहुंच सकूँ, मुझे आपके कमेंट का इंतज़ार रहेगा तभी मैं कुछ सोच पाऊँगी, तो प्लीज मेरी हेल्प कीजिये कमेंट कीजिये प्लीज |

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