Aunty Ki Chudai – | otelsan.ru //otelsan.ru Odia Sex Stories Sun, 23 Jun 2019 05:36:13 +0000 en-GB hourly 1 /> दोस्त की मौसी के साथ चुदाई की बड़ा मज़ा – Dost Ki Mausi Ke Saath Chudai Ki Bada Maza | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-mausi-ke-saath-chudai-ki-bada-maza/ Sun, 23 Jun 2019 05:36:13 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5855 [...]]]> फिर एक नयी कहानी के साथ मैं रबी आपको otelsan.ru के इसी गन्दी दुनियां में स्वागत करता हूँ । सभी लंड धरी लोगों को मेरे लंड के तरफ से प्रणाम और सभी चुत धरी रण्डिओं को मेरे लंड की सलाम । उम्मीद हे चुत की पानी गरम हो चुकी होगी । ये कहानी पढ़के और भी गरम होने वाला हे तो पढ़िए ये चुदाई की कहानी |
दोस्तों आज जो कहानी में आप सभी के लिए लेकर आया हूँ, यह मेरी पहली सच्ची घटना है। दोस्तों मेरी फेमिली में मेरी मम्मी, पापा और मेरा एक भाई है और यह कहानी मेरी और मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त की मौसी की है, जिसका नाम दिव्या है। दोस्तों दिव्या की उम्र करीब 28 साल थी और उसका एक 4 साल का बेटा भी था।
दिव्या का पति एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता था और उसका चक्कर उसी के ऑफिस की एक लड़की के साथ था और इसलिए वो दिव्या का ज्यादा ख्याल नहीं रखता था और ना ही वो उसके बेटे की परवाह किया करता था, यहाँ तक कि उसे पूरे सात महीने हो गए थे और दिव्या को उसने हाथ भी नहीं लगाया था, लेकिन दोस्तों आख़िर दिव्या भी एक औरत थी और वो सेक्स के बिना कैसे रह सकती थी? फिर भी उसने अपनी मर्यादा को अभी तक नहीं तोड़ा था, लेकिन उसके पति ने एक दिन उससे कहा कि वो अब दिव्या को बहुत जल्दी तलाक दे देगा।

फिर दिव्या उसके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल पागल सी हो गई थी, उसने अपनी बहन मतलब कि विजय की मम्मी स्मिता आंटी को फोन करके सब कुछ बता दिया। फिर स्मिता आंटी और अंकल तुरंत दिव्या के घर पर चले गये। दिव्या बड़ोदा रहती थी, स्मिता आंटी और अंकल ने दिव्या के पति को बहुत कुछ समझाया, लेकिन वो नहीं माना और आख़िर स्मिता आंटी, दिव्या और उसके बेटे को अपने घर पर लेकर आ गई। दिव्या का स्मिता आंटी के सिवा पूरी दुनिया में अब कोई नहीं था। दोस्तों अब में विजय की बात करता हूँ, विजय और में 12th क्लास से साथ है और हम बहुत अच्छे दोस्त है। विजय के परिवार में उसके पापा मम्मी और एक बहन है जो शादीशुदा है। विजय के पापा का कपड़ों का होलसेल बिज़नेस है और विजय भी उनके साथ में काम करता है। दोस्तों विजय के मम्मी, पापा मुझे अपने बेटे की तरह समझते थे, इसलिए में उनके परिवार में एक सदस्य जैसा हूँ और उनको मुझ पर बहुत भरोसा है।

दोस्तों दिव्या के आने के बाद स्मिता आंटी ने दिव्या से मेरी पहली बार मुलाकात करवाई और दिव्या की सभी समस्याए मुझे बताई। फिर मैंने उन्हें थोड़ा विश्वास दिला दिया कि बहुत जल्दी सब कुछ ठीक हो जाएगा। दो महीने ऐसे ही निकल गये और अब दिव्या मेरे साथ एक बहुत अच्छे दोस्त की तरह हो गयी थी, लेकिन हमेशा वो बहुत उदास रहती थी और हर कभी रोती थी और उसकी वजह से स्मिता आंटी भी हमेशा बहुत चिंता में रहती थी। फिर एक दिन विजय का कॉल आया और उसने मुझसे कहा कि मेरे घर पर आओ, तो में उसी शाम को उसके घर पर चला गया। तब विजय ने मुझसे कहा कि क्या तुम मेरे साथ बिज़नेस के काम से मुंबई चलोगे? फिर मैंने उससे कहा कि नहीं मुझे बहुत काम है, इसलिए में तुम्हारे साथ नहीं आ सकता। फिर विजय ने मुझसे कहा कि मेरे पापा भी चार दिनों के लिए दिल्ली जा रहे है और विजय भी तीन दिन के लिए मुंबई जा रहा है, इसलिए उसने मुझसे कहा कि तुम मेरे घर का ख्याल रखना। दोस्तों मेरा और विजय का घर ज्यादा दूरी पर नहीं था, इसलिए मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं आप दोनों आराम से चले जाओ, में घर का पूरा ख्याल रख लूँगा और फिर मैंने आंटी से भी कहा कि अगर आपको कुछ भी काम हुआ तो आप मुझे फोन करना, में चला आ आऊंगा और दूसरे दिन सुबह अंकल दिल्ली चले गये और शाम को विजय मुंबई। फिर करीब 7:00 बजे उसी शाम को आंटी का मेरे पास फोन आया तो उन्होंने मुझसे मेडिकल से कुछ दवाई और मालिश के लिए एक तेल की बॉटल मँगवाई और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि आज रात का खाना हम साथ में बैठकर खायेगें।

फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है और फिर में रात को करीब 9:30 बजे आंटी के घर पर पहुंच गया, हमने सबसे पहले एक साथ बैठकर खाना खाया, लेकिन मुझे दिव्या वहां नजर नहीं आई तो मैंने आंटी से पूछा कि दिव्या कहाँ है? तो आंटी ने मुझसे कहा कि उसकी हालत बहुत खराब है और वो इस समय अपने रूम में है। फिर मैंने उनसे कहा कि तो चलो हम कोई दवाई दे देते है। फिर आंटी ने कहा कि उसे किसी दवाई की ज़रूरत नहीं है और यह सब तुम नहीं समझोगे। दोस्तों में सच में कुछ भी नहीं समझा और में दिव्या के रूम में चला गया और मैंने वहां पर जाकर देखा कि वो अपने बेटे को सुला रही थी और बहुत रो रही थी और बहुत उदास थी। फिर मुझे देखकर वो और भी ज़्यादा रोने लगी और मुझसे यह सब देखा नहीं गया। फिर में वापस हॉल में आंटी के पास आ गया और फिर मैंने आंटी से पूछा कि क्या हुआ? तो आंटी ने कहा कि दिव्या के पति ने दिव्या को तलाक दे दिया है। दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझे भी बहुत दुख हुआ और मैंने देखा कि आंटी भी मुझसे बात करते हुए रोने लगी थी।

फिर मैंने आंटी के कंधो पर हाथ रख दिया और उनसे कहा कि सब ठीक हो जाएगा। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि हाँ अब जल्दी से कोई अच्छे से इंसान के साथ दिव्या की दूसरी शादी करनी पड़ेगी, क्योंकि एक अकेली औरत को हमेशा बहुत मुश्किल होती है। फिर मैंने भी उनकी बात को सुनकर अपने सिर को हिलाकर हाँ कहा और कुछ देर बाद मैंने आंटी से कहा कि में अब अपने घर पर जाता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि मुझे तुमसे एक बहुत ज़रूरी बात करनी थी। फिर मैंने कहा कि हाँ बोलो ना? तो आंटी ने मुझसे कहा कि पहले अंदर रूम में चलो और फिर हम रूम में चले गये। अब आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम दिव्या की थोड़ी मदद करोगे? और तुम्हारे ऐसा करने से हो सकता है कि दिव्या को बहुत खुशी मिलेगी? फिर मैंने तुरंत आंटी से कहा कि ठीक है और में दिव्या की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि सबसे पहले तुम मुझसे वादा करो और फिर मैंने आंटी से वादा किया। तभी आंटी ने मुझसे कहा कि क्या तुम दिव्या के साथ सेक्स करोगे? दोस्तों में आंटी के मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल आशचर्यचकित हो गया और मेरे जिस्म में जैसे करंट सा लग गया। में कुछ देर एकदम चुप रहा। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी यह आप क्या कह रही हो? दिव्या मेरी आंटी जैसी है और में आपके परिवार का एक सदस्य जैसा हूँ और ऐसा कभी नहीं हो सकता। फिर आंटी ने कहा कि देखो बेटा औरत कैसी भी परिस्तिथि में रह सकती है, लेकिन वो सेक्स के बिना क्या करेगी? तुम्हें नहीं पता दिव्या ने पिछले 9 महीने से एक भी बार सेक्स नहीं किया और अब तो उसका तलाक हो गया है, तुम ही बताओ अब वो क्या करेगी? और अगर सेक्स की मजबूरी में उसने किसी ग़लत इंसान के साथ अपना सेक्स सम्बन्ध बनाया तो बहुत बड़ी समस्या होगी और उससे उसकी बहुत बदनामी भी होगी और कोई दिव्या से शादी भी नहीं करेगा और इसलिए बेटा तुम्हारे सिवा कोई और मेरे भरोसे के लायक भी नहीं है, क्या तुम मेरा इतना काम नहीं करोगे? उस समय दिव्या भी पास बैठी रो रही थी और आंटी की आँख में भी आँसू आ गये थे, में सोच रहा था कि क्या करूं क्या जवाब दूँ? दिव्या बहुत रो रही थी, उसका शरीर सामान्य था और बूब्स ज़्यादा बड़े नहीं थे और वो एक बहुत सीधी साधी औरत है।

फिर मैंने दिव्या को देखा और कहा कि प्लीज अब आप रोना बंद करो में कुछ सोचता हूँ। अब स्मिता आंटी ने मुझसे कहा कि दिव्या ज्यादा सुंदर नहीं, इसलिए शायद तुम्हें पसंद नहीं और वो थोड़ी सिंपल भी रहती है। फिर मैंने तुरंत उनसे कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, यह सब बहुत ग़लत है और अगर विजय या अंकल को पता चला तो मेरी दोस्ती भी खत्म हो जाएगी और कोई समस्या होगी तो? फिर आंटी ने मुझसे वादा किया और मुझसे कहा कि किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। अब मैंने उनसे कहा कि में थोड़ा सोचकर आपको इस बात का जवाब देता हूँ। फिर आंटी ने कहा कि ठीक है बेटा और फिर में अपने घर पर जाने के लिए निकल गया। में पूरे रास्ते यही बात सोचता रहा कि में उन्हें क्या जवाब दूँ? मैंने आज तक दिव्या को इस नज़र से कभी नहीं देखा था, लेकिन आंटी की वो बात सुनकर अब मेरा भी दिल सेक्स करना चाहता था। दोस्तों मैंने आज तक सिर्फ दो बार एक कॉल गर्ल्स के साथ सेक्स किया था। फिर में घर पर पहुंचकर फ्रेश हुआ और अपने रूम में आकर नाईट ड्रेस पहन रहा था कि तभी मेरे पास आंटी का कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि वो मेरी मम्मी से बात करना चाहती है और मैंने अपनी मम्मी को अपना फोन दे दिया।

फिर आंटी ने मेरी मम्मी से कहा कि प्लीज आप राज को तीन दिन रात को हमारे यहाँ पर सोने के लिए भेज देना, क्योंकि विजय और उसके पापा दोनों ही शहर से बाहर गए हुए है और उनके जाने के बाद घर पर अब हम दोनों बिल्कुल अकेले है और अगर हमारे साथ राज रहेगा तो हमे उसकी वजह से थोड़ी हिम्मत रहेगी, नहीं तो मुझे रात को अकेले बहुत डर लगता है। अब मम्मी ने आंटी से कह दिया कि ठीक है, में अभी उससे कहती हूँ और इतना कहकर उन्होंने फोन कट कर दिया और मम्मी के कहने पर मैंने अपनी नाईट ड्रेस और जीन्स, शर्ट ले लिया और फिर में आंटी के घर पर पहुंच गया। उस समय रात के करीब 12 बजे थे। फिर आंटी ने मुझसे कहा कि तुम विजय के रूम में जाकर सो जाओ और में रूम में चला गया और नाईट ड्रेस पहनने लगा। फिर उसके बाद में हॉल में आ गया, उस समय आंटी टी.वी. देख रही थी। मैंने आंटी से पूछा कि क्या आप अब तक मुझसे नाराज़ हो? तो आंटी ने मुझसे कहा कि नहीं बेटा में तुमसे बिल्कुल भी नाराज़ नहीं हूँ, वो तो बस मुझे थोड़ी दिव्या की चिंता थी। तभी मैंने उनसे कहा कि सब ठीक हो जाएगा, आंटी में सोच रहा था कि किसी कॉल गर्ल्स के साथ सेक्स करने से तो अच्छा है कि दिव्या की चुदाई की जाए, क्योंकि कॉल गर्ल्स के साथ कभी ना कभी पकड़े गये तो इज़्ज़त की बदनामी होगी और इससे अच्छा है कि आंटी की भी सेक्स कि भूख मिट जाएगी। फिर मैंने देखा कि स्मिता आंटी भी उस समय बहुत उदास थी और उनकी आँख से आँसू भी आ गये थे। मैंने उनके आँसू साफ किए और मैंने उनसे कहा कि ठीक है में तैयार हूँ। फिर आंटी मुस्कुराई और उन्होंने मुझसे किसी को ना बताने का वादा लिया। फिर मैंने उनसे हाँ कहा और वो तुरंत उठकर दिव्या के कमरे में चली गई और करीब दस मिनट बाद वो बाहर आ गई और उन्होंने दिव्या से कहा कि तुम विजय के रूम में चली जाओ और उन्होंने मुझे तेल की बॉटल दे दी और कहा कि तुम थोड़ा इसका ख्याल रखना, दिव्या ने करीब 9 महीने से सेक्स नहीं किया।

दोस्तों में समझ गया और रूम में चला गया और अब मुझे भी सेक्स करना था तो मैंने रूम में अंदर जाते ही रूम को बंद कर लिया और तब मैंने देखा कि दिव्या बिस्तर पर बैठी हुई शरमा रही थी और वो थोड़ी खुश भी थी। मैंने बाथरूम में पानी चेक किया और दिव्या के पास जाकर बैठ गया और सोच रहा था कि अब में कैसे शुरू करूं? दिव्या ने कहा कि अगर थक गये हो तो में हाथ पैर की मालिश कर देती हूँ। फिर मैंने सबसे पहले ना कहा और फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब मैंने भी मन ही मन सोच लिया कि में अब बिल्कुल भी शर्म नहीं करूँगा और मैंने तुरंत अपनी नाईट ड्रेस को उतार दिया और बिस्तर पर लेट गया। फिर दिव्या मेरे हाथ पर मालिश करने के लिए थोड़ा झुकी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके होंठो पर किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और उसका एक हाथ मेरे 7 इंच के लंबे लंड पर था, वो अब धीरे से मेरे लंड को मसलने लगी और में भी उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा। कुछ देर बाद मैंने दिव्या से कहा कि तुम अपने कपड़े उतार दो, तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ी सी शरमाने लगी और फिर उसने अपने कपड़े उतार दिए। फिर मैंने देखा कि उसके बूब्स गोल गोल और थोड़े आकार में ठीक थे और उसकी चूत थोड़ी काली थी, लेकिन उस पर बिल्कुल बाल नहीं थे। फिर मैंने तुरंत उसको अपनी बाहों में खींच लिया और किस करने लगा, उसके होंठो को अब चूसने लगा। दोस्तों दिव्या ज्यादा गोरी नहीं थी, लेकिन उसका फिगर बहुत सेक्सी था।

अब मैंने उसको बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और उसके पूरे जिस्म को किस करने लगा, उसके बूब्स को मैंने बहुत देर तक मसला और बहुत चूसा मैंने इतना ज़ोर ज़ोर से बूब्स को मसला कि वो चिल्ला उठी। मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाली और मैंने महसूस किया कि वो थोड़ी टाईट थी और मैंने अपनी उंगली को थोड़ा ज़ोर से अंदर डाल दिया तो वो चिल्ला उठी, आहहह आईईईईइ में भी अब पागल होने लगा। मैंने उसको कहा कि उल्टी लेट जाओ और वो झट से पलट गई, वाह दोस्तों उसकी क्या गांड थी। उसको देखकर मेरा दिल कर रहा था कि 7 इंच का पूरा लंड अंदर डाल दूँ, लेकिन थोड़ा डर भी लग रहा था। फिर मैंने उससे कहा कि मेरा लंड चूसो तो उसने सबसे पहले मेरे लंड को अपने हाथ से हिलाया और फिर चूसने लगी और वो बहुत अच्छी तरह से चूस रही थी, जिसकी वजह से में बिल्कुल पागल हो रहा था और कुछ देर बाद मेरे लंड से पानी निकलने वाला था तो मैंने उससे कहा कि बस करो और अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकाल लिया। फिर मैंने बहुत सारा तेल अपनी उंगली पर ले लिया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करने लगा और उसको भी अब कुछ कुछ होने लगा था, वो सिसकियाँ भरने लगी, अह्ह्ह्हह्ह् ऑश ओह्ह्ह्हह्ह मरी। अब मेरी उंगली उसकी चूत में थी और में उसके होंठो को चूस रहा था और मेरा लंड अब उसके हाथ में था, लेकिन अब मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। फिर मैंने बहुत सारा तेल मेरे लंड पर लगाया और उसके पैरों को फैला दिया, उसकी फूली हुई काली चूत मेरे सामने फैली हुई थी और मैंने देर नहीं की और लंड के सुपाड़े को चूत के छेद के पास रख दिया और थोड़ा सा अंदर की तरफ दबाने लगा तो मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया और उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी।

फिर मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया तो मेरा लंड थोड़ा और अंदर चला गया, लेकिन अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने ज़ोर से 3-4 धक्के लगाए तो उसके मुहं से ज़रा सी चीख निकली, लेकिन में अब रुकने वाला नहीं था, बस में लगातार धक्के लगाता रहा और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था और हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था, उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर लपेट दिए थे और मैंने अपनी स्पीड को और भी तेज करके ज़ोर से धक्के लगाए, इतना ज़ोर से कि वो अह्ह्ह्ह आह्ह करने लगी। उसकी आह्ह्ह की आवाज को सुनकर मैंने अपनी स्पीड को में और भी तेज करके ज़ोर से धक्के देने लगा। मैंने एक दो बार तो इतना ज़ोर से झटका लगाया कि वो चिल्ला उठी, वो बस अब पूरी तरह से मदहोश हो गई थी, में बस झड़ने वाला था। अब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर उठा लिया और 10-12 ज़ोर से धक्के लगाए तो वो चिल्ला उठी और में झड़ गया। हमारी यह चुदाई करीब 14 मिनट तक चली और मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत में निकल गया और में थककर उसके ऊपर लेटा रहा, उसकी आँख से आँसू बाहर आ गये और चेहरे पर संतुष्टि की मुस्कान आ गई। दोस्तों हमने करीब 30 मिनट तक आराम किया और उसके बाद उसने मुझसे कहा कि अब ऊपर से उतर जाओ, मुझे नहाने जाना है। फिर मैंने कहा कि नहीं सुबह नहा लेना और अभी मुझे रात में तुम्हारी दोबारा चुदाई करनी है फिर वो कुछ नहीं बोली और हम दोनों सो गये। सुबह 6 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरे पास वो भी सो रही थी। फिर मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया और चूसने लगा तो इतने में वो भी जाग गई। फिर मैंने उससे कहा कि पहले मेरा लंड चूसो और मेरे ऊपर आ जाओ तो उसने तुरंत उठकर सबसे पहले मेरा लंड हाथ से हिलाया और जब लंड कड़क हुआ तो चूसने लगी, अब में भी तैयार था। मैंने उससे कहा कि ऊपर आओ तो वो ऊपर आ गई, उसने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ा और चूत के छेद पर लगाया और अब वो थोड़ा सा झुक गई तो लंड आधा अंदर चला गया और उसके मुहं से आह्ह्ह्ह की आवाज निकल गई, वो थोड़ा ऊपर हुई तो मैंने ज़ोर से एक झटका लगा दिया और फिर मेरा पूरा लंड अंदर चला गया, वो थोड़ी ज़ोर से चिल्लाती रही और मैंने धक्के लगाना शुरू किया और मुझे मज़ा आने लगा और वो भी अब आहें भरने लगी। फिर करीब पांच मिनट के बाद मैंने उससे कहा कि घोड़ी बन जाओ, तो वो झट से घोड़ी बन गई। दोस्तों में आपको क्या बताऊँ, मुझे उसको घोड़ी बनाकर चोदने में कितना मज़ा आया? में तो पागल की तरह ज़ोर से धक्के लगाने लगा, इतने ज़ोर से कि वो चिल्ला उठी और में एक मिनट रुक गया और वो मेरी तरफ देखने लगी और मैंने उसको सीधा लेटा दिया और उसके पैर फैलाकर फिर से चोदने लगा। फिर पता नहीं क्या हुआ? वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, मुझे थोड़ा सा दर्द हो रहा था। फिर भी में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया और में दस मिनट में झड़ गया। मैंने अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया और तब मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि चूत में ज़्यादा चिकनाई नहीं थी तो उस वजह से मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ था। फिर में थककर साइड में सो गया।

फिर सुबह मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि दस बज गए थे और में बहुत थक गया था। मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था और में उठकर सीधा बाथरूम में चला गया, फ्रेश हुआ जॉगिंग ट्रॅक और टी-शर्ट पहनी और में जब हॉल में गया तो स्मिता आंटी ने मुझसे कहा कि बैठो में तुम्हारे लिए नाश्ता बना देती हूँ। फिर मैंने पूछा कि दिव्या कहाँ गई? तो आंटी ने कहा कि वो किचन में काम कर रही है, में किचन में चला गया और मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और में उसके बूब्स को दबाने लगा, वो मना करने लगी, लेकिन में फिर भी उसके होंठो को चूसने लगा, वो मुझसे दूर जाने लगी, लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और इतने में स्मिता आंटी भी वहां पर आ गई और वो कहने लगी कि क्यों पूरी रात चुदाई के बाद भी दिल नहीं भरा क्या? तो मैंने कहा कि नहीं में अभी एक बार और चुदाई करूँगा और फिर ऑफिस जाऊंगा। फिर दिव्या मेरी यह बात सुनकर शरमा गई। तब स्मिता आंटी बोली कि धीरे धीरे करना और अगर यह कल रात की तरह चिल्लाएगी तो कोई सुन लेगा और स्मिता आंटी ने दिव्या से मज़ाक में कहा कि तेरी चूत फटने वाली है।

फिर दिव्या शरमाकर बाहर चली गई, लेकिन तभी अचानक मेरे ऑफिस से फोन आया कि कोई जरूरी काम है। मैंने नाश्ता किया और जल्दी से ऑफिस चला गया। दोस्तों मेरा मन ऑफिस में भी नहीं लगा और मुझे सभी जगह दिव्या की चूत और बूब्स दिख रहे थे। मैंने जैसे ही काम ख़त्म किया और खाना खाने के बाद 2:30 बजे में आंटी के घर पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि स्मिता आंटी टी.वी. देख रही है और दिव्या एक किताब पढ़ रही थी। फिर मुझे देखकर दिव्या मुस्कुराई और मैंने उसे इशारा किया कि पास वाले रूम में आ जाओ, तो वो रूम में आ गई। फिर मैंने उसको पकड़कर किस करना शुरू किया, उसने साड़ी पहनी हुई थी तो मैंने उसकी साड़ी को उठाया और उसकी पेंटी को उतारने को कहा, उसने पेंटी को उतार दिया और मैंने बिना देर किए उसको बिस्तर पर लेटा दिया और लंड को चूत में डालकर चुदाई करने लगा औ इस बार दिव्या चिल्लाती रही और मैंने जल्दी में दरवाजा बंद नहीं किया और बाहर खड़ी स्मिता आंटी यह सब देख रही थी, दिव्या जब ज़ोर से चिल्लाई तो स्मिता आंटी ने कहा कि चूत में थोड़ा तेल लगा लो, क्योंकि चूत में बिल्कुल भी चिकनाई नहीं है, लेकिन मैंने एक भी बात नहीं सुनी में और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और चुदाई करते करते उसका ब्लाउज फट गया था। अब मेरा लंड लगातार अंदर बाहर हो रहा था। मैंने इतने ज़ोर से धक्के लगाए कि दिव्या पागल सी हो गई और वो पांच मिनट में झड़ गई। फिर में भी थोड़ी देर बाद झड़ गया और साईड में सो गया। उसने अपनी ब्रा, पेंटी को पहना, साड़ी को ठीक किया और बाहर चली गई। फिर मैंने वहीं पर एक घंटे आराम किया और फिर ऑफिस के लिए तैयार हुआ और वहां से निकल गया ।।

धन्यवाद …

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दोस्त की माँ की चुत चुदाई की दास्तान – Dost Ki Maa Ki Chut Chudai Ki Dastan | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/ //otelsan.ru/xbrasilporno/dost-ki-maa-ki-chut-chudai-ki-dastan/#comments Wed, 19 Jun 2019 01:04:10 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5806 [...]]]> hindi sex story, chut chudai ki kahani, aunty ki chudai, dost ki maa ki chudai, dost ki sexy maa ki sex story, hindi sex kahani in hindi font
हेलो दोस्तों, मैं संदीप पंजाब से आपके साथ otelsan.ru पे जुड़ चूका हूँ । आज मैं आप सभी को एक अछि सी कहानी बताने जा रहा हूँ । उम्मीद हे आप सब ये कहानी पढ़के बहत एन्जॉय करेंगे । कहानी मेरे खुदकी हे । मेरे दोस्त की एक माँ हे जो की बहत सेक्सी हे उसकी चेहरा हर किसीको दीवाना बना देगा और छोड़ने को मजबूर करदेगा । उसकी वो जबानी को मेने महसूस किया और साथ ही जबानी की भरपूर मजा लुटा । चलिए और कुछ जानकारी के बाद कहानी को आगे ले जाते हैं ।

में जब 21 साल का तब में यूरोप में रहने के लिए आ गया और उसी समय यहाँ पर मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त बना रॉकी, रॉकी का जन्म यूरोप में ही हुआ था और उनका एक रेस्टोरेंट था जिसमें उसके पापा खुद खाना बनाया करते थे।
तो रॉकी ने मेरी मदद करने के लिए मुझे अपने रेस्टोरेंट में काम पर रख लिया और फिर कुछ समय के बाद मुझे करीब रेस्टोरेंट का सारा काम समझ में आ गया था। अब रॉकी के पापा कई बार मुझे वहां पर अकेला छोड़कर अपने कुछ प्राईवेट काम कर लिया करते थे। तो अचानक एक दिन रॉकी के पापा को अपनी कुछ प्रॉपर्टी की वजह से इंडिया जाना पड़ा।

तो अब रेस्टोरेंट पर रॉकी मेरी कुछ मदद करवा दिया करता था और कई बार जब रॉकी स्कूल चला जाता था तो रॉकी की मम्मी मेरी मदद करवा दिया करती थी। दोस्तों आंटी बहुत सुंदर थी, उनका रंग थोड़ा सांवला जरुर था, लेकिन वो एकदम कयामत थी उनकी हाईट करीब 5 फीट 9 इंच और मस्त सेक्सी फिगर, पतली कमर, गदराया हुआ बदन, लेकिन उन्हे देखकर कोई कह नहीं सकता था कि वो एक 20 साल के लड़के की माँ है और उनकी उम्र 35 साल है, लेकिन रॉकी के पापा की उम्र 48 साल थी। तो फिर कुछ दिन बाद अंकल के फोन आने पर रॉकी को भी उसी काम से इंडिया जाना पड़ा और अब में और आंटी अकेले ही पूरे समय रेस्टोरेंट में अकेले होते थे, आंटी भी एक इंडियन औरत थी, लेकिन रेस्टोरेंट में काम करने की वजह से वो ज्यादातर समय जीन्स और टी-शर्ट पहनती थी और जब कभी काम कम होता तो आंटी किचन में मेरे साथ बैठकर बातें कर लेती थी। तो मैंने कभी आंटी को बुरी नज़र से नहीं देखा था और फिर एक दिन आंटी ने बिल्कुल टाईट टी-शर्ट पहनी हुई थी और एक छोटी सी जीन्स, जिस में उनके बूब्स का आकार बहुत अच्छा लग रहा था और वो बहुत बड़े बड़े एकदम गोल दिख रहे थे और उनका थोड़ा सा पेट भी दिख रहा था। तो उस दिन थोड़ा काम कम होने की वजह से आंटी मेरे साथ बातें कर रही थी, लेकिन मेरी नज़र बार बार घूमकर उनके बूब्स पर जा रही थी और इस बात का शायद उनको भी पता चल गया था।

फिर हमने रात को रेस्टोरेंट बंद किया और आंटी जी मुझे अपनी कार से मेरे घर पर छोड़कर अपने घर चली गई। तो मैंने अगले दिन वहां पर पहुंचकर देखा कि उन्होंने एक कुर्ता टाईप कुछ पहना था, जिसमें उनकी छाती एकदम साफ साफ दिखाई दे रही थी और मेरी नज़र एक बार फिर से उनके बूब्स पर ही टिकी रही और कुछ लोगों को खाना परोसने के बाद आंटी जी मेरे पास आ गई और बातें करने लगी। आंटी बहुत खुश लग रही थी। फिर बातों ही बातों में उन्होंने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने थोड़ा शरमाकर बोल दिया कि में सारा दिन तो रेस्टोरेंट में काम करता हूँ, मेरी कोई गर्लफ्रेंड कैसे बनेगी? तो वो बोली कि हाँ यह बात तो तेरी एकदम ठीक़ है, चल में तेरी थोड़ी मदद कर दूँगी, अब आज से रेस्टोरेंट में जो भी लड़की आए और अगर वो तुझे पसंद आए तो तू मुझे बता देना। तो मैंने शरमाकर कहा कि आंटी जी आप रहने दीजिए में बहुत शर्मिला स्वभाव का हूँ और में किसी से खुलकर बात भी नहीं कर सकता। तो मेरी इस बात पर वो बोली कि हाँ तू सब कुछ जरुर देख सकता है, लेकिन बात नहीं कर सकता। तो उस दिन रेस्टोरेंट में बहुत काम था और उन्हे खाना लेने के लिए बहुत बार किचन में आना पड़ रहा था। तो कई बार काम करते समय मेरा हाथ उनकी गांड को छू रहा था और कई बार उनके बूब्स मेरी कमर को छू रहे थे और शाम को में बहुत थक गया। तो उन्होंने मुझे विस्की का एक पेग बनाकर दे दिया वो चाहती थी कि में अभी थकान ना महसूस करूँ और तेज़ी से काम करूँ, क्योंकि अभी हमे तीन घंटे और काम करना था। तो हमेशा हम तीन लोग काम किया करते थे, लेकिन अंकल और रॉकी के ना होने की वजह से हम सिर्फ़ दोनों ही थे। तो एक घंटे के बाद आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दिया, मैंने वो भी झट से पीकर काम और तेज कर दिया। आंटी जी यह सब देख रही थी और वो मेरे पास आकर बोली कि तुम तो बहुत जल्दी जल्दी काम करते हो और जवान हो, अभी तुम्हारी उम्र है और तुम कौन सा अपने अंकल की तरह बूढ़े हो गए हो? और वो हंसकर चली गई।

तो मेरे पास अब हर आधे घंटे में एक पेग आने लगा और अब तो विस्की ज्यादा, पानी कम और काम के ख़त्म होते होते विस्की ने अपना करतब दिखा ही दिया। अब में कपड़े बदल कर ऊपर आया तो आंटी रेस्टोरेंट बंद करके बोली कि आज तू हमारे घर चल में तुझे आज इंडियन खाना खिलाती हूँ और उनका घर मेरे घर के पास ही था तो मेरा सर घूम रहा था और अब मुझे बहुत ज़ोर से भूख भी लगने लगी थी, तो मैंने हाँ में सर हिला दिया और आंटी मेरी तरफ देखकर हंस पड़ी। फिर घर पर आकर आंटी फ्रेश होने चली गई और जब वो बाहर आई तो वो क्या गजब लग रही थी? उन्होंने एक बहुत सेक्सी सा जालीदार सूट पहना हुआ था जिसमें से उनकी ब्रा साफ साफ दिख रही थी, आंटी मेरे पास आई और हाथ में टावल दिया और मुझसे बोली कि फ्रेश हो जाओ, तो में भी फ्रेश होने बाथरूम में गया तो वहां पर बहुत अच्छी खुश्बू आ रही थी और वहीं पर आंटी की ब्रा और पेंटी लटकी हुई थी। तो उसे देखते ही मेरी नज़र के सामने आंटी के गोल गोल बूब्स घूमने लगे। मैंने जब ब्रा और पेंटी को उठाकर सूँघा तो मुझे बहुत अच्छी खुश्बू आई, लेकिन मैंने डरकर उसे फिर वहीं रख दी। तो कुछ देर के बाद मैंने बाहर आकर देखा तो आंटी हमारे लिए टेबल पर खाना लगा रही थी और खाना लगाते वक़्त वो थोड़ा झुक रही थी तो मुझे उनके बूब्स पूरे दिखाई दे रहे थे और मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया। फिर आंटी ने मुझे एक और पेग बनाकर दे दिया, लेकिन पेग बहुत तेज था और में पहले से भी बहुत पी चुका था।

मैंने अब मुश्किल से वो पेग खत्म किया और मैंने आंटी से खाना खाने के लिए बोला और फिर हम खाना खाने लगे, लेकिन मेरी नज़र आंटी के बूब्स पर बार बार जा रही थी और हमें खाना खाते खाते 12 बज चुके थे और जब में खाना खाकर और अपने सभी कामों से फ्री होकर में जाने के लिए उठा तो ज्यादा पीने की वजह से में थोड़ा हिल सा गया। तभी आंटी मेरे पास आई और उन्होंने मेरे हाथ को पकड़कर मुझे सहारा दिया और उस वक़्त मेरा हाथ आंटी के बूब्स पर था, तो आंटी मुझसे बोली कि संदीप आज तू यहीं पर सो जा, तुझसे चला भी नहीं जाएगा और इससे पहले कि में कुछ कहता आंटी बोली कि और अगर तुझे चोट लग गयी तो रेस्टोरेंट का ध्यान कौन रखेगा? और आंटी मुझे अपने बेडरूम में ले गयी और मुझे एक बरमूडा और टी-शर्ट लाकर दी जो कि रॉकी की थी। फिर दारू ज्यादा होने की वजह से मुझसे वो पहना भी नहीं जा रहा था। तो आंटी मेरी मदद करवाने लगी और पेंट उतारते वक़्त आंटी ने मेरे लंड को छुआ और महसूस किया और वो उनके स्पर्श से एकदम तनकर खड़ा हो गया, लेकिन में अभी भी अंडरवियर में ही था तो मेरा लंड खड़ा होते ही आंटी ने उसे पकड़ लिया और बोली कि वाह! इतना बड़ा? दोस्तों मेरा लंड 7 इंच का है। तो उन्होंने कहा कि मैंने इतना बड़ा लंड तो कभी भी नहीं देखा फिर आंटी ने मेरे लंड को अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और मुझे धक्का देकर बेड पर बैठा दिया और वो मेरे लंड से खेलने लगी और मुझे भूखी नज़रों से देखने लगी और मुझे किस करने लगी और शायद उन्हे अच्छी तरह से पता था कि कौन सी किस कैसे करनी है? शायद उन्हे इन सब कामों बहुत अनुभव था। फिर आंटी ने मेरा एक हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रखा और वो मुझे फ्रेंच किस करती रही। आंटी के बूब्स बहुत बड़े बड़े और सख्त थे, जैसे बहुत समय से किसे ने उन्हे छुआ ना हो और आंटी मुझे पूरे शरीर पर किस करने लगी। फिर मेरी छाती से होते होते उन्होंने मेरे लंड को मुहं में डाल लिया और बहुत टाईम तक उसे लोलीपोप की तरह चूसने के बाद उन्होंने मुझे अपने बूब्स को चूसने को कहा। तो मैंने भी उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसकर पूरा रस लिया और फिर उन्होंने मुझे अपनी चूत को किस करने को कहा और जब मैंने जैसे ही किस किया तो मैंने महसूस किया कि वो एकदम गीली थी और मुझे उनके पानी का टेस्ट बहुत अच्छा लग रहा था।

तो में इससे पहले कुछ कहता उन्होंने मेरा सर पकड़कर अपनी चूत से चिपका दिया और कहने लगी कि चाटो मेरी चूत को और फिर कुछ 15 मिनट तक में उनकी चूत को चाटता रहा। तभी उनकी चूत का पानी निकल गया जो सारा मेरे मुहं पर लग चुका था। तभी उन्होंने मेरे मुहं को पकड़ा और चाटने लगी, लेकिन आंटी की प्यास अभी भी नहीं बुझी थी और वो मुझे किस करती रही। फिर वो मेरे लंड को देखकर मुस्कुराई और बोली कि आ जाओ मेरे बच्चे अब दिखाओ अपना कमाल और वो अपने दोनों पैरों को फैलाकर एकदम सीधी लेट गयी। तो मैंने लंड को चूत पर रखा और एक जोरदार धक्के से उसे अंदर डाल दिया और करीब 7-8 मिनट तक लगातार धक्के देने के बाद में अपनी मंज़िल पर पहुंच गया और मैंने अपने धक्कों को धीरे कर दिया और अपना वीर्य उनकी प्यासी चूत में बूंद बूंद करके टपकाने लगा, लेकिन तभी आंटी ने लंड को एक झटका देकर चूत से बाहर निकाला और वो मेरे लंड पर लगा हुआ सारा वीर्य चाट गयी और उन्होंने मेरे लंड को बहुत अच्छी तरह से साफ कर दिया और हमने सारी रात बिना कपड़ो के बिताई और उसी रात को मैंने तीन बार आंटी की प्यास बुझाई और अगले दिन में उनसे बात करते समय उनकी आखों में आखें नहीं डाल रहा था। मुझे उनसे बहुत डर लग रहा था।

तभी आंटी ने मुझे अपने पास बुलाया और कहा कि हमारे बीच कल रात जो कुछ हुआ सब कुछ अच्छा हुआ, लेकिन इस राज को बस हम दोनों ही अपने पास छुपाकर रखेंगे वरना यह बात अगर किसी को पता चल गई तो तुम्हारी जॉब भी जाएगी और में भी फंस जाउंगी और उसके बाद मैंने जब तक अंकल, रॉकी नहीं लौटकर आए, मैंने बहुत दिनों तक आंटी को चोदा और उनकी चूत के साथ साथ उनकी वर्जिन गांड के भी मज़े लिए और उन्हे उन दिनों बहुत जमकर चोदा। अब हम दोनों मौका मिलते ही एक दूसरे के पति, पत्नी बन जाते है और अब आंटी के कहने पर मेरी सेलेरी भी बहुत अच्छी हो गई है। अब हम दोनों छुप छुपकर बहुत मज़े करते है और हमें एक दूसरे के साथ रहना बहुत अच्छा लगता है ।।

धन्यवाद …

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आंटी की सजा में मिला बड़ा मजा – Aunty Ki Saja Me Mila Bada Maja | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/aunty-ki-saja-me-mila-bada-maja/ Sun, 16 Jun 2019 01:30:20 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5733 [...]]]> हेलो दोस्तों मेरा नाम मोन्टी हे । मैं आपको अपना कहानी बताने जा रहा हूँ । दोस्तों यह कहानी इस दिसम्बर महीने की ही है जब मैंने अपने सबसे करीबी दोस्त की भाभी को चोदा और उस दिन से वो चाहती है कि वो हर रोज मुझसे चुदे। मेरे दोस्त का नाम करन है और जब से वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता था.. तब से हम पक्के दोस्त है। अक्सर हमारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था और धीरे धीरे हमारे फेमिली जैसे सम्बन्ध हो गये थे।
उसके घर में वो उसके मम्मी, पापा उसका भाई, भाभी और उनकी दो छोटी लड़कियां रहती थी। करन के पापा एक सरकारी नौकर थे और उसकी माँ ग्रहणी थी.. उसका भाई किसी प्राईवेट कंपनी में काम करता था और मेरा दोस्त सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था और में भी उसके साथ ही तैयारी कर रहा था और साथ में नौकरी भी करता था और हम अधिकतर एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे।

उसका भाई भी मेरा अच्छा दोस्त बन गया था.. उसका नाम समीर था और उसकी उम्र करीब 34 साल थी और भाभी का नाम नयना था और उनकी उम्र 32 साल थी.. लेकिन उन्हें एक बार देखकर कोई बोल नहीं सकता कि यह दो बच्चे की माँ होगी। उनका फिगर 36-26-38 था। भाभी दिखने में एकदम मस्त थी और वो हमेशा गुजराती साड़ी ही पहना करती थी और साड़ी के नीचे उनका वो टाईट फिटिंग वाला ब्लाउज और उसमे कसे हुए बूब्स एकदम मस्त दिखते थे और खुली कमर एकदम गोरी गोरी दिखती थी। में जब भी उनके घर जाता तो वो कुछ ना कुछ काम कर रही होती थी.. कभी कभी में देखता जब वो पोछा लगाती तो उस समय साड़ी में से उनकी बड़ी भारी गांड दिखती थी.. लेकिन मैंने कभी उनके बारे में ग़लत नहीं सोचा था और में हमेशा उनको भाभी की तरह ही देखता था क्योंकि करन की माँ मुझे बेटे की तरह रखती थी। भाभी की दोनों बेटियाँ स्कूल में पढ़ती थी और घर से स्कूल थोड़ी ही दूर पर था इसलिए मेरा दोस्त रोज उनको स्कूल छोड़ने और लेने जाता था।

थोड़े दिन बाद मेरा दोस्त नई स्कूटी लेकर मेरे घर पर आया तो मैंने पूछा कि अरे यह किसका उठाकर ले आया? तो बोला कि नया लिया है और उसका नंबर 1001 लिया था। एक दिन में जब उनके घर गया तो उसका भाई समीर भाभी को स्कूटी सिखा रहा था.. तो मैंने बोला कि वाह भाभी आप तो सीख गई? तो वो बोली कि हाँ सीखना तो पड़ेगा ही ना फिर बच्चो को स्कूल छोड़ने और लाने में कभी ज़रूरत पड़ जाए। तो मैंने बोला कि यह सही बात है। फिर थोड़े दिन बाद मेरे दोस्त ने कॉल सेंटर में नौकरी ढूँढ ली और जब में उनके घर जाता तो कभी कभी वो घर पर नहीं मिलता.. वो नौकरी पर ही होता था.. क्योंकि उनकी शिफ्ट चेंज होती रहती थी.. इसलिए मैंने देखा कि भाभी ही बच्चों को छोड़ने जाया करती थी। यह एक महीने पहले की ही बात है जब में बाज़ार में कुछ शॉपिंग करने गया था और फिर में पार्किंग में बाईक पार्क करने गया तो मैंने देखा कि 1001 नंबर वाली स्कूटी खड़ी हुई थी। तो मैंने सोचा कि शायद करन भी आया होगा और मैंने उसे कॉल किया.. लेकिन उसने नहीं उठाया। तो मैंने सोचा कि वो अंदर ही होगा तो मिल जाएगा और में मॉल के अंदर गया और बहुत ढूँढा.. लेकिन वो नहीं मिला। फिर मैंने शॉपिंग के बाद जब बिल के लिए लाईन में गया तो बहुत लंबी लाईन थी और में लाईन में खड़ा रहा। तभी थोड़ी देर बाद मेरी नज़र पास वाले बिल काउंटर पर गयी.. उस लाईन में नयना भाभी खड़ी थी.. लेकिन वो दूर थी तो मैंने उन्हे बुलाने की कोशिश नहीं की और वो बिल बनाकर बाहर निकली। तो मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ में खड़ी थी और बातें कर ही थी। फिर वो लड़का पार्किंग से अपनी कार लेकर आया और भाभी उसमें बैठ गई और उसके साथ चली गई और में जब पार्किंग में गया तो स्कूटी वहीं पर खड़ी थी। तो मैंने सोचा कि वो कोई रिश्तेदार होगा और वो उनके साथ कहीं गई होगी और मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर थोड़े दिनों बाद में शाम को करीब 7 बजे उनके घर गया तो सब लोग घर पर थे सिर्फ़ करन नौकरी पर गया हुआ था। फिर उनके पापा ने मुझे बैठने को बोला और में सोफे पर बैठ गया.. मेरे पास में समीर बैठा था और भाभी सब्जी काट रही थी और उनकी मम्मी किचन में थी। फिर भाभी उठकर मेरे लिए पानी लेकर आई तो मैंने उनको धन्यवाद बोला और वो किचन में चली गयी। फिर जब वो वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि भाभी थोड़े दिन पहले मैंने आपको बिग बाज़ार में देखा था? तो वो चोंक गयी और मेरी तरफ देखती रही.. मैंने कहा कि आप बिल की लाईन में थी। तो वो मेरी तरफ देखने लगी और उतने में समीर ने पूछा कि कब? तो मैंने कहा कि थोड़े दिन पहले उतना कहते कहते मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो मुझे इशारे से होंठ पर उंगली रखकर कह रही थी कि कुछ मत बोलो.. चुप रहो। फिर मुझे लगा कि शायद कुछ गड़बड़ है तो मैंने तुरंत ही बात पलट दी और बोला कि भाभी आपने लाल कलर की ड्रेस पहनी थी न उस दिन। तो समीर बोला कि यह तो कभी ड्रेस पहनती ही नहीं। फिर मैंने बोला कि तो शायद कोई और होगी.. लेकिन वो तुम्हारे जैसी ही दिखती थी। तो समीर बोला कि क्या यार तू भी? फिर हमने थोड़ी देर बातें की और फिर मैंने कहा कि में चलता हूँ और में घर पर आ गया। तो दूसरे दिन दोपहर को मेरे फोन पर एक अनजान मोबाईल नंबर से कॉल आया। मैंने रिसीव किया और मैंने बोला।

में : हैल्लो और सामने कोई लड़की थी।

लड़की : हैल्लो।

में : हाँ कौन?

लड़की : क्या आप में बोल रहे हो?

में : हाँ आप कौन?

लड़की : में नयना।

में : कौन नयना?

लड़की : अरे यार में करन की भाभी।

में : ओह्ह हाँ भाभी बोलिए.. सॉरी में आपकी आवाज़ पहचान नहीं पाया.. हाँ बोलिए बोलिए।

नयना : सुनो तुमने बिग बाज़ार में मुझे ही देखा था.. वो प्लीज किसी को मत बताना।

में : हाँ वो उस दिन आप मुझे इशारे से मना कर रही थी ना नहीं बताने के लिए।

नयना : हाँ वो प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा किसी को भी।

नयना : और करन को प्लीज कुछ मत बोलना.. जो हमारी बात हुई उसके बारे में।

में : ठीक है भाभी ठीक है.. लेकिन मुझे तो बताओगी कि तुम घर वालों से क्या छुपा रही हो?

नयना : नहीं कुछ नहीं.. लेकिन तुम प्लीज किसी को मत बताना।

में : लेकिन मुझे तो बताओ में किसी से कुछ नहीं कहूंगा।

नयना : प्लीज समझो में तुम्हे नहीं बता सकती.. लेकिन यह बात प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन तुम्हे मुझे बताना होगा कि तुम क्या छुपा रही हो? और में वादा करता हूँ कि किसी को नहीं बताऊंगा।

नयना : बहुत लंबी कहानी है बाद में बताउंगी।

में : नहीं भाभी पहले मुझे बताओ।

नयना : बाद में तुम्हे सब कुछ विस्तार में बताउंगी ।

में : लेकिन.. थोड़ा तो बोलो क्या बात है?

नयना : लेकिन.. प्लीज यह किसी को मत बताना।

में : भाभी आपसे जो वादा किया है नहीं तोडूंगा।

नयना : ठीक है सुनो जब तुमने मुझे माल में देखा था.. उस वक्त तुमने क्या देखा था?

में : आप बिल बनवा रही थी और फिर आप किसी के साथ कार में बैठकर चली गयी।

नयना : हाँ वो किसी को मत बताना कि में किसी के साथ कार में गयी थी।

में : ठीक है.. लेकिन वो कौन था जो तुम्हारे साथ था?

नयना : वो मेरा कॉलेज का दोस्त था।

में : तो उसमे छुपाने वाली क्या बात है?

नयना : हाँ लेकिन प्लीज किसी को मत बताना।

में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन अगर तुम्हारे घर पर किसी को पता चल गया तो?

नयना : पिछले तीन साल से हम मिल रहे है.. लेकिन आज तक किसी को पता नहीं है।

में : ओह भाभी मतलब वो तुम्हारा बॉयफ्रेंड है?

नयना : तुम जो भी समझो..।

में : ठीक है भाभी.. लेकिन मुझसे वादा करो कि आप मुझे उससे मिलवावोगी?

नयना : तुम क्या करोगे उससे मिलकर?

में : कुछ नहीं में भी तो देखूं आपका बॉयफ्रेंड कैसा है?

नयना : ठीक है बाद में।

में : ठीक है।

नयना : ठीक धन्यवाद और बाय।

में : बाय।

फिर मैंने रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तीन साल से इससे मिल रही है और किसी को पता नहीं है और घर पर इतनी भोली बनती है और बाहर बॉयफ्रेंड के साथ घूमती है। फिर मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं.. उसकी ज़िंदगी है वो कुछ भी करे मुझे क्या और में सो गया। सुबह उठा तो मैंने देखा कि मेरे मोबाईल पर मैसेज आया और मैंने खोला तो वो मैसेज भाभी के नंबर से था और अंदर धन्यवाद लिखा था। फिर दो दिन बाद वापस भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे कहा कि अगर तुम्हे मेरे बॉयफ्रेंड से मिलना हो तो बिग बाज़ार की पार्किंग में आ जाओ। तो में वहां पर गया.. लेकिन वहां पर कोई नहीं था सिर्फ़ भाभी की स्कूटी पड़ी थी और भाभी कहीं पर दिख नहीं रही थी। तभी थोड़ी देर बाद एक कार आई और भाभी उसमे से उतरी में तो देखता ही रह गया। भाभी ने छोटी स्कर्ट और टॉप पहना था और मैंने आज तक भाभी को ऐसे कपड़ो में नहीं देखा था। फिर भाभी ने मुझे हैल्लो कहा और मैंने भाभी को फिर उसने अपने बॉयफ्रेंड को बुलाया और मुझसे मिलवाया।

नयना : में, यह पीयूष, और पीयूष यह मोन्टी।

में : हाय।

पीयूष : हाय क्या तुम नयना के दोस्त हो?

में : नहीं में उनके देवर का दोस्त हूँ।

पीयूष : ठीक ठीक है।

नयना : ठीक है मोन्टी हो गयी बात।

में : हाँ भाभी।

नयना : ठीक है तो अब में चलती हूँ।

में : ठीक है।

नयना : बाय।

में : बाय।

पीयूष : बाय मोन्टी।

में : बाय

फिर और वो लोग कार में बैठकर चले गये में तो भाभी को ऐसे कपड़ो में देखता ही रह गया और सोचने लगा कि भाभी घर पर कितनी भोली भाली दिखती है और यहाँ पर अय्याशी कर रही है और वो बात घर पर किसी को पता नहीं है। तो करीब 2 घंटे के बाद भाभी के नंबर से कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि क्या तुम हमारे साथ फिल्म के लिए चलोगे? तो मैंने कहा कि कहाँ? तो उन्होंने सिनेमा का पता दिया और में वहां पर चला गया.. लेकिन भाभी तब साड़ी में थी जो वो अक्सर घर पर पहनती है और फिर में सोचने लगा कि भाभी ने कपड़े कब चेंज किए? तभी थोड़ी देर में फिल्म शुरू हो गयी और मेरे पास में पीयूष बैठा था और उसके पास भाभी थी। फिर इंटर्वल के टाईम भाभी ने बोला कि में क्या तुम्हे कुछ चाहिए तो बोलो? में बाहर जा रही हूँ.. कुछ खाने का लेकर आती हूँ। तो मैंने बोला कि चलो भाभी में भी आता हूँ।

तो मैंने कहा कि पीयूष तुम भी चलो.. लेकिन पीयूष ने बोला कि नहीं तुम हो आओ में यहीं पर बैठा हूँ और हम बाहर गये तो भाभी ने बोला कि यह लो पैसे जो लेना हो ले लो में वॉशरूम जाकर आती हूँ और हाँ यह मेरा मोबाईल रखो और वो मुझे मोबाईल देकर अंदर चली गई। तो मैंने मोबाईल मेंर देखा तो पीयूष के मैसेज थे। मैंने बहुत सारे मैसेज पढ़े.. लेकिन कुछ नहीं मिला नॉर्मल शायरीयां थी और चुटकुले थे.. लेकिन एक फोल्डर था नयना के नाम का.. मैंने वो खोला तो अंदर अलग अलग फोल्डर थे और अलग अलग लड़को के नाम लिखे थे.. मैंने थोड़े चेक किए और देखा तो मुझे पता चला कि सारे मैसेज सेक्स चेट के मैसेज थे और सारे मैसेज का टाईम रात का था। फिर मुझे समझ आया कि भाभी रात को लड़को से मैसेज पर सेक्स चेट करती है और मैंने घर जाकर रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तो बड़ी चालू लगती है.. लेकिन घर पर किसी को पता नहीं। तो मैंने सोचा कि अगर घर पर पता चला तो क्या होगा? फिर मैंने सोचा कि जो भी हो मुझे क्या? फिर मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया कि में भी भाभी को रात को मैसेज भेजता हूँ। फिर मैंने उस रात ही मेसेज किया तो उनका भी मेसेज आया। मैंने बोला क्या कर रही हो तो वो बोली कि कुछ नहीं बस अब नींद आ रही है। मैंने बोला ठीक है और उन्होंने गुड नाइट का मेसेज भेज दिया। मैंने सोचा कि ऐसा क्यों किया।

फिर मैंने अगले दिन एक नया नंबर ले लिया और उस नंबर से मेसेज किया, पहले रिप्लाइ नहीं आया फिर मैंने दूसरा मेसेज भेजा तो उनका मेसेज आया कि तुम कौन हो? मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त तो उन्होंने नाम पूछा मैंने दूसरा नाम बताया और उन्होंने बाय का मेसेज भेज दिया.. फिर मैंने कहा दोस्त नहीं तो क्या हुआ? थोड़ी देर क्या हम चेट कर सकते है। तो पहले उन्होंने मना किया फिर मान गयी. और धीरे धीरे हमने सेक्स चेट शुरू किया.. तुम मनोगे नहीं इतना मस्त सेक्स चेट किया उन्होंने.. जिससे मेरा ऐसे ही निकल गया। फिर रोज रात को हम सेक्स चेट करते रहे और उन्होंने मुझे मिलने बुलाया फिर मैंने कहा ठीक है और हम मॉल मे मिले तो वो मुझे देखती ही रह गयी और बोली में तुमने ये सारे मेसेज किए थे? मैंने कहा आप तो मेरे नंबर पे रिप्लाई नहीं करती तो मे क्या करूँ.. फिर थोड़ी देर नाराज़ हो गयी और फिर मान गयी लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि तुम किसी को कुछ भी नहीं बतावोगे। मैंने कहा ठीक है। फिर रात को हमने चेट किया और उसमे मैंने भाभी को पूछा कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी तो उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया और बोली के नहीं में समीर के अलावा किसी से नहीं करती, मैंने कहा ठीक है फिर भी कभी मन हो तो मुझे बोल देना.. क्योंकि आप मुझे बहुत पसंद हो तो वो बोली ठीक है. और फिर गुड नाइट करके सो गये फिर एक दिन भाभी ने मुझे कॉल किया और बोली कि क्या तुम मूवी देखने चलोगे? मैंने कहा कौन कौन है? तो वो बोली के में तुम और एक फ्रेंड है। मैंने कहा कौन पीयूष? वो बोली नहीं कोई और है और उसने मुझे नये फ्रेंड से मिलवाया और कहा कि ये मेरे कालेज का फ्रेंड है। मैंने सोचा कि क्या सारे कालेज के फ्रेंड ही है। उसके बाद मे समझ गया कि ये हर किसी के साथ भी चालू हो जाती है और नयना ने मुझे बोला के पीयूष को मत बताना.. ये सब बातें हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए। मैंने कहा ठीक है और फिर हम मूवी देखकर जब वापस आए तो मुझे नींद नहीं आई.. में रात भर सोचता रहा कि आख़िर भाभी क्यों सबको अपना कालेज फ्रेंड बोलती है। फिर दूसरे दिन मैंने करीब सुबह 11:30 पर भाभी को कॉल किया तो मैंने पूछा कि कहाँ पर हो? तो वो बोली कि में बच्चो को स्कूल छोड़ने आई हूँ। मैंने पूछा कहाँ पर? तो वो बोली तुमने स्कूल नहीं देखा क्या? मैंने कहा हां.. तो भाभी बोली कि अगर आ सकते हो तो आ जाओ मैंने बोला क्यों तो भाभी बोली कि में शॉपिंग जा रही हूँ.. तो मैंने बोला कि शॉपिंग तो बाद में भी जा सकते हो? तो भाभी बोली कि क्यों बाद में? तो मैंने कहा कि अभी अगर आप चाहो तो मेरे फ्लेट पर आ सकते हो और फिर हम कुछ देर के बाद में शॉपिंग जाएगे। तभी वो बोली कि ठीक है में अभी आती हूँ और जब वो आई तो मैंने देखा कि उन्होंने हल्के पीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वैसा ही ब्लाउज भी।

मैंने उन्हे अंदर बुलाया और वो आकर सोफे पर बैठ गई और फिर मैंने उन्हें पीने का पानी दिया। तभी वो बोली कि क्या यह तुम्हारा घर है? मैंने कहा कि नहीं यह मेरे फ्रेंड का घर है.. तो बोली कि वो कहाँ है? तो मैंने कहा कि वो नौकरी पर गया है। फिर वो बोली कि तुम्हारा फ्रेंड कब तक आएगा? तो मैंने कहा कि रात को 8 बजे और मैंने कहा कि करन का एक दोस्त भी यहीं पर इसी फ्लेट में रहता है। तभी वो बोली कि अगर उसने मुझे देख लिया तो क्या होगा? तभी मैंने कहा कि में दरवाज़ बंद कर लेता हूँ और यह कहकर मैंने दरवाज़ बंद कर दिया और मैंने कहा कि भाभी मुझे तुमसे कुछ बातें पूछनी है.. लेकिन अगर आप बुरा ना मानो तो? वो बोली कि ठीक है पूछो। तो मैंने कहा कि क्या यह सब तुम्हारे असली कॉलेज फ्रेंड है?

तो वो बोली कि हाँ.. क्यों? मैंने कहा कि नहीं.. क्योंकि जो दोनों फ्रेंड से में मिला दोनों की उम्र करीब 38-40 के आस पास है.. वो लोग कैसे तुम्हारे कॉलेज फ्रेंड हो सकते है? वो बोली कि है तो है। फिर मैंने कहा कि भाभी आप मुझसे क्यों छुपाती हो? और में कहाँ किसी को बताने वाला हूँ? तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन तुम किसी को बताओगे तो नहीं? और अगर नहीं बताओगे तो में तुम्हे बता दूंगी कि यह सब झूठ मैंने तुमसे क्यों बोला? तभी मैंने कहा कि हाँ बताओ में किसी को नहीं बताऊंगा.. तो वो बोली कि ठीक है.. एक दिन जब में सुबह सुबह करन के कमरे में उसे उठाने के लिए गयी तो मैंने देखा कि वो सिर्फ़ टावल में सोया हुआ था और गहरी नींद में उसे पता नहीं था कि उसका टावल पूरा खुल गया था और मैंने उसे देखा तो उससे अंडरवियर में से साईज़ इतना बड़ा दिख रहा था कि में देखती ही रह गयी। तभी मैंने कहा कि तो उसमे क्या हुआ? तो वो बोली कि फिर मुझे मालूम पड़ा कि हर एक आदमी का साईज़ अलग अलग होता है। तो मैंने कहा कि हाँ वो तो होता ही है क्यों तुम्हे नहीं पता था?

तो वो बोली कि नहीं मुझे समीर बता रहे थे कि सबका एक ही साईज होता है.. लेकिन जब मैंने करन का देखा तो पता लगा कि यह तो समीर से भी बहुत बड़ा है और मैंने कई बार करन को लाईन देने की कोशिश की.. लेकिन उसने मुझे भाव नहीं दिया और मुझे बहुत डर लगता था कि अगर में उससे सीधा बात करूंगी तो कहीं वो समीर या पापा को ना बता दे.. इसलिए मैंने सोचा कि करन नहीं तो कोई और सही और में लगातार मॉल में जाती रही जिससे कि कहीं कोई हॅंडसम मिल जाए और एक दिन मुझे पीयूष मिल गया और मैंने उस के साथ बहुत एंजाय किया.. लेकिन जब मुझे लगा की नये टेस्ट में ज़्यादा मज़ा है तो मैंने फिर चेटिंग से बहुत फ्रेंड बनाए और बहुत से मिली भी हूँ.. लेकिन करन जैसा आज तक मुझे नहीं मिला। तभी मैंने कहा कि भाभी अगर आप बुरा ना मानो तो में एक बात कहूँ? तो वो बोली कि हाँ बोलो.. तो मैंने कहा कि क्या आप सच में करन से चुदना चाहती हो? तो वो बोली कि हाँ.. लेकिन यह मुमकिन नहीं है। फिर मैंने कहा कि में मुमकिन बना दूँगा.. तो वो बोली कि ठीक है तुम ट्राई करो.. लेकिन कहीं में ना फंस जाऊँ? तो मैंने कहा कि मेरा वादा है आपको कुछ नहीं होगा.. फिर उन्होंने बोला कि धन्यवाद। तभी मैंने कहा कि भाभी और कभी मुझे भी मौका दोगी या नहीं? तो वो बोली कि बाद में.. तो मैंने कहा कि.. लेकिन अभी यहाँ पर कोई भी नहीं है। तो वो बोली कि मुझे घर पर भी जाना है.. मैंने कहा कि प्लीज सिर्फ़ 10 मिनट.. तो वो बोली ठीक है और हम बेडरूम में चले गये और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.. उन्होंने अपनी साड़ी को उतारना शुरू किया। तो मैंने कहा कि रूको भाभी मुझे उतारने दो ना। तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन थोड़ा जल्दी करो और फिर मैंने फटाफट उनकी साड़ी को उतार दिया और उन्हें देखता ही रह गया। उनके वो बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में भी नहीं समा रहे थे और मैंने कहा कि भाभी क्या इसे भी खोल दूँ? तो वो बोली कि हाँ और यह कहते कहते मैंने मेरा मुहं उनके बूब्स पर दबा दिया और मैंने कहा कि भाभी तुम्हारे बूब्स बहुत मस्त है।

तभी वो बोली कि जल्दी करो मुझे घर पर जाना है.. मैंने जल्दी से उनका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी जो बिल्कुल सफेद थी और एकदम सिल्की मैंने उसे हाथ लगाया तो मेरा लंड एकदम टाईट हो गया। तो वो बोली कि तुम्हारे भी कपड़े उतारो.. मैंने अपनी टी-शर्ट और पेंट को उतार दिया। अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और उन्होंने अपना हाथ मेरे पंड पर रख दिया और बोली कि यह तो पीयूष से भी बड़ा है। तो मैंने कहा कि हाँ तुम्हे देखकर और भी बड़ा हो गया है.. वो बोली कि अब जल्दी करो और फिर मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनकी ब्रा खोल दी और बूब्स चूसने लगा और वो सिसकियां लेने लगी आअहह उफ्फ्फ अह्ह्ह। तो मैंने कहा कि भाभी पेंटी को भी उतार दो.. तो वो बोली कि तुम्ही उतार दो। फिर मैंने जैसे ही पेंटी को उतारा तो मैंने देखा कि उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे और चूत एकदम मस्त लग रही थी और मैंने जैसे ही वहां पर किस किया भाभी ने मेरा मुहं वहीं पर दबाकर रख दिया और कहा कि चाटो मेरी चूत डार्लिंग। तो मैंने कहा कि भाभी मेरा बहुत मन कर रहा है.. तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली वाह डार्लिंग तुम्हारा कितना मोटा लंड है।

तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया कि भाभी ने अपने मुहं से लंड बोला और में तो उनको देखता ही रह गया। तभी वो बोली कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.. तो वो बोली कि बस और अब मुझे जल्दी से गीला कर दो। तो मैंने उनके दोनों पैर फैलाकर बीच में आ गया और अपने लंड पर थूक लगाकर उनको बोला कि भाभी क्या डाल दूँ? तो वो बोली प्लीज अब तो मुझे भाभी मत बोलो। तो मैंने कहा कि फिर क्या कहकर बुलाऊँ? तो वो बोली कि बस नयना.. मैंने कहा कि ठीक है नयना तुम्हारी चूत बहुत मस्त है क्या में अंदर डाल दूँ? तो वो बोली कि हाँ जल्दी से और देर ना करते हुए मैंने अपना पूरा का पूरा लंड एक ही झटके में अंदर डाल दिया.. वो चकित रह गयी और उसकी आँख से पानी निकल गया और फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि इतना दर्द हुआ कि में बता नहीं सकती.. लेकिन मज़ा आया। तो मैंने कहा कि बोलो और क्या करूं जिससे तुम्हे और मज़ा आए? तो वो बोली कि क्या में तुम्हारे ऊपर आ जाऊँ? मैंने कहा कि ठीक है आ जाओ और वो मेरी जांघ पर बैठ गयी और मेरे लंड पर थूक लगाया और फिर ऊपर बैठ गयी और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया। तो मैंने कहा कि नयना क्या हुआ? वो बोली बस तुम्हारे साथ तो ऐसे ही पड़े रहने का मन करता है। तो मैंने कहा कि जब मन करे आ जाना और उसने मेरी उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसाकर मेरे ऊपर कूदने लगी और मेरा लंड तो जैसे लोहे की तरह टाईट हो गया था और वो ऊपर कूद कूदकर मजे ले रही थी और 15 मिनट के बाद उसने मुझे ज़ोर से किस किया और उसका पूरा शरीर खिंच गया। फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि बस में झड़ने वाली हूँ। तभी मैंने उसे कसकर पकड़ा और बोला कि में भी झड़ने वाला हूँ.. तो वो बोली कि प्लीज वीर्य अंदर मत गिरना। मैंने कहा कि फिर कहाँ गिराऊँ? तो वो बोली कि कहीं और.. लेकिन चूत के अंदर नहीं। तो मैंने कहा कि क्या मुहं में डालूं नयना? वो बोली कि हाँ.. लेकिन पहले तुम सारा वीर्य मेरे बूब्स पर गिरा दो और में बेड के पास खड़े हो गया और लंड को चूत से बाहर निकालकर सारा वीर्य उसके बूब्स पर गिरा दिया और फिर उसने जल्दी से मेरा लंड पकड़ कर अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।

तभी थोड़ी देर चूसने के बाद वो बोली कि क्यों बस हो गया.. अब तो में जाऊँ? तो मैंने कहा कि फिर कब? वो बोली कि जब तुम बुलाओ तब.. मैंने कहा कि क्या सच? तो वो बोली कि हाँ समीर और पीयूष से तो ज़्यादा मज़ा आया। तो मैंने कहा कि ठीक है फिर हर रोज चाहो तो तुम आ सकती हो.. वो बोली कि क्या यह मुमकिन है? तो मैंने कहा कि हाँ जब तुम्हारा मन करे आ जाना.. तो वो बोली कि मेरा तो हर रोज मन करेगा। मैंने कहा कि ठीक है तो फिर रोज़ आ जाना। फिर हमने करीब एक महीने तक हर दिन सेक्स किया और फिर एक दिन मैंने उससे पूछा कि सच बताओ नयना आज तक तुमने कितने लोगों के साथ सेक्स किया है? तो वो बोली के करीब 24-25 से तो मैंने सेक्स किया है। मैंने कहा तो फिर क्या चाहिए? तो उसने कहा कि कुछ नहीं और फिर मैंने कहा कि अगर करन के साथ सेक्स करना है तो में तुम्हारी सेटिंग करवा सकता हूँ? तो वो बोली वो कैसे? मैंने कहा कि वो काम में कर दूँगा और तुम बहुत खुश हो जाओगी। तो वो बोली कि ठीक है और वो तब से हर रोज मुझसे चुदने आती है कि किसी बहाने में बता दूँ कि करन से कैसे चुदना है ।।

धन्यवाद …

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दिवोर्सीद चची की कोमल चुत की चुदाई – Divorced Chachi Ki Komal Chut Ki Chudai | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/divorced-chachi-ki-komal-chut-ki-chudai/ Thu, 06 Jun 2019 17:51:57 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5616 [...]]]> Hindi sex story divorced chachi ki chudai, hindi sex kahani divorced aurat ki chudai, chachi ki chut mari, ankho ke samne chachi ki chudai
नमस्ते दोस्तों, आज की कहानी चची की चुदाई अपनी जुबानी में । मेरा चची सुजाता जो की ८ साल पहले ही तल्ख ले चुकी हे उसकी रमेश के साथ बानी चुदाई की वो दास्ताँ मैं आप सभी के साथ शेयर करने जा रहा हूँ तो पढ़िए ये कहानी और मजा लीजिये । वो 38 साल की है और उनकी हाईट 5 फुट 8 इंच है, वो गोरी, थोड़ी सी मोटी है, उनका फिगर कुछ 42-48-47 है. में अपनी चाची के साथ शिमला में रहता था, क्योंकि हमारे गावं में स्कूल की कमी थी, में तब 12वीं क्लास में था और मेरी चाची भी उसी स्कूल में लाइब्रेरियन थी. उन्हें कोई भी मर्द ज़्यादा लाईन नहीं देता था, क्योंकि ज्यादातर मर्दों को सुंदर दिखने वाली दुबली पतली लड़कियां पसंद थी, लेकिन मेरे स्कूल का चपरासी रमेश मेरी चाची से बहुत बात करता था और उनकी काफ़ी इज़्ज़त भी करता था, उसकी उम्र 32
साल थी और वो काफ़ी मोटा था, 5 फुट 10 इंच हाईट, चौड़ा सीना, मजबूत बाहें और वो थोड़ा सांवला था. स्कूल का कोई भी टीचर या बड़ी क्लास के बच्चे उससे भिड़ने की गलती नहीं करता था, लेकिन वो दिल का बहुत ही साफ था और कभी कोई गन्दी बात नहीं करता था, ना किसी टीचर को गन्दी नज़र से देखता था. अब में समझ चुका था कि वो मेरी चाची को बेहद प्यार करता है और दिल से पसंद करता है और मेरी चाची भी उसको काफ़ी चाहती थी.

फ़िर एक दिन मैंने स्कूल की छुट्टी के बाद देखा कि वो मेरी चाची से कुछ कह रहा है, उसके बाद वो स्टोर रूम की तरफ़ चले गये, उसने मेरी चाची को कहा कि वो उनसे प्यार करता है. फिर चाची ने भी अपनी दिल की बात उससे कह दी. फिर वो किस करके एक दूसरे के गले लग गये. फिर उसने पूछा कि क्या वो कल रात न्यू ईयर उसके साथ मनायेगी? तो चाची ने भी हाँ कर दी. फिर अगले दिन मैंने चाची को बताया कि में न्यू ईयर अपने दोस्तों के साथ मनाऊंगा और कल दोपहर को घर आऊंगा. फिर चाची ने थोड़ी देर के बाद उसे फोन किया कि रात को कितने बजे मिलोगे तो उसने 9 बजे का प्रोग्राम बनाया.

फिर में भी रात को 9 बजे घर से थोड़ी दूर जाकर उन दोनों का इंतजार करने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद रमेश बाईक पर आया. फिर उसने चाची को कॉल किया, चाची ने एक ब्लेक कलर की साड़ी, ब्लाउज पहने हुई थी, उनकी नंगी कमर साफ दिख रही थी, उनके पेटीकोट और ब्लाउज के बीच काफ़ी दूरी थी. अब उनकी वो नंगी कमर देखकर रमेश बहुत खुश हो गया, चाची उस दिन बहुत सुंदर लग रही थी, जब ठंड काफ़ी थी तो इसलिए चाची ने एक शॉल और ओढ़ ली थी. फिर उन दोनों ने कुछ बात की और वो एक सुनसान जगह पर जाने लगे. फिर उसने एक जंगल की तरफ़ गाड़ी रोक दी और एक मकान के सामने गाड़ी खड़ी कर दी और वो दोनों हाथ पकड़कर जंगल के अंदर जाने लगे.

फिर मैंने भी अपनी गाड़ी वहीं खड़ी की और उनका पीछा करने लगा. फिर थोड़ी देर तक चलने के बाद वो एक झोपड़ी के पास पहुंचे, वो झोपड़ी जंगल के काफ़ी अंदर थी और उस जंगल में कोई भी ज़्यादा आता जाता नहीं था, क्योंकि वो हाइवे से काफ़ी दूर था. उस झोपड़ी के बाहर एक लालटेन जल रही थी, चाची उस झोपड़ी को देखकर काफ़ी खुश हुई. फिर उन्होंने उससे पूछा कि क्या हम न्यू ईयर यहाँ मनायेंगे? फिर उसने कहा कि हाँ तुम्हें यह जगह पसंद आई. फिर चाची बोली कि बहुत अच्छी जगह है और यहाँ कितनी शांति है. फिर वो उस झोपड़ी के दरवाज़े पर पहुंचे. फिर उसने चाची को बाहर रुकने को कहा और बोला कि जब वो बुलायेगा तो अंदर आ जाना. फिर कुछ देर के बाद अंदर से आवाज़ आई सुजाता घूम जाओ और अपनी आँखें बंद कर लो तो मेरी चाची मान गई और मुस्कुराते हुए घूम गई और अपनी आँखें बंद कर ली.

तभी मैंने देखा कि वो पूरा नंगा उस झोपड़ी से बाहर आया, अब वो मेरी चाची के ठीक पीछे खड़ा था तो इसलिए मुझे उसका लंड दिखाई नहीं दे रहा था. फिर उसने चाची की आँखों पर एक पट्टी बांध दी और उनको झोपड़ी के अंदर ले गया और दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर में उस झाड़ी के पीछे से निकलकर उस झोपड़ी के साईड में चला गया और वहाँ बने एक सुराख से अंदर देखने लगा. अब अंदर एक लालटेन जल रही थी और जिसके उजाले से पूरी झोपड़ी चमक रही थी. अब वो ठीक मेरी चाची के पीछे चिपककर खड़ा था. फिर उसने मेरी चाची की आँखों से पट्टी उतार दी. फिर मेरी चाची की आँखें जैसी ही खुली तो उनके मुँह से सिर्फ़ एक आवाज़ निकली, वॉऊ वो उस झोपड़ी को निहार रही थी, वहाँ एक लालटेन, एक पलंग, एक मोटी सी रज़ाई और एक पानी की बाल्टी रखी हुई थी. फिर उसने धीरे से पूछा.

वो – कैसा लगा?

चाची – बहुत प्यारा है, में अपनी पूरी ज़िंदगी इस झोपड़ी में तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ.

फिर वो मेरी चाची से पीछे से लिपट गया. फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चाची की नंगी कमर पर रख दिया और उनकी गर्दन को चूमने लगा. तभी मेरी चाची किसी झटके से आगे होना चाहती थी, लेकिन उसने मेरी चाची को फिर से अपनी बाहों में खींचा तो अब में समझ गया था कि उसका लंड मेरी चाची की गांड में चुभ रहा था.

चाची – तुम पूरे नंगे हो?

वो – ह्म्‍म्म्म.

फिर उसने मेरी चाची के बालों के क्लिप खोल दिए और फिर उनकी पल्लू को नीचे गिरा दिया और मेरी चाची को पीछे से चूमने लगा और उनकी नंगी कमर को अपने मजबूत हाथों से सहलाने लगा और उनको कह रहा था.

वो – सुजाता आई लव यू, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और में तुम्हारे बिना रह नहीं सकता, जब से तुम्हें देखा है सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही सोचता हूँ और जिस दिन तुम नहीं आती हो तो मेरा पूरा दिन खराब जाता है.

चाची – सच ऐसा क्या है मुझमें? जो तुम मुझे इतना प्यार करते हो, में तो इतनी मोटी हूँ कि सारे मर्द मुझे बहन जी कहकर बुलाते हैं, सिर्फ़ एक तुम ही जो मेरे ऊपर अपनी जान छिड़कते हो.

वो – में नहीं जानता सुजाता, लेकिन जब भी तुम्हें देखता हूँ तो दिल को एक सुकून मिलता है, एक अलग सी खुशी मिलती है और तुम मोटी बिल्कुल भी नहीं हो, तुम संपूर्ण स्त्री हो जो सिर्फ़ एक अच्छे मर्द को ही पसंद आती है.

चाची – जैसे कि तुम.

वो – ह्म्‍म्म्म.

इतने में उसने मेरी चाची की साड़ी को उनकी कमर से अलग करके एक कोने में फेंक दिया. तभी चाची ने अपने हाथ पीछे ले जाकर अपने ब्लाउज के हुक खोल दिए और तभी उसने मेरी चाची के पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया, जिससे मेरी चाची का पेटीकोट ज़मीन पर गिर गया. मेरी चाची पेंटी नहीं पहनती थी, उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे. अब वो बहुत शरमा गई थी. फिर वो अपने हाथों से अपनी चूत छुपाने लगी थी. फिर उसने मेरी चाची को एकदम से पकड़कर अपनी तरफ़ खींच लिया, इससे उसका लंड मेरी चाची की गांड की दरार में चला गया और वो बस उफफफफफफफफफ्फ़ की आवाज़ ही निकाल पाई. फिर उसने मेरी चाची के ब्लाउज को निकालकर बाजू में फेंक दिया. अब मेरी चाची पूरी नंगी हो चुकी थी, गोरा जिस्म, सुडोल स्तन, नरम कमर, गोरी जाँघ, अब वो बिल्कुल एक अप्सरा लग रही थी. तभी उसने अपने लंड को पकड़कर कुछ किया और मेरी चाची अपनी दोनों जाँघो के बीच ठीक अपनी चूत के नीचे देखने लगी. उसने अपने लंड को मेरी चाची की दोनों जाँघो के बीच डाल दिया था, उनकी चूत के ठीक नीचे जिससे उसका सुपाड़ा मेरी चाची की जाँघो के बाहर आ गया था. फिर मेरी चाची ने प्यार से उस पर हाथ फेरा.

चाची – तुम्हारा कितना प्यारा लंड है? यह कहकर उसके सुपाड़े को अपनी उंगलियों से सहलाने लगी.

वो – अहह उफफफफफफफ्फ़.

फिर चाची उसकी तरफ़ पलटी और उसके गले लग गई. अब वो भी मेरी चाची के गले लगकर उन्हें प्यार कर रहा था. फिर उसने मेरी चाची को अपने से अलग करके उनके होंठ पर अपने होंठ रखकर उन्हें चूमने लगा. अब मेरी चाची उसके लंड को पकड़कर धीरे-धीरे सहलाने लगी, जिससे वो और प्यार से मेरी चाची के होंठ चूमने लगा. उसका लंड काफ़ी मोटा और लंबा था, लगभग 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. फिर मेरी चाची उसके लटकते हुए दोनों अंडकोष को पकड़कर सहलाने लगी, अब वो इससे बहुत उत्तेजित होने लगा था. फिर वो मेरी चाची से अलग हुआ और पास में पड़ी अपनी पेंट से कुछ निकालकर चाची को दिखाया, जिसे देखकर चाची बहुत खुश हुई. वो मेरी चाची के लिए दो पायल खरीद कर लाया था. फिर वो नीचे घुटनो के बल बैठ गया.

वो – सुजाता मेरी जाँघो पर अपने मुलायम पैर रखो तो उसने अपना एक पैर उसकी जांघो पर रख दिया और फिर उसने उसके एक पैर पर पायल बांध दी.

फिर उसने दूसरा पैर रखने को कहा तो उसने वो पैर भी उसकी जांघ पर रख दिया. फिर उसने उस पर भी पायल बांध दी, लेकिन फिर उसने उनकी जाँघ को अपने कंधो पर रख दिया और मेरी चाची की मुलायम, चिकनी, हल्के-हल्के बाल वाली चूत पर चूम लिया तो मेरी चाची बस ह्ह्ह्हह की आवाज़ ही निकाल पाई. फिर वो धीरे से बिस्तर में जाकर उस मोटे, गद्देदार रज़ाई के अंदर घुस गई. फिर वो उठा और उसने पास में पड़ी अपनी शर्ट की जेब से कंडोम का पैकेट निकाला और उसमें से एक निकाल कर अपने मोटे लम्बे लंड पर लगाने लगा. मैंने आज तक इतना मजबूत लंड नहीं देखा था. फिर वो भी बिस्तर में जाकर गद्दे के अंदर घुस गया और मेरी चाची के ऊपर चढ़ गया. अब वो मेरी चाची को बहुत प्यार से निहार रहा था.

चाची – क्या देख रहे हो?

वो – तुम्हें, तुम कितनी खुबसूरत और प्यारी हो, में सबसे किस्मत वाला इंसान हूँ जिसे तुम्हारी जैसी औरत मिली है, बिल्कुल मेरी पसंद की.

अब मेरी चाची अपने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़े हुई थी और एकदम से उसके होंठ चूमने लगी.

चाची – लेकिन तुम मुझ पर भरोसा नहीं करते हो.

वो – किसने कहा?

फिर चाची ने गद्दे के अंदर हाथ डाल दिया और कुछ ही पलो में हाथ बाहर निकाल लिया, अब उनके हाथों में उसका पहना हुआ कंडोम था.

चाची – तो यह क्या है? में 8 साल के बाद किसी मर्द के साथ सो रही हूँ, मेरे पति भी मुझे बहुत कम ही छूते थे.

वो – में नहीं चाहता कि तुम अभी से गर्भवती हो इसलिए.

चाची – में गोली ले लूँगी, वादा कीजिए कि आज के बाद कभी भी मेरे साथ सेक्स करते वक्त कंडोम नहीं पहनेंगे.

वो – मैंने तुम्हारे सिवा और किसी के साथ ना तो किया है और ना ही करूँगा, में यह वादा भी दे रहा हूँ.

चाची फिर से उसे चूमने लगी, अब वो भी मेरी चाची को बहुत प्यार से चूम रहा था. फिर वो मेरी चाची के गले लग गया.

चाची – आई लव यू रमेश, आई लव यू वेरी मच.

रमेश – आई लव यू टू, में बता नहीं सकता हूँ कि मुझे तुम्हारी बाहों में कितना सुकून मिल रहा है, तुम्हारे जिस्म से आ रही यह खुशबू मुझे पागल कर रही है.

चाची – ह्म्‍म्म्ममम.

फिर वो मेरी चाची की गर्दन पर चूमने लगा. फिर छाती पर चूमने लगा. फिर उसने उस कम्बल को नीचे सरका दिया, जिससे मेरी चाची के ऊपर का नंगा जिस्म दिखने लगा. उनके 42 साईज़ के गोरे-गोरे बूब्स और उस पर वो काली सी निप्पल उनकी खूबबसूरती पर चार चाँद लगा रही थी. उनके बूब्स काफ़ी बड़े थे, वो रमेश के हाथों में नहीं समा रहे थे. फिर वो अपने एक हाथ में बूब्स लेकर उस पर अपने होंठ लगाकर चूसने लगा. फिर धीरे-धीरे वो उनके आधे बूब्स को अपने मुँह में डालकर चूसने लगा, अब चाची भी धीरे- धीरे मदहोश होने लगी थी, अब वो बहुत ही प्यार से उनके बूब्स चूस रहा था.

चाची – अहह रमेश उःम्म्म्मममम क्या कर रहे हो यह? ह्म्‍म्म्ममम ह्म्‍म्म्ममममम और चूसो उम्म्म्ममम अहह, दूसरा वाला भी चूसो ना प्लीज़ ह्म्‍म्म्ममम.

फिर वो 20 मिनट तक मेरी चाची के बूब्स चूस रहा था, अब मेरी चाची पलंग को पकड़कर तड़प रही थी. अब उनके बगल में उगे बाल से रमेश बहुत आकर्षित हुआ. फिर वो मेरी चाची की बगल को चाटने लगा, (गावं के मदों को चूत और बगल में उगे बालो वाली औरते बहुत पसंद आती है) अब चाची बस आँख बंद करके आहें भरती रही. फिर वो मेरी चाची की कमर को चूमने लगा और अपने गाल से उनकी कमर को सहलाने लगा. फिर वो अपनी जीभ मेरी चाची की नाभि में डालकर उन्हें सहलाने लगा तो अब मेरी चाची पूरी उत्तेजना में पागल हुए जा रही थी, अब वो अपना सर इधर उधर कर रही थी. उसके बाद वो मेरी चाची की चूत को चूमने लगा और 15 मिनट तक मेरी चाची की चूत चाटता रहा.

चाची – अहह बहुत अच्छा लग रहा है रमेश, अहह पहली बार में अपनी चूत चटवा रही हूँ अहह ह्म्‍म्म्ममममम उफफफफफफफफफफ्फ़.

फिर वो मेरी चाची की जाँघो को चूमने लगा. फिर वो मेरी चाची के दोनों तलवो को बारी-बारी से चूमने लगा और उनके पैरों की उंगलियों को अपने मुँह में लेकर चूमने लगा. अब मेरी चाची खुशी के मारे पागल हुए जा रही थी, आईईईई. फिर उसने मेरी चाची की जाँघो को खोल दिया और उसके बीच में आ गया और अपने लंड को उनकी चूत के ऊपर रगडने लगा तो फिर मेरी चाची उठी और उसके लंड को अपने मुँह में लेकर 5 मिनट तक चूसती रही और वो मेरी चाची की गांड को सहलाने लगा. फिर जब उन्होंने उसके लंड को अपने मुँह से निकाला तो वो पूरी गीली और चमकदार हो गई थी.

चाची – रमेश प्लीज़ धीरे डालना, तुम्हारा काफ़ी बड़ा और मोटा है और मेरे पति का तुमसे काफी छोटा था, उनका सिर्फ़ 4 इंच का था.

रमेश – अगर तुम्हें दर्द हो तो बता देना में नहीं करूँगा, में तुम्हें दर्द नहीं देना चाहता हूँ.

यह कहकर उसने अपना लंड मेरी चाची की चूत में रखकर धीरे-धीरे अंदर डालने लगा. अब चाची को हल्का सा दर्द हो रहा था, लेकिन वो कुछ नहीं कह रही थी. अब उसका 5 इंच लंड अंदर जा चुका था, लेकिन उसके बाद डालते वक्त चाची काफ़ी चिल्ला रही थी.

चाची – उहह में मर गईईई, कितना बाहर है?

वो – 3 इंच.

चाची – प्लीज़, एक बार में ही डाल दो.

वो – लेकिन तुम्हें काफ़ी दर्द होगा.

चाची – प्लीज़ डाल दो, में सह लूँगी.

फिर वो मेरी चाची के ऊपर लेट गया और उनके होंठो को अपने होंठ में दबाकर चूसने लगा. फिर उसने अपनी कमर को थोड़ा पीछे करके एक झटका दिया और अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया. अब मेरी चाची चिल्लाना चाहती थी, लेकिन उसने अपने होंठ से उनके होंठ को दबा रखा था. फिर 5 मिनट तक वो दोनों ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को चूमते रहे. फिर जब मेरी चाची का दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा. फिर चाची ने उसे अपने गले से लगा लिया और अपनी टांगो को उसकी कमर से लपेट लिया और आहें भरने लगी.

चाची – अह ह्म्‍म्म्मम उहह रमेश हहह्ह्ह धीरे उहह.

फिर वो मेरी चाची के सीने से लिपटकर उन्हें धक्के लगा रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद चाची भी पूरी तरह से उत्तेजित होकर उसका साथ दे रही थी. फिर उन्होंने अपना एक बूब्स रमेश के मुँह में डाल दिया, जिससे वो और भी तेज धक्के देने लगा. फिर लगभग 5 मिनट के बाद ही चाची चिल्ला उठी, में गई रमेश अहहह और वो झड़ चुकी थी, लेकिन रमेश उनके बूब्स पीते हुए ताबड़तोड़ धक्के दे रहा था, अब वो 15 मिनट तक वैसे ही चोदता रहा, इस बीच चाची एक बार और झड़ चुकी थी. फिर उसने मेरी चाची को घोड़ी बनने को कहा तो मेरी चाची घोड़ी बन गई. फिर वो पीछे से मेरी चाची को चोदने लगा, अब वो मेरी चाची के कंधो पर हाथ रखकर उन्हें चोद रहा था.

फिर 10 मिनट के बाद मेरी चाची ने उसे रुकने को बोला और उसके लंड को बाहर निकाल कर उसकी गोद में बैठ गई और उसके लंड को फिर से अपनी चूत में डालकर चुदने लगी. अब वो मेरी चाची को अपनी गोद में बैठाकर उनके बूब्स पीते हुए चोदता रहा, तभी मेरी चाची ने अपनी चूत का पानी उसके लंड पर निकाल दिया. फिर मेरी चाची ने उससे पूछा कि तुम कब झड़ोगे? तो वो बोला कि पता नहीं. फिर थोड़ी देर के बाद मेरी चाची उठी और दरवाज़े से चिपक कर खड़ी हो गई और वो अपनी दोनों टाँगे खोलकर उसे उंगली दिखाकर अपनी तरफ़ बुलाने लगी. फिर वो आया और उसने अपना लंड मेरी चाची की चूत में डालकर उनसे चिपक कर उन्हें चोदने लगा. अब लगभग 15 मिनट के बाद उसकी स्पीड काफ़ी बड़ गई थी, अब में समझ चुका था कि वो झड़ने वाला है.

फिर चाची उसे अपनी बाँहों में लेकर उसे प्यार करने लगी थी. तभी वो जोर-ज़ोर से झटके देकर झड़ने लगा, अब जब वो पूरी तरह से झड़ चुका था और तभी वो मेरी चाची की बाहों में लिपट कर हाँफने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद उसका लंड अपने आप ही मेरी चाची की चूत से बाहर आ गया और पूरा गीला होकर लटकने लगा. फिर मेरी चाची ने उससे कहा कि तुम जाकर सो जाओ में टायलेट करके आती हूँ, अब उनकी चूत से उसका वीर्य बहकर बाहर निकल रहा था.

फिर मेरी चाची झोपड़ी से बाहर आई और एक पानी की बोतल लेकर वो एक झाड़ी के पीछे जाकर पेशाब करने बैठ गई और खुद से ही बातें करने लगी.

चाची – अहह रमेश आई लव यू तुमने मेरी जन्मों की प्यास बुझा दी, आई लव यू में तुम्हें इतना प्यार दूँगी कि तुम मेरे बिना रह नहीं पाओंगे. उसके बाद वो उठी और अपनी चूत और जाँघ साफ करके झोपड़ी में आ गई और लालटेन की रोशनी को थोड़ा कम करके बिस्तर में घुस गई. फिर रमेश मेरी चाची की बाहों में लिपट गया और मेरी चाची भी उसे प्यार करती हुई सो गई और उसके दो मिनट के बाद में भी वहाँ से अपने घर आ गया

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दुखी चची को चोदके माँ बनाया चाचा की मर्जी से – Dukhi Chachi Ko Chodke Maa Banaya Chacha Ki Marji Se | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/dukhi-chachi-ko-chodke-maa-banaya-chacha-ki-marji-se/ Thu, 30 May 2019 16:05:04 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5576 [...]]]> Chachi ki chudai, chacha ki marji se chachi ki chudai, aunty ko choda, desi aunty ki chudai, hindi sex story, antarvasna, otelsan.ru

हेलो दोस्तों मैं हूँ राहुल, महाराष्ट्र से । आपको otelsan.ru पे स्वागत करता हूँ और आज आपको मेरे कहानी बताने जा रहा हूँ । मैं एक स्टूडेंट हूँ ुर साथ ही साथ अपना पापा की दुकान भी चला लेता हूँ । मुझे हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने में बहत दिलचस हे ।
यह घटना मेरी और मेरी चाची के बीच में हुए सेक्स की है जिसमें मैंने उनको चोदकर बहुत मज़े किए। दोस्तों वो मेरी असली चाची नहीं है, वो तो हमारे घर पर किराए से रहती है। मेरी चाची का मनीषा है उनके फिगर का साईज 34 -28 -36 है और वो एक ग्रहणी है और उनके पति खुद का अपना एक बिजनेस करते है इसलिए वो अक्सर सुबह 10 बजे घर से निकल जाते और रात को हमेशा ज्यादा देरी से आते थे और उनकी अब तक कोई औलाद भी नहीं थी। दोस्तों यह घटना आज से एक साल पहले की है, जब मेरी मम्मी, पापा एक सप्ताह के लिए शादी में बाहर गये हुए थे, तो मुझे अब मेरी गहनों की दुकान पर बैठना था इसलिए मेरी मम्मी ने मुझे अपनी चाची के यहाँ पर खाना खाने के लिए कहा और फिर मैंने भी उन्हें हाँ कह दिया और मम्मी ने चाची को भी मुझे खाना खिलाने के लिए बोल दिया था। अब में अपने घर वालों के चले जाने के बाद अपनी दुकान को जल्दी सुबह खोल लेता और दोपहर को करीब 12 बजे बंद कर देता और फिर में खाना खाने अपने घर पर चला जाता उसके बाद में घर पर कुछ घंटे आराम करने के बाद शाम को करीब 4:00 बजे अपनी दुकान फिर से खोल लेता था। एक दिन मैंने दुकान को बंद किया और घर पर चला गया। सबसे पहले में चाची के यहाँ पर गया और वहां पर मैंने खाना खाया और फिर अपने कमरे में चला गया। उसके बाद में एक ब्लूफिल्म की सीडी चलाकर पूरा नंगा होकर बैठकर देखने लगा। तभी दरवाजे पर किसी के खटखटाने की आवाज आने लगी तो मैंने जल्दी से टी-शर्ट पहनी और टावल लगाकर दरवाजा खोलने चला गया और फिर मैंने देखा कि सामने चाची खड़ी हुई थी और मैंने उनसे पूछा..

में : क्या हुआ चाची?

चाची : कुछ नहीं बस वो मुझे तुम्हारे बाथरूम में अपने कपड़े धोने थे, मेरे बाथरूम का नल खराब हो गया है, उससे अब अचानक ही पानी आना बिल्कुल ही बंद हो गया है।

में : हाँ प्लीज आप अंदर आ जाइए ना।

चाची : धन्यवाद राहुल।

में : उसमे धन्यवाद कैसा चाची?

फिर चाची अंदर आई और मेरे बेडरूम से जुड़े हुए बाथरूम में वो अंदर चली गयी और में किचन में पानी पीने चला गया और जैसे ही मैंने पानी पीने के लिए गिलास को अपने हाथ में उठाया तो मुझे याद आया कि मैंने तो ब्लूफिल्म को बंद ही नहीं किया है। फिर में तुरंत दौड़कर अपने रूम में गया तो मैंने देखा कि टीवी पहले से ही बंद है और चाची बैठी हुई अपने कपड़े धो रही है, वो सब देखकर मेरी जान में जान आ गई, लेकिन दोस्तों मुझे यह बात बिल्कुल भी याद ही नहीं आ रही थी कि मैंने बाहर आने से पहले टीवी को कब बंद किया था और अगर मैंने टीवी को बंद नहीं किया तो क्या चाची ने उसे बंद किया था? फिर कुछ देर बाद चाची अपने कपड़े धोकर चली गयी और में अपनी दुकान पर चला गया। फिर जब में रात को अपने घर पर आया और हाथ मुहं धोकर सीधा अपनी चाची के घर पर चला गया और में जाकर सोफे पर बैठ गया तो मैंने देखा कि उस समय चाची किचन में खाना बना रही थी। फिर मैंने टीवी को चालू किया और देखने लगा। फिर थोड़ी ही देर बाद चाची अपना काम खत्म करके वहां पर आ गई और मैंने जब चाची को देखा तो में देखता ही रह गया, वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी? उन्होंने लाल, पीले कलर की साड़ी, बिना बाँह और पीछे से पूरा खुला हुआ ब्लाउज पहना हुआ था। उस ब्लाउज में से उनके आधे बूब्स बाहर लटके हुए मुझे दिखाई दे रहे थे और में उन्हें घूर घूरकर लगातार देखे ही जा रहा था तभी चाची ने मुझसे कहा..

चाची : क्यों ऐसा क्या देख रहे हो राहुल?

में : जी कुछ नहीं चाची।

चाची : सच बोलो राहुल में तुमसे कुछ नहीं कहूँगी।

में : वो चाची आप आज बहुत ही सुंदर दिख रही हो।

चाची : मुझसे ऐसा मज़ाक मत करो राहुल।

में : नहीं चाची में आपसे बिल्कुल सच सच कह रहा हूँ, आप आज बहुत ही सुंदर सेक्सी दिख रही हो।

चाची : शरमाते हुए, क्या में सच में इतनी अच्छी लगती हूँ?

में : हाँ क्या आपको कभी चाचा ने नहीं कहा?

चाची : उनके पास टाईम कहाँ है मेरी तारीफ करने के लिये।

चाची : क्यों तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?

में : जी नहीं, और इतना कहकर मैंने थोड़ा उदास सा चेहरा बना लिया।

चाची : इसमे नाराज़ होने वाली क्या बात है? आज नहीं तो कल कोई ना कोई तुम्हारी भी गर्लफ्रेंड बन ही जाएगी, चलो अब हम खाना खाते है क्योंकि जब तक टाईम 9:30 बजे चुके थे। फिर हम खाना खाने बैठे ही थे कि चाचा आ गये तो चाची ने उनसे पूछा..

चाची : क्यों आज आप जल्दी आ गए?

चाचा : वो कल सुबह मुझे जल्दी कुछ काम से दो दिनों के लिए मुंबई जाना है इसलिए में आज थोड़ा जल्दी से अपना सभी काम खत्म करके आ गया।

चाची : अरे यार, आपको तो पता है ना मुझे रात को अकेला सोने में कितना डर लगता?

चाचा : लेकिन, अब में इसका क्या कर सकता हूँ? मेरे वहां पर कल ना जाने से मुझे बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा और अगर चाहो तो तुम भी मेरे साथ चल सकती हो।

चाची : (हड़बड़ते हुए बोली) नहीं में यहीं पर रहूंगी, में राहुल को मेरे पास सोने के लिए बुला लूँगी, क्यों ठीक हाँ ना राहुल?

में : हाँ ठीक है चाची।

चाचा : ओह में तो बिल्कुल ही भूल गया कि यहाँ पर राहुल भी तो है।

में : कोई बात नहीं चाचू, अब आइये खाना खाते है।

चाचा : हाँ में अभी फ्रेश होकर आता हूँ।

फिर कुछ देर बाद चाचा फ्रेश होकर आए और वो मुझसे कहने लगे।

चाचा : राहुल कल क्या तू मुझे सुबह स्टेशन तक छोड़ने चलोगे?

में : हाँ ठीक है चाचा, में आपको स्टेशन तक छोड़ दूंगा।

फिर हम सभी ने खाना खाया और में अपने कमरे में आकर सो गया। सुबह में उठा और चाचा को स्टेशन छोड़ने उनके साथ चला गया और फिर में वहीं से अपनी दुकान पर चला गया। दोस्तों उस दिन में दोपहर को अपने घर पर नहीं गया और मैंने अपने दोस्तों के साथ बाहर ही खाना खा लिया था। फिर रात को जब में घर पर गया तो में फ्रेश होकर चाची के कमरे में चला गया, तो चाची आज मुझे और भी ज्यादा सेक्सी दिख रही थी, क्योंकि उन्होंने आज गुलाबी कलर की एक पारदर्शी मेक्सी पहन रखी थी जिसकी वजह से उनके अंडर गारमेंट भी पूरी तरह से दिख रहे थे। मुझे उनकी काली कलर की ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी भी साफ साफ दिखाई दे रही थी। फिर चाची ने आते ही मुझसे पूछा..

चाची : राहुल आज तुम दिन में खाने पर क्यों नहीं आए?

में : चाची वो आज मुझे मेरे कुछ दोस्त मिल गये थे और उन्होंने मुझसे होटल चलने को कहा तो में क्या करता? में उनके साथ चला गया और हमने वहीं पर खाना खा लिया।

चाची : अरे एक बार मुझे बता तो देना था, में कितना घबरा गई थी।

में : प्लीज मुझे माफ़ करना चाची।

चाची : चलो खाना तैयार है चलो खा लो।

में : हाँ ठीक है।

फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और कुछ देर टीवी देखने के बाद हम सोने की तैयारी करने लगे, लेकिन दोस्तों मुझे आज मेरी चाची में मेरे लिए बहुत बदलाव नज़र आ रहा था, क्योंकि वो सोने के लिए इतना बैताब थी कि में तो बिल्कुल हैरान रह गया और मन ही मन सोचने लगा कि क्या चाची कई दिनों से सोई नहीं है? फिर हम सोने उनके बेडरूम में चले गये तो मैंने उनसे कहा।

में : चाची में बाहर सोफे पर सो जाता हूँ।

चाची : अरे नहीं मुझे अकेले सोने में बहुत डर लगता है, इसलिए तो मैंने तुम्हे अपने पास सोने बुलाया है, प्लीज यहीं पर सो जाओ।

में : हाँ ठीक है चाची, आप कहती है तो में यहीं पर सो जाता हूँ।

दोस्तों अब में और चाची एक ही बेड पर लेट गए उन्होंने लाईट को बंद कर दिया, लेकिन मुझे बहुत देर तक भी नींद नहीं आ रही थी और तब तक शायद चाची सो गई थी। फिर कुछ देर बाद मुझे प्यास लगी तो में उठकर पानी पीने चला गया और जब में लौटकर वापस आया तो मैंने देखा कि चाची की मेक्सी उनके पैर ऊपर करने की वजह से उनकी कमर तक उठ गई है और अब वो सब देखकर मेरे अंदर का शैतान जाग गया, लेकिन अभी तक मेरे मन में चाची के बारे में एसी कोई भी गलत बात नहीं थी। में चुपचाप जाकर चाची के पास में लेट गया और मैंने देखा कि चाची बहुत गहरी नींद में सो रही थी और फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि क्यों ना इस बात का फायदा उठाया जाए? मैंने अपना एक हाथ चाची की जाँघो पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा। तभी चाची थोड़ा सा हिलने लगी और में डर गया, लेकिन वो अब बिल्कुल सीधी होकर सो गई। में अब उनकी नाभि से खेलने लगा और वो अब भी सो रही थी। में इसके आगे कुछ करने की हिम्मत ही नहीं कर सका और सो गया। फिर में सुबह उठा तो तब तक 9:00 बज चुके थे और मुझे दुकान पर जाने के लिए देरी हो रही थी। में उठा और बाथरूम में जाकर जल्दी से फ्रेश होकर बाहर आ गया। चाची उस समय मेरे लिए किचन में नाश्ता तैयार कर रही थी तो मैंने चाची को गुड मॉर्निंग बोला। फिर चाची ने मुझसे पूछा कि क्यों कल रात को नींद नहीं आई? तो में उनकी यह बात सुनकर बहुत डर गया, मुझे लगा कि शायद चाची को कल रात को मेरी सभी हरकतों के बारे में पता चल गया तो मैंने उनसे कहा..

में : (बहुत घबराते हुए) क्यों कल रात को ऐसा क्या हुआ चाची?

चाची : अरे तुम देर से उठे इसलिए मैंने यह सब पूछा।

में : नहीं चाची, ऐसी कोई बात नहीं है।

चाची : अच्छा अब जल्दी से नाश्ता करके जाओ।

में : हाँ, ठीक है चाची।

फिर हमने नाश्ता किया और में जल्दी से अपनी दुकान पर चला गया। दोपहर हुई और में अपने घर पर खाना खाने आ गया, तो मैंने देखा कि चाची ने वही कल रात वाली जालीदार मेक्सी उस समय पहनी हुई थी और में उन्हें कुछ देर तक लगातार देखता रहा। फिर हमने साथ में बैठकर खाना खाया और बातें करने लगे और तभी चाची ने मुझसे कहा।

चाची : अरे अब तो कोई गर्लफ्रेंड बना ले कब तक ऐसे ही घूमता रहेगा।

में : क्या मतलब में कुछ नहीं समझा?

चाची : अरे अब मुझे ही सब बताना पड़ेगा क्या?

में : (थोड़ा हड़बड़ते हुए बोला) क्यों ऐसा क्या हुआ चाची?

चाची : अरे तू वो सब कुछ देखता है जो काम तुझे इस उम्र में करना चाहिए?

में : में कुछ समझा नहीं चाची, में ऐसा क्या देखता हूँ?

चाची : अब ज्यादा भोला मत बन, में वो सब जानती हूँ।

में : क्या चाची, आप क्या जानती है?

चाची : कल जब में घर पर कपड़े धोने आई थी तो तू टीवी पर वो सब क्या देख रहा था?

दोस्तों में उनकी यह बात सुनकर वो सब सोचने लगा तो मेरी वो बात याद करके हवा टाईट हो गई और मुझे याद आया कि मैंने तो कल टीवी पर ब्लूफिल्म लगाई थी और चाची ने ही वो सब देखकर टीवी को बंद कर दिया था।

में : (बहुत डरते हुए बोला) चाची प्लीज आप मम्मी को वो सब कुछ मत बताना प्लीज।

चाची : (मुस्कुराते हुए बोली) अरे पागल में भला मम्मी को क्यों बताउंगी, लेकिन तुझे भी मेरा एक काम करना होगा।

में : हाँ में आपके वो सब काम जरुर करूँगा जो भी आप मुझसे कहोगी, लेकिन मम्मी को मत बताना।

चाची : अरे नहीं, कहा ना में नहीं बताउंगी।

में : आपको बहुत धन्यवाद चाची।

चाची : ठीक है।

में : बताओ अब मुझे क्या करना है?

चाची : वही सब जो कल उस वीडियो में हो रहा था।

में : क्या, लेकिन किसके साथ?

चाची : किसके साथ का क्या मतलब? मेरे साथ और किसके साथ, में बोल रही हूँ तो मतलब कि मेरे साथ ही करोगे ना, मेरे अलावा यहाँ पर तुम्हारे साथ और कौन है जिसके साथ तुम यह सब करोगे?

में : मगर चाची में आपके साथ ऐसा कैसा कर सकता हूँ?

चाची : अगर, मगर में कुछ नहीं जानती, अगर तुमने मेरा कहा काम नहीं किया तो में तुम्हारी मम्मी को वो सभी बातें बता दूँगी जिसको में तुम्हारे कहने पर छुपा रही हूँ।

दोस्तों में बहुत डर गया क्योंकि अब मेरी चाची सीधे सीधे मुझे ब्लेकमेल कर रही थी और में भी क्या करता? क्योंकि मेरे पास कोई बचने का रास्ता भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए मैंने तुरंत उनसे हाँ कह दिया और अब हम दोनों चाची के बेडरूम में चले गये। वहां पर जाते ही चाची मुझे किस करने लगी और उन्होंने मुझे धीरे से धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। हमने करीब दस मिनट तक एक दूसरे को किस किया जिसकी वजह से में बहुत गरम हो चुका था। फिर मैंने जोश में आकर चाची को अपने ऊपर से हटा दिया और मैंने तुरंत उनकी मेक्सी को उतार दिया, दोस्तों उन्हे मैंने आज पहली बार ब्रा, पेंटी में देखा था और यह मेरा पहला सेक्स होने की वजह से मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। में उस समय बहुत जोश में था और मेरे अंदर का शैतान अब तक जाग चुका था। अब मैंने चाची से कहा कि मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है। मेरी यह बात सुनकर चाची ने झट से मेरी पेंट को उतार दिया और पेंट में इलास्टिक लगा होने की वजह से उसके साथ साथ मेरी अंडरवियर भी उतर गई। अब चाची ने मेरा 7 इंच का लंबा मोटा लंड देखते ही तुरंत उसे अपने मुहं में ले लिया और जैसे छोटे बच्चे लोलीपोप चूसते है वैसे ही वो मेरा लंड चूसने लगी। दोस्तों यह मेरा पहला अनुभव था जब कोई औरत मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़कर धीरे धीरे चूस रही थी। में उस समय बहुत जोश में था इसलिए में जल्दी ही उनके मुहं में झड़ गया और उन्होंने मेरा पूरा वीर्य पी लिया और मेरे लंड को चाट चाटकर पूरा साफ किया, अब मुझसे कहने लगी..

चाची : वाह राहुल मज़ा आ गया, लेकिन तुम्हारा लंड तो तुम्हारे चाचा से भी बड़ा है।

में : क्या सच में चाची?

चाची : हाँ, में तुमसे बिल्कुल सच कह रही हूँ।

फिर इतना कहकर वो हंसने लगी और मैंने अब चाची की ब्रा को उतार दिया और में उनके बूब्स चूसने, दबाने लगा और मैंने अपनी शर्ट भी अब उतार दिया। फिर उन्होंने अपनी पेंटी को भी तुरंत उतार दिया फिर मैंने चाची से कहा कि अब हम थोड़ा जल्दी करते है, क्योंकि मुझे दुकान भी खोलनी है नहीं तो दुकान पर जो लड़का काम करता है वो पापा को फोन कर देगा और मेरे देरी से पहुंचने की बात पापा को पता चल जाएगी। फिर चाची ने कहा कि ठीक है और मैंने चाची को बेड के एक साईड में लेटा दिया और मैंने उनके दोनों पैर अपने कंधो पर रख लिए। यह सब देखकर चाची मुझसे बोली कि तुम तो आज पहली बार सेक्स कर रहे हो तो तुम्हे सेक्स करने की यह सभी पोज़िशन कैसे पता है? तो मैंने कहा कि यह तो मैंने ब्लूफिल्म में बहुत बार देखा है और अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए चाची की खुली हुई चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया और एक ज़ोर का झटका मारा। मेरे इस झटके की वजह से मेरा आधा लंड चाची की चूत में फिसलता हुआ बिना किसी रुकावट के चला गया, लेकिन उन्हे बहुत दर्द हुआ और उनके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी, क्योंकि चाचा का लंड इतना मोटा नहीं था। फिर मैंने उनकी कमर पर अपनी पकड़ को और भी ज्यादा मजबूत करते हुये एक और ज़ोर का झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और अब मैंने महसूस किया कि वो उस दर्द से तड़पने लगी थी। मेरा लंड उनकी बच्चेदानी से टकरा रहा था और वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी, लेकिन सभी खिड़की दरवाजे बंद होने की वजह से हमें किसी बात का कोई डर नहीं था। अब वो थोड़ी तक दर्द से करारहती रही और में उसके बूब्स को सहलाता रहा। फिर कुछ देर बाद जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया।

अब वो भी अपनी गांड को थोड़ा ऊपर नीचे करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी और मुझसे कहने लगी हाँ थोड़ा और अंदर जाने दो उह्ह्हह्ह आह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे आईईईईई तुम्हारे अंकल के पास मेरी चूत को शांत करने के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है, लेकिन अब तुम मुझे मिल गए हो स्सीईईईई में अपनी चुदाई तुमसे हर दिन करवाउंगी उह्ह्ह्ह जाने दो पूरा अंदर, वाह मज़ा आ गया। दोस्तों में उनके मुहं से यह सभी बातें सुनकर अब और भी जोश में आ गया था और मैंने अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बड़ा दिया था, लेकिन अब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। फिर में भी अब झड़ने वाला था इसलिए मैंने चाची से पूछा कि में झड़ने वाला हूँ बोलो अब में क्या करूं? तो चाची ने कहा कि तुम मेरे अंदर ही झड़ जाओ आआहह उफफ्फ्फ्फ़ में तुम्हारे इस गरम गरम लावे को अपने अंदर लेकर इसे महसूस करना चाहती हूँ आईईईइ हाँ डाल दो पूरा मेरे अंदर, प्लीज अब जल्दी से डाल दो।

फिर में कुछ देर धक्के देने के बाद उनकी प्यासी, तड़पती हुई चूत के अंदर ही झड़ गया और मुझे उनके चेहरे पर एक संतुष्टि की चमक दिखने लगी, वो अब बिल्कुल निढाल होकर पड़ी रही और में भी थककर उनके ऊपर ही लेट गया और उन्हें किस करने लगा। फिर में करीब दस मिनट के बाद उनके ऊपर से उठा और मैंने टाईम देखा 3:40 हो रहे थे और मुझे 4:00 बजे तक अपनी दुकान पर जाना था। फिर में तुरंत बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और जब वापस बाथरूम से बाहर आया तो मैंने देखा कि चाची अभी भी वहीं पर पूरी नंगी सो रही है, शायद उनकी नींद लग गई थी। फिर मैंने उन्हे सीधे लेटा दिया और उनको एक किस करके दुकान पर चला गया। रात को जब में अपने घर पर आया तो मैंने देखा कि चाची बड़ी खुश लग रही थी और मुझे उनके चेहरे पर एक अजीब सी संतुष्टि की चमक नजर आ रही थी। फिर मैंने अंदर आकर जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और चाची को एक किस कर दिया और फिर हम खाना खाने बैठ गये, खाना खाने के बाद हम दोनों एक साथ बिल्कुल चिपककर बैठकर टीवी देख रहे। तभी चाची मुझसे बोली कि राहुल एक ब्लूफिल्म की सीडी ले आओ ना प्लीज, मुझे भी आज वो सब दिखा दो। फिर में वहां से उठकर दूसरे कमरे में चला गया और एक सीडी लेकर आ गया, तो मैंने कमरे में आकर देखा कि चाची अब पूरी नंगी होकर मेरा इंतजार कर रही थी और मैंने कहा कि चाची यह क्या आप तो अभी से तैयार होकर बैठी हो? तो चाची ने कहा कि अब क्या इन कपड़ो को उतारने में अपना समय खराब करना है? फिर मैंने सीडी लगाई और दोबारा चाची के पास जाकर बैठ गया। मैंने भी अब तक अपने सभी कपड़े उतार दिए थे और में अब चाची के बूब्स से खेल रहा था और चाची मेरे लंड से। फिर कुछ देर बाद चाची ने मुझसे कहा कि जैसे वो लड़का उस लड़की को चोद रहा है वैसे ही तुम भी आज मुझे चोदो। दोस्तों उस फिल्म में एक लड़का उस लड़की को डॉगी स्टाइल में बैठाकर चोद रहा था, फिर मैंने भी चाची को उसी स्टाइल में बैठने को कहा वो तुरंत मेरी कही बातें मानने लगी और फिर मैंने एक ही ज़ोर के धक्के के साथ अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से चाची सिसकियाँ ले रही थी आहहह्ह्ह्हह स्स्सीईईईई हाँ राहुल थोड़ा और ज़ोर से चोदो आईईईईइ उफ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और ज़ोर से धक्का दो, जाने दो पूरा अंदर, डाल दो उह्ह्ह्हह्ह हाँ आह्ह्ह्ह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है।

दोस्तों अब मैंने अपनी धक्के देने की स्पीड को पहले से भी तेज कर दिया था। अब में और भी जोश में आकर उन्हें चोदने लगा और 10-15 मिनट ताबड़तोड़ धक्के देने के बाद में चाची की चूत में झड़ गया और थोड़ा पीछे हटकर लंड को बाहर निकालकर वहीं पर उनके पास में लेट गया, लेकिन अभी भी चाची की कामुकता शांत नहीं हुई थी। उन्होंने जल्दी से उठकर मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी। फिर मैंने कहा कि चाची अब क्या कर रही हो, बस अब हम सो जाते है? चाची ने कहा कि अभी तो तुम्हे मेरी गांड भी मारनी है। फिर मैंने कहा कि नहीं, में अब बहुत थक चुका हूँ चाची, तो चाची ने कहा कि ठीक है तुम मत मारो मेरी गांड, में तुम्हारी मम्मी को बता दूँगी कि तुम क्या क्या देखते हो? अब में तुरंत उनसे बोला कि नहीं चाची, प्लीज ऐसा मत करना, तो चाची ने मुझसे पूछा कि क्यों मारोगे ना मेरी गांड? मैंने अपना सर हिलाकर उन्हें हाँ कह दिया और तब तक मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो चुका था। अब में नीचे लेट गया और मैंने चाची को अपने ऊपर बैठा लिया और अपना लंड उनकी गांड पर सेट किया और एक ज़ोर का धक्का मार दिया तो चाची उस दर्द से चीख पड़ी और उन्होंने मुझसे अपने लंड को बाहर निकालने के लिए कहा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया और अब मैंने एक और झटका मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनकी गांड में चला गया। फिर चाची एकदम से छटपटा उठी और मुझसे लंड को बाहर निकालने के लिए कहने लगी। फिर मैंने उनकी एक भी बात नहीं सुनी और में लगातार धक्के देकर उन्हें चोदता रहा, थोड़ी देर बाद चाची भी मस्ती में कूद कूदकर मुझसे चुदवा रही थी। दोस्तों करीब 30 मिनट के बाद में चाची की गांड में झड़ गया और चाची भी मेरे ऊपर ही लेट गई। फिर कुछ देर बाद मेरा लंड चाची की गांड से छोटा होकर बाहर आ गया और हम ऐसे ही सो गये। फिर में सुबह उठा। उस दिन रविवार था और हमने चाचा के आने के पहले एक बार फिर से सेक्स करने के बारे में सोचा, लेकिन तभी घंटी बजी और चाची ने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर चाचा आ चुके थे। में उन्हें देखकर एकदम से उदास हो गया, लेकिन मुझे पता नहीं चाची इतना खुश क्यों लग रही थी और फिर चाची चाचा को देखकर हंस रही थी और चाचा मुझे देखकर हंस रहे थे और में उन दोनों के इस तरह मुझे देखकर हंसने के बारे में कुछ समझ नहीं पाया। मैंने चाचा से पूछा कि चाचा आप इस तरह से मुझे देखकर हंस क्यों रहे है तो चाचा ने कहा..

चाचा : क्यों अपनी चाची को चोदकर मज़ा आया?

दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गया और में मन ही मन अब यह सोचने लगा कि चाचा को यह सब कैसे पता चला गया और उन्हें पता चल भी गया तो यह हंस क्यों रहे है? तभी चाची पानी लेकर आई और चाचा को देते हुए जो शब्द वो उनसे बोली वो सब सुनकर मेरी तो गांड ही फट गई और मेरे पैरों से पूरी धरती सरक गई।

चाची : तुम्हे नहीं पता राहुल तो बहुत बड़ा चुदक्कड़ है और यह बहुत ही अच्छी तरह से चोदता है इसने मुझे भी अपनी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट कर दिया है और फिर दोस्तों वो इतना कहकर दोबारा से ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और चाचा भी उनको देखकर हंस रहे थे, लेकिन में एकदम सुन्न पड़ गया था। तभी चाचा मेरे पास आए और उन्होंने मुझसे कहा कि अरे तुम इतना शांत क्यों होकर बैठे हो? अच्छा तो तुम कुछ समझ नहीं पा रहे हो, तो चलो में तुम्हे पूरी बात थोड़ा विस्तार से बताता हूँ जिससे तुम्हे खुद ही समझ में आ जाएगा। अब पूरी बात थोड़ा ध्यान से सुनो..

चाचा : तुम यह बात बहुत अच्छी तरह से जानते हो कि अब तक हमारी कोई औलाद नहीं है इसलिए हमने कई अच्छे बड़े बड़े डॉक्टर को दिखाया, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ और अब हमारे पास एक सिर्फ यही उपाय था, जो कल रात को तुम्हारे साथ एकदम सफल हुआ और उसमे तुमने हमारी पूरी पूरी मदद की है उसके लिए तुम्हे बहुत बहुत धन्यवाद।

दोस्तों में अब कुछ नहीं बोला मुझे तो जैसे कोई सांप सूंघ गया था। तभी चाची ने मुझसे कहा कि चलो अब हम जल्दी से नाश्ता कर लेते है, क्योंकि इसके बाद हमे एक बार और जो करना है। दोस्तों में तो उनकी यह बात सुनकर एकदम से झटका खा गया था कि चाची, चाचा के सामने मुझे सेक्स के लिए खुला निमंत्रण दे रही थी और अब में भी खुल गया और में उनसे बोला कि हाँ ठीक है चलो जो हुआ वो हुआ। फिर उसके बाद हमने नाश्ता किया। मैंने अपनी चाची के साथ एक बार फिर से उनकी चुदाई भी की और उसके कुछ घंटो बाद मैंने और चाचा ने दोनों ने चाची को एक साथ चोदा और बहुत मज़े किए। अब चाची मेरे एक बच्चे की माँ है और वो एक लड़का है उसका नाम भी मेरे नाम पर रखा गया है ।।

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टूशन टीचर को मैदान में चोद लिया – Tution Teacher Ko Maidan Me Chod Liya | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/tution-teacher-ko-maidan-me-chod-liya/ Thu, 16 May 2019 11:40:27 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5504 [...]]]> हेलो दोस्तों, मैं अनिल हूँ, उम्र २३ साल । बढ़ती जबानी के साथ मुझे चुदाई करने का बहत सूखे इसीलिए में otelsan.ru पे कहानी पढता हूँ । मुझे ज्यादा तर आंटी लोगों की चुदाई की कहानी बहत पसंद हे । ऐसे भी लड़किओं की चुदाई में तो दिलचस हे लेकिन आंटी से चोदने का मजा ही कुछ अलग हे । हार्बर मौका का तलाश में रहता हूँ किसी न किसी आंटी को पता के चोदने के लिए । ऐसे तो बहार चुत के अंदर दाल चूका हूँ अपनी लंड। फिर भी आज भी मैं तलाश करता हूँ और एक नयी आंटी । मैं सिगरेट पिता हूँ वो फिर घर से चुप के ज्यादा तर सुनसान जगाओं पे ।
दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है.. इसमें किसी भी तरह की गलती हो तो प्लीज मुझे माफ करें.. वैसे मुझे उम्मीद है कि यह मेरी आज की कहानी आप सभी को बहुत पसंद आएगी.. क्योंकि यह कहानी नहीं, मेरी एक सच्ची चुदाई की घटना है।

एक दिन मेरे छुपकर सिगरेट पीने से ऐसा ही कुछ हुआ.. उस रात को 9 बजे में सिगरेट लेकर एक ग्राउंड में चला गया। वो एक कॉलेज का ग्राउंड था और रात में वहाँ पर कोई भी नहीं आता जाता और वहाँ पर अंधेरा भी बहुत रहता है तो में वहाँ पर ग्राउंड के पास की कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग के पास जाकर बाहर खड़ा होकर सिगरेट पी रहा था और मैंने सिगरेट ख़त्म की और फिर जाने के लिये मुड़ा ही था कि तभी मुझे किसी के हंसने की आवाज़ सुनाई दी और मेरा दिमाग़ ठनका कि इस वक़्त यहाँ पर क्या हो रहा है.. शायद हो सकता है कि कुछ बाहर के लड़के जुआ खेल रहे होंगे लेकिन फिर किसी लड़की की भी हंसने की आवाज़ आई और मुझे समझते देर नहीं लगी कि यहाँ पर चुदाई का प्रोग्राम चल रहा है और में तुरंत दबे पैर उस तरफ बढ़ा तो मैंने वहाँ पर देखा कि दो लड़के मोबाईल की टॉर्च जलाकर एक लड़की के साथ थे और वो उस लड़की को नंगी कर चुके थे और वो एक दूसरे से बहस कर रहे थे कि लेटाकर कैसे होगा.. यहाँ पर बहुत कंकड़ है और यह बड़े घर की लड़की है बिस्तर पर लेटने वाली तो दूसरा बोला कि अरे तो क्या हुआ चुदवाते वक़्त कंकड़ बिस्तर से ज़्यादा मज़ा देगा और वैसे भी कौन सा यह पहली बार यहाँ पर चुद रही है।

फिर मैंने सोचा कि अगर में अभी बीच में गया तो गड़बड़ ना हो जाए या यह कोई हथियार लिए हुए तो में क्या करूंगा? और फिर में थोड़ी देर वहीं पर रुका रहा। फिर उन लड़को ने अपने अपने कपड़े उतार कर ज़मीन पर बिछाए और उस पर लड़की को लेटाया और उनमे से एक लड़का उसके ऊपर लेटकर चूमने, चाटने लगा और बूब्स को दबाने लगा तो दूसरा बोला कि साले यहाँ पर इतना रोमांस मत कर.. जल्दी से चोदना शुरू कर.. क्योंकि फिर इसको घर भी छोड़ना पड़ेगा और कोचिंग तो कब की ख़त्म हो गई है तो में समझ गया कि यह लड़के अपनी क्लास की किसी लड़की को फंसाकर कोचिंग से चोदने के लिए लाए है और मैंने सोचा कि मेरी आज की चुदाई का इंतज़ाम हो गया और वैसे में नई लड़कियों को नहीं चोदता.. क्योंकि उन्हे चुदाई का ज्यादा अनुभव नहीं होता और वो चुदने में बहुत नाटक भी करती है लेकिन जब मुझे बहुत दिनों से कोई चूत मिल ही नहीं रही थी तो भला में क्यों जाने देता.. फिर मैंने थोड़ा इंतजार किया और देखने लगा और उस लड़की की बातें सुनकर मुझे लग रहा था कि जैसे वो लड़की इस जगह पर इन लड़को के साथ कई बार चुदवा चुकी है और दूर से उनकी आवाज सुनकर लगता था कि वो लड़की उन लड़को से उम्र में बड़ी लग रही थी और उस लड़के ने जो उसके ऊपर लेटा हुआ था.. उसने चोदना शुरू कर दिया था और जबकी दूसरा खड़ा होकर अपना लंड हिला रहा था.. वो लड़की हाँ और ज़ोर से चोदो सालो और चोदो हाँ चोदो आह्ह्ह्ह उह्ह्ह तो दूसरा लड़का बोला कि हरामी जल्दी से चोद वरना मेरा निकल जाएगा.. उस लड़के ने जल्दी जल्दी चोदा और उठ गया और जब दूसरे ने अंदर लंड डाल दिया तो मैंने सोचा कि अब जाना सही है.. क्योंकि जो एक बार चोद चुका है वो तो थक गया होगा.. अगर लड़ाई की नौबत आई तो मुक़ाबला हो जाएगा। तो मैंने एकदम से दौड़कर उनके पास जाकर बोला क्यों यह क्या हो रहा है तो जो एक लड़का खड़ा था वो भाग गया और वो दूसरा लड़का और लड़की अपने आप को कपड़े से ढकने लगे और मैंने फिर से कहा कि यह यहाँ पर क्या हो रहा था और फिर वो दोनों कुछ नहीं बोले.. बस वो लड़का बोला कि मेडम कपड़े पहनकर भागो।

फिर मैंने कहा कि रूको मुझे कोई दिक्कत नहीं है और तुम लोग करो जो भी तुम्हे करना हो.. लेकिन मुझे भी एक बार हाथ धो लेने दो। तभी मेरी नज़र उस लड़की पर गई.. वो कोई 26-27 साल की लड़की थी और वो सलवार पहन चुकी थी तो मैंने उसका एक हाथ पकड़कर कहा क्यों कहाँ चली तो वो बोली कि छोड़ो मेरा हाथ.. मैंने कहा कि मेरे लंड में क्या काँटे लगे है? जो यह कह रही कि चलो.. अब मेरे भी नीचे आओ। तभी वो लड़का बोला कि मेडम मान जाओ प्लीज़.. तो मैंने पूछा कि यह कौन है तो वो लड़का बोला कि यह हमारी मेडम है और हमे कोचिंग पढ़ाती है और इतने में वो दूसरा लड़का भी आ गया तो मैंने कहा कि समझा इसे.. वरना में बताता हूँ और वैसे में उन लड़को से कदकाठी में बहुत मजबूत था तो मैंने कहा कि चलो अब जल्दी करो.. में बहुत देर से यह नाटक देख रहा हूँ और कोचिंग से यहाँ पर आकर तुम लोग यह सब करते हो.. क्यों तुम लोगों को देर हो रही है सालों.. तो वो लड़की बोली कि अच्छा ठीक है जल्दी से कर लो। फिर उन लड़को से मैंने कहा कि हरामियों भागो यहाँ से में मेडम को उनकी जगह पर छोड़ दूंगा.. वो मना करने लगे तो मैंने ज़ोर से कहा और उस लड़के ने अपने कपड़े लिए और वो दोनों वहाँ से भाग गए।

फिर उसके बाद मैंने मेडम को पकड़ा और मैंने जैसे ही उसको बाहों में भरकर उसकी गांड की तरफ हाथ ले गया तो मेरी ख़ुशी बढ़ गई.. वाह! उसकी गांड क्या चौड़ी थी। मैंने सलवार उतार दी और अंदर पेंटी तो थी नहीं.. क्योंकि उसने जल्दबाज़ी में नहीं पहनी थी और तुरंत पीछे से जाकर उसके कूल्हों को खोलकर गांड को किस किया और बोला कि मेडम तू तो मस्त गांड वाली है.. साली क्या एक से मन नहीं भरता तो दो दो लेती है। वो चुप खड़ी रही और फिर मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ डाली तो वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह आईईईईइ करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी। मैंने उसको बैठाया और कहा कि मेरी थोड़ी मदद करो.. दोनों मज़ा करते है। फिर वो बोली कि वो तो साले भाग गए और तुम तो चुदने ही आई थी। फिर मैंने उसके बूब्स को पूरी ताक़त से दबाया तो वो बोली कि थोड़ा आराम से करो ना दर्द हो रहा है.. मैंने कहा कि ठीक है और में बूब्स को सहलाने लगा और मैंने तब तक अपना लंड बाहर निकाल लिया था और मैंने उसे कहा कि इसे चूसो.. वो बिना कुछ कहे चूसने लगी लेकिन वो पक्की खिलाड़ी लग रही थी.. मैंने उसको पूछा कि क्यों कब से चुदवा रही हो तो उसने लंड को बाहर निकाल कर कहा कि बहुत दिन हो गए.. यह दोनों ट्यूशन पड़ने आते है और मेरे सेंटर पर मैंने एक को फसाया लेकिन उसके साथ मज़ा नहीं आता था और एक दिन यह अपने साथ इसको पकड़कर लाया और में तब जोश में थी और फिर मैंने दोनों से चुदाई करवानी शुरू की और में तब से दोनों के साथ चुदाई करती हूँ तो मैंने कहा कि बढ़िया करती हो और मैंने कहा कि यह मेरा लंड कैसा है तो वो बोली कि बहुत बड़ा है और उन दोनों के लंड तो इससे बहुत छोटे है तो मैंने कहा कि हाँ छोटे बच्चो से चुदवाओगी तो छोटे लंड ही मिलेगे। मैंने उसको हटाया और उसको मस्ती से चोदने के लिए उसके नंगे जिस्म को चूमने लगा.. वो बोली जल्दी करो ना काफ़ी देर हो गई तो मैंने कहा कि इतनी देर बकवास की.. पहले ही मान जाती तो अब तक घर में होती और मैंने उसको घुटनो के बल झुकाया और उसके कूल्हों में थपकी देने लगा और सहलाने लगा.. फिर लंड को थूक से लपेटा और उसकी गांड में लंड लगा दिया तो वो बोली कि आराम से करना तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है तो मैंने कहा कि उन कमीनों ने तेरी गांड भी मारी तो तुम चुप थी.. तो उसने कुछ जवाब नहीं दिया और में बस लंड को घुसाता गया और वो ज़ोर से चिल्लाई.. आह्ह्ह्हह प्लीज थोड़ा धीरे करो। तो मैंने कहा कि वाह! बहुत टाईट है साली यह और लो.. मैंने और अंदर डाला तो वो आगे की तरफ होने लगी और मैंने उसके कंधों को पकड़कर पीछे खींचा और एक धक्का मारा.. मेरा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो अह्ह्ह्ह नहीं आहहआ उह्ह्ह नहीं में मर जाउंगी।

फिर मैंने कहा कि तुम नहीं मरोगी.. तुम्हारी गांड मरेगी और मैंने लंड को थोड़ा बाहर खींचकर फिर से धक्का मारा तो वो फिर से चीखी.. अह्ह्ह माँ बचाओ औऊउ और वो रोने सी लगी.. लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था और मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और वो जब थोड़ी ठीक हुई तो मैंने फिर से लंड को अंदर डाल दिया और इस बार में रुका नहीं और पूरा लंड उसकी गांड में डालकर चोदने लगा.. वो आअहहअहह अहहा सईईईई आई माँ मर गई और में उसकी गांड के मज़े ले रहा था और उसकी कमर को पकड़ लिया और चोदने लगा.. छप छप की आवाज़ आ रही थी और में थोड़ा आगे उसकी पीठ पर आया तो उसके लटकते बूब्स को थामकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और मैंने कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारने में बहुत मज़ा आ रहा है तो वो बोली कि लेकिन मेरी तो जान निकल रही है और मैंने करीब 7-8 मिनट तक उसकी गांड को रगड़कर चोदा और फिर लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत में डाला तो वो बहुत आसानी से फिसलता हुआ अंदर चला गया और मैंने भी पहली ही बार में पूरा ही लंड अंदर घुसा दिया और उसकी चुदाई करने लगा.. वो अह्ह्ह्हह अहहहहहा उह्ह्ह्ह माँ मरी करने लगी.. तो मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आ रहा है या नहीं तो वो बोली कि हाँ बड़ा मज़ा आ रहा है।

फिर मैंने कहा कि तो लो और चुद लो और यह कहकर मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकालकर फिर से ज़ोर का धक्का देकर अंदर डाल दिया तो वो चीख पड़ी और मैंने फिर से जल्दी जल्दी चोदा.. वो आह्ह्ह उंह्ह्ह्ह और करती रही और में उसे चोदता रहा लेकिन अब भी मेरा जोश ठंडा नहीं हो रहा था और फिर पता नहीं क्या हुआ कि में चोदते चोदते अपने दोनों पैरों में दर्द महसूस कर रहा था तो मैंने उससे कहा कि क्या तुम मुहं में लेकर चूसोगी तो वो बोली कि नहीं, थोड़ा और चोदो.. जल्दी करो। फिर में यह बात सुनकर और जल्दी तेज़ी से चोदने लगा.. उसका काम हो गया और वो ढीली पड़ने लगी.. लेकिन में तो जोश में था तो में दर्द सह गया और चुदाई में लगा रहा। मुझसे अब दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा तो मैंने और लंबे लंबे धक्के दिए और वो आह्ह्ह अहह सिसकियाँ लेने लगी तो मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके सामने खड़ा हो गया और कहा कि चूसो जल्दी वरना फिर से तुम्हारी गांड में डालना पड़ेगा.. तो वो लंड मुहं में लेकर चूसने लगी और कुछ ही पलों में मुझे अहसास हो गया कि मेरा माल आने वाला है और मेरे मुहं से भी सईईइईई आह्ह्ह निकलने लगा और मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने उसका मुहं पकड़ा और ज़ोर से अपना लंड उसके मुहं में अंदर तक डालकर पूरा वीर्य मुहं में ही गिरा दिया और मैंने भी तब तक लंड नहीं निकाला.. जब तक एक एक बूँद उसके गले से ना उतर गया। फिर वो खांसने लगी और उल्टी सी करने लगी.. मैंने उसकी पीठ सहलाई तो वो थोड़ी ठीक हुई उसने अपने कपड़े पहने और मैंने भी अपने कपड़े ठीक किए और वो जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया तो वो बोली कि अब क्या है.. प्लीज़ मुझे जाने दो मेरी हालत बहुत खराब है और फिर मैंने उसकी मोटी गांड को पकड़कर अपनी और खींचा और कहा कि नाम क्या है.. बताती तो जाओ तो वो बोली कि सपना.. मैंने कहा कि अब कब मिलोगी तो वो बोली कि हर शनिवार को में एक्सट्रा क्लास लगाने के बहाने से एक घंटे के लिए यहाँ पर आती हूँ.. तुम भी आ जाना तो मैंने कहा कि और अगर ना आई तो वो बोली कि तुम अपना मोबाईल नंबर दो और मैंने उसको अपना नंबर दे दिया और उसका ले लिया और में उसके ही साथ सड़क पर चलते चलते बातें करते करते आ गया.. वो पास के ही मोहल्ले में कोचिंग चलाती थी। फिर मैंने एक ऑटो रुकवाया और उसमें हम दोनों बैठकर आए.. मैंने उसको घर के पास उतारकर खुद वही ग्राउंड तक वापस गया। फिर वहीं पर रोड के किनारे खड़ी अपनी बाईक को लेकर घर आया.. रात को एक बजे मैंने उसको कॉल लगाकर सॉरी बोला.. फिर हम लोगो की बातें होने लगी और उसके बाद से हम लोग उस जगह की तरफ ना जाकर उसकी कोचिंग के कमरे में ही मिलने लगे और में उसको मस्त चोदता हूँ और वो भी अब बहुत खुलकर चुदवाती है ।।

धन्यवाद …

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देसी औरत जो माँ बन चुकी हे उससे पाटकर चोदा – Desi Aurat Jo Maa Ban Chuki He Usse Patakar Choda | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/desi-aurat-jo-maa-ban-chuki-he-usse-patakar-choda/ Sun, 21 Apr 2019 17:18:23 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5390 [...]]]> हैल्लो दोस्तों, आप सभी को फिर से otelsan.ru पे स्वागत करता हूँ । आजकी ये कहानी आप सब पसंद करेंगे ये उम्मीद हे । मेरे लंड अभी भी कड़क हो जाता हे किउंकि मुझे वो सब यद् आ जाता हे और उनकी बड़ी गांड चुत सब कुछ का मजा महसूस होता हे । आप हमारे साथ जुड़े रहिये और पढ़िए ये कहानी ।

दोस्तों में दिखने में ठीक ठाक हूँ और बहुत गोरा भी हूँ। मेरा लंड 6।5 इंच बड़ा है और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ।
सारे अपना लंड पकड़ ले और लड़कियां अपनी चूत में उँगलियाँ डालकर बैठ जाए, क्योंकि मुझे उम्मीद है कि आप लोग अब अपने आप पर ज्यादा कंट्रोल नहीं कर सकेंगे। दोस्तों यह बात आज से करीब दो साल पहले की है, जब मेरी बिल्डिंग में जिसमें में खुद रहता था और उसी में एक बहुत सेक्सी आंटी रहती थी, उनका नाम कविता था और वो दिखने में बहुत ही हॉट थी। उसके फिगर का आकार 34-32-36 था और वो मेरे फ्लैट के पास में रहती थी और उनके पति एम आर थे तो इसलिए वो ज्यादातर अपने घर से बाहर ही रहते थे और कविता आंटी का एक बेटा भी था, शायद वो तीसरी क्लास में पढ़ता था।

दोस्तों कविता जब भी मुझे देखती थी तो स्माईल करती थी और में अपने फ्लैट में बिल्कुल अकेला रहता था तो वो कभी कभी मुझे अपने यहाँ पर खाना खाने के लिए बुला लेती थी और उनके कहने पर में उनके घर पर चला जाता था और फिर जब वो मुझे खाना देने के लिए मेरे सामने आकर नीचे झुकती थी तो उनके बूब्स मेरे सामने आकर लटक जाते थे और में उनके बूब्स को लगातार घूर घूरकर देखता था और बहुत मजे लिया करता था। दोस्तों वो ज्यादातर बड़े गले की मेक्सी में ही रहती थी, जिसकी वजह से थोड़ा सा झुकने पर उनके बूब्स मेरे सामने लटक जाते थे और में हर दिन किसी ना किसी बहाने से उनके बूब्स को देखता था और उनके मस्त मजे लेता था। में कभी भी उनके यहाँ पर चला जाता था और घूरकर उन्हें देखता था और जब कभी भी उन्हें कहीं बाहर बाजार में कुछ लेने जाना होता था तो में उनके कहने पर उन्हें अपनी बाईक पर अपने साथ ले जाता था और फिर में जानबूझ कर ब्रेक मारता था और उनके पूरे मजे लेता था, लेकिन वो सब कुछ जानते हुए भी कभी भी मुझसे कुछ भी नहीं कहती थी, बस वो हमेशा मेरी तरफ मुस्कुराती रहती थी।

दोस्तों एक रात की बात है। उस दिन उनका पति घर पर नहीं था और उसके बेटे की तबियत अचानक से खराब हो गई तो उसने मुझसे बाजार से उसके लिए कुछ दवाई लाने के लिए बोला। फिर में उनके कहने पर तुरंत दुकान पर चला गया और दवाई लेकर आ गया और फिर मैंने उनको वो दे दिया और अब मैंने उनसे कहा कि आंटी अगर आपको कोई ऐतराज ना हो तो में यहीं पर सो जाता हूँ, वैसे भी कल रविवार है और मुझे कल कॉलेज नहीं जाना है तो में यहीं पर रहता हूँ। फिर वो बोली कि मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है, अगर ऐसा चाहते हो तो यहाँ पर रुक सकते हो और फिर में उनके मुहं से हाँ शब्द और उनका जवाब सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ और अब में मन ही मन उसे आज रात को चोदने का विचार करने लगा। फिर में सबसे पहले बाथरूम में गया और मैंने उनके नाम की दो बार मुठ मारी और फिर में जानबूझ कर नाटक करते हुए वहीं पर ज़ोर से आह्ह्ह्ह की आवाज करते हुए गिर गया और ज़ोर से चिल्लाने लगा, मेरे गिरने चिल्लाने की आवाज को सुनकर कविता को लगा कि मुझे चोट लगी है तो वो दौड़ती हुई बाथरूम में आ गई। अब में जानबूझ कर उठने का नाटक करने लगा, लेकिन में उठ नहीं रहा था और नाटक कर रहा था, जिसको देखकर उसे लगे कि मुझे बहुत जोर से चोट लगी है। फिर कविता अब अंदर आकर मुझे अपने गोरे मुलायम हाथों का सहारा देकर मुझे उठाकर अपने रूम में ले जा रही थी और में उसकी गरम गोरी मटकती हुई कमर पर अपना हाथ लगाकर मजे ले रहा था और साथ साथ उसके मुलायम बड़े आकार के झूलते हुए बूब्स को छू रहा था और फिर छूकर मुझे महसूस हुआ कि उस दिन उन्होंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। फिर उन्होंने मुझे बेड पर लेटा दिया और फिर वो मुझसे पूछने लगी कि बताओ तुम्हें कहाँ चोट लगी है? फिर मैंने उफफ्फ्फ्फ़ आईईइ बहुत दर्द हो रहा है और में बोला कि कमर में और जाँघ में तो वो मुझसे बोली कि क्या में मालिश कर दूँ? फिर मैंने बोला कि हाँ कर दो और वो मेरे मुहं से हाँ शब्द सुनकर वहां से तेल लेने चली गई और फिर में तुरंत उठकर खड़ा हुआ और मैंने अपना लोवर उतार दिया और अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया और अब में टावल लपेटकर उनके सामने लेट गया, तब तक कविता भी तेल लेकर आ गई थी और में दर्द का नाटक करके अपनी दोनों आखें बंद करके लेट गया और ऐसा नाटक करने लगा था, जैसे मुझे बहुत चोट लगी है और में नाटक करके धीरे धीरे दर्द से कराह रहा था।

अब वो मुझसे कहने लगी कि सबसे पहले में कमर में तेल लगा देती हूँ तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत उल्टा लेट गया और वो अब मेरी कमर पर तेल लगाने लगी थी। दोस्तों में उसके मुलायम मुलायम हाथों का वो स्पर्श जो अहसास में उस समय महसूस कर रहा था, आप लोगों को अपने किसी भी शब्द में नहीं बता सकता। फिर वो कुछ देर बाद मुझसे बोली कि तुम अब सीधा घूम जाओ, में अब तुम्हारी जाँघ में तेल लगा देती हूँ। फिर में जल्दी से सीधा हुआ और वो अब मेरा थोड़ा सा टावल हटाकर अपने गोरे मुलायम हाथ में बहुत सारा तेल लेकर लगाने लगी थी और कुछ देर के बाद वो अब धीरे धीरे तेल लगाते लगाते ऊपर की तरफ आने लगी थी और फिर उसने गलती से अचानक से मेरे खड़े लंड को छुआ और झटके से अपना हाथ तुरंत पीछे हटा लिया और ना जाने क्या सोचने लगी और हल्का सा मुस्कुराने लगी। फिर मैंने कविता को बोला कि हाँ मेरे उसमें भी चोट लगी है, प्लीज वहां पर भी थोड़ा सा तेल लगा दो ना। अब वो मुझसे कहने लगी कि तुमने तो मुझसे कहा था कि तुम्हारी जाँघ में और कमर में चोट लगी है और तब मैंने मुस्कुराते हुए बोला कि हाँ उसमें भी चोट लगी है और वो भी मेरी तरफ देखकर हंसने लगी और अब वो टावल के अंदर से ही अपना हाथ डालकर तेल लगाने लगी और कुछ ही देर में मेरा लंड तनकर खड़ा होकर तंबू बन चुका था, जिसको उसने भी महसूस कर लिया था। तभी मैंने अचानक से अपना टावल खोल दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड अब बाहर आकर खड़ा हो गया तो वो मेरे खड़े फनफनाते हुए लंड को देखकर एकदम से चकित हो गई, लेकिन फिर भी अपनी फटी हुई आखों से मेरे लंड को देखती रही।

दोस्तों अब मैंने सही मौका देखकर धीरे से उसकी मेक्सी के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया और फिर उसका बूब्स दबाने लगा और वो मुझसे बिना कुछ कहे अपनी आखों को बंद करके मेरे साथ मजा लेने लगी। फिर मैंने उसकी मेक्सी को पूरा उतार दिया और अब में कविता को किस करने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी, वो अब मेरे सामने पूरी नंगी हो चुकी थी और बिल्कुल काम की देवी लग रही थी, वो ऊपर से लेकर नीचे तक बहुत सुंदर थी। फिर मैंने उसको अपनी बाहों में लेकर नीचे लेटा दिया और उसकी चूत को कुछ देर सहलाने के बाद अब मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर गोरी, चिकनी, गीली चूत को हल्के हल्के चूमना और उसके बाद चाटना शुरू कर दिया, वो तो जैसे कि बिल्कुल पागल ही हो गई थी, वो पूरे जोश में आकर सिसकियाँ लेते हुए मेरे सर को अपनी चूत के मुहं पर पूरे जोश से दबाने लगी थी और मुझे अपनी चूत में घुसा रही थी और वो अपने चूतड़ को हवा में उठाकर मुझसे और अंदर तक अपनी जीभ को डालकर चूसने के लिए कहने लगी, उफ्फ्फ्फ़ हाँ थोड़ा सा और अंदर घुसा उईईईईइ हाँ डाल दे पूरा अंदर आअह्ह्ह्ह वाह मज़ा आ गया और में अब बहुत मजे लेकर उसकी चूत को चूस रहा था और फिर मैंने महसूस किया कि वो पांच मिनट के बाद झड़ गई, जिसकी वजह से मेरा पूरा उसके गरम लावे से भर गया और में उसका सारा स्पर्म पी गया और चाट चाटकर मैंने उसकी चूत को दोबारा चमका दिया। फिर कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि अब तुम मेरा लंड अपने मुहं में लो। दोस्तों वो तो झट से मान गई, जिसकी वजह से में तो एकदम चकित हो गया कि वो इतना जल्दी कैसे मान गयी? शायद वो खुद भी मेरा लंड अपने मुहं में लेकर उसके मजे लेना चाहती थी और फिर वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर बहुत मजे से लोलीपोप की तरह चूसने लगी और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था, क्योंकि वो किसी अनुभवी की तरह बहुत आराम से पूरा अंदर बाहर करते हुए लंड को चूस रही थी, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद में भी उसके मुहं में झड़ गया और वो भी मेरा पूरा स्पर्म पी गयी।

फिर भी कविता ने मेरा लंड चूसना बंद नहीं किया। उसकी कुछ देर की मेहनत के बाद मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो चुका था और अब उसने मुझसे कहा कि प्लीज अब तुम मुझे जल्दी से चोद दो, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा, प्लीज अब तुम मेरी प्यास को बुझा दो और मुझे शांत कर दो प्लीज। फिर मैंने उसे ज़ोर से धक्का देकर बेड पर पटक दिया और उसके दोनों पैरों को उठाकर अपना लंड चूत के मुहं पर सेट करके मैंने एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी, आह्ह्ह्हह आईईईईइ मार डाला उफ्फ्फफ्फ्फ़ स्ईईईईईईईइ प्लीज थोड़ा धीरे करो। अब में बिना सुने जोर जोर से धक्के लगाने लगा था और में पूरे जोश में था और अब उसकी सिसकियों की आवाज़ पूरे रूम में गूँज रही थी, वो उफ्फ्फ्फ़ आईईईईई मर गई आह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे करो, में क्या कहीं भागी जा रही हूँ, आह्ह्ह्हह्ह और वो मुझसे कहने लगी कि में यहीं रहूंगी प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो आह्ह्हह्ह नहीं तो शोर सुनकर मेरा बेटा उठ जाएगा।

फिर में अब थोड़ा आराम आराम से धक्के देकर चोदने लगा था, में अब अपना लंड पूरा बाहर निकाल देता और फिर एक झटके में पूरा अंदर डाल देता और मेरे उस जोरदार धक्के से वो पूरी तरह से हिल जाती और ठप ठप हमारे दोनों के नंगे गरम बदन के टकराने की आवाज आने लगती। फिर कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने उससे बोला कि अब हम पोजीशन बदलकर चुदाई करते है और मैंने अपने लंड को तुरंत खींचकर बाहर कर लिया। उसके बाद मैंने उसे डॉगी स्टाईल में बैठने के लिए कहा और उसने तुरंत वैसा ही किया, अब वो मेरे सामने डॉगी की तरह बैठ गई। मैंने उसके पीछे खड़े होकर अपने लंड को चूत के मुहं पर सेट किया और एक ही जोरदार धक्का देकर मैंने अपना पूरा लंड चूत में डाल दिया और फिर में उसको ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा था और में बीच बीच में अपना पूरा लंड बाहर निकालकर दोबारा एक ज़ोर का झटका देकर पूरा अंदर डाल देता, जिसकी वजह से वो पूरा हिल जाती और चिल्ला उठती आआअहह आईईईईइ और फिर वो मेरा नाम लेने लगी और मुझसे कहने लगी उफ्फ्फ हाँ शंकर और ज़ोर से धक्का देकर चोदो मुझे उफफ्फ्फ्फ़ हाँ आज तुम मुझे अपनी रंडी बना दो हाँ और जोर से चोदो, आह्ह्ह्ह हाँ खून निकाल दो मेरी चूत से, मेरी चूत को पूरी तरह से संतुष्ट कर दो, आईईईईइ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया, में बहुत समय से प्यासी हूँ, तुम आज मेरी प्यास को बुझा दो। दोस्तों तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी और वो मेरा नाम ले रही थी, जिसकी वजह से मुझे और भी जोश आ रहा था, अब में धीरे धीरे अपनी स्पीड को बढ़ा रहा था और फिर में कुछ देर और धक्के देने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया और कुछ धक्के देने के बाद में थक कर उसके ऊपर ही गिर गया और फिर हम दोनों वैसे ही लेटे रहे। फिर उसके थोड़ी ही देर बाद वो मेरे लंड से एक बार फिर से खेलने लगी थी, वो मेरे लंड को हिलाने सहलाने लगी थी, जिसकी वजह से मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया और दोबारा चुदाई करने के लिए एकदम तैयार खड़ा था ।।

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चूदासी आंटी ने घर बुलाके चुदवाया – Chudasi Aunty Ne Ghar Bulake Chudwaya | otelsan.ru //otelsan.ru/xbrasilporno/chudasi-aunty-ne-ghar-bulake-chudwaya/ Fri, 19 Apr 2019 14:45:34 +0000 //otelsan.ru/xbrasilporno/?p=5361 है, आप सभी को नमस्कार, मैं भौजा पे कई दिनों से कहानी पढ़ रहा हूँ । मेरे लंड कहानी पढ़के पूरा गरम हो जाता हे और चोदने को बहत मन करता हे । आज मैं आपको पानी कहानी बताऊंगा उम्मीद हे आप भी अपनी छूट और लंड की मजा लेंगे । मेरा उम्र 25 साल, गौरा रंग और में एक मल्टीनेशनल कंपनी पुणे में सॉफ्टवेर इंजिनियरिंग हूँ। ये मेरी इस साईट पर पहली कहानी और ये कहानी मेरी और मेरी सेक्सी भाभी की है, जो देखने में बहुत माल है और बेशर्म भी है, वो बेशर्म तो मेरी वजह से हुई है। वो तो अब मेरे लंड के लिए पागल हो गई थी, क्योंकि उसका पति वो सब नहीं करता, जो में उसके साथ उसके पति के बिस्तर पर करता था। उसका फिगर कातिलाना है और उसका साईज 36-28-38 है, आज उसके 2 बच्चे है, लेकिन फिगर अभी भी वैसा ही है। मेरे भाई की शादी उससे 2006 में हुई थी।

अब में स्टोरी पर आता हूँ और ये बात उस वक़्त की है जब में IInd ईयर में था। वो मेरे भाई के साथ दूसरे घर में रहती थी और में उससे ज्यादा बात नहीं करता था,
क्योंकि उस वक़्त में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ काफ़ी व्यस्त रहता था और मैंने भाभी की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन भाभी हमेशा मुझे फोन करती और कुछ न कुछ काम बोलती जिससे कि मुझे उसके घर जाना पड़े और जब भी में घर जाता तो घर पर कोई नहीं रहता था, ये बात मैंने कभी नोटिस नहीं की थी। फिर 1 दिन में अपने दोस्त के साथ मूवी देखने गया था, उस वक़्त उसका फोन आया और उसने कहा कि घर पर आओ देवर जी। फिर मैंने कहा कि में अभी बाहर हूँ भाभी, क्या काम है? तो उसने कहा कि जैसे ही फ्री होqq जाओ तो आ जाना, में इंतजार कर रही हूँ, तो मैंने ठीक है बोलकर फोन कट कर दिया।

फिर जैसे ही मूवी ख़त्म हुई तो में उनके घर पहुंचा, वो किचन में थी तो मैंने पूछा क्या हुआ? तो वो बोली जब बुलाया तब क्यों नहीं आया? तो मैंने बोला मूवी देख रहा था। फिर वो बोली कि अभी तेरे भैया घर पर है बाद में आना, तब बताउंगी। फिर में निकल गया, लेकिन मेरे कुछ समझ में नहीं आया था। फिर 2 दिन के बाद उसका फिर से फोन आया जब में शाम 6 बजे कॉलेज से वापस आ रहा था तो उसने कहा कि घर पर आओ। फिर में भाभी के घर गया और जैसे ही अंदर गया तो उसने नाइटी पहन रखी थी, जिसमें उसकी लाल ब्रा साफ़ दिख रही थी। फिर मैंने पूछा क्या हुआ भाभी मुझे क्यों बुलाया? तो उसने उठकर घर का मैन दरवाजा बंद किया और एक ही झटके में अपनी नाइटी ऊतार दी और अब वो लाल ब्रा में बिना पेंटी के खड़ी थी, क्या बताऊं यार? अब में तो पागल हो गया और सीधा खड़ा उसे घूरता रहा। अब वो मेरे पास आई और मेरा एक हाथ उठाकर अपने बूब्स पर रखा और धीरे से कान में बोला कि में तुझे कैसी लगती हूँ?

फिर मैंने बिना कुछ बोले उसे उठाया और उसके रूम में जाकर बिस्तर पर पटका। अब वो मुझे भूखी कुत्ती की तरह बुला रही थी, अब मुझसे भी रहा नहीं गया, फिर मैंने उसके बूब्स, गर्दन को सक करना स्टार्ट किया। अब वो पूरी पागल हो चुकी थी और जब उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया तो वो रुक गई और बोली ऋषि तेरा लंड आह कितना मोटा है और कहते ही मुँह में लेना चालू कर दिया। अब वो कुतिया की तरह मेरा लंड चूस रही थी, फिर मैंने उसकी चूत को चाटना चालू किया। अब तो वो पागल हो गई और मुझे गंदी-गंदी गालियाँ दे रही थी, चोद भोसड़ी के चोद, तेरा भाई तो हिजड़ा है, तेरे में कितना दम है दिखा मादरचोद, में तेरे लंड के लिए पागल हो गई हूँ। अब उसके ये कहते ही मेरा दिमाग ख़राब हो गया और मैंने अपने लंड को उसकी चूत में एक ही झटके में डाल दिया। अब वो चिल्ला उठी और बोली कि धीरे कर तो में नहीं माना और ज़ोर-ज़ोर से करता रहा। अब उसकी आँखों में आंसू आ गये थे, लेकिन चेहरे पर हंसी भी थी, अब उसे काफ़ी मज़ा आ रहा था और ये मुझे साफ दिखाई दे रहा था, वो 5 मिनट में ही 2 बार झड़ गई थी।

फिर मेरा भी होने वाला था, तो उसने कहा कि तेरा पानी मेरे मुँह में डाल, में तेरा पानी पीना चाहती हूँ। फिर मैंने भी वैसा ही किया और वो पागलों की तरह पी गई, फिर उसने मुझे थैंक्स कहा और बोली कि में आज से तेरी रांड हूँ, तू मुझे रोज चोदाकर, तेरा लंड किसी भी औरत को खुश कर सकता है। फिर में वहाँ से निकल गया, फिर उसे जब भी मौका मिलता है तो वो मुझे फोन करके बुला लेती है और हम सेक्स करते है। कई बार तो उसके पति के घर पर होने के बाद भी उसने मुझसे चुदवाया है। फिर एक बार दीवाली का टाईम था और दीवाली के टाईम सब घर पर थे तो सभी पटाखे जलाने में व्यस्त थे। तो उसने पेट दर्द का नाटक किया और अपने रूम में चली गई, फिर करीब 2 मिनट के बाद उसने मुझे कॉल किया और अपने रूम में बुलाया तो में उसके रूम गया और उसने स्पीड से दरवाजा बंद किया और मुझे बिस्तर पर गिराकर मेरे पूरे कपड़े उतार कर मुझे पूरा नंगा किया और मेरे लंड को चूसने लग गई।

अब में देखता ही रह गया और अब वो काफ़ी बेशर्म हो चुकी थी। फिर मैंने उससे कहा कि अभी बहुत रिस्क है, लेकिन वो नहीं मानी और मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई और बोली कि मुझे एक बार तेरा लंड दे दे फिर ये नहीं उठेगा। फिर मैंने भी उसका साथ दिया और किस करना चालू किया। फिर हमने 69 पोज़िशन ली जो मुझे काफ़ी पसंद है। फिर उसने कहा कि जल्दी से चूत में लंड डालो, तो मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपना लंड रखा तो वो तिलमिला उठी और गाली देने लगी। अब उसके मुँह से आवाज़े आने लगी थी और अब वो काफ़ी ज़ोर से चिल्ला रही थी। अब मुझे डर था कि कोई आ ना जाए, इसलिए फिर हमने जल्दी से एक राउंड ख़त्म किया, लेकिन अभी तक भी उसकी प्यास नहीं बुझी थी, वो 4 बार झड़ चुकी थी, लेकिन वो रूम के बाहर निकलने का नाम ही नहीं ले रही थी। फिर मेरे पास उसे शांत करने का एक ही उपाय था, फिर मैंने उसकी चूत को चाटना चालू किया तो वो पागल हो गई।

अब वो मेरे अंडो पर ज़ोर लगा रही थी और फिर मैंने उसे 2 मिनट ही चूसा और वो झड़ गई। फिर वो शांत हुई और मुझे बाहर चलने को कहा। अब उस पर मेरे लंड का इतना नशा चढ़ गया था कि उसने सबके घर में रहने के बाद भी मुझसे चुदवाया और अपनी प्यास बुझाई ।। मेरे लैंड

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